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फिरोजाबाद का सामौर बाबा धाम बना पर्यटन विकास का राज्य स्तरीय मॉडल

अब राज्य सरकार की योजना है अन्य स्थलों पर भी लागू हो यह सफल मॉडल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जनपद स्थित करहरा गांव का सामौर बाबा धाम राज्य में पर्यटन विकास का एक आदर्श उदाहरण बनकर उभरा है। यहां की स्वच्छता, संचालन, रख-रखाव, प्रबंधन और सांस्कृतिक आकर्षण ने इसे पूरे प्रदेश के लिए मॉडल डेस्टिनेशन बना दिया है। अब राज्य सरकार की योजना है कि इस विकास मॉडल को नाथ कॉरिडोर (बरेली), गोमती उद्गम स्थल (पीलीभीत) सहित प्रदेश के अन्य पर्यटन स्थलों पर भी लागू किया जाए।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि सामौर बाबा धाम के विकास कार्यों की गुणवत्ता उच्च कोटि की है और इसे अन्य स्थलों पर दोहराने की योजना तेजी से आगे बढ़ रही है। इसी कड़ी में विभागीय अधिकारियों को स्थल भ्रमण के निर्देश दिए गए हैं। बरेली और मुरादाबाद मंडल के उपनिदेशक ब्रजपाल सिंह ने हाल ही में इस स्थल का दौरा भी किया।

सामौर बाबा धाम की विशेषताएं:

शिव की दैवीय चमत्कारी मूर्तियों की उपस्थिति, जो स्वतः प्रकट होने की मान्यता रखती हैं।

मोहर छठ और होली मेला जैसी पारंपरिक धार्मिक गतिविधियां।

नवविवाहित दंपतियों द्वारा विवाह की मोहर विसर्जन की प्राचीन परंपरा।

गंगा जल का अविरल प्रवाह नहर के माध्यम से सरोवर में, जो इसे सदैव स्वच्छ बनाए रखता है।

म्यूजिकल फाउंटेन, नौकायन, गजीबो, सरोवर की सीढ़ियां, और सुव्यवस्थित पार्क व बच्चों के लिए खेल क्षेत्र।

* मुख्य प्रवेश द्वार, सत्संग हॉल, सुलभ शौचालय, दुकानों, स्टोन फ्लोरिंग, स्टोर बेंच, डस्टबिन, और अन्य आधारभूत सुविधाओं का निर्माण।

मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि उत्तर प्रदेश के अन्य धार्मिक और पर्यटन स्थलों को भी इसी तरह विकसित कर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके।”

ऊर्जा मंत्री का सख्त निर्देश: आंधी-तूफान से प्रभावित क्षेत्रों में युद्धस्तर पर विद्युत आपूर्ति बहाल करें

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने सभी डिस्कॉम के एमडी, डायरेक्टर टेक्निकल को निर्देशित किया है कि आंधी-तूफान, बारिश एवं पेड़ों के गिरने से जहाँ पर अभी भी विद्युत आपूर्ति दुरुस्त नहीं हुई वहाँ युद्धस्तर पर लगकर कार्य कराए और तत्काल विद्युत् व्यवस्था को सुधार कर आपूर्ति बहाल करें। कांटिजेंसी प्लान बनाकर विद्युत आपूर्ति के व्यवधानों को दूर करें। सभी डिस्कॉम के एमडी और डायरेक्टर टेक्निकल विद्युत् प्रभावित क्षेत्रों का तत्काल स्थलीय भ्रमण कर विद्युत् व्यवधानों को दूर कराए। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि चाहे जैसी भी परिस्थिति बने उपभोक्ताओं के हितों के दृष्टिगत विद्युत् व्यवधान अब स्वीकार्य नहीं होगा। विद्युत् व्यवधानों और शिकायतों को अतिशीघ्र दूर करने के लिए सभी डिस्कॉम, जोन और जिले स्तर पर 24 घंटे संचालित होने वाले कंट्रोल रूम स्थापित कराए जाए।

