/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png StreetBuzz सुशासन तिहारः जनता से सरोकार, बहने लगी खुशियों की बयार Raipur
सुशासन तिहारः जनता से सरोकार, बहने लगी खुशियों की बयार

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अगुवाई में प्रदेश में सुशासन तिहार की शुरुआत की गई है, जो सरकार की लोक-कल्याणकारी नीतियों और योजनाओं की व्यापक सफलता का प्रतीक बन चुका है। इस तिहार का उद्देश्य आम जनता तक सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ पहुँचाना और उन्हें सशक्त बनाना है। वास्तव में, समस्याओं के त्वरित निराकरण से जनता के दिलों में खुशियों की बयार बहने लगी है। जनता से सरोकार और संवाद करने वाली सरकार नागरिकों के द्वारा प्रस्तुत आवेदनों का गंभीरता से निराकरण कर रही है, जिसका सकारात्मक असर पूरे प्रदेश में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

पतेरापाली की युगेश्वरी को मिला नया आशियाना

महासमुंद जिले के पिथौरा विकासखंड की ग्राम पंचायत अमलीडीह के आश्रित ग्राम पतेरापाली निवासी युगेश्वरी ध्रुव ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पक्के मकान हेतु सुशासन तिहार के दौरान आवेदन प्रस्तुत किया। उनकी इस आवश्यक मांग को प्रशासन ने प्राथमिकता से संज्ञान में लिया। “मोर द्वार साय सरकार” अभियान के तहत जिले की टीम तत्क्षण उनके घर पहुँची। त्वरित सर्वेक्षण के पश्चात यह स्पष्ट हुआ कि वे योजना की पात्र हैं। उनका नाम आवास प्लस सर्वे 2.0 में दर्ज कर लिया गया है। अब शीघ्र ही उनके घर का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। वर्षों से एक पक्के घर का सपना संजोए बैठी श्रीमती ध्रुव की आँखों में अब उम्मीद की चमक है। जो सपना कभी दूर और धुंधला लगता था, वह अब सरकार की पहल से एक नई सुबह की तरह उनके जीवन में उजाला भरने को तैयार है। अब वह दिन दूर नहीं जब उनका आशियाना केवल एक कल्पना नहीं, बल्कि जीती-जागती सच्चाई होगी।

दीपा को मिलेगा मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण योजना का लाभ

इसी दौरान सुशासन तिहार 2025 के अंतर्गत आयोजित एक शिविर में महासमुंद के वार्ड क्रमांक 25 कुम्हारपारा निवासी कु. दीपा साहू ने मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना के अंतर्गत आवेदन प्रस्तुत किया, जिसमें पात्रता की जांच करने पर वे योजना से लाभान्वित होने हेतु पात्र पाई गईं। जिले के श्रम पदाधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा संचालित इस विशेष योजना के अंतर्गत दीपा को ₹20,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है, जो डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से सीधे उनके बैंक खाते में जमा की जाएगी। इस सहायता से अब दीपा अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख पाएंगी। उनका सपना है कि वे शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ें और भविष्य में एक प्रेरणादायक शिक्षिका बनें, ताकि अन्य बेटियों को भी शिक्षा के महत्व से जोड़ सकें।

गौरतलब है कि सुशासन तिहार के माध्यम से शासन की योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में आम जनता की समस्याओं के समाधान हेतु प्रशासन पूरी सजगता और तत्परता के साथ कार्य कर रहा है।

छत्तीसगढ़ के 18 जिलों में तेज हवाओं के साथ होगी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में चिलचिलाती गर्मी के बीच लोगों को राहत मिलने जा रही है. मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों में तेज हवा चलने, बदल गरजने और बारिश होने की संभावना जताई है. अगले तीन घंटों के लिए येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.  

इन क्षेत्रों में येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी 

मौसम विभाग ने बताया कि छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा, बिलासपुर, कोरबा, गौरेला-पेंड्रा मरवाही, कबीरधाम, मुंगेली और कोरिया जिलों में मेघगर्जन, आकाशीय बिजली, अचानक तेज हवाएं और आंधी (40-60 किमी प्रति घंटे) की संभावना जताई गई है। इन क्षेत्रों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. 

