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कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य विभाग हुआ सतर्क: संक्रमण के लक्षणों की निगरानी के लिए जारी किया नया प्रोटोकॉल

रायपुर- छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले फिर से सामने आने लगे हैं। सोमवार को दुर्ग और रायपुर में कुल दो नए कोरोना पॉज़िटिव मरीज पाए गए हैं। कोरोना वायरस संक्रमण की आशंकाओं के बीच स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। आज विभाग द्वारा ILI (Influenza Like Illness) और SARI (Severe Acute Respiratory Illness) की प्रभावी निगरानी के लिए नया विस्तृत सर्विलांस प्रोटोकॉल जारी किया है। यह आदेश प्रदेश के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में लागू होगा।

सभी जिलों के CMHO को निर्देश

संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं, छत्तीसगढ़ द्वारा जारी आदेश में प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (CMHO) को निर्देशित किया गया है कि OPD और IPD में आने वाले सर्दी, खांसी, जुकाम व बुखार के लक्षणों वाले मरीजों का IHIP पोर्टल पर “L फार्म” में अनिवार्य रूप से एंट्री की जाए। यह कदम राज्य में संभावित कोविड-19 के प्रसार को समय रहते पहचानने और रोकथाम के उद्देश्य से उठाया गया है।

मितानिनों के माध्यम से समुदाय स्तर पर रिपोर्टिंग

सामुदायिक निगरानी को भी मजबूत किया जा रहा है। आदेश में कहा गया है कि मितानिन कार्यकर्ताओं के माध्यम से गांव-शहरों में सर्दी, खांसी, बुखार जैसे लक्षणों वाले व्यक्तियों की जानकारी IHIP पोर्टल के कम्युनिटी बेस्ड सर्विलांस (CBS) सेक्शन में https://ihip.mohfw.gov.in/cbs/# पर दर्ज की जाए।

स्वास्थ्य कर्मियों को संवेदीकरण और मास्क अनिवार्य

स्वास्थ्य विभाग ने सभी स्वास्थ्य कर्मियों को ILI/SARI के इलाज व प्रबंधन के प्रति संवेदनशील बनाने के निर्देश भी दिए हैं। इसके साथ ही सभी अस्पतालों में मास्क का उपयोग अनिवार्य किया गया है। Respiratory etiquette का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है।

दवाओं और संसाधनों की उपलब्धता पर जोर

SARI मामलों के प्रबंधन हेतु मास्क, PPE किट जैसे सुरक्षा उपकरणों का स्टॉक अपडेट करने और जरूरत के अनुसार उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, लक्षण आधारित उपचार (Symptomatic treatment) के लिए आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता बनाए रखने को कहा गया है।

कोविड जांच और जीनोम सीक्वेंसिंग का प्रावधान

अगर कोई ILI या SARI रोगी लक्षण आधारित उपचार से ठीक नहीं होता है और उसमें को-मॉर्बिडिटी (अन्य बीमारियां) पाई जाती हैं, तो चिकित्सक की सलाह पर उसकी कोविड-19 जांच करवाई जाए। यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उसका सैंपल WGS (Whole Genome Sequencing) के लिए AIIMS रायपुर भेजा जाए ताकि नए वैरिएंट की पहचान की जा सके।

PSA प्लांट की समीक्षा और सक्रियता

राज्य के सभी जिलों में स्थापित PSA ऑक्सीजन प्लांट्स की समीक्षा की जाएगी और उन्हें क्रियाशील करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि आवश्यकता पड़ने पर इनका तुरंत उपयोग किया जा सके।

दैनिक रिपोर्टिंग अनिवार्य

जिन भी मामलों की पुष्टि होती है, उनकी रिपोर्टिंग IHIP पोर्टल में अनिवार्य रूप से की जाएगी और इसका दैनिक प्रतिवेदन राज्य सर्विलांस इकाई को भेजना होगा।

देखें आदेश –

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग का यह कदम आगामी समय में संभावित कोविड-19 की पुनरावृत्ति को रोकने, नए वैरिएंट की पहचान करने, और समुदाय स्तर पर बीमारियों की निगरानी को सुदृढ़ करने की दिशा में अहम माना जा रहा है। सभी जिलों में इस प्रोटोकॉल को तत्काल प्रभाव से लागू करने को कहा गया है।

सुशासन तिहार के दौरे पर मुख्यमंत्री अचानक पहुंचे मांदरी गांव के आँगनबाड़ी केंद्र, बच्चों से आत्मीयता से मिले, व्यवस्थाओं का लिया जायजा

