मोटर दुर्घटना संशोधित नियमावली 2022 को जानना आवश्यक : सचिव
औरंगाबाद : सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल अपील संख्या 9322/2022 में दिनांक 15.12.2022 को पारित न्यायालय निर्णय के आलोक में मोटर दुर्घटना के अध्याय- XI और XII के प्रावधानों के सम्बन्ध में संवेदनशील बनाने हेतु और मोटर दुर्घटना संशोधन नियमावली, 2022 में शासनादेश सुनिश्चित करने हेतु सभी स्टेकहोल्डर को जागरूक करने के उद्देश्य से जिला विधिक सेवा प्राधिकार के प्रकोष्ठ में सभी पैनल अधिवक्ताओं तथा मोटर दुर्घटना वाद से सम्बन्धित अधिवक्ताओं के साथ एक कार्यशाला सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
चूंकि मोटर दुर्घटना वाद में सभी प्रमुख स्टेकहोल्डर को मोटर दुर्घटना संशोधित नियमावली 2022 के नये प्रावधानों से अवगत कराते हुए उन्हें जागरूक किया जाना आवश्यक है, जिससे कि कोई भी दुर्घटना के बाद उनके दावे को लेकर किसी तरह की समस्या उत्पन्न न हो तथा आम जनमानस उक्त अधिनियम से सम्बन्धित तथ्यों से अवगत हो इसी उद्देष्य से आज का कार्यशाला किया गया।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर ने बताया कि मोटर दुर्घटना संशोधित नियमावली 2022 के कई प्रावधान से आम जन मानस अवगत नहीं है तथा उन्हें इसकी अपेक्षित लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है और इस जागरूकता सह कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य यही है कि पैनल अधिवक्ता और मोटर दुर्घटना से सम्बन्धित अधिवक्ता अगर संशोधित नियमावली से अवगत होंगे तो इसका सीधा लाभ पक्षकारो को प्राप्त होगा।
कहा कि अभी लोगो में यह भ्रम की स्थिति है कि मोटर दुर्घटना सम्बन्धित वाद न्यायालय में नहीं दाखिल की जा सकती है परन्तु संदीप राज बनाम बिहार सरकार के मामले में माननीय पटना उच्च न्यायालय ने यह व्यवस्था दिया है कि उक्त वाद न्यायालय में दाखिल किये जायेंगें। सचिव द्वारा यह भी बताया गया कि पहले मोटर दुर्घटना से सम्बन्धित वाद दाखिल करने हेतु समय सीमा निर्धारित नहीं थी परन्तु अब परिस्थिति बदल गयी है अब समय सीमा का निर्धारण कर दिया गया हैं।
मोटर दुर्घटना से सम्बन्धित वाद लाने हेतु समय सीमा घटना तिथि से छः माह है तथा उनके द्वारा यह बताया गया कि वाद को 12 महीने के अन्दर निष्पादित कर देना है साथ ही सचिव ने यह भी बताया कि नियमावली में कई प्रारूप दिये गये हैं जो अनुसंधानकर्ता, पीड़ित, चालक, वाहन मालिक, इन्षुरेंन्स कम्पनी को निर्धारित समयानुसार प्रारूप में दिये गये सूचनाओं के प्रपत्र को भरना है। इसके साथ-साथ उनके द्वारा कई अन्य विन्दुओं और मोटर दुर्घटना संषोधित नियमावली, के कानूनी पहलुओं पर जानकारी उपलब्ध करायी गयी| जिसका लाभ निश्चित रूप से पी़डित को प्राप्त होगी।
उनके द्वारा उपस्थित लोगो से यह अपील किया गया कि आपको उपलब्ध कराये गये जानकारी को अधिक से अधिक लोगो तक पहुचाये जिससे कि पीड़ित को समय पर आर्थिक सहायता प्राप्त हो सके तथा तकनीकी कारणों के कारण वे इसका लाभ उठाने से वंचित न हो सके। उनके द्वारा यह भी बतया गया की अगर किसी दुर्घटना में गाडी के बारे में जानकारी नही प्राप्त नही हो सका जिसे हीट एंड रन मामले कहते है में मृतक के पीड़ित को 2.5 लाख और जख्मी को 50 हजार मिलने का प्रावधान है|
औरंगाबाद से धीरेन्द्र
Jul 14 2023, 20:13