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जबलपुर-रायपुर रुट में दौड़ेगी नई इंटरसिटी एक्सप्रेस

रायपुर- जबलपुर स्थित मदन महल स्टेशन से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के बीच एक नई इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन रोजाना संचालित की जाएगी। रेलवे ने इस संबंध में आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है, जिससे दोनों शहरों के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।

बता दें कि यह नई इंटरसिटी ट्रेन मदन महल से सुबह 6:10 बजे रवाना होगी और बालाघाट व गोंदिया होते हुए दोपहर 1:50 बजे रायपुर स्टेशन पहुंचेगी। वापसी में यह ट्रेन रायपुर से दोपहर 2:45 बजे चलकर रात 10:30 बजे मदन महल पहुंचेगी। इस इंटरसिटी एक्सप्रेस से मदन महल और रायपुर के बीच का सफर महज 6 घंटे 40 मिनट में पूरा होगा।

वर्तमान में, रायपुर से जबलपुर के बीच केवल अमरकंटक एक्सप्रेस संचालित होती है, जिसे यह दूरी तय करने में लगभग 9 घंटे लगते हैं। एक ही ट्रेन होने के कारण अमरकंटक एक्सप्रेस में अक्सर लंबी वेटिंग लिस्ट रहती है, जिससे यात्रियों को कंफर्म सीट मिलने में परेशानी होती है। नई इंटरसिटी के शुरू होने से यात्रियों को कंफर्म बर्थ मिलने में सुविधा होगी और उनके यात्रा समय में 2 घंटे 20 मिनट की बचत होगी।

आत्मदाह की चेतावनी देने वाली वृद्ध महिला अचानक गायब, खोज में जुटी पुलिस

पिथौरा- शिक्षिका द्वारा हड़पे गए अपने घर को वापिस दिलाने की मांग को लेकर प्रशासन के आत्मदाह की चेतावनी देने वाली वृद्ध महिला अचानक गायब हो गई है. 70 वर्षीय महिला प्रतिभा मसीह ने कलेक्टर जनदर्शन में न्याय की गुहार लगाते हुए चेतावनी दी थी, कि अगर उसे उसका घर वापिस नहीं दिलाया गया तो वह 10 जून को CM हाउस के सामने आत्मदाह कर लेगी. रविवार की सुबह से वह अपनी बौद्धिक विकलांग बेटी और दो नातियों और के साथ अचानक कहीं चली गई है. उनके गायब होने से प्रशासन में हड़कंप मच गया है. पुलिस बीते 24 घंटों से उनको ढूंढने में जुटी हुई है.

सूत्रों के अनुसार, 2 दिन पहले अधिकारीयों ने प्रतिभा मसीह को डाट-फटकार लगाई थी, जिससे प्रतिभा मसीह बेहद अपमानित महसूस कर रही थी. इसके बाद रविवार सुबह से गायब होना कई सवालों को जन्म दे रहा है.

जानकारी के मुताबिक, महिला महासमुंद जिले के पिथौरा विकासखंड के लहरौद गांव की रहने वाली है. महिला की शिकायत के अनुसार उन्होंने 2017 में लहरौद गांव के वार्ड क्रमांक 6 में स्थित मकान खरीदा था, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते 2019 में उन्होंने गांव की ही शासकीय शिक्षिका गंगादेवी ध्रुव से 73 हजार रुपए उधार लिए और ये तय हुआ था कि छह माह में राशि लौटाकर मकान वापस ले लेगी, लेकिन तय समय से पहले ही जब उन्होंने पैसा लौटाने की कोशिश की तो शिक्षिका ने रकम लेने से इनकार कर दिया और दावा किया कि मकान अब उन्हीं का है.

आईईडी ब्लास्ट की चपेट में आने से ASP आकाश राव गिरीपुंजे शहीद, TI और SDOP हुए घायल

सुकमा- छत्तीसगढ़ में एंटी नक्सल ऑपरेशन से नक्सलियों में खलबली मची हुई है. मुठभेड़ में उनके कई बड़े लीडर के मारे जाने के बाद अब वे कायराना हरकतों को अंजाम देने लगे हैं. सुकमा से सोमवार को बुरी खबर सामने आई है. नक्सलियों के बिछाये प्रेशर आईईडी की चपेट में आने से हुए ब्लास्ट में एडिशनल एसपी आकाश राव गिरीपुंजे शहीद हो गए. इस ब्लास्ट में कुछ अन्य अधिकारी और जवान भी चपेट में आए हैं, जिनका इलाज जारी है.

