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पाकिस्तान-बांग्लादेश की नजदीकियों से सतर्क हुआ भारत, पड़ोसी देशों की हर हरकत पर है कड़ी नजर

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बांग्लादेश और पाकिस्तान की नजदीकियां बढ़ रही है। बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही पाकिस्तान करीब आता दिख रहा है। बांग्लादेश के कार्यवाहक मंत्री मोहम्मद युनुस के फैसले संकेत दे रहे हैं कि भारत के साथ दूरी बनाने के क्रम में पाकिस्तान के साथ नजदीकियां काफी बढ़ रही है। जानकारों का मानना है कि बांग्लादेश-पाकिस्तान का करीब आना भारत के लिए टेंशन बढ़ाने वाली बात है। इस बीच पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई के अधिकारियों की हालिया बांग्लादेश यात्रा ने क्षेत्रीय सुरक्षा के लिहाज से भारत को सतर्क जरूर कर दिया है। पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई ने गोपनीय तरीके से अपने चार शीर्ष सदस्यों को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में भेजा है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि भारत अपने आस-पास के इलाकों में हो रही घटनाओं पर बहुत करीबी नजर रख रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल से बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच तेजी से बढ़ते सैन्य संबंधों पर सवाल पूछा गया। इस पर रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाली हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखता है। उन्होंने कहा कि हम बांग्लादेश के साथ मैत्रीपूर्ण और समावेशी संबंधों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा उद्देश्य दोनों देशों के लोगों के बीच समृद्धि और आपसी सहयोग बढ़ाना है।

दोनों देशों के बीच सीमा पर बाड़ लगाने को लेकर बांग्लादेश की आपत्तियों पर भी भारत ने स्थिति स्पष्ट की। मंत्रालय ने कहा कि यह कदम मानव और पशु तस्करी जैसी आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए उठाया जा रहा है और यह मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों के दायरे में है। भारत की यह प्रतिक्रिया स्पष्ट करती है कि वह अपनी क्षेत्रीय सुरक्षा और पड़ोसी देशों के साथ संतुलन बनाए रखने के लिए पूरी तरह सतर्क है।

बता दें कि आईएसआई के विश्लेषण महानिदेशक मेजर जनरल शाहिद अमीर अफसर समेत कई पाकिस्तानी अधिकारी इन दिनों बांग्लादेश में हैं। यह यात्रा तब हो रही है जब हाल ही में बांग्लादेशी सैन्य अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान गया था और वहां की तीनों सेनाओं के प्रमुखों से मुलाकात की थी

बांग्लादेश और पाकिस्तान की सेना में साझेदारी! भारत के लिए कितना बड़ा खतरा?

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बांग्लादेश की सत्ता से शेख हसीना के बेदखल होने के बाद उसकी पाकिस्तान से करीबी बढ़ती ही जा रही है। भारत से दूर होने की पूरी कोशिश में लगे बांग्लादेश के अधिकारी चीन और पाकिस्तान के साथ अलग-अलग मुद्दों पर बैठक कर रहे हैं और यात्राओं का दौर जारी है। पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बढ़ते संबंधों के बीच पाकिस्तानी सेना की खुफिया विंग आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक ने बांग्लादेश का दौरा किया है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के चीफ की यह दशकों पर पहली ढाका यात्रा थी, जिसने भारत की पूर्वी और पूर्वोत्तर सीमाओं पर नई सुरक्षा चुनौतियों को लेकर चिंताओं को जन्म दिया है।

भारत और बांग्लादेश के बीच बीते करीब एक साल से संबंध पहले की तरह नहीं रहे हैं। दोनों देशों के बीच के संबंध अभी भी हर बीतते दिन के साथ तनावपूर्ण होते दिख रहे हैं। वहीं, शेख हसीना के पतन के बाद आ मोहम्मद युनूस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार पाकिस्तान से संबंध गहरा कर रही है। बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच न केवल द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने पर बात हो रही है बल्कि दोनों देश सैन्य सहयोग बढ़ाने में भी लगे हैं।

बुधवार को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई चीफ जनरल आसिफ मलिक ढाका पहुंचे हैं। दुबई के रास्ते ढाका पहुंचे मलिक का स्वागत बांग्लादेश सेना के लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद फैजुर रहमान ने किया, जिनके लिए माना जाते है कि उनके इस्लामवादियों और पाकिस्तान से कथित संबंध हैं।आईएसआई चीफ का दौरा ऐसे समय में हुआ है, जब बीते सप्ताह ही बांग्लादेश का एक उच्च स्तरीय रक्षा प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान की यात्रा करके लौटा है।

आईएसआई के इस दौरे से भारत की पूर्वी और पूर्वोत्तर सीमाओं पर सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ गई हैं। क्योंकि इस यात्रा का मकसद बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच खुफिया जानकारी साझा करना है। जानकार इस यात्रा को भारत के खिलाफ गतिविधियों को बढ़ावा देने के प्रयास के रूप में भी देख रहे हैं।

बांग्लादेशी सेना के अधिकारियों ने भी किया था पाकिस्तान का दौरा

इसके पहले बांग्लादेश के एक टॉप जनरल ने इस्लामाबाद में पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल सैयद आसिम मुनीर से मुलाकात की थी। बांग्लादेश के सशस्त्र बल के प्रिंसिपल स्टाफ अफसर लेफ्टिनेंट जनरल कमरुल हसन कई वर्षों इस्लामाबाद की यात्रा करने वाले पहले शीर्ष बांग्लादेशी जनरल थे। हसन बांग्लादेश की सेना में दूसरे नंबर के अधिकारी भी हैं। उनकी यात्रा दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों में आगे बढ़ने का साफ संकेत देती है।

भारत की बढ़ सकती है टेंशन

पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बढ़ती नजदीकियों का असर भारत और बांग्लादेश के बीच के संबंध पर भी पड़ सकता है। जानकार बताते हैं कि 1971 के बाद ये पहली बार हो रहा है कि बांग्लादेश और पाकिस्तान इतने करीब आ रहे हैं। ऐसे में ये भारत के साथ बांग्लादेश के पुराने संबंध को नुकसान जरूर पहुंचाएगा। पाकिस्तान अपनी सीमा पर आए दिन आतंकवादियों को बढ़ावा देकर भारत में अशांति फैलाने की कोशिश करता रहा है। बांग्लादेश के साथ सैन्य करीबी के बाद भारत को बांग्लादेश बॉर्डर पर आतंकी गतिविधियों का सामना करना पड़ सकता है।

जीवन अनमोल है यातायात नियमों का पालन करें --- पुलिस अधीक्षक अजय कुमार।
रामगढ़: 1 जनवरी 2025 से 31 जनवरी 2025 तक संचालित राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के तहत शुक्रवार शहर के बीचो-बीच को सुभाष चौक में यातायात नियमों का पालन करने हेतु नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम एवं नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया गया।सर्वप्रथम पुलिस अधीक्षक, रामगढ़ अजय कुमार,हजारीबाग क्षेत्रीय प्राधिकार के सचिव विजय कुमार,जिला परिवहन पदाधिकारी रामगढ़ मनीषा वत्स, पुलिस उपाधीक्षक चंदन वत्स, सीडीपीओ रामगढ़, यातायात प्रभारी,टैक्सी मेन्स यूनियन अध्यक्ष अमित कुमार सिन्हा सहित अन्य की उपस्थिति में नेत्र जॉच शिविर का विधिवत रूप से दीप प्रज्जित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।मौके पर नुक्कड़ दल के द्वारा यातायात के नियमों का पालन करने हेतु लाभ एवं यातायात नियमों का नहीं पालन करने हेतु होने वाले दुर्घटनाओं आदि समस्याओं की जानकारी दी गई। साथ ही उपस्थित पदाधिकारी के द्वारा आम लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए बिना हेलमेट वाले दो पहिया वाहन चालकों को ISI हेलमेट वितरण कर प्रोत्साहित करने का कार्य किया गया। वहीं बिना सीट बेल्ट धारक चालको एवं बिना हेलमेट पहन दो पहिया वाहन चालकों को गुलाब फूल देकर यातायात नियमों का पालन करने का अपील किया गया। आम नागरिकों के बीच सड़क सुरक्षा की शपथ दिलाकर उन्हें जागरूक किया गया। कार्यक्रम के दौरान पुलिस अधीक्षक अजय कुमार में सभी वाहन चालकों को वाहन चलाते समय यातायात नियमों का पालन करने का अपील किया साथ ही उन्होंने कहा कि अगर सभी लोग यातायात नियमों का पालन करते हैं तो हो रही रोज की सड़क दुर्घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकता है यातायात नियमों का पालन कर हम अपने जीवन की रक्षा तो करेंगे ही साथ ही अन्य परिवार के सदस्यों की जीवन की भी रक्षा की जा सकती है वहीं उन्होंने बड़े वाहन चालकों को वाहन के पीछे रिफ्लेक्टिव स्टीकर चिपकाने का अपील किया। कार्यक्रम के दौरान हजारीबाग क्षेत्रीय प्राधिकार के सचिव विजय कुमार ने कहा कि वाहन चालकों के लिए वाहन चलाते समय यातायात नियमों का पालन आवश्यक है वाहन चालक वाहन चलाने से पूर्व सभी प्रकार के दस्तावेज तैयार कर लें उसके बाद ही वाहन चलायें। नियमो का पालन कर वाहन चलाने से सड़क दुर्घटनाओं का रोकने में मदद मिलेगी। मौके पर जिला परिवहन पदाधिकारी मनीषा वत्स बताया कि यह कार्यक्रम सभी वाहन चालकों को जागरूक करने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है लोग अभी भी यातायात नियमों का पालन नहीं करते हैं इस वजह से अपना नुकसान तो करते ही हैं साथ ही राह में चल रहे अन्य वाहन चालकों को भी नुकसान पहुंचाते हैं वाहन चलाते समय यातायात नियम का पालन कर अपने जीवन के साथ-साथ अन्य परिवारों के भी जीवन को बचा सकते हैं वहीं उन्होंने दो पहिया चालक को एवं चार पहिया वाहन चालकों को बिना हेलमेट एवं सीट बेल्ट लगे वहां नहीं चलने की अपील की। साथ ही उन्होंने सभी अभिभावकों से अपील भी किया कि अगर कोई भी सदस्य वाहन लेकर घर से निकल रहे हो तो इसका विशेष ध्यान रखें की वह हेलमेट एवं सीट बेल्ट का प्रयोग किए हैं कि नहीं। वहीं 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को वाहन चलाने की अनुमति न देने की अपील भी की। मौके पर टैक्सी मेन्स यूनियन अध्यक्ष अमित कुमार सिन्हा ने जिले के सभी वाहन चालकों से अपील किया की यातायात नियम का पालन करना हम सभी का कर्तव्य है वाहन चलाते समय अपने एवं अन्य चालकों की भी चिंता जरूर करें वाहन चलाते समय मानक स्पीड के अनुरूप ही अपने-अपने वाहनों को चलाएं साथ ही उन्होंने सभी छोटे-बड़े वाहन चालकों को अपने वाहन के पीछे रिफ्लेक्टिव टेप प्रयोग करने का अपील किया वहीं उन्होंने दुर्घटनाओं कैसे बचा जाए इस संबंध में भी सभी को जानकारी दिए। शिविर में आइरिश हॉस्पिटल के नेत्र रोग विशेषज्ञ नवनीत चतुर्वेदी द्वारा कई वाहन चालकों के आंख की जांच कर उन्हें उचित परामर्श दिया गया। कार्यक्रम के दौरान मुख्य रूप से यातायात थाना प्रभारी गजेंद्र पांडे, रामगढ़ थाना प्रभारी कृष्ण कुमार, रामगढ़, डॉ संजय सिंह,समाज सेवी अरूण कुमार सिन्हा, राकेश गुप्ता, नंदकिशोर गुप्ता सहित अन्य उपस्थित थे।
खालिस्तानी अर्श डल्ला पर बड़ा खुलासा, भारत के खिलाफ पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI दे रही घातक हथियार

डेस्क: खलिस्तान टाइगर फोर्स की कमान संभाल रहे अर्श डल्ला पर बड़ा खुलासा हुआ है। भारतीय खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI भारत के खिलाफ खलिस्तानी आतंकियों को हथियार भेज रही है। अर्श डल्ला के पास से कनाडा पुलिस ने कई हाइटेक हथियार बरामद किए हैं। जांच में पता चला कि ये हथियार अर्श डल्ला के हैं।

सूत्रों ने बताया कि खालिस्तानी अर्श डल्ला को कनाडा में 28 अक्टूबर की रात गोली लगी थी। ये गोली डल्ला के दाहिने हाथ में लगी थी। जानकारी के अनुसार, अर्श डल्ला और उसका एक साथी गुरजंत सिंह कार में मिल्टन इलाके से गुजर रहे थे। तभी उसकी कार में रखे हथियार से गलती से गोली चल जाती है। जिसमें वह घायल हो जाता है। इसके बाद डल्ला अस्पताल में इलाज कराने पहुंचा।

