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नारी शक्ति वंदन अधिनियम बना कानून, राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अधिसूचना जारी

#womensreservationbillbecame_law

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को महिला आरक्षण बिल यानी नारी शक्ति वंदन अधिनियम को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ अब यह कानून बन गया है। हाल ही में खत्म हुए संसद के विशेष सत्र के दौरान मोदी सरकार की ओर से इस बिल को संसद की पटल पर रखा गया था। बिल पर चर्चा के बाद दोनों सदनों की मंजूरी भी मिल गई थी जिसके बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया गया था। बिल में लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान है।

18 से 21 सितंबर तक चले संसद के विशेष सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पेश किया गया। इस पर दोनों सदनों में लंबी चर्चा चली। राज्यसभा में करीब 10 घंटे की चर्चा के बाद सर्वसम्मति से इसे पास कर दिया गया। विधेयक के पक्ष में 214 सदस्यों ने मतदान किया जबकि इसके विरोध में एक भी मत नहीं पड़ा।इससे पहले महिला आरक्षण बिल को 19 सितंबर को लोकसभा में पेश किया था। सदन में दो दिन इस पर चर्चा चली। ज्यादातर दलों ने इस बिल का समर्थन किया। 20 सितंबर को लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 454 मत पड़े और और दो वोट विरोध में पड़े। विरोध में एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वोट डाला और उनकी पार्टी के ही एक और सांसद ने विरोध में वोट दिया था। आखिर लोकसभा में दो तिहाई बहुमत से विधेयक पारित हुआ।

15 साल के लिए महिलाओं को मिलेगा आरक्षण

इस कानून के तहत फिलहाल 15 साल के लिए महिला आरक्षण का प्रावधान किया गया है और संसद को इसे बढ़ाने का अधिकार होगा।कानून एवं विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विधेयक को चर्चा के लिए पेश पेश करते हुए कहा था कि यह विधेयक महिला सशक्तिकरण से संबंधित विधेयक है और इसके कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की मौजूदा संख्या (82) से बढ़कर 181 हो जाएगी। इसके पारित होने के बाद विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस विधेयक को लागू करने के लिए जनगणना और परिसीमन की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि जैसे ही यह विधेयक पारित होगा तो फिर परिसीमन का काम निर्वाचन आयोग करेगा।

कब तक लागू होगा महिला आरक्षण का कानून?

कई विपक्षी दलों ने बिल का समर्थन तो किया है लेकिन इसे लागू करने के लिए निर्धारित किए गए प्रावधानों को लेकर सरकार की आलोचना की है। दरअसल, बिल के प्रावधान कहते हैं कि है कि इसे जनगणना और परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद लागू किया जाएगा। लोकसभा चुनाव 2024 के बाद जनगणना होगी और उसके बाद परिसीमन होगा। जानकारों की मानें तो यह 2029 के लोकसभा चुनाव के आसपास अमल में आ सकेगा, जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने इसे जल्द से जल्द लागू करने की मांग की है, साथ ही यह भी कहा है कि इसमें ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) और मुस्लिम महिलाओं को भी शामिल करना चाहिए।

गांधी जयंती से पहले पीएम मोदी की देशवासियों से अपील, कहा- ‘स्वच्छ भारत हम सबकी जिम्मेदारी, मिलकर करने होंगे प्रयास’

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दुनिया भर में शांति, अहिंसा और नैतिक चरित्र की शुद्धता का नजरिया देने वाले महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर करीब आ गई है। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने चर्चित स्वच्छ भारत मिशन की भागीदारी के लिए एक दिन पहले 1 अक्टूबर से ही देशव्यापी अभियान की अपील की है।पीएम मोदी ने शुक्रवार को लोगों से एक अक्टूबर को सुबह 10 बजे राष्ट्रव्यापी स्वच्छता अभियान में शामिल होने की अपील की है। साथ ही पीएम मोदी ने एक पोस्‍ट कर का है कि स्वच्छ भारत एक साझा जिम्मेदारी है और हर प्रयास मायने रखता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा, एक अक्टूबर को सुबह 10 बजे, हमें एक महत्वपूर्ण स्वच्छता पहल के लिए एक साथ आना है। स्वच्छ भारत एक साझा जिम्मेदारी है और हर प्रयास मायने रखता है। एक स्वच्छ भविष्य की शुरुआत करने के लिए इस महान प्रयास में शामिल हों।

