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समर्पण एफपीसी से महिलाएं बन रही है कारोबारी – मानस

मुजफ्फरपुर - जीविका संपोषित समर्पण जीविका महिला किसान प्रोड्यूसर कंपनी का 10वां वार्षिक आम सभा हरपुर बखरी के समर्पण बीज प्रसंस्करण इकाई में आयोजित किया गया । कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक मानस कुमार एवं विशिष्ट अतिथि परियोजना प्रबंधक डॉ देवेश कुमार के साथ मंच पर उपस्थित उतर बिहार ग्रामीण बैंक से राजीव कुमार, जिला परियोजना प्रबंधक अनिशा एवं समर्पण एफपीसी के निदेशक दीदियों द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया।

कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए समर्पण जीविका महिला किसान प्रोड्यूसर कंपनी की अध्यक्ष चंदा देवी ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया। इसके बाद कंपनी के सीईओ राजकुमार ने कंपनी में किये जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार से बताया एवं अब तक हुए आय और व्यय का लेखा जोखा पेश किया कंपनी में अच्छा काम करने वाले सदस्यों को परियोजना प्रबंधक जीविका द्वारा स्मृति चिन्ह देकर स्वागत करने के बाद समर्पण जीविका महिला किसान प्रोड्यूसर कंपनी द्वारा उत्पादित समर्पण बीज को लॉंच किया गया । 

क्षेत्रीय प्रबंधक महोदय ने कार्यक्रम में उपस्थित कंपनी की शेयरधारक दीदियों को संबोधित करते हुए कहा कि जीविका संपोषित यह कंपनी लगातार अच्छा प्रयास कर रही है। इसी का नतीजा है कि आज इनका टर्नओवर करोड़ रुपये के उपर पहुंचा है। उन्होंने दीदियों से यह अपील की इसकी गति को और बढ़ायें ताकि इस कंपनी का नाम राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचें।

डॉ देवेश ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जिले में जीविका से जुड़ी दीदियां आज किसी भी काम में पीछे नहीं है । उन्होंने कहा कि दीदियों द्वारा स्थापित कंपनी का उत्पाद दूसरे राज्यों एवं शहरों में भेजा जा रहा है यह काबिलेतारिफ है । अभी दीदियों द्वारा जो उत्पाद उत्पादित किया जा रहा है उससे किसान दीदियों को गुणवत्ता वाले बीज मुजफ्फरपुर में ही मिल जायेंगे। 

इसके बाद जीविका कि जिला परियोजना प्रबंधक ने धन्यवाद ज्ञापन देकर कार्यक्रम के समाप्ति की घोषण की। कार्यक्रम में जीविका के जिला स्तरीय प्रबंधक, सभी प्रखंड के प्रखंड परियोजना प्रबंधक, सात सौ से अधिक दीदियों के साथ समर्पण जीविका महिला किसान प्रोड्यूसर कंपनी के कर्मी उपस्थित थे।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

मुजफ्फरपुर में महिला सिपाही की संदिग्ध मौत, मामले की जांच मे जुटी पुलिस

मुजफ्फरपुर : जिले के बेनीबाद ओपी में तैनात महिला सिपाही गुंजन कुमारी (25) की संदेहास्पद स्थिति में मंगलवार को मौत हो गई। घटना उसके निजी आवास पर हुई है। पति भी घर में ही था। आशंका जताई जा रही है कि 2018 बैच की सिपाही गुंजन कुमारी ने आत्महत्या की है। उसके गले में फंदे के जख्म का निशान है। दोपट्टे से फंदा लगाकर लटकने की बात कही जा रही है। गुंजन का मायके मधेपुरा के रतवारा थाना के भवानी पारा और ससुराल कटिहार में है। वह बेनीबाद बाजार में पति राहुल कुमार के साथ किराये के मकान में रह रही थी।

बेनीबाद ओपी अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने बताया कि मंगलवार को दोपहर में फोन आया कि सिपाही गुंजन की तबीयत ज्यादा खराब है। कोई गाड़ी भेजिए। इसके बाद उन्होंने कुछ थाना स्टाफ को गाड़ी लेकर बेनीबाद बाजार स्थित उसके आवास पर भेजा। पति राहुल अन्य लोगों की मदद से गुंजन को उठाकर बाहर ला रहे थे। ओपी की गाड़ी से ही उसे गायघाट सीएचसी पहुंचाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत बताया। उसके गले में जख्म का निशान है। 

