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सिस्टम के आगे साष्टांग किसान, समाधान शिविर में एसडीएम से लगाई गुहार, ‘साहब! बंटवारा करा दो’

गरियाबंद- सिस्टम के आगे सब बेबस हैं, फिर किसान क्या चीज है. इसका एक नजारा मंगलवार को देवभोग विकासखंड में निष्ठीगुड़ा में आयोजित अंतिम समाधान शिविर में देखने को मिला, जहां किसान मंच पर मौजूद एसडीएम के सामने साष्टांग हो गया. किसान सिर्फ एक बात ही बात कह रहा था कि साहब! बंटवारा करा दो.

सरकार के सुशासन तिहार अभियान में गुहार लगाने के बाद भी काम नहीं बनता देख लाटापारा का कृषक अशोक कुमार कश्यप अपने लंबित मांग को फिर से दोहराने के निष्ठीगुड़ा में आयोजित अंतिम समाधान शिविर में पहुंच गया. इस बार आवेदन देने के साथ मंच में चढ़कर एसडीएम तुलसी दास के समक्ष साष्टांग होकर जमीन बंटवारा के लिए गिड़गिड़ाने लगा. इस बार भी अफसर उसे आश्वासन देकर निराकरण करने का भरोसा दिलाया.

अशोक ने बताया कि लाटापारा हल्का में उनकी पुरखौती जमीन 4.28 एकड़ मौजूद है. जमीन अशोक के नाम पर है, पर कब्जा बड़े भाई का है. साल भर पहले बंटवारा के लिए आवेदन दे चुका है. पूरे अभियान के दरमियान सभी जगह बंटवारा की मांग करते रहा, लेकिन आज तक नहीं सुनवाई हुई. मामले में एसडीएम तुलसी दास ने कहा कि मौके पर रकबा कम है, फिर भी अशोक को उनके हिस्से का कब्जा दिलाया गया था. अगला पक्ष फिर से काबिज हो गया है, जिस पर स्थल निरीक्षण कर अब स्थाई समाधान निकाला जाएगा.

बता दें कि देवभोग के तीनों राजस्व न्यायालय में 93 राजस्व ग्राम में 394 राजस्व मामले लंबित है. निराकरण के पायदान में जिले की स्थिति चौथे नंबर पर है. ऑनलाइन दर्ज आंकड़ों के मुताबिक, नायब तहसीलदार के समक्ष 129, तहसीलदार न्यायालय में 185 और एसडीएम न्यायालय में 80 मामले लंबित हैं. इन लंबित मामलों में सीमांकन के104, क्षतिपूर्ति के 72 और खाता विभाजन के 31 मामले शामिल हैं।


बंदोबस्त त्रुटि के मामले ज्यादा

तहसीलदार चितेश देवांगन ने बताया कि अशोक के खाते में ही 2 एकड़ जमीन दर्ज है, पुराने रिकॉर्ड के आधार पर दावा भले वह 4 एकड़ का कर रहा है. देवांगन ने बताया कि बंदोबस्त सुधार के 13 मामले दर्ज है, जिसे निराकृत किया जा रहा है. दरअसल, 1991 में अंतिम बंदोबस्त हुआ है,तब की हुई त्रुटि के चलते देवभोग तहसील में जमीन विवाद से जुड़े मामले अक्सर आते हैं.बोनी के समय प्रति वर्ष तहसील और थाने में जमीन विवाद के 20 से ज्यादा मामले पहुंच जाते हैं.जब तक बंदोबस्त प्रकिया दोबारा नहीं किया जाता,जमीन विवाद के मामले आते रहेंगे.

आधे पटवारी पर निर्भर है विभाग

देवभोग तहसील में महज 93 राजस्व ग्राम हैं. प्रशासनिक सेट अप के लिहाज से इतने गांव के लिए एक एसडीएम, एक तहसीलदार पदस्थ हैं. नायब तहसीलदार का पद रिक्त पड़ा है. तीन आरआई सर्कल हैं, लेकिन पदस्थ एक आरआई है. इस तरह से 27 हल्के में महज 14 पटवारी हैं. राजस्व मामले के रीढ़ माने जाने वाले पटवारी की कम संख्या भी लंबित मामले का प्रमुख कारण है.

