राजनीतिक जीवन में पहली बार स्वामी सहजानंद सरस्वती पर बोले एलजेपीआर सुप्रीमो चिराग, कहा-हम सबकी एक ही जाति एक ही धर्म वह सिर्फ अमीरी-गरीबी
औरंगाबाद लोक जनशक्ति पार्टी(रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जमुई के सांसद चिराग पासवान ने रविवार को अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार बहुचर्चित किसान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती के प्रति विचार रखे।
हम दावे के साथ कह सकते है कि चिराग पासवान ने जीवन में पहली बार स्वामी सहजानंद सरस्वती के बारे में बोला है। यकीन नही हो तो गुगल कर भी देख सकते है। अवसर था स्वामी सहजानंद की जयंती पर औरंगाबाद के ओबरा प्रखंड के गैनी गांव में कृषक जमायत विकास मोर्चा के तत्वावधान में आयोजित "कृषक राज्य की स्थापना हेतु कृषक बसंत गर्जना" का। कार्यक्रम के नाम के अनुरूप यहां चिराग पासवान जमकर गरजे और बिहार सरकार पर बरसे भी।
चूंकि कार्यक्रम स्वामी सहजानंद सरस्वती की कृषक राज्य की परिकल्पना और किसानों से जुड़ा था। इस कारण चिराग ने अन्य मुद्दों के साथ खासकर कृषि के मुद्दे को लेकर कुछ ज्यादा ही बिहार की नीतीश सरकार को घेरा। इस दौरान उन्होने बिहार सरकार द्वारा होली के बाद बिजली के दर में की जानेवाली वृद्धि के खिलाफ अपनी पार्टी के द्वारा चलाये जा रहे आंदोलन की भी चर्चा कर खुद को और पार्टी को किसानों से जोड़ा। अपनी पार्टी के बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट विजन की फिर से चर्चा की। कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती हमारे पुरखे है। हमारे पुरखो ने समाज की जो परिकल्पना की थी, वह आज भी अधूरी है। यदि कुछ मिला है, तो वह संघर्षों के बदौलत मिला है। राजनेता पुरखो के सपनो की बात पूरा करने के नाम पर जाति और धर्म की राजनीति करते है। हिंदु-मुस्लिम, कोईरी-कुर्मी आदि के बहाने जातिवाद और धर्मवाद फैलाते है। हमे इनसे दूर और सावधान रहना है। हम जाति और धर्म से पहले बिहारी है।
हकीकत यही है कि पूरे हिंदुस्तान में दो ही जाति-धर्म है। एक अमीर तो दूसरा गरीब है लेकिन राजनेता गरीब को ठगने का काम कर रहे है। इस वजह से गरीब और गरीब तथा अमीर और अमीर बन रहे है। इसके निदान के लिए हम सबको स्वामी जी के विचारो को आत्मसात करना होगा। उनसे सीख लेनी होगी। उनके विचारों पर चलना होगा। स्वामी जी सोंच थी कि देश के किसानों का सम्मान हो, उन्हे खेती किसानी में कोई परेशानी नही हो लेकिन आज का किसान परेशान है।
किसान पहले उन्नत बीज की समस्या झेलते है। बीज मिल गया तो सिंचाई और खाद की समस्या झेलनी पड़ती है।फिर उत्पादन हो गया तो धान को बेचने में समस्या होती है। कुल मिलाकर खेत में मेहनत मजदूरी करने के बाद किसान के हाथ में न के बराबर आता है जबकि राजनेता किसानों के नाम पर बड़ी बड़ी बाते करते है। इन समस्याओं के निदान के लिए हम सबको एक होना होगा।
हम एक होंगे तो ताकतवर होंगे और ताकत के आगे बड़ो बड़ो को झुकना होगा। साथ ही युवा पीढ़ी को बुजुर्गों के अनुभव के साथ जुड़ना होगा। इसके लिए आप यदि एक कदम चलेंगे तो मैं सौ कदम आपके साथ चलुंगा। मेरा मकसद बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट है। इस मकसद को पूरा करने के लिए जबतक वें बिहार को विकसित राज्य नही बना लेते तबतक चैन से नही बैठेंगे।
कार्यक्रम में आयोजक संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो.(डॉ.) नंदकिशोर प्रसाद शर्मा, एलजेपीआर के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व सांसद डॉ. अरूण कुमार, पार्टी के प्रदेश महासचिव सह मगध प्रमंडल प्रभारी प्रमोद सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. प्रकाश चंद्रा एवं जिलाध्यक्ष अनूप ठाकुर आदि ने विचार रखे।
Feb 26 2023, 21:09