वहीं लगभग 18 जिलों में मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. कोंडागांव, उत्तर बस्तर कांकेर, धमतरी, गरियाबंद, बलौदा बाज़ार, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, बिलासपुर, कोरबा, जशपुर, गौरेला-पेंड्रा मरवाही, बेमेतरा, कबीरधाम, मुंगेली, सुरगुजा, सूरजपुर, कोरिया और बलरामपुर में मेघगर्जन, आकाशीय बिजली और अचानक तेज हवा (30-40 KMPH) की संभावना है. 

तलाक मामले में हाईकोर्ट का फैसला : पत्नी की दूसरी शादी होने तक देना होगा गुजारा भत्ता

बिलासपुर-  हाईकोर्ट ने तलाक के एक मामले में अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि चाहे पति-पत्नी ने आपसी सहमति से तलाक लिया हो, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि पत्नी को भरण-पोषण नहीं मिलेगा। जब तक तलाकशुदा महिला की दूसरी शादी नहीं हो जाती, तब तक वो अपने पूर्व पति से गुजारा भत्ता लेने की हकदार है। यह पति की नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी है कि वह अपनी पूर्व पत्नी को सम्मानजनक जीवन जीने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करे। हाईकोर्ट ने इस मामले में फैमिली कोर्ट के आदेश को सही ठहराते हुए पति की याचिका को खारिज कर दी है। मामले की सुनवाई जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की एकल पीठ में हुई।

मामला मुंगेली जिले का है, जहां के रहने वाले युवक-युवती की शादी 12 जून 2020 को हुई थी। शादी के कुछ ही समय बाद दोनों के रिश्ते में खटास आ गई। महिला ने आरोप लगाया कि उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया गया और घर से निकाल दिया गया। पत्नी ने 27 जून 2023 को मुंगेली फैमिली कोर्ट में केस दायर किया और 15,000 रुपए प्रतिमाह भरण-पोषण की मांग की। उसका कहना था कि उसका पति ट्रक ड्राइवर है और खेती से सालाना 2 लाख रुपये की कमाई भी करता है।

2023 को दोनों के बीच आपसी सहमति से हाे चुका है तलाक

इधर पति की दलील थी कि 20 फरवरी 2023 को दोनों के बीच आपसी सहमति से तलाक हो चुका है। उसने कोर्ट में कहा कि पत्नी खुद बिना कारण घर छोड़कर चली गई थी, इसलिए अब वो किसी भत्ते की हकदार नहीं है। फैमिली कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अक्टूबर 2023 में महिला के पक्ष में फैसला सुनाया और हर महीने 3,000 रुपये भरण-पोषण देने का आदेश दिया। पति ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी।

हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को सही ठहराया

हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए पति की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि आपसी सहमति से तलाक के बावजूद पत्नी की जरूरतें खत्म नहीं हो जाती। जस्टिस अग्रवाल ने कहा कि, तलाकशुदा पत्नी, जब तक वह पुनर्विवाहित नहीं हो जाती, वह भरण-पोषण की हकदार होती है।

पंचायत सचिवों की राज्य स्तरीय हड़ताल स्थगित, डिप्टी सीएम शर्मा से चर्चा के बाद लिया फैसला…

रायपुर- शासकीयकरण और वेतन वृद्धि की मांग को लेकर बीते 32 दिनों से हड़ताल पर बैठे पंचायत सचिवों ने अब अपनी राज्य स्तरीय हड़ताल को स्थगित करने का फैसला लिया है. छत्तीसगढ़ पंचायत सचिव संघ के कार्यकारी अध्यक्ष कोमल निषाद ने बताया कि पंचायत मंत्री विजय शर्मा से हुई बातचीत के बाद यह निर्णय लिया गया है.

बता दें, 32 दिनों से प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में पंचायत सचिव धरने पर बैठे थे. साथ ही 28 अप्रैल को दिल्ली के जंतर-मंतर में प्रदर्शन की तैयारी भी की गई थी. हालांकि, सरकार से हुई सकारात्मक बातचीत के बाद आंदोलन को फिलहाल रोक दिया गया है.

बताया गया है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा गठित कमेटी 2026 तक अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश करेगी, जिसके आधार पर पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाएगा. इसके अलावा, चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति के लिए नई मार्गदर्शिका भी जल्द जारी की जाएगी.

सरकार ने यह भी आश्वासन दिया है कि वर्तमान में 15 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले सचिवों के वेतन सत्यापन से जुड़ी विसंगतियों को दूर किया जाएगा और आंदोलन की अवधि में रुका हुआ वेतन भी शीघ्र स्वीकृत किया जाएगा.

