जातिगत जनगणना : बिहार सरकार ने दाखिल किया सुप्रीम कोर्ट में कैविएट, आग्रह किया कि पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील होने पर उसका (राज्य) पक्ष भी सुना जाए
डेस्क : जातिगत जनगणना मामले पर बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना कैविएट दाखिल किया है। सरकार ने शीर्ष कोर्ट से आग्रह किया कि यदि इस मामले में पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दाखिल की जाती है तो उसका (राज्य) पक्ष सुने बगैर कोई आदेश पारित नहीं किया जाए।
बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार को बिहार सरकार को राहत देते हुए राज्य में जातीय गणना को चुनौती देने वाली जनहित याचिका खारिज कर दी थी।
इससे पहले, हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर विचार करते हुए राज्य में जाति आधारित गणना पर लगी रोक हटा दी। राज्य सरकार द्वारा कराए जा रहे जातीय गणना को चुनौती देने वाली सभी रिट याचिकाएं खारिज कर दी।
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि राज्य सरकार योजनाएं तैयार करने के लिए सामाजिक आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति को ध्यान में रखकर गणना करा सकती है।
बिहार में 89 दिन बाद फिर जाति आधारित गणना शुरू
पटना हाईकोर्ट की हरी झंडी मिलने के अगले ही दिन बुधवार को बिहार में 89 दिनों बाद जाति आधारित गणना के अधूरे कार्यों को पूरा करने का काम पुन: शुरू हो गया।
सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश पर राज्य के सभी जिलों में जाति आधारित गणना कार्य को लेकर प्रगणकों को क्षेत्र में रवाना किया गया। पूर्व से चिन्हित घरों में जाकर प्रगणकों ने जाति आधारित गणना के तहत निर्धारित 26 बिंदुओं पर अलग-अलग जानकारी प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। इस कार्य में राज्य में करीब 5 लाख 19 हज़ार कर्मचारी लगाए गए।
पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर राज्य सरकार ने जाति आधारित गणना का कार्य 4 मई से बंद कर दिया था। इस गणना कार्य के प्रथम चरण में प्रगणक 2 करोड़ 58 लाख 90 हजार 497 परिवारों तक पहुंचे थे।
Aug 03 2023, 15:12