बताया जा रहा है कि सिपाही अपने पति कटिहार के कटिहार थाना क्षेत्र के दुर्गापुर निवासी राहुल के साथ बेनीबाद में एक किराये के मकान में रहती थी। वह चार दिन पहले ही अपने पति के साथ छह दिन की छुट्टी बिताकर लौटी थी। उसके पति भी साथ रहता था। सोमवार रात में वह थाना पर संतरी की ड्यूटी कर आवास पर लौटी थी। पुलिस उसके मायके वालों व ससुराल वाले को खबर कर उनके पहुंचने का इंतजार कर रही है। पुलिस गुंजन व उसके पति राहुल के मोबाइल को जब्त कर जांच कर रही है। 

डीएसपी पूर्वी शहरेयार खान मामले की सूचना मिलने के बाद जांच के लिए बेनीबाद ओपी पहुंचे। उन्होंने बताया कि गुंजन का एक कमरे का किराए का आवास है। कमरे में वह पति के साथ थी। पति ने ओपी अध्यक्ष को कॉल कर बताया था कि गुंजन की तबीयत काफी खराब हो गई है। सूचना देने के साथ वह महिला सिपाही को अचेतावस्था में सीएचसी लेकर गया। उसके पति को हिरासत में लिया गया है। पूछताछ में वह स्पष्ट जानकारी नहीं दे रहा है। मायके वालों के आने के बाद कुछ स्पष्ट होगा।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

स्वराज्य-पर्व में आठवें दिन स्वाधीनता आंदोलन में रामदयालु सिंह और रामवृक्ष बेनीपुरी के योगदान पर परिचर्चाएं आयोजित

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स्वराज्य-पर्व में गणपति-उत्सव का आठवां दिन रहा मुजफ्फरपुर के कलाकारों के नाम। भक्ति संगीत और नृत्य की विविधरंगी प्रस्तुतियों से भावविभोर होते रहे दर्शक और श्रद्धालु

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26 सितंबर, 2023, मुजफ्फरपुर।

लोकमान्य तिलक द्वारा शुरू किये गये गणपति-उत्सव के अवसर पर राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर स्मृति न्यास, दिल्ली द्वारा रामदयालु सिंह कॉलेज में आयोजित स्वराज्य-पर्व के आठवें दिन आज स्वाधीनता आंदोलन में रामदयालु सिंह और रामवृक्ष बेनीपुरी के योगदान पर क्रमदो अलग-अलग महत्वपूर्ण परिसंवाद आयोजित किये गये।

परिसंवाद के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए रामदयालु सिंह कॉलेज में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर डॉ. विकास नारायण उपाध्याय ने कहा कि रामदयालु बाबू सरीखे लोग आज भारत में नगण्य हैं। वे हमारे धरोहर पुरुष हैं। उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को याद करते ही वे हमारे सामने प्रत्यक्ष खड़े हो जाते हैं। रामदयालु बाबू की ईमानदारी और त्याग से प्रभावित होकर ही महंत जी ने रामदयालु सिंह कॉलेज के लिये अपनी 51 एकड़ ज़मीन दे दी। डॉ उपाध्याय ने बताया कि पहले महाविद्यालय का रूप ऐसा नहीं था। आज जो शास्त्री भवन कहलाता है, वह एक पूजास्थली थी। उसमें हवन-पूजन होता था। छोटे से भवन में महाविद्यालय प्रारंभ हुआ था। रामदयालु बाबू जब जिला परिषद के अध्यक्ष थे, शहर में साहित्यिक सांस्कृतिक गतिविधियों में तेज़ी आ गयी थी। इसी बुनियाद के बल पर इस मिट्टी से एक से बढ़ कर एक विद्वान और राजनेता निकले। जब उनका कार्यकाल समाप्त हुआ, तब जनश्रुति है कि परिषद की एक कलम उनकी जेब में रह गयी थी। जब उन्हें मालूम हुआ तो वे उसे वापस लौटाने परिषद आये। ऐसा ऊंचा आचरण था उनका, आज ऐसा उदाहरण शायद ही मिले।