चार दिन तक चली चर्चा के बाद बनी इस सहमति को पंचायत सचिवों ने संघर्ष की आंशिक जीत मानते हुए हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया है.

PM आवास योजना के नाम पर महिला से दुष्कर्म, झांसा देकर 50 हजार भी वसूले, पूर्व कांग्रेस पार्षद पर लगे गंभीर आरोप

बिलासपुर-  छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में पूर्व कांग्रेस पार्षद काशी रात्रे पर दुष्कर्म, ठगी और जबरन गर्भपात का आरोप लगा है. आरोप है कि पूर्व कांग्रेस पार्षद काशी रात्रे ने पीड़िता को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान दिलाने का झांसा देकर भरोसा जीता और नजदीकियां बढ़ाईं. इसके बाद उसने कई बार महिला के साथ दुष्कर्म किया और अलग-अलग किश्तों में 50 हजार रुपये भी वसूल लिए. 

महिला का आरोप है कि जब वह गर्भवती हो गई, तो आरोपी ने उसे गर्भपात की दवा खिलाकर जबरन उसका गर्भपात करा दिया, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई. इस दौरान आरोपी ने उसे डराकर चुप रहने का दबाव बनाया और लंबे समय तक मानसिक प्रताड़ना दी. इन सबसे परेशान महिला ने सिरगिट्टी थाने में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने पीड़िता की रिपोर्ट पर काशी रात्रे के खिलाफ दुष्कर्म और जबरन गर्भपात की गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है. 

शिकायत मिलते ही आरोपी फरार हो गया, जिसके बाद सिरगिट्टी पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. 

PM आवास योजना के अधूरे मकानों को पूरा कराने में जुटे अधिकारी, पूर्व सरकार की योजना गरीबों के लिए बनी मुसीबत…

गरियाबंद-  जिले में “मोर द्वार साय सरकार” अभियान के तहत प्रशासनिक अफसर घर-घर जाकर प्रधानमंत्री आवास योजना के अधूरे मकानों को पूरा कराने की कवायद में जुटे हैं. लेकिन मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत अधूरे मकानों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. करीब 1,157 हितग्राही, जिन्हें पूर्ववर्ती सरकार की योजना के तहत मंजूरी मिली थी, आज भी अधूरे मकानों में जीवन बिता रहे हैं।

जानकारी के अनुसार, जिले में 2016 से 2025 तक कुल 80,046 पीएम आवास स्वीकृत किए गए, जिनमें से 31,044 अब भी अधूरे हैं. इनमें से 28,799 मकान इसी वित्तीय वर्ष के हैं. इन्हीं मकानों को पूरा करने के लिए जिला पंचायत सीईओ जी.आर. मरकाम, जिला पंचायत अध्यक्ष गौरी शंकर कश्यप और जनपद के अफसरों ने झरगांव, मुचबहाल, धोबनमाल, उरमाल समेत दर्जनों गांवों का दौरा किया.

इंदुमती का अधूरा मकान देख अधिकारी रह गए हैरान

गुरुजीभाठा के पीएम आवास हितग्राहियों से संपर्क के बीच अधिकारियों की नजर इंदुमती के निर्माणाधीन मकान पर पड़ी तो वो अपने आप को नहीं रोक पाए. अफसर इंदुमती के लेंटर लेबल तक खड़ी मकान को देख जल्द पुरा करने कहा ,लेकिन इंदुमती के सवाल के जवाब पर निरुत्तर हो गए . 

आवास के केटेगिरी से अंजान अफसर को जब इंदुमती ने बताया कि उन्हें आवास निर्माण के केवल 2 किश्त यानी 50 हजार भर मिला है तो उन्होंने जनपद के अफसर को तलब किया. जनपद अधिकारी ने जैसे ही बताया कि यह पीएम नहीं बल्कि पूर्वर्ती सरकार के समय चलाई योजना सीएम आवास के तहत निर्मित हो रहा है, तो वे उल्टे पांव लौटने लगे. इंदुमती बार बार अपनी आर्थिक स्थिति का हवाला देकर बता रही थी कि पुराने मकान तोड़ कर इसे बना रहे,उनके पास रहने के लिए कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा, इसी अधूरे आवास में गुजारा कर रहे, बरसात में समान समेट कर पड़ोसी के छत का सहारा लेते हैं. 