रायपुर।   सुशासन तिहार के तहत् मुख्यमंत्री विष्णु देव साय हेलीकॉप्टर से आज अचानक कांकेर जिले के मांदरी गांव पहुंचे। हेलीपेड से गांव के रास्ते पर आँगनबाड़ी भवन देखकर मुख्यमंत्री केंद्र के बच्चों से मिलने और वहां की व्यवस्था का जायजा लेने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचे। आँगनबाड़ी केंद्र में बच्चों ने मुख्यमंत्री का स्थानीय फूलों से तैयार किया गया गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने बड़ी आत्मीयता के साथ बच्चों से घुल-मिल कर बातचीत की और उनसे आंगनबाड़ी और उनके अक्षर ज्ञान की जानकारी ली। मुख्यमंत्री के पूछने पर बच्चों ने धारा-प्रवाह कविता सुनाई। मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से बच्चों को चाकलेट वितरित कर उन्हें दुलार किया।


इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से आँगनबाड़ी केंद्र में बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं और भोजन व्यवस्था की जानकारी भी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

टोल प्लाजा को लेकर कांग्रेस का हल्ला बोल : केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री गडकरी को पत्र लिखने के बाद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई

रायपुर- रायपुर और दुर्ग के बीच संचालित कुम्हारी टोल प्लाजा की अनियमितताओं और अवैध वसूली को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस का कहना है कि इस टोल प्लाजा के खिलाफ वे लंबे समय से चरणबद्ध आंदोलन करते आ रहे हैं, लेकिन अब तक न तो राज्य सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई की है और न ही केंद्र सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया है। इसी मुद्दे को लेकर आज कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक विकास उपाध्याय, जिला अध्यक्ष गिरीश दुबे, वरिष्ठ नेता पंकज शर्मा और कन्हैया अग्रवाल ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर टोल की अवैध वसूली से जुड़े तथ्यों को मीडिया के सामने रखा।

60 किमी के भीतर 3 टोल, नियमों का हो रहा उल्लंघन

नेताओं ने बताया कि रायपुर से दुर्ग के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-53 (पूर्व NH-6) पर संचालित कुम्हारी टोल प्लाजा को लेकर जन आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। केवल 54 किलोमीटर की दूरी में तीन टोल प्लाजा – मंदिर हसौद (किमी 258), कुम्हारी (किमी 281), और दुर्ग (किमी 312) – संचालित हो रहे हैं, जो भारत सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन है, जिसमें दो टोल प्लाजा के बीच कम से कम 60 किलोमीटर की दूरी अनिवार्य की गई है।

कुम्हारी टोल की वैधता समाप्त, फिर भी वसूली जारी

उन्होंने बताया कि सबसे विवादास्पद स्थिति कुम्हारी टोल प्लाजा को लेकर है, जिसकी वैधानिक वसूली अवधि समाप्त हो चुकी है, फिर भी यह 20 से 25 वर्षों से अवैध रूप से संचालित हो रहा है। स्थानीय निवासियों, खासकर रायपुर के टाटीबंध और कुम्हारी नगर निगम क्षेत्र के लोगों को प्रतिदिन भीषण ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है। कई बार 1 से 2 घंटे तक यात्री जाम में फंसे रहते हैं।

नितिन गडकरी को भेजा पत्र, नहीं मिला जवाब

जनप्रतिनिधियों द्वारा इस मुद्दे को कई बार केंद्र सरकार और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के समक्ष उठाया गया है। पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर इस टोल प्लाजा को अविलंब बंद करने की मांग पहले ही की थी, पर सरकार इस मामले में गंभीर नहीं है और टोल वसूली जारी है। वैसे तो नियमानुसार जब टोल वसूली की निर्धारित लागत वर्षों पहले ही वसूल की जा चुकी है, तो इस टोल प्लाजा का संचालन पूरी तरह से अवैध और जनविरोधी है।

कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया, तो वे चरणबद्ध आंदोलन चलाएंगे और आवश्यकता पड़ने पर दिल्ली तक विरोध प्रदर्शन करेंगे।

कांग्रेस का सीधा आरोप है कि यह टोल नाका न केवल अवैध वसूली का केंद्र बन गया है, बल्कि जानलेवा जाम और दुर्घटनाओं की वजह से यह स्थानीय नागरिकों के लिए संकट का कारण बन चुका है।

समय सीमा समाप्त होने के बाद वसूली

  1. कई बार टोल प्लाजा की वैधानिक अवधि (Concession Agreement Period) समाप्त हो जाने के बावजूद, पुराने ठेकेदार या एजेंसियां टोल वसूली जारी रखती हैं। यह कॉन्ट्रैक्ट उल्लंघन है और इसे “अवैध वसूली“ माना जाता है।
  2. सार्वजनिक निधियों (Public Funded Projects) में मनमानी

कुछ टोल प्लाजा सरकारी निधियों से निर्मित होते हैं, जहां टोल वसूली एक तय अवधि तक ही की जा सकती है। लेकिन कई बार इनकी वसूली अनिश्चित काल तक जारी रहती है, जो पूर्णतया नियमविरुद्ध है।

  1. ट्रैफिक घनत्व का दुरुपयोग

कई टोल प्लाजा अधिक ट्रैफिक घनत्व वाले क्षेत्रों में स्थित होते हैं, जहाँ लोगों को वैकल्पिक मार्ग नहीं मिलते। इसका लाभ उठाकर अवैध वसूली की जाती है और स्थानीय जनता मजबूरी में भुगतान करती है।

