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आरएसएस नेता कृष्ण गोपाल का बड़ा बयान, कहा-इस्लामी आक्रमणों के कारण भारतीय समाज में आई बाल विवाह और सती प्रथा जैसी बुराईयां

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आरएसएस के संयुक्त महासचिव कृष्ण गोपाल ने भारतीय समाज में व्याप्त कुछ बुराइयों को लेकर बड़ा बयान दिया है। रविवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम नारी शक्ति संगम के दौरान कृष्ण गोपाल ने महिला सशक्तिकरण विषय पर चर्चा की। बातचीत के दौरान संयुक्त महासचिव ने कहा कि इस्लामी आक्रमणों के कारण भारतीय समाज में बाल विवाह, सती, विधवा पुनर्विवाह पर प्रतिबंध और महिलाओं में अशिक्षा जैसी परंपराएं घर कर गईं।

आरएसएस नेता ने कही ये बड़ी बात

कृष्ण गोपाल ने मध्यकाल को एक बहुत ही कठिन समय बताते हुए कहा, पूरा देश पराधीनता से जूझ रहा था। मंदिरों को ध्वस्त कर दिया गया, बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों को नष्ट कर दिया गया और महिलाओं को खतरे में डाल दिया गया। दुनिया भर में लाखों महिलाओं का अपहरण कर उन्हें बाजारों में बेच दिया गया। चाहे वह अहमद शाह अब्दाली, मुहम्मद गौरी या महमूद गजनी हो, इन सभी ने यहां से महिलाओं को ले जाकर दुनिया भर के बाजारों में बेचा। वह अत्यंत अपमान का युग था।उन्होंने कहा कि इसलिए, महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के लिए हमारे समाज द्वारा उन पर कई प्रतिबंध लगाए गए और इसके परिणामस्वरूप उन्होंने स्कूलों, गुरुकुलों में जाना बंद कर दिया और अशिक्षित हो गईं। 

इस्लामी आक्रमण से पहले ऐसी ती महिलाओं की स्थिति

आरएसएस नेता ने यह भी दावा किया कि बाल विवाह की प्रथा तब शुरू हुई जब लोग अपनी बेटियों को आक्रमणकारियों से बचाने के लिए कम उम्र में ही उनकी शादी कर देते थे। युद्धों में बड़ी संख्या में पुरुषों के मारे जाने के कारण विधवाओं के पुनर्विवाह पर प्रतिबंध लगा दिया गया, जिसके बाद पुरुषों की कमी हो गई। इस्लामी आक्रमण से पहले महिलाएं शास्त्रार्थ (विद्वानों की बहस) में भाग लेती थीं और यहां तक कि वेदों को श्लोक भी देती थीं।

उन्होंने कहा, हमारे देश में सती प्रथा नहीं थी, लेकिन जौहर (आत्मदाह) होने लगे, महिलाएं सती होने लगीं।

पश्चिमी संस्कृति के खिलाफ चेतावनी दी

उन्होंने याद दिलवाया कि प्रतिबंधों के बावजूद, 12वीं और 18वीं शताब्दी के बीच महिलाओं ने समाज में एक बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने कहा 13वीं शताब्दी में, संत रामानंद, जिनके शिष्यों में कबीर और रविदास थे, के पास कई महिला शिष्याएं भी थीं। जिन्होंने वैष्णव विचार को बड़े पैमाने पर फैलाया।इस काल में बहुत सी महिलाएं थीं, जिन्होंने सामाजिक सुधार में योगदान दिया और संत बन गईं। गोपाल ने पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा, “हमारे देश की महिलाओं को पश्चिमी प्रभाव के खिलाफ सावधान रहना होग। हमें प्रगति करनी होगी। आप प्रौद्योगिकी का उपयोग करें, विमान उड़ाएं, जहाज चलाएं, इसरो में जाएं, वैज्ञानिक, डॉक्टर या इंजीनियर बनें। आपको जो अच्छा लगे वो करें। लेकिन एक स्त्री के स्वरूप में ही। स्त्री घर की धुरी होती है, ये याद रखें। वह महिला ही है, जो बच्चों और परिवार को संस्कार देती है। आरएसएस के संयुक्त महासचिव ने आगे कहा कि रसोई का प्रबंधन करना करियर प्रबंधन के समान ही महत्वपूर्ण है।