सूत्रों के मुताबिक अतिरिक्त एसपी आकाश राव क्षेत्र में पैदल गश्त पर थे. यह गश्त 10 जून को प्रस्तावित भारत बंद को ध्यान में रखते हुए की जा रही थी, जिसे भाकपा (माओवादी) ने बुलाया है. इस दौरान कोन्टा-एर्राबोरा मार्ग पर डोंड्रा के पास प्रेशर IED की चपेट में आने से जबरदस्त विस्फोट हुआ और वे गंभीर रूप से घायल हो गए. कोंटा टीआई सोनल गवला और एसडीओपी भानुप्रताप चंद्राकर भी घायल हुए. 

विस्फोट के तुरंत बाद घायल अधिकारियों और जवानों को कोन्टा अस्पताल लाया गया. इस दौरान अन्य घायल जवानों की स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है. घटना के बाद क्षेत्र में हाई अलर्ट है और नक्सली गतिविधियों की आशंका के चलते अतिरिक्त बल भी तैनात किया गया है.

वामपंथ उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में दीं अपनी सेवाएं

आकाश राव गिरपून्जे (42 वर्षीय), रायपुर जिले के निवासी थे और 2013 बैच के सीधी भर्ती डीएसपी थे. वे वर्ष 2024 से कोन्टा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में सेवा दे रहे थे. वे छत्तीसगढ़ पुलिस के सबसे साहसी योद्धाओं में से एक थे, जिन्होंने मानपुर-मोहला और सुकमा जैसे वामपंथ उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दीं.

परिवहन उपनिरीक्षक अभ्यर्थी को हाईकोर्ट से झटका

बिलासपुर- परिवहन उपनिरीक्षक (तकनीकी) पद के लिए चयन सूची में नाम आने के बावजूद जांजगीर-चांपा के ऋषभ स्वर्णकार को नौकरी नहीं मिल सकी। इसको लेकर उन्होंने साल 2017 में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन कोर्ट ने अब उनकी याचिका खारिज कर दी है। पीएससी ने 27 जुलाई 2016 को परिवहन उपनिरीक्षक (तकनीकी) पद के लिए विज्ञापन निकाला था। ऋषभ ने इसके लिए ऑनलाइन आवेदन किया, परीक्षा दी, इंटरव्यू भी पास किया। 25 अप्रैल 2017 को जब चयन सूची आई, तो उनका नाम चौथे नंबर पर था। लेकिन इसके बावजूद उन्हें नियुक्ति नहीं दी गई और न ही कोई कारण बताया गया।

इस पर ऋषभ ने उसी साल हाईकोर्ट में याचिका दायर की। उन्होंने कहा कि उन्होंने फिजिकल टेस्ट में भाग लिया था और जांजगीर के जिला अस्पताल में उनकी जांच भी हुई थी। उन्होंने कोर्ट से मांग की कि नियुक्ति आदेश को रद्द किया जाए और उनकी शारीरिक जांच दोबारा कराई जाए। राज्य सरकार ने जवाब में बताया कि विज्ञापन की शर्तों के अनुसार अभ्यर्थी की कम से कम ऊंचाई 165 सेंटीमीटर होनी चाहिए, लेकिन ऋषभ की ऊंचाई 164.3 सेंटीमीटर मापी गई। यही कारण है कि उन्हें अंतिम चयन सूची में शामिल नहीं किया गया।

हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं और पाया कि अभ्यर्थी तय शारीरिक मानक को पूरा नहीं करता है। इसलिए कोर्ट ने कहा कि याचिका में विचार करने योग्य कोई ठोस आधार नहीं है और इसे खारिज कर दिया।