  1. नियमों का उल्लंघन – दूरी संबंधी गाइडलाइन
  2. NHAI की गाइडलाइन के अनुसार, दो टोल प्लाज़ा के बीच कम से कम 60 किमी की दूरी होनी चाहिए। लेकिन जब यह नियम तोड़ा जाता है (जैसे मंदिरहसौद-कुम्हारी-दुर्ग केस में), तो यह अवैध वसूली की श्रेणी में आता है


मनमाने दर से शुल्क वसूलना

कुछ टोल प्लाजा पर पुराने रेट चार्ज किए जाते हैं या रेट चार्ट सार्वजनिक नहीं होता, जिससे जनता को भ्रमित कर अधिक शुल्क लिया जाता है।

  1. स्थानीय वाहनों से वसूली

स्थानीय निवासियों को NHAI के नियमों के अनुसार छूट या रियायत मिलनी चाहिए, लेकिन कई टोल प्लाजा नियमों की अनदेखी कर इनसे भी नियमित वसूली करते हैं।

वर्तमान में रायपुर से दुर्ग के बीच टोल नाके (NH-53 पर)

रायपुर से दुर्ग के बीच लगभग 54 किलोमीटर की दूरी है, जिस पर तीन टोल प्लाजा संचालित हैं।

  1. मंदिर हसौद टोल प्लाजा – किमी 258.650 (NH-53)

नया स्थापित टोल (BOT आधारित)

  1. कुम्हारी टोल प्लाजा – किमी 281.400 (NH-53)

सार्वजनिक निधि से निर्मित (Public Funded)

इसकी वैधता समाप्त हो चुकी है, पर वसूली जारी है

  1. दुर्ग टोल प्लाजा – किमी 312.780 (NH-6 /NH-53)

BOT आधारित टोल

टोल प्लाजा के बीच की दूरी –

मंदिर हसौद से कुम्हारी – लगभग 23 किमी

कुम्हारी से दुर्ग – लगभग 31 किमी

कुल दूरी (तीनों के बीच) – 54 किमी में 3 टोल प्लाजा

NHAI / MoRTH के अनुसार नियम


भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के दिशा-निर्देशों के अनुसारः


दो टोल प्लाजा के बीच की न्यूनतम दूरी

60 किलोमीटर होनी चाहिए (सामान्यतः National Highways पर) इस नियम का पालन ना कर के वसूली जारी रखी गई हैटोल प्लाजा संचालन के लिए NHAI या MoRTH (सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय) से अनुबंध जरूरी होता है।


ये कहते हैं नियम

विकास उपाध्याय ने बताया कि यदि टोल संचालन का अनुबंध समाप्त हो गया हो या नियमों का उल्लंघन हो, तो राज्य सरकार अथवा लोक प्रतिनिधि मंत्रालय से टोल को बंद कराने की सिफारिश कर सकते हैं। लेकिन राज्य सरकार ने इस ओर से मुंह फेरा हुआ है और देखते जानते समझते हुए भी राज्य सरकार की आंखों में पट्टी बंधी हुई है।

केंद्र सरकार और NHAI से की मांग

  1. कुम्हारी टोल प्लाजा को अविलंब बंद किया जाए।
  2. अवैध वसूली की उच्च स्तरीय जांच की जाए।
  3. स्थानीय नागरिकों को यातायात जाम और दुर्घटनाओं से राहत दिलाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
  4. स्थानीय नागरिकों से नियम विरुद्ध फास्ट्रेक कैमरा लगा कर, अवैध वसूली की जा रही है इस प्रकरण में कंपनी से जनता से वसूली गई रकम वसूली जाए।


उन्होंने बताया कि कांग्रेस पार्टी द्वारा पूर्व में भी विरोध के कारण रायपुर राजधानी स्थित सुन्दर नगर में टोल प्लाजा का निर्माण भारतीय जनता पार्टी के शासन में किया जा रहा था जिसे शासन को बंद करना पड़ा। पूर्व में हमारे द्वारा परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जी को पत्र प्रेषित कर कुम्हारी टोल प्लाजा को बंद करने की मांग के लिए एवं छत्तीसगढ़ प्रतिनिधि मंडल को वार्ता के लिए समय की मांग की गई थी, लेकिन आज तक उनका कोई जवाब नहीं आया है। वर्तमान में कुछ दिनों पूर्व हमने भारतीय जनता पार्टी के 10 लोकसभा सांसदों को पत्र प्रेषित किया गया कि आप लोग भी कुम्हारी टोल प्लाजा को बंद कराने हेतु सहयोग करें और कांग्रेस द्वारा लगातार अवैध टोल प्लाजा के खिलाफ आंदोलन किये जा रहे हैं। इस मामले को लेकर विधिक कार्रवाई जारी है।