*धीरेंद्र शास्त्री को मिली जान से मारने की धमकी, बरेली के अनस अंसारी को पुलिस ने किया गिरफ्तार

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बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री आए दिन अक्सर ही अपने बयानों के चलते सुर्खियों का हिस्सा बने रहते हैं। वहीं अब बाबा बागेश्वर को एक युवक ने मारने की धमकी दी है। उत्तर प्रदेश के बरेली में एक युवक ने सनातन धर्म के प्रचारक पंडित धीरेंद्र शास्त्री को हत्या की धमकी दी है।पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर रविवार को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

आरोपी को पुलिस ने दबोचा

पुलिस के अनुसार, हाफिजगंज थाना क्षेत्र के रिठौरा निवासी अनस अंसारी ने इंस्टाग्राम पर धमकी भरा पोस्ट लिखा कि बाबा पर मौत मंडरा रही है।बरेली के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राज कुमार अग्रवाल ने बताया कि हाफिजगंज थाना क्षेत्र के रिठौरा निवासी अनस अंसारी ने इंस्टाग्राम पर धीरेंद्र शास्त्री को लेकर भड़काऊ बात लिखी और शास्त्री को जान से मारने की धमकी भी दी।अग्रवाल ने कहा कि इस मामले में पुलिस ने हाफिजगंज थाने में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 295 ए ( धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर आहत करना), 504 (शांतिभंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2008 की प्रासंगिक धारा के तहत मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

हिंदू संगठनों ने की थी शिकायत

बाबा बागेश्वर को दी गई इस धमकी के बाद हिंदू संगठनों में आक्रोश था। उनकी ओर से ट्वीट करके पुलिस से आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई थीं। मामले में हिंदू जागरण मंच और विश्व हिंदू परिषद की ओर से पुलिस से शिकायत की गई। विवादित पोस्ट की स्क्रीन शॉट को ट्वीट करके बरेली पुलिस, आईजी, एडीजी और डीजीपी को टैग करते हुए आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थीं। 

आतंकी एंगल तो नहीं ?

वही इंटेलिजेंस भी मामले की छानबीन में जुट गई है। ये पता लगाया जा रहा है कि अनस अंसारी किसी आतंकी संगठन से तो जुड़ा हुआ नहीं है।

चंद्रयान-3 लॉन्चिंग के काउंटडाउन में सुनी गई आवाज खामोश, इसरो की वैज्ञानिक का कार्डिएक अरेस्ट से निधन

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चंद्रयान-3 हो या इसरो का कोई भी सेटेलाइट लॉन्चिंग। जब पूरी दुनिया की निगाहें रॉकेट की तरफ रहती हैं तो कानों में एक ही आवाज आती है। यह आवाज होती है काउंटडाउन की। इसरो के जितने भी लॉन्च होते थे, उनके काउंटडाउन के दौरान जो आवाज़ सुनाई देती थी, वो अब लोगों को सुनाई नहीं देगी। यह आवाज हमेशा के लिए शांत हो गई है। इसरो की वैज्ञानिक वलारमती का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है।

इसरो ने जताया दुख

वलारमथी के निधन पर इसरो ने बताया कि रॉकेट लॉन्च काउंटडाउन के पीछे की प्रतिष्ठित महिला आवाज को श्रीहरिकोटा से भविष्य के मिशनों में नहीं सुना जाएगा। वलारमथी मैम के अप्रत्याशित निधन के साथ, आवाज अनंत काल के लिए फीकी पड़ गई है! वलारमती मैम का शनिवार शाम चेन्नई के एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।वैज्ञानिक वलारमथी का अंतिम मिशन चंद्रयान-3 ही था, जो 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से लॉन्च हुआ था।

इसरो के पूर्व डायरेक्टर ने जताया शोक

तमिलनाडु के अलियायुर से आने वालीं वलारमथी ने शनिवार को चेन्नई में अंतिम सांस ली।इसरो के पूर्व डायरेक्टर पी.वी. वेंकटकृष्णन ने ट्वीट कर वलारमथी के निधन पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने लिखा कि श्रीहरिकोटा में इसरो के आने वाले मिशनों के दौरान अब काउंटडाउन में वलारमथी मैडम की आवाज़ नहीं आएगा। चंद्रयान-3 उनका फाइनल अनाउसमेंट था। ये काफी दुख का क्षण है। प्रणाम।