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संविधान बचाओ यात्रा पर मंत्री रामविचार नेताम ने कसा तंज, कहा- कांग्रेस को बचाने के लिए निकाल रहे यात्रा…

रायपुर- कांग्रेस के संविधान बचाओ यात्रा को मंत्री रामविचार नेताम ने तंज कसते हुए इसे कांग्रेस बचाओ यात्रा करार दिया. उन्होंने कहा कि कैसे कांग्रेस को बचाया जाए, इसके लिए यात्रा निकाल रही है.

मंत्री रामविचार नेताम ने जातिगत जनगणना के प्रारूप की मांग को लेकर कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर कहा कि कांग्रेस ने घूम-घूम कर देश को गुमराह करने का काम किया. कांग्रेस पार्टी अनर्गल बातें करते रहती है, उनका मुद्दा छीन गया. पीएम मोदी जो कहते हैं, वह करके भी दिखाते हैं. पीएम मोदी शिलान्यास भी करते हैं, और उद्घाटन भी करते हैं. इसलिए कांग्रेस को सब्र करना चाहिए.

वहीं बस्तर जिला के नक्सलमुक्त होने पर मंत्री राम विचार नेताम ने कहा कि देश के पीएम और केंद्रीय गृह मंत्री की सोच और परिकल्पना रही. हमारी सरकार और जवानों ने निर्णायक लड़ाई लड़ी. मार्च 2026 तक नक्सलवाद के खात्मे की परिकल्पना रही. आगे बढ़ते हुए बस्तर नक्सल क्षेत्र को नक्सली मुक्त कर दिया गया है, कहीं कुछ बचे होंगे तो अगले मार्च तक पूरी तरीके से सफाया हो जाएगा. छत्तीसगढ़ नक्सलमुक्त प्रदेश के तौर पर देश में जाना जाएगा.

युक्तियुक्तकरण को क्लियर समझना होगा

वहीं शिक्षक संघों के युक्तियुक्तकरण के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर मंत्री राम विचार नेताम ने कहा कि लोगों को युक्तियुक्तकरण को क्लियर समझना होगा. लोगों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है. शिक्षक बच्चों की भविष्य को संभालने के लिए हैं. एक कैंपस में दो-दो, तीन-तीन स्कूल चल रही हैं. अनावश्यक रूप से शिक्षकों को संलग्न किया गया है.

शिक्षा व्यवस्था में सुधार चाहती है सरकार

उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था में सुधार कर रहे हैं. हमारी सरकार शिक्षा की व्यवस्था को सुधारना चाहती है, पिछली सरकार ने शिक्षा के प्रति कोई जोर नहीं दिया. उन्हें सिर्फ नाम कमाने और हाइलाइट होने का ध्यान था. शिक्षक विहीन होकर सैकड़ों स्कूल बंद हुई.

5 साल की मासूम के साथ नाबालिग ने किया अनैतिक कृत्य, घर में अकेली पाकर वारदात को दिया अंजाम…

कोरबा- छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से रिश्ते और मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. एक 5 वर्षीय मासूम बच्ची के साथ उसके नाबालिग चाचा ने घिनौने कृत्य को अंजाम दिया है. वारदात के दौरान जब मासूम की मां घर लौटी तो बेटी की बिलखती आवाज सुनी और ढूंढते हुए अंदर पहुंची, जहां आरोपी के साथ अपनी मासूम बच्ची को देखकर उसके पैरों तले जमीन खिसक गई.