सीएम आवास योजना के 1,157 हितग्राही परेशान

भूपेश सरकार के कार्यकाल के अंतिम वर्ष में जिलेभर में 1,157 सीएम आवास मंजूर किए गए थे, जिनमें से केवल 80 मकान ही पूर्ण हो सके हैं. कई हितग्राही अपनी जमापूंजी लगाकर मकान को छत स्तर तक बना चुके हैं, लेकिन अगली किश्त का इंतजार अब तक कर रहे हैं.  

PM आवास का नहीं मिलेगा लाभ 

मैनपुर ब्लॉक में मंजूर 352 आवास में से केवल 24 पूर्ण हुए हैं. 66 छत स्तर पर हैं. जबकि 167 प्लिंथ स्तर पर है. इसी तरह देवभोग ब्लॉक में मंजूर 181 में से 50 छत स्तर पर और 130 प्लिंथ स्तर पर है. इन्हें प्राथमिकता के आधार पर आवास दिया गया था, लेकिन इनका पक्के आवास का सपना अधूरा रह जाएगा. सीएम आवास हितग्राही होने के नाते इनका नाम अब पीएम आवास 2 के हितग्राही में नाम नहीं आ सकता.पूर्व सरकार के पक्के आवास के योजना में नाम आना ही अब इनकी परेशानी का कारण बन गया है.

पीएम आवास के हितग्राहियों से मिल रहे अधिकारी

प्रशासनिक अधिकारी उन हितग्राहियों से भी संपर्क कर रहे हैं, जिन्होंने पहली किश्त तो ले ली, लेकिन निर्माण कार्य शुरू नहीं किया. इन लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू करें ताकि समय पर अगली किश्त भी प्राप्त हो सके और योजना में प्रतीक्षारत अन्य लोगों को भी लाभ मिल सके.

जिला पंचायत अध्यक्ष ने उड़िया भाषी हितग्राहियों को समझाया कि सरकार अब घर-घर जाकर आवास पूरे करा रही है, इसलिए मानसून से पहले मकान निर्माण शुरू करें. कुछ जगहों पर अधिकारियों ने ले-आउट तैयार कराकर कार्य शुरू कराने का वादा भी लिया और उसकी वीडियोग्राफी भी कराई.

दरअसल जिले में वर्ष 2016 से 2025 तक 80046 आवास की मंजूरी दी गई. जिसमें 49002 ने अब तक आवास पुरा नहीं किया.अपूर्ण आवास में 28799 आवास तो इसी चालू सत्र के हैं.आंकड़े संतोष जनक नहीं होने के कारण जिले में अभियान सफल बनाने आला अफसर ग्राउंड पर मेहनत कर रहे हैं.

पीएम आवास पर फोकस : सीईओ 

जिला पंचायत के सीईओ जी.आर. मरकाम ने कहा, “सीएम आवास योजना के तहत राशि अब तक नहीं मिली है. जैसे ही फंड मिलेगा, हितग्राहियों के खाते में ट्रांसफर किया जाएगा. फिलहाल हमारा उद्देश्य पीएम आवास योजना के सभी अधूरे मकानों को पूर्ण कराना है.”

भाजपा नेता की गाड़ी की टक्कर से कांग्रेस नेता की मौत, पुलिस ने अब तक नहीं लिखी FIR, कांग्रेसियों ने हाईवे पर शव रख किया चक्काजाम

कोंडागांव- भाजपा नेता की कार की टक्कर से गुरुवार रात को कांग्रेस नेता हेमेंद्र की मौत हो गई. इस घटना के बाद इलाके में बवाल मच गया है. इस हादसे में सरपंच चंपी भोयर की हालत गंभीर बताई जा रही है. घटना डोंगरी गुडा के पास की है. कांग्रेसियों ने आज कांग्रेस नेता हेमंत भोयर के शव को एनएच 30 पर रखकर चक्काजाम किया और दोषी भाजपा नेता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

बता दें कि हेमंत भोयर पंच और युवा कांग्रेस का विधानसभा उपाध्य्क्ष था. वहीं भाभी ग्राम मुलमला की सरपंच है. इस घटना के बाद परिजन और ग्रामीणों ने आरोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर थाने में बवाल मचाया. इस दौरान बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।

पूर्व मंत्री मोहन मरकाम ने राजनैतिक दबाव के कारण पुलिस पर अब तक एफआईआर नहीं लिखने का आरोप लगाया है. परिजनों ने शव को लेकर जाने से इंकार कर दिया है. कांग्रेसी एवं परिजनों ने पुलिस से एफआईआर दर्ज कर दोषी भाजपा नेता पूर्णेंदु कौशिक के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे.

