झारखंड में प्रचंड गर्मी के साथ हीं बढ़ी 2600 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की मांग
झारखंड गर्मी शुरू होते हीं झारखंड में प्रचंड तापमान बढ़ने लगा है इसके साथ ही अब बिजली की मांग भी बढ़ गई है। फिलहाल पीक समय में 2600 मेगावाट तक की मांग है। इसके मुकाबले पीक आवर में 2200 से 2300 मेगावाट उपलब्ध हो पा रहा है।
अधिकारियों को मुख्यालय ने निर्देश जारी किया है कि बिजली की आपूर्ति सामान्य बनाए रखें और बगैर निर्देश के लोड शेडिंग से परहेज करें। फिलहाल इंडियन एनर्जी एक्सचेंज से 100 मेगावाट अतिरिक्त बिजली ली जा रही है। सिकिदरी हाइडेल से भी उत्पादन हो रहा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की मांग और बढ़ने की संभावना है।
बिजली विभाग अतिरिक्त बिजली आपूर्ति की कर रही है तैयारी
अधिकारियों के मुताबिक, बिजली की मांग की पूर्ति की पूरी तैयारी है। इसकी वजह से संकट की गुंजाइश कम है। पूर्व के आकलन के आधार पर अतिरिक्त बिजली का प्रबंधन किया जा रहा है। इस क्रम में बिजली नेटवर्क विस्तार की योजना भी सराहनीय है। रिवैम्प डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) को लागू करने को लेकर राज्य में प्रक्रिया तेज हो रही है।
जिलों में संसाधनों का किया जाएगा विकास
दिल्ली में राज्यों की समीक्षा बैठक में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के निर्देश पर इस योजना को तेजी से धरातल पर उतारा जाएगा। मई तक निविदा की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसके तहत बिजली घाटा कम करने के लिए संसाधनों के विकास पर 3200 करोड़ और प्री-पेड मीटर पर 800 करोड़ रुपये खर्च होंगे। स्कीम के तहत सभी 24 जिलों में बिजली के संसाधनों का विकास किया जाएगा।
केंद्र सरकार कर रही है सहयोग
केंद्र सरकार ने राज्य बिजली वितरण निगम के लिए 4200 करोड़ रुपये की योजना की स्वीकृति दी है। इससे घाटा कम करने में सहायता मिलेगी। ग्रामीण क्षेत्र से लेकर शहरी क्षेत्रों में बिजली का बेहतर नेटवर्क इसके जरिए स्थापित होगा। इस स्कीम में 13.41 लाख स्मार्ट मीटर लगेंगे।
इसके अलावा 72 नए कृषि फीडर बनाए जाएंगे। शहरी क्षेत्र में 11 केवी की 25516 सर्किट किमी लाइन कवर्ड वायर में बदली जाएगी। संचरण घाटा कम करने के लिए लंबे फीडरों को छोटा किया जाएगा।














Apr 13 2023, 14:32
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