अटल निर्माण वर्ष में सुशासन की नई ऊंचाइयां छूने को तैयार छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में आज नवा रायपुर के भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में दो दिवसीय चिंतन शिविर 2.0 का शुभारंभ हुआ। सुशासन एवं अभिसरण विभाग और आईआईएम रायपुर के सहयोग से आयोजित इस शिविर में उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा, मंत्रिमंडल के सदस्य, सांसद, विधायक और प्रबुद्धजन शामिल हुए। इस मंच का उद्देश्य प्रशासनिक दक्षता बढ़ाना, अंतर-क्षेत्रीय समन्वय को सशक्त करना और जनकल्याण के लिए परिवर्तनकारी दृष्टिकोण विकसित करना है।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि यह शिविर आत्मनिरीक्षण और ज्ञान के आदान-प्रदान का अनूठा अवसर है, जो छत्तीसगढ़ को सुशासन के नए आयामों तक ले जाएगा। उन्होंने पिछले चिंतन शिविर से प्राप्त सुझावों को लागू कर आम जनता के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की बात कही। श्री साय ने बताया कि डेढ़ वर्षों में 350 से अधिक प्रशासनिक सुधार किए गए, जिनमें ई-ऑफिस प्रणाली ने फाइलों के मैनुअल ढेर को समाप्त कर जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित की है। अब फाइलें ऑनलाइन मूव होती हैं, और हर कार्य की समय-सीमा निर्धारित है, जिससे भ्रष्टाचार की गुंजाइश खत्म हुई है।

छत्तीसगढ़ के रजत जयंती वर्ष को अटल निर्माण वर्ष के रूप में मनाते हुए मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि अटल के सुशासन के सिद्धांतों को धरातल पर उतारना इस वर्ष का मुख्य लक्ष्य है। डिजिटल गवर्नेंस को अपनाकर रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, जिसमें अब घर बैठे मिनटों में रजिस्ट्री और स्वतः नामांतरण हो रहा है। यह तकनीकी नवाचार भ्रष्टाचार को समाप्त करने की दिशा में क्रांतिकारी कदम है।

नई उद्योग नीति के तहत सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस ने निवेश को प्रोत्साहन दिया है। खनिज संसाधनों से समृद्ध छत्तीसगढ़ में कोर सेक्टर की अपार संभावनाओं को देखते हुए विशेष अनुदान की व्यवस्था की गई है। पर्यटन को उद्योग का दर्जा देकर और होम स्टे उद्यमियों के लिए अनुदान शुरू कर प्राकृतिक सौंदर्य को आर्थिक अवसरों में बदला जा रहा है। इसके अलावा, एआई और क्लाइमेट चेंज से जुड़े उद्यमों को प्रोत्साहन, नवा रायपुर में देश का पहला एआई डाटा सेंटर पार्क और सेमीकंडक्टर यूनिट का शुभारंभ छत्तीसगढ़ को तकनीकी क्रांति का अग्रदूत बना रहा है।

शिविर में ‘प्रथम दिवस परिवर्तनकारी नेतृत्व और दूरदर्शी शासन’, ‘संस्कृति, सुशासन और राष्ट्र निर्माण’ और ‘सक्षमता से सततता तक: सार्वजनिक वित्त पर पुनर्विचार’ जैसे विषयों पर सत्र आयोजित किए गए। डॉ. विनय सहस्रबुद्धे, प्रो. हिमांशु राय, डॉ. रविंद्र ढोलकिया, संजीव सान्याल, उदय माहुरकर और डॉ. राजेंद्र प्रताप गुप्ता जैसे प्रख्यात विशेषज्ञ अपने विचार साझा किए।

मुख्यमंत्री ने बस्तर के विकास पर विशेष जोर देते हुए कहा कि माओवाद पर प्रभावी कार्रवाई ने क्षेत्र में शांति और प्रगति की राह खोली है। बस्तर ओलंपिक, बस्तर पंडुम और बस्तर डायलॉग जैसे आयोजनों ने युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ा है। हाल ही में बोधघाट परियोजना को मंजूरी मिलने से 7 लाख हेक्टेयर में सिंचाई और 125 मेगावाट बिजली उत्पादन संभव होगा, जिससे हजारों स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। नियद नेल्ला नार योजना से शासकीय योजनाओं का सेचुरेशन सुनिश्चित किया गया है।

