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केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर घोटाले का आरोप लगाकर बुरे फंसे राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, दिल्ली की अदालत से याचिका ख़ारिज

 राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया है। जिसकी सुनवाई कर रही एक अदालत ने इस मामले में सीएम गहलोत को बरी करने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। 

बता दें कि, केंद्रीय मंत्री शेखावत पर सीएम गहलोत ने संजीवनी घोटाले के आरोप लगाए थे। जिसके बाद शेखावत ने गहलोत को अपने आरोप साबित करने की चुनौती देते हुए कोर्ट में घसीट लिया और आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया। कोर्ट ने पहले इस मामले में गहलोत को समन जारी किया था। लेकिन, सीएम गहलोत ने इस आधार पर अदालत में खुद को बरी करने की याचिका दायर की थी कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 256 (शिकायतकर्ता की अनुपस्थिति या मृत्यु) के तहत कानून यह वारंट करता है कि किसी भी तारीख पर प्रतिवादी की अनुपस्थिति में, उचित कारण, जिसे अदालत ने शिकायतकर्ता के छूट आवेदन पर आदेश के रूप में स्वीकार किया है, आरोपी (गहलोत) को शिकायत मामले में बरी कर दिया जाना चाहिए।

 अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (ACMM) हरजीत सिंह जसपाल ने गहलोत द्वारा किए गए अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। जज के इनकार करने का कारण यह था कि एक मजिस्ट्रेट या एक शिकायत मामले को संभालने वाली आपराधिक अदालत को मामले की योग्यताओं की पूरी तरह से जांच किए बिना आरोपी को जल्दबाजी में बरी नहीं करना चाहिए। जज ने कहा कि, 'इस तरह के तकनीकी निपटान से केवल न्याय का गर्भपात होता है। ACMM जसपाल ने आदेश में कहा कि, माननीय उच्च न्यायालयों द्वारा बार-बार दबाव डाला जाता है कि वादी कानूनी अदालतों से तथ्यों के आधार पर विवादों का निपटारा करने की मांग करते हैं, न कि केवल तकनीकी आधार पर निपटान की मांग करते हैं।

कोर्ट ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 256 का उद्देश्य किसी परेशान करने वाले शिकायतकर्ता के हाथों मुकदमे को दुर्भावनापूर्ण तरीके से लंबा खींचने के खिलाफ आरोपी के हितों की रक्षा करना है और इसका उद्देश्य अदालत में शिकायतकर्ता की उपस्थिति सुनिश्चित करना है। शिकायत की कार्यवाही में, ऐसे अवसरों पर जहां मामले को आगे बढ़ाने के लिए शिकायतकर्ता की उपस्थिति आवश्यक है। कोर्ट ने कहा कि, 'यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि सीआरपीसी की धारा 256 द्वारा प्रदान किए गए विवेक का प्रयोग केवल उन स्थितियों में किया जा सकता है जहां अदालत का मानना ​​है कि शिकायतकर्ता की अनुपस्थिति जानबूझकर की गई है और लगातार मुकदमे के कारण आरोपी की पीड़ा को बढ़ाया जा रहा है। लेकिन मौजूदा मामले में ऐसा प्रतीत नहीं होता है।'

कोर्ट ने आगे कहा कि शिकायतकर्ता (शेखावत) का आचरण बहुत महत्वपूर्ण है और केवल दो तारीखों पर अनुपस्थिति, और वह भी तब जब शिकायतकर्ता का प्रतिनिधित्व उसके वकीलों द्वारा किया गया था और जब शिकायतकर्ता की उपस्थिति उस दिन की कार्यवाही के लिए आवश्यक नहीं थी, तो ऐसा नहीं किया जा सकता। इसे अभियुक्त को बरी करने के लिए सीआरपीसी की धारा 256 के तहत विवेक का प्रयोग करने का उचित आधार कहा जा सकता है। 

कोर्ट में जहाँ, सीएम गहलोत का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील मोहित माथुर ने 7 और 21 अगस्त को शिकायतकर्ता शेखावत की अनुपस्थिति के कारण गहलोत को बरी करने की मांग की, वहीं शेखावत का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने तर्क दिया कि सीआरपीसी की धारा 256 का चरण नोटिस तैयार होने के बाद ही शुरू होता है। और पहले नहीं और चूंकि इस मामले में अभी तक कोई नोटिस तैयार नहीं किया गया है, इसलिए सीआरपीसी की धारा 256 को लागू करने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। माथुर ने आगे तर्क दिया कि 'सुनवाई' शब्द हर कार्यवाही और हर तारीख को संदर्भित करता है जहां मामला अदालत के समक्ष सूचीबद्ध होता है और शिकायतकर्ता केवल इसलिए अनुपस्थिति या छूट की मांग नहीं कर सकता क्योंकि नोटिस अभी तक तैयार नहीं किया गया है।