अस्पताल प्रशासन गोली लगने से घायल होने की जानकारी पुलिस को दी। डल्ला ने एक फर्जी कहानी बनाते हुए बताया कि उस पर एक कार में आए हमलावरों ने हमला किया है। पुलिस अस्पताल में पहुंची और डल्ला से बात करने के बाद उसकी गाड़ी की तलाशी लेती है। इसके बाद पुलिस घटना के बाद गाड़ी का रूट चेक करती है। पुलिस वारदात वाले रूट पर एक घर में पहुंची। उस घर के गैराज से पुलिस को कई प्रतिबंधित हथियार और कारतूस मिले। जांच में पता चला कि ये हथियार अर्श डल्ला के हैं।

बता दें कि अभी हाल में ही कनाडा पुलिस ने अर्श डल्ला को गिरफ्तार किया था। यह घटनाक्रम भारत और कनाडा के बीच गहराते तनाव के बीच आया है। डल्ला हरदीप सिंह निज्जर का करीबी सहयोगी है। निज्जर जून 2023 में सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर मारा गया था। डल्ला की जमानत अर्जी पर आज सुनवाई होगी।
వినియోగదారులకు నాణ్యత ప్రమాణాలు ముఖ్యమే: కొడారి వెంకటేష్ వినియోగదారుల సంఘం జిల్లా అధ్యక్షులు

ఏదైనా వస్తువు కొనాలంటే దాని యొక్క నాణ్యతా ప్రమాణాలను తప్పనిసరిగా వినియోగదారుడు గమనించాలని వినియోగదారుల సంఘం జిల్లా అధ్యక్షులు కొడారి వెంకటేష్ కోరారు . సోమవారం "ప్రపంచ నాణ్యతా ప్రమాణాల దినోత్సవం" సందర్భంగా ఆయన వినియోగదారులకు శుభాకాంక్షలు తెలిపారు. ఆయన మీడియాతో మాట్లాడుతూ మన దేశంలో ఐ.ఎస్.ఐ మార్క్ (ISI Mark ), బి.ఐ.ఎస్ మార్క్ (BIS Mark), ఆగ్ మార్క్ (AG Mark), ఎఫ్ పి ఓ మార్క్ (FPO Mark) లాంటి ప్రభుత్వ సంస్థల పర్యవేక్షణలో వస్తువుల తయారీ మరియు నాణ్యతా ప్రమాణాలను ఆయన అన్నారు. ప్రతి వస్తువు యొక్క బాక్స్ లపై పై మార్కు లను చూసి కొనుగోలు చేయాలన్నారు. ప్రతి వినియోగదారుడు ఖర్చు పెట్టిన "డబ్భుకు తగిన నాణ్యమైన వస్తువులు పొందటం అనేది వినియోగదారుల హక్కు" అని ఆయన అన్నారు. అంతర్జాతీయ స్థాయిలో నాణ్యతా ప్రమాణాల దినోత్సవం ను 1946 అక్టోబర్ 14 న ప్రారంభమై ప్రతి ఏటా జరుపుకుంటున్నామని ఆయన గుర్తు చేశారు. ఈ సందర్భంగా ఆయన మాట్లాడుతూ ప్రస్తుతం ఎక్కడ చూసినా మార్కెట్ లో కల్తీ, నకిలీ వస్తువుల తయారీ, రవాణా మరియు అమ్మకాలు పెరిగిపోయాయని , దీంతో అమాయక వినియోగదారులు ఆర్ధికంగా మరియు ఆరోగ్యపరంగా నష్టపోతున్నారని ఆయన ఆవేదన వ్యక్తం చేశారు. వినియోగదారుల హక్కుల పరిరక్షణ చట్టాలు (1986, 2018) ఉన్నప్పటికీ, చాలా మందికి ఈ చట్టాలపై అవగాహన లేదని, ఒకవేళ వున్నా మనకు ఎందుకులే అని మౌనంగా ఉండిపోతున్నారని ఆయన అన్నారు. కొంతమంది వినియోగదారులు యూట్యూబ్ ల్లో వచ్చే వీడియోలు ఆధారంగా అమెజాన్ , ప్లిప్ కార్డ్ లాంటి ఆన్లైన్ సంస్థల ద్వారా ఆరోగ్యానికి సంబంధించిన మందులు, ఇతర సౌందర్య సాధనలను కొనుగోలు చేస్తున్నారని ఆయన తెలిపారు. వీటి లో ఎంత వరకు నాణ్యతా ప్రమాణాలు ఉన్నాయో చెప్పలేమని, అందుకే నిపుణుల సలహాలు లేకుండా మందులు కొనకూడదని ఆయన సూచించారు . అదే విధంగా చర్మ సౌందర్య సాధానాల విషయంలో కూడా వినియోగదారులు చాలా జాగ్రత్తగా ఉండాలని ఆయన అన్నారు. ప్రభుత్వం, వస్తువుల నాణ్యతా ప్రమాణాల పై ప్రజలకు మరింత అవగాహన కల్పించాలని, నకిలీ వస్తువులు అమ్మే వారిపై గట్టి నిఘా ఏర్పాటు చేయాలని ఆయన డిమాండ్ చేశారు. వినియోగదారుల హక్కులను, పాలకులు చిత్తశుద్ధితో కాపాడాలని ఆయన కోరారు.
क्या हसीना के हटते ही ढाका में भारत विरोधी एजेंडे पर काम हो रहा? अब इस आतंकी को जेल से रिहा किया गया

#mufti_jashimuddin_rahmani_abt_chief_released_bangladesh_jail 

बांग्लादेश में शेख हसीने के सत्ता से हटने और देश छोड़ने के बाद गठित अंतरिम सरकार ने कुछ ऐसे फैसले लिए हैं, जिसपर सवाल उठ रहे हैं। सवाल ये हो रहे हैं कि क्या बंगाल की केयर टेकर सरकार के फैसले भारत की मुश्किलें बढ़ सकती है? एक तरफ बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत जमात-ए-इस्लामी पर लगी पाबंदी हटा ली है। वहीं, दूसरी ओर अल-कायदा से जुड़े आतंकवादी संगठन अंसारुल्लाह बंगला टीम (एबीटी) के प्रमुख जशीमुद्दीन रहमानी को रिहा कर दिया है। यह भारत के लिए बड़ी सुरक्षा चिंता का विषय हो सकता है क्योंकि एबीटी कभी भारत में अपने नेटवर्क का विस्तार करने की कोशिश कर चुका है।

मुफ्ती जशीमुद्दीन रहमानी उन सैकड़ों आतंकवादियों में से एक था, जिसे तत्कालीन शेख हसीना सरकार ने सलाखों के पीछे डाला था। 12 अगस्त 2013 को रहमानी को लोगों को हिंसा के लिए उकसाने के आरोप में बरगुना में गिरफ़्तार किया गया था। अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के 30 सदस्यों को भी गिरफ़्तार किया गया था। 2013 में गिरफ़्तारी के बाद से रहमानी जेल में ही था। उन पर छह अलग-अलग मामले चल रहे हैं और पुलिस ने उनके ख़िलाफ़ सभी मामलों में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। 31 दिसंबर 2015 को ढाका की एक अदालत ने ब्लॉगर राजीब हैदर की हत्या से जुड़े एक मामले में उन्हें पांच साल की सजा सुनाई थी। 

जशीमुद्दीन रहमानी को 2013 में धर्मनिरपेक्ष ब्लॉगर राजीब हैदर की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। 15 फरवरी, 2013 की रात को हैदर को ढाका में उनके घर के सामने मौत के घाट उतार दिया गया था। इस हत्या के लिए शहर की एक अदालत ने दो लोगों – फैसल बिन नईम और रिजवानुल आजाद राणा – को मौत की सजा सुनाई थी।

बांग्लादेश ने मई 2015 में तीन धर्मनिरपेक्ष ब्लॉगर्स की हत्या में शामिल होने के लिए कट्टरपंथी इस्लामी संगठन एबीटी पर प्रतिबंध लगा दिया था। समूह ने अत्यधिक प्रेरित और शिक्षित विश्वविद्यालय के छात्रों की भर्ती शुरू की, जो अंग्रेजी भाषा में पारंगत और सोशल मीडिया के जानकार होते थे। 2016 में किए गए एक आकलन के अनुसार, एबीटी हरकत उल-जिहाद अल-इस्लामी-बांग्लादेश (एचयूजेआई-बी) और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से बड़ा संगठन था।

विश्लेषकों ने आशंका जताई है कि मौजूदा राजनीतिक अस्थिरता कट्टरपंथी इस्लामी तत्वों को बांग्लादेश में खुद को एकजुट करने में अहम रोल निभाग सकता है। वे कहते हैं कि ये तत्व पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के कहने पर भारत विरोधी गतिविधियों में भी शामिल हो सकते हैं।

बता दें कि 2017 में भारत में पैर जमाने की कोशिश कर रहे पांच एबीटी आतंकवादियों को असम में पकड़ गया था। जुलाई 2022 में, असम में एबीटी से जुड़े दो मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया। 2022 में फिर से, एबीटी से जुड़े दो इमामों को गिरफ्तार किया गया। दोनों इमामों को असम में गोलपारा पुलिस ने अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) और इस्लामिक आतंकवादी समूह अल कायदा भारतीय उपमहाद्वीप के खिलाफ व्यापक आतंकवाद विरोधी अभियान के तहत गिरफ्तार किया था। पुलिस द्वारा कई घंटों तक पूछताछ करने के बाद, तिलपारा नतून मस्जिद के इमाम जलालुद्दीन शेख (49) और मोरनोई के टिंकुनिया शांतिपुर मस्जिद के इमाम अब्दुस सुभान (43) दोनों को पुलिस हिरासत में ले लिया गया।

दिल्ली: आतंकवादी फ़रहतुल्लाह ग़ोरी ने भारत की ट्रेनों को बम से उड़ाने की दी धमकी


 

नई दिल्ली:- पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी लगातार भारत में स्लीपर सेल के जरिए हमले करने की कोशिश करते रहते हैं हालांकि, भारत में खुफिया एजेंसियां इन आतंकियों के नापाक मंसूबों को कामयाब नहीं होने देती। मौजूदा समय में भारत की खुफिया एजेंसियां काफी ज्यादा अलर्ट हैं। इसके पीछे वजह है पाकिस्तान में बैठा आतंकी फरहतुल्लाह घोरी।

दरअसल,फरहतुल्लाह घोरी का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वो स्लीपर सेल के जरिए भारत में ट्रेनों पर हमले करने की बात कर रहा है। वीडियो में उसने प्रेशर कुकर के जरिए बम विस्फोट के विभिन्न तरीकों के बार में बात कर रहा है।

भारत में भगोड़ा घोषित किए जाने के बाद घोरी पाकिस्तान में छिपा हुआ है। उसने ही पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) की मदद से स्लीपर सेल के जरिए बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में विस्फोट की साजिश रची थी। 1 मार्च को रामेश्वरम में हुई ब्लास्ट में 10 लोग घायल हुए थे।

कौन है फरहतुल्लाह घोरी?

अबू सूफियान, सरदार साहब और फारू के नाम से मशहूर फरहतुल्लाह घोरी एक आतंकवादी है। साल 2002 में गुजरात के अक्षरधाम मंदिर पर हुए हमले में उसका हाथ है। वहीं,साल 2005 में हैदराबाद टास्ट फोर्स ऑफिस पर हुए आत्मघाती हमले के लिए भी वो जिम्मेदार है।फरहतुल्लाह घोरी और उसके दामाद शाहिद फैसल का दक्षिण भारत में स्लीपर सेल का एक मजबूत नेटवर्क है। फैसल रामेश्वरम कैफे विस्फोट के दोनों आरोपियों के संपर्क में था और मामले में हैंडलर था।

कुछ महीने पहले,

 पुणे-आईएसआईएस मॉड्यूल के कई आतंकवादियों को देश भर से गिरफ्तार किए जाने के बाद दिल्ली पुलिस ने घोरी का नाम रिकॉर्ड पर लिया था। उस समय अधिकारियों ने दावा किया था कि आईएसआई भारत में स्लीपर सेल चला रही है और हमलों को अंजाम देने के लिए युवाओं की भर्ती कर रही है।

1 सितंबर से लागू होंगे ट्रैफिक रूल्स के नए नियम,जानें क्या हैं ट्रैफिक नियम?

सरकार द्वारा ट्रैफिक रूल्स हमारी सुरक्षा के लिए बनाए जाते हैं. अगर लोग इन यातायात नियमों का पालन नहीं करते हैं तो ट्रैफिक पुलिस द्वारा लोगों का चालान काटा जाता है. आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने इन्हीं ट्रैफिक रूल्स में एक और नियम को शामिल कर दिया है. इस नए नियम के तहत किसी भी टू-व्हीलर पर सवार पीछे बैठने वाले व्यक्ति को भी आगे वाहन चालक के साथ में हेलमेट पहनना अनिवार्य है.

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का ये नया नियम के इस राज्य के शहर विशाखापट्टनम में 1 सितंबर से लागू कर दिया जाएगा. देश के कई बड़े शहरों में इस नियम का सख्ती से पालन हो रहा है. देश की राजधानी दिल्ली में भी ये नियम लागू है और इस नियम का पालन नहीं करने पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा चालान काटा जाता है. विशाखापट्टनम में इस नियम के उल्लंघन पर 1035 रुपये का चालान काटा जाएगा.

क्या हैं ट्रैफिक नियम?

आप बाइक पर सवार हों चाहे गाड़ी में, ट्रैफिक रूल्स सड़क पर चलने वाले सभी वाहनों के लिए बनाए जाते हैं. सड़क पर कार या बाइक को सावधानीपूर्वक चलाना चाहिए. कोई भी लापरवाही होने पर सड़क दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है.

जब भी आप टू-व्हीलर पर सफर करें, तो बाइक या स्कूटर पर बैठे दोनों राइडर्स को हेलमेट लगाना जरूरी है. हेलमेट लगाने के साथ ही इसकी क्वालिटी पर ध्यान देना भी आवश्यत है. टू-व्हीलर चलाते वक्त ISI मार्क वाले हेलमेट का ही प्रयोग करना चाहिए.

4-व्हीलर से सफर करते वक्त सबसे जरूरी बात है कि फ्रंट सीट पर बैठे दोनों व्यक्तियों को सीट बेल्ट लगाना जरूरी है. अगर आप सीट बेल्ट नहीं लगाते हैं, तो आज के समय में गाड़ियों में पैसेंजर को रिमाइंडर देने के लिए गाड़ी में सिंग्नल भी दिया जाता है. सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए आने वाले समय गाड़ी में पीछे बैठने वाले पैसेंजर्स के लिए भी सीट-बेल्ट लगाना अनिवार्य किया जा सकता है.

गाड़ी चलाते वक्त स्पीड लिमिट का ध्यान रखना भी जरूरी है. ये स्पीड लिमिट हर क्षेत्र और वाहन को ध्यान में रखते हुए ही निर्धारित की जाती है.

शराब या अन्य किसी नशे की हालत में ड्राइविंग नहीं करनी चाहिए. ऐसा करते पकड़े जाने पर ट्रैफिक पुलिस मोटा चालान काटती है. इस नियम के उल्लंघन पर जेल की सजा भी काटनी पड़ सकती है.

सितंबर में अमेरिका जाएंगे नेता विपक्ष राहुल गांधी ! पिछले विदेशी दौरों पर हो चुका है विवाद

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सितंबर में अमेरिका जाने की संभावना है, जहां वे भारतीय प्रवासियों, छात्रों और अमेरिकी सांसदों से मुलाकात कर सकते हैं। लोकसभा में विपक्ष के नेता (LoP) बनने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा होगी। सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी सितंबर के दूसरे सप्ताह में अमेरिका के लिए रवाना हो सकते हैं और वहां 8 से 9 दिनों तक रह सकते हैं। उनका यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार का दौर चरम पर है।

उल्लेखनीय है कि, 2014 से 2024 तक लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद खाली रहा था, क्योंकि उस समय कोई भी विपक्षी दल इस पद के लिए पर्याप्त सांसदों की संख्या नहीं जुटा पाया था। हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी की सीटों की संख्या 99 पहुंचने के बाद, 25 जून, 2024 को राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया। अब नेता विपक्ष बनने के बाद ये उनका पहला विदेशी दौरा होने जा रहा है। लेकिन इससे पहले बीते 10 सालों में राहुल, जब जब विदेश गए हैं, वहां दिए गए उनके बयानों से भारत में जमकर सियासी बवाल मचा है। 

राहुल गांधी के विदेश दौरे और विवाद

बता दें कि, राहुल गांधी का चुनावी मौसम के दौरान या ऐसे समय जब उनकी पार्टी को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत है, जनता को बताए बिना 'गुप्त' छुट्टियों पर जाने का इतिहास रहा है। वे विदेश किसलिए जाते हैं, वहां जाकर वे किससे मिलते हैं ? ये तमाम बातें मीडिया में भी नहीं आती। बाद में उनकी मुलाकातों की तस्वीरें जब सोशल मीडिया के जरिए सामने आती हैं, तब उनपर बवाल होता है, क्योंकि अधिकतर समय कोई न कोई भारत विरोधी शख्स उनके साथ नज़र आ ही जाता है। 

अप्रैल 2022 में, चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर द्वारा पार्टी में शामिल होने के कांग्रेस के प्रस्ताव को अस्वीकार करने के बाद, राहुल गांधी अचानक गायब हो गए थे। रिपोर्टों में बताया गया था कि गांधी 10 दिनों से अधिक समय तक लापता रहे और उनसे संपर्क नहीं हो सका, जिससे पार्टी को संकट के दौरान अकेले ही कार्रवाई करनी पड़ी। इससे पहले दिसंबर 2021 में, वायनाड के सांसद 2022 में होने वाले 5 राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अभियान और रैलियों से पहले इटली की निजी यात्रा पर निकल गए थे। जिसके कारण पार्टी को पंजाब में राहुल गांधी की पहले से निर्धारित रैली को स्थगित करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। 

दिवाली 2021 से ठीक पहले, राहुल गांधी फिर से बिना किसी सूचना के लापता हो गए थे, कथित तौर पर लंदन चले गए थे। उसी वर्ष 5 नवंबर को, यह बताया गया कि गांधी 'लंबी छुट्टी' पर थे। यहाँ तक कि, संसद में बोलने न देने का आरोप लगाने वाले राहुल गांधी, संसद में शीतकालीन सत्र शुरू होने से ठीक पहले अचानक विदेश निकल गए थे और लगभग एक महीने बाद लौटे। उस वक्त भाजपा ने राहुल गांधी पर कटाक्ष किया था और उनकी लंदन यात्रा पर सवाल उठाए थे। सितंबर 2021 में, जब पंजाब में कांग्रेस पार्टी अमरिंदर सिंह के इस्तीफे से संकट का सामना कर रही थी, तब गांधी परिवार शिमला में छुट्टियां मना रहा था।

दिसंबर 2020 में राहुल गांधी अपनी पार्टी के 136वें स्थापना दिवस का कार्यक्रम छोड़कर इटली निकल लिए थे। उनकी पार्टी के नेता एक स्पष्टीकरण पर सहमत नहीं हो सके और आगे चलकर खुद को मीडिया के सवालों का निशाना बना गए। अक्टूबर 2019 में, हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से 15 दिन पहले, राहुल गांधी कथित तौर पर बैंकॉक के लिए रवाना हो गए थे। उसी साल जून में, संसदीय चुनावों की मतगणना से पहले, राहुल गांधी UPA अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में शामिल नहीं हुए और छुट्टी मनाने के लिए लंदन चले गए।

बता दें कि, नवंबर 2019 में, भाजपा नेता राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी से उनकी विदेश यात्राओं पर विशेष सुरक्षा समूह (SPF) कर्मियों को अपने साथ नहीं ले जाने के फैसले के बारे में सवाल किया था। राजनाथ सिंह ने कहा था कि, 'पिछले दो वर्षों में, राहुल गांधी छह विदेशी यात्राओं पर 72 दिनों के लिए बाहर गए थे। लेकिन उन्होंने SPG का सुरक्षा कवर नहीं लिया। उन्होंने SPG कवर क्यों नहीं लिया? हम जानना चाहते हैं कि राहुल गांधी SPG सुरक्षा प्राप्त होने के बावजूद विदेशी दौरों पर एसपीजी को साथ न ले जाकर क्या छिपाने की कोशिश कर रहे हैं।'

इस तरह का जानबूझकर उठाया गया कदम कथित तौर पर SPG अधिनियम का उल्लंघन है। भारत और विदेश दोनों में सुरक्षा नियमों के बार-बार उल्लंघन के मद्देनजर, 2019 में उनकी SPG सुरक्षा रद्द कर दी गई और उन्हें Z CRPF सुरक्षा कवर प्रदान किया गया था।

उल्लेखनीय है कि, राहुल गांधी 2023 में भी 10 दिवसीय अमेरिका दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने नेशनल प्रेस क्लब, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी और 'थिंक टैंक' के साथ कथित तौर पर भारत और अमेरिका के बीच संबंधों पर चर्चा की थी। हडसन इंस्टीट्यूट ने इन "थिंक टैंक" के साथ गहन बातचीत में राहुल गांधी की तस्वीरें ट्वीट कीं थीं। हडसन इंस्टीट्यूट में हुए इस कार्यक्रम में ''सुनीता विश्वनाथ'' राहुल गांधी के साथ बैठी नज़र आईं थीं। अब गौर कीजिए कि, सुनीता विश्वनाथ HfHR की सह-संस्थापक हैं, जिन्होंने इंडियन अमेरिकन मुस्लिम कॉउन्सिल (IAMC) के साथ पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक पत्र पर हस्ताक्षर भी किए हैं।

इन्फो-वॉरफेयर और साइ-वॉर की जांच OSINT डिसइन्फो लैब ने एक जांच की थी, जिसमें खुलासा हुआ था कि सुनिया विश्वनाथ का 'हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स (HfHR)' 'हिंदू बनाम हिंदुत्व' की भ्रामक कहानी को बढ़ावा दे रहा था। इसी संगठन को 'डिसमेंटलिंग ग्लोबल हिंदुत्व' (वैश्विक हिंदुत्व को ख़त्म करना) कार्यक्रम का समर्थन करते हुए भी देखा गया था। डिसइन्फो लैब के अनुसार, HfHR का गठन वर्ष 2019 में इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IAMC) और ऑर्गनाइजेशन फॉर माइनॉरिटीज ऑफ इंडिया (OFMI) नामक दो इस्लामवादी वकालत समूहों द्वारा किया गया था। दिलचस्प बात यह है कि तीनों संगठनों ने अलायंस फॉर जस्टिस एंड अकाउंटेबिलिटी (AJA) नामक एक और संगठन बनाया था।

एक रिपोर्ट के अनुसार, एलायंस फॉर जस्टिस एंड अकाउंटेबिलिटी (AJA) 22 सितंबर, 2019 को पीएम मोदी की ह्यूस्टन यात्रा के खिलाफ प्रदर्शनों का नेतृत्व करने में सबसे आगे था। डिसइन्फो लैब के मुताबिक, हिंदूज फॉर ह्यूमन राइट्स (HfHR) की सह-संस्थापक सुनीता विश्वनाथ 'वीमेन फॉर अफगान वुमेन' नाम से एक संगठन भी चलाती हैं, जिसे (जॉर्ज) सोरोस ओपन सोसाइटी फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित किया जाता है। बता दें कि, अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस पर मीडिया और 'सिविल सोसाइटी' के माध्यम से एक खतरनाक भारत विरोधी साजिश को गढ़ने के गंभीर आरोप हैं। 

सितंबर 2023 में राहुल गांधी को भारत विरोधी इतालवी वामपंथी राजनेता फैबियो मासिमो कास्टाल्डो के साथ देखा गया था। फैबियो मास्सिमो कास्टाल्डो कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक एक्स हैंडल द्वारा एक्स पोस्ट की दूसरी तस्वीर में सबसे दाईं ओर लाल टाई पहने हुए व्यक्ति नज़र आए थे। फैबियो मास्सिमो कास्टाल्डो का यूरोप में पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI की संपत्ति - परवेज़ इकबाल लोसर के साथ संबंध - राहुल गांधी के यूरोपीय संसद का दौरा करने के इरादे को संदेह के घेरे में लाता है। इसलिए, फैबियो मास्सिमो कास्टाल्डो और उसके कथित ISI मित्र परवेज़ इकबाल लोसर के बारे में अधिक जानना आवश्यक है।

बता दें कि, फैबियो मास्सिमो कास्टाल्डो यूरोपीय संसद के पूर्व सदस्य हैं। इतालवी वामपंथी राजनेता परवेज़ इक़बाल लॉसर के मित्र हैं, जो पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) की यूरोप संपत्ति हैं। लॉसर कश्मीर मुद्दे पर भारत विरोधी प्रचार करने और यूरोप में भारत के हितों के खिलाफ पैरवी करने का काम कर रहा है। फैबियो मास्सिमो कास्टाल्डो की पुरानी एक्स पोस्टों में से एक इसका सबूत मौजूद है। राहुल गांधी ने अपनी सितंबर यात्रा के दौरान एमईपी पियरे लारौटुरो से भी मुलाकात की थी। 

मणिपुर मुद्दे पर जुलाई में यूरोपीय संघ की संसद में पारित भारत विरोधी प्रस्ताव के पीछे एमईपी पियरे लारौटुरोउ प्रमुख शख्सियतों में से एक थे। एक लंबे सोशल मीडिया शेखी बघारते हुए, पियरे लारौटुरो ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि यूरोपीय संघ का प्रस्ताव विशेष रूप से पीएम मोदी की फ्रांस यात्रा को लक्षित करने के लिए था। यूरोपीय संसद में समाजवादियों और डेमोक्रेट्स के प्रगतिशील गठबंधन का प्रतिनिधित्व करने वाले पियरे लारौटुरो ने 'भारत, मणिपुर में स्थिति' शीर्षक वाले प्रस्ताव को पेश करने का नेतृत्व किया था।

वहीं, अलविना अलमेत्सा, जिनसे राहुल गांधी ने ब्रुसेल्स में मुलाकात की थी, वह भी उन एमईपी में से एक थीं जो इस प्रस्ताव के पीछे थे। अलमेत्सा यूरोप में मुखर भारत विरोधी प्रचारक रहे हैं। इस साल जनवरी में, उन्होंने ISI से जुड़े संगठन 'द लंदन स्टोरी' द्वारा आयोजित प्रशांत भूषण और शाहरुख आलम के साथ एक चर्चा में भाग लिया था। जुलाई 2023 में, यूरोपीय संघ के पूर्ण सत्र में बोलते हुए, अलमेत्सा ने कहा कि स्थिति की 'निगरानी' करने और शांतिपूर्ण समाधान लाने के लिए बाहरी पर्यवेक्षकों को मणिपुर में अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि भारत में मानवाधिकारों और प्रेस की स्वतंत्रता की स्थिति खराब हो रही है और उन्होंने भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का आह्वान किया।

अलविना अलमेत्सा भारत के खिलाफ अपने अभियान, कॉलम लिखने, पैरवी करने और यूरोपीय संघ में भारतीय हितों के खिलाफ अभियान चलाने में लगातार लगी हुई हैं। जनवरी 2021 में, उन्होंने ईयू ऑब्जर्वर में एक लेख लिखकर भारत में 'मानवाधिकार' की स्थिति में हस्तक्षेप के लिए ईयू के समर्थन का आह्वान किया। अपनी भारत-केंद्रित बातचीत और कथा में, अलमेत्सा तीस्ता सीतलवाड से लेकर संजीव भट्ट और स्टेन स्वामी तक सभी भारत विरोधी आवाज़ों को बढ़ावा देने या समर्थन करने के लिए प्लेटफार्मों का उपयोग कर रही है।

महंगाई, रोहिंग्या, कर्ज और आतंकवाद..! कई चुनौतियों के बीच भारत आईं बांग्लादेशी PM शेख हसीना, पीएम मोदी से की मुलाकात


बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आज शनिवार को नई दिल्ली में अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। वह भारत की राष्ट्रीय राजधानी की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर हैं। यह उनकी दो सप्ताह से भी कम समय के अंतराल में दूसरी यात्रा है। शेख हसीना की भारत यात्रा कई कारकों के कारण बेहद नाजुक समय पर हो रही है। प्रधानमंत्री के प्रेस विंग द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में यात्रा के मुख्य अंश दिए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि यात्रा के दौरान दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच आमने-सामने की बैठक होगी, जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी। यात्रा के दौरान, बांग्लादेश और भारत मौजूदा द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए कई समझौतों और समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर करेंगे। इसके अतिरिक्त, संभावित व्यापार समझौते पर चर्चा की उम्मीद है। पिछले एक दशक में, एक मजबूत क्षेत्रीय साझेदारी योजना के हिस्से के रूप में कई सीमा पार पहल शुरू की गई हैं। सबसे पहले, यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब बांग्लादेश गंभीर आर्थिक कठिनाई का सामना कर रहा है, विदेशी मुद्रा भंडार में खतरनाक गिरावट आई है और निकट भविष्य में भी इस स्थिति से उबरने की कोई व्यावहारिक उम्मीद नहीं है। हालाँकि बांग्लादेश के वित्त मंत्री ए एच महमूद अली ने संवाददाताओं से कहा कि संघर्षरत अर्थव्यवस्था और मुद्रास्फीति छह महीने के भीतर नियंत्रण में आ जाएगी, लेकिन आर्थिक विशेषज्ञ कह रहे हैं - ऐसी उम्मीद या भविष्यवाणी वास्तविकताओं पर आधारित नहीं है। इस बीच, ढाका ने चीन से 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का सॉफ्ट-लोन मांगा है और यह अनुमान है कि शेख हसीना की 9-12 जुलाई की चीन की आधिकारिक यात्रा के दौरान इसे अंतिम रूप दिया जा सकता है, अर्थशास्त्री चेतावनी दे रहे हैं - यह सॉफ्ट-लोन अंततः बांग्लादेश को चीन के कर्ज के जाल में डाल देगा, जहाँ बीजिंग कई तरह के लाभ और रणनीतिक लाभ उठाने का प्रयास करेगा। इस बीच, पिछले साल गाजा में इजरायल के सैन्य अभियानों के बाद से, विदेश मंत्री हसन महमूद सहित बांग्लादेश के अधिकारी इजरायल की अत्यधिक आलोचना कर रहे हैं और यहाँ तक कि यहूदियों की आलोचना भी कर रहे हैं। इस स्थिति का अनुचित लाभ उठाते हुए, इस्लामवादी और धार्मिक कट्टरपंथी - जिनमें से अधिकांश सत्तारूढ़ अवामी लीग के प्रतिद्वंद्वी गुट से संबंधित हैं, जिसमें अलकायदा से जुड़ी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) भी शामिल है, ने सरकार की यहूदी विरोधी नीति का लाभ उठाना शुरू कर दिया और धार्मिक कट्टरता को अपने राजनीतिक एजेंडे में मिलाना शुरू कर दिया, जबकि इजरायल विरोधी, यहूदी विरोधी और भारत विरोधी तत्व इजरायल, यहूदी और भारतीय उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान करके इस प्रवृत्ति में शामिल हो गए। इस बीच, पाकिस्तानी ISI के एक सहयोगी पिनाकी भट्टाचार्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने भारत विरोधी प्रचार को तेज कर दिया है और हाल के दिनों में, वह खुले तौर पर यह कहते हुए प्रसन्नता व्यक्त कर रहे हैं - भारत को बांग्लादेश से बाहर कर दिया गया है और अब चीन इस क्षेत्र में प्रवेश करेगा। वह यहूदियों पर एडोल्फ हिटलर की क्रूरता और होलोकॉस्ट को सही ठहराते हुए वीडियो सामग्री भी प्रकाशित कर रहे हैं, जिसमें कहा गया है कि यहूदी बुरे लोग हैं और इसीलिए यूरोप में उनसे नफरत की जाती है। पिनाकी भट्टाचार्य ने शेख हसीना विरोधी प्रचार को इजरायल विरोधी और भारत विरोधी एजेंडे के साथ मिलाकर भी तेज कर दिया है। जैसे कि अल जजीरा इंग्लिश भी भड़काऊ सामग्री प्रसारित करके चल रहे इजरायल विरोधी और भारत विरोधी भावना में शामिल हो गया है। सत्तारूढ़ अवामी लीग सरकार अब अमेरिकी और यूरोपीय उत्पादों को इजरायली और यहूदी कंपनियों द्वारा निर्मित बताकर उनके खिलाफ इस तरह की बदनामी और लगातार फैलते प्रचार का लाभ नहीं उठा सकती। बांग्लादेश सरकार के लिए - अब यह वास्तव में दोहरा संकट है, हालांकि वे इस स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं। दोहरा संकट इसलिए क्योंकि अगर सत्तारूढ़ अवामी लीग इजरायली, यहूदी और भारतीय उत्पादों के खिलाफ चल रहे बहिष्कार के पागलपन को रोकने का प्रयास करेगी, तो वे अब देश में इस्लामी ताकतों का निशाना बन जाएंगे, जबकि अगर सरकार इस मामले पर चुप रहेगी, तो अंततः इसके गंभीर परिणाम होंगे, जहां बांग्लादेशी परिधान उत्पादों के यहूदी खरीदार देश को यहूदी विरोधी बताकर ऑर्डर रद्द करना शुरू कर सकते हैं। यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था यूरोपीय और अमेरिकी बाजारों में रेडीमेड कपड़ों के निर्यात पर बहुत अधिक निर्भर है। इस बीच, शेख हसीना के राजनीतिक विरोधी यह कहते हुए दुष्प्रचार तेज़ कर रहे हैं कि इस साल दिसंबर तक उनकी सरकार गिर जाएगी। संदेहास्पद रूप से, राज्य मशीनरी इस तरह के दुष्प्रचार का मुकाबला करने में अनिच्छा या चुप्पी बनाए हुए है, जबकि यह धीरे-धीरे लोगों के बड़े हिस्से में नरक की आग की तरह फैल रहा है। शेख हसीना के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी कह रहे हैं कि अवामी लीग सरकार के प्रमुख सहयोगी नरेंद्र मोदी और उनकी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लोकसभा चुनावों के बाद पूरी तरह से कमजोर हो गई है क्योंकि भाजपा सरकार बनाने के लिए आवश्यक बहुमत हासिल करने में विफल रही है। उनका कहना है कि लगातार तीसरे कार्यकाल में मोदी की सरकार बेहद कमजोर है, जबकि यह स्पष्ट रूप से बैसाखियों पर चल रही है। शेख हसीना के लिए दो और चुनौतियाँ हैं - 1.20 मिलियन रोहिंग्याओं का अत्यधिक बोझ, खुफिया एजेंसियों ने रोहिंग्या शिविरों के अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के केंद्र में बदलने की चेतावनी दी है - और बांग्लादेश, म्यांमार और भारत के कुछ हिस्सों पर कब्ज़ा करके "पूर्वी तिमोर जैसा ईसाई राज्य" बनाने की पश्चिमी साजिश की तरफ इशारा किया है। ये शेख हसीना के लिए दो सबसे बड़ी समस्याएँ हैं जो सीधे देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के लिए ख़तरा हैं। इस बीच, बांग्लादेश में रोहिंग्याओं का एक बड़ा हिस्सा अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी समूहों के साथ-साथ बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी, जमात-ए-इस्लामी और देश में मौजूद अन्य इस्लामी ताकतों, जिनमें खलीफा समर्थक हिफ़ाज़त-ए-इस्लाम भी शामिल है, के साथ हाथ मिला रहा है। शेख हसीना की सरकार जहां मौजूदा आर्थिक संकट से निपटने में संघर्ष कर रही है, वहीं अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग और लोगों के एक वर्ग द्वारा सार्वजनिक संपत्ति की लूट के चौंकाने वाले विवरण दिए जा रहे हैं - जिनमें से अधिकांश सत्तारूढ़ अवामी लीग से जुड़े हैं, जबकि राज्य मशीनरी उन हाई-प्रोफाइल भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने में अनिच्छा दिखा रही है। विश्व बैंक के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि बांग्लादेश से हर साल करीब 3.15 बिलियन अमेरिकी डॉलर अवैध रूप से ऑफशोर खातों के जरिए बाहर जाते हैं, जबकि देश पिछले एक साल से विदेशी मुद्रा भंडार की कमी से जूझ रहा है। विश्लेषकों के अनुसार, चीन पर भारी निर्भरता वाली ढाका में एक कमजोर सरकार दिल्ली के लिए बेहद नुकसानदेह साबित हो सकती है क्योंकि बीजिंग बांग्लादेश को अपने भू-राजनीतिक खेल के मैदान के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश कर सकता है, जिसमें ज्यादातर भारत को निशाना बनाया जा सकता है। इसके साथ ही, वाशिंगटन, जो शेख हसीना की सरकार से स्पष्ट रूप से नाखुश है, वह रोहिंग्याओं को आतंकवादी और जिहादी गतिविधियों में इस्तेमाल करने के साथ-साथ "ईसाई राज्य" बनाने की अपनी साजिशों को तेज कर सकता है। अतीत में शेख हसीना कई बार भारत आ चुकी हैं, जहाँ वे यात्राएँ ज़्यादातर सुखद रही हैं। लेकिन इस बार शेख हसीना ऐसे समय में भारत आ रही हैं जब बांग्लादेश कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसमें एक बढ़ता हुआ आर्थिक संकट भी शामिल है। बांग्लादेश के भविष्य को लेकर वाकई पूरी तरह अनिश्चितता है, खास तौर पर इसलिए क्योंकि वाशिंगटन और उसके यूरोपीय सहयोगी बांग्लादेश को एक जहाज़ी राज्य में बदलने की बेताबी से कोशिश कर रहे हैं, जबकि दूसरी तरफ़ चीन बांग्लादेश को भारत से दूरी बनाने के लिए मजबूर करके अपना प्रभुत्व स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। यह वास्तव में ढाका में सत्तारूढ़ अभिजात वर्ग के लिए एक बहुत ही जटिल स्थिति है।
पाकिस्तान-बांग्लादेश की नजदीकियों से सतर्क हुआ भारत, पड़ोसी देशों की हर हरकत पर है कड़ी नजर

#isi_active_with_bangladesh_indian_foreign_ministry_response

बांग्लादेश और पाकिस्तान की नजदीकियां बढ़ रही है। बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही पाकिस्तान करीब आता दिख रहा है। बांग्लादेश के कार्यवाहक मंत्री मोहम्मद युनुस के फैसले संकेत दे रहे हैं कि भारत के साथ दूरी बनाने के क्रम में पाकिस्तान के साथ नजदीकियां काफी बढ़ रही है। जानकारों का मानना है कि बांग्लादेश-पाकिस्तान का करीब आना भारत के लिए टेंशन बढ़ाने वाली बात है। इस बीच पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई के अधिकारियों की हालिया बांग्लादेश यात्रा ने क्षेत्रीय सुरक्षा के लिहाज से भारत को सतर्क जरूर कर दिया है। पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई ने गोपनीय तरीके से अपने चार शीर्ष सदस्यों को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में भेजा है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि भारत अपने आस-पास के इलाकों में हो रही घटनाओं पर बहुत करीबी नजर रख रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल से बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच तेजी से बढ़ते सैन्य संबंधों पर सवाल पूछा गया। इस पर रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाली हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखता है। उन्होंने कहा कि हम बांग्लादेश के साथ मैत्रीपूर्ण और समावेशी संबंधों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा उद्देश्य दोनों देशों के लोगों के बीच समृद्धि और आपसी सहयोग बढ़ाना है।

दोनों देशों के बीच सीमा पर बाड़ लगाने को लेकर बांग्लादेश की आपत्तियों पर भी भारत ने स्थिति स्पष्ट की। मंत्रालय ने कहा कि यह कदम मानव और पशु तस्करी जैसी आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए उठाया जा रहा है और यह मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों के दायरे में है। भारत की यह प्रतिक्रिया स्पष्ट करती है कि वह अपनी क्षेत्रीय सुरक्षा और पड़ोसी देशों के साथ संतुलन बनाए रखने के लिए पूरी तरह सतर्क है।

बता दें कि आईएसआई के विश्लेषण महानिदेशक मेजर जनरल शाहिद अमीर अफसर समेत कई पाकिस्तानी अधिकारी इन दिनों बांग्लादेश में हैं। यह यात्रा तब हो रही है जब हाल ही में बांग्लादेशी सैन्य अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान गया था और वहां की तीनों सेनाओं के प्रमुखों से मुलाकात की थी

बांग्लादेश और पाकिस्तान की सेना में साझेदारी! भारत के लिए कितना बड़ा खतरा?

#pakistanisichiefinbangladeshconcernfor_india

बांग्लादेश की सत्ता से शेख हसीना के बेदखल होने के बाद उसकी पाकिस्तान से करीबी बढ़ती ही जा रही है। भारत से दूर होने की पूरी कोशिश में लगे बांग्लादेश के अधिकारी चीन और पाकिस्तान के साथ अलग-अलग मुद्दों पर बैठक कर रहे हैं और यात्राओं का दौर जारी है। पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बढ़ते संबंधों के बीच पाकिस्तानी सेना की खुफिया विंग आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक ने बांग्लादेश का दौरा किया है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के चीफ की यह दशकों पर पहली ढाका यात्रा थी, जिसने भारत की पूर्वी और पूर्वोत्तर सीमाओं पर नई सुरक्षा चुनौतियों को लेकर चिंताओं को जन्म दिया है।

भारत और बांग्लादेश के बीच बीते करीब एक साल से संबंध पहले की तरह नहीं रहे हैं। दोनों देशों के बीच के संबंध अभी भी हर बीतते दिन के साथ तनावपूर्ण होते दिख रहे हैं। वहीं, शेख हसीना के पतन के बाद आ मोहम्मद युनूस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार पाकिस्तान से संबंध गहरा कर रही है। बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच न केवल द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने पर बात हो रही है बल्कि दोनों देश सैन्य सहयोग बढ़ाने में भी लगे हैं।

बुधवार को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई चीफ जनरल आसिफ मलिक ढाका पहुंचे हैं। दुबई के रास्ते ढाका पहुंचे मलिक का स्वागत बांग्लादेश सेना के लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद फैजुर रहमान ने किया, जिनके लिए माना जाते है कि उनके इस्लामवादियों और पाकिस्तान से कथित संबंध हैं।आईएसआई चीफ का दौरा ऐसे समय में हुआ है, जब बीते सप्ताह ही बांग्लादेश का एक उच्च स्तरीय रक्षा प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान की यात्रा करके लौटा है।

आईएसआई के इस दौरे से भारत की पूर्वी और पूर्वोत्तर सीमाओं पर सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ गई हैं। क्योंकि इस यात्रा का मकसद बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच खुफिया जानकारी साझा करना है। जानकार इस यात्रा को भारत के खिलाफ गतिविधियों को बढ़ावा देने के प्रयास के रूप में भी देख रहे हैं।

बांग्लादेशी सेना के अधिकारियों ने भी किया था पाकिस्तान का दौरा

इसके पहले बांग्लादेश के एक टॉप जनरल ने इस्लामाबाद में पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल सैयद आसिम मुनीर से मुलाकात की थी। बांग्लादेश के सशस्त्र बल के प्रिंसिपल स्टाफ अफसर लेफ्टिनेंट जनरल कमरुल हसन कई वर्षों इस्लामाबाद की यात्रा करने वाले पहले शीर्ष बांग्लादेशी जनरल थे। हसन बांग्लादेश की सेना में दूसरे नंबर के अधिकारी भी हैं। उनकी यात्रा दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों में आगे बढ़ने का साफ संकेत देती है।

भारत की बढ़ सकती है टेंशन

पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बढ़ती नजदीकियों का असर भारत और बांग्लादेश के बीच के संबंध पर भी पड़ सकता है। जानकार बताते हैं कि 1971 के बाद ये पहली बार हो रहा है कि बांग्लादेश और पाकिस्तान इतने करीब आ रहे हैं। ऐसे में ये भारत के साथ बांग्लादेश के पुराने संबंध को नुकसान जरूर पहुंचाएगा। पाकिस्तान अपनी सीमा पर आए दिन आतंकवादियों को बढ़ावा देकर भारत में अशांति फैलाने की कोशिश करता रहा है। बांग्लादेश के साथ सैन्य करीबी के बाद भारत को बांग्लादेश बॉर्डर पर आतंकी गतिविधियों का सामना करना पड़ सकता है।

जीवन अनमोल है यातायात नियमों का पालन करें --- पुलिस अधीक्षक अजय कुमार।
रामगढ़: 1 जनवरी 2025 से 31 जनवरी 2025 तक संचालित राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के तहत शुक्रवार शहर के बीचो-बीच को सुभाष चौक में यातायात नियमों का पालन करने हेतु नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम एवं नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया गया।सर्वप्रथम पुलिस अधीक्षक, रामगढ़ अजय कुमार,हजारीबाग क्षेत्रीय प्राधिकार के सचिव विजय कुमार,जिला परिवहन पदाधिकारी रामगढ़ मनीषा वत्स, पुलिस उपाधीक्षक चंदन वत्स, सीडीपीओ रामगढ़, यातायात प्रभारी,टैक्सी मेन्स यूनियन अध्यक्ष अमित कुमार सिन्हा सहित अन्य की उपस्थिति में नेत्र जॉच शिविर का विधिवत रूप से दीप प्रज्जित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।मौके पर नुक्कड़ दल के द्वारा यातायात के नियमों का पालन करने हेतु लाभ एवं यातायात नियमों का नहीं पालन करने हेतु होने वाले दुर्घटनाओं आदि समस्याओं की जानकारी दी गई। साथ ही उपस्थित पदाधिकारी के द्वारा आम लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए बिना हेलमेट वाले दो पहिया वाहन चालकों को ISI हेलमेट वितरण कर प्रोत्साहित करने का कार्य किया गया। वहीं बिना सीट बेल्ट धारक चालको एवं बिना हेलमेट पहन दो पहिया वाहन चालकों को गुलाब फूल देकर यातायात नियमों का पालन करने का अपील किया गया। आम नागरिकों के बीच सड़क सुरक्षा की शपथ दिलाकर उन्हें जागरूक किया गया। कार्यक्रम के दौरान पुलिस अधीक्षक अजय कुमार में सभी वाहन चालकों को वाहन चलाते समय यातायात नियमों का पालन करने का अपील किया साथ ही उन्होंने कहा कि अगर सभी लोग यातायात नियमों का पालन करते हैं तो हो रही रोज की सड़क दुर्घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकता है यातायात नियमों का पालन कर हम अपने जीवन की रक्षा तो करेंगे ही साथ ही अन्य परिवार के सदस्यों की जीवन की भी रक्षा की जा सकती है वहीं उन्होंने बड़े वाहन चालकों को वाहन के पीछे रिफ्लेक्टिव स्टीकर चिपकाने का अपील किया। कार्यक्रम के दौरान हजारीबाग क्षेत्रीय प्राधिकार के सचिव विजय कुमार ने कहा कि वाहन चालकों के लिए वाहन चलाते समय यातायात नियमों का पालन आवश्यक है वाहन चालक वाहन चलाने से पूर्व सभी प्रकार के दस्तावेज तैयार कर लें उसके बाद ही वाहन चलायें। नियमो का पालन कर वाहन चलाने से सड़क दुर्घटनाओं का रोकने में मदद मिलेगी। मौके पर जिला परिवहन पदाधिकारी मनीषा वत्स बताया कि यह कार्यक्रम सभी वाहन चालकों को जागरूक करने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है लोग अभी भी यातायात नियमों का पालन नहीं करते हैं इस वजह से अपना नुकसान तो करते ही हैं साथ ही राह में चल रहे अन्य वाहन चालकों को भी नुकसान पहुंचाते हैं वाहन चलाते समय यातायात नियम का पालन कर अपने जीवन के साथ-साथ अन्य परिवारों के भी जीवन को बचा सकते हैं वहीं उन्होंने दो पहिया चालक को एवं चार पहिया वाहन चालकों को बिना हेलमेट एवं सीट बेल्ट लगे वहां नहीं चलने की अपील की। साथ ही उन्होंने सभी अभिभावकों से अपील भी किया कि अगर कोई भी सदस्य वाहन लेकर घर से निकल रहे हो तो इसका विशेष ध्यान रखें की वह हेलमेट एवं सीट बेल्ट का प्रयोग किए हैं कि नहीं। वहीं 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को वाहन चलाने की अनुमति न देने की अपील भी की। मौके पर टैक्सी मेन्स यूनियन अध्यक्ष अमित कुमार सिन्हा ने जिले के सभी वाहन चालकों से अपील किया की यातायात नियम का पालन करना हम सभी का कर्तव्य है वाहन चलाते समय अपने एवं अन्य चालकों की भी चिंता जरूर करें वाहन चलाते समय मानक स्पीड के अनुरूप ही अपने-अपने वाहनों को चलाएं साथ ही उन्होंने सभी छोटे-बड़े वाहन चालकों को अपने वाहन के पीछे रिफ्लेक्टिव टेप प्रयोग करने का अपील किया वहीं उन्होंने दुर्घटनाओं कैसे बचा जाए इस संबंध में भी सभी को जानकारी दिए। शिविर में आइरिश हॉस्पिटल के नेत्र रोग विशेषज्ञ नवनीत चतुर्वेदी द्वारा कई वाहन चालकों के आंख की जांच कर उन्हें उचित परामर्श दिया गया। कार्यक्रम के दौरान मुख्य रूप से यातायात थाना प्रभारी गजेंद्र पांडे, रामगढ़ थाना प्रभारी कृष्ण कुमार, रामगढ़, डॉ संजय सिंह,समाज सेवी अरूण कुमार सिन्हा, राकेश गुप्ता, नंदकिशोर गुप्ता सहित अन्य उपस्थित थे।
खालिस्तानी अर्श डल्ला पर बड़ा खुलासा, भारत के खिलाफ पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI दे रही घातक हथियार

डेस्क: खलिस्तान टाइगर फोर्स की कमान संभाल रहे अर्श डल्ला पर बड़ा खुलासा हुआ है। भारतीय खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI भारत के खिलाफ खलिस्तानी आतंकियों को हथियार भेज रही है। अर्श डल्ला के पास से कनाडा पुलिस ने कई हाइटेक हथियार बरामद किए हैं। जांच में पता चला कि ये हथियार अर्श डल्ला के हैं।

सूत्रों ने बताया कि खालिस्तानी अर्श डल्ला को कनाडा में 28 अक्टूबर की रात गोली लगी थी। ये गोली डल्ला के दाहिने हाथ में लगी थी। जानकारी के अनुसार, अर्श डल्ला और उसका एक साथी गुरजंत सिंह कार में मिल्टन इलाके से गुजर रहे थे। तभी उसकी कार में रखे हथियार से गलती से गोली चल जाती है। जिसमें वह घायल हो जाता है। इसके बाद डल्ला अस्पताल में इलाज कराने पहुंचा।

अस्पताल प्रशासन गोली लगने से घायल होने की जानकारी पुलिस को दी। डल्ला ने एक फर्जी कहानी बनाते हुए बताया कि उस पर एक कार में आए हमलावरों ने हमला किया है। पुलिस अस्पताल में पहुंची और डल्ला से बात करने के बाद उसकी गाड़ी की तलाशी लेती है। इसके बाद पुलिस घटना के बाद गाड़ी का रूट चेक करती है। पुलिस वारदात वाले रूट पर एक घर में पहुंची। उस घर के गैराज से पुलिस को कई प्रतिबंधित हथियार और कारतूस मिले। जांच में पता चला कि ये हथियार अर्श डल्ला के हैं।

बता दें कि अभी हाल में ही कनाडा पुलिस ने अर्श डल्ला को गिरफ्तार किया था। यह घटनाक्रम भारत और कनाडा के बीच गहराते तनाव के बीच आया है। डल्ला हरदीप सिंह निज्जर का करीबी सहयोगी है। निज्जर जून 2023 में सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर मारा गया था। डल्ला की जमानत अर्जी पर आज सुनवाई होगी।
వినియోగదారులకు నాణ్యత ప్రమాణాలు ముఖ్యమే: కొడారి వెంకటేష్ వినియోగదారుల సంఘం జిల్లా అధ్యక్షులు

ఏదైనా వస్తువు కొనాలంటే దాని యొక్క నాణ్యతా ప్రమాణాలను తప్పనిసరిగా వినియోగదారుడు గమనించాలని వినియోగదారుల సంఘం జిల్లా అధ్యక్షులు కొడారి వెంకటేష్ కోరారు . సోమవారం "ప్రపంచ నాణ్యతా ప్రమాణాల దినోత్సవం" సందర్భంగా ఆయన వినియోగదారులకు శుభాకాంక్షలు తెలిపారు. ఆయన మీడియాతో మాట్లాడుతూ మన దేశంలో ఐ.ఎస్.ఐ మార్క్ (ISI Mark ), బి.ఐ.ఎస్ మార్క్ (BIS Mark), ఆగ్ మార్క్ (AG Mark), ఎఫ్ పి ఓ మార్క్ (FPO Mark) లాంటి ప్రభుత్వ సంస్థల పర్యవేక్షణలో వస్తువుల తయారీ మరియు నాణ్యతా ప్రమాణాలను ఆయన అన్నారు. ప్రతి వస్తువు యొక్క బాక్స్ లపై పై మార్కు లను చూసి కొనుగోలు చేయాలన్నారు. ప్రతి వినియోగదారుడు ఖర్చు పెట్టిన "డబ్భుకు తగిన నాణ్యమైన వస్తువులు పొందటం అనేది వినియోగదారుల హక్కు" అని ఆయన అన్నారు. అంతర్జాతీయ స్థాయిలో నాణ్యతా ప్రమాణాల దినోత్సవం ను 1946 అక్టోబర్ 14 న ప్రారంభమై ప్రతి ఏటా జరుపుకుంటున్నామని ఆయన గుర్తు చేశారు. ఈ సందర్భంగా ఆయన మాట్లాడుతూ ప్రస్తుతం ఎక్కడ చూసినా మార్కెట్ లో కల్తీ, నకిలీ వస్తువుల తయారీ, రవాణా మరియు అమ్మకాలు పెరిగిపోయాయని , దీంతో అమాయక వినియోగదారులు ఆర్ధికంగా మరియు ఆరోగ్యపరంగా నష్టపోతున్నారని ఆయన ఆవేదన వ్యక్తం చేశారు. వినియోగదారుల హక్కుల పరిరక్షణ చట్టాలు (1986, 2018) ఉన్నప్పటికీ, చాలా మందికి ఈ చట్టాలపై అవగాహన లేదని, ఒకవేళ వున్నా మనకు ఎందుకులే అని మౌనంగా ఉండిపోతున్నారని ఆయన అన్నారు. కొంతమంది వినియోగదారులు యూట్యూబ్ ల్లో వచ్చే వీడియోలు ఆధారంగా అమెజాన్ , ప్లిప్ కార్డ్ లాంటి ఆన్లైన్ సంస్థల ద్వారా ఆరోగ్యానికి సంబంధించిన మందులు, ఇతర సౌందర్య సాధనలను కొనుగోలు చేస్తున్నారని ఆయన తెలిపారు. వీటి లో ఎంత వరకు నాణ్యతా ప్రమాణాలు ఉన్నాయో చెప్పలేమని, అందుకే నిపుణుల సలహాలు లేకుండా మందులు కొనకూడదని ఆయన సూచించారు . అదే విధంగా చర్మ సౌందర్య సాధానాల విషయంలో కూడా వినియోగదారులు చాలా జాగ్రత్తగా ఉండాలని ఆయన అన్నారు. ప్రభుత్వం, వస్తువుల నాణ్యతా ప్రమాణాల పై ప్రజలకు మరింత అవగాహన కల్పించాలని, నకిలీ వస్తువులు అమ్మే వారిపై గట్టి నిఘా ఏర్పాటు చేయాలని ఆయన డిమాండ్ చేశారు. వినియోగదారుల హక్కులను, పాలకులు చిత్తశుద్ధితో కాపాడాలని ఆయన కోరారు.
क्या हसीना के हटते ही ढाका में भारत विरोधी एजेंडे पर काम हो रहा? अब इस आतंकी को जेल से रिहा किया गया

#mufti_jashimuddin_rahmani_abt_chief_released_bangladesh_jail 

बांग्लादेश में शेख हसीने के सत्ता से हटने और देश छोड़ने के बाद गठित अंतरिम सरकार ने कुछ ऐसे फैसले लिए हैं, जिसपर सवाल उठ रहे हैं। सवाल ये हो रहे हैं कि क्या बंगाल की केयर टेकर सरकार के फैसले भारत की मुश्किलें बढ़ सकती है? एक तरफ बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत जमात-ए-इस्लामी पर लगी पाबंदी हटा ली है। वहीं, दूसरी ओर अल-कायदा से जुड़े आतंकवादी संगठन अंसारुल्लाह बंगला टीम (एबीटी) के प्रमुख जशीमुद्दीन रहमानी को रिहा कर दिया है। यह भारत के लिए बड़ी सुरक्षा चिंता का विषय हो सकता है क्योंकि एबीटी कभी भारत में अपने नेटवर्क का विस्तार करने की कोशिश कर चुका है।

मुफ्ती जशीमुद्दीन रहमानी उन सैकड़ों आतंकवादियों में से एक था, जिसे तत्कालीन शेख हसीना सरकार ने सलाखों के पीछे डाला था। 12 अगस्त 2013 को रहमानी को लोगों को हिंसा के लिए उकसाने के आरोप में बरगुना में गिरफ़्तार किया गया था। अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के 30 सदस्यों को भी गिरफ़्तार किया गया था। 2013 में गिरफ़्तारी के बाद से रहमानी जेल में ही था। उन पर छह अलग-अलग मामले चल रहे हैं और पुलिस ने उनके ख़िलाफ़ सभी मामलों में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। 31 दिसंबर 2015 को ढाका की एक अदालत ने ब्लॉगर राजीब हैदर की हत्या से जुड़े एक मामले में उन्हें पांच साल की सजा सुनाई थी। 

जशीमुद्दीन रहमानी को 2013 में धर्मनिरपेक्ष ब्लॉगर राजीब हैदर की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। 15 फरवरी, 2013 की रात को हैदर को ढाका में उनके घर के सामने मौत के घाट उतार दिया गया था। इस हत्या के लिए शहर की एक अदालत ने दो लोगों – फैसल बिन नईम और रिजवानुल आजाद राणा – को मौत की सजा सुनाई थी।

बांग्लादेश ने मई 2015 में तीन धर्मनिरपेक्ष ब्लॉगर्स की हत्या में शामिल होने के लिए कट्टरपंथी इस्लामी संगठन एबीटी पर प्रतिबंध लगा दिया था। समूह ने अत्यधिक प्रेरित और शिक्षित विश्वविद्यालय के छात्रों की भर्ती शुरू की, जो अंग्रेजी भाषा में पारंगत और सोशल मीडिया के जानकार होते थे। 2016 में किए गए एक आकलन के अनुसार, एबीटी हरकत उल-जिहाद अल-इस्लामी-बांग्लादेश (एचयूजेआई-बी) और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से बड़ा संगठन था।

विश्लेषकों ने आशंका जताई है कि मौजूदा राजनीतिक अस्थिरता कट्टरपंथी इस्लामी तत्वों को बांग्लादेश में खुद को एकजुट करने में अहम रोल निभाग सकता है। वे कहते हैं कि ये तत्व पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के कहने पर भारत विरोधी गतिविधियों में भी शामिल हो सकते हैं।

बता दें कि 2017 में भारत में पैर जमाने की कोशिश कर रहे पांच एबीटी आतंकवादियों को असम में पकड़ गया था। जुलाई 2022 में, असम में एबीटी से जुड़े दो मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया। 2022 में फिर से, एबीटी से जुड़े दो इमामों को गिरफ्तार किया गया। दोनों इमामों को असम में गोलपारा पुलिस ने अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) और इस्लामिक आतंकवादी समूह अल कायदा भारतीय उपमहाद्वीप के खिलाफ व्यापक आतंकवाद विरोधी अभियान के तहत गिरफ्तार किया था। पुलिस द्वारा कई घंटों तक पूछताछ करने के बाद, तिलपारा नतून मस्जिद के इमाम जलालुद्दीन शेख (49) और मोरनोई के टिंकुनिया शांतिपुर मस्जिद के इमाम अब्दुस सुभान (43) दोनों को पुलिस हिरासत में ले लिया गया।

दिल्ली: आतंकवादी फ़रहतुल्लाह ग़ोरी ने भारत की ट्रेनों को बम से उड़ाने की दी धमकी


 

नई दिल्ली:- पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी लगातार भारत में स्लीपर सेल के जरिए हमले करने की कोशिश करते रहते हैं हालांकि, भारत में खुफिया एजेंसियां इन आतंकियों के नापाक मंसूबों को कामयाब नहीं होने देती। मौजूदा समय में भारत की खुफिया एजेंसियां काफी ज्यादा अलर्ट हैं। इसके पीछे वजह है पाकिस्तान में बैठा आतंकी फरहतुल्लाह घोरी।

दरअसल,फरहतुल्लाह घोरी का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वो स्लीपर सेल के जरिए भारत में ट्रेनों पर हमले करने की बात कर रहा है। वीडियो में उसने प्रेशर कुकर के जरिए बम विस्फोट के विभिन्न तरीकों के बार में बात कर रहा है।

भारत में भगोड़ा घोषित किए जाने के बाद घोरी पाकिस्तान में छिपा हुआ है। उसने ही पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) की मदद से स्लीपर सेल के जरिए बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में विस्फोट की साजिश रची थी। 1 मार्च को रामेश्वरम में हुई ब्लास्ट में 10 लोग घायल हुए थे।

कौन है फरहतुल्लाह घोरी?

अबू सूफियान, सरदार साहब और फारू के नाम से मशहूर फरहतुल्लाह घोरी एक आतंकवादी है। साल 2002 में गुजरात के अक्षरधाम मंदिर पर हुए हमले में उसका हाथ है। वहीं,साल 2005 में हैदराबाद टास्ट फोर्स ऑफिस पर हुए आत्मघाती हमले के लिए भी वो जिम्मेदार है।फरहतुल्लाह घोरी और उसके दामाद शाहिद फैसल का दक्षिण भारत में स्लीपर सेल का एक मजबूत नेटवर्क है। फैसल रामेश्वरम कैफे विस्फोट के दोनों आरोपियों के संपर्क में था और मामले में हैंडलर था।

कुछ महीने पहले,

 पुणे-आईएसआईएस मॉड्यूल के कई आतंकवादियों को देश भर से गिरफ्तार किए जाने के बाद दिल्ली पुलिस ने घोरी का नाम रिकॉर्ड पर लिया था। उस समय अधिकारियों ने दावा किया था कि आईएसआई भारत में स्लीपर सेल चला रही है और हमलों को अंजाम देने के लिए युवाओं की भर्ती कर रही है।

1 सितंबर से लागू होंगे ट्रैफिक रूल्स के नए नियम,जानें क्या हैं ट्रैफिक नियम?

सरकार द्वारा ट्रैफिक रूल्स हमारी सुरक्षा के लिए बनाए जाते हैं. अगर लोग इन यातायात नियमों का पालन नहीं करते हैं तो ट्रैफिक पुलिस द्वारा लोगों का चालान काटा जाता है. आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने इन्हीं ट्रैफिक रूल्स में एक और नियम को शामिल कर दिया है. इस नए नियम के तहत किसी भी टू-व्हीलर पर सवार पीछे बैठने वाले व्यक्ति को भी आगे वाहन चालक के साथ में हेलमेट पहनना अनिवार्य है.

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का ये नया नियम के इस राज्य के शहर विशाखापट्टनम में 1 सितंबर से लागू कर दिया जाएगा. देश के कई बड़े शहरों में इस नियम का सख्ती से पालन हो रहा है. देश की राजधानी दिल्ली में भी ये नियम लागू है और इस नियम का पालन नहीं करने पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा चालान काटा जाता है. विशाखापट्टनम में इस नियम के उल्लंघन पर 1035 रुपये का चालान काटा जाएगा.

क्या हैं ट्रैफिक नियम?

आप बाइक पर सवार हों चाहे गाड़ी में, ट्रैफिक रूल्स सड़क पर चलने वाले सभी वाहनों के लिए बनाए जाते हैं. सड़क पर कार या बाइक को सावधानीपूर्वक चलाना चाहिए. कोई भी लापरवाही होने पर सड़क दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है.

जब भी आप टू-व्हीलर पर सफर करें, तो बाइक या स्कूटर पर बैठे दोनों राइडर्स को हेलमेट लगाना जरूरी है. हेलमेट लगाने के साथ ही इसकी क्वालिटी पर ध्यान देना भी आवश्यत है. टू-व्हीलर चलाते वक्त ISI मार्क वाले हेलमेट का ही प्रयोग करना चाहिए.

4-व्हीलर से सफर करते वक्त सबसे जरूरी बात है कि फ्रंट सीट पर बैठे दोनों व्यक्तियों को सीट बेल्ट लगाना जरूरी है. अगर आप सीट बेल्ट नहीं लगाते हैं, तो आज के समय में गाड़ियों में पैसेंजर को रिमाइंडर देने के लिए गाड़ी में सिंग्नल भी दिया जाता है. सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए आने वाले समय गाड़ी में पीछे बैठने वाले पैसेंजर्स के लिए भी सीट-बेल्ट लगाना अनिवार्य किया जा सकता है.

गाड़ी चलाते वक्त स्पीड लिमिट का ध्यान रखना भी जरूरी है. ये स्पीड लिमिट हर क्षेत्र और वाहन को ध्यान में रखते हुए ही निर्धारित की जाती है.

शराब या अन्य किसी नशे की हालत में ड्राइविंग नहीं करनी चाहिए. ऐसा करते पकड़े जाने पर ट्रैफिक पुलिस मोटा चालान काटती है. इस नियम के उल्लंघन पर जेल की सजा भी काटनी पड़ सकती है.

सितंबर में अमेरिका जाएंगे नेता विपक्ष राहुल गांधी ! पिछले विदेशी दौरों पर हो चुका है विवाद

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सितंबर में अमेरिका जाने की संभावना है, जहां वे भारतीय प्रवासियों, छात्रों और अमेरिकी सांसदों से मुलाकात कर सकते हैं। लोकसभा में विपक्ष के नेता (LoP) बनने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा होगी। सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी सितंबर के दूसरे सप्ताह में अमेरिका के लिए रवाना हो सकते हैं और वहां 8 से 9 दिनों तक रह सकते हैं। उनका यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार का दौर चरम पर है।

उल्लेखनीय है कि, 2014 से 2024 तक लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद खाली रहा था, क्योंकि उस समय कोई भी विपक्षी दल इस पद के लिए पर्याप्त सांसदों की संख्या नहीं जुटा पाया था। हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी की सीटों की संख्या 99 पहुंचने के बाद, 25 जून, 2024 को राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया। अब नेता विपक्ष बनने के बाद ये उनका पहला विदेशी दौरा होने जा रहा है। लेकिन इससे पहले बीते 10 सालों में राहुल, जब जब विदेश गए हैं, वहां दिए गए उनके बयानों से भारत में जमकर सियासी बवाल मचा है। 

राहुल गांधी के विदेश दौरे और विवाद

बता दें कि, राहुल गांधी का चुनावी मौसम के दौरान या ऐसे समय जब उनकी पार्टी को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत है, जनता को बताए बिना 'गुप्त' छुट्टियों पर जाने का इतिहास रहा है। वे विदेश किसलिए जाते हैं, वहां जाकर वे किससे मिलते हैं ? ये तमाम बातें मीडिया में भी नहीं आती। बाद में उनकी मुलाकातों की तस्वीरें जब सोशल मीडिया के जरिए सामने आती हैं, तब उनपर बवाल होता है, क्योंकि अधिकतर समय कोई न कोई भारत विरोधी शख्स उनके साथ नज़र आ ही जाता है। 

अप्रैल 2022 में, चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर द्वारा पार्टी में शामिल होने के कांग्रेस के प्रस्ताव को अस्वीकार करने के बाद, राहुल गांधी अचानक गायब हो गए थे। रिपोर्टों में बताया गया था कि गांधी 10 दिनों से अधिक समय तक लापता रहे और उनसे संपर्क नहीं हो सका, जिससे पार्टी को संकट के दौरान अकेले ही कार्रवाई करनी पड़ी। इससे पहले दिसंबर 2021 में, वायनाड के सांसद 2022 में होने वाले 5 राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अभियान और रैलियों से पहले इटली की निजी यात्रा पर निकल गए थे। जिसके कारण पार्टी को पंजाब में राहुल गांधी की पहले से निर्धारित रैली को स्थगित करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। 

दिवाली 2021 से ठीक पहले, राहुल गांधी फिर से बिना किसी सूचना के लापता हो गए थे, कथित तौर पर लंदन चले गए थे। उसी वर्ष 5 नवंबर को, यह बताया गया कि गांधी 'लंबी छुट्टी' पर थे। यहाँ तक कि, संसद में बोलने न देने का आरोप लगाने वाले राहुल गांधी, संसद में शीतकालीन सत्र शुरू होने से ठीक पहले अचानक विदेश निकल गए थे और लगभग एक महीने बाद लौटे। उस वक्त भाजपा ने राहुल गांधी पर कटाक्ष किया था और उनकी लंदन यात्रा पर सवाल उठाए थे। सितंबर 2021 में, जब पंजाब में कांग्रेस पार्टी अमरिंदर सिंह के इस्तीफे से संकट का सामना कर रही थी, तब गांधी परिवार शिमला में छुट्टियां मना रहा था।

दिसंबर 2020 में राहुल गांधी अपनी पार्टी के 136वें स्थापना दिवस का कार्यक्रम छोड़कर इटली निकल लिए थे। उनकी पार्टी के नेता एक स्पष्टीकरण पर सहमत नहीं हो सके और आगे चलकर खुद को मीडिया के सवालों का निशाना बना गए। अक्टूबर 2019 में, हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से 15 दिन पहले, राहुल गांधी कथित तौर पर बैंकॉक के लिए रवाना हो गए थे। उसी साल जून में, संसदीय चुनावों की मतगणना से पहले, राहुल गांधी UPA अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में शामिल नहीं हुए और छुट्टी मनाने के लिए लंदन चले गए।

बता दें कि, नवंबर 2019 में, भाजपा नेता राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी से उनकी विदेश यात्राओं पर विशेष सुरक्षा समूह (SPF) कर्मियों को अपने साथ नहीं ले जाने के फैसले के बारे में सवाल किया था। राजनाथ सिंह ने कहा था कि, 'पिछले दो वर्षों में, राहुल गांधी छह विदेशी यात्राओं पर 72 दिनों के लिए बाहर गए थे। लेकिन उन्होंने SPG का सुरक्षा कवर नहीं लिया। उन्होंने SPG कवर क्यों नहीं लिया? हम जानना चाहते हैं कि राहुल गांधी SPG सुरक्षा प्राप्त होने के बावजूद विदेशी दौरों पर एसपीजी को साथ न ले जाकर क्या छिपाने की कोशिश कर रहे हैं।'

इस तरह का जानबूझकर उठाया गया कदम कथित तौर पर SPG अधिनियम का उल्लंघन है। भारत और विदेश दोनों में सुरक्षा नियमों के बार-बार उल्लंघन के मद्देनजर, 2019 में उनकी SPG सुरक्षा रद्द कर दी गई और उन्हें Z CRPF सुरक्षा कवर प्रदान किया गया था।

उल्लेखनीय है कि, राहुल गांधी 2023 में भी 10 दिवसीय अमेरिका दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने नेशनल प्रेस क्लब, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी और 'थिंक टैंक' के साथ कथित तौर पर भारत और अमेरिका के बीच संबंधों पर चर्चा की थी। हडसन इंस्टीट्यूट ने इन "थिंक टैंक" के साथ गहन बातचीत में राहुल गांधी की तस्वीरें ट्वीट कीं थीं। हडसन इंस्टीट्यूट में हुए इस कार्यक्रम में ''सुनीता विश्वनाथ'' राहुल गांधी के साथ बैठी नज़र आईं थीं। अब गौर कीजिए कि, सुनीता विश्वनाथ HfHR की सह-संस्थापक हैं, जिन्होंने इंडियन अमेरिकन मुस्लिम कॉउन्सिल (IAMC) के साथ पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक पत्र पर हस्ताक्षर भी किए हैं।

इन्फो-वॉरफेयर और साइ-वॉर की जांच OSINT डिसइन्फो लैब ने एक जांच की थी, जिसमें खुलासा हुआ था कि सुनिया विश्वनाथ का 'हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स (HfHR)' 'हिंदू बनाम हिंदुत्व' की भ्रामक कहानी को बढ़ावा दे रहा था। इसी संगठन को 'डिसमेंटलिंग ग्लोबल हिंदुत्व' (वैश्विक हिंदुत्व को ख़त्म करना) कार्यक्रम का समर्थन करते हुए भी देखा गया था। डिसइन्फो लैब के अनुसार, HfHR का गठन वर्ष 2019 में इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IAMC) और ऑर्गनाइजेशन फॉर माइनॉरिटीज ऑफ इंडिया (OFMI) नामक दो इस्लामवादी वकालत समूहों द्वारा किया गया था। दिलचस्प बात यह है कि तीनों संगठनों ने अलायंस फॉर जस्टिस एंड अकाउंटेबिलिटी (AJA) नामक एक और संगठन बनाया था।

एक रिपोर्ट के अनुसार, एलायंस फॉर जस्टिस एंड अकाउंटेबिलिटी (AJA) 22 सितंबर, 2019 को पीएम मोदी की ह्यूस्टन यात्रा के खिलाफ प्रदर्शनों का नेतृत्व करने में सबसे आगे था। डिसइन्फो लैब के मुताबिक, हिंदूज फॉर ह्यूमन राइट्स (HfHR) की सह-संस्थापक सुनीता विश्वनाथ 'वीमेन फॉर अफगान वुमेन' नाम से एक संगठन भी चलाती हैं, जिसे (जॉर्ज) सोरोस ओपन सोसाइटी फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित किया जाता है। बता दें कि, अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस पर मीडिया और 'सिविल सोसाइटी' के माध्यम से एक खतरनाक भारत विरोधी साजिश को गढ़ने के गंभीर आरोप हैं। 

सितंबर 2023 में राहुल गांधी को भारत विरोधी इतालवी वामपंथी राजनेता फैबियो मासिमो कास्टाल्डो के साथ देखा गया था। फैबियो मास्सिमो कास्टाल्डो कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक एक्स हैंडल द्वारा एक्स पोस्ट की दूसरी तस्वीर में सबसे दाईं ओर लाल टाई पहने हुए व्यक्ति नज़र आए थे। फैबियो मास्सिमो कास्टाल्डो का यूरोप में पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI की संपत्ति - परवेज़ इकबाल लोसर के साथ संबंध - राहुल गांधी के यूरोपीय संसद का दौरा करने के इरादे को संदेह के घेरे में लाता है। इसलिए, फैबियो मास्सिमो कास्टाल्डो और उसके कथित ISI मित्र परवेज़ इकबाल लोसर के बारे में अधिक जानना आवश्यक है।

बता दें कि, फैबियो मास्सिमो कास्टाल्डो यूरोपीय संसद के पूर्व सदस्य हैं। इतालवी वामपंथी राजनेता परवेज़ इक़बाल लॉसर के मित्र हैं, जो पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) की यूरोप संपत्ति हैं। लॉसर कश्मीर मुद्दे पर भारत विरोधी प्रचार करने और यूरोप में भारत के हितों के खिलाफ पैरवी करने का काम कर रहा है। फैबियो मास्सिमो कास्टाल्डो की पुरानी एक्स पोस्टों में से एक इसका सबूत मौजूद है। राहुल गांधी ने अपनी सितंबर यात्रा के दौरान एमईपी पियरे लारौटुरो से भी मुलाकात की थी। 

मणिपुर मुद्दे पर जुलाई में यूरोपीय संघ की संसद में पारित भारत विरोधी प्रस्ताव के पीछे एमईपी पियरे लारौटुरोउ प्रमुख शख्सियतों में से एक थे। एक लंबे सोशल मीडिया शेखी बघारते हुए, पियरे लारौटुरो ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि यूरोपीय संघ का प्रस्ताव विशेष रूप से पीएम मोदी की फ्रांस यात्रा को लक्षित करने के लिए था। यूरोपीय संसद में समाजवादियों और डेमोक्रेट्स के प्रगतिशील गठबंधन का प्रतिनिधित्व करने वाले पियरे लारौटुरो ने 'भारत, मणिपुर में स्थिति' शीर्षक वाले प्रस्ताव को पेश करने का नेतृत्व किया था।

वहीं, अलविना अलमेत्सा, जिनसे राहुल गांधी ने ब्रुसेल्स में मुलाकात की थी, वह भी उन एमईपी में से एक थीं जो इस प्रस्ताव के पीछे थे। अलमेत्सा यूरोप में मुखर भारत विरोधी प्रचारक रहे हैं। इस साल जनवरी में, उन्होंने ISI से जुड़े संगठन 'द लंदन स्टोरी' द्वारा आयोजित प्रशांत भूषण और शाहरुख आलम के साथ एक चर्चा में भाग लिया था। जुलाई 2023 में, यूरोपीय संघ के पूर्ण सत्र में बोलते हुए, अलमेत्सा ने कहा कि स्थिति की 'निगरानी' करने और शांतिपूर्ण समाधान लाने के लिए बाहरी पर्यवेक्षकों को मणिपुर में अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि भारत में मानवाधिकारों और प्रेस की स्वतंत्रता की स्थिति खराब हो रही है और उन्होंने भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का आह्वान किया।

अलविना अलमेत्सा भारत के खिलाफ अपने अभियान, कॉलम लिखने, पैरवी करने और यूरोपीय संघ में भारतीय हितों के खिलाफ अभियान चलाने में लगातार लगी हुई हैं। जनवरी 2021 में, उन्होंने ईयू ऑब्जर्वर में एक लेख लिखकर भारत में 'मानवाधिकार' की स्थिति में हस्तक्षेप के लिए ईयू के समर्थन का आह्वान किया। अपनी भारत-केंद्रित बातचीत और कथा में, अलमेत्सा तीस्ता सीतलवाड से लेकर संजीव भट्ट और स्टेन स्वामी तक सभी भारत विरोधी आवाज़ों को बढ़ावा देने या समर्थन करने के लिए प्लेटफार्मों का उपयोग कर रही है।

महंगाई, रोहिंग्या, कर्ज और आतंकवाद..! कई चुनौतियों के बीच भारत आईं बांग्लादेशी PM शेख हसीना, पीएम मोदी से की मुलाकात


बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आज शनिवार को नई दिल्ली में अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। वह भारत की राष्ट्रीय राजधानी की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर हैं। यह उनकी दो सप्ताह से भी कम समय के अंतराल में दूसरी यात्रा है। शेख हसीना की भारत यात्रा कई कारकों के कारण बेहद नाजुक समय पर हो रही है। प्रधानमंत्री के प्रेस विंग द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में यात्रा के मुख्य अंश दिए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि यात्रा के दौरान दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच आमने-सामने की बैठक होगी, जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी। यात्रा के दौरान, बांग्लादेश और भारत मौजूदा द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए कई समझौतों और समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर करेंगे। इसके अतिरिक्त, संभावित व्यापार समझौते पर चर्चा की उम्मीद है। पिछले एक दशक में, एक मजबूत क्षेत्रीय साझेदारी योजना के हिस्से के रूप में कई सीमा पार पहल शुरू की गई हैं। सबसे पहले, यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब बांग्लादेश गंभीर आर्थिक कठिनाई का सामना कर रहा है, विदेशी मुद्रा भंडार में खतरनाक गिरावट आई है और निकट भविष्य में भी इस स्थिति से उबरने की कोई व्यावहारिक उम्मीद नहीं है। हालाँकि बांग्लादेश के वित्त मंत्री ए एच महमूद अली ने संवाददाताओं से कहा कि संघर्षरत अर्थव्यवस्था और मुद्रास्फीति छह महीने के भीतर नियंत्रण में आ जाएगी, लेकिन आर्थिक विशेषज्ञ कह रहे हैं - ऐसी उम्मीद या भविष्यवाणी वास्तविकताओं पर आधारित नहीं है। इस बीच, ढाका ने चीन से 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का सॉफ्ट-लोन मांगा है और यह अनुमान है कि शेख हसीना की 9-12 जुलाई की चीन की आधिकारिक यात्रा के दौरान इसे अंतिम रूप दिया जा सकता है, अर्थशास्त्री चेतावनी दे रहे हैं - यह सॉफ्ट-लोन अंततः बांग्लादेश को चीन के कर्ज के जाल में डाल देगा, जहाँ बीजिंग कई तरह के लाभ और रणनीतिक लाभ उठाने का प्रयास करेगा। इस बीच, पिछले साल गाजा में इजरायल के सैन्य अभियानों के बाद से, विदेश मंत्री हसन महमूद सहित बांग्लादेश के अधिकारी इजरायल की अत्यधिक आलोचना कर रहे हैं और यहाँ तक कि यहूदियों की आलोचना भी कर रहे हैं। इस स्थिति का अनुचित लाभ उठाते हुए, इस्लामवादी और धार्मिक कट्टरपंथी - जिनमें से अधिकांश सत्तारूढ़ अवामी लीग के प्रतिद्वंद्वी गुट से संबंधित हैं, जिसमें अलकायदा से जुड़ी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) भी शामिल है, ने सरकार की यहूदी विरोधी नीति का लाभ उठाना शुरू कर दिया और धार्मिक कट्टरता को अपने राजनीतिक एजेंडे में मिलाना शुरू कर दिया, जबकि इजरायल विरोधी, यहूदी विरोधी और भारत विरोधी तत्व इजरायल, यहूदी और भारतीय उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान करके इस प्रवृत्ति में शामिल हो गए। इस बीच, पाकिस्तानी ISI के एक सहयोगी पिनाकी भट्टाचार्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने भारत विरोधी प्रचार को तेज कर दिया है और हाल के दिनों में, वह खुले तौर पर यह कहते हुए प्रसन्नता व्यक्त कर रहे हैं - भारत को बांग्लादेश से बाहर कर दिया गया है और अब चीन इस क्षेत्र में प्रवेश करेगा। वह यहूदियों पर एडोल्फ हिटलर की क्रूरता और होलोकॉस्ट को सही ठहराते हुए वीडियो सामग्री भी प्रकाशित कर रहे हैं, जिसमें कहा गया है कि यहूदी बुरे लोग हैं और इसीलिए यूरोप में उनसे नफरत की जाती है। पिनाकी भट्टाचार्य ने शेख हसीना विरोधी प्रचार को इजरायल विरोधी और भारत विरोधी एजेंडे के साथ मिलाकर भी तेज कर दिया है। जैसे कि अल जजीरा इंग्लिश भी भड़काऊ सामग्री प्रसारित करके चल रहे इजरायल विरोधी और भारत विरोधी भावना में शामिल हो गया है। सत्तारूढ़ अवामी लीग सरकार अब अमेरिकी और यूरोपीय उत्पादों को इजरायली और यहूदी कंपनियों द्वारा निर्मित बताकर उनके खिलाफ इस तरह की बदनामी और लगातार फैलते प्रचार का लाभ नहीं उठा सकती। बांग्लादेश सरकार के लिए - अब यह वास्तव में दोहरा संकट है, हालांकि वे इस स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं। दोहरा संकट इसलिए क्योंकि अगर सत्तारूढ़ अवामी लीग इजरायली, यहूदी और भारतीय उत्पादों के खिलाफ चल रहे बहिष्कार के पागलपन को रोकने का प्रयास करेगी, तो वे अब देश में इस्लामी ताकतों का निशाना बन जाएंगे, जबकि अगर सरकार इस मामले पर चुप रहेगी, तो अंततः इसके गंभीर परिणाम होंगे, जहां बांग्लादेशी परिधान उत्पादों के यहूदी खरीदार देश को यहूदी विरोधी बताकर ऑर्डर रद्द करना शुरू कर सकते हैं। यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था यूरोपीय और अमेरिकी बाजारों में रेडीमेड कपड़ों के निर्यात पर बहुत अधिक निर्भर है। इस बीच, शेख हसीना के राजनीतिक विरोधी यह कहते हुए दुष्प्रचार तेज़ कर रहे हैं कि इस साल दिसंबर तक उनकी सरकार गिर जाएगी। संदेहास्पद रूप से, राज्य मशीनरी इस तरह के दुष्प्रचार का मुकाबला करने में अनिच्छा या चुप्पी बनाए हुए है, जबकि यह धीरे-धीरे लोगों के बड़े हिस्से में नरक की आग की तरह फैल रहा है। शेख हसीना के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी कह रहे हैं कि अवामी लीग सरकार के प्रमुख सहयोगी नरेंद्र मोदी और उनकी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लोकसभा चुनावों के बाद पूरी तरह से कमजोर हो गई है क्योंकि भाजपा सरकार बनाने के लिए आवश्यक बहुमत हासिल करने में विफल रही है। उनका कहना है कि लगातार तीसरे कार्यकाल में मोदी की सरकार बेहद कमजोर है, जबकि यह स्पष्ट रूप से बैसाखियों पर चल रही है। शेख हसीना के लिए दो और चुनौतियाँ हैं - 1.20 मिलियन रोहिंग्याओं का अत्यधिक बोझ, खुफिया एजेंसियों ने रोहिंग्या शिविरों के अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के केंद्र में बदलने की चेतावनी दी है - और बांग्लादेश, म्यांमार और भारत के कुछ हिस्सों पर कब्ज़ा करके "पूर्वी तिमोर जैसा ईसाई राज्य" बनाने की पश्चिमी साजिश की तरफ इशारा किया है। ये शेख हसीना के लिए दो सबसे बड़ी समस्याएँ हैं जो सीधे देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के लिए ख़तरा हैं। इस बीच, बांग्लादेश में रोहिंग्याओं का एक बड़ा हिस्सा अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी समूहों के साथ-साथ बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी, जमात-ए-इस्लामी और देश में मौजूद अन्य इस्लामी ताकतों, जिनमें खलीफा समर्थक हिफ़ाज़त-ए-इस्लाम भी शामिल है, के साथ हाथ मिला रहा है। शेख हसीना की सरकार जहां मौजूदा आर्थिक संकट से निपटने में संघर्ष कर रही है, वहीं अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग और लोगों के एक वर्ग द्वारा सार्वजनिक संपत्ति की लूट के चौंकाने वाले विवरण दिए जा रहे हैं - जिनमें से अधिकांश सत्तारूढ़ अवामी लीग से जुड़े हैं, जबकि राज्य मशीनरी उन हाई-प्रोफाइल भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने में अनिच्छा दिखा रही है। विश्व बैंक के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि बांग्लादेश से हर साल करीब 3.15 बिलियन अमेरिकी डॉलर अवैध रूप से ऑफशोर खातों के जरिए बाहर जाते हैं, जबकि देश पिछले एक साल से विदेशी मुद्रा भंडार की कमी से जूझ रहा है। विश्लेषकों के अनुसार, चीन पर भारी निर्भरता वाली ढाका में एक कमजोर सरकार दिल्ली के लिए बेहद नुकसानदेह साबित हो सकती है क्योंकि बीजिंग बांग्लादेश को अपने भू-राजनीतिक खेल के मैदान के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश कर सकता है, जिसमें ज्यादातर भारत को निशाना बनाया जा सकता है। इसके साथ ही, वाशिंगटन, जो शेख हसीना की सरकार से स्पष्ट रूप से नाखुश है, वह रोहिंग्याओं को आतंकवादी और जिहादी गतिविधियों में इस्तेमाल करने के साथ-साथ "ईसाई राज्य" बनाने की अपनी साजिशों को तेज कर सकता है। अतीत में शेख हसीना कई बार भारत आ चुकी हैं, जहाँ वे यात्राएँ ज़्यादातर सुखद रही हैं। लेकिन इस बार शेख हसीना ऐसे समय में भारत आ रही हैं जब बांग्लादेश कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसमें एक बढ़ता हुआ आर्थिक संकट भी शामिल है। बांग्लादेश के भविष्य को लेकर वाकई पूरी तरह अनिश्चितता है, खास तौर पर इसलिए क्योंकि वाशिंगटन और उसके यूरोपीय सहयोगी बांग्लादेश को एक जहाज़ी राज्य में बदलने की बेताबी से कोशिश कर रहे हैं, जबकि दूसरी तरफ़ चीन बांग्लादेश को भारत से दूरी बनाने के लिए मजबूर करके अपना प्रभुत्व स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। यह वास्तव में ढाका में सत्तारूढ़ अभिजात वर्ग के लिए एक बहुत ही जटिल स्थिति है।