रामनवमी के दौरान हुए दंगों से आहत हुए "बनारस वाला इश्क" फेम लेखक प्रभात बांधुल्य, इन्ही के प्यार में पटना की पिंकी ने लिखी थी डिप्टी सीएम तेजस्व
औरंगाबाद : बिहार में रामनवमी के त्योहार पर राज्य के कई हिस्सों में हुए सांप्रदायिक दंगों से आहत राज्य के "बनारस वाला इश्क" फेम लेखक प्रभात बांधुल्य ने एक कविता लिखी और उसे स्वर भी दिया।
इस कविता में सांप्रदायिक दंगों और उसके असर का दर्द छलकता है। यह मर्मस्पर्शी कविता है। कवि ने सांप्रदायिक दंगों के दर्द को बेहद भावपूर्ण अंदाज में गाया है।
कविता में प्रेम के दर्द को भी पुट दिया और दंगों की आग में प्रेमियों के प्रेम पत्र के भी जल जाने को शब्द दिएं है। सुनिएं और पढ़िए प्रभात बांधुल्य की यह कविता-
धू-धू जर$ता शहरिया ए सजनी
चीख -पुकार औरी शोर हो
के ई शहरिया के अगिया लगवलस,
के कइले एतना अनोर हो
जर$ता कुरान
वेद पुराण
रवि के मकान ,
करीम के दुकान
ओहि रे अगिया में, जरी गइले सजनी,तोहर भेजल प्रेम के डोर हो,
कइसे बचाईं तोहर पाती ए सजनी,
कइसे सुखाईं आपन लोर हो,
गौरतलब है कि इस कविता को लिखने और गाने वाले प्रभात बांधुल्य औरंगाबाद के है। यह वही लेखक है जिनकी रचना "बनारस वाला इश्क" सुपर डुपर फेमस हुई थी। साथ ही शौचालय योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार पर इनकी शॉर्ट फिल्म "फिक्स रेट भी बेहद चर्चित है।
इस शॉर्ट फिल्म का डायलॉग -"पाखाना के लिए देना होगा दो हजार का खाना" आज भी लोगो की जुबां चढ़ा हुआ है।
इस लेखक को पाने के लिए उसकी वन साइडेड लवर राजधानी पटना की पिंकी ने प्रदेश के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को रोजगार देने की मांग वाली चिट्ठी ऐन वैलेंटाइन वीक के आरंभ पर लिखी थी।
उस वक्त चिट्ठी के साथ प्रभात बांधुल्य भी बेहद चर्चित हुए थे और आज भी उनकी एक पहचान वन साइडेड लवर पिंकी के बी-लवेड के रूप में है।
औरंगाबाद से धीरेन्द्र
Apr 04 2023, 14:09