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हिमांचल से लेकर दिल्ली तक बारिश ने मचाई तबाही,कहीं पुल बहे तो कहीं सड़क,भूस्खलन ने ली कई जानें,आज दिल्ली में येलो अलर्ट जारी


 मानसून आगमन के साथ बारिश ने ​​​​​​उत्तर भारत के कई हिस्सों में जिस तरह तबाही मचाई वह र कपां देने बाली है। रविवार को हुई मूसलाधार बारिश और भूस्खलन की घटनाओं में कई लोगों की मौत हो गई. दिल्ली में यमुना सहित देश के उत्तरी क्षेत्र में कई नदियां उफान पर हैं. कई शहरों और कस्बों में सड़कें तथा आवासीय क्षेत्र घुटनों तक पानी में डूब गए और रिकॉर्ड बारिश के चलते निकाय व्यवस्था पंगु नजर आई. 

अचानक आई बाढ़ से पर्वतीय इलाकों में सड़कें बह गईं. हिमाचल में तो बारिश की वजह से उफान पर आई नदियों ने रौद्र रूप ले लिया है. आलम ये है कि कुछ जगह पर सड़क बह तो गई तो कहीं पर पुल. 

मौसम विभाग के मुताबिक अगले 2 दिनों तक जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश की संभावना है. इसके साथ ‘पंजाब, हरियाणा, यूपी और पूर्वी राजस्थान में भी अगले दो दिनों में भारी बारिश होने का अलर्ट जारी किया गया है.

मौसम विभाग के मुताबिक उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर के पहाड़ों में सोमवार को भी बारिश की संभावनाएं जताई गई हैं. इसके अलावा मैदानी इलाकों में बारिश की तीव्रता कम होगी. हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली तथा अन्य स्थानों के लोगों द्वारा जलमग्न सड़कों पर कागज की नावों की तरह तैरते वाहन, आवासीय क्षेत्रों में गंदा पानी घुसने, उफनती नदियों और भूमि के धंसने के कारण तटों पर डूबे हुए मंदिर और अन्य संरचनाओं की तस्वीरें ऑनलाइन साझा की गईं. 

जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है, जबकि दिल्ली में अधिकारियों ने यमुना के बढ़ते जल स्तर को लेकर चेतावनी दी है. राष्ट्रीय राजधानी में 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई.

सामान्य जनजीवन ठप होने के कारण दिल्ली और इसके आसपास के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) शहरों गुरुग्राम और नोएडा में स्कूल सोमवार को बंद रहेंगे. गाजियाबाद में बारिश के कारण दो दिन और उसके बाद ‘कांवड़ यात्रा' के कारण 17 जुलाई तक स्कूल बंद रहेंगे. 

भारी बारिश से रेलवे सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं. उत्तर रेलवे ने कहा कि लगभग 17 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गई हैं और लगभग 12 अन्य का मार्ग बदला गया है. जलभराव के कारण चार स्थानों पर यातायात रोक दिया गया है. हिमाचल प्रदेश में 10 जिलों में अत्यधिक भारी बारिश के पूर्वानुमान को लेकर ‘रेड अलर्ट' जारी किया गया है. राज्य में भूस्खलन की तीन अलग-अलग घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई. हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य से संबद्ध सभी सरकारी और निजी स्कूलों और कॉलेजों को दो दिनों (10 और 11 जुलाई) के लिए बंद कर दिया है.

शिमला जिले के कोटगढ़ इलाके में भूस्खलन के चलते एक मकान के ढहने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई, जबकि कुल्लू और चंबा जिलों से एक-एक व्यक्ति की मौत की सूचना है.

 हिमाचल प्रदेश आपातकालीन अभियान केंद्र के अनुसार, पिछले 36 घंटों में चौदह बड़े भूस्खलन और अचानक बाढ़ की 13 घटनाओं की सूचना मिली है, जबकि 700 से अधिक सड़कें बंद कर दी गई हैं. इस बीच, उत्तराखंड में ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गुलर के पास भूस्खलन के चलते एक जीप के नदी में गिरने से तीन तीर्थयात्री गंगा में डूब गए. 

राज्य आपदा मोचन बल और पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि जीप में 11 लोग सवार थे. उन्होंने बताया कि पांच लोगों को बचा लिया गया है, जबकि तीन अन्य की तलाश जारी है और बचावकर्मियों ने तीन शव बरामद कर लिए हैं.

जम्मू-कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों के साथ-साथ लद्दाख से भी हिमपात की खबरें हैं, जहां भारी बारिश को लेकर ‘रेड अलर्ट' जारी किया गया है. नदियों में जलस्तर के खतरे के निशान को पार करने के साथ जम्मू-कश्मीर के कठुआ और सांबा जिलों के साथ ही निचले जलग्रहण क्षेत्रों के लिए ‘रेड अलर्ट' जारी किया गया है. हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति के चंद्रताल में लगभग 200 लोग फंस गए और ब्यास नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण चंडीगढ़-मनाली राजमार्ग का एक हिस्सा बह गया. अचानक बाढ़ से भूस्खलन और भू-धंसाव के कारण उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों के गांवों तक सड़क मार्ग से पहुंचना मुश्किल हो गया है. मनाली में दुकानें बहने और कुल्लू, किन्नौर तथा चंबा में नालों में उफान से वाहनों के बह जाने की भी सूचना मिली हैं.

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के कई हिस्सों में रविवार को लगातार तीसरे दिन भी भारी बारिश और बेमौसम बर्फबारी होने के कारण दो सैनिकों समेत पांच लोगों की मौत हो गयी. जलाशयों के जलस्तर में वृद्धि के कारण, मौसम विभाग ने जम्मू क्षेत्र और लद्दाख के कुछ हिस्सों के लिए सोमवार के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जबकि जम्मू क्षेत्र के कई निचले इलाकों के लोगों को एहतियात के तौर पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. जम्मू कश्मीर के पुंछ में भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ में बहे दो सैनिकों के शव बरामद कर लिए गए हैं. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी.

ब्लैक-टी से हो जाये सावधान! ज्यादा सेवन करने से किडनी के लिए हो सकता है खतरनाक


नई दिल्ली: ब्लैक टी हमारी सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होती है. ये कहना है कई हेल्थ एक्सपर्ट्स का. 

दरअसल ब्लैक टी में मौजूद तमाम तरहों के एंटीऑक्सीडेंट हमारे दिल से लेकर डायबिटीज की समस्या तक लाभदायी होते हैं. न सिर्फ इतना, बल्कि इससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी कई गुना तक इजाफा होता है, जो कोरोना जैसी संक्रामक बीमारियां हमसे दूर रखता है. हालांकि कई लोगों का ये भी मानना है कि ब्लैक-टी का ज्यादा सेवन हमें किडनी की बीमारियों से ग्रसित कर सकता है... तो आइये इसे विस्तार से जानें...

कैफीन से खतरा...

यूं तो कैफीन हमारी किडनी के लिए लाभकारी है, क्योंकि इसमें मौजूद मूत्रवर्धक प्रभाव किडनी के लिए लाभादायी है, मगर कैफीन की अधिक मात्रा खतरनाक भी हो सकती है. दरअसल चाय और कॉफी में कैफीन प्राथमिक घटक है जो किडनी पर अच्छा और बुरा दोनों असर डालता है. शोध के मुताबिक कैफीन से ब्लड प्रेशर प्रभावित होता है. अगर हम कैफीन का ज्यादा सेवन करेंगे, तो इससे हमें ब्लड प्रेशर में वृद्धि का खतरा रहता है, जिससे किडनी की बीमारी होने का जोखिम बना रहता है. 

वहीं इसमें पाय जाने वाल ऑक्सलेट, इसे हमारी किडनी के लिए और भी ज्यादा खतरनाक बनाता है. वहीं इसमें मौजूद ऑक्सालेट कैल्शियम किडनी के भीतर क्रिस्टल बनाते हैं, जिससे हमें पथरी होने का खतरा बना रहता है. ऐसे में ब्लैक टी का अधिक सेवन हमारी किडनी के लिए हर मायने में खराब माना जाता है.

हेल्थ एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यूं तो ब्लैक-टी कई तरहों से सेहत के लिए लाभयादी है, इसमें हृदय रोग से जुड़ी पेरशानी, खासतौर पर कोलेस्ट्रॉल को कम करने और ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखने जैसे कई फायदे हैं. हालांकि इसका सेवन भी कम मात्रा में होना चाहिए. इसका अधिक सेवन हमें कई प्रकार की परेशानियों में डाल सकता है. मुख्यतौर पर ब्लैक-टी की अधिकता किडनी के लिए समस्याकारक साबित हो सकती है.

आफ़त की बरसात : दिल्ली में बारिश ने तोड़ा 41 वर्षों का रिकॉर्ड, 1982 के बाद 24 घंटे में हुई सबसे ज्यादा बरसात


नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में पिछले दो दिनों से झमाझम बारिश का दौर जारी है। इससे जुलाई के महीने में 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश का 41 वर्ष का रिकॉर्ड टूट गया।

इससे पहले 1982 में हुई थी इतनी बारिश

मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार सुबह से जारी बरसात ने दिल्ली में 41 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। सुबह साढ़े आठ बजे तक 153 मिमी वर्षा दर्ज की गई।

वर्ष 1982 के बाद यह 24 घंटे की सबसे ज्यादा बरसात है। इससे पहले 1982 में 169.9 मिमी बारिश हुई थी?

न्यूनतम तापमान में भी आई गिरावट

दिल्ली में दो दिन से लगातार हो रही इस बारिश से न्यूनतम तापमान में भी गिरावट आई है। जानकारी के मुताबिक, सामान्य से तीन डिग्री कम 25.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है।

वहीं, आज अधिकतम तापमान 30 डिग्री रहने के आसार हैं। मौसम विभाग ने आज बारिश को लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग का कहना है कि मानसूनी हवा व पश्चिमी विक्षोभ के संयुक्त प्रभाव क कारण दिल्ली में मूसलधार वर्षा हो रही है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, शनिवार से हो रही वर्षा के बाद रविवार को दिल्ली में एयर इंडेक्स घटकर 50 या उससे कम हो सकता है। इसलिए हवा की गुणवत्ता अच्छे श्रेणी में रह सकती है, लेकिन एक दिन के बाद दोबारा हवा की गुणवत्ता संतोषजनक श्रेणी में पहुंच जाएगी।

नोएडा में बारिश से जलभराव की स्थिति

औद्योगिक नगरी में रविवार से तेज वर्षा हो रही है। लगातार दूसरे दिन सुबह के समय तेज वर्षा जलभराव की स्थिति बनी हुई है। इससे घरों से बाहर जरूरी काम से निकलने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि रविवार होने के कारण राहत की बात यह है कि सड़क पर ट्रैफिक का दबाव कम है। लेकिन शहर के निचले हिस्से में पानी रुकने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, GST चोरी करने वालों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग-रोधी कानून तहत होगी कार्रवाई,अधिसूचना जारी


नई दिल्ली : फर्जी बिलिंग के जरिए कर चोरी रोकने के उद्देश्य से केंद्र ने जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के दायरे में ला दिया है. इससे जीएसटीएन के भीतर कर चोरी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग-रोधी एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अधिक शक्ति मिलेगी.

सरकार ने एक राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से इस तरह की जांच में मदद करने के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के तहत ईडी और जीएसटीएन के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान को अधिसूचित किया.

 अधिसूचना पीएमएलए की धारा 66(1)(iii) के तहत ईडी और जीएसटीएन के बीच जानकारी साझा करने के संबंध में है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) कर चोरी रोकने को लेकर उत्साहित है.

सीबीआईसी के अध्यक्ष विवेक जौहरी ने पिछले महीने कहा था कि सरकार फर्जी बिलिंग और फर्जी चालान की प्रथा पर अंकुश लगाने और फर्जी व्यवसायों की पहचान करने के प्रति गंभीर है. पीएमएलए को आतंकी फंडिंग और मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने के लिए अधिनियमित किया गया था. 

अधिसूचना अब जीएसटी प्रावधानों के किसी भी उल्लंघन की जांच करने के लिए ईडी और जीएसटीएन के बीच जानकारी या सामग्री साझा करने की सुविधा प्रदान करेगी. बता दें कि जीएसटी चोरी करने वालों के खिलाफ केंद्र सरकार की ओर से लगातार कठोर कानूनी प्रावधान किया जा रहा है.

वंदे भारत ट्रैन : बदल गई वंदे भारत ट्रेन, ब्लू से हुआ केसरिया रंग में तब्दील, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी इसकी जानकारी


नई दिल्ली : भारत की स्वदेशी सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत ट्रेन अब केसरिया रंग में नजर आएगी. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकारी दी है. अभी तक इस ट्रेन को ब्लू रंग में देखा जाता था. इसकी कुछ तस्वीरें सामने आई हैं. इसे चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में तैयार किया जा रहा है. वंदे भारत ट्रेन का निर्माण यहीं पर किया जाता है.रेलवे अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक केसरिया रंग वंदे भारत ट्रेन के 28वें रैक की होगी. 

इससे पहले 27 रैक तैयार किए जा चुके हैं और उनका मेन कलर ब्लू है. एक दिन पहले शनिवार को रेल मंत्री चेन्नई इंटीग्रल फैक्ट्री में इस कोच को देखने गए थे. उनके साथ फैक्ट्री के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.

रेल मंत्री ने इसकी तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा कि मैंने वंदे भारत ट्रेन के उत्पादन का निरीक्षण किया. उन्होंने लिखा कि हमारी स्वदेशी ट्रेन की 28वीं रैक का रंग बदल चुका है और यह भारतीय तिरंगे से प्रेरित है. 

यह केसरिया है. देश में अब तक कुल 25 वंदे भारत ट्रेनों को चलाया जा चुका है. दो रैक को रिजर्व रखा गया है.रेल मंत्री ने बताया कि वंदे भारत ट्रेन पूरी तरह से स्वदेशी है. इसे भारतीय इंजीनियरों और डिजाइनरों द्वारा तैयार किया गया है. इसे मेक इन इंडिया कॉन्सेप्ट के तहत विकसित किया गया है. आपको बता दें कि पहली वंदे भारत ट्रेन 2018-19 में तैयार हुई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे प्रत्येक राज्य में चलाने का संकल्प लिया है.

रेल मंत्री ने कहा कि वंदे भारत ट्रेन को लेकर जो भी सुझाव आए हैं, उसको इसमें शामिल किया जा रहा है. इन सुझावों के आधार पर ही इसमें एक सिस्टम एड किया गया है. यह एंटी क्लांइबिंग डिवाइस है. इसे वंदे भारत ट्रेन की सभी ट्रेनों में फिट किया जाएगा.कुछ शिकायतें मोबाइल चार्जिंग को लेकर की गई थी, उसे अब दूर किया गया है. रीडिंग लाइट को बेहतर किया गया. सीट को पहले से आरामदायक बनाया गया है. वॉश बेसिन को थोड़ा और अधिक डीप किया गया है, ताकि उसके छीटें कपड़े पर न पड़ें.

पिछले कुछ महीनों से यह खबरें आ रहीं थीं कि किराया अधिक होने की वजह से लोग इस पर सवारी करना पसंद नहीं करते हैं. सरकार ने इस समस्या को दूर करने के लिए किराया कम करने का फैसला किया है. एग्जीक्यूटिव क्लास के लिए 25 फीसदी किराया कम करने का ऐलान किया गया है. हालांकि, यह बता दिया गया है कि यह उन मार्गों पर ही होगा, जहां पर पिछले एक महीने में आधी सीटें खाली रह गई थीं.वंदे भारत ट्रेन को लेकर विपक्षी पार्टी हमलावर रही है. उनका मुख्य आरोप रहा है कि पहले से जो ट्रेनें चल रहीं हैं, उनका मैंटनेंस ठीक से नहीं होता है, तो इस हाईस्पीड ट्रेन से क्या फायदा. साथ ही इसकी सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं.

7 मटकी चाट का लीजिए आनंद, इस दुकान के कांजी वडे हैं पुरानी दिल्ली में मशहूर, स्वाद को बढ़ा देती है स्वादिष्ट हरी चटनी


नयी दिल्ली : यूं तो दिल्ली का स्ट्रीट फूड बहुत ही फेमस है. मगर यदि दिल्ली की चटपटी चाट की बात की जाए तो भारत में दिल्ली की चाट बहुत ही प्रसिद्ध है. इस समय दिल्ली के चांदनी चौक में 7 मटके वाली चाट और कांजी-वड़े खूब धमाल मचा रहे हैं. इनके कांजी-वड़ों के लोग इतने दीवाने हो चुके हैं कि दूर-दूर से इसे खाने आ रहे हैं.

दुकान के मालिक सुनील कुमार ने बताया कि उनकी इस दुकान को यहां पर 60-62 साल हो चुके हैं. यह काम शुरू उनके पिताजी ने किया था. तब से उनकी तीन पीढ़ियां इस काम को करती आ रही हैं. सात मटकीयों के इस्तेमाल के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि इनमें से कुछ में चटनी, पकौड़ी और कुछ में कांजी-वड़े होता है और इन मटकीयों में यह सब साफ-सुथरा और ठंडा रहता है.

कांजी-वड़ों की खासियत

सुनील कुमार ने बताया कि हमारी दुकान पर कांजी-वड़े मूंग की दाल से बनाए जाते हैं. इनकी एक प्लेट कांजी-वड़ों में 4 पीस होते हैं. जो कि आमतौर पर मिलने वाले कांजी वड़ों से काफी बड़े होते हैं. कांजी-वड़ों का पानी राई से बनता है. जिसमें खट्टी चटनी भी डाली जाती है. धनिया-आम की चटनी का भी इन कांजी-वड़ों में इस्तेमाल होता है. जिसके कारण इनका स्वाद और भी ज्यादा बढ़ जाता है. इनका यह भी दावा था कि इनके कांजी-वड़ों से पाचन भी अच्छा रहता है. यहां पर आपको कांजी-वड़े 60 रुपए और भल्ला पापड़ी 70 रुपए में मिल जाएगी.

जानिए दुकान की जगह और टाइमिंग

आपको यहां पर आने के लिए मेट्रो से चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन पर उतरना होगा. गेट नंबर 5 से बाहर आते हुए भागीरथ पैलेस की तरफ बीच चौक पर आपको यह दुकान लगी हुई मिल जाएगी. यह दुकान रविवार के दिन बंद रहती है बाकी दिन आप सुबह 9:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक यहां पर आ सकते हैं.

हिमांचल का बारिश और भूधसान से स्थिति गंभीर,पिछले 24 घंटे में 3 मौत,भूधसान के कारण कई रोड ब्लॉक

हिमाचल प्रदेश में मानसून चरम पर है.लगातार हो रही बारिश ने पुर रदेश में कहर मचा रखा है।राज्य में लगातार भूस्खलनसे भारी तबाही मचा हुआ है।

 ताज़ा मामला हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला का है जहां मलवे की चपेट में आने से एक दंपति समेत बच्चे की मौत हो गई है।

 जानकारी जे अनुसार शिमला के ठियोग कुमारसेन विधानसभा क्षेत्र की है जहां पानेवाली गांव में बीती रात एक मकान भूधसान की चपेट में आ गई। जिसमें पांच लोबान का परिवार रह रहा था। जिसमें गई लोग मालवा में दब गए जिनकी मौत हो गयी।परिवार के दो सदस्य को हलकी चोट आयी।

 2023 में आई इस मानसून कि शुरुआत 24 जून को हो गयी।इस मॉनसून में कई लोगों की जान ली और कई लोग घायल हो गए।

36 से 48 घंटे नही करें हिल स्टेशन की यात्रा अधिकतर रोड ब्लॉक

हिमाचल में इस मानसून में लगातार बारिश के कारण कई स्थलों पर भूस्खलन हो रही है जिसके कारण अधिकतर रोड ब्लॉक है।इस लिए एतिहायत के तौर पर आगामी 48 घंटे तक रोड को क्लियर होने की संभावना नही है।इस लिए इस दौरान हिल स्टेशनों के लिए पर्यटकों को साबधानी बरतने की जरूरत हैं।

हिमांचल में भूस्खलन की समस्या हमेशा गंभीर बनी रहती है।इसके पूर्व भी गत वर्ष किन्नौर में भूस्खलन के कारण आठ लोगों को अपनी जान गवांनी पड़ी थी.

हिमाचल प्रदेश: लगातार बारिश के कारण व्यास नदी का बढ़ा जल स्तर,मनाली के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 3 के एक हिस्सा बहा नदी में, आवागमन अवरुद्ध

मनाली: हिमाचल प्रदेश प्रदेश में लगातार भारी बारिश हो रही है। जिसके कारण ब्यास नदी में पानी उफान पर है। इस भयंकर जल के वेग के कारण रविवार को मनाली के तारा मिल के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 3 का एक हिस्सा ब्यास नदी में बह गया। जिससे लेह -मनाली राजमार्ग पर आवागमन वाधित हो गया।

लेह-मनाली  के बीच का यह राजमार्ग आम तौर पर बिना रोड विभाजन के दो लेन चौड़ा है, लेकिन कुछ हिस्सों में केवल एक या डेढ़ लेन है। वहीं ब्यास नदी के बढ़ते जल स्तर के कारण आज तारा मिल के पास लेह -मनाली राजमार्ग यानी राष्ट्रीय राजमार्ग 3 का एक हिस्सा ब्यास नदी में बह गया। 

लेह -मनाली का यह राजमार्ग उत्तरी भारत का 428 किमी (266 मील) लंबा राजमार्ग है जो केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की राजधानी लेह को हिमाचल प्रदेश राज्य में मनाली से जोड़ता है। यह ऊपरी ब्यास नदी की कुल्लू घाटी को हिमाचल प्रदेश में अटल सुरंग के माध्यम से लाहौल की चंद्रा और भागा नदी घाटियों से जोड़ती है, फिर उच्च हिमालयी दर्रों की एक श्रृंखला को पार करके लद्दाख में सिंधु नदी घाटी में जाती है

दिल्ली:दिल्ली एनसीआर कल से बारिश जारी,आम जीवन अस्तव्यस्त जलजमाव ने बढ़ाई परेशानी, दिल्ली से गुरुग्राम और फरीदाबाद तक पानी-पानी

दिल्ली-राजधानी दिल्ली में कल से बारिश जारी जगह जगह जलजमाव से पूरी दिल्ली लगभग थम सी गई।लगातार बारिश के चलते दिल्ली-एनसीआर के कई हिस्सों में जलजमाव की समस्या देखने को मिल रही है। जिस वजह से लोगों की आवाजाही पर असर दिख रहा है।

लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रह है। वहीं, दिल्ली में 41 साल बाद रिकॉर्ड बारिश हुई है। मौसम विभाग ने बताया कि दिल्ली में रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 24 घंटे में 253 मिमी बारिश दर्ज की गई है। 1982 के बाद जुलाई में एक दिन में रिकॉर्ड बारिश हुई है। 

गुरुग्राम में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त

भारी बारिश के कारण गुरुग्राम के सदर पुलिस स्टेशन के पास के इलाके में गंभीर जलजमाव हो गया है। रविवार सुबह बारिश के बाद गुरुग्राम में हालात खराब हुए। रेलवे स्टेशन जाने वाले रोड पर पालम विहार साइड में पानी भरा हुआ है। बारिश के चलते सोहना रोड पर सुभाष चौक, दिल्ली-जयपुर हाईवे पर दिल्ली बॉर्डर, गुरुग्राम फरीदाबाद एमजी रोड पर जाम दिखा। 

अगर आपका बच्चा भी देखता है 3 घंटे से ज्यादा टीवी या मोबाइल तो हो सकती हैं ये गंभीर समस्याएं, रिसर्च में हुए खुलासे


नयी दिल्ली : टेक्नोलॉजी के इस दौर में बच्चे भी गैजेट फ्रेंडली हो गए हैं। बच्चे मोबाइल, टीवी और लैपटॉप जैसे गैजेट्स के आदि हो गए हैं। लेकिन कई रिसर्च में यह बात साबित हो चुकी है कि मोबाइल, लैपटॉप जैसे गैजेट्स ज्यादा देर तक इस्तेमाल करने से मानसिक और शारीरिक सेहत को बहुत नुकसान होता है।

आजकल टीवी भी हर घर में मौजूद हैं। बच्चे दिनभर टीवी या मोबाइल से चिपके रहते हैं। अगर आपका बच्चा काफी ज्यादा मोबाइल, टेलीविजन या फिर क्ंप्यूटर की स्क्रीन से चिपका रहता है तो सतर्क हो जाएं क्योंकि इससे उसकी सेहत को गंभीर नुकसान हो सकते हैं। एक रिसर्च में इस बारे में कई अहम खुलासे हुए हैं।

तीन घंटे से ज्यादा टीवी देखने से होते है ये नुकसानदाक

अमरीका के कैलिफोर्निया स्थित मेमोरियल केयर ऑरेंज कोस्ट मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं के अनुसार, अगर कोई बच्चा दिनभर में तीन घंटे से ज्यादा स्क्रीन से चिपका रहता है तो उसकी आंखों पर तो असर होता ही है। इसके साथ ही बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य, सीखने-समझने, चीजें याद रखने व रिश्ते निभाने के लिहाज से ये उसके लिए सही नहीं है। वहीं जो लोग पांच से सात घंटे स्क्रीन के ये सामने काम करते रहते हैं। उनमें भी बेचैनी, उदासी जैसी चीजें काफी बढ़ जाती हैं। इसलिए इसका इस्तेमाल कम से कम करने की सलाह दी गई है।

मोटापे का खतरा

स्टडी के मुख्य शोधकर्ता डॉक्टर जीना पोजनर के अनुसार, अगर बच्चे स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताते हैं तो उनमें मोटापा बढ़ने का खतरा बना रहता है। उन्होंने मेयो क्लीनिक के उस अध्ययन का हवाला दिया, जिसमें स्क्रीन का इस्तेमाल हर दो घंटे बढ़ने पर मोटापे की आशंका में 23 फीसदी इजाफा होने की बात सामने आई थी।

नींद पर बुरा असर

डॉक्टर पोजनर का कहना है कि स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी स्लीप हार्मोन मेलाटोनिन का उत्पादन बाधित करती है। इसकी वजह से बच्चों को नींद आने में काफी दिक्कतें होती हैं। साथ ही जब बच्चे सुबह उठते हैं तो वो उठने पर खुद को तरोताजा महसूस नहीं करते हैं, क्योंकि वो अधूरी नींद ले पाते हैं और इसका सीधा बुरा असर उनकी तार्किक क्षमता और याददाश्त पर पड़ता है। पोजनर के मुताबिक, सोने से दो घंटे पहले तक बच्चों को स्क्रीन का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह है।

हो सकती हैं ये शारीरिक परेशानियां

2018 में प्रकाशित एक ब्रिटिश अध्ययन का जिक्र करते हुए डॉक्टर पोजनर ने बताया कि जो बच्चे घंटों तक स्क्रीन के सामने बैठे रहते हैं, उनमें पीठ दर्द, कमर दर्द, सिर दर्द जैसी कई दिक्कतें हो सकती है। जब बच्चे स्क्रीन देखते हैं तो वो अपना सिर झुका लेते हैं और इसकी वजह से उनकी रीढ़ की हड्डी पर अतिरिक्त भार पड़ता है, जिसके कारण बच्चों को ये सब दिक्कतें होती हैं। इसलिए हमें कोशिश करनी चाहिए कि बच्चों को स्क्रीन का इस्तेमाल कम से कम करने दें।