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*महापौर श्रीमती प्रमिला पान्डेय ने एमएलए ग्रीन के नवीन पौधारोपण वाहन को हरी झंडी देकर लोकार्पित किया*

कानपुर। महापौर ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण आज हम सबकी जिम्मेदारी बन चुका है और इसको संरक्षित करने के लिए सभी को आगे आना चाहिए MLA ग्रीन कानपुर जिस तरह से पिछले दो वर्षों से नियमित 365 दिन लोगों के घरों के बाहर सड़क के किनारे उनके आग्रह पर प्लांटेशन कर रहा है भविष्य में कानपुर शहर को इसके बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे।साथ ही इसी मौके पर उन्होंने इस अभियान के लिए 200 पौधे निशुल्क देने की घोषणा भी की।

प्रेरणा संस्था MLA ग्रीन कानपुर के संस्थापक श्री सुमित अग्रवाल ने बताया कानपुर शहर में हरियाली दो प्रतिशत के आसपास है जबकि इसे 33% किए जाने की राष्ट्रीय नीति के बारे में हम सब जानते हैं। दुर्भाग्य से विकास के चलते पिछले 5 वर्षों में कानपुर में बड़े पुराने पेड़ों की संख्या तेजी से कम हुई है जिसके कारण से लगातार तापमान वृद्धि और प्रदूषण बढ़ा है। इसी वजह से संस्था ने शहर क्षेत्र में हरियाली बढ़ाने के लिए बीड़ा उठाया है।

हमने एक पूरा सेटअप तैयार कर रखा है जिसमें अभी तक एक ई रिक्शा जिसमें कंकरीट ब्रेकर, जनरेटर, दो लेबर, सुपरवाइजर चलते हैं संस्था को लोग फोन करके आग्रह करते हैं कि उनके घरों के बाहर ट्री गार्ड के साथ पेड़ लगा दिया जाता है। ऐसी हर लीड पर संस्था के सदस्य उस क्षेत्र में जाते हैं तथा उपयुक्त स्थान देखकर फलवाले छांव वाले पेड़ वहां लगा देते हैं।

MLA ग्रीन कानपुर संस्था के संयोजक गौरव बाजपेई (संस्थापक- गौरैया बचाओ अभियान) ने बताया कि करीब 1.5 साल पूरी तरह से निशुल्क पौधारोपण शुरुआत में किया।उनमें से बहुत सारे पेड़ लगवाने वालों की उदासीनता के चलते चल नहीं सके। इसके पश्चात संस्था ने लागत का एक तिहाई शुल्क लेकर वृक्षारोपण करना शुरू किया ताकि लगवाए गए पौधे के प्रति लगवाने वाले की जिम्मेदारी बनी रहे।यह मॉडल काफी लोकप्रिय व सफल हो चुका है और यह बताते हुए हमें हर्ष हो रहा है कि हमने अप्रैल में जून में भी जो पौधे लगाए थे उसमें आज 90% से ज्यादा पौधे हमारे चल रहे हैं। पिछले दो वर्षों में संस्था करीब 8000 से ज्यादा फल वाले छाया वाले पौधे जैसे नीम, पाकड़, कंजी, पीपल, बरगद, अर्जुन, अमलतास, तिकोमा, जामुन, आमला, अमरूद, बेल, शीशम जैसे पेड़ लोगों के घरों के बाहर लगा चुके हैं। गौरव बाजपेई ने अपील की वर्तमान में उत्पन्न पर्यावरणीय स्थितियां यह बता रही हैं. यदि हम अपने शहरों के पर्यावरण को सुधारने का प्रयास नहीं करेंगे तो हम निश्चित रूप से बहुत जल्द एक बहुत बड़ी कीमत चुकाने की स्थिति में आ चुके हैं। संस्था से पेड़ लगवाने के लिए 988993132 नम्बर पर बात करें।MLA ग्रीन कानपुर प्रेरणा संस्था के फील्ड एग्जीक्यूटिव सुमित कुमार, गुलफिशा खान ने बताया एक टीम द्वारा एक दिन में हम औसतन 20 पेड़ लगवाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं जो कि आज से 40 हो जायेगा। हमें पूरे शहर से फोन आते हैं किंतु जब किसी एक निश्चित क्षेत्र में कम से कम 10 पेड़ों की लीड वहां के निवासी दे देते हैं तब हमारा वहां पहुंचकर प्लांटेशन कर देती है। यदि कानपुर के लोगों ने पेड़ों के लगवाने के महत्व को समझा तो हम जल्द ही इन गाड़ियों की संख्या दो से बढ़ाकर 5 कर देंगे!

