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साय मंत्रिपरिषद की बैठक 4 जून को…

रायपुर- साय मंत्रिपरिषद की बैठक 4 जून को दोपहर 12 बजे से मंत्रालय में होगी. साय मंत्रिपरिषद की इस 29वीं बैठक का एजेंडा फिलहाल सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि मानसून के आगमन के साथ खेती-किसानी की समस्याओं पर चर्चा करते हुए निर्णय लिए जाएंगे.

मुख्यमंत्री ने 'सावरकर सौरभ' स्मारिका का किया विमोचन

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने निवास कार्यालय में स्वातंत्र्य वीर विनायक दामोदर सावरकर के जीवन पर आधारित स्मारिका 'सावरकर सौरभ' का विमोचन किया। स्मारिका 'सावरकर सौरभ' का प्रकाशन अखिल भारतीय साहित्य परिषद, छत्तीसगढ़ द्वारा सावरकर जयंती के अवसर पर किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने 'सावरकर सौरभ' स्मारिका के प्रकाशन पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद, छत्तीसगढ़ के सदस्यों को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि वीर सावरकर हमारे देश के सच्चे सपूत थे। उन्होंने मातृभूमि की सेवा में असंख्य कष्ट सहते हुए स्वतंत्रता की अलख जगाई। उनके साहसपूर्ण जीवन के प्रेरणादायी संस्मरणों से सभी को प्रेरणा मिलेगी।

मुख्यमंत्री को 'सावरकर सौरभ' के संपादक और अखिल भारतीय साहित्य परिषद छत्तीसगढ़ के प्रांत संयोजक प्रभात मिश्र ने बताया कि इस स्मारिका में स्वातंत्र्य वीर विनायक दामोदर सावरकर के जीवनकाल की घटनाओं को संपादित कर स्मारिका का रूप दिया गया है। स्मारिका में विभिन्न लेखकों ने वीर सावरकर के जीवन के विभिन्न आयामों को लेकर अपने विचार व्यक्त किए हैं।

इस अवसर पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद, छत्तीसगढ़ से रामेश्वर शर्मा, शिवरतन गुप्ता, मनीष शर्मा, संतोष बरलोटा, भास्कर किन्हेकर , अभय मिश्रा, कौशल साहू सहित अन्य गणमान्य जन उपस्थित थे।

यात्रियों की बढ़ेगी परेशानी, रेलवे ने रद्द की 5 ट्रेनें

रायपुर- दक्षिण मध्य रेलवे के सिकंदराबाद मंडल के अंतर्गत बेल्लमपल्ली यार्ड में तीसरी लाइन कनेक्टीविटी हेतु प्री-एनआई व एनआई का कार्य किया जाएगा. इसके फलस्वरुप 5 ट्रेनें 16 से 20 जून के मध्य रद्द रहेगी. रद्द होने वाली ट्रेनों में पटना चर्लपल्ली एक्सप्रेस, चर्लपल्ली-रक्सौल एक्सप्रेस शामिल है. रेलवे प्रशासन द्वारा अधोसंरचना विकास के कार्यों को शीघ्र पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है. इसी संदर्भ में अधोसंरचना विकास हेतु दक्षिण मध्य रेलवे के सिकंदराबाद मंडल के अंतर्गत बल्लारशाह व काजीपेट सेक्शन के मध्य बेल्लमपल्ली यार्ड में तीसरी लाइन कनेक्टीविटी हेतु प्री-एनआई व एनआई का कार्य किया जाएगा.

इस कार्य के फलस्वरूप कुछ यात्री गाड़ियों का परिचालन प्रभावित रहेगा. इस कार्य के पूर्ण होते ही गाडियों के परिचालन में गतिशीलता आयेगी. एनआई वर्क के कारण 5 ट्रेनें रद्द रहेगी. इसमें 16 व 18 जून को पटना से रवाना होने वाली गाडी संख्या 03253 पटना-चर्लपल्ली एक्सप्रेस, 18 जून को चर्लपल्ली से रवाना होने वाली गाडी संख्या 07255 चर्लपल्ली-पटना एक्सप्रेस, 20 जून को चर्लपल्ली से रवाना होने वाली गाडी संख्या 07256 चर्लपल्ली-पटना एक्सप्रेस रद्द रहेगी. वहीं 16 जून को चर्लपल्ली से रवाना होने वाली गाडी संख्या 07005 चर्लपल्ली-रक्सौल एक्सप्रेस और 19 जून को रक्सौल से रवाना होने वाली गाडी संख्या 07006 रक्सौल-चर्लपल्ली एक्सप्रेस कैंसिल रहेगी.