सिपेट रायपुर में प्रवेश के लिए आवेदन की तिथि में बढ़ोतरी, 9 जून को होगी परीक्षा

रायपुर-  केंद्रीय पेट्रोरसायन अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सिपेट) रायपुर में प्रवेश के लिए आवेदन की तिथि में बढ़ोतरी की गई है. इच्छुक छात्र अब एक जून तक आवेदन कर सकते हैं. सिपेट अध्ययन, शोध, विकास एवं औद्योगिक तकनीक उन्नयन के क्षेत्र में एक अद्वितीय संस्थान हैं. रसायन व उर्वरक मंत्रालय एवं रसायन व पेट्रो रसायन विभाग, भारत सरकार के अंतर्गत संपूर्ण देश में संस्थान विशिष्टता से संचालित है.

छत्तीसगढ में सिपेट के दो केन्द्र स्थापित हैं, जिसमें राजधानी रायपुर और ऊर्जा राजधानी कोरबा सम्मिलित हैं. रायपुर में प्लॉट नं. 48, औद्योगिक क्षेत्र भनपुरी और कोरबा में स्याहीमुड़ी ग्राम के एजुकेशन हब में स्थित है. सिपेट में AICTE द्वारा मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन प्लास्टिक्स प्रोसेसिंग एंड टेस्टिंग (PGD-PPT, पाठ्यक्रम अवधि – 2 वर्ष), डिप्लोमा इन प्लास्टिक मोल्ड टेक्नोलॉजी (DPMT पाठ्यक्रम अवधि – 3 वर्ष), डिप्लोमा इन प्लास्टिक टेक्नोलॉजी (DPT पाठ्यक्रम अवधि-3 वर्ष) के लिए सिपेट प्रवेश परीक्षा (CIPET ADMISSION TEST- 2025) द्वारा प्रवेश प्रारंभ है. इनमें प्रवेश के लिए 9 जून को ऑनलाइन परीक्षा होगी।

प्रवेशार्थी ऑनलाइन आवेदन https://cipet25.onlineregistrationform.org/CIPET/ वेबसाइट के माध्यम से कर सकते हैं. सिपेट में संचालित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि में वृद्ध‍ि की गई है. पूर्व में आवेदन करने की अंतिम तिथि 29.05.2025 थी. अब डिप्लोमा एवं पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए इच्छुक 10वीं उत्तीर्ण छात्र DPMT / DPT एवं B.Sc. उत्तीर्ण छात्र PGDPPT पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए एक जून 2025 तक ऑनलाइन के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए www.cipet.gov.in पर संपर्क कर सकते हैं.

कांकेर जिले के मांदरी गांव में उतरा मुख्यमंत्री का उड़नखटोला, ग्रामीणों से आत्मीयता के साथ किया संवाद, हितग्राहियों से की चर्चा

रायपुर- सुशासन तिहार के अंतिम चरण के अंतर्गत आज मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का हेलीकॉप्टर कांकेर (उत्तर बस्तर) जिले के ग्राम मांदरी में उतरा। उन्होंने पंचायत शेड के नीचे अपनी चौपाल लगाई और ग्रामीणों से संवाद कर योजनाओं पर फीडबैक लिया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ग्रामीणों की मांग पर मांदरी में हाई स्कूल बाउंड्रीवाल निर्माण हेतु 20 लाख की स्वीकृति, मांदरी आंगनबाड़ी केंद्र भवन में बाउंड्रीवाल के लिए 5 लाख की स्वीकृति, साल्हेभांट मुख्य मार्ग से टीरउ सलाम के घर तक सीसी सड़क निर्माण 600 मीटर हेतु 15 लाख की स्वीकृति, झुरा नाला से खेतों में सिंचाई के लिए लाइन विस्तार हेतु 3.50 करोड़ की स्वीकृति की घोषणा की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्रामीणों से चर्चा करते हुए कहा कि हमने बीते डेढ़ वर्षों में जनता के हित में कार्य किया है। सुशासन तिहार हमारा रिपोर्ट कार्ड भी है और सरकार द्वारा किए गए कार्यों का मूल्यांकन करने का अवसर भी। इसके माध्यम से हम जनकल्याणकारी योजनाओं के धरातल पर क्रियान्वयन की स्थिति जान रहे हैं। हमारे अलावा मंत्री, सांसद, विधायक, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी सुशासन तिहार में शामिल हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने शपथ लेते ही प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी के तहत कैबिनेट में 18 लाख प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जरूरतमंदों को आवास मिलेगा, ‘आवास प्लस’ में जिनका नाम है, उन्हें भी आवास दिया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि 70 लाख से अधिक महिलाओं को ‘महतारी वंदन योजना’ की राशि सीधे उनके खातों में देकर आर्थिक समृद्धि और महिला सशक्तिकरण का द्वार खोला गया है। जो लाभार्थी अभी वंचित हैं, उन्हें भी जोड़ा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि 24 अप्रैल से ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सेवा केंद्र शुरू किए गए हैं। इससे ग्रामीणों को गांव में ही बैंकिंग व अन्य सेवाओं की सुविधा मिलेगी। अभी यह सेवा 1460 पंचायतों में शुरू की गई है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सरकार तकनीक के उपयोग से भ्रष्टाचार के सभी रास्ते बंद कर रही है। पंजीयन की नई प्रक्रिया से रजिस्ट्री के साथ नामांतरण की प्रक्रिया को सरल किया गया है।