*सीएसए में केंद्रीय भूमि जल बोर्ड द्वारा राष्ट्रीय जल वृत्ति मान चित्रण कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ*

कानपुर।चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति डॉ आनंद कुमार सिंह ने आज केंद्रीय भूमि जल बोर्ड लखनऊ क्षेत्र द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में राष्ट्रीय जलवृत्ति मान चित्रण कार्यक्रम के द्वितीय चरण का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर केंद्रीय भूमि जल बोर्ड उत्तरी क्षेत्र लखनऊ के वैज्ञानिक डी श्री जगदंबा प्रसाद ने बताया कि राष्ट्रीय जल वृत्ति मान चित्रण द्वितीय चरण कार्यक्रम के तहत कानपुर नगरीय क्षेत्र अध्ययन हेतु चयनित किया गया है। श्री प्रसाद ने कहा कि इसमें ड्रिलिंग मशीन द्वारा 300 मीटर गहराई के चित्रण एवं नलकूप निर्माण हेतु अध्ययन के लिए लिया गया है। जिसका पहला छिद्रण प्वाइंट कानपुर के सीएसए परिसर में लिया गया है।

उन्होने बताया कि इसमें हाइड्रो जियोलॉजिकल पैरा मीटर का अध्ययन करते हुए यहां के भूजल गुणवत्ता तथा भूजल के दोहन को कम करने हेतु कृत्रिम पुनर्भरण (आर्टिफिशियल रिचार्ज) के उपाय को मध्य नजर रखते हुए इसका क्रियान्वयन राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने बताया की जनसंख्या के हिसाब से पानी की मांग/पूर्ति के बारे में भी अध्ययन किया जाएगा तथा रेन वाटर हार्वेस्टिंग का भी इंप्लीमेंटेशन कराया जाएगा।

तथा भूजल का निर्धारण भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अध्ययन पूर्ण होने के उपरांत इस अन्वेषणात्मक ट्यूबवेल को निशुल्क विश्वविद्यालय को सौंप दिया जाएगा।

इस अवसर पर अधिष्ठाता कृषि संकाय डॉक्टर सी एल मौर्य,कुलसचिव डॉक्टर पीके उपाध्याय, सह निदेशक प्रसार डा.पी के राठी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

*डीजी पीजी कॉलेज ने हिंदी पखवाड़ा मनाया*

कानपुर। डी जी पी जी कॉलेज द्वारा B.Ed में हिंदी पखवाड़ा दिवस का कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया कार्यक्रम का शुभारंभ कॉलेज की प्राचार्य प्रोफेसर अर्चना वर्मा द्वारा दीप प्रजवलित करके किया गया B.Ed की छात्राओं द्वारा स्वागत प्रस्तुति की गई। जिसमें पोस्टर प्रतियोगिता स्वरचित कविता पाठ तथा संभाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

संभाषण प्रतियोगिता का विषय भारत भारतीयता तथा हिंदी भाषा रखा गया निर्णायक मंडल को प्रोफेसर इंदु यादव प्रोफेसर मुकुलिका हितकारी डॉक्टर मंजुला श्रीवास्तव ने सुशोभित किया कार्यक्रम का संयोजन B.Ed विभागाध्यक्ष डाक्टर सवीहा अंजुम डॉक्टर पिंकी द्विवेदी डॉक्टर रुचि दुबे डॉक्टर नलिनी मिश्रा द्वारा किया गया।