जानकारी के मुताबिक, आरोपी एक 14 साल का किशोर है, जो मासूम बच्ची का दूर का रिश्तेदार है. दोनों के घर आस-पास ही हैं. मासूम के पिता अपने काम पर निकल गए थे और मां भी बच्ची को घर में खेलने के लिए अकेली छोड़कर किसी काम से बाहर गई हुई थी. इसी बीच आरोपी ने बच्ची को घर में अकेला पाकर इस घिनौने कृत्य को अंजाम दिया है. यह पूरी घटना कटघोरा थाना अंतर्गत ग्रामीण इलाके की है.

घटना के बाद परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. वहीं मासूम को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस घटना के बाद परिजनों और स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है. इस घटना ने बेटियों की सुरक्षा को लेकर लोगों में चिंता बढ़ा दी है.

क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर गाड़ी में डलवाया 55 हजार का फ्यूल, पेमेंट के नाम पर दिया चेक हुआ बाउंस

बिलासपुर- न्यायधानी में ठगी का बड़ा मामला आया है. क्राइम ब्रांच अधिकारी बताकर आरोपी ने पेट्रोल पंप संचालक को 55 हजार का चेक थमाया, जो बाद में बाउंस हो गया. मामले की शिकायत मिलने के बाद सिविल लाइन पुलिस जांच में जुट गई है.

जानकारी के अनुसार, आरोपी राजेन्द्र उर्फ अभिराज सिंह ने जरहाभाठा चौक स्थित जियो पेट्रोल पंप से नवम्बर 2024 से मार्च 2025 तक फ्यूल डलवाया. इसके बाद आरोपी युवक ने पेमेंट के नाम पर चेक थमाया, जो बाउंस हो गया. मामले की मिली शिकायत के बाद सिविल लाइन पुलिस जांच में जुट गई है.

छत्तीसगढ़ में रैकबैंक करेगा 1000 करोड़ का निवेश: नवा रायपुर में बनने जा रहा भारत का पहला एआई-केंद्रित स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन

रायपुर- भारत का पहला एआई-केन्द्रित स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (SEZ) अब छत्तीसगढ़ की राजधानी नवा रायपुर में बनने जा रहा है। यह एक ऐसा विशेष क्षेत्र होगा, जिसे केवल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और कंप्यूटर डेटा से जुड़ी तकनीकों के विकास और संचालन के लिए तैयार किया जा रहा है। यहाँ अत्याधुनिक कंप्यूटर सिस्टम और सर्वर होंगे, जो सोचने जैसी क्षमता वाले एआई सिस्टम को चलाएंगे और दुनिया की बड़ी कंपनियाँ यहीं से अपने डिजिटल काम करेंगी। सरकार ने इस SEZ को टैक्स और अन्य कानूनी छूट दी है ताकि नई तकनीकों को तेजी से विकसित किया जा सके। यह पहली बार है जब भारत में ऐसा कोई क्षेत्र पूरी तरह एआई पर केंद्रित बनाया जा रहा है, जिससे नवा रायपुर देश का अगला डिजिटल और तकनीकी हब बनकर उभरेगा। इस परियोजना के ज़रिए भारत को वैश्विक स्तर पर टेक्नोलॉजी लीडर बनाने की दिशा में एक बड़ी छलांग मानी जा रही है।

छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में भारत का पहला एआई-आधारित रैकबैंक डेटा सेंटर एसईजेड बनाया जाएगा। यह स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन पूरी तरह से कंप्यूटर, इंटरनेट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़ा होगा। इस परियोजना का विकास रैकबैंक डेटा सेंटर्स प्राइवेट लिमिटेड कर रही है, जिसमें करीब ₹1000 करोड़ का निवेश होगा।

यह एसईजेड लगभग 6 एकड़ क्षेत्र में विस्तृत होगा और इसमें आधुनिक तकनीक से लैस 1.5 लाख वर्ग फीट का डेटा सेंटर तैयार होगा। भविष्य में चार हाई-डेंसिटी डेटा सेंटर बनाने की योजना है, जिनकी कुल क्षमता 80 मेगावाट होगी, जो कई राज्यों के डिजिटल नेटवर्क को संभाल सकेगी। यह परियोजना छत्तीसगढ़ को देश के तकनीकी मानचित्र पर एक नया मुकाम देगी।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसे नवा छत्तीसगढ़ की नई शुरुआत बताया है और कहा है कि यह निवेश युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर और राज्य के लिए तकनीकी पहचान लाएगा। साथ ही, यह योजना डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया के विज़न को आगे बढ़ाएगी।

रैकबैंक के सीईओ नरेंद्र सेन ने बताया कि डेटा सेंटर में आईटी इंजीनियर, डेटा विशेषज्ञ, साइबर सुरक्षा अधिकारी, नेटवर्क मैनेजर और कई अन्य पद होंगे। कंपनी छत्तीसगढ़ के आईटीआई, इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक संस्थानों के साथ मिलकर प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाएगी, जिससे छात्र इंडस्ट्री के लिए तैयार हो सकेंगे।

उल्लेखनीय है कि आज की दुनिया में एआई केवल कंप्यूटरों तक सीमित नहीं है। यह हमारी भाषा, सोच, शिक्षा, स्वास्थ्य और यहाँ तक कि खेती की दिशा भी तय कर रही है। रायपुर में बन रहा यह डेटा सेंटर ठीक इन सेवाओं का केंद्र बनेगा। यहाँ गूगल, ओपनएआई, माइक्रोसॉफ्ट और मेटा जैसी कंपनियों की एआई सेवाएँ चलेंगी। भारत पहली बार इन सेवाओं का केवल उपभोक्ता नहीं, एक आत्मनिर्भर निर्माता और होस्ट भी बनेगा।

इस पूरी परियोजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह केवल तकनीकी बातों तक सीमित नहीं है। इसका असर गांवों और छोटे शहरों तक पहुँचेगा। अब कांकेर, सुकमा, बिलासपुर या दंतेवाड़ा जैसे जिलों के छात्र भी यहीं रायपुर में रहकर ग्लोबल कंपनियों के साथ काम कर सकेंगे। उन्हें ना बेंगलुरु जाना पड़ेगा, ना विदेश।

यह डेटा सेंटर पूरी तरह ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफिकेशन के मानकों पर आधारित होगा और इसमें सौर ऊर्जा, जल संरक्षण और ऊर्जा दक्ष उपकरणों का उपयोग किया जाएगा।

अस्पताल में अव्यवस्था देख भड़के कलेक्टर : प्रभारी चिकित्सक को हटाया, दो डॉक्टरों को थमाया शोकॉज नोटिस

मुंगेली- सरगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की अव्यवस्था पर कलेक्टर भड़क उठे। दरअसल, कलेक्टर कुंदन कुमार और पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल अचानक निरीक्षण पर पहुंचे। इस दौरान अस्पताल में गंदगी, अव्यवस्था और स्टाफ की लापरवाही सामने आई, जिससे अधिकारियों ने गहरी नाराज़गी जताई।

निरीक्षण के समय प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. शबाना परवीन ड्यूटी से अनुपस्थित पाई गईं, जबकि डॉ. सत्येंद्र जायसवाल अस्पताल में मौजूद थे। अस्पताल के पुरुष, महिला, इमरजेंसी और लेबर वार्ड सहित फार्मेसी तक फैली अव्यवस्था ने अधिकारियों को चौंका दिया।

स्थिति को गंभीर मानते हुए कलेक्टर ने तत्काल प्रभाव से डॉ. शबाना परवीन को प्रभारी पद से हटाने और डॉ. सत्येंद्र जायसवाल को जिम्मेदारी सौंपने के निर्देश दिए। साथ ही, दोनों डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश भी दिए गए हैं। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने मरीजों से बातचीत कर स्वास्थ्य सेवाओं और इलाज की स्थिति के बारे में फीडबैक लिया। उन्होंने मौजूद अधिकारियों को निर्देशित किया कि अस्पताल की व्यवस्था में तुरंत सुधार लाया जाए ताकि मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इस दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधि और स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।

पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बदहाली पर हाईकोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान, सरकार से पूछा – शहरों में कब तक शुरू होगी ई-बसें

बिलासपुर- हाईकोर्ट ने शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बदहाली और सिटी बस शुरू नहीं होने को लेकर स्वतः संज्ञान लिया है। आज मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए डिवीजन बेंच ने ट्रांसपोर्टिंग व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश देते हुए सरकार से जवाब मांगा कि ई-बस शहरों में कब तक शुरू होगी।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने खटारा बसें चलने पर वाहनों के फिटनेस और यात्री सुविधा का मुद्दा भी उठाया। निगम और शासन की ओर से बताया गया कि सिटी बस खरीदी प्रक्रिया जारी है। इसके बाद सुविधायुक्त सिटी बसें चलने लगेगी। कोर्ट ने शपथपत्र में यह बताने कहा कि सिटी बसें कब तक शुरू हो जाएगी। इस मामले में अगली सुनवाई जून में होगी।

बिलासपुर में 50 में से 18 सिटी बसें ही चल रही

बता दें कि बिलासपुर में 50 में से 18 सिटी बसें ही चल रही है। साल 2016 में बिलासपुर को 25 करोड़ की लागत से सर्वसुविधायुक्त 50 नई सिटी बसें केंद्र सरकार की योजना के अंतर्गत प्रदान की गई थी। संचालन में लापरवाही के चलते अधिकांश बसें कबाड़ हो चुकी है। हालांकि प्रदूषण रहित इलेक्ट्रिक सिटी बसें चलाने के लिए प्रक्रिया जारी है, पर अब तक यह सेवा शुरू नहीं हो सकी है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वीर सावरकर की जयंती पर उन्हें किया नमन

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए उनके योगदान को स्मरण किया। उन्होंने कहा कि वीर सावरकर का संपूर्ण जीवन मातृभूमि की सेवा और राष्ट्र के नवनिर्माण के लिए समर्पित था।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सावरकर न केवल आज़ादी की लड़ाई के अग्रणी योद्धा थे, बल्कि वे एक समाज सुधारक, इतिहासकार, लेखक और दूरदर्शी राजनेता भी थे। उन्होंने सामाजिक रूढ़ियों के विरुद्ध आवाज़ उठाई और आधुनिक भारत के निर्माण की आधारशिला रखी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सेल्युलर जेल में बिताए गए सावरकर जी के कठोरतम वर्ष उनके अदम्य साहस, राष्ट्रभक्ति और मानसिक दृढ़ता के प्रमाण हैं। उनका बलिदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे वीर सावरकर के विचारों और जीवन मूल्यों से प्रेरणा लें और राष्ट्र सेवा को अपना परम कर्तव्य मानते हुए आगे बढ़ें। वीर सावरकर का जीवन हर भारतीय के लिए आत्मबलिदान, समर्पण और देशभक्ति की जीवंत मिसाल है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सिमगा में ढाबा में किया भोजन, स्थानीय लोगों से की आत्मीय बातचीत

रायपुर- रायगढ़ जिले के दौरे से लौटते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज सिमगा में एक साधारण से ढाबा में रुके और वहां बैठकर स्थानीय व्यंजन का स्वाद लिया। सुशासन तिहार के अंतर्गत दिनभर की व्यस्त दिनचर्या के बावजूद उन्होंने ढाबे में भोजन किया और आमजन से सहजता से संवाद स्थापित किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने ढाबा पर मौजूद लोगों से आत्मीयता से बातचीत की, हालचाल जाना और उनकी बातों को ध्यानपूर्वक सुना। न कोई तामझाम, न कोई सुरक्षा का दिखावा—बस एक जननेता की तरह लोगों के बीच बैठकर उन्होंने विश्वास और अपनापन बाँटा। इस दृश्य ने वहाँ मौजूद हर व्यक्ति के मन में मुख्यमंत्री की सरलता और जमीन से जुड़ेपन की एक मजबूत छवि बनाई।

