छात्रवृत्तियों को सुलभ और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम, मंत्रियों ने किया मंथन

समाज कल्याण विभाग बना नोडल, तकनीक आधारित पोर्टल और नई नीतियों पर हुआ विस्तार से विचार
लखनऊ। राज्य सरकार द्वारा छात्रवृत्तियों को अधिक सुलभ, पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए मंगलवार को गोमतीनगर स्थित भागीदारी भवन में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभागों के मंत्रीगण एवं वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आयोजित इस बैठक में छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजनाओं की समीक्षा की गई और इन्हें और बेहतर बनाने के उपायों पर मंथन हुआ। हाल ही में छात्रवृत्ति संबंधी सभी योजनाओं का नोडल विभाग समाज कल्याण विभाग को बनाया गया है, जिसने इस दिशा में एक 6 सदस्यीय ट्रांसफॉर्मेशन टीम का गठन किया था। इस टीम ने आज अपनी प्रस्तुति दी।
- प्रमुख मंत्रियों की उपस्थिति
बैठक में प्रमुख रूप से उपस्थित रहे: ओमप्रकाश राजभर, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री
नरेंद्र कश्यप, पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)असीम अरुण, समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दानिश आज़ाद, अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री
तीनों विभागों के प्रमुख सचिव, निदेशक, और तकनीकी टीम के सदस्य भी बैठक में मौजूद रहे।
- छात्रवृत्ति से जुड़ी समस्याओं पर खुलकर चर्चा
प्रस्तुतीकरण में असीम अरुण ने बताया कि छात्रवृत्ति प्राप्त करने में विद्यार्थियों और विभागों को कई तकनीकी और प्रक्रियागत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने इन चुनौतियों को दूर करने के लिए संभावित समाधानों को साझा किया।
- लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय:
छात्रवृत्ति पोर्टल पूरे वर्ष खुला रहेगा, ताकि विद्यार्थी कभी भी आवेदन कर सकें।
तीनों विभागों के निदेशकों की संयुक्त टीम बनाई जाएगी, जो नियमित रूप से बैठक कर समस्याओं का समाधान करेगी।
सेमेस्टर आधारित छात्रवृत्ति प्रणाली लागू की जाएगी, जिससे वार्षिक देरी और गड़बड़ियों को रोका जा सकेगा।
तकनीकी कारणों से छात्रवृत्ति रुके तो छात्रों को अवसर दिया जाएगा, ताकि वे इससे वंचित न रहें।
नवीन तकनीक आधारित पोर्टल और मोबाइल ऐप विकसित किया जाएगा, जिसमें नोटिफिकेशन सुविधा भी होगी।
सभी वर्गों के लिए समान नीति प्रक्रिया लागू की जाएगी।
फर्जी छात्रों को रोकने के लिए फेस रिकॉग्निशन आधारित उपस्थिति प्रणाली लाई जाएगी।
* बजट की कोई कमी नहीं होगी – इस बिंदु पर भी स्पष्ट सहमति बनी।
इस मंथन से साफ है कि राज्य सरकार छात्रवृत्ति को आधुनिक, पारदर्शी और छात्र हितैषी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। तकनीकी नवाचारों, संयुक्त प्रयासों और नीतिगत सुधारों के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी पात्र छात्र छात्रवृत्ति से वंचित न रहे और शिक्षा के क्षेत्र में समान अवसरों को बढ़ावा मिले।
May 22 2025, 11:19