जानी योजनाओं की हकीकत

ग्राम मांदरी में अचानक पहुंचे मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्रामीणों से छत्तीसगढ़ी में संवाद किया। मुख्यमंत्री ने बिजली व्यवस्था, राशन वितरण और महतारी वंदन योजना की राशि के संबंध में हितग्राहियों से जानकारी ली। इस अवसर पर हितग्राही इतवारिन आचला ने बताया कि महतारी वंदन योजना की प्राप्त राशि का बेटी के नाम पर सुकन्या समृद्धि योजना में खाता खुलवाकर राशि जमा कर रही है। मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि सरकार हर जरूरतमंद के साथ खड़ी है, और जनकल्याण ही सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है।

इस अवसर पर विधायक कांकेर आशा राम नेताम, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण नूरेटी, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ बसव राजु एस., कमिश्नर बस्तर डोमन सिंह, डीआईजी अमित कामले, कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर, पुलिस अधीक्षक इंद्र कल्याण एलेसेला सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारीगण उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में युवाओं प्रतियोगिता परीक्षा के तैयारी हेतु जिला प्रशासन द्वारा तैयार की पुस्तक “नई दिशा” का विमोचन कर युवाओं को वितरित किया। साथ ही विभिन्न विभागों के जन कल्याणकारी योजनाओं के हितग्राहियों को सामग्री, आवास की चाबी, ट्राई साइकिल आदि वितरित की ।

हनुमान मंदिर तोड़ने पर बवाल : आक्रोशित ग्रामीणों ने चर्च में फहराया भगवा ध्वज, पुलिस और बजरंग दल के बीच झड़प, गांव में भारी संख्या में पुलिस बल

रायगढ़- छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के ग्राम भाठनपाली में चर्च में सभा लगाने वालों ने हनुमान मंदिर तोड़ दिया. इस घटना के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. गांव में तनाव का माहौल है. बजरंग दल ने भी गांव पहुंचकर जमकर हंगामा मचाया. आक्रोशित लोगों ने चर्च पर चढ़कर भगवा झंडा फहराया. मंदिर तोड़ने से गुस्साए लोगों ने हाथ में गैंती, फावड़ा लेकर चर्च तोड़ने का भी प्रयास किया, जिसे पुलिसकर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद रोका.

घटना के बाद गांव में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. एसडीएम और राजस्व की टीम भी मौके पर पहुंची है. एसडीएम ने जमीन मालिकों से चर्चा की. जमीन मालिक रोहित शाह, मोहित शाह और मिलकेतन शाह ने बताया कि उसके पास जमीन का पट्टा है. इस दौरान बजरंग दल और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई.

प्रदर्शन के दौरान बजरंग दल ने सीएसपी पर लातों से मारने का आरोप लगाते हुए पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाए. प्रदर्शन के दौरान दिलराज दिलीप ने चर्च पर चढ़कर भगवा ध्वज लहराया. पुलिस ने उसे हिरासत में लिया है. बता दें कि हनुमान जी का मंदिर चर्च के सामने ही बना था. घटना की सूचना मिलते ही नगर पुलिस अधीक्षक, थाना प्रभारी दल बल के साथ मौके पर पहुंचे हैं. साइबर प्रभारी डीएसपी अनिल विश्वकर्मा भी मौके पर पहुंचे हैं. गांव में तनाव को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.

सहकारी बैंक में करोड़ों का घोटाला : अधिकारी, कर्मचारी और सहकारी संस्थाओं के प्रबंधकों ने की 26 करोड़ से ज्यादा की हेराफेरी, 11 आरोपी गिरफ्तार

बलरामपुर- छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के सहकारी बैक में करोड़ों का घोटाला हुआ है. सहकारी बैंक कुसमी और शंकरगढ़ शाखा में 26 करोड़ 47 लाख 82 हजार 462 रुपए की गड़बड़ी उजागर हुई है. यह खुलासा वर्ष 2012 से 2022 तक की विस्तृत ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है. इस मामले में संलिप्त 11 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

मामले का खुलासा करते हुए बलरामपुर एसपी वैभव बेंकर ने बताया, गिरफ्तार आरोपी किसानों के नाम पर फर्जी तरीके से बैंक खाते खोलते थे और उनके माध्यम से सरकारी अनुदान व ऋण राशि का गबन करते थे. इस संगठित घोटाले में बैंक के अधिकारी, कर्मचारी और सहकारी संस्थाओं के प्रबंधक शामिल हैं, जिन्होंने मिलकर करोड़ों रुपए की हेराफेरी को अंजाम दिया.