अंबेडकर अस्पताल की अव्यवस्था पर हाई कोर्ट में जवाब नहीं दे पाई सरकार, महाधिवक्ता ने मांगा और समय…

बिलासपुर- राजधानी रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं और मरीजों को हो रही परेशानी को लेकर सामने आई मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने सचिव से जबाव मांगा था, लेकिन सरकार अपना जवाब नहीं दे पाई. महाधिवक्ता ने और समय की मांग की. जिसे चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की बेंच स्वीकार कर लिया.

दरअसल, 27 मई को चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन में सुनवाई हुई थी, जिसमें मीडिया रिपोर्ट में प्रकाश में लाए गए मामले पर संज्ञान लेकर लापरवाही पर नाराजगी जाहिर की थी. रिपोर्ट में बताया गया था कि प्रदेश के सबसे सरकारी अस्पताल में टूटी हुई हड्डियों, दुर्घटनाओं में फ्रैक्चर, गंभीर चोटों और कैंसर के रोगियों को सर्जरी के लिए एक या दो दिन नहीं बल्कि 15 से 20 दिन तक इंतजार करना पड़ता है. कई बार मरीजों को ऑपरेशन थियेटर में ले जाने के बाद वापस लाया जाता है. इससे गंभीर रोगियों की जान का जोखिम बढ़ गया है.

मरीजों के साथ मौजूद परिजनों का कहना है कि डॉक्टर और स्टाफ उन्हें बिना बताए ऑपरेशन थियेटर से वापस भेज देते हैं. ऐसा एक-दो बार नहीं, बल्कि कई बार होता है. अगर वे इसका विरोध करते हैं, तो उन्हें निजी अस्पताल में जाकर इलाज कराने को कहा जाता है. मजबूरी में लोग इलाज होने तक मरीजों के साथ अस्पताल में ही रहते हैं.

अंबेडकर अस्पताल में छोटे-बड़े ऑपरेशन थियेटर मिलाकर कुल 29 ऑपरेशन थियेटर हैं. सभी में सर्जरी के लिए सिर्फ 1-2 डॉक्टर हैं. अस्पताल में रोजाना दुर्घटना, कैंसर और गंभीर बीमारियों से पीड़ित दर्जनों मरीज आते हैं. कई मरीज ऐसे हैं जो एक महीने से ऑपरेशन का इंतजार कर रहे हैं. आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के पास अपनी बारी का इंतजार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता. कई बार मरीजों के परिजन अपना आपा खो देते हैं. डॉक्टरों और प्रबंधन के साथ तीखी नोकझोंक होती है. मारपीट तक की नौबत आ जाती है.

हाइ कोर्ट ने उपरोक्त मामले के मद्देनजर सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने कहा था. लेकिन समय पर अपेक्षित हलफनामा संबंधित सचिव द्वारा प्रस्तुत नहीं किया जा सका. महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत ने कहा हलफनामा तैयार किए जाने की बात कहते हुए इसे प्रस्तुत करने के लिए कुछ समय देने का अनुरोध किया. महाधिवक्ता के अनुरोध को स्वीकार करते हुए बैंच ने इस मामले को 10 जून को सूचीबद्ध किया है.

राज्य सूचना आयुक्त चयन प्रक्रिया पर हाईकोर्ट की रोक, अनुभव की नई शर्त बनी वजह

बिलासपुर- राज्य सूचना आयुक्त के दो रिक्त पदों पर चल रही चयन प्रक्रिया पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। न्यायमूर्ति संजय जायसवाल की एकल पीठ ने इस प्रक्रिया पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है। कोर्ट ने यह निर्णय 25 वर्ष के कार्य अनुभव की नई शर्त को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई के बाद लिया।

जानकारी के अनुसार, मामले में तीन याचिकाकर्ता अनिल तिवारी, डीके सोनी और राजेंद्र उपाध्याय ने यह आपत्ति जताई थी कि राज्य सूचना आयुक्त के दो पदों के लिए अधिसूचना 4 मार्च को जारी की गई। इसके बाद 19 मार्च तक आवेदन मंगाए गए। उस समय जारी विज्ञापन में कार्य अनुभव की कोई सीमा निर्धारित नहीं थी। लेकिन 9 मई को इंटरव्यू से ठीक पहले जारी एक पत्र में सर्च कमेटी ने आवेदनकर्ताओं के लिए विधि, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, समाज सेवा, प्रबंधन, पत्रकारिता, जनसंपर्क या प्रशासन जैसे क्षेत्रों में 25 वर्ष या उससे अधिक का अनुभव अनिवार्य कर दिया।