डॉ उपाध्याय ने बताया कि रामदयालु बाबू बिहार विधानसभा के पहले अध्यक्ष थे। विधानसभा के संचालन का उनका तरीका अतुलनीय था। जब मुख्यमंत्री बनने का अवसर आया तो उन्होंने बाबू श्रीकृष्ण सिंह का नाम प्रस्तावित किया। अपने लिये उन्होंने देशसेवा का काम चुना था। वे गांधीजी को विशेष प्रिय थे। गांधीजी ने ही स्त्रीशिक्षा के लिये रामदयालु बाबू को महाविद्यालय खोलने की प्रेरणा दी थी। महंत जी के सहयोग से रामदयालु बाबू ने गांधीजी की प्रेरणा को मूर्त रूप दिया। आज केवल यह महाविद्यालय ही नहीं, बल्कि मुजफ्फरपुर का रेलवे स्टेशन और एक इलाका भी रामदयालु बाबू के नाम पर है। राजनीति में स्वच्छता और शुचिता की अनुपस्थिति के इस दौर में रामदयालु बाबू को याद करने की सार्थकता तब होगी, जब हम सार्वजनिक जीवन में उनके ऊंचे आदर्शों को स्थान दें।

गांधी साहित्य के जाने-माने अध्येता और गांधी शांति प्रतिष्ठान, दिल्ली के पूर्व सचिव श्री सुरेन्द्र कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा कि स्वाधीनता आंदोलन और स्त्री शिक्षा के विकास में ऐतिहासिक योगदान के कारण रामदयालु बाबू हमारे महापुरुषों में अग्रणी स्थान रखते हैं। रामदयालु बाबू एक कुशल संगठनकर्ता थे। 1917 में जब चंपारण सत्याग्रह में गांधीजी को न्योता देने शुक्ल जी गये और गांधीजी बिहार आये, तो चंपारण न जाकर बिहार को समझने के लिये पहले वे रामदयालु बाबू के पास मुजफ्फरपुर आये, और तीन दिनों तक उनके साथ रहे थे। इससे रामदयालु बाबू की हस्ती का कुछ पता चलता है। आज लोग अपने जीतेजी अपनी मूर्तियां स्थापित करवा लेते हैं। लेकिन रामदयालु बाबू ने जीवनकाल में महाविद्यालय का नामकरण अपने नाम पर नहीं करने दिया। उनके देहांत के बाद ही यह संभव हो सका। ऐसा था उनका आदर्श। जिन लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना के लिये रामदयालु बाबू जैसे हमारे महापुरुषों ने जीवन भर त्याग किया था, आज उन लोकतांत्रिक मूल्यों और संस्थाओं को बचाने के लिये गांधीजी के दिखाये गये सत्याग्रह के रास्ते पर चलते हुए एक बार फिर आंदोलन छेड़ने की आवश्यकता महसूस होती है।

साहित्य में रामवृक्ष बेनीपुरी का योगदान विषय पर केन्द्रित दूसरी परिचर्चा को संबोधित करते हुए रामवृक्ष बेनीपुरी जी के नाती डॉ राजीव रंजन दास ने बेनीपुरी जी के जीवन और व्यक्तित्व के कई अल्पज्ञात तथ्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बेनीपुरी जी के बारे में कुछ बताने वाले लोग आज मुजफ्फरपुर में भी कम ही मिलेंगे। लोग एक साहित्यकार के रूप में ही बेनीपुरी जी के नाम से परिचित होंगे। जबकि बेनीपुरी जी, जिनके माता-पिता का देहांत उनके बचपन में ही हो गया था, अपनी शादी के तुरंत बाद स्वाधीनता आंदोलन में कूद पड़े थे। उनके ससुर जी निलहे आंदोलन में जेल जाने वाले सबसे पहले व्यक्ति थे, जिनका मुकदमा पंडित मोतीलाल नेहरू जी ने लड़ा था। बेनीपुरी जी गांधी जी से प्रभावित थे और धीरे-धीरे नेहरू जी के समाजवाद के साथ जयप्रकाश नारायण और बेनीपुरी जी जैसे लोग जुड़े। जब बम्बई में कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना हुई, तो इससे जुड़े लोगों ने गांधीजी जी की विचारधारा के साथ-साथ कुछ अन्य विचारों को मिला कर काम करना शुरू किया। लेकिन बेनीपुरी जी सहित वे सभी नेता अहिंसा के प्रति समर्पित रहे।

