रॉ के नए चीफ रवि सिन्हा का बिहार से भी है गहरा नाता, दो दशक से खुफिया एजेंसी से रहा है जुड़ाव, आधुनिक तकनीक के नियोजन में भी है विशेषज्ञता, पढ़ि
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी रवि सिन्हा को सोमवार को देश की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) का नया प्रमुख नियुक्त किया गया। रवि सिन्हा 1988 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। वह बिहार के भोजपुर जिला स्थित कोईलवर ब्लॉक के हरिपुर गांव के मूल निवासी हैं। आरा के एमपी बाग में उनका घर है। रवि सिन्हा वर्तमान रॉ प्रमुख सामंत कुमार गोयल की जगह लेंगे। गोयल का कार्यकाल 30 जून को समाप्त होगा। नियुक्ति मामलो की कैबिनेट समिति ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रवि सिन्हा को दो साल के कार्यकाल के लिए भारत के रॉ प्रमुख के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दी है। सिन्हा वर्तमान में कैबिनेट सचिवालय में विशेष सचिव के रूप में तैनात हैं।
दो दशक से खुफिया एजेंसी से जुड़ाव
रवि सिन्हा दो दशक से अधिक समय से इस प्रतिष्ठित खुफिया एजेंसी से जुड़े रहे हैं। वह वर्तमान में रॉ में 'सेकेंड इन कमांड' हैं। वह अपनी पदोन्नति से पहले रॉ की अभियानगत शाखा का नेतृत्व कर रहे थे। सिन्हा के ही बैच के अधिकारी तपन डेका खुफिया ब्यूरो (आईबी) के प्रमुख हैं।
आधुनिक तकनीक के नियोजन में विशेषज्ञता
रवि सिन्हा को खुफिया जानकारी एकत्र करने की प्रक्रिया में आधुनिक तकनीक को नियोजित करने में महत्वपूर्ण प्रगति करने का श्रेय दिया जाता है। अपनी नई भूमिका में सिन्हा से आज के समय की चुनौतियों का सामना करने के लिए तकनीकी और मानव खुफिया आयामों को एकीकृत करने की उम्मीद है। पड़ोसी देशों के मामलों के विशेषज्ञ माने जाने वाले सिन्हा की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है, जब पाकिस्तान राजनीतिक और आर्थिक रूप से उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है, कुछ देशों से सिख चरमपंथ को हवा देने की कोशिशें की जा रही हैं और पूर्वोत्तर में हिंसा को बढ़ावा दिए जाने के प्रयास हो रहे हैं। सिन्हा ने पूर्व में जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर के अलावा कई देशों में काफी काम किया है।
दिल्ली के स्टीफंस कॉलेज से जुड़ाव
दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज के पूर्व छात्र सिन्हा ने कई क्षेत्रों में काम किया है और उनके पास अनुभव व ज्ञान का खजाना भी है।
गोयल ने सर्जिकल स्ट्राइक में निभाई थी भूमिका
सिन्हा के पूर्ववर्ती गोयल को जून 2019 में दो साल के लिए रॉ प्रमुख नियुक्त किया गया था। बाद में उन्हें 2021 और जून 2022 में एक-एक साल का दो बार सेवा विस्तार दिया गया था। माना जाता है कि जम्मू-कश्मीर से संबंधित मामलों के विशेषज्ञ गोयल ने पाकिस्तान के बालाकोट में फरवरी 2019 के सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
Jun 20 2023, 09:44