मानव का छोटा सा कदम मानवता की लम्बी छलांग. आज ही के दिन चाँद पर पहुंचे थे हम. कुर्मा संस्कृति ने मनाया मून डे
जहानाबाद : 20 जुलाई 1969. नील आर्मस्ट्रांग के चाँद पे पैर रखते ही चंदा मामा दूर के पूए पकाये गुड़ के गाने वाले बच्चे ने विज्ञान का पाठ पढ़ कर जान लिया कि चन्द्रमा मात्र एक उपग्रह है जो सूरज की रौशनी से प्रकाशित भर है।
तब से अब तक में भारत का तीसरा चंद्रयान विगत 14 जुलाई को निकल पड़ा है चन्द्रमा की सैर करने। 20 जुलाई विज्ञान की दुनिया का बड़ा दिन है। इसे मून डे, अपोलो डे और विशेषकर विज्ञान अनुसन्धान दिवस के रूप में मनाता है।
कुर्मा संस्कृति परिवार ने इस अवसर पर सभी बच्चों को मानव का चाँद पे पहला कदम की दुर्लभ और ऐतिहासिक फ़िल्म को दिखा कर उनकी विज्ञान के प्रति अनुरक्ति जगाने की कोशिश की स्पेशल असेंबली में प्राचार्य डॉ संजय कुमार सिन्हा ने वैज्ञानिक सोच को जीवन में उतारने का आह्वान किया।
अपने सन्देश में चेयरमैन शंकर कुमार ने विद्यालय कि बाल वैज्ञानिक अपराजिता नारायण को बधाई देते हुए बताया कि इसरो में विशेष प्रशिक्षण के लिए चयन होने से जहानाबाद ही नहीं, बिहार का मस्तक ऊँचा हुआ है।
निदेशक ओम नारायण ने रोबोटिक्स लैब की जल्द ही शुरुआत करने के संकल्प को दोहराते हुए भविष्य की चुनौतियों के लिए कुर्मा संस्कृति के बच्चे को नई शिक्षा नीति का सम्पूर्ण रूप से लागू करने की संस्तुति की। प्री-प्राइमरी के बच्चों ने भी मून डे पर एक से एक कार्यक्रम से सबों का दिल जीत लिया।
जहानाबाद से बरुण कुमार
Jul 20 2023, 18:53