डॉ राजीव रंजन दास ने बेनीपुरी जी की चर्चा करते हुए बताया कि जब वे पटना जिला कांग्रेस के अध्यक्ष थे, तब भी उन्होंने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। वे स्वयं को मूलतः एक संगठनकर्ता के रूप में देखते थे। उन्होंने स्वाधीनता आंदोलन के दौरान जेलयात्राएं कीं। अपने ही देश में अपनी ही सरकार में मिल मजदूरों के आंदोलन का समर्थन करने के कारण बेनीपुरी जी को गिरफ्तार कर जेल में डाला गया था। बाद में जयप्रकाश नारायण जी के रौद्र रूप धारण करने के बाद सरकार को झुकना पड़ा और बेनीपुरी जी ससम्मान रिहा किये गये। 1942 के करो या मरो आंदोलन से पहले भी बेनीपुरी जी जेल में डाल दिये गये थे। छूटने के बाद उन्होंने आंदोलन को जगह-जगह एकजुट किया और लोहिया, जयप्रकाश नारायण आदि के साथ मिलकर नेपाल में क्रान्तिकारियों को प्रशिक्षित करना शुरू किया। वहीं अपना रेडियो स्टेशन भी शुरू कर दिया गया। बाद में उन्हें नेपाल से गिरफ्तार कर बैलगाड़ी पर हनुमाननगर जेल तक लाया गया। बाबू सूरज नारायण सिंह ने हनुमाननगर जेल तोड़ कर उन्हें निकाला और रात भर में वे सभी भारतीय सीमा में प्रवेश कर गये। यह भी बेनीपुरी जी के राजनीतिक जीवन का एक पहलू था कि गांधीवादी समाजवादी होते हुए भी वे अहिंसा के पुजारी नहीं थे। उन्होंने जेल से मुक्त होने के लिये अंग्रेजों से कभी माफी नहीं मांगी।

डॉ राजीव ने कहा कि लेखक के रूप में बेनीपुरी जी का सबसे बड़ा योगदान यह है कि उनकी लेखनी से हमें स्वाधीनता आंदोलन के वास्तविक स्वरूप की यथातथ्य जानकारी मिलती है। 42 के आंदोलन, हजारीबाग के जेल तोड़ो आंदोलन या बिहार के किसान आंदोलन का आंखों देखा लिखित इतिहास हमें बेनीपुरी जी के साहित्य से ही प्राप्त होता है। कारावास के दौरान ही बेनीपुरी जी ने अधिकांश साहित्यिक कृतियां लिखीं। उन्होंने जो देखा, जो भोगा उसे ही अपनी लेखनी का विषय बनाया।

वरिष्ठ कवि संजय पंकज ने स्वाधीनता आंदोलन में बेनीपुरी जी के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी जी स्वाधीनता आंदोलन के योजनाकारों में एक थे। आज उनके नाम से श्री हटा कर रामवृक्ष बेनीपुरी कर दिया जाता है, जो नहीं होना चाहिये। बेनीपुरी जी किसानों और मज़दूरों को भगवान मानते थे। उन्होंने बागमती विश्विद्यालय शुरू किया, लेकिन पक्षाघात का शिकार होने के चलते यह योजना आगे नहीं बढ़ सकी।

कवि संजय पंकज ने कहा कि अपनी लेखनी के दम पर बेनीपुरी जी हमेशा जीवित रहेंगे। सभी विधाओं में श्रेष्ठ लेखन करने वाले बेनीपुरी जी को रेखाचित्र लेखन का जादूगर माना जाता है। जयप्रकाश नारायण को लोकनायक की संज्ञा देने वाले भी बेनीपुरी जी ही थे। बेनीपुरी जी का कृतित्व और व्यक्तित्व देखें तो वे सामाजिक सौहार्द्र और स्त्रियों के पक्ष में सदैव खड़े दिखाई पड़ते हैं। आदिवासी जीवन के संघर्षों और उल्लासों को भी बेनीपुरी जी ने अपनी लेखनी का विषय बनाया। बेनीपुर जैसे छोटे गांव में जन्म लेने वाले विराट व्यक्तित्व बेनीपुरी जी ने इतिहास रचा, और बुलन्दियों पर पहुंचे। दिनकर जी ने एक बार कहा था कि दिनकर को दिनकर श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी ने बनाया। वे न होते तो दिनकर न होते।

सह-संयोजक अविनाश तिरंगा उर्फ ऑक्सीजन बाबा ने कहा कि बेनीपुरी जी एक निर्भीक लेखक, विचारक, पत्रकार, स्वतंत्रता सेनानी और संगठनकर्ता के रूप में सदा हमारे लिये प्रेरणापुंज बने रहेंगे। आज के परिसंवाद के दोनों सत्रों का संचालन शिक्षाविद् अखिलेश चन्द्र राय ने किया।

पूर्व मध्य रेल में स्वच्छता पखवाड़ा का आयोजन

कलाकारों ने स्वच्छता पर आधारित नुक्कड़ नाटक का मंचन कर स्वच्छता के प्रति किया जागरूक