कई वर्षों तक इसरो टीम का एक अभिन्न हिस्सा रहीं

वलारमथी अपने सहयोगियों के बीच 'मैम' के नाम से भी जानी जाती थीं। कई वर्षों तक इसरो टीम का एक अभिन्न हिस्सा रहीं। आत्मविश्वास और अधिकार से भरी उनकी विशिष्ट आवाज ने इसरो के कई सफल रॉकेट प्रक्षेपणों का मार्गदर्शन किया है। उन्होंने देश की अंतरिक्ष अन्वेषण यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चेन्नई में जन्मी और पली-बढ़ी, वलारमती को कम उम्र से ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी का शौक था। उन्होंने इंजीनियरिंग में अपनी शिक्षा प्राप्त की और एक युवा उम्र में ही इसरो में शामिल हुईं। इन वर्षों में, वह अपने सटीक काउंटडाउन और अपने काम के प्रति अटूट समर्पण के साथ संगठन के लिए एक अमूल्य संपत्ति बन गईं।

*आज जनता के दरबार में हाजिर होंगे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, इन विभागों से जुड़े मामलों पर लोगों की सुनेंगे फरियाद* डेस्क : आज एकबार फिर मुख्यमं

डेस्क : आज एकबार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता के दरबार में हाजिर होकर फरियादियों की शिकायत सुनेंगे और संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई का निर्देश देंगे। 

आज महीने का पहला सोमवार होने के नाते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गृह, पुलिस, राजस्व एवं भूमि सुधार, मद्य निषेध, निबंधन एवं उत्पाद, खान एवं भूतत्व और सामान्य प्रशासन आदि विभागों से जुड़ी लोगों की समस्याएं सुनेंगे। साथ ही इन समस्याओं के तत्काल निष्पादन सुनिश्चित करने का निर्देश वह संबंधित पदाधिकारियों को देंगे।

सीएम नीतीश कुमार के जनता दरबार में आज भी सीमित लोगों को ही बुलाया गया है। जिन लोगों ने पहले से रजिस्ट्रेशन कराया है और कोविड का टीका लिया है उन्हीं लोगों को जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में आने का मौका दिया गया है।

एशिया कप 2023 के वेन्यू में हो सकता है बदलाव, कोलंबो में बाढ़ के हालात

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श्रीलंका और पाकिस्तान में खेले जा रहे एशिया कप के वेन्यू में बदलाव किए जा सकते हैं। पहले यह टूर्नामेंट पूरा पाकिस्तान में खेला जाना था, लेकिन टीम इंडिया द्वारा पाकिस्तान का दौरा करने से मना किए जाने के बाद एसीसी ने श्रीलंका को भी नए वेन्यू के तौर पर जोड़ लिया था। लेकिन श्रीलंका में होने वाले मैचों में बारिश एक बड़ी परेशानी के रूप में सामने आई है। कोलंबो में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है। ऐसे में मौजूदा एशिया कप 2023 में सुपर फोर मैचों को शिफ्ट किए जाने की संभावना है। भारत और पाकिस्तान के बीच लीग स्टेज का मैच बारिश के कारण पूरा नहीं खेला जा सका। जिस कारण मुकाबले को रद्द कर दिया गया और दोनों ही टीमों में प्वाइंट्स बांट दिए गए। सुपर-4 का पहला मैच लाहौर में और फाइनल समेत सभी मुकाबले कोलंबो में होना है।

कोलंबो में भारी बारिश

श्रीलंका के कोलंबों में बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालांत हैं। ऐसे में सुपर फोर में होने वाले कई मुकाबलों पर बारिश का खतरा मंडरा रहा है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार एशियन क्रिकेट काउंसिल एशिया कप के सुपर-4 मैचों का वेन्यू बदलने पर विचार कर रही है। जिसे लेकर आने वाले दो दिनों के अंदर फैसला लिया जा सकता है। एशिया कप के सुपर फोर के मुकाबलों को कोलंबों से शिफ्ट किया जा सकता है। आपको बता दें कि श्रीलंका में जिन वेन्यू पर मैच खेले जा रहे हैं वहां पर काफी ज्यादा बारिश हो रही है। इस कारण एसीसी एक बड़ा फैसला ले सकती है।

