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पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी विजय भाटिया दिल्ली से गिरफ्तार, इधर दुर्ग में कई ठिकानों पर एसीबी-ईओडब्ल्यू की दबिश…

दुर्ग- आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने शराब कारोबारी विजय भाटिया के दुर्ग स्थित पांच ठिकानों पर आज सुबह दबिश दी है. इस बीच खबर है कि एसीबी के अधिकारी शराब घोटाले में फरार विजय भाटिया को दिल्ली स्थिति उनके ठिकाने से गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए छत्तीसगढ़ लेकर आ रही है.

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी माने जाने वाले विजय भाटिया के ठिकानों पर शराब घोटाले से जुड़े मामले में ईडी, एसीबी-ईओडब्ल्यू के अधिकारी तीन बार छापा मार चुके हैं. अबकी बार ईओडब्ल्यू के छह अधिकारियों के विजय भाटिया के निवास पर दबिश देने की खबर है. पिछली बार जब विजय भाटिया के ठिकानों पर छापा मारा था, तब वह नहीं मिले थे।

बता दें कि छत्तीसगढ़ का बहुचर्चित शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच राज्य की सरकारी शराब दुकानों से अवैध तरीके से शराब बेचने से जुड़ा है. इस घोटाले में दो हजार करोड़ रुपए से अधिक के नुकसान की बात कही गई है.

ED के चालान में इस घोटाले में अब तक 21 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें कवासी लखमा (पूर्व आबकारी मंत्री), अनवर ढेबर, अनिल टूटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, छत्तीसगढ़ डिस्टलर, वेलकम डिस्टलर, टॉप सिक्योरिटी, ओम साईं ब्रेवरेज, दिशिता वेंचर, नेस्ट जेन पावर, भाटिया वाइन मर्चेंट, और सिद्धार्थ सिंघानिया जैसे प्रमुख नाम शामिल है.

प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में यह बात सामने आई कि तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के शासनकाल में IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के गठजोड़ ने यह घोटाला किया.

ED ने इस मामले में 28 दिसंबर 2024 को कवासी लखमा और उनके परिवार के सदस्यों के घरों पर छापे मारे थे, और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज व डिजिटल डिवाइस जब्त किए थे, जिनमें अपराध से अर्जित आय के सबूत मिले थे. इसके बाद 15 जनवरी को लखमा को गिरफ्तार किया गया और तब से वे रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं.

छात्राओं से अश्लील हरकत, हाईकोर्ट ने खारिज की आरोपी शिक्षक की अग्रिम जमानत याचिका

बिलासपुर- हाईकोर्ट ने छात्राओं से अश्लील हरकत करने वाले आरोपी शिक्षक की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। आरोपी के खिलाफ बिलासपुर के सकरी थाने में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 75(1) और पॉक्सो एक्ट की धारा 8 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

आरोपी राममूरत कौशिक स्कूल में शिक्षक है। उस पर आरोप है कि उसने नाबालिग छात्राओं के साथ अश्लील हरकत की है। पीड़ित छात्राओं ने बीएनएसएस की धारा 183 के तहत दर्ज बयान में आरोपी के खिलाफ गवाही दी है। मामला दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी से बचने शिक्षक ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी लगाई थी।

आरोपी शिक्षक ने कहा कि वह 55 साल का है। उसके दो बच्चे हैं। वह छात्राओं से अपने बच्चों जैसा व्यवहार करता था। उसका तबादला हो चुका है। अब वह अतिशेष शिक्षक के रूप में कार्यरत है। अन्य शिक्षक उसे हटाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने साजिश रची और छात्राओं से झूठी शिकायत करवाई। वह निर्दोष है, उसे फंसाया गया है। राज्य सरकार ने इसका विरोध करते हुए कहा कि आरोपी शिक्षक होते हुए भी 13 साल की छात्राओं से दुर्व्यवहार करता है। पीड़ित छात्राओं ने अपने बयान में यह स्पष्ट किया है। इस आधार पर कोर्ट ने अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी।

