ओडिशा के बालासोर में रेल हादसे के बाद सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं, इधर, राहत बचाव कार्य भी चल रहा है, यहां पढ़िए, बीते दशकों में और भी हो चुकी हैं बड़ी दुर्घटनाएं
ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार शाम में दो यात्री ट्रेनों की टक्कर में अब तक 261 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस भीषण दुर्घटना में 1000 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। रेल हादसे के बाद दुर्घटनास्थल पर एनडीआरएफ की नौ टीम बचाव कार्य में जुटी हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ओडिशा में हुई ट्रेन दुर्घटना पर दुख व्यक्त करते हुए शुक्रवार को कहा कि घटनास्थल पर बचाव अभियान जारी है और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता दी जा रही है। उन्होंने स्थिति का जायजा लेने के लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से भी बात की है। आज पीएम मोदी के घटनास्थल पर भी जाने की बात कही जा रही है।
कुछ बड़े रेल हादसे
जून 1981
बिहार में 6 जून 1981 को एक ट्रेन मानसी और सहरसा के बीच पुल पाल करते समय पटरी से उतर गई थी और सात डिब्बे कोसी नदी में गिर गई थी। इस हादसे में 800 यात्रियों की मौत हो गई थी। यह अब तक भारत और दुनिया के सबसे खतरनाक रेल हादसों में से एक है।
अगस्त 1995
दिल्ली से कानपुर के बीच चलने वाली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद के पास खड़ी कालिंदी एक्सप्रेस से टकरा गई थी। इस हादसे में दोनों ट्रेनों के 360 से अधिक यात्री मारे गए थे। कुछ मीडिया रिपोर्ट में इस घटना के लिए मैन्युअल त्रुटि को जिम्मेदार ठहराया गया था। कहा जाता है कि पटरी पर जानवर के मरने के बाद कालिंदी एक्सप्रेस के ब्रेक जाम हो गए और ट्रैक पर ही रुक गए। साथ ही पुरुषोत्तम एक्सप्रेस को भी उसी ट्रैक पर चलाने की अनुमति दी गई। पुरुषोत्तम एक्सप्रेस ने कालिंदी एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी जिससे हादसा हो गया था।
26 नवंबर 1998
जम्मू तवी-सियालदह एक्सप्रेस पंजाब खन्ना में अमृतसर जाने वाली फ्रंटियर गोल्डन टेंपल मेल के साथ हादसे की शिकार हुई थी। पटरी टूटी होने के कारण स्वर्ण मंदिर मेल ट्रेन के 3 डब्बे पटरी से उतर गए थे। वहीं जम्मू तवी-सियालदह एक्सप्रेस छह डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इस भीषण हदसे में 280 से अधिक यात्रियों की जान गई थी।
28 मई 2010
मुंबई जाने वाली हावड़ा कुर्ला लोकमान्य तिलक ज्ञानेश्वरी सुपर डीलक्स एक्सप्रेस पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर जिले में खेमशौली और साडीहा के बीच रात 1:30 बजे पटरी से उतर गई थी। इसके बाद एक मालगाड़ी ने आकर टक्कर मार दी थी। इस हादसे में 235 यात्रियों की जान चली गई थी।
9 सितंबर 2002
हावड़ा-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस गया और डेहरी-ऑन-सोन स्टेशनों के बीच रफी गंज स्टेशन के पास पटरी से उतर गई थी। मैनुअल फॉल्ट के कारण ह दुर्घटना हुई थी। इसमें 130 से अधिक लोग मारे गए थे। ऐसा कहा जाता है कि जिस ट्रैक पर ट्रेन चल रही थी वह ब्रिटिश काल का था। भारी बारिश के कारण पटरी में दरार आ गई थी।
2 अगस्त 1999
उत्तर सीमांत रेलवे के कटिहार मंडल के अवध में अवध-असम एक्सप्रेस और ब्रह्मपुत्र मेल की टक्कर में करीब 268 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे में 359 से अधिक लोग घायल हो गए थे। ब्रह्मपुत्र मेल भारतीय सैनिकों को असम से सीमा तक लेकर जा रहा था। वहीं, अवध असम एक्सप्रेस गुवाहाटी जा रही थी। गुस्लर के पास एक स्टेशन पर खड़ी थी। सिग्नल फेल होने के कारण ब्रह्मपुत्र मेल को उसी ट्रैक पर आगे बढ़ने की हरी झंडी दे दी गई थी। रात करीब 1:30 बजे अवध असम एक्सप्रेस ने सामने से टक्कर मार दी।
अक्टूबर 2005
आंध्र प्रदेश में वेलुगोंडा के पास एक पैसेंजर ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इस हादसे में कम से कम 77 लोग मारे गए थे।
जुलाई 2011
फतेहपुर में एक मेल ट्रेन के पटरी से उतरने से करीब 70 लोगों की मौत हो गई थी। 300 से ज्यादा घायल हो गए थे।
नवंबर 2016
उत्तर प्रदेश में एक एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने से 146 लोग मारे गए और 200 से अधिक घायल हो गए थे।
जनवरी 2017
आंध्र प्रदेश में एक पैसेंजर ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर जाने से कम से कम 41 लोगों की मौत हो गई थी।
अक्टूबर 2018
अमृतसर में एक दिल दहला देने वाली हादसा हुई थी। पटरियों पर जमा भीड़ को ट्रेन कुचल देती है। इस हादसे में कम से कम 59 लोगों की मौत हो गई थी
Jun 03 2023, 17:47