कहां खेले जाएंगे मुकाबले

एशिया कप के सुपर 4 मुकाबलों को श्रीलंका और पाकिस्तान में खेला जाना है। पाकिस्तान के मैच लाहौर में आयोजित होंगे जबकि श्रीलंका में खेले जाने वाले मुकाबलों को कोलंबो में कराया जाना है। यह सभी मुकाबले जहां होने हैं वहीं पर बारिश से बुरे हालात हो गए हैं। ऐसे में इन सभी मुकाबलों को दांबुला या फिर पल्लेकल में शिफ्ट किया जा सकता है।

बारिश की भेंट चढ़ा भारत-पाकिस्तान मैच

इससे पहले शनिवार यानी 2 सितंबर को भारत-पाकिस्तान का मुकाबला बारिश की भेंट चढ़ गया था। अब इन दोनों देशों के बीच रविवार 10 सितंबर को सुपर फोर में मैच होने की उम्मीद है। अगर वेन्यू में बदलाव नहीं होता है तो एक बार फिर फैंस को सिर्फ मायूसी हाथ लगेगी। लंबे समय से फैंस भारत-पाकिस्तान मैच का इंतजार करते हैं, ऐसे में मौसम की मार फैंस की उम्मीदों को तोड़ने का काम करती है।

'एक देश एक चुनाव' की तैयारी तेज, कानून मंत्रालय के अधिकारियों ने रामनाथ कोविंद से की मुलाकात

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देश में इन दिनों एक देश एक चुनाव की चर्चा जोरों पर है। मई 2014 में जब केंद्र में मोदी सरकार आई, तो कुछ समय बाद ही एक देश और एक चुनाव को लेकर बहस शुरू हो गई। पीएम नरेंद्र मोदी खुद कई बार वन नेशन, वन इलेक्शन की वकालत कर चुके हैं। संविधान दिवस के मौके पर एक बार प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था- आज एक देश-एक चुनाव सिर्फ बहस का मुद्दा नहीं रहा। ये भारत की जरूरत है। इसलिए इस मसले पर गहन विचार-विमर्श और अध्ययन किया जाना चाहिए।इस बीच 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक देश, एक चुनाव पर 2 सितंबर को एक कमेटी बनाई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्र सरकार संसद के विशेष सत्र में इसको लेकर बिल भी ला सकती है।

इस बीच, देश में एक साथ चुनाव कराने की संभावना पर बनाई गई समिति सक्रिय हो गई है। शीर्ष अधिकारियों ने समिति के अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को प्रारंभिक जानकारी दे दी है। जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय कानून मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने रविवार को पूर्व राष्ट्रपति से मुलाकात की।न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कानून सचिव नितेन चंद्रा, विधायी सचिव रीता वशिष्ठ और अन्य अधिकारियों ने कोविंद को बताया कि समिति के सामने एजेंडे पर किस तरह आगे बढ़ेंगे। नितेन चंद्रा उच्च स्तरीय समिति के सचिव भी हैं और रीता वशिष्ठ का विभाग चुनाव के मुद्दे, जन प्रतिनिधित्व अधिनियम और संबंधित नियमों से संबंधित है।

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी कमेटी

इससे पहले सरकार ने शनिवार को आठ सदस्यीय समिति अधिसूचित किया था।केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक देश, एक चुनाव पर 2 सितंबर को एक कमेटी बनाई है। इसमें गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी और पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद समेत 8 मेंबर होंगे। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल कमेटी की बैठकों में स्पेशल मेंबर के तौर पर शामिल होंगे। हालांकि, इस कमेटी में नाम आने के बाद अधीर रंजन ने गृहमंत्री अमित शाह को लेटर लिखा। उन्होंने कहा कि मैं इस समिति में काम नहीं करूंगा, क्योंकि ये धोखा देने के लिए बनाई गई है।

क्या काम करेगी कमेटी?

