प्रज्ञान के बाद विक्रम भी आज से 18 दिन की नींद में सोया, इसरो ने बताया-कब जागेगी ये जोड़ी?
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चांद पर प्रज्ञान को सुलाने के बाद आज विक्रम लैंडर को भी सुला दिया। 23 अगस्त को चंद्रमा पर सफल लैंडिंग के बाद आज विक्रम चांद पर 18 दिन की लंबी नींद में चला गया। नींद में जाने से पहले इसरो के वैज्ञानिकों ने आज सुबह चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के ‘विक्रम’ लैंडर की एक बार फिर सॉफ्ट लैंडिंग कराई गई। इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 मिशन का ‘विक्रम’ लैंडर स्लीप मोड में चला गया है। इससे पहले रोवर ‘प्रज्ञान’ शनिवार को सुप्तावस्था में चला गया था। बता दें कि चांद पर अब रात हो गई है।
लैंडर के रिसीवर को रखा गया है चालू
इसरो ने 23 अगस्त को लैंड करने के बाद रोवर प्रज्ञान के निकलने के समय और आज की तस्वीर को भी शेयर किया। इसरो ने एक्स पर लिखा, विक्रम लैंडर भारतीय समयानुसार सुबह करीब आठ बजे सुप्तावस्था में चला गया। इससे पहले चास्ते, रंभा-एलपी और इलसा पेलोड द्वारा नये स्थान पर यथावत प्रयोग किये गये। जो आंकड़े संग्रहित किये गये, उन्हें पृथ्वी पर भेजा गया। पेलोड को बंद कर दिया गया और लैंडर के रिसीवर को चालू रखा गया है। इसके साथ ही इसरो ने बताया कि सौर ऊर्जा खत्म हो जाने और बैटरी से भी ऊर्जा मिलना बंद हो जाने पर विक्रम प्रज्ञान के पास ही निष्क्रिय अवस्था में चला जाएगा। उनके 22 सितंबर, 2023 के आसपास सक्रिय होने की उम्मीद है।
विक्रम ने चांद रपर दोबारा लैंडिंग
स्लीप मोड में जाने से पहले विक्रम में चांद पर फिर सॉफ्ट लैंडिंग की थी। इसरो ने बताया कि लैंडर के इंजनों को दोबारा चालु किया गया और इसके बाद उसने खुद को लगभग 40 सेमी ऊपर उछाला और 30-40 सेमी के बाद सुरक्षित रूप से लैंड करा दिया। दोबारा सॉफ्ट लैंडिंग से यह साबित हो गया कि लैंडर के अंदर लगे सभी उपकरण बिलकुल ठीक हैं और सभी सक्रिय हैं।
23 अगस्त को हुई थी लॉन्चिंग
बता दें कि 14 जुलाई को चंद्रयान-3 लॉन्च किया गया था। इसरो के वैज्ञानिकों ने 23 अगस्त शाम 6 बजकर 3 मिनट पर चांद के सतर पर सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रच दिया था। लैंडर विक्रम के चांद पर उतरने के करीब चार घंटे बाद रोवर प्रज्ञान ने चांद पर कदम रखा था। जिसके बाद रोवर प्रज्ञान और लैंडर विक्रम ने अब तक का काम पूरा कर लिया है। रोवर की ओर से धरती पर अब तक जो भी जानकारी भेजी गई है उस पर अध्ययन किया जा रहा है। बता दें कि रोवर प्रज्ञान ने ऑक्सीजन के साथ-साथ चांद के दक्षिणी ध्रुव पर एल्युमिनियम, आयरन, टाइटेनियम, कैल्शियम, मैगनीज, सिलिकॉल और सल्फर का पता लगाया है। इस खोज के साथ ही भारत दुनिया का पहला देश है जिसने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर ऑक्सीजन के सबूत दिए हैं। इसरो का अगला पड़ाव चांद के इस हिस्से में जीवन के सबूत खोजना है।
Sep 04 2023, 20:15