जम्मू-कश्मीर में जल्द हो सकते हैं चुनाव', अनुच्छेद 370 पर सुनवाई के दौरान केंद्र का सुप्रीम कोर्ट में बड़ा बयान
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जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज गुरूवार को 13वें दिन की सुनवाई हुई।धारा 370 हटाने को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसटर जनरल तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार जल्द ही जम्मू कश्मीर में चुनाव कराएगी। सबसे पहले पंचायत चुनाव होंगे। केंद्र ने इसके लिए वोटर लिस्ट तैयार कर लिया है। चुनाव कब होंगे ये राज्य चुनाव आयोग और केंद्रीय चुनाव आयोग तय करेगा।
लगभग पूरा होने को है मतदाता सूची को अपडेट करने का काम
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अब तक मतदाता सूची को अपडेट करने का काम चल रहा था। यह काम काफी हद तक हो चुका है। पहला चुनाव पंचायत चुनाव का होगा। वहीं जिला विकास का चुनाव हो चुका है। उन्होंने कहा कि लेह चुनाव खत्म हो गए हैं। अगले महीने के अंत में कारगिल चुनाव है।सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जम्मू-कश्मीर के हालिया हालात के बारे में बताते हुए कहा, 2018 से 2023 की तुलना में आतंकवादी घटनाओं में 45.2% की कमी आई है। घुसपैठ में 90% की कमी आई है। पथराव आदि जैसे कानून एवं व्यवस्था के मुद्दों में 97% की कमी आई। सुरक्षा कर्मियों के हताहत होने के मामलों में 65% की कमी आई है। 2018 में पथराव की घटनाएं 1767 थीं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है। अकेले जनवरी 2022 में 1.8 करोड़ और 2023 में 1 करोड़ पर्यटक आए हैं। ये वो कदम हैं जो केंद्र उठा रहा है। केंद्र ये कदम केवल यूटी होने तक ही उठा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि, "केंद्र सरकार चुनाव के लिए तैयार है लेकिन राज्य और चुनाव आयोग को यह तय करना है कि इसे कब कराना है और पंचायत, जिला आदि किस स्तर के चुनाव पहले कराने हैं।
जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की समय सीमा तय नहीं
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कोई समयसीमा फिलहाल नहीं बता सकते। हालांकि, यह स्पष्ट किया कि केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है। केंद्र का कहना है कि इसे पूर्ण राज्य बनाने पर काम चल रहा है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि केंद्र के इस जवाब से मामले की संवैधानिकता तय करने में कोई असर नहीं होगा। हम इस मामले की संवैधानिकता को तय करेंगे। दरअसल कपिल सिब्बल ने कहा था कि अदालत को इस क्षेत्र में नहीं जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने मांगा था राज्य घोषित करने की समयसीमा पर जवाब
केंद्र ने 29 अगस्त को शीर्ष अदालत से कहा था कि जम्मू-कश्मीर की केंद्रशासित प्रदेश की स्थिति स्थायी नहीं है और वह 31 अगस्त को अदालत में इस जटिल राजनीतिक मुद्दे पर एक विस्तृत बयान देगा। अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सरकार से पूर्ववर्ती राज्य में चुनावी लोकतंत्र की बहाली के लिए एक विशिष्ट समयसीमा निर्धारित करने को कहा था।
Aug 31 2023, 14:11