हालाँकि, अदालत ने, सीएम गहलोत के वकील माथुर के तर्क को खारिज कर दिया और कहा कि मामला उक्त तारीखों पर दस्तावेजों की आपूर्ति और जांच के लिए सूचीबद्ध किया गया था और यह स्पष्ट रूप से शिकायतकर्ता के लिए सबूत पेश करने का अवसर नहीं था। अदालत ने कहा कि उक्त दोनों तारीखों पर शिकायतकर्ता के वकील मौजूद थे और इसलिए, यह कहा जा सकता है कि मामले को आगे बढ़ाने के लिए उक्त तारीखों पर शिकायतकर्ता की व्यक्तिगत उपस्थिति आवश्यक नहीं थी।

बता दें कि, इस तरह के भ्रष्टाचार के आरोप एक बार आम आदमी पार्टी (AAP) सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने भी नितिन गडकरी और अरुण जेटली पर लगाए थे। हालाँकि, जेटली और गडकरी दोनों ने कोर्ट में केजरीवाल को अपने आरोप साबित करने की चुनौती दे दी। केजरीवाल के पास अपने आरोप साबित करने के लिए कुछ था ही नहीं, तो उन्होंने लिखित में गडकरी और जेटली दोनों से माफ़ी मांग ली। हालाँकि, इस तरह के निराधार आरोपों से जनता भ्रमित होती है, जनता चाहती है भ्रष्टाचार मुक्त शासन, किन्तु इस तरह के हवा-हवाई आरोप केवल उसे गुमराह ही करते हैं। यदि कोई तथ्य है, कोई नेता भ्रष्टाचारी है, तो बाकायदा उसके खिलाफ अदालत में जाकर मुकदमा करना चाहिए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो, तथा जनता को भी अपना नेता चुनने में ग़लतफ़हमी न हो।

*जी 20 समिट में जस्टिन ट्रूडो ने खूब किया था ड्रामा, प्रेसिडेंशियल सुइट में नहीं नॉर्मल रूम में रुके थे*

#justintrudeaudeniedtostayinpresidentialsuiteinindiaduringg20summit

खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत पर सनसनीखेज आरोप लगाने वाले अनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो को लेकर चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।जस्टिन ट्रूडो ने इस महीने की शुरुआत में होटल ललित में खूब ड्रामा किया था। जी 20 समिट के लिए भारत आए ट्रूडो के लिए भारत ने प्रेसिडेंशियल सुइट बुक कर रखा था। हालांकि, ट्रूडो की सिक्योरिटी टीम ने पीएम के सुइट में रुकने से साफ मना कर दिया।

दरअसल, केंद्र और दिल्ली सरकार की तरफ से विदेशी नेताओं की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए उनके लिए इन कमरों को बुक कराया गया था। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुसार इन नेताओं को यही रुकना था, लेकिन जस्टिन ट्रूडो ने साफ मना कर दिया. ट्रूडो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के ललित होटल के रेगुलर रूम में रुके थे।

सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने कहा कि सेंट्रल दिल्‍ली के होटल ललित में जहां ट्रूडो रुके थे, वहां अडवांस्ड सिक्‍योरिटी शील्‍ड लगाई गई थी। इस शील्‍ड में बुलेटप्रूफ ग्लास था जिसमें पॉलीकार्बोनेट प्लास्टिक की मोटी परत थी और यह स्‍नाइपर की गोलियों का सामना कर सकती थी। फूलप्रूफ इंतजाम के लिए कई अन्‍य सुरक्षा उपकरण भी लगाए गए थे। हालांकि, ट्रूडो के प्रतिनिधिमंडल ने सुइट में न रुकने का फैसला किया और नॉर्मल रूम चुने। इससे भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चुनौती खड़ी हो गई।

रेगुलर रूम में रुकने का बताया ये कारण

कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के डेलीगेशन की तरफ से भारत की सुरक्षा एजेंसी को ये बताया गया कि खर्चे की वजह से ट्रूडो ने ये कदम उठाया है। हालांकि, भारत की सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि नार्मल रूम में रुकने की यही वजह थी या कुछ और इसके बारे में पूरी जानकारी नहीं है। 

