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संजय सिंह के निलंबन पर भड़के विपक्षी सांसद, संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने रातभर दिया धरना

#opposition_mps_sit_on_night_protest_outside_parliament

मणिपुर के मुद्दे को लेकर संसद में गतिरोध जारी है। विपक्षी दलों के नेता मणिपुर मामले में सदन में चर्चा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब की मांग पर लगातार नारेबाजी कर रहे हैं। सदन में जारी इस गतिरोध के कारण मानसून सत्र के तीन दिनों की कार्यवाही बेकार गई। सोमवार को इसी मुद्दे पर हो रहे हंगामे के बीच राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को पूरे मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया था। संजय सिंह के निलंबन के खिलाफ संसद में विपक्षी दलों के नेता धरना दे रहे हैं। विपक्षी नेताओं का यह धरना पूरी रात जारी रहा। मंगलवार सुबह भी विपक्षी दलों के नेता धरने पर बैठे हैं।

विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (I.N.D.I.A.) के घटक दलों के नेता सोमवार को ही संसद परिसर में धरने पर बैठ गए। विपक्षी दलों के कुछ सदस्य ‘मणिपुर बचाओ’ वाली तख्तियां लेकर संसद परिसर में जुटे और रात भर गांधी प्रतिमा पर बैठे रहे। गांधी प्रतिमा के सामने ही संजय सिंह ने भी अपना बिस्तर लगा लिया। आज सुबह जब सूर्योदय हो रहा था तो उन्होंने गांधी प्रतिमा के पास से अपनी एक तस्वीर ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा, 'हर रात की सुबह होती है। संसद का परिसर। बापू की प्रतिमा। मणिपुर को न्याय दो।

आज सुबह धरनास्थल से ही संजय सिंह ने कहा, 'कल पूरी रात हम लोग यहां गांधी प्रतिमा के सामने बैठे रहे। पूरा दिन बैठे रहे। हमारी एक ही मांग है प्रधानमंत्री से कि उन्हें मणिपुर की हिंसा पर जवाब देना होगा। देश का एक हिस्सा, जो हमारा बॉर्डर स्टेट है, ऐसे राज्य में अगर 80-90 दिनों से हिंसा चल रही है तो पीएम खामोश कैसे रह सकते हैं? केंद्रीय मंत्री, राज्य की मंत्री का घर जला दिया गया। बच्चों का कत्ल हो रहा है, महिलाओं के साथ गैंगरेप हो रहा है। सबसे ज्यादा शर्मसार करने वाली तस्वीर आई। महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराया जा रहा है। उसमें एक महिला का पति करगिल युद्ध में हिस्सा ले चुका है। आप कल्पना कीजिए कि सेना का रिटायर्ड सूबेदार कहता है कि मैंने करगिल युद्ध में हिस्सा लेकर देश की रक्षा कर ली लेकिन अपनी पत्नी की रक्षा नहीं कर पाया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंगलवार सुबह विपक्षी दलों के नेता इस मुद्दे पर अपनी आगे की रणनीति तैयार करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ बैठक करेंगे। संसद में कार्यवाही की शुरुआत से पहले I.N.D.I.A. गठबंधन से जु़ड़े सांसद मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात करेंगे। इस दौरान विपक्षी नेता अपनी अगली रणनीति पर चर्चा करेंगे। मंगलवार को मल्लिकार्जुन खरगे के चैंबर में होने वाली इस बैठक में AAP सांसद संजय सिंह के निलंबन पर भी चर्चा होनी है।

हैदराबाद में 700 करोड़ का फ्रॉड, चीन और आतंकी संगठन हिजबुल्लाह से जुड़े तार

#hyderabad_police_bust_rs_712_cr_fraud

हैदराबाद पुलिस ने एक बड़े फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ किया है। इसमें एक साल से भी कम समय में 15,000 भारतीयों से 700 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की गई।यह पूरा नेटवर्क चीन से संचालित किया जा रहा था, जिसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए देशभर से 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।इस फ्रॉड का कनेक्शन कथित तौर पर लेबनान स्थित हिजबुल्लाह आतंकवादी समूह से सामने आया है।

