शौकत की कहानी झुग्गियों से शुरू हुई: होप फाउंडेशन के जरिए शिक्षा की जगा रहे हैं अलख
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गया। जब हम 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाते हैं, तो हमें उन अनगिनत व्यक्तियों की याद आती है, जिन्होंने अपना जीवन युवा दिमागों को आकार देने, जिज्ञासा की चिंगारी जलाने और उज्जवल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने के लिए समर्पित कर दिया। ऐसे लोगों में शौकत अली भी शामिल हैं, जो शिक्षा के क्षेत्र में आशा की किरण बने हुए हैं। शौकत अली न सिर्फ आशा की किरण बने हुए हैं, बल्कि लगातार अपने होप फाउंडेशन के जरिए शिक्षा की अलख भी जगाए हुए हैं।
शिक्षण की दुनिया में शौकत अली की यात्रा, शिक्षा की शक्ति और एक व्यक्ति कई लोगों के जीवन पर कितना गहरा प्रभाव डाल सकता है, इसका प्रमाण है, उनकी कहानी। शौकत की कहानी झुग्गियों से शुरू हुई, जहां उन्होंने आर्थिक और संसाधन से वंचित बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। अपने दोस्तों के साथ, उन्होंने इन बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के मिशन के साथ होप फाउंडेशन की स्थापना की। शौकत बताते हैं कि शिक्षा उनके लिए सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि आजीवन प्रतिबद्धता है। उन्होंने शुरुआत में ही शिक्षा के महत्व को महसूस किया और अपने छात्र जीवन के दौरान बच्चों को मुफ्त पढ़ाना शुरू कर दिया। जैसे-जैसे वे उच्च शिक्षा की ओर बढ़ते गए, शिक्षण के प्रति उनका जुनून और भी मजबूत होता गया।
शौकत ने अपने दोस्तों के अटूट समर्थन से न सिर्फ अपने सपने को आकार दिया, बल्कि सैंकड़ों बच्चों के भविष्य के लिए होप फाउंडेशन की स्थापना की। उन्होंने बताया कि संगठन का प्राथमिक ध्यान सुदूर और वंचित क्षेत्रों में शिक्षा की अलख जगाना, जागरूकता पैदा करना, ज्ञान और विकास की मशाल जलाना है। इस उद्देश्य के प्रति समर्पित शौकत के दोस्तों की भागीदारी ने होप फाउंडेशन की नींव को मजबूती प्रदान की। आज, होप फाउंडेशन आत्मनिर्भरता का एक चमकदार उदाहरण बनकर खड़ा है, जिसमें प्रत्येक सदस्य अपनी आय से योगदान दे रहा है। संगठन की पहुंच उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल समेत चार भारतीय राज्यों में झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों तक फैली हुई है। होप फाउंडेशन पारंपरिक शिक्षा से अलग छात्रों के लिए आशा और महत्वाकांक्षा का संदेश फैलाते हुए कैरियर परामर्श कार्यक्रमों का भी आयोजन करता है। उन्होंने बताया कि भविष्य में तकनीक और विज्ञान की आपार संभावनाओं को देखते हुए होप फाउंडेशन कंप्यूटर शिक्षा पेश करने के लिए योजना बना रहा है।
होप फाउंडेशन की ग्रामीण क्षेत्रों में युवा लड़कियों के लिए कंप्यूटर शिक्षा शुरू करने, उन्हें आवश्यक डिजिटल कौशल से लैस करने और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने की महत्वाकांक्षी योजना है। इसके अलावा, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए एक लाइब्रेरी की योजना भी पाइपलाइन में है। बता दें कि होप फाउंडेशन का प्रभाव केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है। उन्होंने स्वास्थ्य शिविरों, वनीकरण और आपदा राहत प्रयासों में महत्वपूर्ण कार्य किया है।
कोविड-19 महामारी के दौरान, संगठन ने समाज के कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का उदाहरण पेश करते हुए विभिन्न जिलों में लोगों को आवश्यक आपूर्ति वितरित की। शौकत अली की यात्रा शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति और शिक्षकों की ओर से अपने छात्रों और समुदायों पर पड़ने वाले अविश्वसनीय प्रभाव की याद दिलाती है। उनके समर्पण और अथक प्रयासों ने अनगिनत युवा मनों में आशा और अवसर लाया है। शिक्षकों के इस उत्सव में, आइए हम शौकत अली जैसे व्यक्तियों को पहचानें और उनका सम्मान करें, जो शिक्षा के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता के माध्यम से हम सभी को सितारों तक पहुंचने के लिए प्रेरित करते हैं, चाहे हम कहीं से भी आएं। शिक्षक दिवस की मुबारकबाद।
रिपोर्ट: अरविंद कुमार सिंह।




Sep 04 2023, 20:34
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