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा शनिवार को देर रात शक्ति भवन में विद्युत् आपूर्ति एवं व्यवधानों को लेकर कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की 'उपभोक्ता देवो भवः' की मंशा के विपरीत कार्य करने वाले विद्युत् कार्मिकों की मनमानी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रदेश सरकार विगत तीन वर्षों से उपभोक्ताओं के हितों को सर्वोपरि रखते हुए लगातार विद्युत् व्यवस्था को सुदृढ़ करने का कार्य किया अब प्रदेश में अनवरत विद्युत् आपूर्ति के लिए उत्पन्न किए जा रहे व्यवधानों में किसी भी कहानी को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि अभी भी शिकायतें आ रही हैं कि झांसी, जालौन, आगरा, मथुरा, अलीगढ़, महोबा, मऊरानीपुर, कौशाम्बी, सीतापुर, हरदोई, खीरी, मेरठ, नोएडा, गौतमबुद्धनगर, कुशीनगर जिले के कुछ क्षेत्रों में अभी तक विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं हुई है। बुंदेलखंड के ग्रामीण क्षेत्रों तथा अन्य जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में भी विद्युत् कटौती और बार बार ट्रिपिंग होने की शिकायतें आ रही हैं। विद्युत कार्यों के प्रति कार्मिकों की यह घोर लापरवाही को दर्शाता है और उपभोक्ताओं को अकारण परेशान किया जा रहा है। उन्होंने झांसी के चीफ इंजीनियर को कार्यों के प्रति उदासीनता एवं घोर लापरवाही पर तत्काल हटाने के निर्देश दिए तथा ऐसे कार्मिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए जो सरकार की मंशा के अनुरूप उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति नहीं दे पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी फीडर में एक से अधिक बार शटडाउन न लिया जाए, फीडर से संबंधित जो भी कार्य कराना हो, एक ही बार में करा लिया जाए, बार-बार शटडाउन लेकर उपभोक्ताओं को परेशान न किया जाए। उन्होंने कहा कि सीजी सिटी, लखनऊ विद्युत उपकेंद्र के निरीक्षण में एक ही दिन में 10 से अधिक बार शटडाउन लिया गया मिला, इसकी जांच कराई जाय। एक शटडाउन टेंपरेरी कनेक्शन का पीडी करने के लिए दिया गया। उन्होंने निर्देश दिए की सभी क्षेत्रों को निर्धारित शेड्यूल के अनुरूप विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। जिन फ़ीडरों में लोड अधिक है उनका लोड परिवर्तित कर सुचारु विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करें। बार-बार ट्रिपिंग एवं शटडाउन, लो वोल्टेज और अनावश्यक विद्युत कटौती अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

लखनऊ: ट्रेजरी विभाग की महिला कर्मचारी घूस लेते रंगे हाथ पकड़ी गई

लखनऊ। लखनऊ के जिलाधिकारी कार्यालय में तैनात एक महिला कर्मचारी को एंटी करप्शन टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। आरोपी महिला की तैनाती ट्रेजरी विभाग में थी और वह पेंशन वेरिफिकेशन के एवज में रिश्वत की मांग कर रही थी।

सूत्रों के अनुसार, महिला कर्मचारी ने पेंशन सत्यापन प्रक्रिया को पूरा कराने के लिए एक लाभार्थी से अवैध रूप से धन की मांग की थी। शिकायत मिलने के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने जाल बिछाकर उसे रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई। योजना के तहत तय राशि जैसे ही कर्मचारी ने ली, टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तारी के बाद महिला कर्मचारी से पूछताछ की जा रही है और प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि यह पहली बार नहीं है जब उसने इस प्रकार की अवैध मांग की हो। मामले में आगे की जांच जारी है, और अन्य संभावित संलिप्त व्यक्तियों की भी पड़ताल की जा रही है।

जिलाधिकारी कार्यालय ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया है। विभागीय स्तर पर भी महिला कर्मचारी के निलंबन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए आवेदन शुरू,12 जून तक करें रजिस्ट्रेशन, 107 पदों पर होगी नियुक्ति

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (UPESSC) ने अशासकीय अनुदानित महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर बीएड पदों पर भर्ती के लिए दोबारा विज्ञापन जारी कर दिया है। कुल 107 पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिसकी अंतिम तिथि 12 जून निर्धारित की गई है।