सिमगा स्थित आनंद ढाबे पर आम नागरिकों ने भी मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर हर्ष व्यक्त किया और कहा कि यह उनकी नेतृत्व शैली की सादगी और जनभावनाओं से जुड़ाव का प्रतीक है। भोजन के दौरान कई लोगों ने उनके साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं और उत्साहपूर्वक उनसे बातचीत की। इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह और मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद सहित अन्य अधिकारी एवं स्थानीय ग्रामीणजन उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि मैं जहाँ भी जाता हूँ, वहाँ के लोगों से मिलकर मुझे ऊर्जा मिलती है। ये मुलाकातें मेरे लिए औपचारिकता नहीं, आत्मीयता हैं। उनके इस सहज और मानवीय रूप ने यह स्पष्ट कर दिया कि सुशासन केवल मंचों पर नहीं, बल्कि आम जीवन के स्पर्श में भी झलकता है।

छात्रहित में युक्तियुक्तकरण का फैसला: सीएम साय ने कहा- वित्त विभाग को भेजा गया प्रस्ताव, जल्द होगी शिक्षकों की नई भर्ती

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुशासन तिहार के तहत आज रायगढ़ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए राज्य सरकार का युक्तियुक्तकरण का फैसला छात्रों के हित में है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में शिक्षकों की पदस्थापना में असंतुलन है। कहीं हमारे स्कूल शिक्षक विहीन हैैं, तो कहीं पर स्कूल एक शिक्षकीय हैं। मैदानी क्षेत्र के बहुत से ऐसे स्कूल हैं, जहां बच्चों के अनुपात में ज्यादा शिक्षक हैं। इसको हम लोग संतुलित कर रहे हैं। कहीं-कहीं एक ही परिसर में कई स्कूल हैं, कहीं दो-दो, तीन-तीन प्राइमरी स्कूल हैं, कहीं बच्चे नहीं हैं। इस असंतुलन को दूर करने के लिए हम सब जगह शिक्षक देना चाहते हैं, तो इसमें क्या बुराई है। यह भी कहा जा रहा है कि स्कूल बंद हो रहे हैं। ऐसे स्कूल एक ही परिसर में हैं, कहीं बच्चे ही नहीं हैं। युक्तियुक्तकरण से शहरी क्षेत्र में बच्चों को 500 मीटर से दूर नहीं जाना पड़ेगा और ग्रामीण क्षेत्र में एक किलोमीटर से दूर नहीं जाना पड़ेगा, ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी भ्रम फैलाया जा रहा है कि युक्तियुक्तकरण के बाद शिक्षक भर्ती नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम शिक्षकों की भर्ती करेंगे, हर साल जो कमी है उसको चरणबद्ध रूप से पूरा करेंगे। शिक्षक भर्ती का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया है, जैसे ही इसकी अनुमति मिलेगी, हम शिक्षकों की भर्ती करेंगे। युक्तियुक्तकरण बच्चों के हित में है। इससे स्कूलों में शिक्षकों का असंतुलन दूर होगा और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।

गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने राज्य में कुल 10,463 शालाओं के युक्तियुक्तकरण का आदेश जारी किया है, जिसमें ई-संवर्ग की 5849 और टी-संवर्ग की 4614 शालाएं शामिल हैं। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। यह युक्तियुक्तकरण आदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के निर्देशों के अनुरूप है, जिसका मुख्य उद्देश्य शिक्षक संसाधनों का संतुलित और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना है।

शालाओं के युक्तियुक्तकरण अंतर्गत एक ही परिसर में संचालित 10,297 विद्यालयों को युक्तियुक्त किया गया है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में एक किलोमीटर के दायरे में स्थित 133 विद्यालयों और शहरी क्षेत्र में 500 मीटर के दायरे में स्थित 33 विद्यालयों को भी युक्तियुक्त किया गया है। इस पहल से शिक्षक विहीन एवं एकल शिक्षकीय शालाओं में अब अतिशेष शिक्षकों की तैनाती संभव होगी।