सुशासन तिहार के तहत 41 लाख से अधिक आवेदनों में से 99 प्रतिशत का गुणवत्तापूर्ण निराकरण कर जनसमस्याओं का समाधान किया गया। समाधान शिविरों में जनता से सीधा संवाद और शासकीय योजनाओं का पात्र लोगों को लाभ मिला। मुख्यमंत्री, मंत्रिमंडल और जनप्रतिनिधियों ने गांव-गांव जाकर विकास कार्यों की स्थिति का जायजा लिया। श्री साय ने कहा कि छोटे कस्बों में स्कूल, अस्पताल और मल्टीप्लेक्स जैसी सुविधाओं के लिए अनुदान की व्यवस्था से पलायन रुकेगा और आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। महतारी वंदन योजना और कृषक उन्नति योजना ने बड़े तबके की आर्थिक ताकत बढ़ाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को आत्मसात करते हुए विजन डाक्यूमेंट 2047 तैयार किया गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ के सर्वांगीण विकास का रोडमैप है।

मुख्यमंत्री ने गर्व के साथ उल्लेख किया कि जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर बने विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज में छत्तीसगढ़ का स्टील उपयोग हुआ है। उन्होंने सुशासन एवं अभिसरण विभाग और आईआईएम रायपुर को इस आयोजन के लिए बधाई दी और कहा कि चिंतन शिविर में प्राप्त सुझाव विकसित छत्तीसगढ़ की ठोस नींव रखेंगे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आईआईएम रायपुर परिसर में किया सुशासन वाटिका का शुभारंभ

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज यहां भारतीय प्रबंध संस्थान रायपुर में आयोजित चिंतन शिविर 2.0 के पहले दिन की शाम आईआईएम परिसर में सुशासन वाटिका का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ सुशासन वाटिका में मौलश्री के पौधे का रोपण किया।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ सुशासन वाटिका में उपमुख्यमंत्री अरुण साव व विजय शर्मा, वनमंत्री केदार कश्यप, वित्त ओपी चौधरी, उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, कृषि मंत्री राम विचार नेताम, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, आईआईएम रायपुर के निदेशक प्रो. राम कुमार कांकाणी ने भी मौलश्री का पौधा लगाया।मौलश्री वृक्ष की विशेषताएँ

मौलश्री एक सुगंधित फूलों वाला वृक्ष है जो भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया में पाया जाता है। यह एक सदाबहार वृक्ष है जो सामान्यतः 10-15 मीटर तक ऊँचा होता है।

इस के फूल छोटे, सफेद या हल्के पीले रंग के, अत्यंत सुगंधित होते हैं। रात के समय इनकी महक और भी तेज होती है। मौलश्री वृक्ष के औषधीय गुण भी होते हैं और इसका उपयोग कई तरह की समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। पारंपरिक रूप से इसे मंदिरों के आसपास और घरों के आंगन में लगाया जाता रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जनदर्शन में सुनी जनता की समस्याएं

रायपुर- छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आज रायपुर स्थित अपने शासकीय निवास में जनदर्शन कार्यक्रम के माध्यम से आमजनों की समस्याएं सुनीं और मौके पर ही कई मामलों में त्वरित निर्णय लेकर जनता को राहत दी। कार्यक्रम में राजधानी सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए नागरिकों ने मंत्री के समक्ष अपनी व्यक्तिगत, सामाजिक एवं स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं रखीं। जनदर्शन के दौरान आमजन ने स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, शासकीय अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी, जांच एवं इलाज की सुविधा में सुधार, आर्थिक सहायता, गंभीर बीमारियों के इलाज हेतु मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत सहयोग, दिव्यांगजन को चिकित्सा प्रमाण पत्र मिलने में आ रही दिक्कतें, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविरों की मांग, और दवाओं की उपलब्धता से जुड़ी समस्याएं मंत्री के समक्ष प्रस्तुत कीं। मंत्री जायसवाल ने जनदर्शन में आए प्रत्येक व्यक्ति की बातों को गंभीरता से सुना और संबंधित विभागीय अधिकारियों को तत्काल आवश्यक निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि शासन की प्राथमिकता जनता की सेवा और जनहित के कार्य हैं, और स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित योजनाएं तभी सार्थक होंगी जब अंतिम व्यक्ति तक उसका लाभ पहुंचे।