यह कमेटी अविश्वास प्रस्ताव, दल-बदल कानून और लोकसभा की परिस्थितियों का विश्लेषण करेगी और उसके मुताबिक अपने सुझाव देगी। इसके अलावा समिति लोकसभा, विधानसभाओं, नगर निकायों और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने की संभावना पर विचार और सिफारिश करेगी। फिलहाल इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि कमेटी का कार्यकाल कितना होगा। हालांकि समिति को जल्द से जल्द रिपोर्ट देने को कहा गया है।

केंद्र सरकार ने वन नेशन, वन इलेक्शन पर कमेटी ऐसे समय में बनाई है जब इस साल के आखिरी में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव होने वाले हैं। वहीं अगले साल लोकसभा का चुनाव होने वाला है।

आजादी के बाद लागू था वन नेशन, वन इलेक्शन

वन नेशन, वन इलेक्शन या एक देश-एक चुनाव का मतलब हुआ कि पूरे देश में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही हों। आजादी के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही हुए थे, लेकिन 1968 और 1969 में कई विधानसभाएं समय से पहले भंग कर दी गईं। उसके बाद 1970 में लोकसभा भी भंग कर दी गई। इस वजह से एक देश-एक चुनाव की परंपरा टूट गई।

*अमित शाह का स्टालिन के बेटे को जवाब, कहा-"हिंदू धर्म से नफरत करता है विपक्षी गठबंधन"*

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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और मंत्री उदयनिधि स्टालिन की 'सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए' वाली टिप्पणी पर सियासत तेज है। सत्ता पक्ष उदयनिधि के बयान को लेकर विपक्ष पर हमलावर है। अब गृह मंत्री अमित शाह ने उदयनिधि के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति और तुष्टिकरण के लिए सनातन धर्म का अपमान किया गया है।

केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने आज राजस्थान के डूंगरपुर से भाजपा की ‘परिवर्तन संकल्प यात्रा' का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा है कि पिछले दो दिनों से इंडिया गठबंधन ‘सनातन धर्म’ का अपमान कर रहा है। डीएमके और कांग्रेस के नेता सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के लिए ‘सनातन धर्म’ को खत्म करने की बात कर रहे हैं। इस दौरान अमित शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने हिंदू संगठनों को लश्कर-ए-तैयबा से ‘अधिक खतरनाक' बताया है। अब विपक्षी गुट ‘इंडिया' के नेताओं ने वोट बैंक तथा तुष्टीकरण की राजनीति के लिए ‘सनातन धर्म' के संदर्भ में बात की है।

पहली बार सनातन धर्म का अपमान नहीं किया गया-शाह

अमित शाह ने आगे कहा, यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने हमारे ‘सनातन धर्म’ का अपमान किया है। इससे पहले मनमोहन सिंह ने भी कहा था कि बजट पर पहला हक अल्पसंख्यकों का है, लेकिन हम कहते हैं कि पहला हक गरीबों, आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों का है। आज कांग्रेस पार्टी कहती है कि मोदी जी जीतेंगे तो सनातन राज करेगा।

शाह ने विपक्षी गठबंधन को बताया 'घमंडिया'

अमित शाह ने विपक्षी गठबंधन को 'घमंडिया गठबंधन' बताते हुए करारा अटैक किया। शाह ने कहा कि ये गठबंधन वोट बैंक की राजनीति के लिए ये किसी भी हद तक जा सकता है, लेकिन वे जितना सनातन (धर्म) के खिलाफ बात करेंगे, उतना ही कम नजर आएंगे। केंद्रीय गृह मंत्री ने आगे कहा कि वे कहते हैं कि अगर मोदी जीत गए तो सनातन शासन आ जाएगा। सनातन लोगों के दिलों पर राज कर रहा है। अमित शाह बोले कि पीएम मोदी ने कहा है देश संविधान के आधार पर चलेगा। प्रधानमंत्री ने देश को सुरक्षित करने के लिए काम किया है।

