जामताड़ा: खुद को एसबीआई का कर्मचारी बताकर साइबर ठगी करने वाला 6 ठग पकड़े गए,यह गिरोह ढाई हजार लोगों को बनाया था ठगी का शिकार
जामताड़ा: खुद को एसबीआई का कर्मचारी बताने वाले शख्स ने एनीडेस्क सॉफ्टवेयर डाउनलोड कराकर पीड़ित के खाते से 10 लाख रुपये निकाल लिए।
साइबर पुलिस ने कस्टमर केयर हेल्पलाइन का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह जामताड़ा से संचालित हो रहा था।
पुलिस इनके कब्जे से 21,760 सिमकार्ड बरामद किए हैं, जिनका इस्तेमाल ठगी के लिए किया जा रहा था।यह सिम दूसरे के नाम पर जारी किए गए थे। डीसीपी रवि कुमार सिंह ने बताया कि दुबई के कारोबारी अनिल नौटियाल अपनी बेटी का डीटीयू में एडमिशन कराने के लिए दिल्ली आए थे। उन्होंने पासबुक के लिए एसबीआई बैंक का हेल्पलाइन नंबर इंटरनेट पर ढूंढ़ा। कॉल सेंटर पर खुद को एसबीआई का कर्मचारी बताने वाले शख्स ने एनीडेस्क सॉफ्टवेयर डाउनलोड कराकर पीड़ित के खाते से 10 लाख रुपये निकाल लिए।
गिरोह अब तक 2500 लोगों को अपनी जाल में फंसा चुका है। जामताड़ा साइबर थाना पुलिस ने बीती रात नारायणपुर थाना क्षेत्र के झिलुआ गांव से सात साइबर आरोपियों को संगठित होकर साइबर अपराध करते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार आरोपियों में चार हिस्ट्रीशीटर है, जिसका पुराना अपराधिक इतिहास है। गिरफ्तारी के समय उक्त आरोपियों के पास से 07 मोबाइल फोन और 20 सिम कार्ड बरामद किया गया है। सभी के विरुद्ध साइबर थाना में कांड संख्या 22/23 दर्ज कर बुधवार मेडिकल जांच करवा कर न्यायालय में पेश किया गया।
जहां से सभी को मंडल कारा जामताड़ा भेज दिया गया है।
वहीं, 80 हजार रुपये फ्लिपकार्ट पर फ्रीज हो गए। एसपी को मिली गुप्त सूचना पर हुई छापेमारी एसपी को मिली गुप्त सूचना के आधार पर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अजय पणजीकार की अगुवाई में टीम गठित की गई। जिसमें इंस्पेक्टर अनिल कुमार सहित पुलिस के जवान शामिल थे। सूचना के आधार पर झिलुआ गांव में छापेमारी की गई। जहां से पंचम मंडल, बीयन मंडल, मनोज मंडल, जगदीश मंडल, विभीषण मंडल, कार्तिक मंडल तथा आकाश मंडल को गिरफ्तार किया गया है। यह सभी एक ही जगह पर बैठकर साइबर अपराध की घटना को अंजाम दे रहे थे।
गिरफ्तार इन अपराधियों में से चार हिस्ट्रीशीटर है। जिसका पूर्व में साइबर अपराध से जुड़ा हुआ अपराधिक इतिहास भी है। जिसमें पंचम मंडल और बीयन मंडल वर्ष 2020 में जेल जा चुका है। यह दोनों कांड संख्या 68/20 के आरोपित हैं। वही कार्तिक मंडल और आकाश मंडल वर्ष 2022 के अलग-अलग मामले में जेल जा चुके है। जेल से लौटने के बाद चारों आरोपी संगठित होकर अपना ग्रुप खड़ा किया और साइबर ठगी की घटना को अंजाम देना शुरू कर दिया। कार्तिक मंडल साइबर थाना कांड संख्या 43/22 में जेल जा चुका है। जबकि आकाश मंडल साइबर थाना कांड संख्या 59/22 में जेल जा चुका है। जानकारी के अनुसार सभी साइबर अपराधी बिजली बिल जमा नहीं करने तथा बिजली का लाइन काटने का मैसेज देकर लोगों को झांसे में लेता था। उसके बाद अलग-अलग मोबाइल ऐप डाउनलोड करवा कर उस के माध्यम से मोबाइल हैक कर ठगी की घटना को अंजाम देता था।
Apr 27 2023, 14:22