भारत चैतन्य युवाजन पार्टी ने बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की*
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पटना,
भारत चैतन्य युवाजन पार्टी ने बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की और युवाओं, किसानों, पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों का आह्वान करते हुए अपने और समाज के विकास के लिए अपने वोट की ताकत से सिर्फ सत्ता और परिवारवाद की राजनीति करनेवाले नेताओं और दलों को जवाब दें। भारत चैतन्य युवाजन पार्टी (बीसीवाईपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र यादव पटना में कार्यक्रम में बिहार में चुनाव लड़ने और पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों, युवाओं और किसानों के लिए संघर्ष करने की घोषणा की। रामचन्द्र यादव ने कहा कि उन्होंने संकल्प लिया है कि उनकी पार्टी बिहार के हर गांव में सिंचाई और खेती के लिए आधुनिक साधन उपलब्ध कराने, स्थानीय स्तर पर उद्योग और स्टार्टअप हब स्थापित कर युवाओं को यहीं रोजगार की व्यवस्था कराने, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे में पारदर्शी और समान अवसर आधारित सुधार करने, समाज के हर वर्ग का प्रतिनिधित्व और समान विकास सुनिश्चित करने के लिए काम करेगी। श्री रामचंद्र यादव के पटना पहुंचने पर हवाई अडडे पर भारी संख्या में मौजूद कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। होटल चाणक्य में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि रोजगार के अवसर न होने से लाखों युवा रोजगार की तलाश में पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना आदि राज्यों में पलायन कर रहे हैं। औद्योगिक निवेश शून्य है, जिससे स्थानीय स्तर पर नौकरियां नहीं बन पाईं। शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार के नाम पर घोषणाएं हुईं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस बदलाव नहीं हुआ। भ्रष्टाचार और पक्षपात ने गरीबों के लिए योजनाओं का लाभ छीन लिया। लालू यादव और उनका परिवार यादव समाज को केवल वोट देने की मशीन समझता रहा। आरक्षण और सामाजिक न्याय की आड़ में वास्तविक आर्थिक और शैक्षणिक विकास से दूरी बनाए रखी। उन्होंने कहा कि बिहार के किसानों, युवाओं, पिछड़े वर्ग, दलितों और वंचित समाज के विकास के नाम पर केवल छलावा किया गया है। पिछड़ों के वोट पर सत्ता सुख भोगने वालों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, निवेश और औद्योगिकीकरण के मोर्चे पर कोई काम नहीं किया है। उन्होंने कहा देश की आजादी के 75 साल बाद भी बिहार का पिछड़ा वर्ग समाज, दलित, युवा के अपेक्षित काम नहीं हुआ। कांग्रेस ने पिछड़ों, वंचितों को सत्ता और विकास की मुख्यधारा से दूर रखा। लेकिन, कांग्रेस के विरोध में सामाजिक न्याय की लड़ाई के नाम पर पिछड़ा समाज के जो नेता सत्ता में आये उन्होंने पिछड़ा वर्ग, युवाओं और किसानों को सिर्फ वोट के लिए इस्तेमाल किया। पिछले कई दशकों से बिहार की राजनीति कुछ नेताओं और दलों के हाथों में बंधक बन गई है। लालू प्रसाद हों या नीतीश कुमार दोनों ने सत्ता तो पाई, लेकिन किसानों, पिछड़ों, दलितों और युवाओं का असली विकास कभी नहीं किया। बिहार के किसान आज भी बारिश और किस्मत के भरोसे खेती कर रहे हैं। सिंचाई के लिए नहरें सूखी पड़ी हैं, बिजली की स्थायी व्यवस्था नहीं, और सरकारी मदद सिर्फ कागज पर मिलती है। पिछड़े और दलित वर्ग के लोग, जिन्हें बराबरी का हक और सम्मान मिलना चाहिए था, आज भी गरीबी, बेरोजगारी और अशिक्षा के दलदल में फंसे हुए हैं। हमारे युवा, बिहार का बेटा, बिहार की बेटी मजबूरी में नौकरी रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं। अपने को सामाजिक न्याय का पुरोधा कहनेवाले लालू प्रसाद यादव सामाजिक न्याय की लड़ाई के बदले परिवार विकास की लड़ाई लड़ाई लड़ रहे हैं। अब समय आ गया है कि हम जाति के नाम पर स्वार्थी नेताओं और दलों को वोट देना बंद करें। ऐसे नेता चाहिए जो काम करे, उद्योग लगाए, किसानों को बाज़ार दे, युवाओं के लिए रोजगार बनाए, और समाज के हर वर्ग को आगे बढ़ाए। बिहार बदल सकता है, अगर बिहार के किसान, युवा और पिछड़ा बदलने का फ़ैसला करें। अब समय है जातीय राजनीति और परिवारवाद को छोड़कर वास्तविक विकास की राजनीति को चुनने का। बिहार की जनता को यह सोचना होगा कि क्या वे अपने बच्चों को पलायन की पीड़ा से बचाना चाहते हैं या पुराने नेताओं के झूठे वादों पर भरोसा करते रहेंगे। बीसीवाईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि जातिवाद और परिवारवाद की राजनीति ने राज्य को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, निवेश और औद्योगिकीकरण में देश के सबसे पिछड़े राज्यों की श्रेणी में पहुंचा दिया। रामचन्द्र यादव ने कहा कि जिस उम्मीद से बिहार के यादव, मुस्लिम, पिछड़ा समाज, दलित ने कांग्रेस को सत्ता से हटाकर लालू प्रसाद यादव को सत्ता की कुर्सी पर बैठाया, सिर्फ धोखा मिला। लालू प्रसाद यादव ने यादव समाज को केवल अपना वोट बैंक मानकर इस्तेमाल किया, लेकिन उनके जीवन स्तर में कोई वास्तविक सुधार नहीं किया। रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के मामलों में यादव समाज के साथ-साथ सभी पिछड़े, दलित और गरीब तबके को उपेक्षित रखा। सत्ता सिर्फ अपने परिवार और चहेतों को मजबूत करने के लिए इस्तेमाल की गयी। यह बिहार की जनता के साथ सबसे बड़ा धोखा है। उन्होंने बिहार की जनता से अपील करते हुए कहा कि आप हमारा साथ दें, हम बिहार की तस्वीर और तकदीर बदलने का वादा करते हैं।
Aug 12 2025, 20:28