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*पीएम मोदी अमेरिका दौरे के लिए रवाना, यात्रा से पहले ट्वीट कर कांग्रेस के सदस्यों सहित सभी लोगों को कहा धन्यवाद*

#pm_narendra_modi_america_visit_leaves_from_delhi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका और मिस्र की 2 देशों की यात्रा के लिए रवाना हो गए हैं। वह भारतीय समयानुसार आज रात न्यूयॉर्क पहुंचेंगे।प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनकी पत्नी जिल बाइडेन के न्यौते पर अमेरिका पहुंच रहे हैं। नी अमेरिका यात्रा शुरू करने से पहले उन्होंने ट्वीट करके यूएस कांग्रेस के सदस्यों को उनका स्वागत करने के लिए धन्यवाद दिया है।

पीएम मोदी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा, "कांग्रेस के सदस्यों, विचारकों और अन्य सभी लोगों को धन्यवाद, सभी क्षेत्रों के लोग मेरी आगामी यूएसए यात्रा पर अपना उत्साह साझा कर रहे हैं। मैं उन्हें उनके तरह के शब्दों के लिए धन्यवाद देता हूं। इस तरह के विविध समर्थन भारत-अमेरिका संबंधों की गहराई को और मजबूत करता है।"

पीएम मोदी का बयान अमेरिकी कांग्रेस के नेताओं द्वारा उनकी आगामी यात्रा के लिए उनका गर्मजोशी से स्वागत करने के बाद आया है। इससे पहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों सहित विभिन्न क्षेत्रों के लोग अमेरिका की उनकी आगामी यात्रा को लेकर उत्साह दिखा रहे हैं और इस तरह का समर्थन भारत-अमेरिका संबंधों की गहराई दिखाता है। मोदी ने अमेरिका में भारतीय दूतावास के ट्विटर अकाउंट को टैग किया, जिसमें अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों, व्यापारिक नेताओं, भारतीय-अमेरिकियों सहित कई लोगों के वीडियो हैं। इसमें वे प्रधानमंत्री की यात्रा पर उनके स्वागत की तैयारी कर रहे हैं।

बता दें कि पीएम मोदी 21-23 जून तक अमेरिका के दौरे पर रहेंगे। विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने पीएम के अमेरिका-मिस्र दौरे की जानकारी देते हुए कहा कि पीएम के आधिकारिक दौरे की शुरुआत 21 जून की सुबह न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में योग दिवस समारोह से होगी। वह कई बड़े नेताओं से मुलाकात भी करेंगे। इसके बाद पीएम वाशिंगटन डीसी में ‘स्केलिंग फॉर फ्यूचर’ पर आधारित कार्यक्रम में शामिल होंगे। 21 जून को ही अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और पीएम मोदी के बीच निजी मुलाकात हो सकती है। दूसरे दिन 22 जून को व्हाइट हाउस में पीएम का स्वागत करने के बाद द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। वह अमेरिकी संसद के साझा सत्र को भी संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी 23 जून को कुछ कंपनियों के सीईओ से मुलाकात करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी कैनेडी सेंटर में एक कार्यक्रम में प्रमुख पेशेवर लोगों से मुलाकात करेंगे। कैनेडी सेंटर के कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री कम्युनिटी लीडर्स से मुलाकात करेंगे

रॉ के नए चीफ रवि सिन्हा का बिहार से भी है गहरा नाता, दो दशक से खुफिया एजेंसी से रहा है जुड़ाव, आधुनिक तकनीक के नियोजन में भी है विशेषज्ञता, पढ़ि


भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी रवि सिन्हा को सोमवार को देश की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) का नया प्रमुख नियुक्त किया गया। रवि सिन्हा 1988 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। वह बिहार के भोजपुर जिला स्थित कोईलवर ब्लॉक के हरिपुर गांव के मूल निवासी हैं। आरा के एमपी बाग में उनका घर है। रवि सिन्हा वर्तमान रॉ प्रमुख सामंत कुमार गोयल की जगह लेंगे। गोयल का कार्यकाल 30 जून को समाप्त होगा। नियुक्ति मामलो की कैबिनेट समिति ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रवि सिन्हा को दो साल के कार्यकाल के लिए भारत के रॉ प्रमुख के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दी है। सिन्हा वर्तमान में कैबिनेट सचिवालय में विशेष सचिव के रूप में तैनात हैं।

दो दशक से खुफिया एजेंसी से जुड़ाव

रवि सिन्हा दो दशक से अधिक समय से इस प्रतिष्ठित खुफिया एजेंसी से जुड़े रहे हैं। वह वर्तमान में रॉ में 'सेकेंड इन कमांड' हैं। वह अपनी पदोन्नति से पहले रॉ की अभियानगत शाखा का नेतृत्व कर रहे थे। सिन्हा के ही बैच के अधिकारी तपन डेका खुफिया ब्यूरो (आईबी) के प्रमुख हैं।

आधुनिक तकनीक के नियोजन में विशेषज्ञता

रवि सिन्हा को खुफिया जानकारी एकत्र करने की प्रक्रिया में आधुनिक तकनीक को नियोजित करने में महत्वपूर्ण प्रगति करने का श्रेय दिया जाता है। अपनी नई भूमिका में सिन्हा से आज के समय की चुनौतियों का सामना करने के लिए तकनीकी और मानव खुफिया आयामों को एकीकृत करने की उम्मीद है। पड़ोसी देशों के मामलों के विशेषज्ञ माने जाने वाले सिन्हा की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है, जब पाकिस्तान राजनीतिक और आर्थिक रूप से उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है, कुछ देशों से सिख चरमपंथ को हवा देने की कोशिशें की जा रही हैं और पूर्वोत्तर में हिंसा को बढ़ावा दिए जाने के प्रयास हो रहे हैं। सिन्हा ने पूर्व में जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर के अलावा कई देशों में काफी काम किया है।

दिल्ली के स्टीफंस कॉलेज से जुड़ाव

दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज के पूर्व छात्र सिन्हा ने कई क्षेत्रों में काम किया है और उनके पास अनुभव व ज्ञान का खजाना भी है।

गोयल ने सर्जिकल स्ट्राइक में निभाई थी भूमिका 

सिन्हा के पूर्ववर्ती गोयल को जून 2019 में दो साल के लिए रॉ प्रमुख नियुक्त किया गया था। बाद में उन्हें 2021 और जून 2022 में एक-एक साल का दो बार सेवा विस्तार दिया गया था। माना जाता है कि जम्मू-कश्मीर से संबंधित मामलों के विशेषज्ञ गोयल ने पाकिस्तान के बालाकोट में फरवरी 2019 के सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

बीजेपी छोड़कर आए पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार को कांग्रेस ने दिया इनाम, विधान परिषद उपचुनाव के लिए बनाया उम्मीदवार

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कर्नाटक में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद अब कांग्रेस ने सोमवार को विधान परिषद चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। कर्नाटक विधान परिषद के उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार को उम्मीदवार बनाया है। लिंगायत नेता जगदीश शेट्टार कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। उन्होंने हुबली-धारवाड़ सीट से चुनाव लड़ा था हालांकि वह चुनाव हार गए थे। शेट्टार के अलावा कांग्रेस ने कैबिनेट मंत्री एनएस बोसराजू और तिप्पनप्पा कामाकनूर को भी उम्मीदवार बनाया है। 

कांग्रेस ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कर्नाटक विधान परिषद के उपचुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों के रूप में जगदीश शेट्टार, तिप्पनप्पा कामाकनूर और एन.एस. बोसेराजू की उम्मीदवारी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कर्नाटक चुनाव से ठीक पहले बीजेपी ने जगदीश शेट्टार को टिकट देने के इनकार कर दिया था जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा था।कांग्रेस ने शेट्टर को हुबली-मध्य धारवाड़ से खड़ा किया था। हालांकि जगदीश शेट्टार विधानसभा चुनाव हार गए थे। कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों में 224 में से 135 सीटों पर जीत हासिल की थी। जबकि बीजेपी को केवल 66 सीटों पर जीत मिली थी। 