*चांद पर अस्त हुआ सूर्य, स्लीप मोड में गए रोवर प्रज्ञान और लैंडर विक्रम*

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चंद्रमा पर भेजे गए चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान ने अपना काम पूरा कर लिया है। जिसके बाद इसे अब सुरक्षित रूप से पार्क कर दिया गया। 23 अगस्त को चंद्रमा कि सतह पर उतरने के बाद लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान अपना काम बखूबी कर रहे थे। वह चांद पर होने वाली हलचल और हालातों के बारे में लगातार जानकरियां धरती पर भेज रहे थे। मिशन के लगभग 10 दिन बाद अब रोवर प्रज्ञान ने अपने काम को खत्म पूरा कर दिया है। इसके बाद उसे स्लीप मोड में सेट करके सुरक्षित पार्क कर दिया गया है।22 सितंबर को रोवर की नींद फिर टूटेगी और वो अपना काम शुरू करेगा।

इसरो ने माइक्रो ब्लोगिंग साइट एक्स पर लिखा कि प्रज्ञान रोवर ने अपना काम पूरा कर लिया है. इसे अब सुरक्षित रूप से पार्क कर स्लीप मोड में सेट किया गया है। APXS और LIBS अब बंद हैं। इन पेलोड से डेटा लैंडर के जरिए पृथ्वी तक पहुंचा दिया गया है। अभी बैटरी भी पूरी तरह चार्ज है। रोवर को ऐसी दिशा में रखा गया है कि 22 सितंबर 2023 को जब चांद पर अगला सूर्योदय होगा तो सूर्य का प्रकाश सौर पैनलों पर पड़े। इसके रिसीवर को भी चालू रखा गया है। उम्मीद की जा रही है कि 22 सितंबर को ये फिर से काम करना शुरू करेगा।

चंद्रयान-3 मिशन 14 दिनों का ही है। ऐसा इसलिए क्योंकि चंद्रमा पर 14 दिन तक रात और 14 दिन तक उजाला रहता है। रोवर-लैंडर सूर्य की रोशनी में तो पावर जनरेट कर सकते हैं, लेकिन रात होने पर पावर जनरेशन प्रोसेस रुक जाएगी। पावर जनरेशन नहीं होगा तो इलेक्ट्रॉनिक्स भयंकर ठंड को झेल नहीं पाएंगे और खराब हो जाएंगे।

रोवर ने तय की 100 मीटर की दूरी

इससे पहले दिन में इसरो ने बताया था कि रोवर ने शिवशक्ति लैंडिंग पॉइंट से 100 मीटर की दूरी तय कर ली है। लैंडर और रोवर के बीच की दूरी का ग्राफ भी शेयर किया था। विक्रम लैंडर 23 अगस्त को चंद्रमा पर उतरा था। रोवर को यह दूरी तय करने में 10 दिन लगे।

कई अहम जानकारियां भेज चुका है प्रज्ञान

स्लीपिंग मोड पर जाने से पहले हमारे चंद्रयान-3 ने कई अहम और खास जानकारियां भेजी हैं। जिसमें चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर में लगे चास्टे पेलोड ने चंद्रमा के तापमान से जुड़ा पहला ऑब्जर्वेशन भेजा था। इसके बाद प्रज्ञान रोवर ने 4 मीटर का गड्ढा देखकर रास्ता भी बदला और एक अहम जानकारी भेजी। जिसमें रोवर ने चांद पर सल्फर होने की पुष्टि की। जिसमें उम्मीद के मुताबिक, एल्युमीनियम, कैल्शियम, लौह, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैंगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन होने का अनुमान है जिस पर अभी और डिटेल्स आनी बाकी है। इसके बाद रोवर ने निरंतर आगे बढ़ते हुए चंद्रमा की सतह पर भूकंप भी रिकॉर्ड किया।

*‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ पर राहुल गांधी का बड़ा बयान, कहा-ये विचार राज्यों पर हमला, देश की संघीय प्रणाली के विरुद्ध*

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केंद्र सरकार ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ (One Nation One Election) को लेकर कमेटी गठित कर चुकी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्र सरकार संसद के विशेष सत्र में इसको लेकर बिल भी ला सकती है। इस बीच, कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ पर पहली प्रतिक्रिया दी है।कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार के ‘एक राष्ट्र एक चुनाव' के विचार को खारिज करते हुए इसे राज्यों पर हमला करार दिया और कहा कि यह देश की संघीय प्रणाली के विरुद्ध है।

‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ पर रिएक्शन देते हुए राहुल गांधी ने पोस्ट किया, इंडिया अर्थात भारत, राज्यों का एक संघ है। 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का विचार संघ और उसके सभी राज्यों पर हमला है।