ऐसे दिया घोटाले को अंजाम

ऑडिट रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि आरोपियों ने किसानों की पहचान का दुरुपयोग कर उनके नाम से फर्जी खाता खोले. इन खातों में ऋण और अनुदान की राशि ट्रांसफर की जाती थी, जिसे बाद में आरोपी निकालकर निजी उपयोग में लाते थे. कई मामलों में किसानों को इस लेन-देन की जानकारी तक नहीं थी. बैंक प्रबंधन की मिलीभगत से लंबे समय तक यह घोटाला बिना किसी संदेह के चलता रहा. आखिरकार, विस्तृत ऑडिट और खातों की जांच के बाद यह भ्रष्टाचार सामने आया.

मामले की जांच के बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. वहीं प्रशासन ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. इस मामले में अन्य कर्मचारियों की भूमिका भी जांच के दायरे में है. मामले में अभी जांच जारी है. जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती है.

ये आरोपी हुए गिरफ्तार

  1. पर्यवेक्षक विकास चंद पांडवी
  2. तत्कालीन शाखा प्रबंधक अशोक कुमार सोनी
  3. सहायक मुख्य पर्यवेक्षक एतबल सिंह
  4. सेवानिवृत्त शाखा प्रबंधक समल साय
  5. सहायक लेखापाल जगदीश प्रसाद
  6. लिपिक ताबरक अली
  7. संस्था प्रबंधक लक्ष्मण देवांगन
  8. मुख्य पर्यवेक्षक राजेंद्र प्रसाद पांडेय
  9. समिति प्रबंधक सुदेश यादव
  10. कंप्यूटर ऑपरेटर प्रकाश कुमार सिंह
  11. प्रभारी अतिरिक्त प्रबंधक राजेंद्र गुप्ता


विकसित कृषि संकल्प अभियान का कल शुभारंभ करेंगे मुख्यमंत्री साय, कृषि मंत्री नेताम ने कहा- एक देश-एक कृषि-एक टीम की अवधारणा को मिलेगी मजबूती…

रायपुर- कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कल 29 मई से शुरू हो रहे विकसित कृषि संकल्प अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि यह कृषि क्षेत्र में प्रधानमंत्री के “लैब टू लैण्ड” मंत्र को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. यह एक देश-एक कृषि-एक टीम की अवधारणा को मजबूती देगा. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के इस अभियान की छत्तीसगढ़ में शुरुआत मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आरंग विधानसभा के भैंसा गांव में करेंगे.

कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने बताया कि कृषि कार्यों हेतु प्रत्येक राज्य की अपनी खरीफ-पूर्व तैयारियाँ होती है. इनसे बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए राज्य की तैयारियों एवं इस अभियान को एकीकृत किया जा रहा है.

इस अभियान के मुख्य उद्देश्यों में “क्षेत्र विशेष में प्रमुख खरीफ फसलों की आधुनिक कृषि पद्धतियों के बारे में किसानों को जागरूक करना”, “किसानों के लिए लाभकारी विभिन्न शासकीय योजनाओं और नीतियों के बारे में जानकारी प्रसारित करना”, “मृदा स्वास्थ्य कार्ड के उपयोग को प्रचारित करना ताकि सूक्ष्म पोषक तत्वों सहित उर्वरकों के संतुलित उपयोग के लिए किसानों द्वारा उचित निर्णय लिया जा सके”. “रासायनिक उर्वरकों के विवेकपूर्ण और उचित उपयोग के बारे में जागरूकता फैलाना” तथा “जमीनी स्तर पर नवाचारों के बारे में किसानों से फीडबैक एकत्र कर उसके अनुसार अनुसंधान की प्राथमिकताओं का निर्धारण करना” सम्मिलित हैं.

इस अभियान का कियान्वयन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थानों, कृषि विज्ञान केन्द्रों तथा राज्य शासन के कृषि विभाग के मैदानी अधिकारियों द्वारा किया जाएगा. यह अभियान छत्तीसगढ़ प्रदेश के समस्त 33 जिलों में चलाया जाएगा, जिसमें कुल 100 दलों द्वारा 2,600 स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. प्रत्येक जिले में 3 दलों का गठन होगा, तथा प्रत्येक दल एक दिन में दो स्थानों पर कार्यकम आयेजित करेगा.

प्रत्येक दल में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थानों एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों के 3-4 वैज्ञानिक तथा राज्य शासन के कृषि, उद्यानिकी, मछलीपालन एवं पशुपालन विभाग के अधिकारी सम्मिलित रहेंगे, जो जनजातीय, आकांक्षी और भौगोलिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों को विशेष प्राथमिकता देंगे.