कांग्रेस के लिए इसलिए जगदीश शेट्टार अहम

बता दें कि कर्नाटक में लिंगायत वोटरों की आबादी 17 फीसदी है। ऐसे में बीएस येदियुरप्पा के बाद जगदीश शेट्टार ही लिंगायत समुदाय के दूसरे सबसे बड़े नेता माने जाते हैं। अबतक लिंगायत भाजपा का मजबूत वोटर बेस था। लेकिन इसी लिंगायत वोटरों को कांग्रेस लुभाना चाहती है। इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में लिंगातय समुदाय का एक बड़ा वोटर बेस जगदीश शेट्टार के पक्ष में था जिन्हें काफी संख्या में वोट मिले थे। हालांकि जगदीश शेट्टार को इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा लेकिन कांग्रेस के खाते में लिंगायत वोटरों का एक बड़ा तबका जुड़ गया। 

क्यों हो रहे कर्नाटक विधान परिषद के उपचुनाव?

कर्नाटक विधान परिषद की तीन सीटों पर 30 जून को उपचुनाव होना है। ये सीटें हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव लड़ने वाले सदस्यों (बाबूराव चिंचनसुर, आर शंकर और लक्ष्मण सावदी) के इस्तीफे के कारण खाली हुई हैं। बाबूराव चिंचनसुर, आर शंकर और लक्ष्मण सावदी ने कर्नाटक विधानसभा का चुनाव लड़ा था। हालांकि इनमें से सिर्फ लक्ष्मण सावदी ने ही चुनाव जीता बाकी दोनों नेता हार गए थे। विधान परिषद के उपचुनाव के लिए 30 जून को सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक मतदान होगा और मतों की गिनती उसी दिन शाम पांच बजे होगी। इसमें विधानसभा के सदस्य हिस्सा लेंगे।

वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रवि सिन्हा बने देश की खुफिया एजेंसी रॉ के नए चीफ, सामंत गोयल की लेंगे जगह, दो साल का होगा कार्यकाल

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रवि सिन्हा को देश की खूफिया एजेंसी रॉ (Research & Analysis Wing) का नया चीफ नियुक्त करने की मंजूरी दे दी है। श्री सिन्हा सामंत कुमार गोयल की जगह लेंगे। जिनका रॉ चीफ का कार्यकाल 30 जून को पूरा हो रहा है। रवि सिन्हा का कार्यकाल दो साल के लिए होगा।  

 रवि सिन्हा 1988 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। सामंत गोयल का बतौर रॉ चीफ कार्यकाल कई उपलब्धियों से भरा रहा। उनके रॉ चीफ रहते ही पाकिस्तान में बालाकोट एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया गया। साथ ही जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया गया।

भारत वियतनाम को उपहार के तौर पर देगा मिसाइल युद्धपोत आईएनएस “कृपाण”, चीन को लगने वाली है मिर्ची

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चीन हड़पने की नीति पर काम करता है। इस कारण पड़ोसी देशों से उसके संबंध अच्छे नहीं है। भारत और चीन के रिश्ते भी अच्छे नहीं चल रहे हैं। बॉर्डर पर सैनिकों के बीच झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच हालात काफी तनावपूर्ण हो चुके हैं। वहीं, दक्षिण चीन सागर के द्वीपों को लेकर चीन और वियतनाम के बीच तनाव है। वियतनाम के कई द्वीपों को चीन अपना बताता है।इस बीच भारत ने चीन को उसके घर में ही घेरने का दांव चला है।दरअसल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को घोषणा की कि भारत वियतनाम की नौसेना को स्वदेश निर्मित मिसाइल युद्धपोत आईएनएस कृपाण उपहार स्वरूप देगा। राजनाथ सिंह ने ये घोषणा तक की है जब वियतनाम के रक्षा मंत्री जनरल फान वान जियांग भारत दौरे पर हैं।गियांग 18 से 19 जून तक भारत दौरे पर हैं। 

आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वियतनाम के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री जनरल फान वान गियांग ने रक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए द्विपक्षीय वार्ता की है। वियतनाम के रक्षा मंत्री राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करने पहुंचे। उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और दोनों नेताओं ने मुस्कुराते हुए फोटो खिंचवाई। राजनाथ सिंह ने कहा कि सितंबर 2016 में प्रधानमंत्री मोदी की वियतनाम यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी के रूप में बढ़ाया गया था। आज दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग राजनीतिक आदान-प्रदान, डिफेंस, ट्रेड, व्यापार, वाणिज्य, सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों तक बढ़ चुका है।

इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घोषणा की कि भारत वियतनामी नौसेना को स्वदेशी निर्मित मिसाइल कोरवेट आईएनएस कृपाण उपहार में देगा।सिंह ने घोषणा की कि स्वदेश निर्मित इन-सर्विस मिसाइल कोरवेट आईएनएस कृपाण वियतनाम पीपुल्स नेवी की क्षमताओं को बढ़ाने में एक मील का पत्थर साबित होगा।

रक्षा मंत्रालय ने बयान में कहा कि दोनों पक्षों ने विभिन्न द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पहलों की प्रगति की समीक्षा की और मौजूदा वार्ताओं पर संतोष व्यक्त किया। मंत्रियों ने सहयोग के मौजूदा क्षेत्रों को बढ़ाने के साधनों की पहचान की, विशेष रूप से रक्षा उद्योग सहयोग, समुद्री सुरक्षा और बहुराष्ट्रीय सहयोग के क्षेत्र में।

भोपाल में हिंदू युवक के साथ बदसलूकी, कुत्ता बनाया, गले में पट्टा डाला और कहा अब भौंको

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देश के कई राज्यों में इन दिनों जबरन धर्म परिवर्तन के मामलों को लेकर बवाल मचा हुआ है। इसी बीच मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में इंसानियत शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया। धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने को लेकर एक हिंदू युवक को कुत्ता बना उसे भौंकने पर मजबूर किया गया।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए भोपाल पुलिस कमिश्नर और कलेक्टर को सख्त निर्देश दिए हैं कि अपराधियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।

भोपाल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दिख रहा है कि कुछ शख्स एक व्यक्ति के गले में कुत्ते का पट्टा डाले हुए हैं। वह उसके साथ मारपीट भी कर रहे हैं। इसके साथ ही वह उस पर इस्लाम धर्म स्वीकारने का दबाव बना रहे हैं। वीडियो में मुस्लिम युवकों ने ही एक-दूसरे का नाम लिया, जिससे लग रहा है कि वह धर्म विशेष के हैं। इसी के साथ पीड़ित व्यक्ति का फेसबुक का वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें पीड़ित व्यक्ति कह रहा है कि मुझे 6 लोगों ने लात, घूसों, बेल्ट और चाकू से मारा। उन लोगों ने मुझपर इस्लाम कबूल करने और मियां भाई बनने का बोला। मैंने मना किया तो मुझे बहुत मारा।

पुलिस ने इस मामले में पीड़ित की शिकायत पर छह आरोपियों के खिलाफ धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के साथ ही अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। पुराने भोपाल में विजय नाम के युवक के साथ बिलाल टीला, फैजान लाला, साहिल बच्चा, मोहम्मद समीर टीला और मुफीद खान ने मारपीट की है। उन्होंने ही यह वीडियो भी बनाया है।

वायरल वीडियो को लेकर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आरोपी युवकों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मैंने भोपाल पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया है कि मामले की जांच कर 24 घंटे के अंदर आरोपियों को पकड़ा जाए।

वहीं, मामले में पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इन आरोपियों के नाम समीर, साजिद और फैजान है। पीड़ित विजय रामचंदानी की शिकायत पर ये कार्रवाई हुई है। मामला गौतम पुरा थाने में दर्ज हुआ है। गौतम पुरा थाने की पुलिस का कहना है कि मामले में तत्काल कार्रवाई की गई। आरोपी युवकों से पूछताछ की जा रही है कि आखिर इन लोगों ने युवक के साथ इस तरह का बर्ताव क्यों किया।

आदिपुरुष पर बवाल जारी, चौतरफा घिरे राइटर मनोज मुंतशिर ने पुलिस से मांगी सुरक्षा

#manoj_muntashir_shukla_demands_secruty_amid_controversy

आदिपुरुष फिल्म पर बवाल जारी है। आदिपुरुष के संवादों को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।इस बीच फिल्म के राइटर मनोज मुंतशिर ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की है। मनोज मुंतशिर खुद को खतरे का अंदेशा जताते हुए मुंबई पुलिस से सुरक्षा की मांग की है। मुंबई पुलिस के मुताबिक, वह मुंतशिर की अर्जी पर विचार करने के बाद सुरक्षा मुहैया करवाने पर फैसला लेगी।

बता दें कि आदिपुरुष की रिलीज़ के बाद से फिल्म के डायलॉग को लेकर लगातार मनोज मुंतशिर निशाने पर हैं। सोशल मीडिया पर लोग उनके खिलाफ गुस्सा ज़ाहिर कर रहे हैं। मनोज ने ही इस फिल्म के सभी डायलॉग लिखे हैं। हालांकि भावनाओं के आहत होने की बात सामने आने के बाद मनोज मुंतशिर ने डायलॉग बदलने की बात कही है।

प्रभास, कृति सेनन और सैफ अली खान स्टारर फिल्म आदिपुरुष शुक्रवार यानी 16 जून को रिलीज हुई थी। फिल्म इन दिनों हर तरफ चर्चा में है।फिल्म बॉक्स ऑफिस पर धमाल तो मचा रही है। हालांकि,दूसरी ओर आदिपुरुष में दिखाए गए संवादों को लेकर देशभर में इसका विरोध भी हो रहा है।फिल्म पर बैन लगाने की भी मांग उठ रही है।

कपड़ा तेरे बाप का! तेल तेरे बाप का! जलेगी भी तेरे बाप की, तेरी बुआ का बगीचा है क्या जो हवा खाने चला आया, जो हमारी बहनों को हाथ लगाएंगे उनकी लंका लगा देंगे, जैसे कुछ डायलॉग्स को लेकर लोगों ने आपत्ती जताई है। कई लोगों का कहना है कि इससे हिंदुओं की भावनाएं आहत हुईं।

गीता प्रेस को मिला गांधी सम्मान पुरस्कार, कांग्रेस बोली-गोडसे-सावरकर को सम्मान देने जैसा

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सनातन धर्म और संस्कृति के प्रचार-प्रसार में जुटी विश्व प्रसिद्ध प्रकाशन संस्थान गीता प्रेस को वर्ष 2021 का गांधी शांति पुरस्कार देने का ऐलान किया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली जूरी ने इस संबंध में फैसला लिया। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की ओर से इसका ऐलान किया गया है।गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने के एलान के साथ ही अब इस पर सियासत शुरू हो गई है। सरकार और विपक्ष पार्टी के नेताओं के बीच वार-पलटवार का दौर शुरू हो गया।कांग्रेस पार्टी ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने को सावरकर और गोडसे को पुरस्कृत करने जैसा बताया है।

संस्कृति मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली जूरी ने सर्वसम्मति से गांधी शांति पुरस्कार के प्राप्तकर्ता के रूप में गीता प्रेस का चयन करने का निर्णय लिया।बयान के अनुसार, 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार गीता प्रेस, गोरखपुर को अहिंसक और अन्य गांधीवादी तरीकों के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन की दिशा में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया जाएगा।