इससे पहले पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता पी चिदंबरम ने एक राष्ट्र, एक चुनाव को लेकर बीजेपी पर हमला बोला। चिदंबरम ने कहा कि बीजेपी की ओर से प्रायोजित हर दूसरे मुद्दे की तरह यह विचार भी पहले से निर्धारित और पूर्व नियोजित लगता है। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र-एक चुनाव एक राजनीतिक-कानूनी प्रश्न है। यह कानून से ज्यादा राजनीतिक है।

अधीर रंजन चौधरी ने समिति का हिस्सा बनने से किया इनकार

बता दें कि केंद्र सरकार ने शनिवार को देश में एक साथ चुनाव कराने की संभावना की जांच के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया था। इसमें जिन आठ लोगों को रखा गया था उनमें कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का नाम भी शामिल था। हालांकि, चौधरी ने समिति का हिस्सा बनने से मना कर दिया है। 

जयराम रमेश ने समिति के गठन पर जताई शंका

जयराम रमेश ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा और कहा जिसे ‘एक राष्ट्र एक चुनाव कहा जा रहा है उस पर एक उच्च स्तरीय समिति का गठन एक अनुष्ठानिक अभ्यास है और इस काम की प्रक्रिया को सामने लाने का समय सन्देह पैदा करता है। इस संदर्भ में अपनाई गई शर्तें और सिफारिशें मनमानी से निर्धारित की गई हैं। समिति की संरचना भी अपने हिसाब से तय हुई हैं और इसी वजह से लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार रात बहुत ही उचित तरीके से इस समिति का हिस्सा बनने से इनकार किया है।

कौन-कौन है कमेटी का सदस्य?

समिति के अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हैं। इसके अलावा गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस सासंद अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एन के सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी सदस्य बनाए गए हैं।

कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश में जी20 की बैठकें कराए जाने को लेकर पाक और चीन को पीएम मोदी की दो टूक, जानें क्या कहा?

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दिल्ली में 9-10 सितंबर को G20 का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही संसद का विशेष सत्र 18-22 सितंबर के बीच बुलाया गया है।इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को इंटरव्यू दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत को जी20 की अध्यक्षता मिलना बड़ी बात है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि जी20 की अध्यक्षता मिलने से भारत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। G20 में हमारे शब्दों और विजन को दुनिया हमारे भविष्य के लिए एक रोडमैप के रूप में देखती है, और यह केवल एक विचार नहीं है। 

इंटरव्यू में पीएम मोदी ने जी 20 बैठक पर पाकिस्तान, चीन की आपत्तियों को खारिज किया। चीन ने अरुणाचल प्रदेश में जी20 की बैठक पर आपत्ति जताई थी तो पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर में बैठक का विरोध किया था। इसपर पीएम मोदी ने कहा कि कश्मीर हो या अरुणाचल प्रदेश, हर जगह बैठक आयोजित करना स्वभाविक है। बातचीत और कूटनीति ही अलग-अलग समाधान का रास्ता है।

प्रधानमंत्री ने कहा, भारत साल 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बन जाएगा। हमारे राष्ट्रीय जीवन में जातिवाद, सांप्रदायिकता और भ्रष्टाचार का कोई स्थान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि भारत के पास आज शानदार मौका है विकास की नींव रखने की जिसे हजारों वर्ष तक याद रखा जाएगा। भविष्य में भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि लंबे समय तक भारत को एक अरब भूखे पेट वाले देश के रूप में देखा जाता था, अब यह एक अरब महत्वाकांक्षी मस्तिष्क और दो अरब कुशल हाथों वाला देश है। भारतीयों के पास आज भविष्य की नींव रखने के लिए अच्छा मौका है। आज के विकास की नींव अगले एक हजार साल का भविष्य तय करेगा।

इसके अलावा पीएम ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि विभिन्न जगहों पर अलग-अलग संघर्षों को सुलझाने के लिए बातचीत और कूटनीति ही एकमात्र रास्ता है। पीएम ने कहा कि भारत की जी 20 की अध्यक्षता ने तथाकथित तीसरी दुनिया के देशों में भी विश्वास के बीज बोए।