देवघर- के IMA सदस्यों के द्वारा स्व० डॉ शिवचंद्र झा की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना सभा हुई।
  देवघर:
 
 
 
  देवघर:
   11 अगस्त 2025 को शाम 6 बजे स्व डॉ शिवचंद्र झा की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना सभा हुई। इसमें आई एम ए देवघर के सादस्यों ने के दो मिनट का मौन रखकर ईश्वर से प्रार्थना किया। वे अपनी सेवा के शुरुआत में कोडरमा में रहे, फिर देवघर के सारठ में लंबे समय तक रहे, फिर करीब 2.5 साल देवघर जिला के सिविल सर्जन रहे और सेवा निबृत होने के समय संथाल परगना के क्षेत्रीय उपनिदेशक के पद पर थे. वे अपने साधरण लेकिन स्पष्ट अंदाज के लिए जाने जाते थे. उनके सिविल सर्जन रहते हुए देवघर सदर अस्पताल नए परिसर में स्थानांतरित हुआ और उसे कायाकल्प पुरस्कार के रूप में पचास लाख रूपये केंद्र सरकार से मिले. उनके बारे में सदस्यों ने अपना संस्मरण सबों से साझा किया. उनकी धर्मपत्नी का स्वर्गवास फ़रवरी 2025 में देवघर में हृदयाघात से हुआ था, जिसके बाद वो अपने लड़के के साथ हैदराबाद में रह रहे थे. 8 अगस्त को सुबह से उन्हें छाती में दर्द और साँस की तकलीफ शुरू हुई जो कई पुरानी मर्ज के कारण पाई गई जिसे पूरी कोशिश के बाद भी नियंत्रित नहीं किया जा सका और शाम को उन्होंने 73 साल की उम्र में अंतिम साँस ली. इसके अलावा इनकी दो बेटी हैं जो कुशल गृहिनी के रूप में अपने घर में व्यवस्थित हैं. इसमें आई एम ए देवघर के वरिष्ठ सदस्य डॉ ए के जैन, डॉ एस के साहू डॉ सुनील कुमार सिन्हा, डॉ रंजन पाण्डेय, डॉ एन एल पंडित, डॉ सुधीर प्रसाद, आई एम ए देवघर के अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष (चयनित ) डॉ धन्वंतरि तिवारी, झारखण्ड उपाध्यक्ष डॉ आर एन प्रसाद, उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार पाण्डेय, कोषाध्यक्ष डॉ एन सी गाँधी, सेंट्रल कौंसिल सदस्य डॉ गोपाल प्रसाद बरनवाल, राज्य कौंसिल सदस्य डॉ वीरेंद्र प्रसाद सिंह, डॉ आर के चौरसिया, डॉ प्रभात रंजन एवं डॉ सौरभ साहा, डॉ चंद्रकांत के साथ कई सदस्य उपस्थित थे।
 11 अगस्त 2025 को शाम 6 बजे स्व डॉ शिवचंद्र झा की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना सभा हुई। इसमें आई एम ए देवघर के सादस्यों ने के दो मिनट का मौन रखकर ईश्वर से प्रार्थना किया। वे अपनी सेवा के शुरुआत में कोडरमा में रहे, फिर देवघर के सारठ में लंबे समय तक रहे, फिर करीब 2.5 साल देवघर जिला के सिविल सर्जन रहे और सेवा निबृत होने के समय संथाल परगना के क्षेत्रीय उपनिदेशक के पद पर थे. वे अपने साधरण लेकिन स्पष्ट अंदाज के लिए जाने जाते थे. उनके सिविल सर्जन रहते हुए देवघर सदर अस्पताल नए परिसर में स्थानांतरित हुआ और उसे कायाकल्प पुरस्कार के रूप में पचास लाख रूपये केंद्र सरकार से मिले. उनके बारे में सदस्यों ने अपना संस्मरण सबों से साझा किया. उनकी धर्मपत्नी का स्वर्गवास फ़रवरी 2025 में देवघर में हृदयाघात से हुआ था, जिसके बाद वो अपने लड़के के साथ हैदराबाद में रह रहे थे. 8 अगस्त को सुबह से उन्हें छाती में दर्द और साँस की तकलीफ शुरू हुई जो कई पुरानी मर्ज के कारण पाई गई जिसे पूरी कोशिश के बाद भी नियंत्रित नहीं किया जा सका और शाम को उन्होंने 73 साल की उम्र में अंतिम साँस ली. इसके अलावा इनकी दो बेटी हैं जो कुशल गृहिनी के रूप में अपने घर में व्यवस्थित हैं. इसमें आई एम ए देवघर के वरिष्ठ सदस्य डॉ ए के जैन, डॉ एस के साहू डॉ सुनील कुमार सिन्हा, डॉ रंजन पाण्डेय, डॉ एन एल पंडित, डॉ सुधीर प्रसाद, आई एम ए देवघर के अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष (चयनित ) डॉ धन्वंतरि तिवारी, झारखण्ड उपाध्यक्ष डॉ आर एन प्रसाद, उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार पाण्डेय, कोषाध्यक्ष डॉ एन सी गाँधी, सेंट्रल कौंसिल सदस्य डॉ गोपाल प्रसाद बरनवाल, राज्य कौंसिल सदस्य डॉ वीरेंद्र प्रसाद सिंह, डॉ आर के चौरसिया, डॉ प्रभात रंजन एवं डॉ सौरभ साहा, डॉ चंद्रकांत के साथ कई सदस्य उपस्थित थे।
 
Aug 12 2025, 08:50
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
15- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
11.5k