पूर्व में यह विज्ञापन अगस्त 2022 में 1017 पदों के लिए जारी किया गया था, जिसमें से बीएड विषय के 107 पदों पर भी आवेदन मांगे गए थे। हालांकि, एनसीईटी (NCTE) के मानकों के अनुरूप योग्यताएं न होने के कारण यह मामला इलाहाबाद उच्च न्यायालय पहुंचा। न्यायालय के निर्देशानुसार अब इन पदों के लिए संशोधित मानकों के अनुसार दोबारा विज्ञापन प्रकाशित किया गया है।

महत्वपूर्ण तिथियां:

ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि: 12 जून 2025

आवेदन शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि: 13 जून 2025

ऑनलाइन आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि: 14 जून 2025, शाम 5:00 बजे तक

अभ्यर्थी आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। यह भर्ती प्रक्रिया बीएड विषय में योग्य शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की जा रही है।

इच्छुक उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का ध्यानपूर्वक पालन करें और समयसीमा के भीतर अपना आवेदन पूरा करें।

उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड परीक्षा परिणाम 2025 घोषित: मुंशी/मौलवी में मोहम्मद आकिब व आलिम में फुरकान अली टॉपर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पंचायती राज, अल्पसंख्यक, मुस्लिम वक्फ एवं हज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने शुक्रवार दोपहर 12:30 बजे विधानभवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में बटन दबाकर उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित मुंशी/मौलवी (सेकेंडरी) तथा आलिम (सीनियर सेकेंडरी) परीक्षा-2025 के परिणाम घोषित किए। परीक्षाफल विभागीय वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है, जिसे परीक्षार्थी दोपहर 12:30 बजे के बाद देख सकते हैं।

इस अवसर पर मंत्री श्री राजभर ने सफल परीक्षार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में अल्पसंख्यक समुदाय के शैक्षणिक उत्थान के लिए विभाग निरंतर कार्य कर रहा है, क्योंकि शिक्षा समाज के समग्र विकास की आधारशिला है।

मंत्री ने जानकारी दी कि इस वर्ष परीक्षा में कुल 88,082 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए, जिनमें से 68,423 छात्र-छात्राएं परीक्षा में सम्मिलित हुए। इसमें 33,869 छात्र और 34,554 छात्राएं शामिल थीं।

घोषित परीक्षा परिणामों के अनुसार:

मुंशी/मौलवी (सेकेंडरी) परीक्षा में कुल 42,439 परीक्षार्थी सफल रहे, जो कुल उत्तीर्णता प्रतिशत 87.66% है।

आलिम (सीनियर सेकेंडरी) परीक्षा में 17,544 परीक्षार्थियों ने सफलता प्राप्त की, जिसका उत्तीर्णता प्रतिशत 94.62% रहा।

टॉपर्स की सूची इस प्रकार है:

मुंशी/मौलवी (सेकेंडरी):

प्रथम स्थान: मोहम्मद आकिब (जनपद अमेठी) – 536/600 अंक (89.33%)

द्वितीय स्थान: फरहान राजा (जनपद कुशीनगर) – 530 अंक (88.33%)

तृतीय स्थान (संयुक्त): साजिया शमीम, शहनाज जहां, शमशियारा खातून – 529 अंक (88.17%)

आलिम (सीनियर सेकेंडरी):

प्रथम स्थान: फुरकान अली (जनपद मुरादाबाद) – 475/500 अंक (95%)

द्वितीय स्थान: सदरूननिसा – 474 अंक (94.8%)

तृतीय स्थान: नमन खान – 469 अंक (93.8%)

घोषणा के समय अल्पसंख्यक राज्य मंत्री दानिश अंसारी, प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण श्रीमती संयुक्ता समद्दर, निदेशक अंकित अग्रवाल, रजिस्ट्रार मदरसा शिक्षा परिषद आर.पी. सिंह, संयुक्त निदेशक एस.एन. पांडेय समेत अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

उप्र रेरा ने रियल एस्टेट विज्ञापनों में पारदर्शिता और मानकीकरण के लिए जारी किए नए दिशा-निर्देश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (उ.प्र. रेरा) ने उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा, परियोजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और रियल एस्टेट सेक्टर में मानकीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों को रियल एस्टेट (विनियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 की धारा 25 के तहत जारी किया गया है।