हाजीपुर: 26.09.2023

‘स्वच्छता ही सेवा‘ एवं ‘स्वच्छ रेल स्वच्छ भारत‘ मिशन के अंतर्गत पूर्व मध्य रेल में 16 सितंबर से 02 अक्टूबर तक स्वच्छता पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसी क्रम में पूर्व मध्य रेलवे मुख्यालय के प्रांगण में आज दिनांक 26.09.2023 को महाप्रबंधक, श्री अनुपम शर्मा तथा मुख्यालय के विभागाध्यक्षों की उपस्थिति में स्वच्छता पर आधारित एक नुक्कड़ नाटक का मंचन कर कलाकारों द्वारा स्वच्छता का संदेश दिया गया ।

स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत आज पूर्व मध्य रेल के मंडलों में स्वच्छ नीर दिवस के अवसर पर ट्रेनों एवं स्टेशन परिसर में पानी की पर्याप्त उपलब्धता तथा जल स्रोतों यथा नलों, वाटर वेंडिग मशीन, वाटर कुलर एवं वाटरबूथ आदि की जांच की गयी ।

विदित हो कि स्वच्छ रेल स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत पूर्व मध्य रेलवे में 16 सितंबर से 02 अक्टूबर तक ‘स्वच्छता पखवाड़ा‘ का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान स्टेशन परिसर एवं ट्रेनों में साफ-सफाई, वाटर-बूथ की स्वच्छता एवं पेयजल की गुणवत्ता, प्रसाधन की साफ-सफाई, डस्टबिन की पर्याप्त संख्या में उपलब्धता, कचरे का निष्पादन, एनजीओं एवं चैरिटेबुल संस्था के सहयोग से आम लोगों के बीच स्वच्छता जागरूकता अभियान चलाना जैसे कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। स्वच्छता पखवाड़ा के अन्तर्गत सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग पर अंकुश लगाने एवं अन्य प्रकार के प्लास्टिक का प्रयोग न करने हेतु जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है ।

(वीरेन्द्र कुमार)

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी

मुज़फ़्फ़रपुर जिले में डेंगू का कहर जारी,डेंगू से पीड़ित एक मरीज की मौत,मृतकों की संख्या बढ़कर हुई दो

बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर जिले में डेंगू का कहर नहीं थम रहा है। स्वास्थ्य विभाग के तमाम प्रयास विफल साबित होते नजर आते हैं.

 जब प्रतिदिन पांच-छह नए मरीज मिलते हैं। अब तो मौत भी होने लगी। रविवार को डेंगू से पीड़ित एक और मरीज की मौत हो गई। मृतकों की संख्या बढ़कर दो हो गई हैं। मृत मरीज एसएन चौधरी (43) कांटी प्रखंड के बैरिया स्थित शांति विहार कालोनी के रहने वाले थे।

 वे श्रीमाकर्मी थे और नगालैंड के दीमापुर में रहते थे। वहां पर भी प्राइवेट नौकरी करने की बात बताई गई है। उनकी पत्नी आशा चौधरी ने बताया कि नागालैंड में ही वे बीमार पड़ गए थे। वहां से घर पहुंचे और 15 सितंबर को ब्रह्मपुरा स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के बावजूद भी उनकी तबियत बिगड़ती चली गई। यहाँ से पटना रेफर कर दिया गया। 

स्वजन ने पटना के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां इलाज के क्रम में उनकी मौत हो गई। ब्रह्मपुरा स्थित निजी अस्पताल प्रबंधन द्वारा रविवार को स्वास्थ्य विभाग को मरीज की मौत होने की जानकारी देते हुए रिपोर्ट भेज दी गई है।

जिला वेक्टरजनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. सतीश कुमार ने इसकी पुष्टि की है। कहा कि डेंगू से यह दूसरी मौत हुई है। 

इससे पहले सरैया के रहने वाले महताब आलम की मौत हुई थी। वह भी नागालैंड के दीमापुर से ही बीमार होकर लौटा था।

 पांच और नए मरीज मिले: इधर, एसकेएमसीएच में जांच के दौरान पांच और नए मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। वहीं एक मरीज में डेंगू व चिकनगुनिया दोनों की पुष्टि हुई हैं। उन्होंने बताया कि लैब से आई जांच रिपोर्ट से इसका पता लगा है।इन सभी को एसकेएमसीएच में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। कुल छह मरीज एसकेएमसीएच और चार निजी अस्पताल में भर्ती हैं। 

जहाँ डेंगू के मरीज मिल रहे हैं, उसके इर्द-गिर्द सौ मीटर के गिंग और लाव मारने की दवा का छिड़काव किया जा रहा है।

बेरोजगार युवकों को रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर मेगा क्रेडिट कैंप का किया गया आयोजन

बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में आज सोमवार को सिकंदरपुर स्थित बीआरसीसी सभागार में बेरोजगार युवकों को रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर मेगा क्रेडिट कैंप का आयोजन किया गया। 

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डीएम प्रणव कुमार ने कि। जबकि कार्यक्रम का आयोजन जिला उद्योग केन्द्र द्वारा किया गया। कार्यक्रम में डीएम प्रणव कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि इस तरह के ऋण वितरण होने से बेरोजगार लोगों को उधमी बनने का मौका मिलेगा और वह जीवन पथ पर आगे की ओर अग्रसर होंगे। 

वहीं, कार्यक्रम में जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक धर्मेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि उद्योग विभाग एवं बैंकों के सहयोग से ऋण स्वीकृति और वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें भारी संख्या में उद्यमीगण उपस्थित हुए।

 इस कार्यक्रम में जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक और बैंक प्रबंधको के द्वारा संयुक्त रूप से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, प्रधानमंत्री सूक्ष्म प्रसंस्करण उद्योग और मुख्यमंत्री उधमी योजना के तहत 106 उद्यमियों के बीच ऋण स्वीकृति-पत्र वितरण किया गया।

पूजा में घर आनेवालो के लिए खुशखबरी, रेलवे ने पूजा स्पेशल ट्रेन का किया एलान, जानिए पूरा डिटेल

हाजीपुर - आगामी पर्व-त्यौहारों के दौरान यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ के मद्देनजर उनकी सुविधा हेतु रेलवे द्वारा सीतामढ़ी-रक्सौल-नरकटियागंज-गोरखपुर- मथुरा-जयपुर के रास्ते दरभंगा और दौराई (अजमेर) बीच एक जोड़ी पूजा स्पेशल ट्रेन 05537/05538 दरभंगा-दौराई-दरभंगा पूजा स्पेशल चलाने का निर्णय लिया गया है । 

यह पूजा स्पेशल दरभंगा से 07.10.2023 से 09.12.2023 तक सप्ताह के प्रत्येक शनिवार को तथा दौराई से 08.10.2023 से 10.12.2023 तक सप्ताह के प्रत्येक रविवार को परिचालित की जायेगी । 

गाड़ी संख्या 05537 दरभंगा-दौराई पूजा स्पेशल दरभंगा से शनिवार को 13.15 बजे खुलकर 14.20 बजे सीतामढ़ी, 14.51 बजे बैरगनिया, 15.50 बजे रक्सौल, 18.00 बजे नरकटियागंज, रविवार को 19.20 बजे जयपुर, 21.55 बजे अजमेर रूकते हुए 22.30 बजे दौराई पहुंचेगी । 

वापसी में, गाड़ी संख्या 05538 दौराई-दरभंगा पूजा स्पेशल दौराई से रविवार को 23.45 बजे खुलकर सोमवार को 00.05 बजे अजमेर, 02.30 बजे जयपुर, मंगलवार को 01.55 बजे नरकटियागंज, 02.45 बजे रक्सौल, 03.37 बजे बैरगनिया, 04.25 बजे सीतामढ़ी रूकते हुए 06.50 बजे दरभंगा पहुंचेगी । 

यह स्पेशल अप एवं डाउन दिशा में दरभंगा और दौराई के बीच सीतामढ़ी, बैरगनिया, रक्सौल, नरकटियागंज, कप्तानगंज, गोरखपुर, खलीलाबाद, बस्ती, गोंडा, सीतापुर, शाहजहांपुर, बदायूं, कासगंज, हाथरस सिटी, मथुरा, भरतपुर, बांदीकुई, जयपुर, किशनगढ एवं अजमेऱ स्टेशनों पर रूकेगी ।

इस स्पेशल ट्रेन में द्वितीय वातानुकूलित श्रेणी का 01, तृतीय वातानुकूलित श्रेणी के 02, शयनयान श्रेणी के 13 एवं साधारण श्रेणी के 04 कोच होंगे।

अखंड भारत पुरोहित महासभा के बैनर तले आगामी त्योहार को लेकर हुई बैठक, सर्वसम्मित से लिए गए यह निर्णय

