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अमेरिका, ट्रंप और मोदी के नेतृत्व में क्वाड: ताइवान के संदर्भ में एक नई चुनौती

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2027 में चीन के द्वारा ताइवान पर कब्जा करने की योजना और इसके परिणामस्वरूप अमेरिका को जो सैन्य और कूटनीतिक चुनौती मिल सकती है, वह वैश्विक राजनीति और सैन्य रणनीति में एक अहम मोड़ को दर्शाता है। यह समय अमेरिका, भारत, जापान, और ऑस्ट्रेलिया के सहयोगी गुट, अर्थात् क्वाड (क्वाड्रिलैट्रल सिक्योरिटी डायलॉग), के लिए एक चुनौतीपूर्ण दौर हो सकता है। क्या ट्रंप और पीएम मोदी के नेतृत्व में क्वाड खड़ा होगा और क्या यह चीन के बढ़ते प्रभाव के खिलाफ एक मजबूत रक्षा ढांचा बना सकेगा? यह सवाल हमारे समक्ष एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और सैन्य मुद्दे के रूप में उभरता है। 

इस लेख में हम इस जटिल परिस्थिति का विश्लेषण करेंगे, जिसमें चीन की बढ़ती नौसैनिक शक्ति, ताइवान संकट, और क्वाड देशों के बीच समन्वय की आवश्यकता को शामिल करेंगे।

1. क्वाड की भूमिका और महत्व

क्वाड, जिसे क्वाड्रिलैट्रल सिक्योरिटी डायलॉग भी कहा जाता है, अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया का एक अनौपचारिक गुट है, जो इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी सामरिक और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए काम कर रहा है। इसका उद्देश्य क्षेत्र में सुरक्षा, नेविगेशन स्वतंत्रता, और कानून-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बढ़ावा देना है। जब अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने 2025 के प्रारंभ में क्वाड देशों के साथ पहली बहुपक्षीय बैठक की, तो यह बैठक एक नई दिशा को दर्शाती है। भारत के विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर, ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग, और जापानी विदेश मंत्री ताकेशी इवाया के साथ यह बैठक न केवल एक कूटनीतिक कदम था, बल्कि एक संकेत भी था कि अमेरिका और इसके सहयोगी राष्ट्र चीन के खिलाफ एकजुट होने के लिए तैयार हैं। 

2. चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति और ताइवान संकट

चीन ने पिछले एक दशक में अपनी सैन्य शक्ति में भारी वृद्धि की है। विशेष रूप से, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की नौसेना आज दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना बन चुकी है, जिसमें लगभग 500 युद्धपोत हैं। यह चीन की सैन्य रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी समुद्री शक्ति को बढ़ाना है। इसके अलावा, चीनी रक्षा बजट का अधिकांश हिस्सा पीएलए नौसेना को सौंपा गया है, जो इस क्षेत्र में बढ़ते तनाव को दर्शाता है। 

 3. भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव

भारत और चीन के बीच संबंधों में हाल के वर्षों में तनाव बढ़ा है, विशेष रूप से 2020 में पूर्वी लद्दाख में हुई सैन्य झड़पों के बाद। हालांकि मोदी सरकार द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की कोशिश कर रही है, लेकिन चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियाँ, खासकर हिंद महासागर क्षेत्र में, भारत के लिए चिंता का विषय हैं। चीन ने हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाते हुए महत्वपूर्ण बंदरगाहों पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया है, जिससे भारत को अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता महसूस हो रही है। यही कारण है कि भारत ने क्वाड में अपनी सक्रिय भागीदारी बढ़ाई है, ताकि चीन के प्रभाव को सीमित किया जा सके और क्षेत्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। 

4. भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और क्वाड में भागीदारी

भारत की रणनीतिक स्वायत्तता पर बहस हमेशा से चली आ रही है। एक ओर जहां कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को अमेरिका और चीन के बीच संघर्ष में नहीं फंसना चाहिए और उसे अपनी स्वतंत्र रणनीतिक नीति पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, वहीं दूसरी ओर दक्षिणपंथी विचारक यह मानते हैं कि भारत को अमेरिका के साथ मिलकर चीन के बढ़ते सैन्य खतरे का मुकाबला करना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण थोड़ा अलग है। वे अमेरिका और चीन दोनों के साथ संतुलित संबंध बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि भारत के राष्ट्रीय हित सुरक्षित रह सकें। मोदी सरकार ने “आत्मनिर्भर भारत” के तहत घरेलू सैन्य-औद्योगिक आधार को मजबूत करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। 

5. चीन के खिलाफ सामरिक तैयारियाँ और क्वाड का भविष्य

भारत की सामरिक तैयारियाँ और क्वाड के भीतर सहयोगी देशों की भूमिका इस समय अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। भारत को अपनी सैन्य शक्ति को और अधिक सशक्त बनाने की आवश्यकता है, ताकि वह चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला कर सके। इसके लिए, क्वाड के देशों को एकजुट होकर सामरिक ढांचा तैयार करना होगा, जिससे चीन की सैन्य चुनौती का प्रभावी तरीके से सामना किया जा सके। क्वाड देशों के बीच रक्षा, प्रौद्योगिकी, और संचार क्षेत्र में सहयोग को और अधिक गहरा किया जाना चाहिए। खासकर, भारत को अमेरिका से नवीनतम तकनीकी सहायता और रक्षा उपकरणों की आवश्यकता है, ताकि वह अपनी रक्षा तैयारियों को और मजबूत कर सके। 

6. भारत और अमेरिका के बीच बढ़ता सहयोग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में भारत और अमेरिका के बीच रक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ा है। 2025 के शुरुआती महीनों में, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने संकेत दिया कि ट्रंप प्रशासन भारत के साथ अपनी रक्षा साझेदारी को और मजबूत करेगा, खासकर जब भारत अपनी घरेलू सैन्य-औद्योगिक क्षमता को विकसित करने की दिशा में कदम उठा रहा है। भारत के लिए यह समय की मांग है कि वह अपने घरेलू विनिर्माण क्षेत्र को सशक्त बनाए और विदेशी तकनीक पर अपनी निर्भरता कम करे। जैसे-जैसे भारत के सैन्य और औद्योगिक आधार का विस्तार होता है, वैसे-वैसे वह चीन की चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हो सकता है। 

7. इंडो-पैसिफिक में चीन के खिलाफ क्वाड का सामरिक महत्व

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र वैश्विक व्यापार और समुद्री मार्गों का केंद्र है, जो खरबों डॉलर के व्यापार का स्रोत है। इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य उपस्थिति और आक्रामकता को देखते हुए, क्वाड को अपनी भूमिका को और मजबूत करना होगा। यह न केवल चीन के खिलाफ सामरिक संतुलन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि वैश्विक समुद्री मार्गों पर नेविगेशन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्यक है। अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया का सामूहिक प्रयास क्षेत्र में चीनी विस्तार को रोकने में प्रभावी हो सकता है। 

2027 में चीन द्वारा ताइवान पर कब्ज़ा करने की संभावना, अमेरिका, भारत और अन्य क्वाड देशों के लिए एक गंभीर चुनौती पेश करती है। हालांकि, ट्रंप और मोदी के नेतृत्व में क्वाड देशों के बीच मजबूत साझेदारी और सहयोग इस चुनौती का सामना करने के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति के बीच, क्वाड को अपनी रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करना होगा, ताकि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखी जा सके। भारत को अपनी सामरिक तैयारियों को तेज़ी से बढ़ाना होगा और घरेलू सैन्य-औद्योगिक आधार को सशक्त बनाना होगा। इसके साथ ही, अमेरिका और अन्य क्वाड देशों के साथ मजबूत सहयोग इस क्षेत्र में सामरिक संतुलन को बनाए रखने के लिए आवश्यक होगा।

प्रधानमंत्री मोदी आज करेंगे ऑटो एक्सपो का उद्घाटन, 100 से ज्यादा मॉडल पेश होंगे

#pmmodiinauguratesbharatmobilityglobalexpo_2025

भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025 का आयोजन 17 जनवरी से लेकर 22 जनवरी के बीच आयोजित होने जा रहा है। इसका आयोजन नई दिल्ली के भारत मंडपम में किया जाएगा। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।इसमें ऑटोमोबाइल, कंपोनेंट और तकनीकों से संबंधित 100 से अधिक नए उत्पाद लॉन्च होने की उम्मीद इस एक्सपो में आम लोगों को एक ही छत के नीचे अलग-अलग तरह के वाहन और गाड़ियों से जुड़ी हर चीज देखने को मिलेगी। नी इसमें वाहन विनिर्माताओं के साथ-साथ कलपुर्जा, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, टायर और ऊर्जा भंडारण बनाने वालों से लेकर वाहन सॉफ्टवेयर कंपनियों के उत्पाद देखने को मिलेंगे।इस बार एक्सपो की थीम सीमाओं से परे भविष्य के लिए ऑटो वैल्यू चेन में सहयोग को बढ़ाना है। या

दुनिया भर की कंपनियां होंगी शामिल

दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम, द्वारका में यशोभूमि और ग्रेटर नोएडा में इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में ऑटो एक्सपो सज गया है। करीब दो लाख वर्ग मीटर के दायरे में फैले भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो में दुनिया भर की नामचीन ऑटोमोटिव और मोबिलिटी कंपनियां शिरकत कर रही हैं।

100 से ज्यादा नई गाड़ियां होंगी लॉन्च

ऑटो एक्सपो में देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया की पहली इलेक्ट्रिक कार Maruti eVitara लॉन्च होने जा रही है। वहीं हुंडई मोटर इंडिया की क्रेटा इलेक्ट्रिक, टाटा मोटर्स की सिएरा ईवी, सफारी ईवी और हैरियर ईवी की भी झलक दिखने वाली है। इसके अलावा सुजुकी मोटरसाइकिल से लेकर हीरो मोटोकॉर्प, एमजी मोटर, मर्सडीज बेंज और ओलेक्ट्रा ग्रीन टेक जैसी बस कंपनी तक अपनी गाड़ियां यहां पेश करने वाली हैं।