छत्तीसगढ़ में होगी शिक्षकों की भर्ती, पहले चरण में 5,000 पदों पर होगी नियुक्ति

रायपुर- छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ एवं प्रभावशील बनाने के लिए शिक्षकों के रिक्त पदों पर चरणबद्ध भर्ती की जाएगी। प्रथम चरण में 5,000 शिक्षकों की भर्ती होगी। इस निर्णय से प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययन अध्यापन व्यवस्था को गति मिलेगी और विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त होगी। शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती को लेकर विभागीय स्तर पर तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। इन्हीं पहल में शामिल है शालाओं एवं शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण। युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया राज्य में शुरू कर दी गई है। इसके पूरा होेने के बाद शिक्षकों के रिक्त पदों का आकलन कर नई भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

गौरतलब है कि शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच को बेहतर बनाने की पहल के तहत छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में शालाओं और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है। इसका उद्देश्य यह है कि जहां जरूरत है वहां शिक्षक उपलब्ध हों और बच्चों को अच्छी शिक्षा, बेहतर शैक्षणिक वातावरण और बेहतर सुविधाएं मिल सकें। युक्तियुक्तकरण का मतलब है स्कूलों और शिक्षकों की व्यवस्था को इस तरह से सुधारना कि सभी स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात संतुलित हो और कोई भी स्कूल बिना शिक्षक के न रहे।

राज्य की 30,700 प्राथमिक शालाओं में औसतन 21.84 बच्चे प्रति शिक्षक हैं और 13,149 पूर्व माध्यमिक शालाओं में 26.2 बच्चे प्रति शिक्षक हैं, जो कि राष्ट्रीय औसत से कहीं बेहतर है। हालांकि 212 प्राथमिक स्कूल अभी भी शिक्षक विहीन हैं और 6,872 प्राथमिक स्कूलों में केवल एक ही शिक्षक कार्यरत है। पूर्व माध्यमिक स्तर पर 48 स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं और 255 स्कूलों में केवल एक शिक्षक है। 362 स्कूल ऐसे भी हैं जहां शिक्षक तो हैं, लेकिन एक भी छात्र नहीं है। इसी तरह शहरी क्षेत्र में 527 स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात 10 या उससे कम है। 1,106 स्कूलों में यह अनुपात 11 से 20 के बीच है। 837 स्कूलों में यह अनुपात 21 से 30 के बीच है। लेकिन 245 स्कूलों में यह अनुपात 40 या उससे भी ज्यादा है, यानी छात्रों की दर्ज संख्या के अनुपात में शिक्षक कम हैं।

युक्तियुक्तकरण के अंतर्गत जिन स्कूलों में ज्यादा शिक्षक हैं लेकिन छात्र नहीं, वहां से शिक्षकों को निकालकर उन स्कूलों में भेजा जा रहा है, जहां शिक्षक नहीं हैं। इससे शिक्षक विहीन और एकल शिक्षक वाले स्कूलों की समस्या दूर होगी। स्कूल संचालन का खर्च भी कम होगा और संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सकेगा। एक ही परिसर में ज्यादा कक्षाएं और सुविधाएं मिलने से बच्चों को बार-बार एडमिशन लेने की जरूरत नहीं होगी। यानी एक ही परिसर में संचालित प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल संचालित होंगे तो प्राथमिक कक्षाएं पास करने के बाद विद्यार्थियों को आगे की कक्षाओं में एडमिशन कराने की प्रक्रिया से छुटकारा मिल जाएगा। इससे बच्चों को पढ़ाई में निरंतरता बनी रहेगी। बच्चों के स्कूल छोड़ने की दर (ड्रॉपआउट रेट) भी घटेगी। अच्छी बिल्डिंग, लैब, लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं एक ही जगह देना आसान होगा।

शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार शालाओं के युक्तियुक्तकरण के तहत राज्य के कुल 10,463 स्कूलों में से सिर्फ 166 स्कूलों का समायोजन होगा। इन 166 स्कूलों में से ग्रामीण इलाके के 133 स्कूल ऐसे हैं, जिसमें छात्रों की संख्या 10 से कम है और एक किलोमीटर के अंदर में दूसरा स्कूल संचालित है। इसी तरह शहरी क्षेत्र में 33 स्कूल ऐसे हैं, जिसमें दर्ज संख्या 30 से कम हैं और 500 मीटर के दायरे में दूसरा स्कूल संचालित है। इस कारण 166 स्कूलों को बेहतर शिक्षा के उद्देश्य से समायोजित किया जा रहा है, इससे किसी भी स्थिति में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी। शेष 10,297 स्कूल पूरी तरह से चालू रहेंगे।

दरअसल छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के शहरी और ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए स्कूलों और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण यानि तर्कसंगत समायोजन कर रही है। इसका उद्देश्य यह है कि जहां जरूरत ज्यादा है, वहां संसाधनों और शिक्षकों का बेहतर ढंग से उपयोग सुनिश्चित हो। उन स्कूलों को जो कम छात्रों के कारण समुचित शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं, उन्हें नजदीकी अच्छे स्कूलों के साथ समायोजित किया जाए, ताकि बच्चों को बेहतर माहौल, संसाधन और पढ़ाई का समान अवसर उपलब्ध हो सके।

शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण से बच्चों को ज्यादा योग्य और विषय के हिसाब से विशेषज्ञ शिक्षक मिलेंगे। स्कूलों में लाइब्रेरी, लैब, कंप्यूटर आदि की सुविधाएं सुलभ होंगी। शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में अब पर्याप्त शिक्षक मिलेंगे। जिन स्कूलों में पहले गिनती के ही छात्र होते थे, वे अब पास के अच्छे स्कूलों में जाकर बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में इस बदलाव से शिक्षा का स्तर सुधरेगा। छत्तीसगढ़ सरकार की मंशा है कि हर बच्चे को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले।यह पहल राज्य की शिक्षा व्यवस्था को ज्यादा सशक्त और संतुलित बनाएगी। युक्तियुक्तकरण से न सिर्फ शिक्षकों का समुचित उपयोग होगा, बल्कि बच्चों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी मिल सकेगी।

भाजपा ने मनाई रानी अहिल्या बाई की 300वीं जयंती, महिलाओं का किया सम्मान, BJP अध्यक्ष किरण देव ने कहा – अहिल्या बाई का जीवन प्रेरणादायक

रायपुर- भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में रायपुर भाजपा जिला इकाई ने आज रानी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव शामिल हुए. इस अवसर पर माताओं को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए किरण देव ने कहा, आज सभी जिलाें में कार्यक्रम हुए. अहिल्या बाई होलकर का जीवन प्रेरणादायक है. उन्होंने धर्म के क्षेत्र में कई कार्यक्रम किए. ज्योतिर्लिंगों का जीर्णोद्धार किया.

उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 वर्ष पूरे होने पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन होगा. पीएम मोदी ने गांव, गरीब व किसान सभी वर्ग के लिए कल्याणकारी योजना चलाई. हितग्राही लाभार्थी में परिवर्तित हो रहे हैं. हमारा आर्थिक उन्नति का विकास का दर चौथे नम्बर पर पहुंच गया है. यह उनकी योजना से सफल हुआ है. ऑपरेशन सिंदूर के राजनीतिकरण को लेकर प्रदेश अध्यक्ष किरण देव सिंह ने कांग्रेस पर भी हमला बोला. ऑपरेशन सिंदूर की सफलता कांग्रेस नहीं पचा पा रही है.

प्रदेश अध्यक्ष किरण देव ने कहा, हमें कांग्रेस से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है. आजादी के पांच दशक से भी ज़्यादा समय तक कांग्रेस ने राज किया. पांच साल छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने राज किया. छत्तीसगढ़ की दुर्दशा की, इन्हें कुछ भी बोलने का हक नहीं है. कांग्रेस संवैधानिक संस्थाओं पर प्रश्न चिन्ह लगाती है. सुरक्षा के लिए तीनों सेनाओ ने अपने पराक्रम का परिचय दिया. कांग्रेस इसमें भी प्रश्नचिह्न लगाती है.

नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत का विवादित बयान, कहा – पीएम मोदी बायोलॉजिकल पैदा नहीं हुए हैं, उनके शरीर में हवा, पानी और गोबर भी हो सकता है…

सक्ती- कांग्रेस ने आज सक्ती जिले के बाराद्वार में विधानसभा स्तरीय संविधान बचाओ रैली निकाली, जिसमें नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को लेकर विवादित बयान दिया. डॉ. महंत ने सिंदूर को लेकर पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा, अगर नरेंद्र मोदी को सिंदूर से इतना लगाव है तो अपने सभी मंत्रियों से कहे सिंदूर लगाया करें. प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि वो बायोलॉजिकल पैदा नहीं हुए हैं, याने उनके शरीर में खून नहीं हवा भी हो सकती है, पानी और गोबर भी हो सकता है.

विधानसभा स्तरीय संविधान बचाओ रैली में विधायक राम कुमार यादव, बालेश्वर साहू समेत कांग्रेस पार्टी के कई जनप्रतिनिधि एवं कार्यकर्ता शामिल हुए. कांग्रेस नेताओं ने भाजपा सरकार को संविधान विरोधी बताया.

नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत के मंत्रियों को सिंदूर लगाने वाले बयान को मंत्री राम विचार नेताम ने अमर्यादित बताया है. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को शब्दों की मर्यादा बनाए रखनी चाहिए. चरणदास महंत को माफी मांगना चाहिए.

GST की कार्रवाई से भड़के व्यापारी : लक्ष्मी ट्रेडर्स के यहां 6 माह में तीसरी बार मारा छापा

सरगुजा- अंबिकापुर में जीएसटी की छापेमार कार्रवाई से व्यापारियों में हड़कंप मच गया है. टैक्स चोरी की शिकायत पर जीएसटी की टीम ने रिंग रोड स्थित लक्ष्मी ट्रेडर्स की दुकान में छापा मारा है. 6 महीने के अंदर जीएसटी ने तीसरी बार लक्ष्मी ट्रेडर्स के यहां छापेमार कार्रवाई की है. इस छापेमारी से आक्रोशित शहर के व्यापारियों ने कार्रवाई का विरोध किया है.

व्यापारियों ने जीएसटी की टीम पर अवैध वसूली और जबरन परेशान करने का आरोप लगाया है. कार्रवाई पर विराम नहीं लगने पर दुकानें बंद कर चाबी जीएसटी अधिकारी को देने की बात भी कही है. चैंबर ऑफ कॉमर्स के जिला अध्यक्ष अजीत अग्रवाल ने कहा, जीएसटी की छापेमार कार्रवाई से व्यापारी आर्थिक, मानसिक, शारीरिक हर रूप से परेशान हैं. निष्कर्ष अभी तक कुछ नहीं निकल पाया है. प्रथम दृष्टया व्यापारी से कोई गलती होती है तो उसे सुधार करने की समझाइश देनी चाहिए. इसके बाद भी कुछ गलती करते हैं तो कार्रवाई करें, इसमें कोई भी व्यापारी नहीं बोलेगा.


छापेमारी से परेशान व्यापारी आत्महत्या करने मजबूर : चैंबर जिलाध्यक्ष


चैंबर ऑफ कॉमर्स के जिला अध्यक्ष अजीत ने कहा, जीएसटी नियम में इतने संशोधन हुए हैं कि सीए को भी ठीक से जानकारी नहीं है तो व्यापारी को कहां से नियम मालूम रहेंगे. इसके लिए जीएसटी न कोई कार्यशाला लगाती है न व्यापारियों के साथ बैठक करते हैं. सीधे व्यापारियों के यहां धावा बोला जाता है और अवैध वसूली की जाती है. लक्ष्मी ट्रेडर्स में 6 माह में तीसरी बार छापा पड़ने से व्यापारी परेशान होकर आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो गया है.


कैट के प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा – गलत तरीके से कार्रवाई न हो

कैट के प्रदेश उपाध्यक्ष रविंद्र तिवारी ने कहा, कोविड के बाद से व्यापारी वर्ग आर्थिक रूप से टूट चुके हैं. वहीं जीएसटी के अधिकारी अवैध वसूली करने में लगे हैं. अनाप-शनाप पैनाल्टी थोपा जा रहा है. इससे व्यापारी वर्ग परेशान हैं. जीएसटी अधिकारी से मुलाकात कर हमने अपनी बात रखी है कि गलत तरीके से कार्रवाई न हो. छापेमारी के नाम पर परेशान न करें.

राष्ट्रीय देवी अहिल्याबाई सम्मान: PM मोदी ने बस्तर की डॉ जयमति कश्यप को किया सम्मानित, नक्सलवाद पर कहीं ये बात

भोपाल- राजधानी भोपाल में आयोजित महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बस्तर की जनजाति महिला कलाकार डॉ. जयमति कश्यप को राष्ट्रीय देवी अहिल्याबाई सम्मान 2024 से सम्मानित किया. मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने नक्सलवाद पर कहा कि शिक्षा के अभाव के कारण हमारे लोग भटक रहे हैं.

डॉ जयमति कश्यप ने कहा, शिक्षा का प्रचार अच्छा हो जाएगा, तो नक्सलवाद जल्द समाप्त हो जाएगा. लड़कियां भी शिक्षित हो जाएंगी तो नक्सलवाद से नहीं जुड़ेंगी. उन्होंने राष्ट्रीय देवी अहिल्या सम्मान को लेकर कहा कि कल दोपहर में पता चला कि ये सम्मान मिलने जा रहा है।

बता दें कि डॉ. जयमति कश्यप छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र की एक प्रसिद्ध जनजातीय महिला कलाकार हैं. बस्तर की समृद्ध सांस्कृतिक और जनजातीय कला को बढ़ावा देने में उनका महत्वपूर्ण योगदान है. उन्होंने स्थानीय कला को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है.

‘विकसित छत्तीसगढ़’ के रोडमैप पर रखें फोकस: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज धमतरी में आयोजित समीक्षा बैठक में ‘विकसित छत्तीसगढ़’ का मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि ‘विकसित छत्तीसगढ़’ के लिए तैयार किया गया विजन डाक्यूमेंट एक रोडमैप की तरह है, जिसमें लक्ष्य और दिशा-निर्देश स्पष्ट हैं। अधिकारी विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को साकार करने के लिए पूरी तन्मयता और जिम्मेदारी के साथ इसे परिणाम तक ले जाएं। मुख्यमंत्री श्री साय आज रायपुर और धमतरी जिले में योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने सुशासन तिहार के समापन पर कहा कि लोगों की समस्याओं के समाधान का यह सिलसिला थमना नहीं चाहिए। जन-जन से संवाद और उनकी समस्याओं का समाधान निरंतर जारी रहना चाहिए। अधिकारी कड़ी मेहनत और नवाचारी तरीकों से लोगों की समस्याओं का समाधान करें। आम जनता को देरी से न्याय मिलना, न्याय नहीं मिलने के बराबर है। उन्होंने कहा कि राजस्व त्रुटि सुधार जैसे कामों में अधिकारियों-कर्मचारियों से ही गलती होती है, लेकिन इसका नुकसान आम लोगों को होता है और उन्हें ही परेशान होना पड़ता है।

मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग में डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा देने और समय प्रबंधन पर ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कहा कि सक्रिय तहसीलदारों वाले क्षेत्रों में राजस्व प्रकरण कम लंबित रहते हैं। साथ ही, अधिकारियों को जनता के साथ अच्छा व्यवहार करने और उनके कार्यों को न्यूनतम समय में गुणवत्तापूर्वक पूरा करने का निर्देश फ्लैगशिप योजनाओं पर दें ध्यान

मुख्यमंत्री ने केंद्र और राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं, जैसे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, पीएम आवास, और जल जीवन मिशन को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि फसल बीमा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा सर्वश्रेष्ठ राज्य चुना गया है। साथ ही, नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार धमतरी और रायपुर में पर्यटन स्थल विकसित करने की संभावनाओं को तलाशने को कहा।शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि पर जोर

मुख्यमंत्री ने जिले में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के निर्देश दिए। उन्होंने दंतेवाड़ा का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां डीईओ के बेहतर प्रदर्शन के कारण दसवीं और बारहवीं के परिणाम शानदार रहे, जिसकी प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में प्रशंसा की। स्वास्थ्य विभाग में सतत मॉनिटरिंग और संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने, साथ ही कृषि प्रधान धमतरी और रायपुर जिले में खरीफ फसल की तैयारी और किसानों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ने पर बल दियाअंतिम व्यक्ति तक पहुंचे योजनाओं का लाभ

मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी बाधा के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से विभागीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में आने वाली कठिनाइयों को साझा करने को कहा, ताकि राज्य स्तर पर सहायता प्रदान की जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि अधिकारियों के कार्यों की निरंतर मॉनिटरिंग की जा रही है और प्रत्येक जिले का रिपोर्ट कार्ड उनके पास है। उन्होंने कहा कि सुशासन तिहार के दौरान अधिकारियों ने बड़ी संख्या में आए आवेदनों का समयबद्ध समाधान किया, जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों और कर्मचारियों को अच्छा काम करने पर पुरस्कार और काम नहीं करेंगे तो उनकी खैर नहीं होगी।

इस मौके पर वन मंत्री केदार कश्यप, राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा, सांसद रूप कुमारी चौधरी, विधायक अजय चंद्राकर, विधायक ओंकार साहू, महापौर रामू रोहरा, जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सार्वा, पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष नेहरू निषाद, अपर मुख्य सचिव रेणु जी. पिल्ले, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव बसव राजु एस. सहित रायपुर और धमतरी जिले के अधिकारी उपस्थित थे।

िया।

हॉलीवुड फिल्में देखकर बनाई चोरी की प्लानिंग, रिलायंस शोरूम से 17 आईफोन पार कर दुकानदारों को बेचा, पांच गिरफ्तार

रायपुर- राजधानी रायपुर के रिलायंस शोरूम से 17 आईफोन चोरी मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनमें चार लोग चोरी का माल खरीदने वाले हैं. कारोबारी के बेटे ने हॉलीवुड फिल्में देखकर इस वारदात को अंजाम दिया था. पूरा मामला सरस्वती नगर थाना क्षेत्र का है.

जानकारी के मुताबिक, रिलायंस कंपनी के डिपार्टमेंट मैनेजर सोमनाथ लसेर ने जीई रोड अनुपम गार्डन के सामने रिलायंस डिजिटल सेंटर में 25-26 मई की दरमियानी रात 17 नग सील पैक आईफोन चोरी की शिकायत थाने में की थी. इस मामले में क्राइम ब्रांच और सरस्वती नगर थाना की सयुंक्त टीम ने छानबीन शुरू की. पुलिस को मौके पर चोर की स्कूटी मिली, जिसे वह छोड़कर फरार हुआ था. पुलिस को सूचना मिली कि एक युवक शहर में सीलपैक आईफोन बेचने की फिराक में है. इसके बाद लोगों से पूछताछ करते हुए पुलिस युवक तक पहुंची. युवक चौबे कॉलोनी का रहने वाला मयंक दीक्षित है. उसके पिता कारोबारी हैं.

बांस के सहारे शोरूम में घुसा था आरोपी

पुलिस ने बताया कि आरोपी युवक ने हॉलीवुड फिल्में देखकर चोरी की प्लानिंग की थी. रिलायंस स्टोर उसके घर से करीब था तो उसे निशाना बनाया. रिलायंस स्टोर के बाजू में एक अन्य शोरूम में रिपेयरिंग काम चल रहा था, जहां जमीन से लेकर ऊपर तक बांस बंधा था. वह बांस के सहारे पहली मंजिल पर पहुंचा, फिर एक हथौड़ी की मदद से सामने का कांच तोड़कर शोरूम के उपरी मंजिल से नीचे ग्राउंड फ्लोर में उतरकर चोरी की. आरोपी ने स्टोर से करीब 17 आइफ़ोन चोरी किए थे, जिसे बेचने के लिए वह कई दुकानदारों और लोगों से संपर्क किया. इन्हीं में से एक व्यक्ति ने पुलिस को सूचना दे दी, जिससे आरोपी फंस गया. जिन-जिन लोगों ने आरोपी के पास से आईफोन खरीदा उनमें कई दुकानदार भी हैं, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. फिलहाल पुलिस ने 21 लाख रुपए का माल बरामद कर लिया है.

ये आरोपी हुए गिरफ्तार

मयंक दीक्षित निवासी चौबे कॉलोनी रायपुर, अमित अग्रवाल निवासी समता कॉलोनी रायपुर, निखिल गर्ग निवासी शंकर नगर रायपुर, चंदन वर्मा निवासी गुढ़यारी रायपुर, आशीष लखवानी निवासी लाखे नगर चौक रायपुर।

166 स्कूलों का होगा समायोजन : युक्तियुक्तकरण से हजारों स्कूल के बंद होने की बातें भ्रामक, विभाग ने कहा- असलियत इससे बिल्कुल अलग

रायपुर- शिक्षा विभाग ने कतिपय संगठनों एवं व्यक्तियों द्वारा युक्तियुक्तकरण से हजारों की संख्या में स्कूलों के बंद होने की बात को पूरी तरह से भ्रामक और तथ्यहीन बताया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने कहा है कि असलियत इससे बिलकुल अलग है। प्रदेश सरकार की ओर से जारी युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया का उद्देश्य किसी की पढ़ाई रोकना नहीं, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता और संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करना है।

राज्य के कुल 10,463 स्कूलों में से सिर्फ 166 स्कूलों का समायोजन होगा। इन 166 स्कूलों में से ग्रामीण इलाके के 133 स्कूल ऐसे हैं, जिसमें छात्रों की संख्या 10 से कम है और एक किलोमीटर के अंदर में दूसरा स्कूल संचालित है। इसी तरह शहरी क्षेत्र में 33 स्कूल ऐसे हैं, जिसमें दर्ज संख्या 30 से कम हैं और 500 मीटर के दायरे में दूसरा स्कूल संचालित है। इस कारण 166 स्कूलों को बेहतर शिक्षा के उद्देश्य से समायोजित किया जा रहा है, इससे किसी भी स्थिति में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी। शेष 10,297 स्कूल पूरी तरह से चालू रहेंगे। उनमें केवल प्रशासनिक और शैक्षणिक स्तर पर आवश्यक समायोजन किया जा रहा है। स्कूल भवनों का उपयोग पहले की तरह ही जारी रहेगा और जहाँ आवश्यकता होगी, वहाँ शिक्षक भी उपलब्ध रहेंगे।

यहाँ स्पष्ट करना जरूरी है कि स्कूलों का “समायोजन” और “बंद” होना अलग चीज है। समायोजन का अर्थ है पास के स्कूलों को एकीकृत कर बेहतर संसाधनों का उपयोग। इसका मकसद बच्चों को अच्छी शिक्षा देना है, न कि स्कूल बंद करना। शिक्षा विभाग ने लोगों से अफवाहों से सावधान रहने की अपील की है। सच्चाई यह है कि राज्य सरकार स्कूलों को मजबूत करने, पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ाने और हर बच्चे को बेहतर शिक्षा देने की सुदृढ व्यवस्था में जुटी शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की पहल

दरअसल छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के शहरी और ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए स्कूलों और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण यानि तर्कसंगत समायोजन कर रही है। इसका उद्देश्य यह है कि जहां जरूरत ज्यादा है, वहां संसाधनों और शिक्षकों का बेहतर ढंग से उपयोग सुनिश्चित हो। उन स्कूलों को जो कम छात्रों के कारण समुचित शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं, उन्हें नजदीकी अच्छे स्कूलों के साथ समायोजित किया जाए, ताकि बच्चों को बेहतर माहौल, संसाधन और पढ़ाई का समान अवसर उपलब्ध हो सके। इससे बच्चों को ज्यादा योग्य और विषय के हिसाब से विशेषज्ञ शिक्षक मिलेंगे। स्कूलों में लाइब्रेरी, लैब, कंप्यूटर आदि की सुविधाएं सुलभ होंगी। शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में अब पर्याप्त शिक्षक मिलेंगे। जिन स्कूलों में पहले गिनती के ही छात्र होते थे, वे अब पास के अच्छे स्कूलों में जाकर बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में इस बदलाव से शिक्षा का स्तर सुधरेगा।

सरकार की मंशा साफ है, हर बच्चे को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। यही वजह है कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि शिक्षकों की तैनाती सिर्फ संख्या के हिसाब से नहीं बल्कि जरूरत के हिसाब से हो। छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग का मानना है कि यह कदम सिर्फ एक प्रशासनिक सुधार नहीं, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में एक ठोस बदलाव है, जिससे आने वाली पीढ़ी को मजबूत नींव मिलेगी।

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