जी20 शिखर सम्मेलन के बाद हुआ था काफी ड्रामा

यही नहीं, जी20 शिखर सम्मेलन के बाद काफी ड्रामा हुआ, क्योंकि ट्रूडो 36 घंटे की देरी के बाद ही कनाडा के लिए रवाना हो सके। उनके विमान में खराबी की सूचना मिली थी। उन्हें 10 सितंबर (रविवार) की रात को कनाडा निकलना था, लेकिन विमान में तकनीकी खराबी के कारण वह दिल्ली में ही फंस गए। विमान के उड़ान-पूर्व निरीक्षण के दौरान इस समस्या का पता चला, जिसके बाद अधिकारियों ने एयरबस विमान को उड़ान भरने से रोक दिया।भारतीय पक्ष ने कनाडाई पीएम ट्रूडो और उनके प्रतिनिधिमंडल को वापस उड़ान भरने के लिए विमान ‘एयर इंडिया वन’ की सेवाओं की पेशकश की थी, लेकिन कनाडाई पक्ष ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया. इसके बदले उन्होंने अपने बैकअप एयरक्राफ्ट का इंतजार किया

भारत-कनाडा विवाद पर बयान के बहाने चीन ने पश्चिमी देशों पर निकाली भड़ास, ग्लोबल टाइम्स ने कहा-'भारत के लिए अमेरिका का पाखंड उजागर'

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भारत-कनाडा के बीच विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा खालिस्तानी अलगावादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की जून में हुई हत्या में संभावित तौर पर भारतीय एजेंट के शामिल होने के आरोप के बाद दोनों देशों के राजनयिक संबंधों में और तनाव पैदा हो गया है।आज भारत सरकार ने इस मामलसे में सख्ती दिखाते हुए कनाडा के नागरिकों के लिए वीजा सेवा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।इस बीच चीन ने भी भारत-कनाडा विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने अपने आर्टिकिल के हेडलाइंस में लिखा है, कि भारत और कनाडा के बीच का बढ़ता विवाद अमेरिका के मूल्य आधारित गठबंधन के पाखंड को उजागर करता है।

वेबसाइट ने लिखा है, "भारत में सिख अल्पसंख्यक समुदाय है जिसकी आबादी 2 करोड़ से अधिक है. दुनिया भर में प्रवासी के रूप में रह रहे सिखों में कनाडा में सबसे ज्यादा सिख रहते हैं। कनाडा में सिख समुदाय महत्वपूर्ण राजनीतिक, वाणिज्यिक और आर्थिक प्रभाव रखता है।हाल के वर्षों में कनाडा में अलगाववादी खालिस्तान आंदोलन का फिर से जोर पकड़ना भारत और कनाडा के बीच विवाद का एक प्रमुख कारण बन गया है, जिससे दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।वहीं, ट्रूडो के इन आरोपों के बाद दोनों देशों के बीच तनातनी ने भारत-कनाडा संबंधों को और खतरे में डाल दिया है।

चीन के ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि भारत और कनाडा के बीच मुख्य विवाद कनाडा में सिख समुदाय के आसपास केंद्रित रहा है। जिन्हें भारत खालिस्तानी कहता है और जो मोदी सरकार का विरोध करते हैं और सिख अधिकारों की वकालत करते है। इन्हें कनाडा में प्राश्रय मिल रहा है। हाल के वर्षों में अलगाववादी खालिस्तान आंदोलन का पुनरुत्थान भारत और कनाडा के बीच विवाद का एक प्रमुख मुद्दा बन गया है, जिससे उनके द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। दोनों देशों के बीच चल रही तनातनी ने भारत-कनाडा संबंधों को और खतरे में डाल दिया है। पर्यवेक्षकों के अनुसार भारत में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मुलाकात का नहीं होना ही दोनों देशों के रिश्तों में खतरे का संकेत था। अब कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडों के आरोपों के बाद यह मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। 

आर्टिकिल में आगे लिखा गया है, कि पश्चिमी देश मानवाधिकारों के रक्षक होने का दावा करते हैं और अक्सर मानवाधिकार संबंधी मुद्दों पर दूसरे देशों की आलोचना करते हैं। भारत की तथाकथित "लोकतंत्र" के लिए उनकी प्रशंसा मुख्य रूप से भूराजनीतिक हितों और भारत को उनके चीन विरोधी गठबंधन में शामिल करने की इच्छा से प्रेरित है। ग्लोबल टाइम्स ने आगे सिंघुआ विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय रणनीति संस्थान में अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग के हवाले से लिखा है, कि अमेरिका, हाल के वर्षों में लोकतंत्र और स्वतंत्रता के सामान्य मूल्यों का झंडा लहरा रहा है, व्यापक सहयोग विकसित करने का प्रयास कर रहा है। चीन को रोकने के लिए भारत के साथ गठबंधन कर रहा है। लिहाजा, वे भारत में मानवाधिकारों के हनन और घरेलू जातीय अल्पसंख्यकों पर उल्लंघन के बारे में जो सोचते हैं, उस पर आंखें मूंदने को तैयार हैं, जो उनके तथाकथित सामान्य मूल्यों के आधार पर भारत के साथ पश्चिमी गठबंधन के पाखंड को उजागर करता है।