100 से ज्यादा नए मॉडल होंगे पेश

इस बार का भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो काफी खास है क्योंकि इस बार यहां पर 100 से ज्यादा नए वाहनों को लॉन्च किया जाने वाला है। वहीं ऑटो कंपोनेंट्स से लेकर कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट, साइकिल और फ्यूचर मोबिलिटी टेक्नोलॉजी से जुड़े टोटल 9 एक्सपो एक साथ आयोजित हो रहे हैं।

पीएम मोदी ने किया जेड मोड़ टनल का उद्घाटन, जानें कितना होगा फायदा

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सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जेड मोड़ सोनमर्ग सुरंग सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र को समर्पित कर दिया। 2700 करोड़ रुपये की परियोजना का उद्घाटन करने के बाद, प्रधानमंत्री सुरंग का निरीक्षण करने और परियोजना अधिकारियों से बातचीत करने के लिए सुरंग के अंदर गए। उद्घाटन के समय केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी मौजूद थे।

मोदी ने निर्माण श्रमिकों से भी मुलाकात की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के गांदेरबल जिले के सोनमर्ग में जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन करने के बाद निर्माण श्रमिकों से भी मुलाकात की, जिन्होंने इस इंजीनियरिंग उपलब्धि में उनके योगदान को स्वीकार करते हुए कठोर परिस्थितियों में सावधानीपूर्वक काम किया है। पिछले साल सितंबर-अक्तूबर में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद पीएम मोदी पहली बार जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर हैं।

हम सोनमर्ग को विंटर डेस्टिनेशन के तौर पर प्रमोट करेंगे- उमर

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने टनल में आतंकवादी हमले में मारे गए सात लोगों का नाम लिया। उन्होंने कहा कि अगर मैं इनके नाम लिए बिना तकरीर शुरू करूं यह उनके लिए नाइंसाफी है। इन सबने इस टनल के निर्माण के लिए कुर्बानी दी, मैं ऐसी तंजीम से तालुक रखता हूं जिन्होंने 35 वर्षों में कुर्बानियां दी। पीएम साहब आपकी यहां मौजूदगी यह गवाही है जो लोग यहां शांति नहीं देखना चाहते उन्हें हम कामयाब नहीं होने देंगे। मेरी खुशकिस्मती है कि जब इसकी नींव का पत्थर रखा गया, तब भी मैं मुख्यमंत्री था और आज भी मैं हूं हम सोनमर्ग को विंटर डेस्टिनेशन के तौर पर प्रमोट करेंगे।

लद्दाख आवागमन की दिशा में एक बड़ा कदम

श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनी इस 6.5 किलोमीटर लंबी जेड-मोड़ सुरंग पूरे साल सड़क मार्ग से लद्दाख आवागमन की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इस सुरंग को बनाने का काम मई 2015 में शुरू हुआ था और पिछले साल इसका निर्माण पूरा हुआ है। इस सुरंग को लद्दाख में देश की रक्षा जरूरतों के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह सुरंग केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख को देश के बाकी हिस्से से भी जोड़ती है।इस सुरंग के शुरू हो जाने के बाद गगनगीर और सोनमर्ग के बीच निर्बाध रूप से संपर्क सुनिश्चित होगा और गर्मियों में लद्दाख की यात्रा भी पहले की तुलना में काफी आसान हो जाएगी।

2,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनी सुरंग

मध्य कश्मीर के गंदेरबल जिले में गगनगीर और सोनमर्ग के बीच दो-लेन वाली द्वि-दिशात्मक सड़क सुरंग 2,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाई गई है। आपात स्थिति के लिए समानांतर 7.5 मीटर चौड़ा रास्ता भी है। समुद्र तल से 8,650 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह सुरंग भूस्खलन और हिमस्खलन मार्गों को दरकिनार करते हुए लेह के रास्ते श्रीनगर और सोनमर्ग के बीच सभी मौसम में संपर्क को बढ़ाएगी।

PM मोदी और निखिल कामथ के बीच चौंकाने वाली बातचीत: 'मैं इंसान हूं, भगवान नहीं' – क्या है इसका गहरा अर्थ?

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जीरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ की पीपल बाय डब्ल्यूटीएफ सीरीज़ पर पॉडकास्ट की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गलतियाँ होती हैं और उनसे भी गलतियाँ हो सकती हैं।"गलतियाँ होती हैं और मैं भी कुछ गलतियाँ कर सकता हूँ। पीएम मोदी ने श्री कामथ से कहा, "मैं भी इंसान हूं, भगवान नहीं।"

ज़ीरोधा के सह-संस्थापक ने पॉडकास्ट की शुरुआत में अपनी भाषा कौशल के बारे में अपनी आशंका भी साझा की, मज़ाक में अपनी "खराब हिंदी" का ज़िक्र किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि वे इंसान हैं और गलतियाँ करते हैं, लेकिन उनके किसी भी काम का कोई 'गलत इरादा' नहीं होता। ज़ीरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ की WTF सीरीज़ पर अपने पॉडकास्ट की शुरुआत करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि इंसान गलतियाँ करने के लिए प्रवृत्त होते हैं, लेकिन यह गलत इरादे से काम करने की कीमत पर नहीं होना चाहिए।

"जब मैं मुख्यमंत्री बना, तो मैंने एक भाषण दिया जिसमें मैंने कहा कि मैं कड़ी मेहनत से पीछे नहीं हटूंगा और मैं अपने लिए कुछ नहीं करूंगा और मैं इंसान हूँ जो गलतियाँ कर सकता है, लेकिन मैं कभी भी बुरे इरादे से कुछ भी गलत नहीं करूंगा। यह मेरे जीवन का मंत्र है," पॉडकास्ट के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा। "हर कोई गलतियाँ करता है, जिसमें मैं भी शामिल हूँ। उन्होंने कहा, "आखिरकार, मैं एक इंसान हूं, कोई भगवान नहीं।"

पीएम मोदी का पॉडकास्ट डेब्यू

निखिल कामथ के साथ दो घंटे की खुलकर बातचीत में प्रधानमंत्री ने अपने जीवन और करियर के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया। उन्होंने गुजरात में पले-बढ़े अपने बचपन, राजनीति में अपने सफर और अपने फैसलों को आकार देने में विचारधारा और आदर्शवाद के महत्व के बारे में जानकारी साझा की। पीएम मोदी ने नीति निर्माण और शासन की पेचीदगियों पर भी चर्चा की, वैश्विक संघर्षों पर चर्चा की और राजनीति में युवाओं की भागीदारी के महत्व पर जोर दिया।

उन्होंने विचारधारा पर आदर्शवाद के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि भले ही विचारधारा के बिना राजनीति नहीं हो सकती, लेकिन आदर्शवाद बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गांधी और सावरकर के रास्ते अलग-अलग थे, लेकिन उनकी विचारधारा "स्वतंत्रता" थी। उन्होंने कहा, "आदर्शवाद विचारधारा से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। विचारधारा के बिना राजनीति नहीं हो सकती। हालांकि, आदर्शवाद बहुत जरूरी है।"

इंटर-स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट में आर पी मोदी इंटरनेशनल स्कूल ने जीत हासिल की
चंदवारा पुलिस लाइन , 04 जनवरी 2025 - चल रहे इंटर-स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट के लीग मैच में, आर पी मोदी ने झारखंड पब्लिक स्कूल को 5 रन से हराकर रोमांचक जीत हासिल की। चंदवारा पुलिस लाइन ग्राउंड पर खेले गए मैच में, आर पी मोदी ने 99 रन का एक मजबूत स्कोर बनाया, जिसे झारखंड पब्लिक स्कूल 94 रन पर आउट हो गई , उन्होंने अच्छा प्रयास किया। मैच के स्टार साजल सत्यम थे, जिन्होंने आर पी मोदी की ओर से 4 महत्वपूर्ण विकेट लिए और सिर्फ एक मेडन ओवर में यह उपलब्धि हासिल की। "साजल सत्यम की गेंदबाजी ने मैच का रुख बदल दिया," स्कूल के उप प्राचार्य ने कहा कि "उनकी असाधारण गेंदबाजी कौशल और रणनीतिक खेल ने हमें यह महत्वपूर्ण जीत दिलाने में मदद की।" इस जीत के साथ, आर पी मोदी ने टूर्नामेंट में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है और अब वह खिताब के मजबूत दावेदार हैं। _स्कोरकार्ड:_ RP modi: 99/ 10 (22.0) झारखंड पब्लिक स्कूल: 99/ 9 (17.0) _मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी:_ साजल सत्यम ( RP modi school) - 1 मेडन ओवर में 4 विकेट ,4 run
जिन्हें किसी ने नहीं पूछा, उन्हें मोदी ने पूजा है', ग्रामीण भारत महोत्सव में बोले पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की राजधानी में स्थित भारत मंडपम में 'ग्रामीण भारत महोत्सव 2025' का उद्घाटन किया। ये कार्यक्रम 9 जनवरी तक चलेगा। इस दौरान उन्होंने इस महोत्सव में शामिल कलाकारों और कारीगरों से बातचीत की। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि विकसित भारत के लिए गांवों का समृद्ध होना जरूरी है। गांव आत्मनिर्भर होगा तभी देश आत्मनिर्भर होगा। साल 2014 से ही केंद्र सरकार लगातार, हर पल ग्रामीण भारत की सेवा में लगी हुई है। इसके परिणाम भी नजर आ रहे हैं, क्‍योंकि जब इरादे नेक होते हैं तो नतीजे भी संतोष देने वाले होते हैं।

गांव के लोगों को गरिमापूर्ण जीवन देना सरकार की प्राथमिकता-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, गांव के लोगों को गरिमापूर्ण जीवन देना मेरी सरकार की प्राथमिकता है। हमारा विजन है, भारत के गांव के लोग सशक्त बनें, उन्हें गांव में ही आगे बढ़ने के ज्यादा से ज्यादा अवसर मिले, उन्हें पलायन न करना पड़े, गांव के लोगों का जीवन आसान हो, इसलिए हमने गांव-गांव में मूलभूत सुविधाओं की गारंटी का अभियान चलाया। पीएम मोदी ने कहा कि जो गांव में जिया है वो गांव को जीना जानता है। मैने गांव में भी जिया है और गांव के संभावनाओं को भी देखा है। गांव में विविधताओं से भरा सामर्थ्य होता है।