उ.प्र. रेरा के अध्यक्ष संजय आर. भूसरेड्डी ने जानकारी देते हुए बताया कि किसी भी परियोजना का प्रचार-प्रसार सत्य, प्रमाणिक एवं सटीक होना चाहिए ताकि उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाले विज्ञापनों से बचाया जा सके। अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार अब कोई भी संप्रवर्तक अपनी परियोजना को रेरा में पंजीकरण कराए बिना विज्ञापित, विपणन, बुकिंग या बिक्री नहीं कर सकता है।

श्री भूसरेड्डी ने यह भी स्पष्ट किया कि इन नियमों का उद्देश्य सिर्फ पारदर्शिता बढ़ाना ही नहीं, बल्कि उपभोक्ताओं में विश्वास को मजबूत करना और रियल एस्टेट सेक्टर को व्यवस्थित रूप देना है।

राज्य सूचना आयुक्त गिरजेश चौधरी का हृदयगति रुकने से निधन, प्रशासनिक क्षेत्र में शोक की लहर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त गिरजेश चौधरी का शुक्रवार को बस्ती जिले में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान अचानक दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। 62 वर्षीय चौधरी पूरी सक्रियता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे थे और निधन से एक दिन पूर्व उन्होंने लखनऊ स्थित कार्यालय में 50 से अधिक मामलों की सुनवाई की थी।

घटना उस समय हुई जब वह बस्ती में एक आधिकारिक कार्यक्रम में भाग ले रहे थे। कार्यक्रम के दौरान उन्हें अचानक सीने में तेज़ दर्द की शिकायत हुई। मौके पर मौजूद अधिकारियों ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें प्राथमिक चिकित्सा दी और गंभीर हालत में लखनऊ के लारी कार्डियोलॉजी संस्थान पहुंचाया गया, जहाँ चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

कर्मठ और पारदर्शी प्रशासनिक अधिकारी

गिरजेश चौधरी एक सेवानिवृत्त पीसीएस अधिकारी थे। नवंबर 2022 में उन्हें उत्तर प्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) के प्रभावी क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी कार्यशैली में अनुशासन, पारदर्शिता और समयबद्धता की झलक स्पष्ट दिखाई देती थी।

मुख्यमंत्री योगी ने जताया शोक

गिरजेश चौधरी के आकस्मिक निधन की खबर से पूरे प्रशासनिक तंत्र, सूचना आयोग के कर्मचारियों तथा RTI कार्यकर्ताओं में शोक की लहर फैल गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, “गिरजेश चौधरी एक अनुकरणीय प्रशासनिक अधिकारी थे। उनके निधन से राज्य को अपूरणीय क्षति हुई है।”

राज्य सरकार ने उनके अंतिम संस्कार के लिए सभी आवश्यक प्रबंध करने की घोषणा की है। शनिवार को दोपहर लखनऊ के बैकुंठ धाम में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

सूचना आयोग परिसर में अर्पित की गई श्रद्धांजलि

सूचना आयोग परिसर में एक शोकसभा का आयोजन भी किया गया जिसमें सभी सूचना आयुक्तगण , समस्त अधिकारी और कर्मचारीगण उपस्थित थे और दो मिंट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा को श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। अचानक अपने एक साथी को खो देने गम सभी के चेहरे पर दिखाई दे रहा था।

परिवार को गहरा आघात

गिरजेश चौधरी अपने पीछे पत्नी, एक पुत्र और एक पुत्री को छोड़ गए हैं। उनका परिवार लखनऊ में निवास करता है। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार वह पूर्णतः स्वस्थ थे और उन्हें किसी भी प्रकार की पूर्व स्वास्थ्य समस्या नहीं थी। उनका अचानक हुआ निधन परिवार के लिए अत्यंत भावनात्मक आघात लेकर आया है।

किशोरी ने फांसी लगाकर दी जान

लखनऊ । राजधानी के निगोहां थाना क्षेत्र में एक 13 वर्षीय नाबालिग किशोरी द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेने की दुखद घटना सामने आई है। घटना गुरुवार सुबह करीब 8:30 बजे की है, जब किशोरी ने घर के कमरे में छत की बल्ली से साड़ी का फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली।

पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजा

सूचना मिलते ही परिजन उसे तत्काल नीचे उतारे, लेकिन तब तक उसकी मृत्यु हो चुकी थी। आज करीब 10:30 बजे परिजनों द्वारा स्थानीय थाना निगोहां पर इसकी लिखित सूचना दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर परिजनों की मौजूदगी में पंचायतनामा की कार्रवाई पूरी की। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

निगोहां निवासी उसके मौसा गिरधारी ने उसे ले रखा था गोद

बताया गया है कि किशोरी मूल रूप से बाराबंकी की रहने वाली थी, लेकिन उसे निगोहां निवासी उसके मौसा गिरधारी ने गोद ले रखा था और वह उनके साथ ही रह रही थी। आत्महत्या के पीछे कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं हो सका है। न ही कोई सुसाइड नोट बरामद हुआ है।पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। किशोरी की आत्महत्या ने इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी है। वहीं, परिजन भी इस असमय मौत से सदमे में हैं। पुलिस आत्महत्या के कारणों की जांच में जुट गई है।

गति एवं गौरव के प्रतीक हैं अमृत स्टेशन : योगी आदित्यनाथ

- पीएम मोदी ने बीकानेर से किया उद्घाटन, कार्यक्रम में सीएम योगी ने लखनऊ से वर्चुअल माध्यम से लिया हिस्सा

- कानपुर के गोविंदपुरी से लेकर बलरामपुर, बरेली सिटी, बिजनौर, फतेहाबाद, गोला गोकर्णनाथ, गोवर्धन स्टेशन हुए पुनर्विकसित

- हाथरस सिटी, ईदगाह आगरा, इज्जतनगर, करछना, मैलानी, पुखरायां, रामघाट हॉल्ट, सहारनपुर का भी हुआ कायाकल्प

- सिद्धार्थनगर, सुरेमनपुर, स्वामिनारायण छपिया और उझानी स्टेशनों को इस योजना के तहत दिया गया है नया स्वरूप

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को राजस्थान के बीकानेर से अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत देशभर के 103 पुनर्विकसित रेलवे स्टेशनों का उद्घाटन किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर उत्तर प्रदेश के 19 रेलवे स्टेशनों का भी कायाकल्प हुआ है। यह भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण और यात्री सुविधाओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। लखनऊ से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से जुड़े। उन्होंने एक्स अकाउंट पर पोस्ट करते हुए इसे 'गति और गौरव के उत्तम समन्वय का नया प्रतीक' बताया है। उन्होंने कहा कि अमृत स्टेशन नये भारत के संकल्प को साकार करने वाले हैं।

यूपी के इन 19 स्टेशनों का हुआ है कायाकल्प

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर, बरेली सिटी, बिजनौर, फतेहाबाद, गोला गोकर्णनाथ, गोवर्धन, गोविंदपुरी, हाथरस सिटी, ईदगाह आगरा, इज्जतनगर, करछना, मैलानी, पुखरायां, रामघाट हॉल्ट, सहारनपुर, सिद्धार्थनगर, सुरेमनपुर, स्वामिनारायण छपिया और उझानी स्टेशनों को इस योजना के तहत नया स्वरूप दिया गया है। इन स्टेशनों का पुनर्विकास यूपी में रेल यात्रियों के लिए सुगम और सुखद अनुभव सुनिश्चित करेगा। उत्तर प्रदेश के पुनर्विकसित स्टेशनों में आधुनिक सुविधाएं जैसे आधुनिक वेटिंग रूम, एस्केलेटर, लिफ्ट, दिव्यांगजनों के लिए सुविधाएं, डिजिटल डिस्प्ले, हरित ऊर्जा आधारित इंफ्रास्ट्रक्चर और स्थानीय वास्तुशिल्प की झलक जैसे कई नवाचार किए गए हैं। ये स्टेशन न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ाएंगे, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहन देंगे।

* एक्स पर सीएम ने बताया गति एवं गौरव का नया प्रतीक

मुख्यमंत्री योगी ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया कि प्रधानमंत्री जी द्वारा आज राष्ट्र को समर्पित किए गए उत्तर प्रदेश के 19 अमृत स्टेशनों समेत देश के सभी 103 अमृत स्टेशन 'नए भारत' में विरासत के संरक्षण, विकास के संकल्प तथा 'गति एवं गौरव' के उत्तम समन्वय के नए प्रतीक हैं। देश भर में पुनर्विकसित ये अमृत स्टेशन ऐसे 'नए भारत' की संकल्पना को साकार करते हैं, जहां सुविधाएं, तकनीक और सांस्कृतिक गौरव एक साथ आगे बढ़ रहे हैं। निश्चित ही ये अमृत स्टेशन क्षेत्र के विकास, स्थानीय संस्कृति के उन्नयन, पर्यटन और व्यापारिक गतिविधियों के विस्तार में सहायक सिद्ध होंगे।