इस नए नियम की वजह से 172 आवेदकों में से केवल 51 आवेदकों को ही इंटरव्यू के लिए चयनित किया गया। इससे असंतुष्ट होकर तीन अभ्यर्थियों (अनिल तिवारी, डीके सोनी और राजेंद्र उपाध्याय) ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। याचिका पर सुनवाई करते हुए दोनों ही पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस संजय जायसवाल ने अगली सुनवाई 9 जून तक चयन प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।

माओवाद के समूल नाश और बस्तर के समग्र विकास के लिए देश के बुद्धिजीवियों का आह्वान

रायपुर- बस्तर क्षेत्र में माओवादी हिंसा के उन्मूलन की मांग को लेकर आज रायपुर में एक महत्त्वपूर्ण प्रेस वार्ता आयोजित की गई। इस वार्ता को प्रो. एस.के. पांडे (पूर्व कुलपति), अनुराग पांडे (सेवानिवृत्त IAS), बी. गोपा कुमार (पूर्व उप-सॉलिसिटर जनरल) और शैलेन्द्र शुक्ला (पूर्व निदेशक, क्रेडा) ने संबोधित किया।

इन चार वक्ताओं द्वारा अपने वक्तव्य में बस्तर के नागरिकों की दशकों पुरानी पीड़ा, माओवादी हिंसा का वास्तविक स्वरूप, और तथाकथित 'बुद्धिजीवी' वर्ग द्वारा माओवाद के वैचारिक महिमामंडन पर गहरी चिंता व्यक्त की गई।

प्रो. एस.के. पांडे ने कहा कि बस्तर पिछले चार दशकों से माओवादी हिंसा की चपेट में है, जिसमें हजारों निर्दोष आदिवासी नागरिक, सुरक्षाकर्मी, शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और ग्राम प्रतिनिधि मारे जा चुके हैं। South Asia Terrorism Portal के आँकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि केवल छत्तीसगढ़ में माओवादी हिंसा से 1000 से अधिक आम नागरिकों की जान जा चुकी है, जिनमें बहुसंख्यक बस्तर के आदिवासी हैं।

अनुराग पांडे ने कहा कि ‘शांति वार्ता’ की बात तभी स्वीकार्य हो सकती है जब माओवादी हिंसा और हथियारों का त्याग करें। इसके साथ ही जो संगठन और व्यक्ति माओवादियों के फ्रंटल समूहों के रूप में कार्य कर रहे हैं, उनकी पहचान कर उन पर भी वैधानिक कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि सलवा जुडूम को बार-बार निशाने पर लेना माओवादी आतंक को नैतिक छूट देने का प्रयास है, जबकि बस्तर की जनता स्वयं इस हिंसा का सबसे बड़ा शिकार है।

प्रेस को सम्बोधित करते हुए बी. गोपा कुमार ने कहा कि जो लोग ‘शांति’ की बात कर रहे हैं, उन्हें पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि माओवादी हिंसा पूरी तरह बंद हो। अन्यथा यह सब केवल रणनीतिक प्रचार (propaganda) का हिस्सा मात्र है। उन्होंने कहा कि 2004 की वार्ताओं के बाद जिस प्रकार 2010 में ताड़मेटला में नरसंहार हुआ, वह एक ऐतिहासिक चेतावनी है, जिसे नहीं भूलना चाहिए।

वार्ता के अंत में शैलेन्द्र शुक्ला ने यह स्पष्ट किया गया है कि शांति, विकास और न्याय – ये तीनों केवल तभी संभव हैं जब माओवाद को निर्णायक रूप से समाप्त किया जाए। सरकार से यह अपेक्षा की गई है कि वह माओवादी आतंकवाद के विरुद्ध अपनी कार्रवाई को सतत और सशक्त बनाए रखे, और माओवादी समर्थक संगठनों को वैधानिक रूप से चिन्हित कर उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

मुख्य मांगे-

  •  सरकार नक्सल आतंकवाद के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखे, और सुरक्षा बलों के प्रयासों को और भी मजबूत बनाए। कार्रवाइयाँ और अधिक सशक्त और सतत रहें।
  •  माओवादी और उनके समर्थक संगठनों को शांति वार्ता के लिए तभी शामिल किया जाए, जब वे हिंसा और हथियारों को छोड़ने के लिए तैयार हों।
  •  नक्सलवाद और उनके फ्रंटल संगठनों का समर्थन करने वाले व्यक्तियों और संगठनों पर उचित कार्रवाई की जाए।
  •  बस्तर की शांति और विकास के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि इस क्षेत्र को नक्सल आतंकवाद से मुक्त किया जा सके।