ग्रामीणों की क्रय शक्ति करीब तीन गुना बढ़ी-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि हाल ही में एक अहम सर्वे हुआ है, जिसमें पता चला कि साल 2011 की तुलना में अब ग्रामीणों की क्रय शक्ति करीब तीन गुना बढ़ गई है। अब गांव के लोग पहले की तुलना में ज्यादा खर्च कर रहे हैं। आजादी के बाद देश के ग्रामीण खाने पर 50 प्रतिशत आमदनी खर्च कर रहे थे। यह पहली बार है कि यह दर 50 फीसदी तक घट गई है।

पूर्व की सरकारों पर बोला हमला

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने दलितों, जनजातियों और पिछड़े वर्ग के लोगों की परेशानियों पर ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते गांवों से पलायन हुआ और गरीबी बढ़ी। गांवों और शहरों में लगातार अंतर बढ़ रहा है। 'जिन्हें किसी ने नहीं पूछा, उन्हें मोदी ने पूजा है'। जिन इलाकों को विकास से वंचित रखा गया, अब वहां समान अधिकार मिल रहे हैं। कल ही स्टेट बैंक ने रिपोर्ट जारी की है, जिसके अनुसार, साल 2012 में भारत में ग्रामीण इलाकों में गरीबी 26 प्रतिशत थी, लेकिन 2024 में यह घटकर पांच प्रतिशत से भी कम रह गई है।'

ग्रामीणों के लिए बनाई गई योजनाओं की दी जानकारी

पीएम मोदी ने केंद्र की ग्रामीणों के लिए बनाई गई योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा, 'हमारी सरकार ने गांव के हर वर्ग के लिए विशेष नीतियां बनाई हैं। दो-तीन दिन पहले ही कैबिनेट ने 'पीएम फसल बीमा योजना' को एक वर्ष अधिक तक जारी रखने की मंजूरी दे दी है। दुनिया में डीएपी का दाम बढ़ रहा है, आसमान छू रहा है, लेकिन हमने निर्णय किया कि हम किसान के सिर पर बोझ नहीं आने देंगे और सब्सिडी बढ़ाकर डीएपी का दाम स्थिर रखा है। हमारी सरकार की नीयत, नीति और निर्णय ग्रामीण भारत को नई ऊर्जा से भर रहे हैं।

पीएम मोदी ने बाइडेन की पत्नी को दिया इतना महंगा गिफ्ट, कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश

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राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनके परिवार को 2023 में विदेशी नेताओं से हजारों डॉलर के गिफ्ट मिले। इसमें जो बाइडेन को सबसे महंगा गिफ्ट भारत की ओर से दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान राष्ट्रपति जो बाइडेन की पत्नी और यूएस की प्रथम महिला जिल बाइडेन को 20 हजार अमेरिकी डॉलर (लगभग 17,15,440 रुपये) का उपहार भेंट किया था। पीएम मोदी ने बाइडन की पत्नी को 7.5 कैरेट का हीरा गिफ्ट किया था। 2023 में जो बाइडेन परिवार को दिया गया ये सबसे महंगा तोहफा है।

विदेश मंत्रालय की तरफ से प्रकाशित वार्षिक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई। विदेश मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी किए गए वार्षिक लेखा-जोखा के अनुसार, पीएम मोदी की ओर से दिया गया 7.5 कैरेट का हीरा 2023 में राष्ट्रपति के परिवार के किसी भी सदस्य को मिला सबसे महंगा उपहार है। मंत्रालय के दस्तावेज के अनुसार, पीएम मोदी द्वारा भेंट किया गया 20 हजार अमेरिकी डॉलर का हीरा ‘व्हाइट हाउस’ के ईस्ट विंग में रखा गया है जबकि राष्ट्रपति तथा प्रथम महिला को मिले अन्य उपहार अभिलेखागार में भेज दिए गए हैं।

राष्ट्रपति के परिवार को मिले अन्य गिफ्ट

पीएम मोदी के अलावा बाइडेन और उनके परिवार को यूक्रेन के राजदूत से 14,063 अमेरिकी डॉलर का एक ‘ब्रोच’, मिस्र के राष्ट्रपति तथा प्रथम महिला से 4,510 अमेरिकी डॉलर का एक ‘ब्रेसलेट’, ब्रोच और फोटो एल्बम भी मिली।

राष्ट्रपति बाइडन को भी मिले कई महंगे गिफ्ट

अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन को स्वयं कई महंगे उपहार मिले। इनमें दक्षिण कोरिया के वर्तमान में महाभियोग का सामना कर रहे राष्ट्रपति यून सुक येओल से 7,100 अमेरिकी डॉलर का एक फोटो एल्बम, मंगोलियाई प्रधानमंत्री से 3,495 अमेरिकी डॉलर की मंगोल योद्धाओं की मूर्ति, ब्रुनेई के सुल्तान से 3,300 अमेरिकी डॉलर का चांदी का कटोरा, इज़राइल के राष्ट्रपति से 3,160 अमेरिकी डॉलर की चांदी की ट्रे और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से 2,400 अमेरिकी डॉलर का कोलाज शामिल हैं।

दिल्ली में आपदा सरकार, शीशमहल, पीएम मोदी ने आप सरकार पर यूं बोला हमला

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दिल्ली में फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी की कई विकास योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इसी क्रम में प्रधानमंत्री ने अशोक विहार स्थित स्वाभिमान अपार्टमेंट में झुग्गी-झोपड़ी पुनर्वास परियोजना के तहत लाभार्थियों को फ्लैटों की चाबियां सौंपी और इससे पहले उन्होंने लाभार्थियों से बातचीत की। इस दौरान पीएम मोदी ने बिना नाम लिए दिल्ली सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आप सरकार पर बड़ा हमला बोला।

10 सालों से दिल्ली एक बड़ी आपदा से घिरी-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली की आप सरकार पर हमला करते हुए कहा कि बीते 10 सालों से दिल्ली एक बड़ी आपदा से घिरी है। अन्ना हजारे जी को सामने करके कुछ कट्टर बेईमान लोगों ने दिल्ली को आपदा में धकेल दिया। दिल्ली देश की राजधानी है लेकिन यहां शराब के ठेकों में घोटाला, बच्चों के स्कूल में घोटाला, गरीबों के इलाज में घोटाला, भर्तियों के नाम पर घोटाला किए गए। उन्होंने कहा कि जो लोग दिल्ली के विकास की बात करते थे, वे तो आपदा बनकर दिल्ली पर टूट पड़े।

दिल्ली में 'आप-दा' सरकार- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि मैं तो दिल्ली वालों को मुफ्त इलाज की सुविधा देने वाली 'आयुष्मान भारत' योजना का लाभ देना चाहता हूं। आप-दा सरकार को दिल्ली वालों से बड़ी दुश्मनी है। पूरे देश में आयुष्मान योजना लागू है, लेकिन इस योजना को आप-दा वाले यहां (दिल्ली) लागू नहीं होने दे रहे। इसका नुकसान दिल्ली वालों को उठाना पड़ रहा है।

दिल्ली सरकार के पास कोई विजन नहीं- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि बड़े काम जो दिल्ली में होते हैं वो केंद्र सरकार के जिम्मे है। ज्यादातर सड़के, मेट्रो, बड़े अस्पताल, बड़े कॉलेज कैंपस ये सब केंद्र सरकार ही बना रही है। लेकिन यहां की आपदा सरकार के पास जिस भी काम का दायित्व है, उसपर भी यहां ब्रेक लगी हुई है। दिल्ली को जिस आपदा ने घेर रखा है, उसके पास कोई विजन नहीं है। ये कैसी आपदा है। इसका एक और उदाहरण हमारी यमुना जी हैं। जब मैंने लाभार्थियों से पूछा की छठ पूजा कैसी रही तो वो सिर पर हाथ मारकर कह रहे थे कि छठ पूजा का हाल क्या कहें। हम घर के पास ही छोटा-मोटा पूजा करके मां से माफी मांग लेते हैं। इनकी बेशर्मी देखो ये कहते हैं कि यमुना की सफाई से वोट नहीं मिलेगा। मतलब वोट नहीं मिलेगा तो यमुना की सफाई नहीं करेंगे। इस आपदा ने दिल्ली वालों के जीवन को टैंकर माफिया के हवाले कर दिया है।

शीश महल का जिक्र कर केजरीवाल पर निशाना

पीएम मोदी ने कहा कि देश भाली-भांति जानता है कि मोदी ने कभी अपने लिए घर नहीं बनाया है। लेकिन बीते 10 वर्षों में चार करोड़ से अधिक गरीबों को घर देकर उनका सपना पूरा किया है। मैं भी कोई शीश महल बना सकता था, लेकिन मेरे लिए तो मेरे देशवासियों को पक्का घर मिले यही एक सपना था। मैं आप सबको भी कहता हूं कि आप जब भी लोगों के बीच जाएं लोगों से मिले और अभी भी जो लोग झुग्गी झोपड़ी में रहते हैं, मेरे तरफ से उनको वादा करके आना, मेरे लिए आप ही मोदी हैं, आप वादा करके आना आज नहीं तो कल उनके लिए पक्का मिलेगा।

दिल्ली चुनाव में पीएम मोदी की एंट्री! जाने जहां रैली करेंगे वहां की सीट का सियासी समीकरण

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दिल्ली में फरवरी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दिल्ली में चुनावी शंखनाद करेंगे। पीएम मोदी इस दौरान राष्ट्रीय राजधानी को कई विकास योजनाओं की सौगात देंगे। पीएम मोदी झुग्गीवासियों के लिए विशेष तोहफा लेकर आएंगे। वे उन्हें फ्लैट की चाबियां सौंपेंगे, जिससे झुग्गी में रहने वाले लोगों को बेहतर और सुरक्षित आवास मिल सकेगा। ये कदम दिल्ली में प्रधानमंत्री के आवासीय योजनाओं के तहत किया जा रहा है और इससे लाखों गरीब परिवारों को राहत मिल सकती है।

पीएम दोपहर करीब 12 बजकर 10 मिनट पर दिल्ली के अशोक विहार स्थित स्वाभिमान अपार्टमेंट में इन-सीटू स्लम पुनर्वास परियोजना के अंतर्गत झुग्गियों के निवासियों के लिए नवनिर्मित फ्लैटों का दौरा करेंगे। इसके बाद करीब 12 बजकर 45 मिनट पर प्रधानमंत्री दिल्ली में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। पीएम मोदी दिल्ली के अशोक विहार में झुग्गी बस्तियों के निवासियों के लिए 1,675 नवनिर्मित फ्लैटों का उद्घाटन करेंगे और पात्र लाभार्थियों को स्वाभिमान अपार्टमेंट की चाबियां भी सौंपेंगे।

नजफगढ़ के रोशनपुरा में आज पीएम मोदी वीर सावरकर कॉलेज की आधारशिला रखेंगे। इस कॉलेज का नाम वीर सावरकर के सम्मान में रखा गया है जो स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और भारतीय इतिहास के महान नेताओं में से एक थे। पीएम मोदी द्वारका में सीबीएसई के एकीकृत कार्यालय परिसर का भी उद्घाटन करेंगे, जिस पर करीब 300 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इसमें कार्यालय, ऑडिटोरियम, उन्नत डाटा सेंटर और व्यापक जल प्रबंधन प्रणाली के अलावा अन्य सुविधाएं शामिल हैं। पर्यावरण के अनुकूल इस इमारत का निर्माण उच्च पर्यावरणीय मानकों के अनुसार किया गया है और इसे भारतीय हरित भवन परिषद के प्लेटिनम रेटिंग मानकों के अनुसार डिजाइन किया गया है।

पीएम का आज का दौरा दिल्ली में आगामी चुनावों के ध्यान में रखते हुए अहम माना जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी की रैली शुक्रवार को अशोक विहार में होगी। वहां जाने के लिए प्रधानमंत्री का काफिला 30 फुट की रोड से गुजरेगा। इस रोड पर दोनों तरफ आवासीय कॉलोनी हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री के लिए लगने वाला रूट दिल्ली पुलिस के एक बड़ी चुनौती है। दिल्ली पुलिस ने रैली के दौरान लोगों को घरों की छतों पर आने और खिड़की खोलने पर रोक लगा दी है। दिल्ली पुलिस मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले मेट्रो से जाएंगे। इसके बाद वह मॉडल डाउन से सड़क मार्ग से जाएंगे। इस दौरान पीएम का काफिला एक गांव से गुजरेगा। इस गांव में करीब 3 से 4 किलोमीटर का संकरा रोड है। ये घनी आबादी वाला जगह है। पीएम के रूट को देखते हुए पुलिस ने यहां रहने वाले दो से ढाई हजार परिवारों का पुलिस वेरीफिकेशन किया है। सभी का पता किया है कि कहां के रहने वाले हैं और कब से रह रहे हैं।

पीएम मोदी की रैली के क्या हैं मायने?

पीएम मोदी की अपनी पहली रैली के जरिए दिल्ली में बीजेपी की जीत की मजबूत आधारशिला रखने की स्ट्रेटैजी है। झुग्गी के बदले मकान देने के प्रोजेक्ट का शुभारंभ कर के सीधे पीएम मोदी की दिल्ली में आम आदमी पार्टी के मजबूत बन चुके झुग्गी वोट बैंक को साधने की रणनीति है। केंद्र सरकार ने इससे पहले एमसीडी चुनाव के दौरान राजेंद्र नगर के कठपुतली कॉलोनी और कालकाजी के गोविंदपुरी में भी ‘जहां झुग्गी वहीं मकान’ योजना के तहत झुग्गी वालों को मकान उपलब्ध किए थे।

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर बीजेपी की झुग्गी में रह रहे लोगों के विश्वास को जीतने की रणनीति है। उत्तरी-पश्चिमी दिल्ली में अशोक विहार के आसपास में कई इलाके ऐसे हैं, जहां पर झुग्गियों में रहने वालों की आबादी काफी ज्यादा है। अशोक विहार का इलाका वजीरपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत और चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र में आता है। चांदनी चौक बीजेपी का गढ़ रहा है, लेकिन पिछले दो विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने इस लोकसभा में बीजेपी को धूल चटाई है। ऐसे में बीजेपी ने पीएम मोदी की पहली रैली इसी इलाके में रखी है, ताकि आम आदमी पार्टी को इस बार चुनौती दी जा सके।

जहां पीएम मोदी की रैली, वहां के समीकरण

पीएम मोदी की पहली रैली अशोक विहार में रखी गई है, जो वजीरपुर विधानसभा सीट के तहत आता है। दिल्ली का यह इलाका आजादी के बाद बसा है। वजीरपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत अशोक विहार, भारत नगर, केशवपुरम गांव आदि आते हैं। वजीरपुर विधानसभा सीट पर पहली बार 1993 में चुनाव हुए थे तब यहां कांग्रेस के दीपचंद बंधु विधायक चुने गए थे। इसके बाद से वजीरपुर सीट पर सात बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं और अब आठवीं बार होने जा रहा है। इस सीट पर अभी तक का ट्रैक देखें तो 1993 और 1998 में कांग्रेस जीती थी। इसके बाद 2003 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के मांगेराम गर्ग विधायक चुने गए थे। इसके बाद 2008 में कांग्रेस के हरी शंकर गुप्ता विधायक बने, लेकिन पांच साल बाद फिर यह सीट कांग्रेस के हाथों से निकल गई और बीजेपी ने अपना कब्जा जमाया।

2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के महेंद्र नागपाल विधायक बने, लेकिन 2015 में आम आदमी पार्टी अपना कब्जा जमाने में कामयाब रही। इसके बाद 2020 में आम आदमी पार्टी के राजेश गुप्ता जीतकर दिल्ली की विधानसभा पहुंचे। वजीरपुर विधानसभा सीट पर अभी तक सबसे ज्यादा कब्जा कांग्रेस का रहा है। कांग्रेस यह सीट तीन बार जीतने में कामयाब रही है तो बीजेपी और आम आदमी पार्टी दो-दो बार ही जीत सकी हैं।

इनके बीच होगा मुकाबला

वजीरपुर विधानसभा सीट के लिए इस बार मुकाबला काफी रोचक होने जा रहा है। कांग्रेस ने अपनी तेज तर्रार प्रवक्ता रागिनी नायक को वजीरपुर सीट से प्रत्याशी बनाया है तो आम आदमी पार्टी ने अपने दो बार के विधायक राजेश गुप्ता पर ही भरोसा जताया है। बीजेपी ने अभी तक वजीरपुर विधानसभा सीट पर अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है, लेकिन जिस तरह से पीएम मोदी ने अपनी पहली रैली के लिए वजीरपुर के अशोक विहार को चुना है, उसके सियासी मायने को समझा जा सकता है। वजीरपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी हर हाल में कमल खिलाने की कवायद करेगी।

पीएम मोदी ने अजमेर शरीफ दरगाह पर भेजी चादर, हाजी सलमान चिश्ती ने किया स्वागत

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अजमेर की गरीब नवाज हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में 813वां उर्स शुरू हो गया है। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर साल की तरह इस साल भी अजमेर शरीफ स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर चादर भेजी है।4 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी की चादर अजमेर शरीफ दरगाह में मजार पर चढ़ाई जाएगी। बता दें कि पीएम मोदी ने 11वीं बार अजमेर शरीफ की दरगाह पर चादर भेजी है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री तथा संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू 4 जनवरी को अजमेर आएंगे जहां वे ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स के मौके पर पीएम मोदी की चादर पेश करेंगे।

पीएम मोदी ने केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू को चादर सौंप दी है। अब अल्पसंख्यक मंत्री पहले (3 जनवरी) निजामुद्दीन औलिया की दरगाह पर जाएंगे। भेंट की गई चादर को निजामुद्दीन औलिया में ले जाने के बाद अजमेर शरीफ दरगाह पर ले जाया जाएगा।

'देश की सभ्यता निभा रहे पीएम मोदी'- नसरुद्दीन चिश्ती

इसको लेकर अजमेर दरगाह प्रमुख नसरुद्दीन चिश्ती की भी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री की चादर का हम खैर-मकदम करते हैं। ये देश की परंपरा रही है कि साल 1947 के बाद से जो भी पीएम हुए हैं, उन्होंने ख्वाजा गरीब नवाज के दरबार में अकीदत के तौर पर चादरें भेजी हैं। साल 2014 से पीएम मोदी भी इस परंपरा को निभा रहे हैं। इसी के साथ नरेंद्र मोदी हमारे देश की संस्कृति और सभ्यता को भी निभा रहे हैं। नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा, हमारी सभ्यता यह कहती है कि हर मजहब, धर्म और संप्रदाय और हर मजहब के संतों का सम्मान होना चाहिए। इस परंपरा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निभा रहे हैं और बहुत ही अदब के साथ वह इस दरबार में 10 साल से चादर भेज रहे हैं।

आप ने कसा तंज

वहीं, पीएम मोदी की तरफ चादर चढ़ाए जाने पर तमाम विपक्षी दल तंज कसते नजर आ रहे हैं।दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पीएम मोदी की तरफ से चढ़ाई जाने वाली चादर चढ़ाने पर तंज कसा है, उन्होंने कहा कि अब बीजेपी बदल रही है क्या? पहले दिल्ली में इमामों की तनख्वाह की मांग कर रहे थे , अब दरगाह में चादर चढ़ा रहे हैं।

अजमेर की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा

बता दें कि पीएम मोदी की दी गई चादर को अजमेर शरीफ दरगाह की मजार पर ऐसे समय में चढ़ाई जाएगी, जब पिछले दिनों हिंदू राष्ट्र सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अजमेर की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा करते हुए कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका पर अगली सुनवाई 24 जनवरी को होगी।

अमेरिका, ट्रंप और मोदी के नेतृत्व में क्वाड: ताइवान के संदर्भ में एक नई चुनौती

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2027 में चीन के द्वारा ताइवान पर कब्जा करने की योजना और इसके परिणामस्वरूप अमेरिका को जो सैन्य और कूटनीतिक चुनौती मिल सकती है, वह वैश्विक राजनीति और सैन्य रणनीति में एक अहम मोड़ को दर्शाता है। यह समय अमेरिका, भारत, जापान, और ऑस्ट्रेलिया के सहयोगी गुट, अर्थात् क्वाड (क्वाड्रिलैट्रल सिक्योरिटी डायलॉग), के लिए एक चुनौतीपूर्ण दौर हो सकता है। क्या ट्रंप और पीएम मोदी के नेतृत्व में क्वाड खड़ा होगा और क्या यह चीन के बढ़ते प्रभाव के खिलाफ एक मजबूत रक्षा ढांचा बना सकेगा? यह सवाल हमारे समक्ष एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और सैन्य मुद्दे के रूप में उभरता है। 

इस लेख में हम इस जटिल परिस्थिति का विश्लेषण करेंगे, जिसमें चीन की बढ़ती नौसैनिक शक्ति, ताइवान संकट, और क्वाड देशों के बीच समन्वय की आवश्यकता को शामिल करेंगे।

1. क्वाड की भूमिका और महत्व

क्वाड, जिसे क्वाड्रिलैट्रल सिक्योरिटी डायलॉग भी कहा जाता है, अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया का एक अनौपचारिक गुट है, जो इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी सामरिक और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए काम कर रहा है। इसका उद्देश्य क्षेत्र में सुरक्षा, नेविगेशन स्वतंत्रता, और कानून-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बढ़ावा देना है। जब अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने 2025 के प्रारंभ में क्वाड देशों के साथ पहली बहुपक्षीय बैठक की, तो यह बैठक एक नई दिशा को दर्शाती है। भारत के विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर, ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग, और जापानी विदेश मंत्री ताकेशी इवाया के साथ यह बैठक न केवल एक कूटनीतिक कदम था, बल्कि एक संकेत भी था कि अमेरिका और इसके सहयोगी राष्ट्र चीन के खिलाफ एकजुट होने के लिए तैयार हैं। 

2. चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति और ताइवान संकट

चीन ने पिछले एक दशक में अपनी सैन्य शक्ति में भारी वृद्धि की है। विशेष रूप से, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की नौसेना आज दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना बन चुकी है, जिसमें लगभग 500 युद्धपोत हैं। यह चीन की सैन्य रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी समुद्री शक्ति को बढ़ाना है। इसके अलावा, चीनी रक्षा बजट का अधिकांश हिस्सा पीएलए नौसेना को सौंपा गया है, जो इस क्षेत्र में बढ़ते तनाव को दर्शाता है। 

 3. भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव

भारत और चीन के बीच संबंधों में हाल के वर्षों में तनाव बढ़ा है, विशेष रूप से 2020 में पूर्वी लद्दाख में हुई सैन्य झड़पों के बाद। हालांकि मोदी सरकार द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की कोशिश कर रही है, लेकिन चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियाँ, खासकर हिंद महासागर क्षेत्र में, भारत के लिए चिंता का विषय हैं। चीन ने हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाते हुए महत्वपूर्ण बंदरगाहों पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया है, जिससे भारत को अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता महसूस हो रही है। यही कारण है कि भारत ने क्वाड में अपनी सक्रिय भागीदारी बढ़ाई है, ताकि चीन के प्रभाव को सीमित किया जा सके और क्षेत्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। 

4. भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और क्वाड में भागीदारी

भारत की रणनीतिक स्वायत्तता पर बहस हमेशा से चली आ रही है। एक ओर जहां कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को अमेरिका और चीन के बीच संघर्ष में नहीं फंसना चाहिए और उसे अपनी स्वतंत्र रणनीतिक नीति पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, वहीं दूसरी ओर दक्षिणपंथी विचारक यह मानते हैं कि भारत को अमेरिका के साथ मिलकर चीन के बढ़ते सैन्य खतरे का मुकाबला करना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण थोड़ा अलग है। वे अमेरिका और चीन दोनों के साथ संतुलित संबंध बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि भारत के राष्ट्रीय हित सुरक्षित रह सकें। मोदी सरकार ने “आत्मनिर्भर भारत” के तहत घरेलू सैन्य-औद्योगिक आधार को मजबूत करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। 

5. चीन के खिलाफ सामरिक तैयारियाँ और क्वाड का भविष्य

भारत की सामरिक तैयारियाँ और क्वाड के भीतर सहयोगी देशों की भूमिका इस समय अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। भारत को अपनी सैन्य शक्ति को और अधिक सशक्त बनाने की आवश्यकता है, ताकि वह चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला कर सके। इसके लिए, क्वाड के देशों को एकजुट होकर सामरिक ढांचा तैयार करना होगा, जिससे चीन की सैन्य चुनौती का प्रभावी तरीके से सामना किया जा सके। क्वाड देशों के बीच रक्षा, प्रौद्योगिकी, और संचार क्षेत्र में सहयोग को और अधिक गहरा किया जाना चाहिए। खासकर, भारत को अमेरिका से नवीनतम तकनीकी सहायता और रक्षा उपकरणों की आवश्यकता है, ताकि वह अपनी रक्षा तैयारियों को और मजबूत कर सके। 

6. भारत और अमेरिका के बीच बढ़ता सहयोग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में भारत और अमेरिका के बीच रक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ा है। 2025 के शुरुआती महीनों में, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने संकेत दिया कि ट्रंप प्रशासन भारत के साथ अपनी रक्षा साझेदारी को और मजबूत करेगा, खासकर जब भारत अपनी घरेलू सैन्य-औद्योगिक क्षमता को विकसित करने की दिशा में कदम उठा रहा है। भारत के लिए यह समय की मांग है कि वह अपने घरेलू विनिर्माण क्षेत्र को सशक्त बनाए और विदेशी तकनीक पर अपनी निर्भरता कम करे। जैसे-जैसे भारत के सैन्य और औद्योगिक आधार का विस्तार होता है, वैसे-वैसे वह चीन की चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हो सकता है। 

7. इंडो-पैसिफिक में चीन के खिलाफ क्वाड का सामरिक महत्व

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र वैश्विक व्यापार और समुद्री मार्गों का केंद्र है, जो खरबों डॉलर के व्यापार का स्रोत है। इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य उपस्थिति और आक्रामकता को देखते हुए, क्वाड को अपनी भूमिका को और मजबूत करना होगा। यह न केवल चीन के खिलाफ सामरिक संतुलन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि वैश्विक समुद्री मार्गों पर नेविगेशन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्यक है। अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया का सामूहिक प्रयास क्षेत्र में चीनी विस्तार को रोकने में प्रभावी हो सकता है। 

2027 में चीन द्वारा ताइवान पर कब्ज़ा करने की संभावना, अमेरिका, भारत और अन्य क्वाड देशों के लिए एक गंभीर चुनौती पेश करती है। हालांकि, ट्रंप और मोदी के नेतृत्व में क्वाड देशों के बीच मजबूत साझेदारी और सहयोग इस चुनौती का सामना करने के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति के बीच, क्वाड को अपनी रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करना होगा, ताकि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखी जा सके। भारत को अपनी सामरिक तैयारियों को तेज़ी से बढ़ाना होगा और घरेलू सैन्य-औद्योगिक आधार को सशक्त बनाना होगा। इसके साथ ही, अमेरिका और अन्य क्वाड देशों के साथ मजबूत सहयोग इस क्षेत्र में सामरिक संतुलन को बनाए रखने के लिए आवश्यक होगा।

प्रधानमंत्री मोदी आज करेंगे ऑटो एक्सपो का उद्घाटन, 100 से ज्यादा मॉडल पेश होंगे

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भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025 का आयोजन 17 जनवरी से लेकर 22 जनवरी के बीच आयोजित होने जा रहा है। इसका आयोजन नई दिल्ली के भारत मंडपम में किया जाएगा। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।इसमें ऑटोमोबाइल, कंपोनेंट और तकनीकों से संबंधित 100 से अधिक नए उत्पाद लॉन्च होने की उम्मीद इस एक्सपो में आम लोगों को एक ही छत के नीचे अलग-अलग तरह के वाहन और गाड़ियों से जुड़ी हर चीज देखने को मिलेगी। नी इसमें वाहन विनिर्माताओं के साथ-साथ कलपुर्जा, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, टायर और ऊर्जा भंडारण बनाने वालों से लेकर वाहन सॉफ्टवेयर कंपनियों के उत्पाद देखने को मिलेंगे।इस बार एक्सपो की थीम सीमाओं से परे भविष्य के लिए ऑटो वैल्यू चेन में सहयोग को बढ़ाना है। या

दुनिया भर की कंपनियां होंगी शामिल

दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम, द्वारका में यशोभूमि और ग्रेटर नोएडा में इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में ऑटो एक्सपो सज गया है। करीब दो लाख वर्ग मीटर के दायरे में फैले भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो में दुनिया भर की नामचीन ऑटोमोटिव और मोबिलिटी कंपनियां शिरकत कर रही हैं।

100 से ज्यादा नई गाड़ियां होंगी लॉन्च

ऑटो एक्सपो में देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया की पहली इलेक्ट्रिक कार Maruti eVitara लॉन्च होने जा रही है। वहीं हुंडई मोटर इंडिया की क्रेटा इलेक्ट्रिक, टाटा मोटर्स की सिएरा ईवी, सफारी ईवी और हैरियर ईवी की भी झलक दिखने वाली है। इसके अलावा सुजुकी मोटरसाइकिल से लेकर हीरो मोटोकॉर्प, एमजी मोटर, मर्सडीज बेंज और ओलेक्ट्रा ग्रीन टेक जैसी बस कंपनी तक अपनी गाड़ियां यहां पेश करने वाली हैं।

100 से ज्यादा नए मॉडल होंगे पेश

इस बार का भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो काफी खास है क्योंकि इस बार यहां पर 100 से ज्यादा नए वाहनों को लॉन्च किया जाने वाला है। वहीं ऑटो कंपोनेंट्स से लेकर कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट, साइकिल और फ्यूचर मोबिलिटी टेक्नोलॉजी से जुड़े टोटल 9 एक्सपो एक साथ आयोजित हो रहे हैं।

पीएम मोदी ने किया जेड मोड़ टनल का उद्घाटन, जानें कितना होगा फायदा

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सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जेड मोड़ सोनमर्ग सुरंग सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र को समर्पित कर दिया। 2700 करोड़ रुपये की परियोजना का उद्घाटन करने के बाद, प्रधानमंत्री सुरंग का निरीक्षण करने और परियोजना अधिकारियों से बातचीत करने के लिए सुरंग के अंदर गए। उद्घाटन के समय केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी मौजूद थे।

मोदी ने निर्माण श्रमिकों से भी मुलाकात की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के गांदेरबल जिले के सोनमर्ग में जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन करने के बाद निर्माण श्रमिकों से भी मुलाकात की, जिन्होंने इस इंजीनियरिंग उपलब्धि में उनके योगदान को स्वीकार करते हुए कठोर परिस्थितियों में सावधानीपूर्वक काम किया है। पिछले साल सितंबर-अक्तूबर में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद पीएम मोदी पहली बार जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर हैं।

हम सोनमर्ग को विंटर डेस्टिनेशन के तौर पर प्रमोट करेंगे- उमर

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने टनल में आतंकवादी हमले में मारे गए सात लोगों का नाम लिया। उन्होंने कहा कि अगर मैं इनके नाम लिए बिना तकरीर शुरू करूं यह उनके लिए नाइंसाफी है। इन सबने इस टनल के निर्माण के लिए कुर्बानी दी, मैं ऐसी तंजीम से तालुक रखता हूं जिन्होंने 35 वर्षों में कुर्बानियां दी। पीएम साहब आपकी यहां मौजूदगी यह गवाही है जो लोग यहां शांति नहीं देखना चाहते उन्हें हम कामयाब नहीं होने देंगे। मेरी खुशकिस्मती है कि जब इसकी नींव का पत्थर रखा गया, तब भी मैं मुख्यमंत्री था और आज भी मैं हूं हम सोनमर्ग को विंटर डेस्टिनेशन के तौर पर प्रमोट करेंगे।

लद्दाख आवागमन की दिशा में एक बड़ा कदम

श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनी इस 6.5 किलोमीटर लंबी जेड-मोड़ सुरंग पूरे साल सड़क मार्ग से लद्दाख आवागमन की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इस सुरंग को बनाने का काम मई 2015 में शुरू हुआ था और पिछले साल इसका निर्माण पूरा हुआ है। इस सुरंग को लद्दाख में देश की रक्षा जरूरतों के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह सुरंग केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख को देश के बाकी हिस्से से भी जोड़ती है।इस सुरंग के शुरू हो जाने के बाद गगनगीर और सोनमर्ग के बीच निर्बाध रूप से संपर्क सुनिश्चित होगा और गर्मियों में लद्दाख की यात्रा भी पहले की तुलना में काफी आसान हो जाएगी।

2,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनी सुरंग

मध्य कश्मीर के गंदेरबल जिले में गगनगीर और सोनमर्ग के बीच दो-लेन वाली द्वि-दिशात्मक सड़क सुरंग 2,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाई गई है। आपात स्थिति के लिए समानांतर 7.5 मीटर चौड़ा रास्ता भी है। समुद्र तल से 8,650 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह सुरंग भूस्खलन और हिमस्खलन मार्गों को दरकिनार करते हुए लेह के रास्ते श्रीनगर और सोनमर्ग के बीच सभी मौसम में संपर्क को बढ़ाएगी।

PM मोदी और निखिल कामथ के बीच चौंकाने वाली बातचीत: 'मैं इंसान हूं, भगवान नहीं' – क्या है इसका गहरा अर्थ?

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जीरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ की पीपल बाय डब्ल्यूटीएफ सीरीज़ पर पॉडकास्ट की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गलतियाँ होती हैं और उनसे भी गलतियाँ हो सकती हैं।"गलतियाँ होती हैं और मैं भी कुछ गलतियाँ कर सकता हूँ। पीएम मोदी ने श्री कामथ से कहा, "मैं भी इंसान हूं, भगवान नहीं।"

ज़ीरोधा के सह-संस्थापक ने पॉडकास्ट की शुरुआत में अपनी भाषा कौशल के बारे में अपनी आशंका भी साझा की, मज़ाक में अपनी "खराब हिंदी" का ज़िक्र किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि वे इंसान हैं और गलतियाँ करते हैं, लेकिन उनके किसी भी काम का कोई 'गलत इरादा' नहीं होता। ज़ीरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ की WTF सीरीज़ पर अपने पॉडकास्ट की शुरुआत करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि इंसान गलतियाँ करने के लिए प्रवृत्त होते हैं, लेकिन यह गलत इरादे से काम करने की कीमत पर नहीं होना चाहिए।

"जब मैं मुख्यमंत्री बना, तो मैंने एक भाषण दिया जिसमें मैंने कहा कि मैं कड़ी मेहनत से पीछे नहीं हटूंगा और मैं अपने लिए कुछ नहीं करूंगा और मैं इंसान हूँ जो गलतियाँ कर सकता है, लेकिन मैं कभी भी बुरे इरादे से कुछ भी गलत नहीं करूंगा। यह मेरे जीवन का मंत्र है," पॉडकास्ट के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा। "हर कोई गलतियाँ करता है, जिसमें मैं भी शामिल हूँ। उन्होंने कहा, "आखिरकार, मैं एक इंसान हूं, कोई भगवान नहीं।"

पीएम मोदी का पॉडकास्ट डेब्यू

निखिल कामथ के साथ दो घंटे की खुलकर बातचीत में प्रधानमंत्री ने अपने जीवन और करियर के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया। उन्होंने गुजरात में पले-बढ़े अपने बचपन, राजनीति में अपने सफर और अपने फैसलों को आकार देने में विचारधारा और आदर्शवाद के महत्व के बारे में जानकारी साझा की। पीएम मोदी ने नीति निर्माण और शासन की पेचीदगियों पर भी चर्चा की, वैश्विक संघर्षों पर चर्चा की और राजनीति में युवाओं की भागीदारी के महत्व पर जोर दिया।

उन्होंने विचारधारा पर आदर्शवाद के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि भले ही विचारधारा के बिना राजनीति नहीं हो सकती, लेकिन आदर्शवाद बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गांधी और सावरकर के रास्ते अलग-अलग थे, लेकिन उनकी विचारधारा "स्वतंत्रता" थी। उन्होंने कहा, "आदर्शवाद विचारधारा से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। विचारधारा के बिना राजनीति नहीं हो सकती। हालांकि, आदर्शवाद बहुत जरूरी है।"

इंटर-स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट में आर पी मोदी इंटरनेशनल स्कूल ने जीत हासिल की
चंदवारा पुलिस लाइन , 04 जनवरी 2025 - चल रहे इंटर-स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट के लीग मैच में, आर पी मोदी ने झारखंड पब्लिक स्कूल को 5 रन से हराकर रोमांचक जीत हासिल की। चंदवारा पुलिस लाइन ग्राउंड पर खेले गए मैच में, आर पी मोदी ने 99 रन का एक मजबूत स्कोर बनाया, जिसे झारखंड पब्लिक स्कूल 94 रन पर आउट हो गई , उन्होंने अच्छा प्रयास किया। मैच के स्टार साजल सत्यम थे, जिन्होंने आर पी मोदी की ओर से 4 महत्वपूर्ण विकेट लिए और सिर्फ एक मेडन ओवर में यह उपलब्धि हासिल की। "साजल सत्यम की गेंदबाजी ने मैच का रुख बदल दिया," स्कूल के उप प्राचार्य ने कहा कि "उनकी असाधारण गेंदबाजी कौशल और रणनीतिक खेल ने हमें यह महत्वपूर्ण जीत दिलाने में मदद की।" इस जीत के साथ, आर पी मोदी ने टूर्नामेंट में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है और अब वह खिताब के मजबूत दावेदार हैं। _स्कोरकार्ड:_ RP modi: 99/ 10 (22.0) झारखंड पब्लिक स्कूल: 99/ 9 (17.0) _मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी:_ साजल सत्यम ( RP modi school) - 1 मेडन ओवर में 4 विकेट ,4 run
जिन्हें किसी ने नहीं पूछा, उन्हें मोदी ने पूजा है', ग्रामीण भारत महोत्सव में बोले पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की राजधानी में स्थित भारत मंडपम में 'ग्रामीण भारत महोत्सव 2025' का उद्घाटन किया। ये कार्यक्रम 9 जनवरी तक चलेगा। इस दौरान उन्होंने इस महोत्सव में शामिल कलाकारों और कारीगरों से बातचीत की। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि विकसित भारत के लिए गांवों का समृद्ध होना जरूरी है। गांव आत्मनिर्भर होगा तभी देश आत्मनिर्भर होगा। साल 2014 से ही केंद्र सरकार लगातार, हर पल ग्रामीण भारत की सेवा में लगी हुई है। इसके परिणाम भी नजर आ रहे हैं, क्‍योंकि जब इरादे नेक होते हैं तो नतीजे भी संतोष देने वाले होते हैं।

गांव के लोगों को गरिमापूर्ण जीवन देना सरकार की प्राथमिकता-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, गांव के लोगों को गरिमापूर्ण जीवन देना मेरी सरकार की प्राथमिकता है। हमारा विजन है, भारत के गांव के लोग सशक्त बनें, उन्हें गांव में ही आगे बढ़ने के ज्यादा से ज्यादा अवसर मिले, उन्हें पलायन न करना पड़े, गांव के लोगों का जीवन आसान हो, इसलिए हमने गांव-गांव में मूलभूत सुविधाओं की गारंटी का अभियान चलाया। पीएम मोदी ने कहा कि जो गांव में जिया है वो गांव को जीना जानता है। मैने गांव में भी जिया है और गांव के संभावनाओं को भी देखा है। गांव में विविधताओं से भरा सामर्थ्य होता है।

ग्रामीणों की क्रय शक्ति करीब तीन गुना बढ़ी-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि हाल ही में एक अहम सर्वे हुआ है, जिसमें पता चला कि साल 2011 की तुलना में अब ग्रामीणों की क्रय शक्ति करीब तीन गुना बढ़ गई है। अब गांव के लोग पहले की तुलना में ज्यादा खर्च कर रहे हैं। आजादी के बाद देश के ग्रामीण खाने पर 50 प्रतिशत आमदनी खर्च कर रहे थे। यह पहली बार है कि यह दर 50 फीसदी तक घट गई है।

पूर्व की सरकारों पर बोला हमला

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने दलितों, जनजातियों और पिछड़े वर्ग के लोगों की परेशानियों पर ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते गांवों से पलायन हुआ और गरीबी बढ़ी। गांवों और शहरों में लगातार अंतर बढ़ रहा है। 'जिन्हें किसी ने नहीं पूछा, उन्हें मोदी ने पूजा है'। जिन इलाकों को विकास से वंचित रखा गया, अब वहां समान अधिकार मिल रहे हैं। कल ही स्टेट बैंक ने रिपोर्ट जारी की है, जिसके अनुसार, साल 2012 में भारत में ग्रामीण इलाकों में गरीबी 26 प्रतिशत थी, लेकिन 2024 में यह घटकर पांच प्रतिशत से भी कम रह गई है।'

ग्रामीणों के लिए बनाई गई योजनाओं की दी जानकारी

पीएम मोदी ने केंद्र की ग्रामीणों के लिए बनाई गई योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा, 'हमारी सरकार ने गांव के हर वर्ग के लिए विशेष नीतियां बनाई हैं। दो-तीन दिन पहले ही कैबिनेट ने 'पीएम फसल बीमा योजना' को एक वर्ष अधिक तक जारी रखने की मंजूरी दे दी है। दुनिया में डीएपी का दाम बढ़ रहा है, आसमान छू रहा है, लेकिन हमने निर्णय किया कि हम किसान के सिर पर बोझ नहीं आने देंगे और सब्सिडी बढ़ाकर डीएपी का दाम स्थिर रखा है। हमारी सरकार की नीयत, नीति और निर्णय ग्रामीण भारत को नई ऊर्जा से भर रहे हैं।

पीएम मोदी ने बाइडेन की पत्नी को दिया इतना महंगा गिफ्ट, कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश

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राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनके परिवार को 2023 में विदेशी नेताओं से हजारों डॉलर के गिफ्ट मिले। इसमें जो बाइडेन को सबसे महंगा गिफ्ट भारत की ओर से दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान राष्ट्रपति जो बाइडेन की पत्नी और यूएस की प्रथम महिला जिल बाइडेन को 20 हजार अमेरिकी डॉलर (लगभग 17,15,440 रुपये) का उपहार भेंट किया था। पीएम मोदी ने बाइडन की पत्नी को 7.5 कैरेट का हीरा गिफ्ट किया था। 2023 में जो बाइडेन परिवार को दिया गया ये सबसे महंगा तोहफा है।

विदेश मंत्रालय की तरफ से प्रकाशित वार्षिक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई। विदेश मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी किए गए वार्षिक लेखा-जोखा के अनुसार, पीएम मोदी की ओर से दिया गया 7.5 कैरेट का हीरा 2023 में राष्ट्रपति के परिवार के किसी भी सदस्य को मिला सबसे महंगा उपहार है। मंत्रालय के दस्तावेज के अनुसार, पीएम मोदी द्वारा भेंट किया गया 20 हजार अमेरिकी डॉलर का हीरा ‘व्हाइट हाउस’ के ईस्ट विंग में रखा गया है जबकि राष्ट्रपति तथा प्रथम महिला को मिले अन्य उपहार अभिलेखागार में भेज दिए गए हैं।

राष्ट्रपति के परिवार को मिले अन्य गिफ्ट

पीएम मोदी के अलावा बाइडेन और उनके परिवार को यूक्रेन के राजदूत से 14,063 अमेरिकी डॉलर का एक ‘ब्रोच’, मिस्र के राष्ट्रपति तथा प्रथम महिला से 4,510 अमेरिकी डॉलर का एक ‘ब्रेसलेट’, ब्रोच और फोटो एल्बम भी मिली।

राष्ट्रपति बाइडन को भी मिले कई महंगे गिफ्ट

अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन को स्वयं कई महंगे उपहार मिले। इनमें दक्षिण कोरिया के वर्तमान में महाभियोग का सामना कर रहे राष्ट्रपति यून सुक येओल से 7,100 अमेरिकी डॉलर का एक फोटो एल्बम, मंगोलियाई प्रधानमंत्री से 3,495 अमेरिकी डॉलर की मंगोल योद्धाओं की मूर्ति, ब्रुनेई के सुल्तान से 3,300 अमेरिकी डॉलर का चांदी का कटोरा, इज़राइल के राष्ट्रपति से 3,160 अमेरिकी डॉलर की चांदी की ट्रे और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से 2,400 अमेरिकी डॉलर का कोलाज शामिल हैं।

दिल्ली में आपदा सरकार, शीशमहल, पीएम मोदी ने आप सरकार पर यूं बोला हमला

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दिल्ली में फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी की कई विकास योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इसी क्रम में प्रधानमंत्री ने अशोक विहार स्थित स्वाभिमान अपार्टमेंट में झुग्गी-झोपड़ी पुनर्वास परियोजना के तहत लाभार्थियों को फ्लैटों की चाबियां सौंपी और इससे पहले उन्होंने लाभार्थियों से बातचीत की। इस दौरान पीएम मोदी ने बिना नाम लिए दिल्ली सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आप सरकार पर बड़ा हमला बोला।

10 सालों से दिल्ली एक बड़ी आपदा से घिरी-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली की आप सरकार पर हमला करते हुए कहा कि बीते 10 सालों से दिल्ली एक बड़ी आपदा से घिरी है। अन्ना हजारे जी को सामने करके कुछ कट्टर बेईमान लोगों ने दिल्ली को आपदा में धकेल दिया। दिल्ली देश की राजधानी है लेकिन यहां शराब के ठेकों में घोटाला, बच्चों के स्कूल में घोटाला, गरीबों के इलाज में घोटाला, भर्तियों के नाम पर घोटाला किए गए। उन्होंने कहा कि जो लोग दिल्ली के विकास की बात करते थे, वे तो आपदा बनकर दिल्ली पर टूट पड़े।

दिल्ली में 'आप-दा' सरकार- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि मैं तो दिल्ली वालों को मुफ्त इलाज की सुविधा देने वाली 'आयुष्मान भारत' योजना का लाभ देना चाहता हूं। आप-दा सरकार को दिल्ली वालों से बड़ी दुश्मनी है। पूरे देश में आयुष्मान योजना लागू है, लेकिन इस योजना को आप-दा वाले यहां (दिल्ली) लागू नहीं होने दे रहे। इसका नुकसान दिल्ली वालों को उठाना पड़ रहा है।

दिल्ली सरकार के पास कोई विजन नहीं- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि बड़े काम जो दिल्ली में होते हैं वो केंद्र सरकार के जिम्मे है। ज्यादातर सड़के, मेट्रो, बड़े अस्पताल, बड़े कॉलेज कैंपस ये सब केंद्र सरकार ही बना रही है। लेकिन यहां की आपदा सरकार के पास जिस भी काम का दायित्व है, उसपर भी यहां ब्रेक लगी हुई है। दिल्ली को जिस आपदा ने घेर रखा है, उसके पास कोई विजन नहीं है। ये कैसी आपदा है। इसका एक और उदाहरण हमारी यमुना जी हैं। जब मैंने लाभार्थियों से पूछा की छठ पूजा कैसी रही तो वो सिर पर हाथ मारकर कह रहे थे कि छठ पूजा का हाल क्या कहें। हम घर के पास ही छोटा-मोटा पूजा करके मां से माफी मांग लेते हैं। इनकी बेशर्मी देखो ये कहते हैं कि यमुना की सफाई से वोट नहीं मिलेगा। मतलब वोट नहीं मिलेगा तो यमुना की सफाई नहीं करेंगे। इस आपदा ने दिल्ली वालों के जीवन को टैंकर माफिया के हवाले कर दिया है।

शीश महल का जिक्र कर केजरीवाल पर निशाना

पीएम मोदी ने कहा कि देश भाली-भांति जानता है कि मोदी ने कभी अपने लिए घर नहीं बनाया है। लेकिन बीते 10 वर्षों में चार करोड़ से अधिक गरीबों को घर देकर उनका सपना पूरा किया है। मैं भी कोई शीश महल बना सकता था, लेकिन मेरे लिए तो मेरे देशवासियों को पक्का घर मिले यही एक सपना था। मैं आप सबको भी कहता हूं कि आप जब भी लोगों के बीच जाएं लोगों से मिले और अभी भी जो लोग झुग्गी झोपड़ी में रहते हैं, मेरे तरफ से उनको वादा करके आना, मेरे लिए आप ही मोदी हैं, आप वादा करके आना आज नहीं तो कल उनके लिए पक्का मिलेगा।

दिल्ली चुनाव में पीएम मोदी की एंट्री! जाने जहां रैली करेंगे वहां की सीट का सियासी समीकरण

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दिल्ली में फरवरी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दिल्ली में चुनावी शंखनाद करेंगे। पीएम मोदी इस दौरान राष्ट्रीय राजधानी को कई विकास योजनाओं की सौगात देंगे। पीएम मोदी झुग्गीवासियों के लिए विशेष तोहफा लेकर आएंगे। वे उन्हें फ्लैट की चाबियां सौंपेंगे, जिससे झुग्गी में रहने वाले लोगों को बेहतर और सुरक्षित आवास मिल सकेगा। ये कदम दिल्ली में प्रधानमंत्री के आवासीय योजनाओं के तहत किया जा रहा है और इससे लाखों गरीब परिवारों को राहत मिल सकती है।

पीएम दोपहर करीब 12 बजकर 10 मिनट पर दिल्ली के अशोक विहार स्थित स्वाभिमान अपार्टमेंट में इन-सीटू स्लम पुनर्वास परियोजना के अंतर्गत झुग्गियों के निवासियों के लिए नवनिर्मित फ्लैटों का दौरा करेंगे। इसके बाद करीब 12 बजकर 45 मिनट पर प्रधानमंत्री दिल्ली में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। पीएम मोदी दिल्ली के अशोक विहार में झुग्गी बस्तियों के निवासियों के लिए 1,675 नवनिर्मित फ्लैटों का उद्घाटन करेंगे और पात्र लाभार्थियों को स्वाभिमान अपार्टमेंट की चाबियां भी सौंपेंगे।

नजफगढ़ के रोशनपुरा में आज पीएम मोदी वीर सावरकर कॉलेज की आधारशिला रखेंगे। इस कॉलेज का नाम वीर सावरकर के सम्मान में रखा गया है जो स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और भारतीय इतिहास के महान नेताओं में से एक थे। पीएम मोदी द्वारका में सीबीएसई के एकीकृत कार्यालय परिसर का भी उद्घाटन करेंगे, जिस पर करीब 300 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इसमें कार्यालय, ऑडिटोरियम, उन्नत डाटा सेंटर और व्यापक जल प्रबंधन प्रणाली के अलावा अन्य सुविधाएं शामिल हैं। पर्यावरण के अनुकूल इस इमारत का निर्माण उच्च पर्यावरणीय मानकों के अनुसार किया गया है और इसे भारतीय हरित भवन परिषद के प्लेटिनम रेटिंग मानकों के अनुसार डिजाइन किया गया है।

पीएम का आज का दौरा दिल्ली में आगामी चुनावों के ध्यान में रखते हुए अहम माना जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी की रैली शुक्रवार को अशोक विहार में होगी। वहां जाने के लिए प्रधानमंत्री का काफिला 30 फुट की रोड से गुजरेगा। इस रोड पर दोनों तरफ आवासीय कॉलोनी हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री के लिए लगने वाला रूट दिल्ली पुलिस के एक बड़ी चुनौती है। दिल्ली पुलिस ने रैली के दौरान लोगों को घरों की छतों पर आने और खिड़की खोलने पर रोक लगा दी है। दिल्ली पुलिस मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले मेट्रो से जाएंगे। इसके बाद वह मॉडल डाउन से सड़क मार्ग से जाएंगे। इस दौरान पीएम का काफिला एक गांव से गुजरेगा। इस गांव में करीब 3 से 4 किलोमीटर का संकरा रोड है। ये घनी आबादी वाला जगह है। पीएम के रूट को देखते हुए पुलिस ने यहां रहने वाले दो से ढाई हजार परिवारों का पुलिस वेरीफिकेशन किया है। सभी का पता किया है कि कहां के रहने वाले हैं और कब से रह रहे हैं।

पीएम मोदी की रैली के क्या हैं मायने?

पीएम मोदी की अपनी पहली रैली के जरिए दिल्ली में बीजेपी की जीत की मजबूत आधारशिला रखने की स्ट्रेटैजी है। झुग्गी के बदले मकान देने के प्रोजेक्ट का शुभारंभ कर के सीधे पीएम मोदी की दिल्ली में आम आदमी पार्टी के मजबूत बन चुके झुग्गी वोट बैंक को साधने की रणनीति है। केंद्र सरकार ने इससे पहले एमसीडी चुनाव के दौरान राजेंद्र नगर के कठपुतली कॉलोनी और कालकाजी के गोविंदपुरी में भी ‘जहां झुग्गी वहीं मकान’ योजना के तहत झुग्गी वालों को मकान उपलब्ध किए थे।

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर बीजेपी की झुग्गी में रह रहे लोगों के विश्वास को जीतने की रणनीति है। उत्तरी-पश्चिमी दिल्ली में अशोक विहार के आसपास में कई इलाके ऐसे हैं, जहां पर झुग्गियों में रहने वालों की आबादी काफी ज्यादा है। अशोक विहार का इलाका वजीरपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत और चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र में आता है। चांदनी चौक बीजेपी का गढ़ रहा है, लेकिन पिछले दो विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने इस लोकसभा में बीजेपी को धूल चटाई है। ऐसे में बीजेपी ने पीएम मोदी की पहली रैली इसी इलाके में रखी है, ताकि आम आदमी पार्टी को इस बार चुनौती दी जा सके।

जहां पीएम मोदी की रैली, वहां के समीकरण

पीएम मोदी की पहली रैली अशोक विहार में रखी गई है, जो वजीरपुर विधानसभा सीट के तहत आता है। दिल्ली का यह इलाका आजादी के बाद बसा है। वजीरपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत अशोक विहार, भारत नगर, केशवपुरम गांव आदि आते हैं। वजीरपुर विधानसभा सीट पर पहली बार 1993 में चुनाव हुए थे तब यहां कांग्रेस के दीपचंद बंधु विधायक चुने गए थे। इसके बाद से वजीरपुर सीट पर सात बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं और अब आठवीं बार होने जा रहा है। इस सीट पर अभी तक का ट्रैक देखें तो 1993 और 1998 में कांग्रेस जीती थी। इसके बाद 2003 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के मांगेराम गर्ग विधायक चुने गए थे। इसके बाद 2008 में कांग्रेस के हरी शंकर गुप्ता विधायक बने, लेकिन पांच साल बाद फिर यह सीट कांग्रेस के हाथों से निकल गई और बीजेपी ने अपना कब्जा जमाया।

2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के महेंद्र नागपाल विधायक बने, लेकिन 2015 में आम आदमी पार्टी अपना कब्जा जमाने में कामयाब रही। इसके बाद 2020 में आम आदमी पार्टी के राजेश गुप्ता जीतकर दिल्ली की विधानसभा पहुंचे। वजीरपुर विधानसभा सीट पर अभी तक सबसे ज्यादा कब्जा कांग्रेस का रहा है। कांग्रेस यह सीट तीन बार जीतने में कामयाब रही है तो बीजेपी और आम आदमी पार्टी दो-दो बार ही जीत सकी हैं।

इनके बीच होगा मुकाबला

वजीरपुर विधानसभा सीट के लिए इस बार मुकाबला काफी रोचक होने जा रहा है। कांग्रेस ने अपनी तेज तर्रार प्रवक्ता रागिनी नायक को वजीरपुर सीट से प्रत्याशी बनाया है तो आम आदमी पार्टी ने अपने दो बार के विधायक राजेश गुप्ता पर ही भरोसा जताया है। बीजेपी ने अभी तक वजीरपुर विधानसभा सीट पर अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है, लेकिन जिस तरह से पीएम मोदी ने अपनी पहली रैली के लिए वजीरपुर के अशोक विहार को चुना है, उसके सियासी मायने को समझा जा सकता है। वजीरपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी हर हाल में कमल खिलाने की कवायद करेगी।

पीएम मोदी ने अजमेर शरीफ दरगाह पर भेजी चादर, हाजी सलमान चिश्ती ने किया स्वागत

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अजमेर की गरीब नवाज हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में 813वां उर्स शुरू हो गया है। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर साल की तरह इस साल भी अजमेर शरीफ स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर चादर भेजी है।4 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी की चादर अजमेर शरीफ दरगाह में मजार पर चढ़ाई जाएगी। बता दें कि पीएम मोदी ने 11वीं बार अजमेर शरीफ की दरगाह पर चादर भेजी है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री तथा संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू 4 जनवरी को अजमेर आएंगे जहां वे ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स के मौके पर पीएम मोदी की चादर पेश करेंगे।

पीएम मोदी ने केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू को चादर सौंप दी है। अब अल्पसंख्यक मंत्री पहले (3 जनवरी) निजामुद्दीन औलिया की दरगाह पर जाएंगे। भेंट की गई चादर को निजामुद्दीन औलिया में ले जाने के बाद अजमेर शरीफ दरगाह पर ले जाया जाएगा।

'देश की सभ्यता निभा रहे पीएम मोदी'- नसरुद्दीन चिश्ती

इसको लेकर अजमेर दरगाह प्रमुख नसरुद्दीन चिश्ती की भी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री की चादर का हम खैर-मकदम करते हैं। ये देश की परंपरा रही है कि साल 1947 के बाद से जो भी पीएम हुए हैं, उन्होंने ख्वाजा गरीब नवाज के दरबार में अकीदत के तौर पर चादरें भेजी हैं। साल 2014 से पीएम मोदी भी इस परंपरा को निभा रहे हैं। इसी के साथ नरेंद्र मोदी हमारे देश की संस्कृति और सभ्यता को भी निभा रहे हैं। नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा, हमारी सभ्यता यह कहती है कि हर मजहब, धर्म और संप्रदाय और हर मजहब के संतों का सम्मान होना चाहिए। इस परंपरा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निभा रहे हैं और बहुत ही अदब के साथ वह इस दरबार में 10 साल से चादर भेज रहे हैं।

आप ने कसा तंज

वहीं, पीएम मोदी की तरफ चादर चढ़ाए जाने पर तमाम विपक्षी दल तंज कसते नजर आ रहे हैं।दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पीएम मोदी की तरफ से चढ़ाई जाने वाली चादर चढ़ाने पर तंज कसा है, उन्होंने कहा कि अब बीजेपी बदल रही है क्या? पहले दिल्ली में इमामों की तनख्वाह की मांग कर रहे थे , अब दरगाह में चादर चढ़ा रहे हैं।

अजमेर की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा

बता दें कि पीएम मोदी की दी गई चादर को अजमेर शरीफ दरगाह की मजार पर ऐसे समय में चढ़ाई जाएगी, जब पिछले दिनों हिंदू राष्ट्र सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अजमेर की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा करते हुए कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका पर अगली सुनवाई 24 जनवरी को होगी।