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ओवैसी ने इस चुनाव में किया कांग्रेस का समर्थन, जनता से की खास अपील

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एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन औवेसी ने तेलंगाना की राजनीति पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने तेलंगाना के जुबली हिल्स उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार नवीन यादव को समर्थन देने का ऐलान किया है। औवेसी ने साफ कहा कि एआईएमआईएम का कोई प्रत्याशी जुबली हिल्स से चुनाव नहीं लड़ेगा।

बीआरएस पर लगाया विकास ना करने का आरोप

ओवैसी ने कहा, जुबली हिल्स में उपचुनाव होने वाले हैं। रेवंत रेड्डी राज्य के मुख्यमंत्री हैं। इस उपचुनाव से न तो सरकार बनेगी और न ही सरकार बदलेगी। जुबली हिल्स की जनता ने बीआरएस के पूर्व विधायक को 10 साल दिए, लेकिन उन्होंने इसका कोई फायदा नहीं उठाया। जुबली हिल्स के किसी भी वार्ड में कोई विकास नहीं हुआ। वहां विकास के मुद्दे पर ही वोटिंग होनी चाहिए।

ओवैसी ने की कांग्रेस उम्मीदवार को वोट देने की अपील

एआईएमआईएम जुबली हिल्स से अपना उम्मीदवार नहीं उतार रही है। हम जुबली हिल्स की जनता से अपील करते हैं कि वे युवा नेता नवीन यादव (कांग्रेस उम्मीदवार) को वोट दें, ताकि वह जुबली हिल्स का विकास कर सकें। यह पार्टी का फैसला है। मौजूदा सरकार कम से कम 2.5 से 3 साल सत्ता में रहेगी और इस उपचुनाव से कुछ बदलने वाला नहीं है। 2028 में जब विधानसभा चुनाव होंगे तब आप देखेंगे कि एआईएमआईएम जुबली हिल्स में क्या करती है।

जुबली हिल्स सीट पर कांग्रेस ने नवीन यादव और बीआरएस ने मंगती सुनीता को उम्मीदवार बनाया है। मंगती सुनीता यहां के विधायक रहे मंगती गोपीनाथ की पत्नी हैं, जिनके निधन से यह सीट खाली हुई है। बीजेपी ने जुबली हिल्स से एल.दीपक रेड्डी को मैदान में उतारकर चुनाव को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की है।

बिहार में नामांकन का कल आखिरी दिन, INDIA गठबंधन में सस्पेंस बरकरार, जानें कितने साथ-कितने अलग

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी होने वाली है, लेकिन INDIA गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है. वहीं NDA ने लगभग अपने सभी मनमुटाव दूर कर लिए हैं और बिहार चुनाव में मजबूत नजर आ रही है.

वहीं INDIA गठबंधन के दलों में कई सीटों पर खींचतान जारी है. जिसकी वजह झारखंड के प्रमुख दल JMM ने इस गठबंधन को छोड़ दिया है. वहीं कुछ सीटों पर RJD और कांग्रेस में गंभीर तकरार है और दोनों ही अपने कैंडिडेट उतार सकते हैं.

JMM ने अलग रास्ता अपनाया

महागठबंधन INDIA में सहयोगी दलों के बीच सहमति बनाने की कोशिशें जारी हैं। हालांकि, झारखंड के प्रमुख दल JMM ने इस गठबंधन को छोड़कर बिहार की छह सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. इससे गठबंधन को एक बड़ा झटका लगा है. गठबंधन के नेता पहले नए साथियों को शामिल करने की जरूरत का हवाला दे रहे थे, लेकिन JMM के अलग होने से स्थिति और जटिल हो गई है

RJD और कांग्रेस में मनमुटाव

गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी RJD ने अपने उम्मीदवारों के टिकट बांटने शुरू कर दिए हैं, लेकिन अभी तक उसकी पूरी सूची सामने नहीं आई है. कई सीटों पर RJD ने अपने ही गठबंधन साथियों के उम्मीदवारों के खिलाफ टिकट दे दिए हैं, जिससे तनाव पैदा हो गया है. वहीं, कांग्रेस ने 48 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी, और अब उसने पांच और सीटों के उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं. इनमें किशनगंज सीट भी शामिल है, जहां कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायक को हटाकर AIMIM से आए एक नेता को टिकट दिया है. आरोप हैं कि कांग्रेस ने टिकट बेचे हैं, जबकि पार्टी नेता कह रहे हैं कि समझौता होने वाला है.

आठ सीटों पर आमने-सामने की आशंका

गठबंधन में समन्वय की कमी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कम से कम आठ सीटों पर एक ही गठबंधन के दो-दो उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. इनमें से तीन सीटों पर RJD और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला हो सकता है. वहीं, सत्तारूढ़ NDA में भी सब कुछ ठीक नहीं दिख रहा। जद(यू) ने अंतिम समय में अमौर सीट पर अपना उम्मीदवार बदल दिया और पूर्व भाजपा नेता सबीर अली को टिकट दे दिया, जिन्हें 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करने के कारण पार्टी से निकाला गया था.

कितनी सीटों पर लड़ रहे नितीश?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी JDU, जो भाजपा के बराबर 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, ने आखिरी समय में अमौर से पूर्व राज्यसभा सांसद साबिर अली को मैदान में उतारने का फैसला किया, जहाँ से उसने पहले सबा ज़फ़र को उम्मीदवार बनाया था, जो 2020 की उपविजेता थीं और जिन्होंने पांच साल पहले भी भाजपा के चुनाव चिन्ह पर यह सीट जीती थी.

दिलचस्प बात यह है कि अली को 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करने के कारण जद (यू) से निकाल दिया गया था, जिन्हें पार्टी सुप्रीमो अपना कट्टर विरोधी मानते थे. बाद में अली भाजपा में शामिल हो गए और उन्हें पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का महासचिव बनाया गया है.

NDA की मढ़ौरा सीट पर कोई उम्मीदवार नहीं

सत्तारूढ़ गठबंधन को मढ़ौरा सीट पर भी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा, यहां केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की उम्मीदवार भोजपुरी अभिनेत्री से नेता बनीं सीमा सिंह का नामांकन पत्र तकनीकी आधार पर खारिज कर दिया गया.

यह सीट अब पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक जितेंद्र कुमार राय के पक्ष में एकतरफा मुकाबले की ओर बढ़ती दिख रही है, जिन्हें सिर्फ जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार अभय सिंह ही चुनौती दे सकते हैं. हालांकि, पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी ने एक छोटी सी चूक पर अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए चुनाव आयोग को ज्ञापन दिया है.

Sambhal AIMIM को नई मजबूती, मौलाना तौसीफ राजा मिस्बाही ने ओवैसी की मौजूदगी में ज्वाइन की पार्टी

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) पार्टी को सम्भल जनपद में नई मजबूती मिली है। सम्भल के मशहूर धार्मिक गुरु मौलाना तौसीफ रजा मिस्बाही ने पार्टी का दामन थाम लिया है। उन्होंने बिहार के किशनगंज में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने उन्हें पार्टी में शामिल कराया और उन्हें बिहार का स्टार प्रचारक नियुक्त किया।

मौलाना तौसीफ राजा मिस्बाही सम्भल के धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में एक प्रमुख पहचान रखते हैं। उन्हें जिले ही नहीं, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। उनके AIMIM में शामिल होने से पार्टी को सम्भल में एक नई ऊर्जा और मजबूती मिलने की संभावना जताई जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मौलाना के समर्थकों और अनुयायियों की बड़ी संख्या पार्टी के साथ जुड़ सकती है, जिससे आने वाले चुनावों में AIMIM की पकड़ मजबूत होगी। कार्यक्रम के दौरान जिलाध्यक्ष असद अब्दुल्ला, हाजी सारिम और मेहमान तुर्की सहित कई अन्य पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे। इस अवसर पर असदुद्दीन ओवैसी ने मौलाना तौसीफ रजा मिस्बाही का स्वागत करते हुए कहा कि उनके पार्टी में आने से संगठन को न केवल मजबूती मिलेगी बल्कि पार्टी के संदेश को जनता तक पहुंचाने में भी बड़ी मदद मिलेगी। मौलाना तौसीफ रजा मिस्बाही ने AIMIM की सदस्यता लेने के बाद कहा कि पार्टी गरीब, पिछड़े और वंचित वर्गों की आवाज बुलंद करने का काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व में AIMIM समाज के हर तबके के हक और अधिकार के लिए संघर्ष कर रही है और वे पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ पार्टी की नीतियों को जनता तक पहुंचाने का काम करेंगे। राजनीतिक हलकों में यह कदम AIMIM के लिए सम्भल में एक बड़ा राजनीतिक बदलाव माना जा रहा है। स्थानीय स्तर पर यह कयास लगाए जा रहे हैं कि मौलाना तौसीफ राजा मिस्बाही की सक्रियता से पार्टी के वोट बैंक में इजाफा होगा और सम्भल की सियासत में AIMIM की पकड़ और मजबूत होगी।

एआईएमआईएम का विश्वास, सुगौली की आवाज़ गाज़ी मक़सूद हों सकते है सुगौली विधानसभा से उम्मीदवार


  सुगौली, पू.च: सुगौली विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में बड़ा मोड़ आ गया है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने सुगौली से अपने उम्मीदवार के तौर पर जनप्रिय नेता एवं जमीनी कार्यकर्ता सैयद गाज़ी मक़सूद को मैदान में उतारने का फैसला किया है। सीमांचल दौरे के दौरान AIMIM के राष्ट्रीय अध्यक्ष बैरेस्टर असदुद्दीन ओवैसी से हुई मुलाक़ात में यह निर्णय औपचारिक रूप से लिया गया। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि गाज़ी मक़सूद की मेहनत, संघर्ष और जनता के बीच गहरी पकड़ उन्हें सुगौली विधानसभा का मज़बूत चेहरा बनाती है। गाज़ी मक़सूद लंबे समय से AIMIM से जुड़े रहकर जनता की सेवा करते आ रहे हैं। उनकी छवि एक ईमानदार और साफ-सुथरे नेता की रही है। सामाजिक न्याय और दबे-कुचले वर्ग की आवाज़ को बुलंद करने वाले गाज़ी मक़सूद ने स्थानीय स्तर पर लोगों की समस्याओं को हल कराने में अहम भूमिका निभाई है। इस घोषणा के बाद सुगौली की राजनीति में नई हलचल तेज हो गई है। AIMIM समर्थकों में जहां भारी उत्साह देखने को मिल रहा है, वहीं विपक्षी दलों में भी हलचल बढ़ गई है। जानकार मानते हैं कि गाज़ी मक़सूद की उम्मीदवारी से चुनावी समीकरण पर बड़ा असर पड़ सकता है। गाज़ी मक़सूद का कहना है कि यह चुनाव सत्ता की दौड़ नहीं बल्कि “हक़, इंसाफ़ और दबे-कुचले तबक़े की आवाज़ को विधानसभा तक पहुँचाने की लड़ाई” है। सुगौली विधानसभा के मतदाता अब नई राजनीतिक दिशा की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं। मौके पर फैसल हसन उर्फ प्यारे,अंसार आलम,समशाद आलम,शमसूजामा सहित पार्टी के कई लोग मौजूद रहें।
*प्रधानमंत्री के जन्मदिन के अवसर पर एवं शिव कुमार के समर्थन में सुल्तानपुर पहुंचे सूबे के पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर बोले अखिलेश-शौकत..
प्रधानमंत्री के जन्मदिन के अवसर पर सूबे के पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर पहुंचे सुल्तानपुर,केक काट कर दी बधाई* सूबे के पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर आज सुल्तानपुर पहुंचे। इस दौरान बल्दीराय थानाक्षेत्र के वल्लीपुर में आयोजित जनसभा में वे शामिल हुए। इस दौरान सबसे पहले कार्यकर्ताओं द्वारा राजभर का स्वागत किया गया। इसके बाद उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन पर 75 किलोग्राम का केक काटा और उन्हें यहीं से जन्मदिन की बधाई दी। इसके बाद ओम प्रकाश राजभर ने जनसभा को संबोधित किया। इस जनसभा में आस पास के जिलों से हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे। वहीं संबोधन के दौरान उन्होंने एनडीए गठबंधन की तारीफ की, साथ ही सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने की बात कही। वहीं जनसभा के बाद वे मीडिया से भी रूबरू हुए। इस दौरान सबसे पहले उन्होंने पीएम मोदी को जन्मदिन की बधाई दी। उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने का जो सपना मोदी जी ने देखा है उस सौंपने कानपुर करने के लिए ईश्वर उन्हें ताकत दें। वहीं अखिलेश द्वारा बीजेपी पर फर्जी आधार बनाने की मशीन के सवाल पर राजभर ने कहा कि उनके पास पिछड़ों, दलितों मुस्लिमों सबको धोखा देने की मशीन है। हक लूटने वाली मशीन उनके पास है।वहीं बल्दीराय ब्लाक प्रमुख के बीजेपी छोड़ सुभासपा में सेंध लगाने के सवाल पर राजभर ने कहा कि हम लोग सेंधमारी का काम नहीं करते बल्कि मिलकर मजबूत करने का कार्य करते हैं। वहीं बिहार में एनडीए के साथ चुनाव लड़ने के सवाल पर ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि हम वहां एडीए गठबंधन की सरकार बनेगी और हम वहां मिलकर चुनाव लड़ेंगे। वहीं अखिलेश यादव द्वारा राजभर के जन्मदिन पर 100रुपए का गिफ्ट भेजने के सवाल पर राजभर ने कहा कि साढ़े 8 साल सत्ता से बेदखल है, महल का खजाना खत्म हो रहा है। जब सत्ता में थे लाखों करोड़ों की बात करते थे। वहीं AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली द्वारा सुहेलदेव पर अभद्र टिप्पणी कारण के सवाल पर राजभर ने उन्हें खरी खोटी सुनाई। उन्होंने कहां की वो जाहिल गंवार बुजदिल है। उसका बयान समाज में नफरत फैलाने वाला है। दलितों शोषित वंचितों के लिए नए एजेंडे के सवाल पर प्रभारी मंत्री ने कहा कि उनको जागृत करना है।
हैदराबाद से सांसद और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर बीजेपी पर सीधा वार किया।
हैदराबाद से सांसद और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर बीजेपी पर सीधा वार किया।

*प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली के कांवडियों के ऊपर अभद्र टिप्पणी करने के विरोध में सिटी मजिस्ट्रेट व एएसपी  से मुलाकात कर FIR दर्ज करने कि मांग की*
सुल्तानपुर,कटका क्लब सामाजिक संस्था परशुराम युवा वाहिनी मिशन चौक के संयुक्त तत्वाधान मे ए आईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली के कांवडियों के ऊपर अभद्र टिप्पणी करने के विरोध में सिटी मजिस्ट्रेट प्रीति जैन और एडिशनल एसपी अखंड प्रताप सिंह ने मुलाकात कर एफ आई आर दर्ज करने कि मांग कि। कार्यक्रम का नेतृत्व संस्था अध्यक्ष सौरभ मिश्र विनम्र ने किया और उन्होंने बताया कि सुल्तानपुर जनपद के अंदर गोसाईंगज थाना क्षेत्र अंतर्गत बीते दिनों 23 जुलाई 2025 को इनायतपुर गांव क्षेत्र अंतर्गत AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली के द्वारा इस पवित्र सावन के महीने में चल रही कांवड़ यात्रा और कांवड़ियों पर आपत्तिजनक शब्दों के इस्तेमाल और आतंक जैसे शब्द प्रयोग किए जिसका संस्था विरोध कर रही है। इस मौके पर एडवोकेट वेदांग त्रिपाठी ने बताया कि आज ब्राह्मण समाज पर अभद्र टिप्पणी करना आम बात हो गई है लोग पब्लिक्सिटी के लिए दूसरी की धार्मिक आस्था आहत कर रहे हैं। ऐसे में अरविंद राय ने कहा कि ऐसे लोगों पर तत्काल कार्यवाही होनी चाहिए नहीं तो आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन होंगे। प्रदर्शन का अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद, भारतीय भगवान परशुराम एकता समिति ने समर्थन किया है।प्रदर्शन के दौरान मुख्य रूप से एडवोकेट विमल कुमार दुबे, कथावाचक शनि मिश्र, बृजेन्द्र मिश्र, प्रज्वल मिश्र, सचिन विश्वकर्मा, संजय शुक्ला, विपिन पांडेय, धीरेन्द्र त्रिपाठी,
‘हम सभी तन और मन से पीएम मोदी के साथ,’ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद हुई सर्वदलीय बैठक में बोले सभी दल के नेता

नई दिल्ली- भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव में वृद्धि हो रही है, खासकर पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आयोजित सर्वदलीय बैठक समाप्त हो चुकी है, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी साझा की गई. इस बैठक के बाद, लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि विपक्ष ने सरकार को पूरा समर्थन दिया है.

हमने सेना की तारीफ की – असदुद्दीन ओवैसी

सर्वदलीय बैठक के बाद AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के लिए सशस्त्र बलों और सरकार की सराहना की. इसके साथ ही, उन्होंने रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के खिलाफ एक वैश्विक अभियान चलाने का सुझाव दिया. ओवैसी ने यह भी कहा कि सरकार को अमेरिका से TRF को आतंकवादी संगठन के रूप में नामित करने का अनुरोध करना चाहिए और पाकिस्तान को FATF में ग्रे-लिस्ट करने के प्रयास करने की आवश्यकता है.

किरण रिजिजू ने सर्वदलीय बैठक के बाद दी प्रतिक्रिया, कहा – पूरा देश साथ

केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा कि सभी नेताओं ने अपने विचार प्रस्तुत किए और पार्टी के दृष्टिकोण को साझा किया. उन्होंने यह भी माना कि नेताओं ने परिपक्वता का परिचय दिया है. जब देश एक चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना कर रहा है, तब राजनीति के लिए कोई स्थान नहीं है. उन्होंने हमारी सेना की कार्रवाई की सराहना की और कहा कि पूरा देश उनके साथ है.

राहुल गांधी ने कहा – ‘हम सरकार के साथ’

सर्वदलीय बैठक लगभग डेढ़ घंटे तक चली, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सभी दल सरकार के साथ खड़े हैं. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो जानकारी साझा की गई है, उसे सार्वजनिक रूप से नहीं बताया जा सकता.

देशहित में हम उनके साथ रहेंगे- मल्लिकार्जुन खरगे

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा कि बैठक में जो बातें हुईं, उन्हें सभी ने ध्यान से सुना. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस कठिन समय में सभी दल उनके साथ हैं और जो कार्य वे कर रहे हैं, उसे जारी रखने के लिए समर्थन देंगे. देशहित में सभी एकजुट होकर उनके साथ खड़े रहेंगे.

भारतीय मिसाइल हमलों के तहत ऑपरेशन सिंदूर में कई आतंकवादी मारे गए, जिनकी धमक पूरी दुनिया में सुनाई दी. वैश्विक नेताओं ने भारत और पाकिस्तान से इस संघर्ष को और बढ़ाने से रोकने की अपील की, लेकिन पाकिस्तान पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा. पाकिस्तानी सेना ने सीमा पर गोलीबारी जारी रखी, और हाल ही में रिहायशी इलाकों को भी निशाना बनाया, जिसमें कई नागरिक, विशेषकर बच्चे, मारे गए. भारतीय सेना ने इस हमले का उचित जवाब दिया है, और दोनों देशों के बीच तनाव अभी भी बना हुआ है. इस स्थिति के मद्देनजर, लोगों को गांवों से सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है, और गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने विस्थापितों के लिए रहने और खाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं.

दिल्ली में AIMIM का दो सीटों पर कैसा है हाल? जानें अपडेट

दिल्ली में आठवीं विधानसभा के नतीजे आज घोषित हो रहे हैं. वोटों की गिनती शुरु हो चुकी है. 5 फरवरी को हुए मतदान में 60 फीसदी से अधिक वोटिंग हुई है. दिल्ली चुनाव में इस बार कांटे की टक्कर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच ही है. मगर असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM पार्टी भी मैदान है. फिलहाल शुरुआती रुझानों में पार्टी दोनों सीटों पर पीछे चल रही है.

असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तिहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने 2 सीटों पर चुनाव लड़ा है. उन्होंने ओखला विधानसभा सीट और मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से उम्मीदवार उतारकर चुनाव को दिलचस्प बना दिया. ओखला सीट से शिफा-उर-रहमान और मुस्तफाबाद से ताहिर हुसैन चुनाव मैदान में थे. दोनों दिल्ली दंगों के आरोपी हैं. शिफा-उर-रहमान का मुकाबला आम आदमी पार्टी के मौजूदा विधायक अमानतुल्लाह खान हैं.

ओखला विधानसभा सीट मुस्लिम बहुल है. यहां 50 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम मतदाता हैं. बीते दो चुनाव में यहां आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच सीधा मुकाबला रहा है. इस बार ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन की वजह से चुनाव दिलचस्प हो गया है.

मुस्तफाबाद विधानसभा सीट भी बहुत पुरानी नहीं है और साल 2008 के परिसीमन के बाद ही यह अस्तित्व में आई थी. इस सीट पर अब तक हुए 4 बार के चुनाव में 2 बार कांग्रेस और एक-एक बार भाजपा व आम आदमी पार्टी को जीत हासिल हुई है. इस बार के चुनाव में भी मुस्तफाबाद की 69 फीसदी जनता ने वोट डाले हैं.

18 दिनों में राहुल गांधी का दूसरा बिहार दौरा! पार्टी में जान फूंकने की कोशिश

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पांच फरवरी को बिहार जाएंगे. जहां वो स्वतंत्रता सेनानी और पूर्व मंत्री जगलाल चौधरी की जयंती समारोह में शामिल होंगे. पिछले 18 दिनों में यह दूसरा मौका है जब राहुल गांधी बिहार के दौरे पर आ रहे हैं, ऐसे में यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या राहुल गांधी बिहार दौरा कर के पार्टी में नई ऊर्जा लाने की कोशिश कर रहे हैं.

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पिछले महीने 18 जनवरी को ही बिहार आए थे. तब उन्होंने राजधानी में आयोजित संविधान सुरक्षा कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। राहुल गांधी ने तब इस मौके पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और राजद के शीर्ष नेतृत्व से भी पूर्व सीएम राबडी देवी के सरकारी आवास पर जाकर मुलाकात भी की थी.

जगलाल चौधरी की जयंती समारोह

दरअसल राहुल गांधी पूर्व मंत्री जगलाल चौधरी की जयंती समारोह में हिस्सा लेने के लिए आ रहे हैं. वरिष्ठ पत्रकार संजय उपाध्याय कहते हैं कि जगलाल चौधरी एससी क्लास से ताल्लुक रखते थे. राहुल अपने इस दौरे के माध्यम से इस वर्ग के लोगों को अपना संदेश देने की कोशिश कर सकते हैं. इससे पहले भी राहुल गांधी ने संविधान सुरक्षा कार्यक्रम के माध्यम से अपने उन वोटरों को संदेश देने की कोशिश की थी, जो धीरे धीरे कांग्रेस से दूर होते चले गए थे.

34 सालों से अपने दम पर सत्ता से दूर

दरअसल बिहार में कांग्रेस के साथ विडंबना यह है कि यह पार्टी करीब 34 सालों से अपने दम पर सत्ता में नहीं आ सकी है। यह पार्टी 34 साल पहले तक बिहार में एक छात्र राज करती थी. 1990 में जब लालू प्रसाद का बिहार की राजनीति में आगमन हुआ उसके बाद से कांग्रेस पार्टी धीरे-धीरे सिमटती चली गई. उसके वोटर भी उससे कटते चले गए. सन 2000 में जब बिहार का विभाजन हुआ और झारखंड बना, उसके बाद 2000 से लेकर के 2025 तक यह पार्टी जब भी महागठबंधन के घटक दल के रूप में शामिल होते हुए बिहार में सत्ता में आयी, वह राजद के बैसाखी पर ही टिकी रही. इसमें सन 2000 से 2005, सन 2015 से 2017 और 2023 से 2024 के शुरुआती महीने तक कांग्रेस, बिहार में सहयोगी दल के रूप में शामिल रही है।

सीटों को लेकर समीकरण

दरअसल राज्य में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. कांग्रेस पार्टी इस विधानसभा चुनाव में ज्यादा सीटों पर लड़ने की तैयारी कर रही है. 2020 में जब बिहार में विधानसभा चुनाव हुए थे तो कांग्रेस पार्टी ने 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार को उतारे थे. जिनमें से उनको 19 सीटों पर जीत हुई थी. कांग्रेस पार्टी का यह दवा 2024 में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के बाद आया है. जिसमें कांग्रेस पार्टी ने तीन लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी. कांग्रेस पार्टी नौ लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारी थी.

‘राहुल के दौरे से मिलती है ऊर्जा’

राहुल गांधी के बिहार दौरे पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह कहते हैं, राहुल गांधी के दौरे से कार्यकर्ताओं को नयी ऊर्जा मिलती है। ज्ञात हो कि अखिलेश प्रसाद सिंह ने पहले भी अपने संबोधन में कहा था कि मैंने पहले भी कहा था कि देश के अन्य राज्यों में जिस तरह आपका दौरा रहता है, वैसे ही अगर आप बिहार आएंगे तो कांग्रेस नयी ऊंचाई पर पहुंचेगी. अगर आप समय देंगे तो बिहार में कांग्रेस 1990 वाली कांग्रेस बन जाएगी.

‘सभी वर्ग में देते हैं संदेश’

राहुल गांधी के दौरे पर प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौर कहते हैं, उनका दौरा राजनीतिक नहीं है लेकिन जब कोई सियासी नेता दौरे पर आता है तो सियासी बातें होती हैं. वह कहते हैं कि राहुल जयंती समारोह में आ रहे हैं, जिनको वर्षों से बड़े पैमाने पर नहीं मनाया गया था. वह इस बात से नहीं नकारते हैं कि सियासी बातें नहीं होंगी. वह यह भी कहते हैं कि उनके आने का संदेश न केवल शेड्यूल कास्ट समाज में बल्कि समाज के सभी वर्ग के लोगों में देना है. राहुल गांधी लगातार सदन से सड़क तक आवाज उठाते रहे हैं. वह दलितों, महिला, पिछडा की आवाज बनते रहे हैं.व ह उन लोगों की आवाज बनते हैं जो समाज की मुख्य धारा से अभी तक नहीं जुड़ पाए हैं.

पिछले विधानसभा में AIMIM से भी कम था वोट प्रतिशत

दरअसल पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 70 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारा था। इसमें 19 सीटों पर उसके उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई थी। तब कांग्रेस को 9.48 प्रतिशत वोट मिला था। हालांकि कांग्रेस का प्रदर्शन एआइएमआइएम से नीचे था। तब एआइएमआइएम के पांच उम्मीदवार जीते थे और उसका वोट प्रतिशत 1.24 प्रतिशत था।

दलित वोटरों पर नजर

संजय उपाध्याय कहते हैं, दरअसल कांग्रेस पार्टी की नजर बिहार के दलित वोटरों पर है। बिहार में करीब 32 प्रतिशत दलित वोटर हैं। दलित वोटर कभी कांग्रेस पार्टी के वोट बैंक रहे हैं लेकिन बडा सवाल यह भी है कि बिहार में चिराग पासवान और जीतन राम मांझी जैसे दो बडे दलित नेता भी हैं। ऐसे में यह देखना होगा कि राहुल गांधी इस जयंती के जरिये दलित वोटरों को साधने में कितना कामयाब हो पाते हैं।

अखिलेश पर लगते रहे हैं आरोप

संजय उपाध्याय यह भी कहते हैं, बिहार राहुल गांधी का दौरा कांग्रेस को पुर्नजीवित करने की कोशिश है। पार्टी के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह पर यह आरोप लगते रहे हैं कि वह लालू प्रसाद के स्कूल के प्रोडक्ट हैं। वह लालू प्रसाद के एजेंट है और कांग्रेस में भेजे गए हैं। पार्टी के भीतर एक और बात चल रही है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में अगर लालू प्रसाद कांग्रेस को उसके द्वारा मांगे गए सीटों के अनुरूप सीट नहीं दे तो पार्टी क्यों नहीं सभी 243 सीटों पर अपने दम पर चुनाव लडे। लेकिन अभी यह कहना जल्दबाजी होगी।

ओवैसी ने इस चुनाव में किया कांग्रेस का समर्थन, जनता से की खास अपील

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एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन औवेसी ने तेलंगाना की राजनीति पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने तेलंगाना के जुबली हिल्स उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार नवीन यादव को समर्थन देने का ऐलान किया है। औवेसी ने साफ कहा कि एआईएमआईएम का कोई प्रत्याशी जुबली हिल्स से चुनाव नहीं लड़ेगा।

बीआरएस पर लगाया विकास ना करने का आरोप

ओवैसी ने कहा, जुबली हिल्स में उपचुनाव होने वाले हैं। रेवंत रेड्डी राज्य के मुख्यमंत्री हैं। इस उपचुनाव से न तो सरकार बनेगी और न ही सरकार बदलेगी। जुबली हिल्स की जनता ने बीआरएस के पूर्व विधायक को 10 साल दिए, लेकिन उन्होंने इसका कोई फायदा नहीं उठाया। जुबली हिल्स के किसी भी वार्ड में कोई विकास नहीं हुआ। वहां विकास के मुद्दे पर ही वोटिंग होनी चाहिए।

ओवैसी ने की कांग्रेस उम्मीदवार को वोट देने की अपील

एआईएमआईएम जुबली हिल्स से अपना उम्मीदवार नहीं उतार रही है। हम जुबली हिल्स की जनता से अपील करते हैं कि वे युवा नेता नवीन यादव (कांग्रेस उम्मीदवार) को वोट दें, ताकि वह जुबली हिल्स का विकास कर सकें। यह पार्टी का फैसला है। मौजूदा सरकार कम से कम 2.5 से 3 साल सत्ता में रहेगी और इस उपचुनाव से कुछ बदलने वाला नहीं है। 2028 में जब विधानसभा चुनाव होंगे तब आप देखेंगे कि एआईएमआईएम जुबली हिल्स में क्या करती है।

जुबली हिल्स सीट पर कांग्रेस ने नवीन यादव और बीआरएस ने मंगती सुनीता को उम्मीदवार बनाया है। मंगती सुनीता यहां के विधायक रहे मंगती गोपीनाथ की पत्नी हैं, जिनके निधन से यह सीट खाली हुई है। बीजेपी ने जुबली हिल्स से एल.दीपक रेड्डी को मैदान में उतारकर चुनाव को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की है।

बिहार में नामांकन का कल आखिरी दिन, INDIA गठबंधन में सस्पेंस बरकरार, जानें कितने साथ-कितने अलग

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी होने वाली है, लेकिन INDIA गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है. वहीं NDA ने लगभग अपने सभी मनमुटाव दूर कर लिए हैं और बिहार चुनाव में मजबूत नजर आ रही है.

वहीं INDIA गठबंधन के दलों में कई सीटों पर खींचतान जारी है. जिसकी वजह झारखंड के प्रमुख दल JMM ने इस गठबंधन को छोड़ दिया है. वहीं कुछ सीटों पर RJD और कांग्रेस में गंभीर तकरार है और दोनों ही अपने कैंडिडेट उतार सकते हैं.

JMM ने अलग रास्ता अपनाया

महागठबंधन INDIA में सहयोगी दलों के बीच सहमति बनाने की कोशिशें जारी हैं। हालांकि, झारखंड के प्रमुख दल JMM ने इस गठबंधन को छोड़कर बिहार की छह सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. इससे गठबंधन को एक बड़ा झटका लगा है. गठबंधन के नेता पहले नए साथियों को शामिल करने की जरूरत का हवाला दे रहे थे, लेकिन JMM के अलग होने से स्थिति और जटिल हो गई है

RJD और कांग्रेस में मनमुटाव

गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी RJD ने अपने उम्मीदवारों के टिकट बांटने शुरू कर दिए हैं, लेकिन अभी तक उसकी पूरी सूची सामने नहीं आई है. कई सीटों पर RJD ने अपने ही गठबंधन साथियों के उम्मीदवारों के खिलाफ टिकट दे दिए हैं, जिससे तनाव पैदा हो गया है. वहीं, कांग्रेस ने 48 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी, और अब उसने पांच और सीटों के उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं. इनमें किशनगंज सीट भी शामिल है, जहां कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायक को हटाकर AIMIM से आए एक नेता को टिकट दिया है. आरोप हैं कि कांग्रेस ने टिकट बेचे हैं, जबकि पार्टी नेता कह रहे हैं कि समझौता होने वाला है.

आठ सीटों पर आमने-सामने की आशंका

गठबंधन में समन्वय की कमी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कम से कम आठ सीटों पर एक ही गठबंधन के दो-दो उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. इनमें से तीन सीटों पर RJD और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला हो सकता है. वहीं, सत्तारूढ़ NDA में भी सब कुछ ठीक नहीं दिख रहा। जद(यू) ने अंतिम समय में अमौर सीट पर अपना उम्मीदवार बदल दिया और पूर्व भाजपा नेता सबीर अली को टिकट दे दिया, जिन्हें 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करने के कारण पार्टी से निकाला गया था.

कितनी सीटों पर लड़ रहे नितीश?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी JDU, जो भाजपा के बराबर 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, ने आखिरी समय में अमौर से पूर्व राज्यसभा सांसद साबिर अली को मैदान में उतारने का फैसला किया, जहाँ से उसने पहले सबा ज़फ़र को उम्मीदवार बनाया था, जो 2020 की उपविजेता थीं और जिन्होंने पांच साल पहले भी भाजपा के चुनाव चिन्ह पर यह सीट जीती थी.

दिलचस्प बात यह है कि अली को 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करने के कारण जद (यू) से निकाल दिया गया था, जिन्हें पार्टी सुप्रीमो अपना कट्टर विरोधी मानते थे. बाद में अली भाजपा में शामिल हो गए और उन्हें पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का महासचिव बनाया गया है.

NDA की मढ़ौरा सीट पर कोई उम्मीदवार नहीं

सत्तारूढ़ गठबंधन को मढ़ौरा सीट पर भी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा, यहां केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की उम्मीदवार भोजपुरी अभिनेत्री से नेता बनीं सीमा सिंह का नामांकन पत्र तकनीकी आधार पर खारिज कर दिया गया.

यह सीट अब पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक जितेंद्र कुमार राय के पक्ष में एकतरफा मुकाबले की ओर बढ़ती दिख रही है, जिन्हें सिर्फ जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार अभय सिंह ही चुनौती दे सकते हैं. हालांकि, पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी ने एक छोटी सी चूक पर अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए चुनाव आयोग को ज्ञापन दिया है.

Sambhal AIMIM को नई मजबूती, मौलाना तौसीफ राजा मिस्बाही ने ओवैसी की मौजूदगी में ज्वाइन की पार्टी

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) पार्टी को सम्भल जनपद में नई मजबूती मिली है। सम्भल के मशहूर धार्मिक गुरु मौलाना तौसीफ रजा मिस्बाही ने पार्टी का दामन थाम लिया है। उन्होंने बिहार के किशनगंज में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने उन्हें पार्टी में शामिल कराया और उन्हें बिहार का स्टार प्रचारक नियुक्त किया।

मौलाना तौसीफ राजा मिस्बाही सम्भल के धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में एक प्रमुख पहचान रखते हैं। उन्हें जिले ही नहीं, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। उनके AIMIM में शामिल होने से पार्टी को सम्भल में एक नई ऊर्जा और मजबूती मिलने की संभावना जताई जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मौलाना के समर्थकों और अनुयायियों की बड़ी संख्या पार्टी के साथ जुड़ सकती है, जिससे आने वाले चुनावों में AIMIM की पकड़ मजबूत होगी। कार्यक्रम के दौरान जिलाध्यक्ष असद अब्दुल्ला, हाजी सारिम और मेहमान तुर्की सहित कई अन्य पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे। इस अवसर पर असदुद्दीन ओवैसी ने मौलाना तौसीफ रजा मिस्बाही का स्वागत करते हुए कहा कि उनके पार्टी में आने से संगठन को न केवल मजबूती मिलेगी बल्कि पार्टी के संदेश को जनता तक पहुंचाने में भी बड़ी मदद मिलेगी। मौलाना तौसीफ रजा मिस्बाही ने AIMIM की सदस्यता लेने के बाद कहा कि पार्टी गरीब, पिछड़े और वंचित वर्गों की आवाज बुलंद करने का काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व में AIMIM समाज के हर तबके के हक और अधिकार के लिए संघर्ष कर रही है और वे पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ पार्टी की नीतियों को जनता तक पहुंचाने का काम करेंगे। राजनीतिक हलकों में यह कदम AIMIM के लिए सम्भल में एक बड़ा राजनीतिक बदलाव माना जा रहा है। स्थानीय स्तर पर यह कयास लगाए जा रहे हैं कि मौलाना तौसीफ राजा मिस्बाही की सक्रियता से पार्टी के वोट बैंक में इजाफा होगा और सम्भल की सियासत में AIMIM की पकड़ और मजबूत होगी।

एआईएमआईएम का विश्वास, सुगौली की आवाज़ गाज़ी मक़सूद हों सकते है सुगौली विधानसभा से उम्मीदवार


  सुगौली, पू.च: सुगौली विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में बड़ा मोड़ आ गया है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने सुगौली से अपने उम्मीदवार के तौर पर जनप्रिय नेता एवं जमीनी कार्यकर्ता सैयद गाज़ी मक़सूद को मैदान में उतारने का फैसला किया है। सीमांचल दौरे के दौरान AIMIM के राष्ट्रीय अध्यक्ष बैरेस्टर असदुद्दीन ओवैसी से हुई मुलाक़ात में यह निर्णय औपचारिक रूप से लिया गया। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि गाज़ी मक़सूद की मेहनत, संघर्ष और जनता के बीच गहरी पकड़ उन्हें सुगौली विधानसभा का मज़बूत चेहरा बनाती है। गाज़ी मक़सूद लंबे समय से AIMIM से जुड़े रहकर जनता की सेवा करते आ रहे हैं। उनकी छवि एक ईमानदार और साफ-सुथरे नेता की रही है। सामाजिक न्याय और दबे-कुचले वर्ग की आवाज़ को बुलंद करने वाले गाज़ी मक़सूद ने स्थानीय स्तर पर लोगों की समस्याओं को हल कराने में अहम भूमिका निभाई है। इस घोषणा के बाद सुगौली की राजनीति में नई हलचल तेज हो गई है। AIMIM समर्थकों में जहां भारी उत्साह देखने को मिल रहा है, वहीं विपक्षी दलों में भी हलचल बढ़ गई है। जानकार मानते हैं कि गाज़ी मक़सूद की उम्मीदवारी से चुनावी समीकरण पर बड़ा असर पड़ सकता है। गाज़ी मक़सूद का कहना है कि यह चुनाव सत्ता की दौड़ नहीं बल्कि “हक़, इंसाफ़ और दबे-कुचले तबक़े की आवाज़ को विधानसभा तक पहुँचाने की लड़ाई” है। सुगौली विधानसभा के मतदाता अब नई राजनीतिक दिशा की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं। मौके पर फैसल हसन उर्फ प्यारे,अंसार आलम,समशाद आलम,शमसूजामा सहित पार्टी के कई लोग मौजूद रहें।
*प्रधानमंत्री के जन्मदिन के अवसर पर एवं शिव कुमार के समर्थन में सुल्तानपुर पहुंचे सूबे के पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर बोले अखिलेश-शौकत..
प्रधानमंत्री के जन्मदिन के अवसर पर सूबे के पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर पहुंचे सुल्तानपुर,केक काट कर दी बधाई* सूबे के पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर आज सुल्तानपुर पहुंचे। इस दौरान बल्दीराय थानाक्षेत्र के वल्लीपुर में आयोजित जनसभा में वे शामिल हुए। इस दौरान सबसे पहले कार्यकर्ताओं द्वारा राजभर का स्वागत किया गया। इसके बाद उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन पर 75 किलोग्राम का केक काटा और उन्हें यहीं से जन्मदिन की बधाई दी। इसके बाद ओम प्रकाश राजभर ने जनसभा को संबोधित किया। इस जनसभा में आस पास के जिलों से हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे। वहीं संबोधन के दौरान उन्होंने एनडीए गठबंधन की तारीफ की, साथ ही सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने की बात कही। वहीं जनसभा के बाद वे मीडिया से भी रूबरू हुए। इस दौरान सबसे पहले उन्होंने पीएम मोदी को जन्मदिन की बधाई दी। उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने का जो सपना मोदी जी ने देखा है उस सौंपने कानपुर करने के लिए ईश्वर उन्हें ताकत दें। वहीं अखिलेश द्वारा बीजेपी पर फर्जी आधार बनाने की मशीन के सवाल पर राजभर ने कहा कि उनके पास पिछड़ों, दलितों मुस्लिमों सबको धोखा देने की मशीन है। हक लूटने वाली मशीन उनके पास है।वहीं बल्दीराय ब्लाक प्रमुख के बीजेपी छोड़ सुभासपा में सेंध लगाने के सवाल पर राजभर ने कहा कि हम लोग सेंधमारी का काम नहीं करते बल्कि मिलकर मजबूत करने का कार्य करते हैं। वहीं बिहार में एनडीए के साथ चुनाव लड़ने के सवाल पर ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि हम वहां एडीए गठबंधन की सरकार बनेगी और हम वहां मिलकर चुनाव लड़ेंगे। वहीं अखिलेश यादव द्वारा राजभर के जन्मदिन पर 100रुपए का गिफ्ट भेजने के सवाल पर राजभर ने कहा कि साढ़े 8 साल सत्ता से बेदखल है, महल का खजाना खत्म हो रहा है। जब सत्ता में थे लाखों करोड़ों की बात करते थे। वहीं AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली द्वारा सुहेलदेव पर अभद्र टिप्पणी कारण के सवाल पर राजभर ने उन्हें खरी खोटी सुनाई। उन्होंने कहां की वो जाहिल गंवार बुजदिल है। उसका बयान समाज में नफरत फैलाने वाला है। दलितों शोषित वंचितों के लिए नए एजेंडे के सवाल पर प्रभारी मंत्री ने कहा कि उनको जागृत करना है।
हैदराबाद से सांसद और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर बीजेपी पर सीधा वार किया।
हैदराबाद से सांसद और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर बीजेपी पर सीधा वार किया।

*प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली के कांवडियों के ऊपर अभद्र टिप्पणी करने के विरोध में सिटी मजिस्ट्रेट व एएसपी  से मुलाकात कर FIR दर्ज करने कि मांग की*
सुल्तानपुर,कटका क्लब सामाजिक संस्था परशुराम युवा वाहिनी मिशन चौक के संयुक्त तत्वाधान मे ए आईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली के कांवडियों के ऊपर अभद्र टिप्पणी करने के विरोध में सिटी मजिस्ट्रेट प्रीति जैन और एडिशनल एसपी अखंड प्रताप सिंह ने मुलाकात कर एफ आई आर दर्ज करने कि मांग कि। कार्यक्रम का नेतृत्व संस्था अध्यक्ष सौरभ मिश्र विनम्र ने किया और उन्होंने बताया कि सुल्तानपुर जनपद के अंदर गोसाईंगज थाना क्षेत्र अंतर्गत बीते दिनों 23 जुलाई 2025 को इनायतपुर गांव क्षेत्र अंतर्गत AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली के द्वारा इस पवित्र सावन के महीने में चल रही कांवड़ यात्रा और कांवड़ियों पर आपत्तिजनक शब्दों के इस्तेमाल और आतंक जैसे शब्द प्रयोग किए जिसका संस्था विरोध कर रही है। इस मौके पर एडवोकेट वेदांग त्रिपाठी ने बताया कि आज ब्राह्मण समाज पर अभद्र टिप्पणी करना आम बात हो गई है लोग पब्लिक्सिटी के लिए दूसरी की धार्मिक आस्था आहत कर रहे हैं। ऐसे में अरविंद राय ने कहा कि ऐसे लोगों पर तत्काल कार्यवाही होनी चाहिए नहीं तो आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन होंगे। प्रदर्शन का अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद, भारतीय भगवान परशुराम एकता समिति ने समर्थन किया है।प्रदर्शन के दौरान मुख्य रूप से एडवोकेट विमल कुमार दुबे, कथावाचक शनि मिश्र, बृजेन्द्र मिश्र, प्रज्वल मिश्र, सचिन विश्वकर्मा, संजय शुक्ला, विपिन पांडेय, धीरेन्द्र त्रिपाठी,
‘हम सभी तन और मन से पीएम मोदी के साथ,’ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद हुई सर्वदलीय बैठक में बोले सभी दल के नेता

नई दिल्ली- भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव में वृद्धि हो रही है, खासकर पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आयोजित सर्वदलीय बैठक समाप्त हो चुकी है, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी साझा की गई. इस बैठक के बाद, लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि विपक्ष ने सरकार को पूरा समर्थन दिया है.

हमने सेना की तारीफ की – असदुद्दीन ओवैसी

सर्वदलीय बैठक के बाद AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के लिए सशस्त्र बलों और सरकार की सराहना की. इसके साथ ही, उन्होंने रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के खिलाफ एक वैश्विक अभियान चलाने का सुझाव दिया. ओवैसी ने यह भी कहा कि सरकार को अमेरिका से TRF को आतंकवादी संगठन के रूप में नामित करने का अनुरोध करना चाहिए और पाकिस्तान को FATF में ग्रे-लिस्ट करने के प्रयास करने की आवश्यकता है.

किरण रिजिजू ने सर्वदलीय बैठक के बाद दी प्रतिक्रिया, कहा – पूरा देश साथ

केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा कि सभी नेताओं ने अपने विचार प्रस्तुत किए और पार्टी के दृष्टिकोण को साझा किया. उन्होंने यह भी माना कि नेताओं ने परिपक्वता का परिचय दिया है. जब देश एक चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना कर रहा है, तब राजनीति के लिए कोई स्थान नहीं है. उन्होंने हमारी सेना की कार्रवाई की सराहना की और कहा कि पूरा देश उनके साथ है.

राहुल गांधी ने कहा – ‘हम सरकार के साथ’

सर्वदलीय बैठक लगभग डेढ़ घंटे तक चली, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सभी दल सरकार के साथ खड़े हैं. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो जानकारी साझा की गई है, उसे सार्वजनिक रूप से नहीं बताया जा सकता.

देशहित में हम उनके साथ रहेंगे- मल्लिकार्जुन खरगे

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा कि बैठक में जो बातें हुईं, उन्हें सभी ने ध्यान से सुना. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस कठिन समय में सभी दल उनके साथ हैं और जो कार्य वे कर रहे हैं, उसे जारी रखने के लिए समर्थन देंगे. देशहित में सभी एकजुट होकर उनके साथ खड़े रहेंगे.

भारतीय मिसाइल हमलों के तहत ऑपरेशन सिंदूर में कई आतंकवादी मारे गए, जिनकी धमक पूरी दुनिया में सुनाई दी. वैश्विक नेताओं ने भारत और पाकिस्तान से इस संघर्ष को और बढ़ाने से रोकने की अपील की, लेकिन पाकिस्तान पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा. पाकिस्तानी सेना ने सीमा पर गोलीबारी जारी रखी, और हाल ही में रिहायशी इलाकों को भी निशाना बनाया, जिसमें कई नागरिक, विशेषकर बच्चे, मारे गए. भारतीय सेना ने इस हमले का उचित जवाब दिया है, और दोनों देशों के बीच तनाव अभी भी बना हुआ है. इस स्थिति के मद्देनजर, लोगों को गांवों से सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है, और गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने विस्थापितों के लिए रहने और खाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं.

दिल्ली में AIMIM का दो सीटों पर कैसा है हाल? जानें अपडेट

दिल्ली में आठवीं विधानसभा के नतीजे आज घोषित हो रहे हैं. वोटों की गिनती शुरु हो चुकी है. 5 फरवरी को हुए मतदान में 60 फीसदी से अधिक वोटिंग हुई है. दिल्ली चुनाव में इस बार कांटे की टक्कर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच ही है. मगर असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM पार्टी भी मैदान है. फिलहाल शुरुआती रुझानों में पार्टी दोनों सीटों पर पीछे चल रही है.

असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तिहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने 2 सीटों पर चुनाव लड़ा है. उन्होंने ओखला विधानसभा सीट और मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से उम्मीदवार उतारकर चुनाव को दिलचस्प बना दिया. ओखला सीट से शिफा-उर-रहमान और मुस्तफाबाद से ताहिर हुसैन चुनाव मैदान में थे. दोनों दिल्ली दंगों के आरोपी हैं. शिफा-उर-रहमान का मुकाबला आम आदमी पार्टी के मौजूदा विधायक अमानतुल्लाह खान हैं.

ओखला विधानसभा सीट मुस्लिम बहुल है. यहां 50 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम मतदाता हैं. बीते दो चुनाव में यहां आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच सीधा मुकाबला रहा है. इस बार ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन की वजह से चुनाव दिलचस्प हो गया है.

मुस्तफाबाद विधानसभा सीट भी बहुत पुरानी नहीं है और साल 2008 के परिसीमन के बाद ही यह अस्तित्व में आई थी. इस सीट पर अब तक हुए 4 बार के चुनाव में 2 बार कांग्रेस और एक-एक बार भाजपा व आम आदमी पार्टी को जीत हासिल हुई है. इस बार के चुनाव में भी मुस्तफाबाद की 69 फीसदी जनता ने वोट डाले हैं.

18 दिनों में राहुल गांधी का दूसरा बिहार दौरा! पार्टी में जान फूंकने की कोशिश

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पांच फरवरी को बिहार जाएंगे. जहां वो स्वतंत्रता सेनानी और पूर्व मंत्री जगलाल चौधरी की जयंती समारोह में शामिल होंगे. पिछले 18 दिनों में यह दूसरा मौका है जब राहुल गांधी बिहार के दौरे पर आ रहे हैं, ऐसे में यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या राहुल गांधी बिहार दौरा कर के पार्टी में नई ऊर्जा लाने की कोशिश कर रहे हैं.

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पिछले महीने 18 जनवरी को ही बिहार आए थे. तब उन्होंने राजधानी में आयोजित संविधान सुरक्षा कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। राहुल गांधी ने तब इस मौके पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और राजद के शीर्ष नेतृत्व से भी पूर्व सीएम राबडी देवी के सरकारी आवास पर जाकर मुलाकात भी की थी.

जगलाल चौधरी की जयंती समारोह

दरअसल राहुल गांधी पूर्व मंत्री जगलाल चौधरी की जयंती समारोह में हिस्सा लेने के लिए आ रहे हैं. वरिष्ठ पत्रकार संजय उपाध्याय कहते हैं कि जगलाल चौधरी एससी क्लास से ताल्लुक रखते थे. राहुल अपने इस दौरे के माध्यम से इस वर्ग के लोगों को अपना संदेश देने की कोशिश कर सकते हैं. इससे पहले भी राहुल गांधी ने संविधान सुरक्षा कार्यक्रम के माध्यम से अपने उन वोटरों को संदेश देने की कोशिश की थी, जो धीरे धीरे कांग्रेस से दूर होते चले गए थे.

34 सालों से अपने दम पर सत्ता से दूर

दरअसल बिहार में कांग्रेस के साथ विडंबना यह है कि यह पार्टी करीब 34 सालों से अपने दम पर सत्ता में नहीं आ सकी है। यह पार्टी 34 साल पहले तक बिहार में एक छात्र राज करती थी. 1990 में जब लालू प्रसाद का बिहार की राजनीति में आगमन हुआ उसके बाद से कांग्रेस पार्टी धीरे-धीरे सिमटती चली गई. उसके वोटर भी उससे कटते चले गए. सन 2000 में जब बिहार का विभाजन हुआ और झारखंड बना, उसके बाद 2000 से लेकर के 2025 तक यह पार्टी जब भी महागठबंधन के घटक दल के रूप में शामिल होते हुए बिहार में सत्ता में आयी, वह राजद के बैसाखी पर ही टिकी रही. इसमें सन 2000 से 2005, सन 2015 से 2017 और 2023 से 2024 के शुरुआती महीने तक कांग्रेस, बिहार में सहयोगी दल के रूप में शामिल रही है।

सीटों को लेकर समीकरण

दरअसल राज्य में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. कांग्रेस पार्टी इस विधानसभा चुनाव में ज्यादा सीटों पर लड़ने की तैयारी कर रही है. 2020 में जब बिहार में विधानसभा चुनाव हुए थे तो कांग्रेस पार्टी ने 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार को उतारे थे. जिनमें से उनको 19 सीटों पर जीत हुई थी. कांग्रेस पार्टी का यह दवा 2024 में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के बाद आया है. जिसमें कांग्रेस पार्टी ने तीन लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी. कांग्रेस पार्टी नौ लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारी थी.

‘राहुल के दौरे से मिलती है ऊर्जा’

राहुल गांधी के बिहार दौरे पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह कहते हैं, राहुल गांधी के दौरे से कार्यकर्ताओं को नयी ऊर्जा मिलती है। ज्ञात हो कि अखिलेश प्रसाद सिंह ने पहले भी अपने संबोधन में कहा था कि मैंने पहले भी कहा था कि देश के अन्य राज्यों में जिस तरह आपका दौरा रहता है, वैसे ही अगर आप बिहार आएंगे तो कांग्रेस नयी ऊंचाई पर पहुंचेगी. अगर आप समय देंगे तो बिहार में कांग्रेस 1990 वाली कांग्रेस बन जाएगी.

‘सभी वर्ग में देते हैं संदेश’

राहुल गांधी के दौरे पर प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौर कहते हैं, उनका दौरा राजनीतिक नहीं है लेकिन जब कोई सियासी नेता दौरे पर आता है तो सियासी बातें होती हैं. वह कहते हैं कि राहुल जयंती समारोह में आ रहे हैं, जिनको वर्षों से बड़े पैमाने पर नहीं मनाया गया था. वह इस बात से नहीं नकारते हैं कि सियासी बातें नहीं होंगी. वह यह भी कहते हैं कि उनके आने का संदेश न केवल शेड्यूल कास्ट समाज में बल्कि समाज के सभी वर्ग के लोगों में देना है. राहुल गांधी लगातार सदन से सड़क तक आवाज उठाते रहे हैं. वह दलितों, महिला, पिछडा की आवाज बनते रहे हैं.व ह उन लोगों की आवाज बनते हैं जो समाज की मुख्य धारा से अभी तक नहीं जुड़ पाए हैं.

पिछले विधानसभा में AIMIM से भी कम था वोट प्रतिशत

दरअसल पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 70 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारा था। इसमें 19 सीटों पर उसके उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई थी। तब कांग्रेस को 9.48 प्रतिशत वोट मिला था। हालांकि कांग्रेस का प्रदर्शन एआइएमआइएम से नीचे था। तब एआइएमआइएम के पांच उम्मीदवार जीते थे और उसका वोट प्रतिशत 1.24 प्रतिशत था।

दलित वोटरों पर नजर

संजय उपाध्याय कहते हैं, दरअसल कांग्रेस पार्टी की नजर बिहार के दलित वोटरों पर है। बिहार में करीब 32 प्रतिशत दलित वोटर हैं। दलित वोटर कभी कांग्रेस पार्टी के वोट बैंक रहे हैं लेकिन बडा सवाल यह भी है कि बिहार में चिराग पासवान और जीतन राम मांझी जैसे दो बडे दलित नेता भी हैं। ऐसे में यह देखना होगा कि राहुल गांधी इस जयंती के जरिये दलित वोटरों को साधने में कितना कामयाब हो पाते हैं।

अखिलेश पर लगते रहे हैं आरोप

संजय उपाध्याय यह भी कहते हैं, बिहार राहुल गांधी का दौरा कांग्रेस को पुर्नजीवित करने की कोशिश है। पार्टी के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह पर यह आरोप लगते रहे हैं कि वह लालू प्रसाद के स्कूल के प्रोडक्ट हैं। वह लालू प्रसाद के एजेंट है और कांग्रेस में भेजे गए हैं। पार्टी के भीतर एक और बात चल रही है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में अगर लालू प्रसाद कांग्रेस को उसके द्वारा मांगे गए सीटों के अनुरूप सीट नहीं दे तो पार्टी क्यों नहीं सभी 243 सीटों पर अपने दम पर चुनाव लडे। लेकिन अभी यह कहना जल्दबाजी होगी।