पत्रकार वार्ता के दौरान एक सार्वजनिक पत्र भी जारी किया गया, जो निम्नलिखित संस्थाओं एवं प्रमुख व्यक्तित्वों द्वारा हस्ताक्षरित है:

Intellectual Forum of Chhattisgarh, Bharat Lawyers Forum, Society For Policy and Strategic Research, Center For Janjatiya Studies and Research, Forum For Awareness of National Security, Bastar Shanti Samiti, Shakti Vigyan Bharti, Call For Justice, The 4th Pillar, Writers For The Nation, Chhattisgarh Civil Society, Janjati Suraksha Manch, Avsar Foundation, बस्तर सांस्कृतिक सुरक्षा मंच सहित कुल 15+ मंच।

पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले प्रमुख व्यक्तित्वों में शामिल हैं:

Justice Rakesh Saksena, Major General Mrinal Suman, Brig. Rakesh Sharma, Dr. T.D. Dogra, Mr. Rakesh Chaturvedi (Rtd. IFS), Dr. Varnika Sharma, Prof. B.K. Sthapak, Shyam Singh Kumre (Retd. IAS), और अधिवक्ताओं, शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा नीति विशेषज्ञों का एक विस्तृत समूह, जिनमें Adv. Sangharsh Pandey, Adv. Kaustubh Shukla, Smt. Kiran Sushma Khoya, Prof. Dinesh Parihar, Mr. Vikrant Kumre जैसे नाम उल्लेखनीय हैं।

राजधानी में दिनदहाड़े लूट : ग्राहक बनकर आए तीन बदमाश, सराफा दुकान से सोने की तीन चेन लूटकर हुए फरार, आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस

रायपुर- राजधानी रायपुर में आज दिनदहाड़े लूट की घटना से इलाके में दहशत का माहौल है। एक सराफा दुकान से तीन अज्ञात बदमाश चार तोले सोने की चेन लूटकर फरार हो गए। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने आरोपियों की तलाश में शहर में नाकेबंदी कर दी है। पूरा मामला खम्हारडीह थाना क्षेत्र के शक्तिनगर इलाके का है।

जानकारी के अनुसार, शक्तिनगर क्षेत्र में स्थित सराफा कारोबारी पन्नालाल गोलछा की दुकान में आज दोपहर तीन युवक ग्राहक बनकर आए। युवकों ने दुकानदार से कहा कि वे सोने की चेन खरीदना चाहते हैं। इस पर दुकान संचालक ने तीन सोने की चेन उन्हें दिखाने के लिए काउंटर से बाहर निकाले। जैसे ही चेन युवकों के हाथ में आई, उनमें से एक ने अचानक चेन को उठाकर भाग निकले। बाकी दो युवक भी उसके पीछे-पीछे तेजी से भाग निकले।

लूटी गई चेन की कुल वजन लगभग चार तोला बताया जा रहा है, जिसकी बाजार कीमत लाखों में आंकी जा रही है। घटना की सूचना मिलते ही खम्हारडीह थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की। दुकान में लगे CCTV कैमरों में तीनों आरोपियों की तस्वीरें कैद हो चुकी है। पुलिस फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान करने और उनकी लोकेशन ट्रेस करने का प्रयास कर रही है।

आरोपियों की तलाश जारी, मुख्य मार्गों पर पुलिस ने की नाकेबंदी

आरोपियों की तलाश में पुलिस ने शहर के सभी मुख्य मार्गों पर नाकेबंदी कर दी है। बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और टोल नाकों पर भी जांच अभियान तेज कर दिया गया है। प्रारंभिक जांच में आशंका जताई जा रही है कि आरोपी पूर्व से योजना बनाकर आए थे और किसी गिरोह से जुड़े हो सकते हैं। विधानसभा सीएसपी वीरेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि थाना खम्हारडीह इलाके के शक्तिनगर में सराफा कारोबारी के दुकान में वारदात हुई है। तीन आरोपियों ने घटना को अंजाम दिया है। करीब 10-10 ग्राम की तीन सोने की चेन छीनकर फरार हुए हैं। पुलिस टीम पूरे मामले की जांच कर रही है। जल्द आरोपियों को पकड़ा जाएगा।

छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स की कार्यकारिणी का विस्तार, 80 से अधिक व्यापारी-उद्योगपतियों को मिली उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी, देखें सूची…

रायपुर- छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष सतीश थौरानी ने अपनी कार्यकारिणी का विस्तार किया है। इस विस्तार के तहत प्रदेश भर के प्रमुख व्यापारियों और उद्योगपतियों को चेम्बर के उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

नवनियुक्त उपाध्यक्षों की सूची में वासुदेव जोतवानी, प्रकाश लालवानी, अमरदास खट्टर, राजकिशोर नत्थानी, आशीष लुक्कड़, राजकुमार राठी, अश्वनी विग, संतोष जैन समेत 80 से अधिक नाम शामिल हैं, जो प्रदेश के अलग-अलग शहरों और सेक्टर्स का प्रतिनिधित्व करते हैं।

देखिये उपाध्यक्षों की सूची-

जबलपुर से रायपुर के बीच चलेगी नई ट्रेन, व्यापार और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

रायपुर- रेल यातायात को और अधिक सुगम बनाने की दिशा में केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. मध्यप्रदेश में तीन नई ट्रेन सेवाओं की शुरूआत की जा रही है. इसमें से एक ट्रेन जबलपुर से रायपुर, छत्तीसगढ़ के बीच चलेगी. इसकी घोषणा केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने की है. रेल मंत्री ने बताया कि इन नई ट्रेन सेवाओं से व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. नई ट्रेन की सौगात मिलने से प्रदेशवासियों में हर्ष की लहर है.


इन शहरों के बीच चलेगी नई ट्रेनें

रीवा-सतना-जबलपुर-पुणे: उत्तर मध्यप्रदेश से महाराष्ट्र के पुणे तक अब यात्रा और आसान होगी.

जबलपुर-रायपुर (वाया नैनपुर, बालाघाट, गोंदिया): इस मार्ग से मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच कनेक्टिविटी मजबूत होगी.

ग्वालियर-गुना-भोपाल-बेंगलुरु: यह ट्रेन सेवा उत्तर और मध्य भारत को दक्षिण भारत के टेक्नोलॉजी हब बेंगलुरु से जोड़ेगी.

पूर्व CM अजीत जोगी की पुण्यतिथि पर निकाली गई सद्भावना रैली, अमित-रेणु जोगी समेत सैकड़ों समर्थकों ने मूर्ती विवाद को लेकर प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

गौरेला पेण्ड्रा मरवाही- पूर्व सीएम स्व. अजीत जोगी की पुण्यतिथि पर आज उनके पुत्र अमित जोगी ने सद्भावना रैली निकाली. इस दौरान उन्होंने अजीत जोगी के मूर्ति हटाने के विवाद को लेकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए अल्टीमेटम भी दिया है. उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि स्व. अजीत जोगी की मूर्ती जहां पर लगाई गई थी, उनकी मूर्ती को उसी जगह वापिस ससम्मान लगाने की मांग की है.

यह रैली गौरेला के जोगी निवास से पूर्व सीएम स्व. अजीत जोगी की समाधि स्थल तक निकाली गई. जिसमें अमित जोगी, उनकी मां रेणु जोगी, पत्नी ऋचा जोगी सहित बड़ी संख्या में सहित तमाम जोगी समर्थकों ने भी शामिल होकर प्रशासन के सामने अपनी मांग रखी.

अमित जोगी ने कहा कि नगरपालिका गौरेला में लगे CCTV में आरोपियों को मूर्ति लाते हुए देखा जा सकता है. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 7 दिनों का दिया अल्टीमेटम दिया गया है. वहीं स्व. अजीत जोगी की मूर्ति उसी जगह विधिवत लगाए जाने को लेकर प्रशासन को दिया 30 दिनों का समय दिया गया है.

अमित जोगी ने कहा कि आज हम शान्ति पूर्ण आंदोलन और प्रदर्शन कर रहे है. लेकिन अगर नियत समय पर उसी जगह मूर्ति नहीं लगाई गई, तो हम उग्र आंदोलन करेंगे.

वहीं प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने शहर में चाक चौबंद व्यवस्था की थी. गौरेला जोगी निवास से कलेक्टर कार्यालय तक जगह-जगह प्रशासन ने बेरिकेडिंग की थी. सुरक्षा के मद्देनजर SDM पेंड्रारोड ऋचा चंद्रकार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओम चंदेल सहित भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा.