पहले सिलेंडर हुआ सस्ता, अब घटेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम?
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इस साल 5 राज्यों, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में चुनाव हैं। इसके बाद बारी आएगी लोकसभा चुनाव की। यानी देश में चुनावों का सीजन शुरू हो गया है। इसके साथ ही सरकार की ओर से मिलने वाले सौगातों की भी शुरूआत हो गई है।टमाटर से महंगाई को कम करने के लिए नेपाल से आयात कर कीमतों को कम करने का प्रयास किया गया, नतीजा सभी के सामने हैं। जैसे ही प्याज की कीमतों में इजाफे की बात सामने आई, एक्सपोर्ट पर टैक्स लगा दिया गया। कीमतें स्थिर देखने को मिल रही है। वैसे ही गेहूं, चावल और बाकी सामान की कीमतों को स्थिर रखने के लिए सरकार की ओर से कदम उठाए गए हैं। हाल ही में आम लोगों को गैस सिलेंडर की कीमतों से राहत देने के लिए फ्लैट 200 रुपये कम कर दिए गए। अब महंगाई को और कम करने और पेट्रोल और डीजल के दाम को कटौती होने के आसार हैं।
सिटीग्रुप इंक मुताबिक, रसोई गैस की कीमतों में कटौती के भारत के कदम से महंगाई दर कम हो सकती है और कुछ प्रमुख त्योहारों और प्रमुख चुनावों से पहले गैसोलीन और डीजल की कीमतों में कमी की ओर फोकस हो सकता है। पेट्रोल और डीजल के दाम को कटौती होने के संकेत दो जगहों से मिले हैं। पहला संकेत केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की ओर से एक इंटरव्यू ने दिया गया है। वहीं दूसरा संकेत ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट से मिलता हुआ दिखाई दिया है।
जुलाई के महंगाई के जो आंकड़ें सामने आए थे, वो सरकार और आम लोगों के लिए डराने वाले थे। इस महीने में रिटेल महंगाई 15 महीने के हाई पर पहुंच गई थी. वहीं दूसरी ओर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बाद भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में राहत नहीं दी गई। मई 2022 के बाद से देश में फ्यूल की कीमत में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है। ऐसे में सरकार पर भी काफी दबाव है। यह दबाव इसलिए भी बढ़ चुका है क्योंकि सरकार ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के जिस नुकसान की बात कर रही थी, उसकी भरपाई हो चुकी है और प्रॉफिट में आ गई हैं।
वहीं, हाल ही में केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक इंटरव्यू दिया है। जिसमें उन्होंने पूरे देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी की वकालत की और संकेत दिया कि आने वाले दिनों में दाम कम किए जा सकते हैं। पुरी ने इंटरव्यू में इस बात को माना कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों को फ्यूल की कीमतें कम करने के प्रयास में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर रही है और कीमतों को कम करने की तैयारी शुरू कर दी है।
दरअसल इसी वर्ष कर्नाटक चुनाव में बीजेपी की हार की एक बड़ी वजह गैस सिलेंडर के बढ़ते हुए दामों को लेकर महिलाओं में नाराजगी भी थी। कांग्रेस ने गैस की बढ़ती कीमतों को चुनाव प्रचार के दौरान खूब भुनाया था। कांग्रेस ने वोटिंग से पहले मतदाताओं को महंगाई की याद दिलाते हुए गैस सिलेंडर की पूजा की थी। जिसका फायदा कांग्रेस को कर्नाटक में मिला और बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ा।ऐसे में चुनावी साल में सरकार हर कदम सोच समझ कर रख रही है।
Aug 31 2023, 13:14