संभाषण प्रतियोगिता में विजेताओं में साक्षी सिंह वंदना यादव मानसी श्रीवास्तव स्वरचित कविता पाठ में मानसी श्रीवास्तव प्रियांशी मानसी सविता पोस्टर प्रतियोगिता में विजेता शीतल कुमारी शालिनी संतोष कुमारी सतवना पुरस्कार नूर सना रूपा देवी ( सिकट प्रतियोगिता विजेता भव्या भगत काजल ,कुमारी शालिनी प्रियंका आरती मिश्रा सुमन अनुपम पाल आरती वर्मा कोमल सिंह सनी निषाद विजेता रही संचालन B.Ed की छात्राओं द्वारा किया गया । कार्यक्रम में बीएड विभाग की डॉक्टर निशू तिवारी डॉ मीनाक्षी त्रिवेदी डॉक्टर सारिका श्रीवास्तव डॉक्टर उषा शुक्ला तथा विभाग की समस्त प्रवक्ताओं का सहयोग रहा।

*गौसेवा व मानव सेवा से बढ़ कर कोई धर्म नहीं : मुरारीलाल अग्रवाल*

कानपुर ।श्री अखण्ड सेवा समिति के तत्वाधान में श्री लम्बोदर महोत्सव बह्मनगर अखण्ड सेवा समिति द्वारा भगवान अष्टविनायक महाराज की स्थापना के पूरे विधि विधान से पूजन हुआ ।

महाराज गजानन के स्थापना के समय बाद केक काटकर लम्बोदर महाराज के उत्सव का शुभारम्भ किया गया।

इस अवसर पर समाज सेवी मुरारीलाल अग्रवाल ने भगवान श्रीगणेश की महा आरती की और भजनों पर झूमे व कलावा बंधवा कर आशिर्वाद लिया एवं प्रसाद रुपी केक को प्रसाद के रूप में सभी भक्तों में वितरित किया।

लम्बोदर महाराज की आरती पूजन में हजारों महिलाओं ने हिस्सा लिया। पूजन के बाद महाराज अष्टविनायक के स्वागत में आतिशबाजी हुईं।

आसमान में रंगबिरंगी छटा देखते ही बनी, मौके पर उपस्थित सभी भक्तों ने सदस्य जनों के साथ बाबा का जयघोष किया।कार्यक्रम में मुख्यरुप से पदाधिकारी धीरु शुक्ला, मोहित गाँधी, नीरज सूरी, नवनीत मिश्रा, प्रशान्त गुप्ता आदि मौजूद रहें।

*मक्का,बाजरा एवं ज्वार में लगने वाले प्रमुख कीट एवं उनका प्रभावी नियंत्रण*

कानपुर।चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति डॉक्टर आनंद कुमार सिंह के निर्देश के क्रम में कृषि विज्ञान केंद्र दलीपनगर कानपुर के कृषि वैज्ञानिक डॉ अजय कुमार सिंह ने मक्का,ज्वार, एवं बाजरा फसल में लगने वाले कीटों के नियंत्रण हेतु एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने बताया कि खरीफ मक्का 14049 हेक्टेयर, ज्वार 14676 हेक्टेयर एवं बाजरा की खेती जनपद में 21956 हेक्टेयर क्षेत्रफल में की जाती है।

उन्होंने बताया कि मक्के में कार्बोहाइड्रेट 70%, प्रोटीन 10% के अलावा अन्य पोषक पदार्थ भी पाया जाता है। जिसके कारण इसका उपयोग मनुष्य के साथ-साथ पशु आहार के रूप में भी किया जाता है। उन्होंने बताया कि तना छेदक कीट मक्के के लिए सबसे अधिक हानिकारक कीट है। मक्का के अलावा यह ज्वार एवं बाजरे मे भी हानि पहुँचाता है |