बता दें कि 18 जून 2023 को कनाडाई नागरिक और खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अब कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो ने संसद में बयान देकर भारत पर हत्या में शामिल होने का बेहद संगीन आरोप लगाया है। हालांकि भारत ने कनाडा के इन आरोपों को बेतुका, प्रेरित और आधारहीन बताकर तत्काल ही खारिज कर दिया था।

इंसान के दिमाग में माइक्रो चिप लगाएंगे मस्क, न्यूरालिंक को मिली क्लिनिकल ट्रॉयल की मंजूरी

#elonmuskgetsapprovalforbrainchip_testing

एलन मस्क आए दिन चर्चा में बने रहते हैं। ट्विटर को खरीदने से लकर उनका नाम बदलने तक मस्क हमेशा सुर्खियों में रहे हैं।अब एलन मस्क जल्द इंसानी दिमाग में कंप्यूटर चिप लगाने वाले हैं। मस्क की कम्पनी न्‍यूरालिंक को इंसानी दिमाग में चिप लगाने की अनुमति मिल चुकी है और कंपनी अब पहले व्यक्ति की खोज में है।

न्यूरालिंक ने बताया है कि उसने अपने डिवाइस के पहले ह्यूमन ट्रायल के लिए मरीजों की भर्ती शुरू कर दी है। एक स्वतंत्र समीक्षा बोर्ड ने न्यूरालिंक को डिवाइस की जांच के नाम पर क्लिनिकल ट्रायल की हरी झंडी दी है। कंपनी छह साल के अध्ययन में अपने एक्सपेरिमेंटल डिवाइस का परीक्षण करने के लिए लकवाग्रस्त से पीड़ित लोगों की तलाश कर रही है। एलन मस्क ने एक्स पर पोस्ट शेयर कर खुशी का इजहार किया है। उन्होंने लिखा कि पहले मानव मरीज को जल्द ही न्यूरालिंक डिवाइस मिलेगी। इसमें पूरे शरीर की गति को बहाल करने की क्षमता होती है। मस्क ने दो कदम आगे बढ़ते हुए दावा किया कि कल्पना कीजिए अगर स्टीफन हॉकिंग के पास यह होता।

स्टडी को पूरा होने में करीब 6 साल लगेंगे

न्यूरालिंक ने कहा कि जिन लोगों को सर्वाइकल स्पाइनल कॉर्ड की चोट या एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (ALS) के कारण क्वाड्रिप्लेजिया है, वे इस ट्रायल में हिस्सा ले सकते हैं। उनकी उम्र मिनिमम 22 साल होनी चाहिए। स्टडी को पूरा होने में करीब 6 साल लगेंगे। इस दौरान पार्टिसिपेंट को स्टडी रिलेटेड कॉस्ट, जैसे साइट तक आने-जाने का ट्रैवल एक्सपेंस मिलेगा।

दिमाग में ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस इम्प्लांट किया जाएगा

एलन मस्क की कंपनी ह्यूमन ट्रायल के तहत एक रोबोट के जरिए इंसानी दिमाग में ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस को इम्प्लांट करेगी। इसकी मदद से विचारों को एक्शन में कन्वर्ट किया जाएगा। शुरुआत में कंपनी का गोल चिप की मदद से एक्सटर्नल डिवाइसेस जैसे कीबोर्ड और माउस को कंट्रोल करना है। यानि विचारों के आधार पर ये डिवाइसेस अपने आप काम करेंगे।

सिक्के जैसा है आकार

न्यूरोलिंक की ओर से बनाए गए डिवाइस का आकार दिखने में सिक्के जैसा होगा। इस चिप को लिंक का नाम दिया जाएगा। ये डिवाइस कंप्यूटर, मोबाइल फोन या किसी अन्य उपकरण को ब्रेन एक्टिविटी (न्यूरल इंपल्स) से सीधे नियंत्रण करने में सक्षम होगा।

बता दें कि एलन मस्क ने 2016 में न्यूरोलिंक की शुरूआत की था, जो एक न्यूरोटेक्नोलॉजी कंपनी है। मस्क की ये कंपनी इम्प्लांटेबल ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस विकसित करने पर आधारित है।बता दें कि न्यूरालिंक अभी भी विकास के शुरुआता स्तर पर है । कंपनी फिलहाल BCI पर काम कर रही है, जिसे इंसानों में इंप्लान्ट किया जा सकता है।

कनाडा के खिलाफ भारत का बड़ा एक्शन, कनाडाई नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं पर लगाई अनिश्चित काल के लिए रोक निलंबित

