मोदी सरनेम केस में फंसे राहुल को मिलेगी राहत? सूरत सेशंस कोर्ट में बहस जारी, वरिष्ठ वकील आरएस चीमा वोट वाली दलील भी कर रहे पेश
मोदी उपमान को लेकर विवादित बयान की वजह से आपराधिक मानहानि के दोषी करार दिए गए राहुल गांधी को क्या राहत मिलेगी? 2 साल की सजा पाने के बाद सदस्यता गंवाने वाले राहुल गांधी की याचिका पर सेशंस कोर्ट में सुनवाई चल रही है। सीजेएम कोर्ट के फैसले को राहुल गांधी ने 3 अप्रैल को सेशंस कोर्ट में चुनौती दी थी और अपनी दोषसिद्धि पर रोक की मांग की है।
राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ वकील आरएस चीमा दलील पेश कर रहे हैं। चीमा ने कहा कि स्पष्ट रूप से मामले की मेरिट पर विचार करने की आवश्यकता है। एक फैसले को पढ़ते हुए वे कहते हैं, 'शक्ति एक अपवाद है लेकिन अदालत को सजा के परिणामों पर विचार करना चाहिए।' उन्होंने कहा कि न्यायालय को इस बात पर विचार करना है कि क्या दोषी को अपूर्णीय क्षति होगी। उन्होंने सजा की वजह से राहुल गांधी की सदस्यता छिन जाने का हवाला देते हुए स्टे की मांग की और सुप्रीम कोर्ट की कुछ टिप्पणियों का हवाला दिया।
चीमा ने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने 2019 में केरल की वायनाड सीट से 4,31070 वोट के मार्जिन से जीत हासिल की थी लेकिन अब उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि भाषण की भी जांच करनी होगी और यह भी देखना चाहिए कि शिकायतकर्ता पीड़ित व्यक्ति है या नहीं। कानून के मुताबिक पीड़ित व्यक्ति ही शिकायत कर सकता है।
भाजपा नेता पूर्णेश मोदी की ओर से दर्ज कराए गए आपराधिक मानहानि केस में 2 साल की सजा मिलने के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता छिन गई थी। सदस्यता बहाली के लिए ऊपरी अदालत से दोषसिद्धि पर रोक या सजा में कमी करना आवश्यक है। यदि ऐसा होता है तो राहुल गांधी की सदस्यता बहाल हो सकती है। नहीं तो वह अगले 8 साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
राहुल गांधी को जिस बयान की वजह से आपराधिक मानहानि का दोषी करार दिया गया वह उन्होंने 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक में दिया था। तब कांग्रेस अध्यक्ष रहे राहुल ने नीरव मोदी, ललित मोदी आदि का नाम लेते हुए पूछा था कि सभी चोरों का उपनाम मोदी ही क्यों है? राहुल के बयान पर आपत्ति जताते हुए भाजपा नेता पूर्णेश मोदी ने केस दर्ज कराया था। राहुल के खिलाफ इसी बयान को लेकर पटना एमपी एमलए कोर्ट में भी केस लंबित है।
Apr 13 2023, 17:05