ध्यान देने वाली बात यह है कि इसकी सुंडियां 20 से 25 मिमी लम्बी और स्लेटी सफेद रंग की होती है। जिसका सिर काला होता है और चार लम्बी भूरे रंग की लाइन होती है। इस कीट की सुंडियाँ तनों में छेद करके अन्दर ही अन्दर खाती रहती हैं। फसल के प्रारम्भिक अवस्था में प्रकोप के फलस्वरूप मृत गोभ बनता है, परन्तु बाद की अवस्था में प्रकोप अधिक होने पर पौधे कमजोर हो जाते हैं और भुट्टे छोटे आते हैं एवं हवा चलने पर पौधा बीच से टूट जाता है।

इस कीट के नियंत्रण हेतु किसान भाई मक्का की फसल में संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करें। इसके रसायनिक नियंत्रण हेतु क्विनालफास 25 प्रतिशत, ई.सी. 1.5 ली. को 500 से 600 लीटर पानी में घोलकर छिडक़ाव करेें। उन्होंने बताया कि फॉल आर्मीवर्म ऐसा कीट है, जो कि एक मादा पतंगा अकेले या समूहों में अपने जीवन काल में एक हजार से अधिक अंडे देती है।

इसके लार्वा पत्तियों को किनारे से पत्तियों की निचली सतह और मक्के के भुट्टे को भी खाते हैं। इसकी लार्वा अवस्था ही मक्का की फसल को बहुत नुकसान पहुंचाती है। उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि संतुलित मात्रा में रासायनिक उर्वरकों का सही प्रयोग करें। खेत में पड़े पुराने खरपतवार और अवशेषों को नष्ट करें।

इस कीट के नियंत्रण के लिए रासायनिक कीटनाशक जैसे ट्रानिलिप्रोएल 5 प्रतिशत 0.4 मिली की दर से प्रति लीटर पानी या स्पिनेटोरम 11.7 प्रतिशत एस.सी. 0.5 मिली की दर से प्रति लीटर पानी या थायोमेथोक्जाम 12.6 प्रतिशत + लेम्डा साइहेलोथ्रिन मिक्चर 9.5 प्रतिशत जेड. सी. 0.25 मिली प्रति लीटर पानी में घोलकर छिडक़ाव करें। अथवा इमामे ट्रिन बेंजोएट 1 ग्राम 1 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव कर दें।मक्का, ज्वार तथा बाजरे की फसल के चारो तरफ गेन्दा या लोबिया की बुआई करने से भी कीट का नियंत्रण किया जा सकता है।हरे भुट्टे हेतु बोई फसल मे भुट्टा तोड़ने के 15 दिन पहले दवा का छिड़काव बंद कर दें |

*दीपिका फिजियोथैरेपी एंड चाइल्ड डेवलपमेंट सेंटर कार्यशाला का आयोजन*

कानपुर।दीपिका फिजियोथैरेपी एंड चाइल्ड डेवलपमेंट सेंटर द्वारा न्यूरो डेवलपमेंट थेरेपी पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला के मुख्य रिसोर्स पर्सन दिल्ली एम्स हॉस्पिटल के फिजियोथैरेपी डिपार्टमेंट के एच.ओ.डी. डॉ प्रभात रंजन उपस्थित रहे।कार्यशाला का उद्घाटन फिजियोथैरेपिस्ट वेलफेयर एसोसियन, उत्तर प्रदेश के महासचिव डॉ संतोष पांडेय ने किया । दीपिका सेंटर के डायरेक्टर डॉ नरेंद्र पांडे जी ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत एवं अभिनंदन किया।

उद्घाटन के पश्चात डॉ. प्रभात रंजन ने बताया कि बोबाथ कॉन्सेप्ट, जो न्यूरो डेवलपमेंटल थेरेपी (NDT) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लकवा (Stroke) रोगीओं के लिए खास महत्वपूर्ण होता है। यह कॉन्सेप्ट डॉ. कारेन बोबाथ और हर क्रिस्टिन बोबाथ द्वारा डेवलप किया गया था और इसका मुख्य उद्देश्य पैरालिसिस या हानिप्राप्त रोगियों के साथ मोटर न्यूरोरिहेबिलिटेशन (Motor Neurorehabilitation) को सुधारना है।

बोबाथ कॉन्सेप्ट का उद्देश्य रोगियों को उनके दैनिक कार्यों को स्वतंत्रता से करने में मदद करना होता है, जैसे कि खाना खाना, चलना, और अन्य सामान्य गतिविधियों को संभालना।इसलिए बोबाथ कॉन्सेप्ट लकवा रोगियों के लिए महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह उन्हें मोटर स्किल्स को फिर से प्राप्त करने और उनकी फंक्शनल इंडिपेंडेंस को बढ़ावा देने में मदद कर सकता ।इसका मुख्य लक्ष्य होता है मोटर स्किल्स को सुधारना, जिससे रोगी अधिक स्वतंत्र और स्वावलम्बी बन सकते हैं, और उनका दैनिक जीवन बेहतर बन सकता है।

वर्कशॉप के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री डॉ. राजकुमार पांडे ने बताया कि भविष्य में इस तरह की कार्यशाला का आयोजन समय- समय पर करते रहेंगे जिससे कि फिजियोथैरेपी की नई-नई तकनीकियों के बारे में जानकारी मिलती रहेगी तथा प्रतिभागी उससे अपने हुनर को निखार सकते हैं। कार्यशाला के ऑर्गेनाइजिंग को- सेक्रेटरी डॉ. सत्येंद्र उपाध्याय जी ने बताया कि हम सभी लोग प्रत्येक वर्ष के तीसरे माह में फिजियोथेरेपी के जागरूकता के लिए कार्यक्रम करते रहेंगे। डॉ. संतोष पांडे ने बताया कि इस तरह की कार्यशाला के आयोजन से जो नए फिजियोथैरेपिस्ट ट्रेनिंग लेकर आ रहे हैं उनको अच्छी तकनीक के बारे में जानकारी मिलने से आम आदमी को बेहतर फिजियोथैरेपी की सुविधा मिल पाएंगी।

डॉ. संतोष पांडेय जी ने दीपिका सेंटर के संस्थापक डॉ. नरेंद्र कुमार पांडेय जी का तथा उनकी टीम का धन्यवाद व्यक्त किया तथा उनसे उनकी टीम से कहा कि इस तरह की कार्यशाला निरंतर होने से फिजियोथैरेपी की चिकित्सा का विस्तार होगा और समाज में जिन लोगों को फिजियोथैरेपी की जरूरत होगी उनको बेहतर से बेहतर सुविधाएं मिल पाएंगी। इस कार्यशाला के आयोजन के दौरान कुसुम जनकल्याण समिति के वाइस प्रेसिडेंट एवं समाज सेविका श्रीमती पूजा श्रीवास्तव जी ने आए हुए सभी अतिथियों डॉक्टरों तथा मीडिया प्रभारी का आभार व्यक्त किया तथा दीपिका की पूरी टीम तथा वर्कशॉप के ऑर्गेनाइजिंग टीम को बहुत-बहुत धन्यवाद दिया। इस कार्यशाला में उत्तर प्रदेश के एवं बिहार राज्य के लगभग 100 फिजियोथैरेपिस्ट तथा डॉक्टर ने नई तकनीक के बारे में जानकारी प्राप्त की।

कार्यशाला में मुख्य रूप से डॉ. दिग्विजय शर्मा (डायरेक्टर हेल्थ साइंसेज सी.एस.जे.एम. यूनिवर्सिटी) कानपुर, एवं डॉ. निधिअग्रवाल(H.O.D.-फिजियोथैरेपी डिपार्मेंट, रामा यूनिवर्सिटी) कानपुर नगर, कानपुर के सीनियर फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. के.पी. सिंह , डॉ एस.डी. सिंह परिहार , डॉ अमित मिश्रा, डॉ अमित शुक्ला, डॉ मनीष राव, डॉ निधि खन्ना, डॉ रजनीश, डॉ गौतम चौधरी, डॉ अरविंद सिंह, डॉक्टर रजनीश, डॉक्टर आदि उपस्थित रहे।

कार्यशाला में आए हुए सभी सीनियर डॉक्टर का मोमेंटो एवं सॉल देकर स्वागत किया गया। कार्यशाला के अंत में दीपिका सेंटर के डायरेक्टर डॉ. नरेंद्र पांडे ने डॉ. राजकुमार पांडे, डॉ. सत्येंद्र उपाध्याय, डॉ. गौतम चौधरी, डॉ. प्रियल गंगवार, डॉ. अंकुर गौतम, डॉ. राजेश सिंह, डॉ. अरुण तिवारी, डॉ. नागेंद्र, डॉ. मनीष राव, डॉ. अरविंद सिंह, डॉ. गुरूदयाल तथा संपूर्ण ऑर्गेनाइजिंग टीम का तहे दिल से आभार व्यक्त किया की इन सभी लोगों के सहयोग से हमारी इस कार्यशाला ग्रैंड सक्सेस हुई।

*सीएसए के मशरूम शोध एवं विकास केंद्र में प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ*


कानपुर।चंद्रशेखर आजाद चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के पादप रोग विज्ञान विभाग के अंतर्गत मशरूम शोध व विकास केंद्र में छह दिवसीय मशरुम प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ हुआ।

जिसमें प्रदेश व देश के अन्य राज्यों से कृषकों ने सहभागिता की।तथा छात्राओं ने भी प्रशिक्षण प्राप्त किया।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता कृषि संकाय डॉक्टर सी एल मौर्य ने प्रशिक्षार्थियों से कहा कि यह प्रशिक्षण प्राप्त कर आप स्वयं का व्यवसाय स्थापित कर सकते हैं।

क्योंकि मशरूम में वे सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। इसलिए दिन प्रतिदिन इसकी मांग बढ़ती जा रही है। नोडल अधिकारी डॉ एस के विश्वास ने बताया कि यह प्रशिक्षण 6 दिवसी है जिसमें 65 प्रतिभागियों ने प्रतिभा किया है।

*धूम धाम से मना खाटू श्यामजी महोत्सव*

कानपुर।श्री श्याम जी सखा मंडल (पंजी.), कानपुर द्वारा 19वां श्री श्याम महोत्सव शहर के एक होटल में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया है। महोत्सव दोपहर एक बजे से अखंड ज्योत प्रज्वलित करके किया गया।

खाटू श्यामजी के श्रृंगार समेत एक तरफ गोपीनाथ जी दूसरे तरफ लीले असवार जी की मनमोहक झांकी थी।कोलकाता एवं जयपुर से आए कारीगरों द्वारा बाबा का भव्य दरबार तैयार था। जिसको देखते ही सभी भक्तजनों को खाटू मंदिर में उपस्थिति का एहसास हुआ । प्रभु श्याम को समर्पित छप्पन भोग एवं पंडाल में हो रही इत्र की फुहार से फागुन मेले का अहसास महोत्सव में नजर आया।खाटू श्यामजी उत्सव का प्रारंभ मंडल अध्यक्ष द्वारा ज्योत प्रज्वलित करके किया गया ।

तत्पश्चात कोलकाता से पधारे श्री जय शंकर जी चौधरी बनवारी द्वारा ये श्याम तूं अपने भगत को कोई नशा कराता जरूर है। जो भी खाटू जाकर आए उसे हल्का हल्का सुरूर है व जयपुर से पधारे श्री चैतन्य दाधीच जी द्वारा खाटू जावा दर्शन पावा नजर उतारा बाबा की, भजन गाकर एक जबरदस्त माहोल बनाया ।

इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए कोलकाता से आए रोहित शर्मा जिमी जी ने अकेली खड़ी रे मीरा बाई अकेली खड़ी हो मोहन आओ तो सही गिरधर आओ तो सही एवं अभिषेक शर्मा माधव जी द्वारा बाबा उन भक्तों के, वश में हो जाते है, रोज नियम से, श्याम को जो भी भजन सुनाते है। सभी भक्त गण भजनों की गंगा में डुबे थे।इसके बाद भजनों की श्रंखला में श्री श्याम सखा मंडल के राम पांडे द्वारा संभाली गई। इसी मस्ती को अगले चरण में ले जाते हुए निशान उत्सव, गजरा उत्सव एवं फूलों की होली द्वारा श्याम बाबा के गुणगान भक्ति की अमृत वर्षा की गई।

कार्यक्रम के प्रारंभ में शहर के अति गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे। रात्रि में शहर के वरिष्ठ समाजसेवी मुरारी लाल अग्रवाल ने भी बाबा श्याम की पूजा अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

महोत्सव का समापन महाआरती व प्रसाद वितरण के साथ हुआ। संस्था के सभी पदाधिकारी अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल, महामंत्री मनीष शर्मा, कोषाध्यक्ष अंकित अग्रवाल, उत्सव संयोजक निखिल रुहिया, अनेक सदस्य पूरी निष्ठा व लगन से जुड़े रहे।

विधि विधान से किया भगवान विश्वकर्मा की पूजा अर्चना

कानपुर | भगवान् विश्वकर्मा पूजा के उपलक्ष्य में नौबस्ता स्थित वी.एन. फर्नीचर एण्ड प्लाईवुड सेल्स में भगवान विश्वकर्मा का पूजन कार्यक्रम विधि विधान से किया गया। यह जानकारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से स्टोर निदेशक अमित शर्मा ने दी।

उन्होंने बताया कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा अर्चना में 400 ठेकेदार व कारपेन्टर सहित पूरा स्टाफ सम्मिलित रहा है और भगवान विश्वकर्मा की फूलों व मिष्ठान से पूजा अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया साथ ही प्रतिष्ठान में उपयोग होने वाली मशीनों व औजारों की भी पूजा की गई।

उन्होंने यह भी बताया कि इस मौके पर उपस्थित ठेकेदार व कारपेन्टरों को वुडप्लेक्स प्लाईवुड, जैनसन हार्डवेयर, महाकोल क्यूबा हार्डवेयर के प्रोडक्ट्स की जानकारी दी गई। वी.एन. फर्नीचर एण्ड प्लाईवुड सेल्स के निदेशक अमित शर्मा ने यह भी बताया कि हमारे यहां प्लाईवुड हार्डवेयर लेमिनेशन फैंसी हार्डवेयर की सभी रेंज उचित दाम पर उपलब्ध हैं तथा यह कानपुर दक्षिण का एकमात्र वी.एन. फर्नीचर एंड प्लाइवुड सेल्स शोरूम है।

सभी आए हुए ठेकेदार व कारीगरों गिफ्ट देकर सम्मानित किया गया। जिसमें क्यूबा से रोहित व तनिष्क तथा महाकोल से सूरज उपस्थित रहे।

सीएसए एवं बायर क्रॉप साइंस के संयुक्त तत्वाधान में हुआ वैज्ञानिक आउटरीच कार्यक्रम का आयोजन

कानपुर।चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर एवं बायर क्रॉप साइंस लिमिटेड के संयुक्त तत्वाधान में दिनांक 16 सितंबर 2023 को वैज्ञानिक आउट रीच कार्यक्रम आयोजित किया गया।