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के कर्मचारियों को हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत, सेवा समाप्ति का आदेश किया निरस्त

बिलासपुर- न्यायधानी बिलासपुर के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में कथित कर्मचारी भर्ती घोटाला मामले में हाईकोर्ट ने साल 2014 में कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने का फैसला सुनाया था. आज लगभग 10 साल बाद हाईकोर्ट ने अपने पुराने आदेश को निरस्त कर कर्मचारियों की सेवा बहाली के निर्देश दिए. आदेश के बाद कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में कार्रवाई को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी. 

दरअसल, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ने 14 जून 2014 को विभिन्न पद हेतु विज्ञापन जारी किया गया था। याचिकाकर्ता पंकज कुमार तिवारी और अन्य ने समिति प्रबंधक के पद पर आवेदन प्रस्तुत किया गया था. सभी प्रक्रिया पूरी करने के बाद पंकज कुमार तिवारी और अन्य की नियुक्ति संस्था प्रबंधक के पद पर 14 फरवरी 2015 को हुई. जिसके आधार पर 13 मार्च 2015 को अपना कार्यभार ग्रहण किया. सहकारी बैंक की सभी भर्ती प्रक्रिया में शिकायत होने पर जांच समिति की गठन हुई थी. जांच प्रतिवेदन के आधार पर पंकज और 29 अन्य की सेवा समाप्ति का आदेश 23 नवंबर 2015 को जारी कर दिया गया, जिसे लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. 

कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद पंकज कुमार तिवारी, मोहम्मद इमरान खान, चंदन प्रताप सिंह, सीमा देवांगन, चंचल कुमार दुबे, चंद्रशेखर कुर्रे, लेखा कश्यप, भूपेंद्र राठौर, नरेंद्र कुमार मिश्रा, अमित पटेल और अन्य याचिकाकर्ताओं की याचिकाएं स्वीकार कीं. साथ ही, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर की कार्रवाई को निरस्त कर सभी को सेवा में बहाल करने का निर्देश दिया.

नान घोटाले पर टुटेजा, शुक्ला और वर्मा के खिलाफ सीबीआई ने दर्ज किया मामला, जांच को प्रभावित करने पर मारा छापा, बरामद किए आपत्तिजनक दस्तावेज…

रायपुर- पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा के घर छापेमारी की वजह का सीबीआई ने खुलासा कर दिया है. एजेंसी ने बताया कि नान घोटाले की जांच को प्रभावित करने पर अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला के साथ पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है, जिसके बाद अनिल टुटेजा के साथ आलोक शुक्ला के भी घरों पर छापेमारी की गई, जिसमें कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद हुए हैं.

आरोप है कि लोक सेवकों (अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला) ने अपने पद का दुरुपयोग कर आर्थिक अपराध शाखा/एसीबी, रायपुर में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर संख्या 9/2015 तथा एनएएन मामले के आधार पर दर्ज प्रवर्तन निदेशालय के मामले में चल रही कार्रवाई को प्रभावित किया. आयकर विभाग द्वारा जब्त डिजिटल साक्ष्यों के अनुसार, आरोपी लोक सेवकों ने एनएएन मामलों में कार्रवाई को विफल करने के कई प्रयास किए.

इसके अलावा आरोपी लोक सेवकों ने कथित तौर पर आरोपी तत्कालीन महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा को अनुचित तरीके से सार्वजनिक कर्तव्य निभाने के लिए प्रेरित करने तथा ईडी और ईओडब्ल्यू/एसीबी, छत्तीसगढ़ द्वारा जांच के तहत उपरोक्त मामलों में खुद के लिए अग्रिम जमानत हासिल करने के लिए अनुचित लाभ प्रदान किए.

यही नहीं आरोप है कि अग्रिम जमानत लेने के लिए आरोपी लोक सेवकों ने राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारियों के प्रक्रियात्मक एवं विभागीय कार्य से संबंधित दस्तावेजों तथा नान प्रकरण में उच्च न्यायालय में दाखिल किए जाने वाले जवाब में फेरबदल करवा लिया. मामले की जांच जारी है.

