*विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर GMCH के ओपीडी में स्वास्थ्य कर्मी, मरीज तथा मरीजों के परिजन को दिलाई गई शपथ, डॉक्टरों ने कही यह बात*
पूर्णिया : विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल परिसर स्थित ओपीडी एवं एनसीडी कार्यालय में होमी भाभा कैंसर अस्पताल के चिकित्सकों के द्वारा शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। जिस दौरान मरीजों तथा उनके परिजनों को तंबाकू के सेवन से होने वाली खतरनाक बीमारियों के संबंध में विस्तृत रूप से चर्चा कर जानकारी दी गई।
आयोजित कार्यक्रम में शामिल सभी लोगों ने यह शपथ ली कि जीवन में हम कभी भी किसी भी प्रकार के तंबाकू उत्पादों का सेवन नहीं करेंगे एवं अपने परिजनों एवं परिचितों को भी तंबाकू उत्पादों एवं किसी भी प्रकार के नशे का सेवन नहीं करने के लिए प्रेरित करेंगे।
इस अवसर पर गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ विष्णु प्रसाद अग्रवाल, होमी भाभा कैंसर अस्पताल की ज़िला तकनीकी पदाधिकारी डॉ विजया लक्ष्मी गुप्ता, फाइनेंस सह लॉजिस्टिक सलाहकार केशव कुमार, मनोवैज्ञानिक धीरेंद्र कुमार, डब्ल्यूएचओ के सलाहकार शेखर कपूर, सिफार के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी, जीएनएम स्मिता कुजूर, परामर्शी अनु कुमारी सहित कई अन्य अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित रहे।
तंबाकू का सेवन मतलब ज़िंदगी से 11 साल कम होना: डॉ वीपी अग्रवाल
ग़ैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ विष्णु प्रसाद अग्रवाल ने कहा कि तंबाकू सेवन की रोकथाम को लेकर विभागीय स्तर से 2 स्तरों पर कार्य किया जा रहा है। जिसमें पहला सरकार एवं सहयोगी संस्थाओं के साथ मिलकर, दूसरा समाज में जागरूकता अभियान चलाकर शत प्रतिशत रोकथाम लागू करने के लिए हमलोग कटिबद्ध है।
आगे उन्होंने यह भी कहा कि कैंसर स्क्रीनिंग और जागरूकता अभियान जिले में शुरुआत की जा चुकी है। सबसे अहम बात यह है कि 40% कैंसर सिर्फ तंबाकू के सेवन से होता है।
बिहार में सबसे ज्यादा मुंह का कैंसर होता है जिसमें 90% कैंसर तंबाकू सहित बीड़ी, सिगरेट, गांजा आदि के सेवन से होता है। तंबाकू का सेवन करने वाला सिर्फ अपना नहीं बल्कि आने वाली नस्लों को भी खराब कर देता है। अगर कोई गर्भवती महिला तम्बाकू का सेवन करती है तो इससे उनके होने वाले बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ता है। जैसे- जन्म के समय ही मृत्यु हो जाना, बच्चे का सही तरीके से विकास नहीं होना, कम वजन का बच्चा होना या कोई गंभीर बीमारी से ग्रसित होना। तंबाकू का सेवन करने से आपके जीवन से 11 साल कम हो जाता है। तंबाकू सिर्फ हमारे स्वास्थ्य को ही नहीं बल्कि हमारे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा रहा है।इसीलिए तम्बाकू का सेवन सभी लोग अबिलम्ब छोड़ें।
जिंदगी में बेवक्त आने वाली मौत का मुख्य कारण तंबाकू: डॉ विजया लक्ष्मी
होमी भाभा कैंसर अस्पताल की ज़िला तकनीकी पदाधिकारी डॉ विजया लक्ष्मी गुप्ता ने बताया कि तंबाकू का सबसे अधिक दुष्प्रभाव स्कूली बच्चों और युवाओं पर हो रहा है। बिहार में तंबाकू का प्रयोग करने वाले 25.9 प्रतिशत, धुआं रहित तंबाकू यानी पान मसाला, जर्दा, खैनी का प्रयोग करने वाले 23.5 प्रतिशत, बीड़ी पीने वाले 4.2 प्रतिशत और सिगरेट पीने वाले 0.9 प्रतिशत लोग हैं। तंबाकू सेवन के कारण कैंसर, ह्रदय रोग जैसी बीमारियों की समस्या बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि तंबाकू, सिगरेट व्यवसाय जैसे शक्तिशाली व्यावसायिक समूह से मुकाबला करने के लिए सामाजिक चेतना अतिआवश्यक है। युवाओं में नशा करना भले ही शान और लत के लिए किया जाता हो। लेकिन यह जिंदगी में बेवक्त आने वाली मौत का मुख्य कारण भी माना जाता है। हालांकि लोग भले ही इसका मजा कुछ पल के लिए करते हैं लेकिन यह मजा कब लोगों लिए जिंदगी भर की सजा बन जाए, इसका अंदाजा भी नहीं लगा सकते है। तंबाकू का सेवन जन स्वास्थ्य के लिए बड़े खतरों में से एक माना जा रहा है। क्योंकि सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू सेवन के बाद थूकना स्वास्थ्य के लिए काफ़ी खतरा होता है। तंबाकू सेवन करने वाले की प्रवृति यत्र-तत्र थूकने की होती है। थूकने के कारण कई गंभीर प्रकार की गंभीर बीमारी तथा कोरोना, इंसेफलाइटिस, यक्ष्मा, स्वाइन फ्लू आदि का संक्रमण फैलने की आशंका रहती है।
Jun 05 2023, 10:22