झारखंड के मद्य निषेध विभाग ने पिछले 10 साल में सर्वाधिक राजस्व प्राप्त किया, लक्ष्य के करीब हुई राजस्व की वसूली
रांची: झारखंड अलग राज्य बनने के बाद से उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने राजस्व प्राप्त करने में अब तक के पिछले सभी रिकॉर्ड को तोड़ दिया है । विभाग ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में 30 मार्च तक 2054 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल कर लिया है।
पिछले 10 वर्षों के बीच रखा गया था 2360 करोड़ का लक्ष्य
अब तक का सर्वाधिक राजस्व वित्तीय वर्ष 2019-20 में था, तब विभाग को 2009.19 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था। उत्पाद विभाग ने आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 2360 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य रखा है और इसके लिए सबकुछ पूरी तरह व्यवस्थित करने की तैयारी चल रही है।
राज्य बेवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के माध्यम से हो रही शराब की बिक्री
विभाग के अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, राज्य में शराब की बिक्री के लिए मैनपावर उपलब्ध कराने वाली पूर्व की चारों प्लेसमेंट एजेंसियों की बैंक गारंटी जब्त करने के बाद उन्हें निविदा से बाहर कर दिया गया है। राज्य में शराब की बिक्री झारखंड राज्य बेवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) के माध्यम से हो रही है।
मैन पावर उपलब्ध कराने के लिए निकाली गयी निविदा
जेएसबीसीएल ने मैन पावर उपलब्ध कराने वाली कंपनियों के लिए निविदा निकाली है। इसके माध्यम से राज्य के सात जोन में नई कंपनियां आ चुकी हैं, जो आगामी वित्तीय वर्ष में उस जोन में मैन पावर उपलब्ध कराएंगी। शेष जोन में भी कंपनियों के चयन की प्रक्रिया चल रही है और उम्मीद है कि बहुत जल्द ही वहां भी मैन पावर की समस्या का समाधान हो जाएगा।
नकली शराब के लिए विभाग कसेगी नकेल
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि आगामी वित्तीय वर्ष में शराब की आपूर्ति सामान्य रहेगी। पूर्व में जो भी समस्याएं आ रहीं थीं, उन्हें दूर करने की पूरी कोशिश हुई है। नकली शराब की आपूर्ति न हो, इसके लिए मानीटरिंग सिस्टम को दुरुस्त किया गया है। शराब के निर्माण से लेकर खुदरा उत्पाद दुकानों से बिक्री तक प्रत्येक स्तर पर ट्रैक एंड ट्रेस व्यवस्था लागू की गई है। इसे सख्ती से लागू किया जाएगा।
Mar 31 2023, 20:34