मन की बात से भी अपील

इससे पहले भी पीएम मोदी ने अपने 'मन की बात' के 105वें एपिसोड में कहा था कि एक अक्टूबर यानी रविवार की सुबह स्वच्छता पर एक बड़े कार्यक्रम (एक तारीख, एक घंटा, एक साथ, स्वच्छता के लिए श्रमदान) का आयोजन किया जाएगा। सभी देशवासी इस कार्यक्रम से समय निकालकर जुड़ें और इस अभियान में मदद करें। आप अपनी गली, पड़ोस या किसी पार्क, नदी, झील या किसी भी सार्वजनिक स्थल पर स्वच्छता मिशन में शामिल हो सकते हैं। गांधी जयंती के उपलक्ष्य में यह विशाल स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है।

2 अक्टूबर 2014 को शुरू किया गया था मिशन

बता दें कि स्वच्छ भारत मिशन 2 अक्टूबर 2014 को शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य देश को खुले में शौच से मुक्त बनाना और सार्वभौमिक स्वच्छता कवरेज प्रदान करना था। इससे पहले 2021 की शुरुआत में, प्रधानमंत्री मोदी ने सभी भारतीय शहरों को ‘कचरा मुक्त’ और ‘जल सुरक्षित’ बनाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 लॉन्च किया। स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम-यू) 2.0 को 1 अक्टूबर, 2021 को पांच साल के लिए 100 प्रतिशत स्रोत पृथक्करण, घर-घर संग्रह और वैज्ञानिक प्रबंधन के माध्यम से सभी शहरों के लिए कचरा मुक्त स्थिति प्राप्त करने की दृष्टि से लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य सभी हिस्टोरिकल डंपसाइटों का निवारण करना और उन्हें ग्रीन बेल्ट में परिवर्तित करना भी है। देशभर के लोगों से स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाना महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।

पीसीबी चीफ जका अशरफ ने भारत के खिलाफ उगला जहर, बताया दुश्मन देश

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वर्ल्ड कप 2023 में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान की क्रिकेट टीम भारत आ गई है। 2016 टी20 वर्ल्ड कप के बाद पहली बार पाकिस्तानी खिलाड़ी भारत आए हैं।पहले पाकिस्तान को भारत आने के लिए वीजा नहीं मिला था। पाकिस्तान ने इसकी शिकायत आईसीसी से की थी। अब भारत आने पर पाकिस्तानी टीम का जोरदार स्वागत हुआ है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। ये वीडियो है पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन जका अशरफ का। इस वीडियो में वे भारत के खिलाफ जहर उगलते दिख रहे हैं है। जिसमें अशरफ भारत के लिए ‘दुश्मन मुल्क’ शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

दरअसल बुधवार रात पाकिस्तान क्रिकेट टीम वर्ल्ड कप के लिए भारत पहुंची और इसके बाद जका अशरफ ने भारत को लेकर बड़ा बयान दे दिया। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हिंदुस्तान को दुश्मन मुल्क बोल दिया। पीसीबी चेयरमैन जका अशरफ ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा,"प्लेयर्स हैं इनका मोरल ऊपर रहना चाहिए, जब ये दुश्मन मुल्क या किसी भी जगह खेलने जाएं जहां कॉम्पिटीशन हो रहा हो। उन्हें मुल्क का पूरा सपोर्ट मिलना चाहिए ताकि वह अच्छे से परफॉर्म कर सकें।

भारत दौरे पर आई पाकिस्तानी टीम का हैदराबाद में भव्य स्वागत हुआ। उन्हें शानदार मेजबानी दी गई। इस पर पाकिस्तानी खिलाड़ी भी खूब खुश नजर आए। लेकिन दूसरी ओर जका जैसे अधिकारी हैं जो नफरत फैलाने में लगे हैं।

इस्कॉन ने मेनका गांधी को भेजा 100 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस, बीजेपी सांसद ने कसाइयों को गाय बेचने का लगाया ती गंभीर आरोप

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हाल ही में पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद मेनका गांधी ने इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस यानी इस्कॉन पर अपनी गोशाला की गायों को कसाइयों को बेचने का गंभीर आरोप लगाया था। जिसके बाद उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस्कॉन ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए मेनका गांधी को 100 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है।

इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा कि, हमने आज उन्हें नोटिस भेजा है। एक सांसद, जो कभी केंद्रीय मंत्री थीं, इतने बड़े समाज के खिलाफ बिना किसी सबूत के झूठ कैसे बोल सकती हैं? राधारमण दास ने कहा कि इस्कॉन के भक्त, समर्थक इन अपमानजनक, निंदनीय और दुर्भावनापूर्ण आरोपों से बहुत दुखी है।हम इस्कॉन के खिलाफ भ्रामक प्रचार के खिलाफ न्याय के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