जानिए क्या है नान घोटाला

छत्तीसगढ़ में नागरिक आपूर्ति निगम (नान) के जरिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली का संचालन होता है. ACB ने 12 फरवरी 2015 को नान के मुख्यालय सहित अधिकारियों-कर्मचारियों के 28 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था. छापे में करोड़ों रुपए कैश, कथित भ्रष्टाचार से संबंधित कई दस्तावेज, डायरी, कम्प्यूटर हार्ड डिस्क समेत कई दस्तावेज मिले.

आरोप था कि राइस मिलों से लाखों क्विंटल घटिया चावल लिया गया और इसके बदले करोड़ों रुपए की रिश्वत ली गई. चावल के भंडारण और परिवहन में भी भ्रष्टाचार किया गया.

शुरुआत में शिव शंकर भट्ट सहित 27 लोगों के खिलाफ मामला चला. बाद में निगम के तत्कालीन अध्यक्ष और एमडी का भी नाम आरोपियों की सूची में शामिल किया गया. इस मामले में दो IAS अफसर अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला भी आरोपी थे. मामला अदालत में चल रहा है.

भाजपा विधायक ईश्वर साहू ने सुप्रीम कोर्ट पर की अभद्र टिप्पणी ! फेसबुक पोस्ट वायरल होते ही दी सफाई…

रायपुर-  सुप्रीम कोर्ट पर अभद्र टिप्पणी करके भाजपा विधायक ईश्वर विवादों में आ गए हैं. एक के बाद कई पोस्ट ईश्वर साहू के फेसबुक पेज से हुआ है, जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोट के लिए आपत्तिजनक शब्द का कोठा का इस्तेमाल किया है. उनके इस पोस्ट के बाद छत्तीसगढ़ में सियासी बवाल भी मच गया. कांग्रेस ने इस पर कड़ी आपत्ति करते हुए कहा कि विधायक को शर्म आनी चाहिए. उन्हें अपने इस कृत्य के लिए माफी मांगनी चाहिए.

भाजपा विधायक ईश्वर साहू ने दी सफाई

वहीं पोस्ट वायरल होने के बाद मचे बवाल के बीच विधायक साहू की सफाई भी आ गई है. उन्होंने इंस्टाग्राम में स्टोरी लगाकर कहा कि मेरे नाम से अज्ञात व्यक्ति द्वारा फेसबुक और इंस्टाग्राम में फर्जी आईडी बनाकर अनर्गल बयानबाजी की जा रही है. इसके साथ ही उन्होंने सभी से ऐसे आईडी को रिपोर्ट कर अनफॉलो करने की अपील की है.

पीसीसी चीफ दीपक बैज ने BJP पर साधा निशाना:

साजा विधायक के फेसबुक पर हुए इस विवादित पोस्ट को लेकर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने भाजपा पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि उनके fb अकाउंट से पोस्ट जारी हुआ है. न्यायालय के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग किया है. बीजेपी की मानसिकता इस पोस्ट से देखी जा सकती है. अपने अकाउंट से पोस्ट कर ऐसी टिप्पणी करना सही नहीं है. ईश्वर साहू को माफी मांगनी चाहिए. बीजेपी को इस पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.

विधायक के फेसबुक पर किए गए एक के बाद एक विवादित पोस्ट:

विवादित पोस्ट के वायरल होने के बाद विधायक ने दी सफाई:

वक्फ संशोधन बिल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला:

दरअसल यह पूरा मामला वक़्फ संसोशन बिल से जुड़ा है. जिसे लेकर देशभर में सियासत गरमाई हुई है. एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. वक्फ संशोधन बिल पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है. SC ने 17 अप्रैल को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. साथ ही अदालत ने स्पष्ट किया कि अगली सुनवाई तक वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में किसी भी प्रकार की नई नियुक्ति नहीं किए जाने के निर्देश दिए हैं.

बता दें केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से अनुरोध किया कि कुछ आवश्यक दस्तावेजों के साथ जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया जाए. SC ने यह अनुरोध स्वीकार करते हुए केंद्र को 7 दिन का समय दिया और स्पष्ट किया कि बड़ी संख्या में दायर याचिकाओं में से केवल 5 पर ही सुनवाई की जाएगी, क्योंकि सभी याचिकाओं पर सुनवाई करना संभव नहीं है.