2027 तक उत्तर प्रदेश को बाल श्रम मुक्त बनाने की कार्य योजना तैयार, विभागीय समन्वय से लक्ष्य प्राप्ति का प्रयास

लखनऊ। उत्तर प्रदेश को वर्ष 2027 तक बाल श्रम मुक्त राज्य बनाने के लिए श्रम विभाग द्वारा तैयार की गई राज्य कार्य योजना को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता प्रमुख सचिव, श्रम एमके सुन्दरम ने की। इसमें निर्णय लिया गया कि विभिन्न विभागों के समन्वय और सक्रिय सहयोग से ही यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।

बैठक में यह भी तय किया गया कि 12 जून, अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर लखनऊ में एक विशेष जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी आमंत्रित किया जाएगा।

बहु-विभागीय प्रयास की जरूरत

बैठक में श्रमायुक्त मार्कण्डेय शाही ने प्रदेश में बाल श्रम की वर्तमान स्थिति और इससे जुड़े विभागों की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस दिशा में शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, पंचायती राज, गृह, स्वास्थ्य, समाज कल्याण, ग्राम्य विकास, शहरी विकास एवं व्यावसायिक शिक्षा विभाग की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है।

उन्होंने यह भी बताया कि कई ऐसे बच्चे विद्यालयों में नामांकित तो हैं, लेकिन नियमित रूप से विद्यालय नहीं जाते। ऐसे बच्चे संभावित बाल श्रमिक की श्रेणी में आते हैं, और इनका विद्यालय में टिकाव सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती है।

महिला कल्याण विभाग और यूनिसेफ का सहयोग

महिला कल्याण विभाग की सचिव बी. चन्द्रकला ने बाल सेवा योजना, स्पॉन्सरशिप योजना और चाइल्ड हेल्पलाइन जैसी योजनाओं की जानकारी दी। वहीं, यूनिसेफ के बाल अधिकार संरक्षण विशेषज्ञ सैयद मंसूर कादरी ने ‘नया सवेरा योजना’ का गुणात्मक मूल्यांकन कर उसे पुनः लागू करने की सिफारिश की।

सटीक डेटा की कमी बनी चुनौती

बैठक में यह भी सामने आया कि 2011 की जनगणना के बाद से बाल श्रम से संबंधित अद्यतन आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, जिससे नीतियों और कार्यक्रमों की प्रभावी योजना और कार्यान्वयन में कठिनाई आ रही है। इसे दूर करने के लिए निर्णय लिया गया कि पंचायत स्तर पर कामकाजी बच्चों की पहचान कर उनका डाटा एकत्र कर श्रम और शिक्षा विभाग के साथ साझा किया जाएगा।

जिला टास्क फोर्स और पंचायत स्तरीय प्रयास

प्रमुख सचिव एम. के. सुन्दरम ने निर्देश दिया कि शीघ्र ही सभी जनपदों में जिला टास्क फोर्स का गठन किया जाए और पंचायत स्तर पर पंचायती राज विभाग के सहयोग से डाटा संग्रह कर उसे श्रम विभाग को प्रदान किया जाए। उन्होंने बताया कि यूनिसेफ के सहयोग से सभी विभागीय योजनाओं का समेकन कर एक बुकलेट तैयार की जाएगी, जिससे बाल श्रमिकों और उनके परिवारों को योजनाओं का समुचित लाभ मिल सके।

श्री सुन्दरम ने बाल श्रम उन्मूलन के लिए गैर-सरकारी संगठनों, नियोक्ताओं और श्रमिक संगठनों के सहयोग की भी आवश्यकता बताई।

उपस्थित प्रमुख अधिकारी

बैठक में श्रमायुक्त मार्कण्डेय शाही, सचिव महिला कल्याण बी. चन्द्रकला, यूनिसेफ विशेषज्ञ सैयद मंसूर कादरी, निदेशक शिक्षा विभाग गणेश कुमार, विशेष सचिव अवधेश कुमार तिवारी, उप श्रमायुक्त राकेश द्विवेदी, पंकज राणा, राज्य समन्वयक सैयद रिजवान अली सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।