इससे पहले इस्कॉन ने मेनका गांधी के आरोपों का खंडन करते हुए सफाई में एक लेटर भी जारी किया था।इस्कॉन का कहना था कि, इस्कॉन न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में गाय-बैल की रक्षा और देखभाल में सबसे आगे रहा है। हमारे यहां गायों और बैलों की जीवनभर सेवा की जाती है, न कि उन्हें कसाइयों को बेचा जाता है, जैसा कि आरोप लगाया गया है। इस्कॉन के प्रवक्ता युधिष्ठिर गोविंद दास ने कहा, मेनका गांधी आंध्र प्रदेश के अनंतपुर की गोशाला के बारे में कह रही हैं, वहां 250 से ज्यादा ऐसी गायें हैं, जो दूध नहीं देतीं। वहां सैकड़ों बछड़े भी हैं। मेनका के आरोप झूठे और निराधार हैं।

इससे पहले मेनका का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। इस वीडियो में मेनका गांधी कहती हैं, इस्कॉन गौशालाएं स्थापित करता है और इसके लिए सरकार से जमीन का बड़ा टुकड़ा लेता है और असीमित लाभ भी कमाता है।इस दौरान बीजेपी सांसद दावा करती है कि हाल ही में वो आंध्र प्रदेश के अनंतपुर गोशाला गई थी, जो इस्कॉन संचालित करता है। वहां पर गायों की स्थिति एकदम खराब थी। गोशाला में कोई भी बछड़ा नहीं था, जिसका मतलब है कि वह गाय के बच्चे को बेच देते हैं। उन्होंने आगे आरोप लगाते हुए कहा कि संस्थान इन गोवंशों को कसाइयों को बेच देता है जो उन्हें मार देते हैं।

नीतीश की पीएम पद की दावेदारी पर क्या बोले अरविंद केजरीवाल?

# arvind_kejriwal_said_on_nitish_kumar_pm_candidacy

देश की राजनीति में इन दिनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चर्चा कुछ ज्यादा हो रही है। विपक्षी गठबंधन बनाने की कवायद से लेकर “इंडिया” के बन जाने के बाद भी नीतीश लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। इन सब के बीच विपक्ष की ओर से पीएम उम्मीदवार को लेकर भी सीएम नीतीश कुमार के नाम की चर्चा होती रहती है। दरअसल, इंडिया का गठन हो गया है, लेकिन इंडिया गठबंधन का चेहरा कौन होगा? इस बात पर जहां गठबंधन के नेता खुद चुप्पी साध लेते हैं तो वहीं बिहार में राजद और जदयू उन्हें प्रधानमंत्री मैटेरियल बताने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इस बीच अरविंद केजरीवाल ने साफ कर दिया है कि फिलहाल पीएम फेस के लिए व्यक्ति विशेष की बात नहीं करनी चाहिए।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी भी इंडिया गठबंधन का हिस्सा है। वह नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाने के बिल्कुल खिलाफ हैं. कहते हैं कि, हमें देश में ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए जिसमें सभी 140 करोड़ लोग प्रधानमंत्री हों। हमें किसी व्यक्ति विशेष की बात नहीं करनी चाहिए। 

बता दें कि पीएम उम्मीदवार को लेकर बिहार की राजनीति में अक्सर सीएम नीतीश कुमार के नाम की चर्चा होती रहती है। कुछ दिन पहले ही जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने खुले मंच से सीएम नीतीश कुमार को पीएम उम्मीदवार बताया था। इनके अलावा भी कई जेडीयू के कई नेता नीतीश कुमार को पीएम उम्मीदवार बता चुके हैं। वहीं, इसमें आरजेडी भी शामिल है। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह भी नीतीश कुमार का समर्थन कर चुके हैं। हालांकि नीतीश कुमार साफ कर चुके हैं कि उन्हें कोई पद नहीं चाहिए।

उज्जैन दुष्कर्म मामले में बार एसोसिएशन ने उठाया बड़ा कदम, कोई वकील नहीं लड़ेगा आरोपियों का केस

मध्य प्रदेश के उज्जैन दुष्कर्म मामले में बड़ी खबर आई है। कोई भी वकील 12 वर्षीय बच्ची के बलात्कार के दोनों आरोपियों का केस नहीं लड़ेगा। बार एसोसिएशन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए ये बड़ा फैसला किया है। उज्जैन बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक यादव ने बताया कि धार्मिक नगरी को शर्मसार करने वाले पर कार्रवाई हो। बार एसोसिएशन का कोई भी सदस्य अपराधी की पैरवी नहीं करेगा। उन्होंने घटना की निंदा करते हुए पुलिस से भी मांग की है कि अपराधी के खिलाफ मजबूत केस बनाकर सख्त सजा दिलवाए। ऐसे लोगों को फांसी की सजा हो, जिससे समाज में एक संदेश जाए तथा आने वाले वक़्त में कोई भी इस प्रकार की घटना करने की हिम्मत न करे।

वही इस दुष्कर्म मामले ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है। पुलिस ने इस मामले के अपराधी भरत सोनी और राकेश मालवीय को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इसमें राकेश मालवीय को सह आरोपी बनाया है।

 बता दें, पुलिस जब भरत को घटना स्थल ले जा रही थी, तब उसने गिरफ्त से भागने का प्रयास किया। इस प्रयास में वह घायल हो गया। उसे पकड़ने के प्रयास में दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। आरोपी को पुलिस ने हॉस्पिटल में भर्ती कराया है। गौरतलब है कि शहर में महाकाल थाना क्षेत्र के मुरलीपुरा में 27 सितंबर को दुष्कर्म पीड़ित एक नाबालिग बच्ची बेसुध हालत में मिली थी। बच्ची बड़ी मुश्किल से बोल पा रही थी।

कहा जा रहा है कि उसके कपड़े से खून टपक रहा था। उज्जैन के सांवराखेड़ी कॉलोनी में बच्ची खून से सनी ढाई घंटे तक सड़क पर भटकती रही। मगर कोई व्यक्ति उसकी सहायता को आगे नहीं आया। बच्ची ने कॉलोनी के एक घर के बाहर खड़े युवक से सहायता भी मांगी, मगर युवक ने मदद नहीं की। महाकाल थाना पुलिस को बच्ची के जो फुटेज प्राप्त हुए हैं, उसमें वह अर्धनग्न अवस्था में सड़क पर मदद मांगती नजर आई थी। वही अब पुलिस द्वारा मामले की सख्त कार्यवाही की जा रही है।

दिल्ली आ रहा हूं, रोक सको तो रोक लो..', ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने दी ED को खुली चुनौती, भर्ती घोटाले में भेजा था समन

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तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद और सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि वह शिक्षक भर्ती घोटाले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा 3 अक्टूबर के लिए जारी किए गए समन को छोड़कर दिल्ली में पार्टी के विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे। उन्होंने जांच एजेंसियों के अधिकारियों को चुनौती देते हुए कहा कि, 'अगर रोक सकते हो तो मुझे रोक लो।' बता दें कि, कोलकाता हाई कोर्ट ने बीते दिनों ही जाँच एजेंसियों को निर्देश देते हुए कहा था कि, वे अभिषेक बनर्जी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेंगे, इसके बाद अब ममता के भतीजे ने अधिकारीयों को खुली चुनौती दी है। 

अभिषेक ने आरोप लगाया कि ED उन्हें उन दिनों समन जारी करेगी, जब उनकी कुछ महत्वपूर्ण व्यस्तताएं होंगी। TMC सांसद ने कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत बंगाल के लोगों के लिए लड़ने के उनके समर्पण में बाधा नहीं बन सकती है और वह 2 और 3 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे। अभिषेक ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, "पश्चिम बंगाल और उसके उचित देय से वंचित होने के खिलाफ लड़ाई बाधाओं के बावजूद जारी रहेगी। विश्व की कोई भी ताकत पश्चिम बंगाल के लोगों और उनके मौलिक अधिकारों के लिए लड़ने के मेरे समर्पण में बाधा नहीं बन सकती। मैं 2 और 3 अक्टूबर को विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए दिल्ली में रहूंगा। यदि रोक सकते हो तो मुझे रोको।" 

गुरुवार को, उन्होंने ED के समन की तस्वीर साझा की और कहा कि जांच एजेंसी ने पहले उनसे दिल्ली में भारत की एक महत्वपूर्ण समन्वय बैठक के दिन खुद को पेश होने के लिए कहा था, जिसका उन्होंने पालन किया। अभिषेक ने केंद्र पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा कि नियोजित विरोध प्रदर्शन के दिन मौजूदा समन "उन लोगों को उजागर करता है जो वास्तव में परेशान, घबराए हुए और डरे हुए हैं!" उन्होंने कहा कि, "इस महीने की शुरुआत में, ED ने मुझे दिल्ली में INDIA (विपक्षी गठबंधन) की एक महत्वपूर्ण समन्वय बैठक के दिन बुलाया था। मैं कर्तव्यनिष्ठा से उपस्थित हुआ और दिए गए समन का पालन किया।" ममता बनर्जी के भतीजे ने कहा कि, 'अब, आज एक बार फिर उन्होंने मुझे उस दिन उनके सामने पेश होने के लिए एक और समन भेजा है, जब पश्चिम बंगाल के वाजिब बकाए के लिए 3 अक्टूबर को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन होना है। यह स्पष्ट रहस्योद्घाटन स्पष्ट रूप से उन लोगों को उजागर करता है जो वास्तव में परेशान, डरे हुए और डरे हुए हैं।' 

'देश में सांप्रदायिक शक्तियों का बोलबाला, संविधान बदलने की काफी कोशिशें हो रहीं..', केंद्र पर लालू यादव का हमला

दिल्ली से लंदन तक उत्तराखंड की धामी सरकार ने जुटाया 19600 करोड़ का निवेश, लक्ष्य की ओर बढ़ते कदम, लिथियम बैट्री भी राज्य में बनेगी

वैश्विक निवेशक सम्मेलन के लिए दिल्ली से लंदन तक धामी सरकार ने अब तक 19600 करोड़ का निवेश जुटा दिया है। सरकार ने सम्मेलन से पहले लगभग 30 हजार करोड़ के निवेश को धरातल पर उतारने का लक्ष्य रखा है। वहीं लिथियम बैट्री के भी राज्य में निर्माण का रास्ता खुल गया है। दो हजार करोड़ रुपए के निवेश पर बात बन गई है।

शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ब्रिटेन के तीन दिवसीय दौरे से लाैटेंगे। दिसंबर माह में आने वालेे वैश्विक निवेश सम्मेलन के लिए दिल्ली में 14 सितंबर को करटेन रेजर में 7600 करोड़ के निवेश पर एमओयू किया गया। इसके अलावा ब्रिटेन के लंदन और बर्मिंघम में पहले अंतरराष्ट्रीय रोड शो में 1200 करोड़ का निवेश जुटाया गया।

अक्तूबर के दूसरे सप्ताह में दुबई, सिंगापुर और कनाडा में अंतरराष्ट्रीय रोड शो आयोजित होने है। साथ ही दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़, बंगलुरु, अहमदाबाद, हैदराबाद, चेन्नई में रोड शो के माध्यम से निवेशकों को राज्य में उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

वाशिंगटन में दुनिया के 14 मुल्कों के 40 खालिस्तान चरमपंथी और आतंकियों की बैठक में बृजभूषण शरण सिंह व केपीएस गिल का नाम लेकर भी युवाओं को बरगलाया

खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक सितंबर के पहले सप्ताह में वाशिंगटन में दुनिया के 14 मुल्कों से बुलाए गए 40 खालिस्तान चरमपंथी और आतंकियों की बैठक हुई थी।

खालिस्तान को लेकर जिस बड़ी बैठक को अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में आयोजित किया गया था उसमें कई तरह की खतरनाक साजिशों का खुलासा हुआ है। वाशिंगटन में आयोजित इस टॉप सीक्रेट मीटिंग में खालिस्तानी आतंकियों और चरमपंथियों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह का नाम लेकर न सिर्फ अपने एजेंडे को जोड़कर उससे आगे बढ़ाने की साजिश को अंजाम दिया। बल्कि पूर्व आईपीएस अधिकारी और भारतीय हॉकी संघ के अध्यक्ष रहे केपीएस गिल का जिक्र कर सिख युवाओं और कम्युनिटी को अपने साथ जोड़ने की बड़ी साजिश रची गई।इनके नाम लेकर भी युवाओं को बरगलाने की।कोशिश की गई थी।

केंद्रीय खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक सितंबर के पहले सप्ताह में वाशिंगटन में दुनिया के 14 मुल्कों से बुलाए गए 40 खालिस्तान चरमपंथी और आतंकियों की बैठक हुई थी। इस बैठक में सिखों को भावनात्मक तौर पर अपने साथ जोड़ने और खालिस्तान की मांग को बुलंद करने के लिए न सिर्फ भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह का नाम लिया गया बल्कि पंजाब के युवाओं में खेलकूद के नाम पर भी जहर बोने की योजना बनाई गई।

खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि इस बैठक के दौरान खालिस्तानी चरमपंथियों और कुछ आतंकियों ने मिलकर बाकायदा इस बात का प्रोपेगेंडा फैलाना शुरू किया कि केंद्र सरकार ने पंजाब के खिलाड़ियों खास तौर से कुश्ती और हॉकी में पीछे करने के लिए हिंदूवादी नेताओं को आगे कर दिया है। इस वजह से अपने पुश्तैनी खेलों में हमारे खिलाड़ी न सिर्फ पिछड़ते रहे बल्कि उनको पूरी तरह से खत्म करने की साजिश भी की गई। इस बैठक के दौरान दुनिया के 14 अलग-अलग देश से पहुंचे खालिस्तानी चरमपंथियों ने केंद्र सरकार को खिलाड़ियों के नाम पर मतभेद किए जाने का भी मुद्दा उठाकर माहौल को खराब करने की कोशिश की।

उत्तराखंड के जोशीमठ में भूधंसाव से ही आई थीं घरों में दरारें, सीबीआरआई रुड़की के वैज्ञानिकों की रिपोर्ट में खुलासा

 सीबीआरआई रुड़की की रिपोर्ट ने यह साबित कर दिया है कि उत्तराखंड के जोशीमठ में सैकड़ों भवनों में आईं दरारों के पीछे मूल कारण जमीन का धंसना था। यही नहीं जोशीमठ में जिस जगह जमीनों में लंबी दरारें आई हैं, वहीं ज्यादातर कमजोर इमारतें बनाई गई थीं। यही नहीं भूमि धंसने के बाद जोशीमठ की पहाड़ियों पर संवेदनशीलता और भी बढ़ गई है। अतिसंवेदनशील भवनों में दरारों की चौड़ाई पांच मिलीमीटर से अधिक थी। जबकि मध्यम रूप से संवेदनशील भवनों में आई दरारें दो से पांच मिलीमीटर तक चौड़ी थीं।

सर्वे में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जो बताते हैं कि जनवरी में भूधंसाव के दौरान 300 मिलीमीटर तक चौड़ाई और तीन से चार मीटर गहराई की करीब 40 दरारें आई हैं। नुकसान इन्हीं दरारों के आसपास बने भवनों को हुआ है। सीबीआरआई के वैज्ञानिक डॉ. अजय चौरसिया का कहना है कि रिपोर्ट में प्रत्येक तथ्य को बारीकी से अध्ययन में शामिल किया गया है। इस रिपोर्ट के आधार पर उपाय किए जाने जरूरी हैंै।

सबसे जरूरी है जोशीमठ की पहाड़ी में इमारतों की मैपिंग, खतरनाक क्षेत्रों के आकलन और उनके कारणों की पहचान करना, हिमालयी क्षेत्र में निर्माण कार्यों का मैनुअल तैयार करना और सख्ती से पालन कराना, पहाड़ों पर भूवैज्ञानिक आधार पर सुरक्षित भूमि का मानचित्र तैयार करना, पूर्व चेतावनी प्रणाली के जरिए सतत निगरानी और आपदा का पूर्वानुमान जारी करना आदि। उन्होंने कहा कि भविष्य के खतरे और चुनौतियों को देखते हुए सभी वैज्ञानिक पहलुओं पर काम जरूरी है।

मोटे दाने की चट्टानों पर निर्माण करना पड़ा भारी

वैज्ञानिक डॉ.अजय चौरसिया के अनुसार जोशीमठ हिमालय में 890 मीटर की ऊंचाई पर अलकनंदा नदी के बाएं किनारे पर उत्तरी ऊपरी-मध्य ढलान पर मे सेंट्रल थ्रस्ट (एमसीटी) पर स्थित है। जोशीमठ में उत्तर की ओर झुकने वाली चट्टानों के चलते ढलान बना है। पुराने भूस्खलन मोटे दाने वाले मलबे की सामग्री के जमा होने से बनी विशाल चट्टानें और उस पर निर्माण कार्यों का भारी दबाव भवनों में दरार का बड़ा कारण है। इसके अलावा समय-समय पर पानी की सही निकासी नहीं होने और हिमनदी के कटाव के कारण पुराने भूस्खलन फिर से सक्रिय हो गए। जो स्थिति को और भी खतरनाक बना रहे हैं।