राजभवन द्वारा दिए गए निर्देशों का नही हुआ अनुपालन ,दुर्गा पूजा में छह की जगह 7 दिन व विंटर में 12 के बदले 14 दिन दे दी छुट्टी
रांची: राजभवन द्वारा राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के लिए पहली बार यूनिफॉर्म लीव कैलेंडर कुलपतियों से विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया था। जिसके अनुसार, सभी विश्वविद्यालयों द्वारा राजभवन को अवकाश कैलेंडर की लिस्ट उपलब्ध कराई गई थी।
राजभवन सचिवालय के विशेष कार्य पदाधिकारी मुकुलेश चंद्र नारायण ने सभी विश्वविद्यालयों को लेटर जारी कर कहा है कि राजभवन द्वारा दिए गए निर्देशों का अनुपालन नहीं किया गया है। कथित कई विश्वविद्यालयों द्वारा दुर्गा पूजा की छुट्टी 6 दिनों के स्थान पर 7 दिन दे दी गई है।
इसी प्रकार शीतकालीन सेशन में 12 दिनों के स्थान पर 14 दिन अवकाश दे दिया गया है। इतना ही नहीं, स्थानीय पारंपरिक त्योहारों के आलोक में निर्धारित किए जाने वाले प्रतिबंधित अवकाश की लिस्ट भी उपलब्ध नहीं कराई गई है। स्थानीय पारंपरिक त्योहार के तहत 5 दिन अवकाश दिए जाने का प्रावधान राजभवन द्वारा किया गया था।
कई विवि को संशोधित कैलेंडर भेजने का निर्देश, दो दिन का दिया गया समय
राजभवन सचिवालय के ओएसडी एम. नारायण ने सभी विश्वविद्यालयों को संशोधित कैलेंडर भेजने का निर्देश दिया है। इसके लिए विश्वविद्यालयों को दो दिन समय दिया गया है। जिन विश्वविद्यालयों को संशोधित कैलेंडर भेजने के लिए कहा गया है, उनमें रांची यूनिवर्सिटी रांची, सिद्धू कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय रांची, जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय जमशेदपुर और झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी रांची शामिल हैं।
जाने क्यों बना यूनिफॉर्म लीव कैलेंडर
राज्य के सभी विश्वविद्यालयों का यूनिफॉर्म लीव कैलेंडर बनाने का उद्देश्य छुट्टियों में एकरूपता लाना था। इसके पहले तक राज्य के सभी विश्वविद्यालय अपना-अपना अवकाश कैलेंडर तैयार करते थे। इसमें एक विश्वविद्यालय से दूसरे की छुट्टियों में काफी भिन्नता रहती थी, जिसे दूर करने के लिए ही यूनिफॉर्म लीव कैलेंडर तैयार किया गया।
राजभवन की पहल पर तैयार अवकाश कैलेंडर का यूनिवर्सिटी शिक्षकों ने जमकर विरोध किया था। इसके तहत धरना-प्रदर्शन और काला बिल्ला लगाकर शैक्षणिक दायित्वों का निर्वहन किया था। गवर्नर से मिलने का समय भी मांगा था, लेकिन नहीं मिला। विवि शिक्षकों का कहना था कि नए कैलेंडर में छुट्टियों में कटौती की गई है, जो रेगुलेशन की अनदेखी है। रेगुलेशन 2018 के अनुसार, 8 सप्ताह अवकाश का प्रावधान है।
Jun 14 2023, 10:45