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*जिले में गुरुवार से घर-घर खिलाई जाएगी फाइलेरिया से बचाव की दवा*

गोंडा- आमजन को फाइलेरिया बीमारी से बचाव के लिए जनपद में 10 अगस्त से सामूहिक दवा सेवन यानि मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान शुरू हो रहा है। इस अभियान के तहत स्वास्थ्य टीम घर-घर जाकर दो वर्ष की आयु से ऊपर के सभी लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाएगी। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रश्मि वर्मा का। सीएमओ डॉ रश्मि शनिवार को नगर के होटल में सेंटर फार एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) से सहयोग से आयोजित जनपदस्तरीय मीडिया कार्यशाला को संबोधित कर रही थीं। सीएमओ ने सभी से अपील की है कि अभियान में सहयोग करें। खुद दवा खाएं और अपने परिवार व आसपास के लोगों को भी दवा खाने के लिए प्रेरित करें।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि फाइलेरिया को हाथी पांव भी कहते हैं। क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाली यह एक लाइलाज बीमारी है और यह किसी को भी हो सकता है। बीमारी हो जाने पर व्यक्ति को कभी-कभी दिव्यांगता भी हो जाती है। फाइलेरिया बीमारी होने के बाद इसका केवल प्रबंधन ही किया जा सकता है। फाइलेरियारोधी दवा का सेवन ही इस बीमारी से बचाव का एकमात्र उपाय है। उन्होंने बताया कि एमडीए में एल्बेंडाजोल भी खिलाई जाएगी, जो बच्चों में होने वाली कृमि रोग का उपचार करती है। साथ ही बच्चों के शारीरिक और बौद्धिक विकास में सहायक होता है। सीएमओ ने बताया कि फाइलेरिया सार्वजनिक स्वास्थ्य की गंभीर समस्या है। आमतौर पर बचपन में होने वाला यह संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है। इससे बचाव नहीं करने पर हाथ और पैरों में असामान्य सूजन आ जाती है। फाइलेरिया के कारण दीर्घकालिक रोग जैसे; हाइड्रोसील (अंडकोष की थैली में सूजन), लिम्फेडेमा (अंगों की सूजन) व काइलूरिया (दूधिया सफेद पेशाब) से ग्रस्त लोगों को अक्सर सामाजिक बोझ सहना पड़ता है। साथ ही उनकी आजीविका व काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है।

वेक्टिरिजनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ सीके वर्मा ने बताया की जनपद में वर्तमान में 2008 फाइलेरिया रोगी हैं। इसमें से 154 हाइड्रोसील ग्रस्त हैं। शेष 1854 लिम्फोडिमा के रोगी हैं। हाइड्रोसील ग्रस्त 54 लोगों का सफल आपरेशन हो चुका है। शेष को आपरेशन के लिए बुलाया जा रहा है। डॉ वर्मा ने बताया कि एमडीए 2023 में जिले की लगभग 4014727 आबादी को 3212 टीमों के माध्यम से बूथ एवं घर-घर जाकर फाइलेरियारोधी दवा खिलाई जाएगी। दवा का वितरण बिलकुल भी नहीं किया जाएगा। इन दवाओं का सेवन खाली पेट नहीं करना है। दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को दवा नहीं खिलाई जाएगी। शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति के लिए 535 सुपरवाइजर क्षेत्र में भ्रमणशील रहेंगे।

जिला मलेरिया अधिकारी एसज़ेडए जैदी ने कहा कि फाइलेरिया रोधी दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। इन दवाओं का कोई भी विपरीत प्रभाव नहीं है। हालांकि किसी-किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं तो यह इस बात का प्रतीक हैं कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के परजीवी मौजूद हैं। सामान्यतः यह लक्षण स्वतः समाप्त हो जाते है। फिर भी किसी भी विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित रैपिड रिस्पॉन्स टीम तैनात रहेगी।

इस अवसर पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ जय गोविन्द, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आदित्य वर्मा, डीपीएम अमरनाथ, डीसीपीएम डॉ आरपी सिंह, फाइलेरिया निरीक्षक सत्य प्रकाश मौर्य, मलेरिया निरीक्षक सुनील चौधरी, भवानी प्रसाद तिवारी सहित डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, पाथ, पीसीआई व सीफार संस्था के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

*तेजी से फैल रहा आई फ्लू, सीएचसी में ना तो डॉक्टर उपलब्ध है, ना ही दवा*

गोंडा- बारिश के मौसम में इन दिनों आई फ्लू तेजी से फैल रहा है इस संक्रमण से निपटने के लिए सीएचसी मनकापुर में ना तो कोई डॉक्टर है ना दवा। जिससे सैकड़ों लोग आई फ्लू से पीड़ित होकर संक्रमण से जूझ रहे हैं। इनमें बच्चे, युवा व बुजुर्ग सभी शामिल हैं।

बताते चलें कि मनकापुर इलाके में बारिश के मौसम में इन दिनों सैकड़ों लोग आई फ्लू से पीड़ित हैं। इनमें बच्चे, युवा व बुजुर्ग शामिल है। आई फ्लू से पीड़ित बच्चों में छात्रों की संख्या सर्वाधिक है। कई स्कूल कॉलेजों में तो फ्लू के चलते पढ़ाई तक ठप है। जिससे पठन-पाठन पर बुरा असर पड़ रहा है। खासकर नौनिहालों की स्कूलों में आई फ्लू तेजी से फैल रहा है। इससे कई छात्र-छात्राएं आई फ्लू के डर से घर पर पढ़ाई कर रहे हैं। वहीं शिक्षकों ने छात्रों को चश्मा लगाकर विद्यालय आने की हिदायत दे डाली है।

इधर, सीएचसी मनकापुर में ना तो कोई डॉक्टर है ना फ्लू से निपटने के लिए दवा। आई फ्लू के मरीजों की माने तो किसी भी डॉक्टर से आंख की दवा लिखा लेते हैं। सामान्यतः आई फ्लू के लिए विशेष जांच और अलग से दवा की आवश्यकता होती है। लेकिन सीएचसी मनकापुर में कोई उपलब्धता नहीं है जिसे यहां सैकडों मरीज आई फ्लू से पीड़ित होकर परेशान है और झोला छाप डॉक्टरों की शरण में है।

सूत्रों की माने तो स्वास्थ्य विभाग आई फ्लू से निपटने के लिए अब तक ना तो कोई जागरूकता अभियान चल पाया है और ना ही आंख के डॉक्टर की तैनाती और दवा की उपलब्धता भी नहीं के बराबर है। इस संबंध में सीएचसी मनकापुर के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी से जब फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।

*फाइलों में उलझ गया डोमाकल्पी में बनने वाला विश्वविद्यालय, भूमि का चयन व बजट जारी होने के बाद भी फंसा पेंच*

गोंडा- देवीपाटन मण्डल मुख्यालय पर एक राजकीय विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर भूमि व बजट मिलने के बावजूद राजनीतिक दांवपेंचों के चलते निर्माण अधर में लटका हुआ है। जबकि तत्कालीन डीएम की ओर से दिये गये प्रस्ताव पर शासन की ओर से नामित अधिकारियों की टीम ने लखनऊ से मौके पर पहुँचकर भूमि की जांच करके जमीन को विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए उपयुक्त मानते हुए रिपोर्ट दे दिया था। मार्च में आयुक्त व डीएम भी भूमि का निरीक्षण करके शासन को भूमि की उपयुक्तता की रिपोर्ट भेज चुके है। विश्वविद्यालय निर्माण कार्य अधर में लटका होने के कारण डोमाकल्पी के आसपास जनमानस में मायूसी छायी है।

प्रदेश सरकार की ओर से 2021-22 के बजट में सभी असेवित मंडलों में एक-एक राजकीय विश्वविद्यालय स्थापित करने की घोषणा की गई। इन्ही असेवित मंडलों में शामिल देवीपाटन मण्डल में भी राजकीय विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर कार्यवाही प्रारंभ की गई। इस मण्डल में गोंडा बहराइच बलरामपुर श्रावस्ती समेत चार जिले शामिल है। शासन ने देवीपाटन मण्डल के तत्कालीन आयुक्त एसवीएस रंगाराव से मंडल मुख्यालय गोंडा पर राज्य विश्वविद्यालय स्थापित करने को लेकर 50 एकड़ निःशुल्क भूमि उपलब्ध कराने की सूचना मांगी।

मण्डलायुक्त के आदेश पर जिले के तत्कालीन डीएम मार्कण्डेय शाही ने करनैलगंज तहसील के ग्राम डोमा कल्पी में 58.13 एकड़ सरकारी भूमि की उपलब्धता की जानकारी मुहैया कराई। यहां भूमि की उपलब्धता की रिपोर्ट आयुक्त के संस्तुति के साथ प्रदेश शासन को भेज दी गई।

शासन ने विशेष सचिव उच्च शिक्षा मनोजकुमार की अध्यक्षता में टीम गठित करके भूमि की उपयुक्तता की जांच नवम्बर 2021 के अंत मे करवा लिया। इस टीम में डायरेक्टर उच्च शिक्षा डाक्टर अमित भारद्वाज लोकनिर्माण प्रान्तीय खण्ड के एक्सईएन देवेन्द्र मणि समेत तीन लोग शामिल रहे। इन सभी लोगों ने ग्राम डोमाकल्पी में पहुँचकर भूमि का स्थलीय निरीक्षण किया। उनके साथ एसडीएम करनैलगंज हीरालाल यादव भी मौजूद रहे। लेखपाल व भूलेख निरीक्षक ने जमीन से संबंधित दस्तावेज भी प्रस्तुत किये। टीम ने चिन्हित भूमि को विश्वविद्यालय स्थापना के लिये उपयुक्त माना और शासन को इस संबंध में ले जाकर अपनी रिपोर्ट सौंप दिया। इसके बाद यहां राजकीय विश्वविद्यालय स्थापना को लेकर कार्यवाही प्रारंभ हो गई।

2022 विधानसभा चुनाव के पहले यहां राजकीय विश्वविद्यालय निर्माण के लिए भूमि फाइनल कर दी गई। प्रदेश सरकार ने 2023 के बजट में मां पाटेश्वरी देवी राजकीय विश्वविद्यालय के लिये 50 करोड़ का बजट मुहैया करा दिया। 2023 अप्रैल माह में मण्डलायुक्त एमपी अग्रवाल व जिलाधिकारी उज्ज्वल कुमार ने स्थलीय निरीक्षण करके भूमि की उपयुक्तता की रिपोर्ट शासन को भेज दिया। आयुक्त एमपी अग्रवाल ने उसी दिन गोंडा के दूसरे क्षेत्र से लेकर बलरामपुर तक की भूमि का स्थलीय निरीक्षण करके इस भूमि की सर्वाधिक उपयुक्तता रिपोर्ट शासन को भेजा। इससे पहले मार्च माह में भी डीएम उज्ज्वल कुमार मौके का निरीक्षण करके अपनी रिपोर्ट प्रदेश शासन को भेज चुके थे।

इसके बाद राजनीतिक लाभ लेने के निहित स्वार्थवश देवीपाटन मण्डल के सत्तारूढ़ दल के नेताओं में विश्वविद्यालय को अपने जिले व क्षेत्र में स्थापित कराने की होड़ मच गई। इसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन देने से लेकर पत्राचार का सिलसिला शुरू हो गया। डेढ़ साल पहले प्रस्तावित भूमि पर विश्वविद्यालय बनाने को लेकर डोमाकल्पी गांव के ग्रमीणों समेत अनेक संगठनों ने धरना प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।

देवीपाटन मण्डल के युवाओं की उच्च शिक्षा के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण विश्वविद्यालय स्थापना की यह योजना इन्हीं राजनीतिक दांवपेंचों में उलझकर रह गई है। इसकी स्थापना अधर में लटकती अधर में लटकी हुई है। यह विश्वविद्यालय बनाने के लिए बलरामपुर व बहराइच के राजनीतिक पहुँच वाले लोग अपने जिले में बनवाने के लिए जोर लगाये हुए है। जबकि गोण्डा में सत्ता में पहुँच रखने वाले लोग चुप्पी साधे हुए है। डोमाकल्पी के प्रधान प्रतिनिधि अरविंद कुमार पांडेय विश्वविद्यालय स्थापना के लिए अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के चक्कर काट रहे है।

*एक लाख आबादी दूषित पानी पीने को मजबूर, बीमार हो रहे लोग*

गोंडा- विकास खंड हलधरमऊ के एक दर्जन से अधिक गांव पंचायत के लोग दूषित पानी पीने को मजबूर है। शासन ने इन गावों में पानी टंकी बनाने का बजट भी जारी कर दिया, लेकिन पानी टंकी का निर्माण नहीं हो सका है। बालपुर हजारी गांव पंचायत टेढ़ी नदी के गोद में बसा है। कभी जीवनदायिनी कही जाने वाली टेढ़ी नदी बहुत गंदी हो गई है। नदी का पानी इतना विषैला हो गया है की जानवर भी पानी पीकर बीमार हो रहे है।

लोगों का नल से भी टेढ़ी का दूषित पानी ही आ रहा है। जल निगम के सर्वे में भी बालपुर का पानी दूषित पाया गया है। बालपुर कस्बे के लोग बीस साल से कस्बे पानी के टंकी का निर्माण कराने के लिए मांग हो रही है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। वही बगल गांव पंचायत हरसिंहपूर, रेरूवा, छिटनापुर,नकहा, खानपुर, भूलभुलिया, परसा गोडरी सहित एक लाख की आवादी दूषित पानी पीने को मजबूर है। जबकि खानपुर, परसा व भूलभूललिया में टंकी बनी है लेकिन सुचारू रूप से पानी नहीं आ रहा।

बालपुर हजारी की ग्राम प्रधान आशा धर्मपाल सिंह ने बताया कि बालपुर में पानी टंकी का प्रस्ताव करके मंजूरी के लिए भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा।

*अवैध खनन की शिकायत पर डीएम ने कराई जांच*

गोण्डा।शुक्रवार को जिलाधिकारी नेहा शर्मा के निर्देश पर राजस्व ग्राम परसापुर, नबाबगंज तहसील तरबगंज जनपद गोण्डा में अवैध बालू भण्डारण की सूचना होने पर राजस्व व पुलिस टीम के द्वारा तहसीलदार तरबगंज की उपस्थिति में स्थलीय व अभिलेखीय निरीक्षण किया गया।

जांच में पाया गया कि ग्राम परसापुर स्थित गाटा संख्या- 1374/4.011 हे० जो राजस्व अभिलेखों में सहखातेदारी के नाम में संक्रमणीय भूमि दर्ज है, के क्षेत्रफल लगभग 4400 वर्गमी पर औसतन 2½ मी० ऊंचाई तक साधारण बालू का भण्डारन पाया गया। स्थलीय जांच के समय कोई भी व्यक्ति प्रश्नगत भण्डारित साधारण बालू के सम्बन्ध में न तो कोई दावा करने आया और न ही किसी व्यक्ति के द्वारा भण्डारण में सक्षम स्तर से कोई अनुमति प्राप्त करते का साक्ष्य उपलब्ध कराया गया। उक्त स्थल पर भण्डारित साधारण बालू को सक्षम स्तर से कोई अग्रिम आदेश प्राप्त होने तक थाना नबाबगंज की पुलिस अभिरक्षा में दिया गया तथा अवगत कराया गया कि भण्डारित साधारण बालू की 24 घंटे निगरानी कराते हुए सुरक्षा कराया जाना सुनिश्चित करें।

*जिलाधिकारी नेहा शर्मा के प्रयास से 6 साल का इंतजार हुआ खत्म, किसान को मिला उसका हक*

गोण्डा। जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा ने जब से जनपद गोंडा में पदभार ग्रहण किया है तब से वे लगातार ग्राम चौपाल तथा अन्य कार्यक्रमों के द्वारा सुस्त पड़ी सरकारी मशीनरी को जागृत करने के अपने अभियान में सक्रिय नजर आ रही हैं। उनकी इन्हीं कोशिशें का नतीजा है कि अब पीड़ित जनपदवासियों को सालों साल बाद न्याय मिल रहा है।

ऐसा ही एक प्रकरण विकासखंड पंडारी कृपाल में सामने आया है। न्याय के लिए पिछले 6 साल से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे यहां के एक किसान ने जिलाधिकारी नेहा शर्मा के समक्ष अपनी गुहार लगाई।किसान दिवस पर सामने आए इस प्रकरण पर जिलाधिकारी के आदेश पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की गई और लगभग 6 साल से मुआवजे के लिए दर-दर भटक रहे किसान को न्याय दिलाया।

2015-16 से नहीं मिला था मुआवजा

जनपद गोंडा के ग्राम जगदीशपुर वृंदावन विकासखंड पंडरी कृपाल निवासी श्री विनोद कुमार मिश्रा की जमीन को वर्ष 2015-16 में सरयू नहर खंड 4 कर्मा माइनर द्वारा अधिग्रहीत कर लिया गया था। इस दौरान उसके परिवार के सभी सदस्यों को मुआवजा मिल गया परंतु हाईस्कूल की मार्कशीट और खतौनी में इनके नाम में थोड़ा सा अंतर होने की वजह से बैनामा नहीं हो पाया।

जिसका नतीजा है कि जमीन का अधिग्रहण होने के बावजूद किसानों को मुआवजा नहीं मिला । जब इन्होंने समस्या के निस्तारण के लिए अधिशासी अभियंता सरयू नहर खंड 4 से संपर्क किया तो उन्होंने प्रकरण में लीपापोती करते हुए किसान को इधर-उधर भटकने के लिए मजबूर कर दिया।

किसान दिवस पर लगाई गुहार

लगभग 6 साल तक परेशान रहने के पश्चात पीड़ित किसान विनोद मिश्र ने विकास भवन सभागार गोंडा में दिनांक 21 जून 2023 को जिलाधिकारी नेहा शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित हुए किसान दिवस कार्यक्रम में जिलाधिकारी के समक्ष अपनी समस्या रखी।

इस पर जिलाधिकारी ने जन कल्याणकारी रुख अपनाते हुए अधिशासी अभियंता से इस प्रकरण में अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिए कहा।

उनके द्वारा बार-बार यही बताए जाने पर कि इनके नाम में भिन्नता है और वह जमीन शिकायतकर्ता किसान की नहीं है, जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता को फटकार लगाते हुए कहा कि जब अपीलकर्ता किसान के नाम बीजक बना है तो आप यह कैसे कह सकते हैं कि जमीन इनकी नहीं है।इस प्रकार जिलाधिकारी द्वारा किसान को सांत्वना देते हुए प्रकरण में स्पष्ट निर्णय लेने के लिए सरयू नहर खंड 4 के अधिशासी अभियंता को निर्देशित किया गया था।

किसान ने डीएम को दिया धन्यवाद किसान विनोद मिश्र ने बताते हैं कि वह सरकारी विभाग के चक्कर लगा लगा कर परेशान हो गए थे।

कई अधिकारी आए और चले गए लेकिन उनकी सुनवाई कहीं नहीं हुई। आखिरी उम्मीद के रूप में वह किसान दिवस में जिलाधिकारी नेहा शर्मा के समक्ष अपनी गुहार लेकर पहुंचे थे। जिलाधिकारी नेहा शर्मा के प्रयासों से लगभग 6 साल बाद 03 अगस्त 2023 को आखिरकार उसे न्याय मिल ही गया और सरयू नहर खंड को आखिर स्वीकार करना ही पड़ा कि उक्त जमीन शिकायतकर्ता किसान की ही है। उसका बैनामा भी करा लिया गया है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी के इस प्रकार के जन कल्याणकारी निर्णय से व्यवस्था से चोट खाए हुए जनपद के किसानों और गरीब तबके में एक नई उम्मीद तथा उत्साह का संचार हुआ है।

*अधिक दाम पर यूरिया बेची तो होगी सख्त कार्रवाई: डीएम*

गोण्डा । शुक्रवार को जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बभनजोत विकासखंड की ग्राम पंचायतों में जन चौपाल लगाई। उन्होंने ग्राम पंचायत गौरा बुजुर्ग, कस्बाखास, दौलतपुर माफी, बैजलपुर, हथियागढ़ तथा मोकलपुर पहुंचकर वहां की जनता की समस्याओं को सुना।

जन चौपाल के दौरान ग्राम वासियों ने कई प्रकार की समस्याओं को लेकर शिकायत की। डीएम ने शिकायतों का मौके पर निस्तारण कराया एवं ई शिकायतों की जांच हेतु मौके पर टीम को रवाना किया।

कस्बाखास में लगी ग्राम चौपाल में यूरिया को अधिक दाम पर बेचे जाने की शिकायत आई जिस पर डीएम ने तत्काल जिला कृषि अधिकारी एआर कोऑपरेटिव को भेज कर जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि जनपद में कहीं पर भी तय दाम से अधिक दाम पर यूरिया ना बेची जाए।

ग्राम वासियों को वितरित की घरौनी

उन्होंने राजस्व विभाग द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत कस्बाखास में 445 एवं दौलतपुर माफी में 300 ग्राम वासियों को घरौनी का प्रमाण पत्र दिया गया। उन्होंने कहा कि यह घरौनी ग्राम वासियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज है यह उनकी संपत्ति की मालिकाना हक का प्रमाण पत्र है।

जनचौपाल में स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, विद्युत विभाग, आपूर्ति विभाग, जिला समाज कल्याण विभाग, कृषि विभाग, पशुपालन, सिंचाई विभाग, राजस्व विभाग आदि विभाग के अधिकारियों द्वारा अपनी अपनी विभागों में चल रही योजनाओं की जन चौपाल के माध्यम से जानकारी दी गई। उन्होंने लेखपालों को निर्देशित किया कि सरकारी भूमि पर किसी भी प्रकार का अवैध अतिक्रमण न होने पाए ग्राम सभा की जमीन को सुरक्षित रखा जाए।

चौपाल में इन विषयों से संबंधित समस्याएं आई

सभी ग्राम पंचायतों में चौपाल के दौरान विभिन्न प्रकार की समस्याएं आई जिनमें बिजली, पानी, सड़क, चकरोड, तालाब, पट्टा, चकबंदी, चारागाह, साफ-सफाई, जलभराव, ग्राम समाज की भूमि पर अवैध कब्जा, मनरेगा, पंचायत विभाग, सामुदायिक शौचालय, पंचायत भवन, जल निकासी, गौ आश्रय स्थल, स्कूल भवन, स्कूल संचालन, एमडीएम, सिंचाई व्यवस्था, नहर, नलकूप, संचारी रोग, टीकाकरण, राशन वितरण, हर घर नल से जल, आंगनबाड़ी, वृद्धा, विधवा एवं विकलांग पेंशन तथा छात्रवृत्ति आयुष्मान कार्ड, किसान सम्मान निधि से सम्बन्धित समस्याएं चौपाल में आईं।

खेल मैदान व पंचायत भवन का किया शुभारंभ

गौरा बुजुर्ग ग्राम पंचायत में चौपाल के बाद उन्होंने नवनिर्मित पंचायत भवन का लोकार्पण किया। पंचायत भवन को ग्राम पंचायत को उपयोग हेतु सौंपा। इसके अलावा डीएम ने बैजलपुर ग्राम पंचायत ने बनाए गए खेल मैदान का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि खेल का मैदान होने से ग्रामीणों के युवाओं को खेलने के लिए पर्याप्त स्थान मिलेगा। उन्होंने प्रधान और सेक्रेटरी को खेल मैदान की नियमित साफ-सफाई व देखरेख के निर्देश दिए।

जिला मुख्यालय से दूर गांवों में भी पहुंचे योजना का लाभ - डीएम

डीएम ने चौपाल में उपस्थित ग्रामीणों से कहा जनचौपाल के माध्यम से जिला मुख्यालय से दूर स्थित गांव में भी पहुंचकर ग्राम वासियों की समस्याओं को सुना जा रहा है। ग्राम वासियों को सभी योजनाओं का समान रूप से लाभ दिलवाना ही जिला प्रशासन का काम है। उन्होंने कहा कि जो लोग योजना से अभी भी वंचित है वह बिना किसी झिझक के पात्रता के अनुसार योजनाओं के लिए आवेदन करें उनको हर योजना का लाभ दिया जाएगा।

इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रश्मि वर्मा, उपजिलाधिकारी मनकापुर, परियोजना निदेशक डीआरडीए, जिला विकास अधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, थानाध्यक्ष खोड़ारे, खंड विकास अधिकारी बभनजोत, सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) बभनजोत, विद्युत विभाग, सिंचाई विभाग, नलकूप विभाग, सभी संबंधित गावों के राजस्व निरीक्षक, लेखपाल सहित सभी संबंधित विभाग के जनपद स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।

*पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में जुमे की नमाज जनपद गोण्डा में सकुशल सम्पन्न चप्पे-चप्पे पर रही पुलिस की नजर*

गोण्डा। आज पुलिस अधीक्षक गोण्डा अंकित मित्तल ने शुक्रवार को होने वाली जुम्मे की नमाज को सकुशल सम्पन्न कराने, सुरक्षा व्यवस्था ड्यूटी में लगे पुलिस बल को सतर्क एवं मुस्तैद रहकर ड्यूटी करने हेतु समस्त प्रभारी निरीक्षक/थानाध्यक्षों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे।

उक्त दिशा-निर्देशों के फलस्वरूप शुक्रवार को होने वाली जुमे की नमाज पर मस्जिदों व शहर क्षेत्र के महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत भारी संख्या में पुलिस बल की ड्यूटी लगाकर व समस्त प्रभारी निरीक्षक/थानाध्यक्षों द्वारा स्वयं भ्रमणशील रहकर शान्ति एवं कानून व्यवस्था हेतु चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया गया।

पुलिस सोशल मीडिया सेल द्वारा भी लगातार सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म- twitter, facebook व व्हाट्सएप ग्रुप्स आदि पर निरंतर निगरानी की जा रही है। यदि किसी के भी द्वारा कोई अराजकता/भ्रामक खबरें सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर फैलाई जाएंगी तो उनके विरुद्ध तत्काल कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।

पुलिस बल द्वारा सजगता व सतर्कता पूर्वक मुस्तैद रहकर व चप्पे-चप्पे पर सतर्क दृष्टि रखते हुए जनपद गोण्डा में जुम्मे की नमाज़ को सकुशल व शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराया गया।

*गौ-वंशों की वधशाला बनी लौव्वावीरपुर गौशाला*

नवाबगंज (गोंडा)। क्षेत्र के लौव्वावीरपुर गाँव में बनी गौशाला अव्यवस्थाओं के चलते अब गौवंशो की वधशाला बन चुकी है। यहां आये दिन दर्जनों गौवंश दम तोड़ रहे हैं। गौवंशो के मृत शरीर को कौए नोंच कर खा रहे हैं। गौवंशो के अंतिम संस्कार में भी जिम्मेदार लापरवाही बरत रहे हैं। इस गौशाला का उद्घाटन तत्कालीन जिलाधिकारी उज्जवल कुमार ने किया था।

इस गौशाला की व्यवस्थाओं की तारीफ करते हुए खंड विकास अधिकारी डाॅ राघवेंद्र प्रताप सिंह थकते नहीं थे लेकिन आज लापरवाही और अव्यवस्थाओं की भरमार इस गौ आश्रय केंद्र में हो चुकी है। शुक्रवार को इस गौशाला में एक साथ 10 गौवंशो की मौत हो गई जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। वीडियो में मृत गौवंशो के शरीर को कौए अपना आहार बना रहे हैं।

इस संबध में ग्राम विकास अधिकारी पवन कुमार गुप्ता ने बताया इस गौ-आश्रय केंद्र में 90 पशुओं की क्षमता वृद्धि का प्रस्ताव बना था लेकिन चन्नी की कमी के कारण संभव नहीं हो पाया। फिलहाल गौ-आश्रय केंद्र में 226 पशु हैं। यहां रख-रखाव के लिए 04 व्यक्ति भी रखे गए हैं जिन्हें 230 रूपये प्रति व्यक्ति की दर से भुगतान भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को गौशाला में 05 गौवंश मरे हुए पाए गए हैं जिनका अंतिम संस्कार कराया जा रहा है। ग्राम विकास अधिकारी ने कहा कि गौशाला के रख-रखाव के लिए चयनित 04 लोग अपनी जिम्मेदारियों का ठीक से निर्वाहन नहीं कर रहे हैं।

वहीं पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रभात कुमार गौतम मृत पशुओं की संख्या की सही जानकारी देने से कतराते रहे। उन्होंने कहा कि उन्हें 05 गौवंशो के मरने की सूचना मिली थी। उन्होंने बाकी जानकारी प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी से बात करके बताने की बात कही है।

*शादी अनुदान योजना के लिए करें आवेदन*

गोण्डा। जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी गौरव स्वर्णकार ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में अन्य पिछड़ा वर्ग (अल्पसंख्यक पिछड़े वर्ग को छोड़कर) के गरीब परिवार की पुत्रियों की शादी अनुदान योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन लिये जा रहे है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में शादी अनुदान पोर्टल पर नया अपडेट किया गया है। अब पोर्टल पर आवेदक की ईकेवाईसी की जाएगी। आवेदक द्वारा भरे गये विवरण में से केवल उसके आवास व पुत्री की शादी की तिथि का सत्यापन ही संबंधित अधिकारी द्वारा किया जाएगा।

अब आवेदक का सत्यापन त्वरित गति से होगा। अब कम समय में अधिक से अधिक आवेदकों को धनराशि भेजी जा सकेगी। जनपद के पिछड़ी जाति के (अल्पसंख्यक पिछड़े वर्ग छोड़कर) व्यक्तियों जिनकी पुत्री की शादी सम्पन्न हुए 90 दिन से अधिक का समय न हुआ हो एवं शादी सम्पन्न होने में 90 दिन का समय शेष रह गया हो वे गोजना का लाभ प्राप्त करने हेतु अपना आवेदन shadianudan.upsdc.gov.in वेबसाईट पर आनलाईन कर सकते है।

ऑनलाइन आवेदन के उपरान्त आवेदन की प्रति का प्रिंटआउट प्राप्त कर समस्त अभिलेखों/औपचारिकताओं (आय, जाति प्रमाण पत्र व अन्य अभिलेखों) को संलग्न करते हुए हार्डकापी ग्रामीण क्षेत्र के आवेदक कार्यालय खण्ड विकास अधिकारी एव शहरी क्षेत्र के आवेदक कार्यालय उपजिलाधिकारी के पास जमा करेगें। उन्होंने कहा आवेदक उoप्रo शासन द्वारा अधिसूचित पिछड़ी जाति से सम्बन्धित हो, जिसका वार्षिक आय शहरी क्षेत्र हेतु 56460 तथा ग्रामीण क्षेत्र हेतु 46080 से अधिक न हो। अधिकतम दो पुत्रियों की शादी हेतु अनुदान प्राप्त कर सकता है।