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इन दिनों भारत और कनाडा के रिश्तों में तनाव बढ़ता ही जा रहा है।इस बीच मोदी सरकार बेहद एक्शन मोड में आ गई है। भारत ने कनाडा के नागरिकों के लिए वीजा सेवा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। भारत की तरफ से अबतक का यह बड़ा एक्शन है। केंद्र सरकार ने कहा है कि अगली सूचना तक कनाडा के नागरिकों के लिए वीजा सर्विस पर रोक रहेगी। इससे पहले भारत की ओर से कनाडा न जाने और वहां रहने वाले भारतीय नागरिकों के लिए विशेष एडवाइजरी भी जारी की जा चुकी है। बता दें कि खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की मौत पर विवाद लगातार बढ़ रहा है।

कनाडा में भारतीय वीजा सेवाओं के पोर्टल पर एक नोटिस प्रकाशित किया गया है। इसमें भारतीय मिशन्स को संबोधित करते हुए कहा गया कि परिचालन संबंधी कारणों से भारत का वीजा जारी करने की प्रक्रिया को अगले आदेश तक निलंबित किया जाता है। लोगों को अपडेट्स के लिए वेबसाइट पर नजर रखने के लिए कहा गया है। 

कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो द्वारा खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में भारत पर आरोप लगाए जाने के साथ ही एक शीर्ष भारतीय राजनियक को देश से निकाल दिया गया था। इसके बाद भारत ने भी कनाडा को उसी के लहजे में जवाब देते हुए उसके भी शीर्ष राजनयिक को देश छोड़ने का आदेश दे दिया था। तब से दोनों देशों के संबंध बेहद नाजुक होते गए हैं। अब भारत ने कनाडा के नागरिकों के लिए वीजा सेवा को निलंबित कर दिया है।

एक दिन पहले ही खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) की धमकी के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडा में रहने वाले भारतीयों और वहां पढ़ रहे भारतीय छात्रों के लिए ट्रैवल अडवाइजरी जारी की थी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडा में बढ़ रही भारत विरोधी गतिविधियों और हेट क्राइम को देखते हुए यह एडवाइजरी जारी की गई है।विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडा में बढ़ती भारत विरोधी गतिविधियों और राजनीतिक रूप से क्षमा किए जाने वाले घृणा अपराधों और आपराधिक हिंसा को देखते हुए, वहां मौजूद सभी भारतीय नागरिकों और यात्रा पर विचार करने वाले लोगों से अत्यधिक सावधानी बरतने का आग्रह किया जाता है। कनाडा में हाल ही में भारत विरोधी एजेंडे के खिलाफ आवाज उठाने वाले भारतीय राजनयिकों और भारतीय समुदाय के लोगों को निशाना बनाने वाले खतरे सामने आए हैं। ऐसे में भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वो कनाडा के ऐसे इलाकों में जाने से बचें, जहां इस तरह की घटनाएं हुई हैं। 

इससे पहले, भारत में आतंकवादी घोषित गुरपतवंत पन्नू ने एक वीडियो जारी कर वहां रहने वाले भारतीयों को धमकी दी। उसने वीडियो में वहां रहने वाले हिंदुओं से कनाडा छोड़ने को कहा। वीडियो में पन्नू को यह कहते सुना जा सकता है कि इंडो-हिंदू कनाडा छोड़ो, भारत जाओ। उसने कहा कि जो लोग न केवल भारत का समर्थन करते हैं, बल्कि खालिस्तान समर्थक सिखों के भाषण और अभिव्यक्ति के दमन का भी समर्थन कर रहे हैं। उन्हें तुरंत कनाडा छोड़ देना चाहिए। 

बता दें कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया है कि पश्चिमी कनाडा में इस साल जून में हुई एक खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ है। उनके इस बयान के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है।

बॉक्स ऑफिस पर अच्छी शुरुआत के बाद औंधे मुंह गिरी आयुष्मान की ड्रीम गर्ल 2, 27 वें दिन किया सिर्फ इतना कलेक्शन

 आयुष्मान खुराना और अनन्या पांडे की फिल्म ‘ड्रीम गर्ल 2’ को रिलीज हुए 27 दिन हो गए हैं। इसने बॉक्स ऑफिस पर शुरुआत तो काफी अच्छी की, लेकिन आगे बढ़ते-बढ़ते फिल्म की नाव डूब गई। हालांकि, फिल्म में आयुष्मान और अनन्या को जोड़ी दर्शकों को पसंद काफी आई और उन्होंने दोनों की काफी तारीफ भी की।

फिल्म ‘ड्रीम गर्ल 2’ जब सिनेमाघरों में रिलीज हुई, तो हर किसी को इससे काफी उम्मीद थी और यह लोगों की उम्मीद पर खरी भी उतरी। बता दें कि ‘ड्रीम गर्ल 2’ ने बॉक्स ऑफिस पर आते ही धमाल मचा दिया था। इसके साथ ही यह आयुष्मान खुराना के लिए भी उनके करियर की बेस्ट फिल्मों में से एक रही है, लेकिन जैसे ही शाह रुख खान की फिल्म ‘जवान’ रिलीज हुई, आयुष्मान की इस फिल्म की रफ्तार कम हो गई।