जिसका विषय नवीनतम तकनीकों का डिजिटलीकरण, स्वचालित मशीनें, यूएवी, यूजीवी, रोबोट का प्रयोग कर उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाना था। कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति डॉ आनंद कुमार सिंह द्वारा किया गया। कार्यक्रम में बायर क्रॉप साइंस लिमिटेड के विषय विशेषज्ञ श्री संजय कुमार, डॉ आर पी शर्मा एवं डॉक्टर अक्षिता बर्थवाल के साथ साथ विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारी, कर्मचारी एवं लगभग 255 छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया। कुलपति ने अपने उद्बोधन में बताया कि 137 करोड जनता का पेट भरने के लिए सीमित भूमि एवं प्राकृतिक संसाधनों को बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने के लिए डिजिटल एग्रीकल्चर की तरफ अग्रसर होना ही पड़ेगा। दूसरा कोई विकल्प नहीं।

चूकिं भारत में 86% जोत एक हेक्टेयर से भी कम है अतः विशेषज्ञों तथा वैज्ञानिकों को भारत की जोत के अनुसार तकनीकों तथा मशीनों का विकास करना होगा। विदेशों में बड़े-बड़े फार्म होते हैं जहां पर इस प्रकार की तकनीकों के इस्तेमाल में किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं आती है परंतु भारत में जोत कम होने के कारण ऐसे तकनीकों को आवश्यकतानुसार परिष्कृत कर ही किसानों को कम दाम में मुहैया कराने पर यहां की भी खेती फायदेमंद हो सकती है और कम समय में प्रति इकाई अधिक से अधिक उत्पादन लिया जा सकता है। उन्होंने छात्र-छात्राओं का आहवान किया कि आने वाले समय में आवश्यकता के अनुसार मानव संसाधन तैयार करने होंगे। छात्र-छात्राओं को देश का भविष्य बताते हुए उन्होंने यह भी कहा कि कृषि की तरफ कृषि शिक्षा की तरफ रुझान बढ़ाना ही होगा तभी हम देश की 137 करोड़ जनता को पोषण युक्त भर पेट भोजन मुहैया करा सकते हैं।

प्रोफ़ेसर सी एल मौर्य डीन एग्रीकल्चर ने समस्त अतिथियों का स्वागत करते हुए इस बात की पुरजोर वकालत की कि आज के मशीनी करण से आधुनिकीकरण से ऑटोमेशन से आने वाले समय में उत्पादन और उत्पादकता में आशातीत बढ़ोतरी होनी निश्चित है। वैज्ञानिकों द्वारा कृषि क्षेत्र में ऐसे ऐसे मशीनों का आविष्कार हो चुका है जिसके द्वारा क्षण भर में भूमि का तापमान, भूमि की क्षारीयता, भूमि में पोषक तत्वों का स्तर तथा उसका पीएच बहुत ही कम समय में पता चल जाता है जिससे किसान अपनी खेती किसानी अच्छी तरह से कर सकते हैं और आवश्यकतानुसार ही उर्वरक तथा कीटनाशी का प्रयोग कर अपनी उत्पादकता को बढ़ाने में सफल हो सकते हैं। बायर क्रॉप साइंस के विशेषज्ञों ने कृषि क्षेत्र में हो रहे नित नए परिवर्तनों से छात्र छात्राओं को अवगत कराया। इतना ही नहीं उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं को उनके फार्म पर चल रहे तकनीकी फूड उत्पादन एवं प्रयोग को देखने के लिए तथा सीखने के लिए आमंत्रित किया।

अंत में सभी प्रतिभागियों को डा रक्षिता ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रेषित किया कार्यक्रम का संचालन रुद्रांश शुक्ला आदि द्वारा किया गया कार्यक्रम में डॉ बलबीर सिंह, शक्ति सिंह, अंकित उपाध्याय, अंशु सिंह, रिशभ कुमार सिंह, अनुभव कुमार, कौशल कुमार, सर्वेश कुमार आदि उपस्थित रहे।