जयराम रमेश का सरकार पर वार

वहीं, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सरकार की आलोचना करते हुए एक ट्वीट में कहा, 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार गोरखपुर में गीता प्रेस को प्रदान किया गया है, जो इस वर्ष अपनी शताब्दी मना रहा है। अक्षय मुकुल द्वारा इस संगठन की लिखित जीवनी में उन्होंने महात्मा गांधी और उनके राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक एजेंडे पर गीता प्रेस के साथ चली लड़ाई व खराब संबंधों का खुलासा किया है। यह निर्णय वास्तव में एक उपहास और सावरकर व गोडसे को पुरस्कार देने जैसा है।

बीजेपी का पलटवार

जयराम रमेश के बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है। दिल्ली में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि गीता प्रेस की वजह से रामचरितमानस और वाल्मीकि रामायण जैसे ग्रंथ घर-घर पहुंचे इसलिए उसका समर्थन कांग्रेस कैसे कर सकती है।बीजेपी सांसद ने कहा, "कांग्रेस को तो राम के नाम से ही चिढ़ है। जिनके समय में राम टेंट में रहे हों तो उनसे हम और अपेक्षा क्या कर सकते हैं।गीता प्रेस कौन है जिनके कारण तुलसीदास की रामचरितमानस वाल्मीकि रामायण को आज घर-घर में किसने पहुंचाया. जिसने धर्म को घर-घर तक पहुंचाया, अधर्म के रास्ते पर नहीं चलना सिखाया, उसका कांग्रेस कैसे समर्थन कर सकती है?

गीता प्रेस को 100 साल पूरे

बता दें कि गोरखपुर स्थित गीता प्रेस की स्थापना साल 1923 में हुई थी। गीता प्रेस दुनिया में सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक है। इसने 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ किताबों का प्रकाशन किया है, जिनमें 16.21 करोड़ श्रीमद भगवद गीता पुस्तकें शामिल हैं। खास बात ये है कि इस संस्था ने पैसा कमाने के लिए कभी भी अपने प्रकाशनों के लिए विज्ञापन नहीं लिए। गांधी शांति पुरस्कार के साथ ही गीता प्रेस को एक करोड़ रुपये की राशि से सम्मानित किया जाना है। लेकिन गीता प्रेस मैनेजमेंट ने एक करोड़ की सम्मान राशि स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। ये बात गीता प्रेस के प्रबंधक डॉ लालमनी तिवारी ने कही।

यूएस में योग से शुरू होगा पीएम मोदी का कार्यक्रम, जानें बाइडन से मुलाकात समेत अमेरिकी दौरे का पूरा शेड्यूल

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के बेहद अहम दौरे पर जाने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 जून से राजकीय दौरे पर अमेरिका पहुंच रहे हैं। वे 23 जून तक अमेरिका में रहेंगे।विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पीएम अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन व प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर 21-23 जून तक अमेरिकी यात्रा पर रहेंगे। बाद में, 24-25 जून को प्रधानमंत्री मोदी मिस्र की यात्रा पर रहेंगे।

योगा दिवस समारोह से दौरे की शुरुआत

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी पहले जरूर 6 बार अमेरिका की यात्रा पर जा चुके हैं, लेकिन यह पीएम मोदी की पहली आधिकारिक यात्रा होगी यानी पहली बार पीएम मोदी व्हाइट हाउस में राजकीय आमंत्रित अतिथि के तौर पर जाएंगे। क्वात्रा ने कहा कि पहले दिन पीएम मोदी अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस पर अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। वे 21 जून को ही न्यूयॉर्क से रवाना हो जाएंगे। कार्यक्रम में उनका पहला खास फोकस कौशल और क्षमता निर्माण का कार्यक्रम होगा। इसके तहत पीएम और यूएसए के राष्ट्रपति के बीच निजी बातचीत होगी।

21 जून का कार्यक्रम

प्रधानमंत्री मोदी के दौरे की शुरुआत 21 जून सुबह न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सचिवालय में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह से होगी। ये कार्यक्रम भारत के लिए काफी अहम है, क्योंकि इससे दुनिया को भारतीय परंपराओं को लेकर एक संदेश जाएगा। इसी दिन, न्यूयॉर्क में प्रधानमंत्री कुछ बड़े नेताओं और अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे। बाद में वाशिंगटन के लिए प्रस्थान करेंगे। पीएम मोदी 21 जून को ही वाशिंगटन में 'स्केलिंग फॉर फ्यूचर' पर आधारित एक कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। इतना ही नहीं, 21 जून को ही अमेरिका के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी के बीच एक निजी मुलाकात होने की संभावना है।

22 जून का कार्यक्रम

व्हाइट हाउस में 22 जून को प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया जाएगा। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच प्रतिनिधित्व स्तर की द्विपक्षीय बैठक होंगी। द्विपक्षीय बैठकों के दौरान रक्षा और तकनीक और कुछ प्रमुख समझौतों पर बातचीत की उम्मीद है। इसी दिन प्रतिनिधि सभा के स्पीकर केविन मैक्कार्थी और संसद के बहुमत नेता चक शूमर सहित कांग्रेस के नेताओं के निमंत्रण पर पीएम मोदी अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करेंगे। बाइडेन और प्रथम महिला इसी शाम मोदी के सम्मान में राजकीय रात्रिभोज का आयोजन करेंगे।

23 जून का कार्यक्रम

प्रधानमंत्री मोदी 23 जून को कुछ कंपनियों के सीईओ से मुलाकात करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी कैनेडी सेंटर में एक कार्यक्रम में प्रमुख पेशेवर लोगों से मुलाकात करेंगे। कैनेडी सेंटर के कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री कम्युनिटी लीडर्स से मुलाकात करेंगे

मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, आखिर बीजेपी नेताओं को क्यों बनाया जा रहा है निशाना?

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मणिपुर में हिंसा की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही है। राज्य में पिछले डेढ़ महीने से आक्रोश की “आग” में जल रहा है।विद्रोहियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प जारी है। हिंसा और आगजनी की इन घटनाओं के बीच बीजेपी नेताओं के घरों और ऑफिस को निशाना बनाया गया है।भाजपा सासंद और केंद्रीय मंत्री आर के रंजन सिंह समेत कई नेताओं के घर पर हमले हो चुके हैं। केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के आवास को गुस्साई भीड़ को आग के हवाले के किए जाने के अगले ही दिन बीजेपी के कई ऑफिस में तोड़फोड़ की खबर सामने आई।ऐसे में सवाल उठ रहा है कि मणिपुर हिंसा में भीड़ भाजपा नेताओं को क्यों निशाना बना रही है।

बीजेपी नेताओं के खिलाफ गुस्‍सा

जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में भीड़ ने शुक्रवार को भी भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को अपना निशाना बनाया। मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के क्वाकटा और चुराचांदपुर जिले के कंगवई से पूरी रात गोलीबारी हुई। इंफाल पश्चिम के इरिंगबाम पुलिस थाने में लूट की कोशिश की गई। हालांकि, इस दौरान कोई हथियार चोरी नहीं हुआ। दंगाइयों को इकट्ठा होने से रोकने के लिए सेना, असम राइफल्स और मणिपुर द्रुत कार्य बल (आरएएफ) ने इंफाल में आधी रात तक संयुक्त मार्च निकाला। इस बीच लगभग 1,000 लोगों की भीड़ ने महल परिसर के पास स्थित इमारतों में आग लगाने की कोशिश की। भीड़ ने विधायक बिस्वजीत के घर में आग लगाने का भी प्रयास किया। आरएएफ ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और रबड़ की गोलियां चलाईं। 

इसके बाद भीड़ ने सिंजेमाई में मध्य रात्रि के बाद भाजपा कार्यालय का घेराव किया, लेकिन वह उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकी, क्योंकि सेना ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया। इसी तरह, इंफाल में आधी रात के करीब पोरमपेट के पास भाजपा की महिला इकाई की अध्यक्ष शारदा देवी के घर में भीड़ ने तोड़फोड़ करने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाबलों ने भीड़ को खदेड़ दिया 25 मई को मंत्री कोंथौजम गोविंददास के घर पर धावा बोला गया था और वहां भी तोड़फोड़ की गई थी। इसके बाद पिछले बुधवार को मंत्री नेमचा किपगेन के आधिकारिक आवास को आग के हवाले कर दिया गया। इसके बाद गुरुवार की रात केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह के निजी आवास को आग को जलाया गया। गनीमत रही कि जिस समय उग्र भीड़ ने घर को आग के हवाले किया उस समय रंजन सिंह वहां मौजूद नहीं थे. उनका पूरा परिवार बाहर गया हुआ था।

भीड़ बीजेपी के नेताओं को ही क्यों निशाना बना रही है?

मणिपुर में बीजेपी की सरकार है। जिस तरीके से तेजी से बीजेपी नेताओं के खिलाफ गुस्सा बढ़ा है उसके पीछे वजह बताई जा रही है मैतेई समुदाय का गुस्सा। प्रदेश में 60 में से 40 विधायक मैतेई समुदाय के ही है और इस समुदाय के लोगों कहना है कि इन विधायकों ने पीएम मोदी तक उनकी बात ठीक से नहीं पहुंचाई।

स्थानीय लोगों का कहना है कि भीड़ सड़कों पर अपना गुस्सा निकाल रही हैं क्योंकि सरकार बढ़ती महंगाई को रोकने, सामान्य स्थिति बहाल करने और हिंसा में शामिल आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रही है।

अमित शाह की पहल का भी असर नहीं

मणिपुर में एक महीने से अधिक समय से जातीय हिंसा जारी है। 3 मई से अब तक जातीय हिंसा में 100 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। 50 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी पिछले महीने मणिपुर का दौरा किया था और राज्य में शांति बहाल करने के अपने प्रयासों के तहत विभिन्न वर्गों के लोगों से मुलाकात की थी। बावजूद इसके हिंसा की घटनाएं कम नहीं हुई और विपक्षी दल इसको लेकर बीजेपी पर हमलावर हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्थिति का आकलन करने और केंद्रीय बलों के बेहतर इस्तेमाल के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक एस. एल. थाउसेन को मणिपुर भेजा गया है। वर्तमान में, राज्य पुलिस बलों के अलावा मणिपुर में लगभग 30,000 केंद्रीय सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। इन बलों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की लगभग आठ बटालियन, सेना की 80 टुकड़ियां और असम राइफल्स की 67 टुकड़ियां शामिल हैं। इतना सब होने के बाद भी हिंसा पर नियंत्रण नहीं पाया जा सका है।

बवाल की वजह

मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के विरोध में मणिपुर के पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद पहली बार 3 मई को झड़पें हुईं थीं। मैतेई राज्य में प्रमुख समुदाय है। ये इंफाल घाटी में रहते हैं। इस समुदाय में हिंदू शामिल हैं और इनकी आबादी करीब 53 प्रतिशत हैं। वहीं, नागा और कुकी जनजातियां मणिपुर की आबादी का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा हैं, जो ‘अनुसूचित जनजाति’ श्रेणी में आती हैं। ये समुदाय पहाड़ी जिलों में रहता है। मैतेई समुदाय मणिपुर में अनुसूचित जनजातियों के अधिकारों की मांग कर रहा है, जो उन्हें मणिपुर में पहाड़ियों और जंगलों में भूमि का अधिकार प्रदान करेगा। इसी कारण उनके और नागा व कुकी समुदायों के बीच दरार पैदा हो गई। हिंसा के शुरुआत होने की असल जड़ यही है।