कलेक्टर के मर्गदर्शन में कृषि एवं संबद्ध विभाग आपसी समन्वय से अभियान का क्रियान्वयन करेंगे. जिला स्तर पर अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए जिले के उप संचालक कृषि को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. अभियान के क्रियान्वयन के संबंध में राज्य स्तर से जिलों के उप संचालक कृषि को विस्तृत निर्देश जारी किए जा चुके हैं.

अभियान की निगरानी एवं पर्यवेक्षण हेतु राज्य स्तर पर संचालनालय कृषि में तथा जिला स्तर पर कार्यालय उप संचालक कृषि में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जिसमें कृषि के साथ उद्यानिकी, मछलीपालन एवं पशुपालन विभाग के अधिकारी भी सम्मिलित हैं.

प्राकृतिक और जैविक खेती के लिए करेंगे प्रोत्साहित

अभियान के दौरान विभिन्न स्थानों पर दल जाकर उन्नत तकनीक एवं नई किस्मों के संबंध में किसानों को जागरूक करेंगे, प्राकृतिक खेती तथा जैविक खेती का प्रचार-प्रसार एवं इसे अपनाने किसानों को प्रोत्साहित करेंगे. मृदा के स्वास्थ्य को बनाये रखने जैविक खाद/जैव उर्वरक को प्रोत्साहित करेंगे. वहीं मृदा स्वास्थ्य कार्ड (SHC) में फसलवार अनुशंसित मात्रा अनुसार संतुलित उर्वरक के उपयोग के लिए किसानो को जागरूक एवं प्रोत्साहित करेंगे.

कृषि-ड्रोन के जरिए तरल उर्वरक छिड़काव का प्रदर्शन

कृषि विज्ञान केन्द्र, आई.सी.ए.आर. संस्थान और इफको द्वारा कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग पर प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा. किसानों के बीच जागरूकता लाने के लिए सूचना एवं प्रसार प्रौद्योगिकी का व्यापक उपयोग किया जाएगा. इसके अलावा धान की कतार बोनी (Line Sowing) / DSR मशीन से बोनी, पैडी ट्रांसप्लांटर से धान की रोपाई एवं सोयाबीन की फसल में मशीनीकरण (Ridge and furrow प्रणाली, बी.बी.एफ. आदि) जैसी अन्य उन्नत फराल तकनीकी का प्रसार करेंगे.

दलहन-तिलहन के उत्पादन के लिए करेंगे प्रोत्साहित

इसके साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड हेतु किसानों को प्रोत्साहित करेंगे. फसल चक्र परिवर्तन धान के बदले अन्य लाभदायी फसल, जैसे दलहन, तिलहन, मक्का, लघु-धान्य फसलें इत्यादि के उत्पादन हेतु किसानों को प्रोत्साहित करेंगे. सिंचाई संसाधनों के समुचित उपयोग हेतु ड्रिप, स्प्रिंकलर एवं जल संरक्षण / संर्वधन के तकनीकों की जानकारी देंगे. कृषि एवं संबद्ध विभागों में संचालित केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी देंगे.

बस्तर वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों की सूची से बाहर, LWE के तहत मिलने वाली सहायता हुई बंद!

रायपुर- देश-प्रदेश को मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त बनाने का लक्ष्य लेकर शासन-प्रशासन और सुरक्षाबलों का सामूहिक प्रयास अब एक नए मुकाम पर पहुंच गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बस्तर को लेफ्ट विंग एक्स्ट्रिमिज्म (एलडब्ल्यूई) जिलों की सूची से बाहर कर दिया है. हालांकि, इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) की ओर से अब तक कोई अधिकृत घोषणा नहीं की गई है.

बस्तर को लेफ्ट विंग एक्स्ट्रिमिज्म (LWE) जिलों की सूची से बाहर करने के साथ ही केंद्र सरकार ने अप्रैल से शुरू होने वाले नई वित्त वर्ष से एलडब्ल्यूई के तहत बस्तर जिले को मिलने वाली आर्थिक मदद को भी बंद कर दी है. करोड़ों रुपए का यह फंड जिले में विकास कार्यों व नक्सल उन्मूलन के लिए जारी किया जाता था. मार्च 2025 तक बस्तर जिले को ये राशि जारी की गई, लेकिन अप्रैल 2025 से केंद्र सरकार ने एलडब्ल्यूई फंड पर रोक लगा दी है.

संभाग के 7 में से 2 जिले हुए नक्सलमुक्त

बस्तर संभाग में 7 जिले शामिल हैं, जिनमें बस्तर के अलावा दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, कोंडागांव व कांकेर शामिल हैं. इस साल छत्तीसगढ़ के तीन और जिले, राजनांदगांव, कवर्धा और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई को केंद्र की एलडब्ल्यूई की सूची से बाहर कर दिया गया.

