बिहार में केंद्र सरकार की संपूर्ण स्वच्छता योजना का सिर्फ नाम बदला है काम नही
औरंगाबाद : बिहार में केंद्र सरकार की संपूर्ण स्वच्छता योजना का सिर्फ नाम ही बदला है। काम नही बदला है। राज्य में योजना का नाम भले ही लोहिया स्वच्छता अभियान, बिहार है, पर काम वही है। काम महिलाओं को इज्जत बख्शना है। इस योजना ने महिलाओं की ऐसी इज्जत बख्शी कि वे आज केंद्र सरकार की मुरीद बनी नजर आती है।
केंद्र सरकार की शौचालय योजना ने महिलाओं का मान-सम्मान बढ़ाया है। बिहार का औरंगाबाद भी इससे अछूता नही है। यह तस्वीर औरंगाबाद के बारूण प्रखंड के कंचनपुर पंचायत के कंचनपुर गांव की है।
कंचनपुर गांव की इन महिलाओं के लिए यह शौचालय नही बल्कि उनके लिए इज्जत घर है। इस इज्जत घर से उनकी इज्जत बढ़ी है। सम्मान बढ़ा है। पहले अपने घर में उन्हे शौचालय के अभाव में बेपर्द होना पड़ता था। शर्मिंदगी झेलनी पड़ती थी।
दिन में यदि शौच लग जाएं तो शाम का धुंधलका होने का इंतजार करना पड़ता। खेतों में जाना पड़ता था पर केंद्र सरकार की शौचालय योजना लागू हुई। अभियान चल पड़ा। गांव के हर गरीब के घर में शौचालय बनते गये। सक्षम लोगो ने अपने खर्च पर शौचालय बनाएं। उन्हे भी केंद्र सरकार की ओर से शौचालय अनुदान मिला। देखते ही देखते कंचनपुर गांव ही नही पूरा कंचनपुर पंचायत ओडीएफ पंचायत बन गया।
अब यहां की महिलाएं गर्व से कहती है कि हमारे घर में शौचालय है। हमे बेपर्द नही होना पड़ता है। हमें शौच के लिए शाम का धुंधलका या ओर होने का इंतजार नही करना पड़ता। जब शौच का अहसास हुआ, अपने घर के शौचालय में जाकर हल्का हो गये। ऐसी तस्वीरे अब जिले के हर गांव में है और प्रधानमंत्री की महत्वपूर्ण योजना के सहारे अब पूरा औरंगाबाद जिला ओडीएफ बन चुका है
निःसंदेह केंद्र सरकार की योजनाएं ग्रामीण स्तर तक लोगो के जीवन स्तर में सुधार का सबब बनी है और ऐसी ही योजनाएं लोक कल्याणकारी राज्य की अवधारणा को धरातल पर प्रस्तुत करती है।
औरंगाबाद से धीरेन्द्र
Mar 09 2023, 15:05