शॉर्ट टर्म नौकरी की आड़ में धोखाधड़ी के इस बड़े फ्रॉड का खुलासा हैदराबाद की साइबर क्राइम ब्रांच ने किया।हैदराबाद पुलिस कमिश्नर सीवी आनंद ने बताया कि इस गिरोह के बारे में केंद्रीय एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है। गृह मंत्रालय की साइबर क्राइम यूनिट को डिटेल दे दिया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस को संदेह है कि पैसे का एक हिस्सा क्रिप्टोकरेंसी में बदल दिया गया और हिजबुल्लाह द्वारा संचालित वॉलेट में जमा कर दिया गया। नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से चार हैदराबाद से, तीन मुंबई से और दो अहमदाबाद से हैं। गिरोह के आधा दर्जन और लोगों की तलाश पुलिस कर रही है। बताया जा रहा है कि ये सभी चाइनीज हैंडलर्स के इशारे पर काम करते थे।

साइबर क्राइम पुलिस ने हैदराबाद के एक व्यक्ति की शिकायत पर मामला दर्ज किया था। इसकी जांच के दौरान ही पूरा मामला सामने आया। उस व्यक्ति को टेलीग्राम पर रिव्यू करने की पार्ट टाइम जॉब ऑफर हुई थी। उसने भरोसा कर एक वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कर लिया। शुरुआत में उससे हजार रुपये इन्वेस्ट कराए गए।साथ ही चीजों को रेटिंग देने का आसान काम दिया गया। इस काम में उसे 800 रुपये का फायदा हुआ। इसके बाद व्यक्ति ने 25 हजार रुपये इन्वेस्ट किए। इसमें 20 हजार रुपये का फायदा हुआ। हालांकि, उसे ये रुपये निकालने की परमिशन नहीं मिली।बाद में ज्यादा कमाई का लालच देकर उससे और ज्यादा रुपये इन्वेस्ट कराए गए, लेकिन ये रुपये वापस नहीं मिले। इस तरह व्यक्ति के साथ 28 लाख रुपये की ठगी हो गई।

इसके बाद जब जांचकर्ताओं ने मनी ट्रेल का पीछा किया, तो उनका ध्यान शेल कंपनियों के 48 बैंक खातों पर गया, जिसके बाद साइबर क्राइम सेल ने भोले-भाले निवेशकों से लूटी गई रकम 584 करोड़ रुपये आंकी। इसमें एक खाता हैदराबाद स्थित राधिका मार्केटिंग कंपनी के नाम पर पंजीकृत पाया गया। मुनव्वर के नाम पर खाते के खिलाफ एक सेलफोन नंबर पंजीकृत किया गया था।

फ्रॉड करने वाले ठगों ने देश भर में हजारों लोगों को एक साल से अधिक समय तक धोखा दिया। शॉर्ट टर्म नौकरी की पेशकश करते हुए अच्छे रिटर्न का लालच दिया गया, जिसको काफी बड़ी तादाद में लोगों ने अपनाया। धोखाधड़ी के इस काम को अंजाम देने के लिए यूट्यूब वीडियो को पसंद करने या फिर गूगल समीक्षा लिखने जैसे आसान काम करने को कहा गया।

उड़ गई चिड़िया! बदल गया ट्विटर का लोगो, ‘ब्लू बर्ड’ की जगह दिखेगा ‘X’

#twitter_logo_gets_replaced_by_x

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर को नया ‘लोगो' मिल गया है। अब नीली चिड़िया की जगह काले-सफेद रंग के ‘एक्स' ने ले ली है। ट्विटर के मालिक एलन मस्क ने इसकी घोषणा की। मस्क ने सोमवार को अपने ट्विटर अकाउंट का ‘लोगो' बदल दिया। ट्विटर का डोमेन भी अब Twitter.com से X.com हो गया है।