जवान’ ने डुबाया ‘ड्रीम गर्ल 2 का बिजनेस

शाह रुख खान की फिल्म ‘जवान’ ने आते ही आयुष्मान स्टारर फिल्म को तारे दिखा दिए और अब दिन-ब-दिन इस फिल्म का कलेक्शन कम हो रहा है। हालांकि, फिल्म ने रिलीज के पहले दिन ही 10.69 करोड़ का कारोबार किया था। इसके साथ ही धीरे-धीरे करते फिल्म ने 100 करोड़ के क्लब में भी एंट्री ली। अब फिल्म को इससे आगे बढ़ने में पसीने छूट रहे हैं।

27 दिन में घरेलू बॉक्स ऑफिस पर कलेक्शन

आयुष्मान खुराना और अनन्या पांडे की फिल्म ‘ड्रीम गर्ल 2’ को जल्द ही एक महीना पूरा होने वाला है। अभी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अपने 27 दिन पूरे कर लिए हैं। अगर इस फिल्म के घरेलू बॉक्स ऑफिस कलेक्शन की बात करें तो Sacnilk की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘ड्रीम गर्ल 2’ ने 27 दिन में सिर्फ 104.34 करोड़ का कारोबार किया है। फिल्म ने 27वें दिन सिर्फ 3 लाख का बिजनेस किया।

वर्ल्डवाइड ‘ड्रीम गर्ल 2’ का कलेक्शन

जिस तरह फिल्म घरेलू बॉक्स ऑफिस पर अपना दम नहीं दिखा पा रही, उसी तरह वर्ल्डवाइड भी ‘ड्रीम गर्ल 2’ ने कुछ खास कलेक्शन नहीं किया है। Sacnilk की रिपोर्ट के अनुसार, आयुष्मान की इस फिल्म ने वर्ल्डवाइड सिर्फ 138.8 करोड़ का कारोबार किया है।

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले दल बदल का सिलसिला जारी, पूर्व सांसद समेत कई नेताओं ने थामा कांग्रेस का दामन

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले दल बदलने का सिलसिला जारी है। कभी कांग्रेस भाजपा के खिलाफ सेंध लगा रही है, और कभी भाजपा कांग्रेस के किले को खदेड़ रही है। इसी दौरान फिर से कांग्रेस ने महाकौशल में भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका दिया है। बालाघाट के प्रमुख भारतीय जनता पार्टी नेता और पूर्व सांसद बोध सिंह भगत कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।

पूर्व सांसद बोध सिंह भगत को आज बुधवार को PCC में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कांग्रेस की सदस्यता दिलाई। इसके अतिरिक्त सामान्य निर्धन वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष शिव चौबे के भतीजे सुमित चौबे , बुधनी के जाट एवं भाजपा नेता राजेश पटेल , रीवा सरपंच संघ के अध्यक्ष दिलीप सिंह समेत कई सैकड़ों नेता समर्थकों ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।इस मौके पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा, भगत मेरे साथ संसद में भी रहे हैं। मैं इनका स्वागत करता हूं। दिलीप सिंह, शराफातुल्लाह खान, सुमित चौबे, राजेश पटेल, आशु बघेल, भीम सिंह पटेल, चंद्रशेखर पटेल, शाहिद सहित लंबी लिस्ट है। आप सब कांग्रेस से जुड़ कांग्रेस का साथ दे रहे हैं।

कमलनाथ ने कहा कि राज्य की तस्वीर आप सबके सामने है भ्रष्टाचार की कोई सीमा नहीं। शिवराज सिंह बोलते हैं- 1 लाख लोगों को प्रत्येक महीने रोजगार प्राप्त होता है। मैं बोलता हूं आप जो रिक्त पद हैं उनको ही भर दीजिए। अब यह सिस्टम बन गया कि पैसे दो और काम करो। पटवारी भर्ती में क्या हुआ। यह सब ने देखा है। किसानों को खाद बीज के लिए भटकना पड़ रहा है। शिवराज सिंह बोलते हैं मैं इन्वेस्टर सबमिट करता हूं। सब बेकार की बातें हैं यह आज हमें नजर आ रहा है। बीते चुनाव में राष्ट्रवाद, सर्जिकल स्ट्राइक की बात की थी तथा अब सनातन की बात करने लगे हैं। मुद्दों से ध्यान भटका रहे हैं। आप बेरोजगारी, महंगाई की बात कीजिए। ध्यान मोड़ने का प्रयास मत कीजिए। शिवराज सिंह मुंह बहुत चलाते हैं। मुंह चलाने में और सरकार चलाने में बहुत अंतर है।

गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, पीएम मोदी ने किया आमंत्रित

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इसी महीने सितंबर में G20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत आए थे। अब गणतंत्र दिवस पर यूएस प्रेसिडेंट मुख्य अतिथि हो सकते हैं। जिसकी जानकारी अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने दी है।

गणतंत्र दिवस 2024 के मौके पर दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन मुख्य अतिथि होंगे। पीएम मोदी ने जी20 समिट में शामिल होने के दौरान बाइडेन को न्योता दिया है। अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने बताया कि जी20 शिखर सम्मेलन से पहले द्विपक्षीय बैठक के दौरान पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) समारोह के लिए आमंत्रित किया।

अमेरिकी राष्ट्रपजि जो बाइडेन को 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के लिए पीएम मोदी की तरफ से दिया गया ये न्योता इसलिए भी खास है क्योंकि भारत अगले साल क्वाड की लीडरशिप समिट की मेजबानी करने वाला है।

इससे पहले जानकारों के हवाले से खबर सामने आई थी कि आने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के लिए सरकार क्वाड समूह के नेताओं को आमंत्रित करने पर विचार कर रही है।

 जी20 समिट में शामिल होने आए जो बाइडेन अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार भारत दौरे पर आए थे। वहीं अब अगले साल 26 जनवरी को उनका दूसरी बार भारत आना होगा। इससे पहले साल 2018 में गणतंत्र दिवस परेड के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था। हालांकि किसी कारणवश वे भारत नहीं आ पाए थे। उससे पहले साल 2015 में बराक ओबामा भारत के गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बने।

अब रेलवे स्टेशन में दिखा राहुल गांधी का “कुली” अवतार, आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर लाल शर्ट में उठाया यात्रियों का सामान

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ों यात्रा के बाद से आम लोगों से दुड़ने की हर संभव कोशिश करते दिख रहा हैं। राहुल गांधी हाल के दिनों में कभी ट्रैक्टर चलाते दिखे हैं, कभी ट्रक की सवारी की है, डिलीवरी बॉय के साथ स्कूटर की सवारी करते भी दिखे हैं। यही नहीं राहुल गांधी खेत में धान रोपतके भी दिख चुके हैं और लोगों ने उन्हें बाइक रिपोयर करते भी देखा है। इसी क्रम को आगे बढ़ते हुए आज कांग्रेस सांसद राहुल गांधी “कुली” अवतार में नजर आए।कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर कुलियों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने यात्रियों का सामान भी उठाया। जिसका वीडियो सामने आया है।

कांग्रेस पार्टी ने एक्स (ट्विटर) पर राहुल गांधी और कुलियों की मुलाकात की तस्वीर शेयर की है। कांग्रेस पार्टी ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ‘जननायक राहुल गांधी जी आज दिल्ली के आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर कुली साथियों से मिले। पिछले दिनों एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें रेलवे स्टेशन के कुली साथियों ने उनसे मिलने की इच्छा जाहिर की थी। आज राहुल जी उनके बीच पहुंचे और इत्मीनान से उनकी बात सुनी। भारत जोड़ो यात्रा जारी है।’

वीडियो में राहुल गांधी को कुली की लाल शर्ट पहनते हुए देखा जा सकता है और एक दूसरा शख्स उनकी मदद करता भी दिख रहा है। इतना ही नहीं कांग्रेस नेता ने कुली का बैज भी लगाया, साथ ही यात्रियों का सामान उठाते हुए भी नजर आए।

कांग्रेस नेता आए दिन वह आम लोगों से मिलते नजर आते हैं। हाल ही में उन्होंने एक सब्जी विक्रेता और उनकी पत्नी को अपने घर बुलाया था। उनके साथ लंच किया था और बातचीत की थी। इससे पूर्व उन्होंने हरियाणा में ट्रैक्टर चलाया था और किसानों के साथ खेत में धान को रोपनी की थी। इसके बाद उन्होंने मोटर मैकेनिकों से भी मुलाकात की थी। राहुल गांधी दिल्ली स्थित करोलबाग में मोटरसाइकिल मैकेनिकों के साथ बातचीत करते हुए नजर आए थे।इससे पहले राहुल गांधी दिल्ली से चंडीगढ़ की यात्रा के दौरान ट्रक में यात्रा करते नजर आए थे। राहुल गांधी ने ट्रक ड्राइवरों से कई मामलों पर बात की और उनकी समस्याएं सुनीं। कर्नाटक चुनाव के दौरान राहुल बेंगलुरु में एक डिलीवरी बॉय के साथ स्कूटर की सवारी करते देखे गए थे, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

भारत से फरार एक और गैंगस्टर की कनाडा में हत्या, खालिस्तानी आतंकियों का मददगार था सुखदूल सिंह, हमलावरों ने मारीं 15 गोलियां

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कनाडा में एक और खालिस्तानी समर्थक की हत्या कर दी गई है। पंजाब से 2017 में जाली पासपोर्ट के सहारे कनाडा फरार हुए गैंगस्टर सुखदूल सिंह उर्फ सुक्खा दुनेके का कत्ल कर दिया गया है। सुक्खा दुनुके की कनाडा के विनिपिग में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। आरोपियों ने सुखदूल सिंह उर्फ सुक्खा दुनेके को लगभग 15 गोलियां मारीं हैं। आरोपी सुक्खा खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डाला का राइट हैंड था और एनआईए की वॉटेंड लिस्ट में शामिल था। सुक्खा कनाडा में बैठकर भारत में अपने गुर्गों के जरिए रंगदारी या उगाही का काम भी करता था।

कुछ ही दिनों पहले कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई थी। इसको लेकर भारत और कनाडा के बीच रिश्ते भी खराब होते जा रहे हैं। इस बीच सुखदूल की हत्या भी निज्जर के जैसी ही हुई है।

बता दें कि कई महीने पहले, पंजाब पुलिस ने कनाडा से लंबे समय से काम कर रहे 7 गैंगस्टरों की पहचान की थी। इस लिस्ट में लखबीर सिंह उर्फ लांडा, गोल्डी बराड़, चरणजीत सिंह उर्फ रिंकू रंधावा, अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डाला, रमनदीप सिंह उर्फ रमन जज, गुरपिंदर सिंह उर्फ बाबा दल्ला के अलावा सुखदुल सिंह उर्फ सुक्खा दुनेके भी शामिल था। माना जाता है कि ये लोग पंजाब में विभिन्न आपराधिक गतिविधियों से जुड़े हुए हैं। सुखदूल पर खालिस्तानियों को मदद पहुंचाने के भी आरोप लगे थे। सुखदूल सिंह का संबंध मोस्ट वांटेड अर्श डल्ला गैंग से था जो राष्ट्रीय जांच एजेंसी के रडार पर है।

एनआईए ने घोषित किया इनाम

खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज करते हुए एनआईए ने कल ही यानी बुधवार 20 सितंबर को अर्श डल्ला गैंग पर 10 लाख का इनाम रखा था।एनआईए ने हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंडा और लखबीर सिंह संधू उर्फ लांडा सहित बब्बर खालसा इंटरनेशनल के पांच कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को नकद इनाम देने की घोषणा की थी। इसके अलावा जांच एजेंसी ने 43 गैंगस्टर्स के साथ सुखदूल फ़ोटो भी जारी की गई थी।

खालिस्तानी संगठनों की ओर था दुनिके का झुकाव

दुनिके साल 2017 में फर्जी दस्तावेजों की मदद से भारत से कनाडा भाग गया था। दुनिके पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान में दविंदर बंबीहा गिरोह को सहायता पहुंचाने सहित फंडिंग देकर मजबूत कर रहा था। रिपोर्ट के मुताबिक दुनिके का झुकाव खालिस्तानी समर्थक संगठनों की ओर भी था। हालांकि, वो ज्यादातर जबरन वसूली के लिए दूसरे को कॉल करता था और कॉन्ट्रेक्ट किलिंग में शामिल रहता था। दुनिके अपने सहयोगियों की मदद से पंजाब और आसपास के राज्यों में अपराधों को अंजाम देने का काम कर रहा था। पिछले साल 14 मार्च को दुनिके ने जालंधर के मल्लियां गांव में एक कबड्डी मैच के दौरान अपने साथियों की मदद से कबड्डी खिलाड़ी संदीप सिंह नंगल की हत्या की साजिश रची थी। उसके खिलाफ पंजाब और आसपास के राज्यों में हत्या और अन्य गंभीर अपराधों के 20 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे।

29 गैंगस्टरों ने विदेशों में ले रखी है शरण

पंजाब क्षेत्र और आसपास के कम से कम 29 गैंगस्टर हैं, जो कानून से बचने के लिए भारत के बाहर शरण ले रहे हैं। वे या तो भारतीय पासपोर्ट पर या नकली-जाली यात्रा दस्तावेजों की मदद से कई सालों पहले नेपाल के रास्ते भारत छोड़कर दूसरे मुल्क चले गए थे। एक रिपोर्ट के रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर के 10 अलग-अलग देशों में भारत से भागे हुए गैंग्स्टर रह रहे हैं। इनमें से 8 कनाडा में, 11 अमेरिका, 2 ऑस्ट्रेलिया, 1 पाकिस्तान, 2 मलेशिया, 1यूएई, 1 हांगकांग, 1 इटली-पुर्तगाल, 1 इंडोनेशिया और 1 जर्मनी में हैं।