जनदर्शन में आई कुछ प्रमुख मांगें और समाधान

कांकेर जिले से आए एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति की मांग रखी। मंत्री ने तत्काल स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देशित किया कि रिक्त पदों की सूची तैयार कर प्राथमिकता से भरने की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए। बिलासपुर से आई एक महिला मरीज ने बताया कि उसे किडनी संबंधी गंभीर बीमारी है और आर्थिक तंगी के चलते इलाज नहीं करा पा रही। मंत्री ने मौके पर ही मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत उसकी फाइल तैयार करवाई और 1.5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत करने का निर्देश दिया।


महासमुंद जिले के ग्रामीण प्रतिनिधियों ने क्षेत्र में मोबाइल मेडिकल यूनिट की मांग की। मंत्री ने कहा कि जिन क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दूर हैं, वहां मोबाइल मेडिकल यूनिट की सेवा को और मजबूत किया जाएगा। रायपुर के एक बुजुर्ग दंपति ने दवाइयों की नियमित आपूर्ति में हो रही परेशानी बताई। मंत्री ने दवा निगम को निर्देश दिया कि सभी अस्पतालों में आवश्यक जीवनरक्षक दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। 

“जनता की सेवा, हमारी जिम्मेदारी” – मंत्री जायसवाल

मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जनदर्शन कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा “जनदर्शन हमारे लिए केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि जनता की सीधी भागीदारी का माध्यम है। आमजन की बातें सुनना, उनके समाधान के लिए तत्काल निर्णय लेना और फॉलोअप सुनिश्चित करना हमारा दायित्व है। राज्य सरकार ‘स्वस्थ छत्तीसगढ़’ के लक्ष्य को लेकर लगातार प्रयासरत है।” उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने का रोडमैप तैयार किया जा रहा है।


शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच की खाई को कम करने के लिए नई स्वास्थ्य इकाइयों की स्थापना, डॉक्टरों की नियुक्ति, अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति और स्वास्थ्य कर्मियों का प्रशिक्षण प्राथमिकता में है। जनदर्शन में बड़ी संख्या में नागरिकों की भागीदारी यह दर्शाती है कि जनता को सरकार से संवाद की उम्मीद है और राज्य सरकार इस उम्मीद को पूरा करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, रायपुर जिला प्रशासन के प्रतिनिधि, और जनसंपर्क विभाग के अधिकारी भी उपस्थित रहे। सभी ने जनदर्शन के सुचारु संचालन और समस्याओं के त्वरित समाधान में सक्रिय भागीदारी निभाई।

BSF में नौकरी के लिए फर्जी दस्तावेज़ बनाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़, पुलिस ने उत्तर प्रदेश के 2 युवकों को किया गिरफ्तार

मुंगेली- जिला पुलिस ने फर्जी दस्तावेज़ बनाने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो छत्तीसगढ़ के SRE (सिक्योरिटी रिलेटेड एक्सपेंडिचर) जिलों के लिए बाहरी राज्यों के युवकों को अतिरिक्त अंक दिलाने के लिए फर्जी मूल निवास प्रमाण पत्र बनाता था। यह गिरोह विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के युवाओं को निशाना बना रहा था।

पुलिस की जांच के अनुसार, गिरोह ने उत्तर प्रदेश के एक युवक को भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) में नौकरी दिलाने के लिए मुंगेली जिले के ग्राम कंतेली का जाली प्रमाण पत्र तैयार किया था।

कैसे हुआ खुलासा?

6 जून को पुलिस कार्यालय मुंगेली में चरित्र सत्यापन के लिए आए दो युवक, योगेंद्र कुमार (अलीगढ़, उत्तर प्रदेश) और प्रशांत राजपूत (आगरा, उत्तर प्रदेश) की गतिविधियां संदिग्ध पाई गईं। जांच में यह तथ्य सामने आया कि जिस विशाल नामक युवक का सत्यापन कराया जाना था, वह वास्तव में उस गांव का निवासी नहीं था।

बिलासपुर के होटल से किया गिरफ्तार

पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल के निर्देश पर गठित विशेष टीम ने मामले की गहन जांच की और आरोपियों को बिलासपुर के होटल अंबे पैलेस से दबोच लिया। आरोपियों के कब्जे से फर्जी दस्तावेज़, कोरे नोटरी प्रमाण पत्र, सील और तीन मोबाइल फोन जब्त किए गए। दोनों आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने फतेहाबाद (उत्तर प्रदेश) के विशाल नामक युवक से पैसे लेकर BSF में नौकरी दिलाने के लिए फर्जी दस्तावेज़ तैयार किए थे।

मुंगेली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ थाना लालपुर में अपराध क्रमांक 103/2025 के तहत धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2), 3(5) बीएनएस के तहत केस दर्ज किया है। आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस को पहले भी ऐसी सूचनाएं मिल चुकी थीं कि अन्य राज्यों से आकर अभ्यर्थी SRE जिलों से लाभ लेने के लिए छत्तीसगढ़ के निवासी बन रहे हैं। इस कार्रवाई से इस प्रकार के फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई है। गिरोह से जुड़े अन्य संदिग्धों की तलाश अभी भी जारी है।

हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं के ठिकानों पर IT और निगम की छापेमारी, सूदखोरों के मददगारों की तलाश में जुटी पुलिस

रायपुर- हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं के घर बीते दिनों पुलिस की रेड के बाद अब नगर निगम ने भी उनपर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। रविवार को टीम ने करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र तोमर और उनके भाई रोहित सिंह तोमर के राजधानी रायपुर के भाठागांव स्थित साई विला में दबिश दी।

नगर निगम की टीम ने मौके पर पहुंचकर तोमर बंधुओं के आलीशान मकान का नाप-जोख किया और मकान के निर्माण व नक्शे की जांच प्रक्रिया शुरू की। दोनों आरोपी भाई करीब 7 दिनों से फरार हैं। सूत्रों के अनुसार, छापेमारी के दौरान रायपुर नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। अधिकारियों ने मकान से जुड़े दस्तावेजों की जांच की और परिजनों से निर्माण से संबंधित जानकारी भी मांगी।

जोन 8 के कमिश्नर हितेंद्र यादव ने पुष्टि की कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर नगर निगम की टीम वीरेंद्र तोमर के घर पहुंची थी। परिजनों से मकान संबंधी स्वीकृति व निर्माण लागत से जुड़े दस्तावेज मांगे गए हैं। दस्तावेजों के विश्लेषण के बाद मकान की कानूनी स्थिति पर विस्तृत जानकारी दी जाएगी। फिलहाल जांच प्रक्रिया जारी है।

पुलिस ने 37 लाख से ज्यादा नकद समेत जेवरात और गाड़ियां की थी जब्त

हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र तोमर और रोहित तोमर के घर से पुलिस ने 37 लाख से ज्यादा नकद, 734 ग्राम सोने के जेवरात, 125 ग्राम चांदी, 4 गाड़ियां, आईपैड, लैपटॉप, चेक, एटीएम कार्ड, डीवीआर, ई-स्टाम्प जब्त किया था। इसके अलावा पैसों के लेन-देन के हिसाब का रजिस्टर, जमीनों के दस्तावेज, नोट गिनने की मशीन, 5 तलवारें, 1 रिवॉल्वर, 1 पिस्टल, जिंदा राउंड और आवाज़ी कारतूस भी बरामद किए गए थे। पुलिस ने सामान जब्त करने के साथ ही वीरेंद्र और रोहित के भतीजे दिव्यांश प्रताप तोमर को भी रिमांड में लिया था। पुलिस फरार तोमर बंधुओं की तलाश में जुटी है और यह भी पता लगाया जा रहा है कि कौन-कौन लोग सहायता पहुंचा रहे हैं.

केटीयू ने आयोजित किया मीडिया-जनसंचार शिक्षा पर मार्गदर्शन शिविर, बड़ी संख्या में जुड़े छात्र

रायपुर-  कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय और प्रेस क्लब, रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को प्रेस क्लब परिसर में एक दिवसीय “मार्गदर्शन (काउंसलिंग) शिविर” का आयोजन किया गया। यह शिविर मीडिया शिक्षा और जनसंचार क्षेत्र में करियर की संभावनाओं को लेकर युवाओं और अभिभावकों को जागरूक करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।

उद्घाटन सत्र में विश्वविद्यालय के कुलपति महादेव कावरे ने संचार और पत्रकारिता के क्षेत्र में करियर की संभावनाओं पर विचार रखते हुए कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक दृष्टि से भी विशेष महत्व रखता है, क्योंकि 8 जून 1936 को ही आकाशवाणी की स्थापना हुई थी, जिसने देश के नागरिकों को जागरूक करने में एक नई क्रांति का सूत्रपात किया। आज उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए यह मार्गदर्शन शिविर मीडिया शिक्षा के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने की दिशा में हमारा एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण प्रयास है।

शिविर में प्रेस क्लब रायपुर के अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर ने अपने पत्रकारिता के अनुभव साझा करते हुए प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में पत्रकारिता और जनसंचार के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं, जो न केवल रोजगार के अवसर प्रदान करती हैं, बल्कि समाज में सक्रिय भूमिका निभाने का भी माध्यम बनती हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए युवाओं को गुणवत्तापूर्ण जनसंचार शिक्षा आवश्यक है, क्योंकि मीडिया समाज की प्रभावशाली आवाज है और इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए ज्ञान और दृष्टिकोण जरूरी है, जो केवल सशक्त शिक्षा से ही संभव है। साथ ही उद्घाटन सत्र में विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभागाध्यक्ष पंकज नयन पाण्डेय ने कार्यक्रम की भूमिका और उद्देश्य पर प्रकाश डाला। डॉ. नृपेंद्र शर्मा विभागाध्यक्ष, समाज कार्य एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग ने स्वागत भाषण देते हुए कार्यक्रम के महत्व को रेखांकित किया। आयोजन में कुलपति द्वारा प्रेस क्लब अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर और पदाधिकारियों को विश्वविद्यालय की ओर से स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।

कार्यक्रम के अंत में कुलसचिव सुनील शर्मा ने सभी अतिथियों, प्रेस क्लब रायपुर के पदाधिकारियों एवं प्रतिभागियों की सक्रिय उपस्थिति और सहयोग के लिए आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों की सफलता सभी के सामूहिक प्रयास और सहभागिता से ही संभव हो पाती है और विश्वविद्यालय भविष्य में भी ऐसे सार्थक कार्यक्रमों के माध्यम से जनसंचार शिक्षा को नई दिशा देने का प्रयास करता रहेगा।

कार्यक्रम संयोजक एवं जनसंचार विभागाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र मोहंती ने बताया कि इस शिविर का मुख्य उद्देश्य मीडिया और जनसंचार के क्षेत्र में शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों को इस विषय के प्रति जागरूक बनाना है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इस दिशा में नए प्रयास जारी रखेंगे, ताकि छत्तीसगढ़ में मीडिया एवं जनसंचार शिक्षा के प्रति जागरूकता और व्यापक हो सके।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागाध्यक्ष शैलेन्द्र खंडेलवाल (आईटी), अतिथि व्याख्याता, विश्वविद्यालय शोधार्थी विनोद सावंत एवं चंद्रेश चौधरी और प्रेस क्लब पदाधिकारी संदीप शुक्ला (उपाध्यक्ष), डॉ. वैभव शिव पांडेय (महासचिव), रमन हलवाई (कोषाध्यक्ष) और बम्लेश्वर सोनवानी (संयुक्त सचिव) उपस्थित रहे। कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ. नीलेश साहू द्वारा किया गया। शिविर में बड़ी संख्या में करियर बनाने के इच्छुक विद्यार्थी, अभिभावक और पेशेवर भी मौजूद रहे।