Twitter के आधिकारिक हैंडल की प्रोफाइल फोटो भी X वाली हो गई है और नाम भी एक्स कर दिया गया है। हालांकि, हैंडल अभी भी है, क्योंकि हैंडल को बदला नहीं जा सकता है। एलन मस्क ने ट्विटर मुख्यालय की एक फोटो शेयर की है जिसपर लेजर लाइट से X लोगो बनाया गया है।

मस्क ने रविवार देर रात ट्वीट करके बताया था कि वह ‘लोगो' में बदलाव सोमवार को ही करना चाहते हैं। मस्क ने लिखा था, ‘‘और जल्द ही हम ट्विटर ब्रांड तथा सभी चिड़ियों को अलविदा कह देंगे।

पिछले साल 44 अरब डॉलर में ट्विटर को खरीदा था। इसके बाद उन्होंने साइट में कई बदलाव किए हैं। ट्विटर को खरीदने के बाद से ही मस्क ट्विटर से रेवेन्यू जेनरेट करने में जूझ रहे हैं। रेवेन्यू के लिए ही एलन मस्क ने ब्लू टिक को पेड किया यानी अब सिर्फ उसे ही ब्लू टिक मिलेगा जो पैसे देगा। इसके अलावा एलन मस्क ने फ्री अकाउंट से ट्वीट करने और ट्वीट देखने पर भी लिमिट लगा दी है। साथ ही डायरेक्ट मैसेज को भी पेड करने जा रहे हैं। एलन मस्क ने कटौती के लिए मालिक बनते की ही कई बड़े अधिकारियों को नौकरी से निकाला था जिसमें भारतीय मूल के ट्विटर सीईओ पराग अग्रवाल भी शामिल थे। एलन मस्क जल्द ही ट्विटर का नया लोगो भी जारी कर सकते हैं।

मणिपुर मामले पर लोकसभा में बोले अमित शाह- हम तैयार, नहीं पता विपक्ष चर्चा क्यों नहीं चाहता

#amit_shah_said_we_are_ready_to_hold_discussion_on_manipur_violence

मणिपुर के मुद्दे को लेकर सोमवार को भी संसद के दोनों सदनों में जोरदार हंगामा हुआ। इस मामले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी बयान दिया।मणिपुर मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष को दो टूक जवाब दिया है और कहा है कि मैं तो इस मुद्दे पर सदन में चर्चा के लिए तैयार हूं। मैं विपक्ष से अनुरोध करता हूं कि इस मुद्दे पर चर्चा होने दें।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में कहा, ‘मेरा विपक्ष के सभी सदस्यों से आग्रह है, एक संवेदनशील मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के सदस्यों ने चर्चा की मांग की है। मैं सदन में चर्चा के लिए तैयार हूं, विपक्ष चर्चा क्यों नहीं करना चाहता है। मेरी अपील है कि चर्चा होने दे और पूरे देश के सामने सच्चाई जाए यह काफी जरूरी है।

आपको बता दें कि मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाने का वीडियो वायरल हुआ था, जिसपर काफी बवाल हुआ था। 4 मई की इस घटना का वीडियो जुलाई में वायरल हुआ और उसके बाद पुलिस ने 5 लोगों को अरेस्ट किया था। विपक्ष इसी मसले पर चर्चा की मांग कर रहा है, लेकिन जब से मॉनसून सत्र शुरू हुआ है तभी से विपक्षी दलों का हंगामा जारी है।

मणिपुर में बीती तीन मई को कुकी और मैतई समुदाय के बीच आरक्षण की मांग को लेकर जातीय हिंसा भड़की थी। जिसमें अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

'चुनाव में लोगों के घर पहुंचाया था मटन, फिर भी नहीं जीते चुनाव', नितिन गडकरी ने सुनाया किस्सा

#nitin_gadkari_said_election_is_not_won_by_feeding_mutton

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी अपने मुखर अंदाज के लिए जाने जाते हैं। इसी बीच नितिन गडकरी ने एक पुराना किस्सा सुनाते हुए बताया है कि कैसे एक-एक किलो मटन बांटने के बाद भी उनको चुनाव में शिकस्त मिली थी। यही नहीं,गडकरी ने ये भी कहा कि चुनाव के दौरान कोई प्रलोभन दिखाने के बजाय लोगों के दिलों में विश्वास और प्यार पैदा करें।

सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी महाराष्ट्र के नागपुर में शिक्षक परिषद के विद्यार्थी सत्कार कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे। कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, मेरा इस बात पर विश्वास नहीं है कि लोग चुनावों में पोस्टर लगाकर खिला-पिलाकर जीत जाते हैं।मैं कई चुनाव लड़ चुका हूं। सारे एक्सपेरिमेंट कर चुका हूं। मैंने एक बार एक्सपेरिमेंट किया था, जिसमें एक-एक किलो सावजी मटन लोगों के घरों में पहुंचाया था। लेकिन फिर भी मैं चुनाव हार गया था।

केंद्रीय मंत्री सलाह दी कि प्रचार के होर्डिंग्स लगाने या मटन पार्टी देने से कोई चुनाव नहीं जीता जा सकता। जनता का विश्वास और प्यार बनाएं। चुनाव के दौरान कोई प्रलोभन दिखाने के बजाय लोगों के दिलों में विश्वास और प्यार पैदा करें।

गडकरी ने कहा, लोग अकसर कहते हैं कि हमें सांसदी का टिकट दे दो। वह नहीं तो विधायक का टिकट दे दो। नहीं तो एमएलसी या फिर आयोग का टिकट दे दो। इतना भी नहीं तो मेडिकल कॉलेज दे दो। वह भी नहीं तो इंजीनियरिंग या बीएड कॉलेज दे दो। यह भी नहीं तो प्राइमरी स्कूल दे दो, ताकि मास्टर की आधी सैलरी मिल जाए।मगर इससे देश नहीं बदलेगा।

दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, 3 सालों में विज्ञापन पर 1100 करोड़ खर्च कर सकते हैं, तो आरआरटीएस के लिए भी पैसे होंगे

#supreme_court_reprimanded_the_delhi_government

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) में देरी को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है।सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली सरकार को दो महीने के अंदर 'रीजनल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम' (आरआरटीएस) के लिए 415 करोड़ रुपये देने का निर्देश दिया है।

जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने कड़े लहजे में कहा की केजरीवाल की नेतृत्व वाली आप सरकार ने पिछले तीन वर्षों में विज्ञापनों पर 1100 करोड़ रुपये खर्च कर सकती है, इसका मतलब हुआ कि सरकार के पास फंड की कमी नहीं है तो आप बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को फलीभूत होने के लिए पैसा दे ही सकते हैं।

पिछली सुनवाई में दिल्ली सरकार के वकील ने दो जजों की बेंच को बताया कि धन की कमी है और वित्तीय मदद करने में असमर्थता व्यक्त की थी। इस पर जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने आप सरकार को निर्देश दिया था कि वह दो हफ्ते के अंदर फंड्स की गणना की जानकारी के साथ एफिडेविट मुहैया कराएं। पीठ ने कहा था कि दिल्ली सरकार ने ‘कॉमन प्रोजेक्ट’ के लिए कोष देने में असमर्थता जताई है। चूंकि इस परियोजना में धन की कमी एक बाधा है। इसलिए हम दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार से एक हलफनामा दाखिल करने को कहते हैं, जिसमें विज्ञापन के लिए खर्च किए गए धन का ब्योरा दिया जाए क्योंकि यह परियोजना राष्ट्रीय महत्व की है। इसमें पिछले वित्तीय वर्षों का ब्योरा दिया जाए।

आप सांसद संजय सिंह राज्यसभा से पूरे सत्र के लिए सस्पेंड, जानें सभापति जगदीप धनखड़ ने क्यों लिया ये फैसला

#aapmpsanjaysinghsuspededformrajyasabhaparilamenmonsoonsession

मणिपुर मामले को लेकर संसद के दोनों सदनों में लगातार हंगामा हो रहा है। सोमवार को राज्यसभा, लोकसभा में भी जमकर बवाल हुआ। सोमवार को राज्यसभा में मणिपुर हिंसा के मसले पर हंगामे के बीच सभापति जगदीप धनखड़ ने आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को पूरे मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया है।

जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने सभापति से संजय सिंह की शिकायत की थी।उनकी शिकायत के आधार पर ही यह फैसला लिया गया है और मॉनसून सत्र के लिए संजय सिंह को राज्यसभा से सस्पेंड कर दिया गया है। इस फैसले के बाद विपक्ष के सभी नेताओं ने राज्यसभा चेयरमैन के साथ बैठक की और फैसले पर पुनर्विचार करने की बात कही।

राघव चड्ढा ने निलंबन को बताया दुर्भाग्यपूर्ण

आप सांसद राघव चड्ढा ने संजय सिंह के निलंबन पर कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सभापति ने संजय सिंह को निलंबित कर दिया। यह सही नहीं है, यह लोकतंत्र की आत्मा के खिलाफ है। सदन के स्थगित होने के बाद हमने सभापति से मुलाकात की और उनसे निलंबन वापस लेने की अपील की। सभापति को सभी सांसदों को बुलाकर बात करनी चाहिए और स्वस्थ चर्चा करनी चाहिए। 

सच बोलने पर सस्पेंड हुए तो हमें कोई दुख नहीं

दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अगर संजय सिंह जनता के हित सच की आवाज उठाते हुए सस्पेंड हुए हैं तो हमें कोई दुख नहीं है। इस माले में आगे क्या कर्रवाई होगी इस बात को संयज सिंह देखेंगे। आम आदमी पार्टी लीगल विंग के लोग इस मसले को आगे बढ़ाएंगे।

बता दें कि मणिपुर में हाल ही में वायरल हुए वीडियो के बाद देशभर में गुस्सा था। वीडियो में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाया जा रहा था, उसके बाद उनके साथ यौन शोषण भी किया गया था। विपक्ष की ओर से लगातार मणिपुर मसले पर संसद में हंगामा किया जा रहा है और प्रधानमंत्री के बयान की मांग की जा रही है।सरकार की ओर से मणिपुर मसले पर चर्चा की बात कही गई है, हालांकि सरकार का यह भी कहना है कि संबंधित मंत्रालय इसपर सदन में बयान देगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही सदन के बाहर मणिपुर मसले पर बयान दे चुके हैं और अपना रोष व्यक्त कर चुके हैं।

आप सांसद संजय सिंह राज्यसभा से पूरे सत्र के लिए सस्पेंड, जानें सभापति जगदीप धनखड़ ने क्यों लिया ये फैसला

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मणिपुर मामले को लेकर संसद के दोनों सदनों में लगातार हंगामा हो रहा है। सोमवार को राज्यसभा, लोकसभा में भी जमकर बवाल हुआ। सोमवार को राज्यसभा में मणिपुर हिंसा के मसले पर हंगामे के बीच सभापति जगदीप धनखड़ ने आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को पूरे मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया है।

जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने सभापति से संजय सिंह की शिकायत की थी।उनकी शिकायत के आधार पर ही यह फैसला लिया गया है और मॉनसून सत्र के लिए संजय सिंह को राज्यसभा से सस्पेंड कर दिया गया है। इस फैसले के बाद विपक्ष के सभी नेताओं ने राज्यसभा चेयरमैन के साथ बैठक की और फैसले पर पुनर्विचार करने की बात कही।

राघव चड्ढा ने निलंबन को बताया दुर्भाग्यपूर्ण

आप सांसद राघव चड्ढा ने संजय सिंह के निलंबन पर कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सभापति ने संजय सिंह को निलंबित कर दिया। यह सही नहीं है, यह लोकतंत्र की आत्मा के खिलाफ है। सदन के स्थगित होने के बाद हमने सभापति से मुलाकात की और उनसे निलंबन वापस लेने की अपील की। सभापति को सभी सांसदों को बुलाकर बात करनी चाहिए और स्वस्थ चर्चा करनी चाहिए।