जिले के ये इलाके भी नक्सलवाद मुक्त

बस्तर जिले का दरभा इलाके का कोलेंग, तुलसीडोंगरी, जगदलपुर से लगे माचकोट, तिरिया, लोहंडीगुड़ा इलाके के मारडूम, ककनार, बारसूर सीमा के इलाके नक्सलवाद से प्रभावित थे. इसके बाद दरभा की झीरम घाटी में दो कैंपों सहित कोलेंग, तुलसीडोंगरी में कैंप खोले गए. मारडूम में कैंप व थाना खोला गया. ककनार व चित्रकोट में चौकी और कैंप खोले गए. लोहंडीगुड़ा में सीआरपीएफ कैंप खोला गया.

“कॉल मी सर्विस” कंपनी पर गंभीर आरोप: प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने कहा-

रायपुर- राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मेकाहारा सहित कई संस्थानों में सफाई सेवाएं देने वाली राज बोथरा की कंपनी “कॉल मी सर्विस” एक बार फिर विवादों में है। छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने कंपनी पर महिला सफाई कर्मचारियों के मानसिक, आर्थिक और शारीरिक शोषण, फर्जीवाड़ा, नौकरी और यूनिफॉर्म के नाम पर अवैध वसूली, और यहां तक कि अस्पताल परिसर को शराब सेवन का अड्डा बनाने तक के गंभीर आरोप लगाते हुए एक पत्र जारी किया है और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है।

बता दें कि हाल ही में पत्रकारों के साथ कंपनी के कथित बाउंसर द्वार मारपीट और दुर्व्यवहार की घटना सामने आई थी जिसके बाद छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने पत्र जारी करते हुए कहा कि कंपनी के मालिक राजकुमार बोथरा के संरक्षण में ये सब कृत्य किए जा रहे हैं। संघ का दावा है कि कर्मचारियों द्वारा इस संबंध में कई बार शिकायत की गई, लेकिन कथित “सेटिंगबाज़ी” और अधिकारियों की मिलीभगत के चलते आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

शराब का अड्डा बना गार्ड रूम

स्वास्थ्य कर्मचारी संघ द्वारा जारी पत्र में दावा किया गया है कि मेकाहारा अस्पताल का गार्ड रूम अब शराब सेवन का अड्डा बन चुका है। जब कोई इसका विरोध करता है, तो कंपनी के गुंडे और कथित बाउंसर मारपीट पर उतर आते हैं।

फर्जी अटेंडेंस और सरकारी धन की बर्बादी

संघ के सलाहकार ओपी शर्मा ने बताया कि “कॉल मी सर्विस” कंपनी करीब 30% फर्जी उपस्थिति दिखाकर राज्य सरकार को लाखों-करोड़ों रुपए का चूना लगा रही है। कंपनी द्वारा ठेका लेने के बाद ज़ीरो प्रतिशत प्रॉफिट की शर्त बताकर संचालन दूसरे सुपरवाइजर और बाउंसर्स को सौंप दिया जाता है, जो कर्मचारियों की उपस्थिति में हेराफेरी करते हैं।

नौकरी देने के नाम पर भारी वसूली

कोविड काल के दौरान 100 से अधिक सफाई कर्मचारियों को हटाकर नए कर्मचारियों की भर्ती के नाम पर 40-40 हजार रुपये वसूले गए थे। ड्रेस देने के नाम पर भी 10-10 हजार रुपए तक लिए जा रहे हैं। ये वसूली केवल मेकाहारा तक सीमित नहीं है, बल्कि दाऊद कल्याण सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, जिला अस्पताल पंडरी, रायपुर एम्स समेत कई अन्य सरकारी संस्थानों में भी की जा रही है।

महिला कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार

पत्र में यह भी उल्लेख है कि कंपनी के सुपरवाइजर पर अश्लील वीडियो बनाने और महिला कर्मचारियों से दुर्व्यवहार के मामले में तीन बार जेल जा चुका है। बावजूद इसके कंपनी को बचाया जा रहा है और कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही।

पत्रकारों से मारपीट की निंदा

हाल ही में मेकाहारा में पत्रकारों के साथ हुई मारपीट और अभद्र व्यवहार की भी छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने कड़ी निंदा की है। संघ का कहना है कि जिस तरह से कंपनी खुलेआम गुंडागर्दी कर रही है और पत्रकारों तक को निशाना बना रही है, यह दर्शाता है कि प्रशासनिक स्तर पर मिलीभगत हो सकती है।

संघ की मांग

स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने राज्य सरकार से मांग की है कि “कॉल मी सर्विस” कंपनी को तत्काल ब्लैकलिस्ट किया जाए, सभी सरकारी संस्थानों से ठेके समाप्त किए जाएं, और इन संस्थानों की जिम्मेदारी महिला स्व-सहायता समूहों को दी जाए ताकि अस्पतालों का माहौल सुरक्षित और पारदर्शी बन सके। स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के सलाहकार ओपी शर्मा ने कहा कि “लगातार शिकायतों के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई न होना प्रशासनिक लापरवाही और सेटिंगबाज़ी को दर्शाता है। अब समय आ गया है कि इस कंपनी पर कड़ी कार्रवाई की जाए।