पपारस एचएमआरआई पटना में हुआ बिहार का पहला प्रीएम्टिव किडनी ट्रांसप्लांट*
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पटना।
पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल, पटना में बिहार का पहला प्रीएम्टिव किडनी ट्रांसप्लांट (डायलिसिस पर गए बिना ट्रांसप्लांट) किया गया, जहां मरीज को महज 7 दिन के अंदर डिस्चार्ज कर दिया गया। अब वह बिल्कुल स्वस्थ हैं और डोनर को भी 3 दिन में छुट्टी दे दी गई है। प. चंपारण निवासी सत्येंद्र प्रसाद सिंह (45 साल) की किडनी दिनों-दिन खराब हो रही थी और क्रेटिनिन का लेवल लगातार बढ़ता जा रहा था, जिसके कारण वह भूख कम लगना, ज्यादा सोना, सांस फूलना, पांव का सूजना, अवांछित बातचीत जैसी समस्याओं से जूझ रहे थे। लगातार 5 सालों से वह पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल के डॉक्टरों के साथ फॉलो अप में थे। किडनी पूरी तरह से खराब हो चुकी थी, जिसके बाद डॉक्टरों ने प्री एम्प्टिव किडनी ट्रांसप्लांट किया। पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल के डायरेक्टर एंड एचओडी, नेफ्रोसाइंसेंज एंड रीनल ट्रांसप्लांट *डॉ. शशि कुमार* ने बताया कि प्री एम्प्टिव किडनी ट्रांसप्लांट वैसी स्थिति है, जहां मरीज डायलिसिस में ना जाकर ट्रांसप्लांट करवाते हैं। ट्रांसप्लांट में अमूमन मरीज को 10-12 दिन में डिस्चार्ज किया जाता है, जबकि उन्हें 7 दिन के अंदर डिस्चार्ज कर दिया गया। उन्होंने बताया कि किडनी खराबी के इलाज में दो विकल्प होते हैं- डायलिसिस और रीनल ट्रांसप्लांट। लेकिन, लोग जब तक किडनी फेल नहीं हो जाती या फिर डायलिसिस से वह थक नहीं जाते तब तक वह ट्रांसप्लांट नहीं कराते। जागरूकता की कमी के कारण लोग इससे कतराते हैं, जबकि इसका सटीक इलाज ट्रांसप्लांट ही है। इसमें मरीज को हॉस्पिटल में कम-से-कम समय में छुट्टी दे दी जाती है और खर्च भी कम होता है। पारस एचएमआरआई के *जोनल डायरेक्टर अनिल कुमार* ने बताया कि पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल, पटना चिकित्सा के क्षेत्र में हर रोज एक कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। रीनल ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में यह केस लोगों में जागरुकता लाने का प्रयास करेगा। पूरी तरह से खराब हो चुकी किडनी को ठीक नहीं किया जा सकता और लोग ट्रांसप्लांट को आखिरी विकल्प के रूप में रखते हैं। *पारस एचएमआरआई के बारे में* पारस एचएमआरआई पटना ने 2013 में परिचालन शुरू किया। यह बिहार का पहला कॉर्पोरेट अस्पताल है जिसके पास परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड द्वारा लाइसेंस प्राप्त कैंसर उपचार केंद्र है। जून 2024 में एक्सेस किए गए एनएबीएच पोर्टल के अनुसार, पारस एचएमआरआई अस्पताल, पटना 2016 में एनएबीएच मान्यता प्राप्त करने वाला बिहार का पहला अस्पताल था। 30 सितंबर 2024 तक इस अस्पताल की बेड क्षमता 350 बेडों की है, जिसमें 80 आईसीयू बेड शामिल हैं।
Jul 23 2025, 17:03