सच बोलने पर सस्पेंड हुए तो हमें कोई दुख नहीं

दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अगर संजय सिंह जनता के हित सच की आवाज उठाते हुए सस्पेंड हुए हैं तो हमें कोई दुख नहीं है। इस माले में आगे क्या कर्रवाई होगी इस बात को संयज सिंह देखेंगे। आम आदमी पार्टी लीगल विंग के लोग इस मसले को आगे बढ़ाएंगे।

बता दें कि मणिपुर में हाल ही में वायरल हुए वीडियो के बाद देशभर में गुस्सा था। वीडियो में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाया जा रहा था, उसके बाद उनके साथ यौन शोषण भी किया गया था। विपक्ष की ओर से लगातार मणिपुर मसले पर संसद में हंगामा किया जा रहा है और प्रधानमंत्री के बयान की मांग की जा रही है।सरकार की ओर से मणिपुर मसले पर चर्चा की बात कही गई है, हालांकि सरकार का यह भी कहना है कि संबंधित मंत्रालय इसपर सदन में बयान देगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही सदन के बाहर मणिपुर मसले पर बयान दे चुके हैं और अपना रोष व्यक्त कर चुके हैं।

राजस्थान विधानसभा में बवाल, लाल डायरी लहराते अध्यक्ष के पास पहुंचे गुढ़ा, हंगामा हुआ तो मार्शल ने बाहर निकाल

#rajasthanassemblyuproaroverlaldiaryissuerajendragudha

राजस्थान में लाल डायरी को लेकर बवाल मचा है। एक मंत्री की छुट्टी हो चुकी है और अब विधानसभा में इस मसले पर जमकर हंगामा भी हो रहा है।राजस्थान के पूर्व मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा को राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बर्खास्त कर दिया है। इस मामले पर अब भाजपा सरकार कांग्रेस की आलोचना कर रही है। इस बीच राजेंद्र गुढ़ा आज विधानसभा पहुंचे थे। उनके हाथ में लाल डायरी भी थी जिसका जिक्र उन्होंने रविवार के दिन किया था। राजेंद्र राठौड़ ने सदन में जब लाल डायरी का मुद्दा उठाया तो सदन में हंगामा शुरू हो गया।हंगामा हुआ तो मार्शल ने उन्हें बाहर निकाल दिया।राजेंद्र गुढ़ा ने विधानसभा के बाहर दावा किया कि सदन में उनके साथ मारपीट की है।

दरअसल, सोमवार को जब विधानसभा का सत्र शुरू हुआ, तब राजेंद्र गुढ़ा ने लाल डायरी को पेश करने की कोशिश की और बिना स्पीकर की इजाजत के वह सदन में बोलने लगे। इस दौरान उनकी विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी के साथ तीखी बहस हुई।डायरी लहराते हुए गुढ़ा ने कहा कि मुझे बोलने दिया जाए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी उनसे बार-बार कहते रहे 'कम टू माय चेंबर' यहां सदन में नहीं बोलने दिया जाएगा, आप मुझे डिक्टेट नहीं कर सकते। आप चेंबर में आइए। इस पर गुढ़ा तैयार नहीं हुए तो जोशी ने उनसे कहा कि दादागिरी करनी है क्या?

मार्शल धक्के देकर सदन से बाहर ले गए

इस बीच सदन में हो रही गहमा-गहमी में राजेंद्र गुढ़ा और शांति धारिवाल के बीच हाथापाई तक की नौबत आ गई। कांग्रेस विधायक रफीक खान ने बीच-बचाव करने का प्रयास किया।इसके बाद बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश के बाद मार्शल धक्के देकर सदन से बाहर ले गए। विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को स्थगित कर दिया।

'मुझ पर 50 लोगों ने हमला किया' भावुक हुए राजेंद्र गुढ़ा

सदन के बाहर आकर राजेंद्र गुढ़ा मीडिया के सामने रो पड़े। उन्होंने दावा किया कि सदन के भीतर उनके साथ मारपीट हुई है और सरकार के मंत्रियों ने जबरन उन्हें बाहर निकाल दिया। राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि लगभग 50 लोगों ने मुझ पर हमला किया, मुझे मुक्का मारा। लात मारी और कांग्रेस नेताओं ने मुझे विधानसभा से खींचकर बाहर निकाल दिया। राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष ने मुझे बोलने तक नहीं दिया। मेरे ऊपर आरोप लगे कि मैं बीजेपी के साथ हूं। मैं जानना चाहता हूं कि मेरी गलती क्या है? इस दौरान वो भावुक दिखे, आंखों में आंसू तक आ गए।

आखिर लाल डायरी है क्या

राजेंद्र गुढ़ा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने एक लाल डायरी का जिक्र किया है। उनका दावा है कि जो डायरी उनके पास है। उस डायरी में अशोक गहलोत के कारनामे लिखे हैं। गुढा ने दावा किया कि अगर वे इस डायरी का खुलासा कर देते तो अशोक गहलोत मुख्यमंत्री ना होकर जेल में होते। इस डायरी का जिक्र गुढा ने दो महीने पहले ही किया था। तब उन्होंने कहा कि जुलाई 2020 में सियासी संकट के समय सरकार बचाने के लिए अशोक गहलोत ने बीजेपी के किस किस विधायक को कितने कितने रुपए में खरीदा। इसके सारे सबूत उनके पास डायरी में लिखे हैं। गुढ़ा ने जल्द ही इस डायरी के राज खोलने की बात कही। इसी बीच बीजेपी के सदस्यों ने इस डायरी के राज खोलने की मांग करते हुए सदन में भारी हंगामा कर दिया

ज्ञानवापी में एएसआई सर्वे पर 26 जुलाई तक रोक, मुस्लिम पक्ष को हाई कोर्ट जाने का आदेश

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वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 26 जुलाई तक के लिए रोक लगा दी है। इस दौरान मस्जिद कमेटी को हाई कोर्ट जाने का मौका दिया गया है। ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन देखने वाली अंजुमन कमेटी ने काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण के लिए वाराणसी जिला अदालत के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश दिया।

ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एएसआई के सर्वे पर 26 जुलाई शाम पांच बजे तक रोक लगा दी है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि ज्ञानवापी मस्जिद में क्या हो रहा है? इस पर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि ज्ञानवापी मस्जिद में खुदाई नहीं हो रही है। पहले सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद में एक सप्ताह तक खुदाई का काम नहीं कराने की बात कही। फोटोग्राफी और राडार इमेजिंग के जरिए सर्वे कराने की बात कही गई। एएसआई की ओर से कहा गया कि हम लोग केवल सर्वे का काम कर रहे हैं। 

मुस्लिम पक्ष को राहत

सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि मुस्लिम पक्ष मंगलवार को ही सुप्रीम कोर्ट जाए। इसके बाद एएसआई के सर्वे पर कोर्ट ने 26 जुलाई तक रोक लगाने का आदेश दिया। हाई कोर्ट को स्टे खत्म होने से पहले फैसला देने को कहा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इसी के साथ जिला कोर्ट के एएसआई सर्वे पर भी रोक लगा दी है। इसे मुस्लिम पक्ष को राहत के रूप में देखा जा रहा है।

21 जुलाई को सर्वे का दिया था आदेश

जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने बीते 21 जुलाई को आदेश दिया था कि ज्ञानवापी परिसर स्थित सील वजूखाने को छोड़कर शेष अन्य हिस्से का एएसआई वैज्ञानिक जांच करे। साथ ही रिपोर्ट बनाकर चार अगस्त तक दे और बताए कि क्या मंदिर तोड़कर उसके ऊपर मस्जिद बनाई गई है।