मुजफ्फरपुर : आज दिनांक 25 सितंबर को अखंड भारत पुरोहित महासभा के बैनर तले जीवित्पुत्रिका व्रत को लेकर सामूहिक बैठक बाबा चुनेश्वरनाथ महादेव मंदिर सरैयागंज टावर मुजफ्फरपुर मे हुई। इस बैठक की अध्यक्षता महासभा के संयोजक मंदिर के महंत पुजारी राम बालक भारती ने किया।

वही महासभा के अध्यक्ष पंडित हरिशंकर पाठक ने सभी पंचांगों का सम्मान करते हुए सभी आचार्यों का सम्मान करते हुए सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। मोबाइल के माध्यम से आध्यात्मिक गुरु आचार्य कमलापति त्रिपाठी एवं बाबा गरीबनाथ धाम के प्रधान पुजारी सह मंदिर प्रशासक पंडित विनय पाठक के द्वारा भी सहमति प्रदान की गई कि दिनांक 5 अक्टूबर 2023 दिन बृहस्पतिवार को नहाए खाए व भोर में सरगही किया जाएगा। 

दिनांक 6 अक्टूबर 2023 दिन शुक्रवार को जीवित्पुत्रिका व्रत मान दिन और रात होगा। दिनांक 7 अक्टूबर 2023 दिन शनिवार को प्रातः 10:21 के बाद महाव्रत का पारण किया जाएगा। 27 सितंबर 2023 दिन बुधवार को अनंत चतुर्दशी व्रत नहाए खाए किया जाएगा और 28 सितंबर 2023 दिन बृहस्पतिवार को अनंत चतुर्दशी व्रत का मान होगा एवं 29 सितंबर 2023 दिन शुक्रवार को प्रातः पारण किया जाएगा।

बताया गया कि इस बार माता का आगमन एवं गमन फल सप्तमी तिथि को शनिवार होने के कारण देवी का आगमन (तुरंग) अर्थात घोड़े पर होगा। जो छत्र भंग कारक एवं कष्टप्रद है। देवी का गमन महिषा गमने रूज शोककरा का फल प्रदान करेगा।

वही महासभा के अध्यक्ष पंडित हरिशंकर पाठक ने जितिया व्रत के संबंध में प्रकाश डालते हुए कहा कि जितिया व्रत का महत्व जितिया व्रत निर्जला होता है और इस व्रत को करने से निसंतान लोगों की गोद भी भर जाती है। वहीं जिन महिलाओं के बच्चे होते हैं, वे इस व्रत को बच्चों की लंबी उम्र और रक्षा के लिए करती हैं। इससे बच्चे चारों दिशाओं में प्रसिद्धि प्राप्त करते हैं। 

जितिया व्रत की पौराणिक कथा पौराणिक कथा के अनुसार महाभारत युद्ध के दौरान अश्वत्थामा पिता की मौत का समाचार सुनकर बेहद नाराज हो गए थे। वे मन में बदले की भावना लेकर पांडवों के शिविर में आ गए। शिविर में 5 लोग सो रहे थे, जिसे अश्वत्थामा ने पांडव समझकर मृत्यु लोक पहुंचा दिया था। मारे गए ये पांचों लोग द्रोपदी की संतान कही जाती हैं। 

इस घटना के बाद अर्जुन ने अश्वत्थामा को बंदी बनाकर उनकी दिव्य मणि छीन ली। जिससे क्रोधित होकर अश्वत्थामा ने गर्भ में पल रहे अभिमन्यु के बच्चे को मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद भगवान कृष्ण ने अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा की अजन्मी संतान को अपने सभी पुण्य का फल देकर गर्भ में ही जीवित कर दिया। गर्भ में पल रहे इस बच्चे को जीवित्पुत्रिका का नाम दिया गया। तभी से माताओं द्वारा बच्चे की लंबी उम्र और रक्षा की कामना के लिए जीवित्पुत्रिका व्रत रखने की परंपरा आरंभ हुई।

इस बैठक में मुख्य रुप से महासभा के सचिव आचार्य संजय तिवारी, महासभा सलाहकार डॉक्टर आचार्य चंदन उपाध्याय, आचार्य अमित तिवारी, आचार्य वशिष्ठ तिवारी, आचार्य सुनील कुमार मिश्रा, आचार्य पवन तिवारी, आचार्य दिवाकर, आचार्य नीलमणि पाठक, आचार्य राजूरंजन मिश्रा, आचार्य अनिल कुमार पांडे, आचार्य आचार्य देवचंद झा, पुजारी हरिकांत पांडे शामिल रहे। 

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

मुजफ्फरपुर में जहरीले शराब पीने से दो की हुई मौत

बिहार के मुजफ्फरपुर में दो लोगो की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत जहरीली शराब से हुई मौत की जताई जा आशंका वही दो की गई आंखों की रोशनी भी गई है यह घटना मुज़फ़्फ़रपुर जिला के काजी मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र इलाके के ही पोखडिया पीर इलाके की बताई जा रही है घटना की जानकारी के बाद मौके पर पहुंची हुई पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है वही दो महिलाओं को पुलिस ने इस मामले में हिरासत में ही लिया और आगे की करवाई में जुटी हुई है। घटना से इलाके में सनसनी फैला हुआ है । 

मुजफ्फरपुर में जहरीले शराब पीने से दो की हुई मौत दो गंभीर सूचना के बाद मौके पर पहुंचे एएसपी टाउन और कई थाना की पुलिस घटना की किया गया है पुष्टि पुलिस मामले में शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया जाने की कवायद में जुटी हुई है । मुजफ्फरपुर में जहरीले शराब से दो की मौत दो को इलाज के लिए अस्पताल में कराया गया है भर्ती तो पुलिस ने दो जिसकी आंख की रौशनी चली गई है,

 और को लेकर अस्पताल में भर्ती कराये जाने की कवायद किया जा रहा है, एक पीड़ित ने बताया एक गिलास शराब पिया था और स्थानीय एक शख्त ने पिलाई थी शराब।

*ट्रक चालक की निशानदेही पर गायघाट व छाता बाजार में पुलिस ने की छापेमारी, ट्रक व गोदाम से करोड़ों का मादक पदार्थ हुआ बरामद

मुजफ्फरपुर :- देश के विभिन्न हिस्सों में हो रही मादक पदार्थ की तस्करी का एक बड़ा रैकेट मुजफ्फरपुर में पकड़ा गया है। गायघाट और नगर थाने की पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में छाता बाजार और पंकज मार्केट रोड स्थित गोदाम से अफीम का सूखा फल व फूल जब्त किया है। जब्त माल करोड़ों का बताया जा रहा है।

पुलिस के अनुसार मधुबनी की ओर से आ रहे अफीम का फल व फूल लदे ट्रक को गायघाट में पुलिस ने पकड़ा। चालक से पूछताछ में पता चला कि मुजफ्फरपुर के व्यवसायी ने माल मंगवाया है। इसके बाद पुलिस ने छाता बाजार और पंकज मार्केट रोड में नवीनचंद लाल व प्रदीप राज के गोदाम में छापेमारी की। 

छापेमारी में चार गोदाम से 35 बोरा अफीम का फल व फूल जब्त किया गया। दो बोरा अफीम की भूसी भी मिली। एक ड्रम में बारूद जैसा काला पाउडर भी मिला। आशंका है कि नेपाल या गया जिले से यहां लाया गया था। 

मुजफ्फरपुर में स्टॉक कर इसे पंजाब, दिल्ली, हरियाणा आदि शहरों में भेजा जाता है। अफीम के सूखे फल व फूल का उपयोग नशे के लिए होता है। इसे पाउडर बनाकर बेचा जाता है। गायघाट में ट्रक जब्त होने के साथ ही छाता बाजार का धंधेबाज फरार हो गया। पुलिस उसके घर से बरामद अफीम के फल-फूल को लेकर कार्रवाई में जुट गई है। 

बताया गया कि गया में मादक पदार्थ तस्कर स्थानीय लोगों से मिलकर अफीम की खेती कराते हैं। इसके अलावा अफगानिस्तान से नेपाल के रास्ते मधुबनी बॉर्डर पार कराकर भी अफीम मंगाई जा रही है। पूरे नेटवर्क की कड़ी दर कड़ी पुलिस मिला रही है। अफीम के धंधेबाजों ने पुलिस को किसी तरह का कोई कागजात नहीं दिखाया है। 

अफीम फल के सौदागर को रिमांड पर ले गई हरियाणा पुलिस

बालूघाट से शुक्रवार की देर शाम हरियाणा के अंबाला पुलिस द्वारा पकड़े गए अफीम फल के सौदागर विनोद कुमार सहनी को कोर्ट में प्रस्तुत कर शनिवार को ट्रांजिट रिमांड लिया गया। अंबाला पुलिस 48 घंटे के ट्रांजिट रिमांड पर विनोद को साथ ले गई।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी