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सोशल मीडिया पर दोस्ती, शादी का झांसा देकर बनाया संबंध; IPS बनते बनाई दूरी तो महिला डॉक्टर पहुंची थाने

महाराष्ट्र के नागपुर में तैनात एक आईपीएस अफसर के खिलाफ महिला के डॉक्टर ने शादी का झांसा देकर रेप का आरोप लगाया है. पीड़िता ने नागपुर के इमामबाड़ा थाने में आरोपी आईपीएस के खिलाफ तहरीर दी है. पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. महिला डॉक्टर ने अपनी शिकायत में बताया कि आरोपी के साथ उसकी दोस्ती इंस्टाग्राम के जरिए हुई थी.

पीड़िता के मुताबिक उन दिनों वह खुद एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थी. आरोपी खुद भी यूपीएससी की तैयारी कर रहा था. उनके बीच पहले दोस्ती थी. यह दोस्ती कब प्यार में बदल गई, उन्हें खुद पता नहीं चला. इस प्यार की वजह से दोनों अक्सर मिलने लगे. इसी दौरान आरोपी ने उसे शादी का झांसा दिया और कई बार उसके साथ संबंध भी बनाए. पीड़िता के मुताबिक इसी बीच उसका एमबीबीएस पूरा हो गया. वहीं दूसरी ओर आरोपी का भी यूपीएससी में चयन हो गया.

आईपीएस में चयन होते दिखाया रंग

पुलिस को दिए शिकायत में पीड़िता ने बताया कि आईपीएस बनते ही आरोपी ने उससे किनारा करना शुरू कर दिया. वहीं पूछने पर उसने साफ तौर पर शादी से इनकार कर दिया. ऐसे में पीड़िता ने आरोपी के परिजनों से गुहार लगाई, लेकिन उन लोगों ने भी कोई रिस्पांस नहीं दिया. आखिरकार थकहार कर पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दी है. बताया कि आरोपी फिलहाल उत्तर महाराष्ट्र के एक जिले में पोस्टेड है.

मुकदमा दर्ज कर जांच में जुटी पुलिस

पुलिस के मुताबिक पीड़िता की तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है. पुलिस ने इस संबंध में आरोपी आईपीएस अधिकारी को नोटिस देकर बयान देने को कहा है. हालांकि विभागीय मामला होने की वजह से कोई भी पुलिस अधिकारी इस संबंध में कोई भी आधिकारिक बयान देने से बच रहा है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक मामले की तकनीकी जांच कराई जा रही है

हनुमान जयंती जुलूस पर मस्जिद के सामने पथराव, मची अफरा-तफरी… पुलिस ने लिया ये एक्शन

गुना में हनुमान जयंती के अवसर पर माहौल बिगड़ गया. क्योंकि यहां हनुमान जयंती के जुलूस पर पथराव किया गया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें पत्थरबाजी के दौरन पुलिस वालों को स्थिति संभालते देखा जा सकता है. वहीं, गुस्साए लोगों ने चक्काजाम कर दिया. लोगों ने पत्थर फेंकेने वालों पर कार्रवाई करने की मांग की.

पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अब इस मामले में नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया है. लिस ने 5 नामजद और 20 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया है. हालात पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए गुना शहर के हर प्रमुख चौराहे पर भारी पुलिस बल तैनाती है. वहीं गुना में हनुमान जयंती जुलूस पर हमले का एक्सक्लूसिव वीडियो सामने आया है, जिसमें मस्जिद के अंदर से हमले कर रहें लोगों को देखा जा सकता है. मस्जिद के अंदर पहले से हथियार छिपाए गए. एक वीडियो में साफ देखा गया कि एक वर्ग विशेष का युवक बेल्ट लेकर हनुमान के रूप में सजे व्यक्ति से मारपीट कर रहा है.

इस पूरे घटनाक्रम से यह साफ है यह कोई तात्कालिक विवाद नहीं, बल्कि पूर्व नियोजित हिंसा थी. धार्मिक स्थल का उपयोग कर हथियार जमा किए गए और शांतिपूर्ण जुलूस को निशाना बनाया गया. दरअसल, शनिवार को शाह के कोल्हू पुरा से शनिवार को हनुमान जयंती का जुलूस निकला. ये जुलूस रापटा और हाट रोड की ओर बढ़ रहा था. जुलूस में लोग बड़ी संख्या में गाते-बजाते चल रहे थे. शाम के लगभग आठ बजे ये जुलूस कर्नलगंज स्थित मस्जिद के सामने पहुंचा. इसी स्थान पर पार्षद की कहा सुनी किसी से जुलूस को आगे बढ़ाने को लेकर हो गई

पत्थरबाजी के बाद पुलिस एक्शन में आई

इसी समय किसी से जुलूस पर पत्थर मार दिया. इसी के बाद माहौल बिगड़ा. फिर दोनों ओर से पत्थर चलाए जाने लगे. पत्थरबाजी से इलाके में भगदड़ मच गई. कुछ पुलिस वालों ने लोगों से अपील कर कहा कि वो पत्थरबाजी ने करें. हालांकि, पत्थरबाजी के बाद पुलिस एक्शन में आई और मौके से लोगों को भगाया. इस घटना ने लोगों के भीतर गुस्सा भर दिया.

प्रशासनिक अमले में हड़कंप

इसके बाद जो युवा जुलूस में चल रहे थे उन्होंने हनुमान चौराहे पर पहुंचकर चक्काजाम कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की. माहौल बिगड़ता देख प्रशासनिक अमले के हाथ पांव फूल गए. इसके बाद बड़ी संख्या में पुलिस और प्रसाशन के अधिकारी मौके पर पहुंचे.

फिलहाल स्थिति नियंत्रण में

बड़े अधिकारियों ने लोगों से कहा कि वो कोतवाली जाकर केस दर्ज कराएं. इसके बाद युवा कोतवाली गए. कलेक्टर किशोर कुमार कान्याल और एसपी संजीव कुमार सिन्हा हनुमान चौराहे पहुंचे. अधिकारी कर्नलगंज भी स्थिति का जायजा लेने पहुंचे. फिलहाल बताया जा रहा है कि स्थिति नियंत्रण में है.

एसपी संजीव कुमार सिन्हा ने क्या कहा?

वहीं इस पूरे मामले में एसपी संजीव कुमार सिन्हा ने कहा कि जैसे ही हमको कर्नलगंज में विवाद की जानकारी मिली मौके पर भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई. फिलहाल हालात हमारे कंट्रोल में हैं. मामले की जांच की जा रही है.

केरल की पहली आदिवासी एयर होस्टेस, दिहाड़ी मजदूर की बेटी ने ऐसे पाया मुकाम

इंसान का हौसला अगर बुंलद और मजबूत हो तो विपरीत हालात भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकते. बुलंद हौसले और मजबूत इरादों से इंसान कोई भी लक्ष्य हालिस करता है. विपरीत हालातों में हासिल की गई सफलता समाज और राज्य के लिए प्रेरणा बनती है. ऐसी ही सफलता की एक मिसाल पेश की है केरल की गोपिका गोविंद ने. गोपिका ने सपने देखे और उसको साकार करने में राह में जो मुश्किले आईं उसका भी सामना किया और बन गईं केरल की पहली आदिवासी एयर होस्टेस.

गोपिका गोविंद ने केरल की पहली आदिवासी एयर होस्टेस बनकर इतिहास रच दिया. यह उनकी उपलब्धि भर नहीं, बल्कि केरल के लिए भी गौरव का विषय है. गोपिका का जन्म केरल के अलाकोड़े के पास कावुनकुडी के एसटी कॉलोनी में हुआ था. उनके माता-पिता पी. गोविंदन और वी.जी. जो दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते थे. गोपिका करिम्बा जनजातीय समुदाय की एक युवती हैं.

कभी अपने सपने को नहीं छोड़ा

गोपिका का बचपन आर्थिक कठिनाइयों और सीमित संसाधनों से भरा था. फिर भी उन्होंने कभी अपने सपने को नहीं छोड़ा और उसे पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की. उन्होंने रसायन विज्ञान में बीएससी किया. परिवार की आर्थिक स्थिति के चलतेएक वक्त ऐसा भी आया जब उन्होंने अपना सपना छोड़ने का मन बना लिया था, लेकिन एक दिन अखबार में एयर होस्टेस की वर्दी पहने एक केबिन क्रू सदस्य की तस्वीर देखकर उनका सपना फिर जाग उठा. इसके बाद गोपिका ने एयर होस्टेस बनने का निर्णय लिया.

दूसरे प्रयास में मिली सफलता

गोपिका ने वायनाड के कलपेटा स्थित ड्रीम स्काई एविएशन ट्रेनिंग अकादमी में एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स में दाखिला लिया. गोपिका का पहले प्रयास में चयन नहीं हो सका, लेकिन गोपिका ने उम्मीद नहीं छोड़ी. उनको दूसरे प्रयास में सफलता मिली. तीन महीने के प्रशिक्षण के बाद गोपिका ने कन्नूर से खाड़ी देश के लिए अपनी पहली उड़ान भरी.

गोपिका की सफलता दर्शाती है कि दृढ़ इच्छाशक्ति से कोई भी सपना पूरा करना संभव है. आज गोपिका आदिवासी और पिछड़े समुदायों की युवा महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं.

बिहार में पहली बार महिला कबड्डी विश्व कप, 1 से 10 जून तक राजगीर में होगा भव्य आयोजन

बिहार में पहली बार आयोजित होने वाले महिला कबड्डी विश्व कप 2025 के समझौता ज्ञापन पर आज हस्ताक्षर हुआ. एमेच्योर कबड्डी फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से फेडरेशन के महासचिव जितेन्द्र प्राणसिंह ठाकुर और बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवीन्द्रण शंकरण ने हस्ताक्षर किए. बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के निदेशक रविंद्र नाथ चौधरी, क्रीड़ा कार्यपालक आनंदी कुमार, खेल विभाग के सहायक निदेशक संजय कुमार, इंटरनेशनल कबड्डी फेडरेशन के डायरेक्टर तेजस्वी सिंह गहलोत तथा बिहार कबड्डी एसोसिएशन के चेयरमैन कुमार विजय सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे.

भारतीय महिला कबड्डी टीम की कप्तान सोनाली विष्णु तथा उप कप्तान पुष्पा राणा भी इस ऐतिहासिक अवसर पर शामिल रहीं. खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवीन्द्रण शंकरण ने प्रतीक चिन्ह और अंग वस्त्र भेंट कर सभी का अभिनंदन किया .

बिहार के लिए गर्व की बात

उपस्थिति लोगों का अभिनंदन करते हुए बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवीन्द्रण शंकरण ने बताया कि बिहार में पहली बार महिला कबड्डी विश्व कप का 1 से 10 जून तक राजगीर में आयोजन बिहार के लिए बहुत खुशी और गर्व की बात है. खेल के क्षेत्र में विकास की सरकार की प्रतिबद्धता के साथ सहयोग और प्रयास के कारण बिहार को कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं को आयोजित करने का गौरव प्राप्त हो रहा है.

दर्शकों के लिए मैच निःशुल्क होंगे मगर टिकट पास के लिए ऑनलाइन ही रजिस्ट्रेशन कराकर प्राप्त करने होंगे. जिन्हें पास उपलब्ध नहीं हो पाएगा उनके लिए बाहर बड़े स्क्रीन पर मैच देखने की व्यवस्था की जाएगी. आगे उन्होंने कहा कि महिला कबड्डी विश्व कप में शामिल होने वाली खिलाडियों के आने, जाने, भोजन आवासन सहित हर प्रकार की सुविधाओं की सुचारु व्यवस्था बिहार सरकार कर रही है.

भारतीय टीम का प्रशिक्षण कैंप

एमेच्योर कबड्डी फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव जितेन्द्र प्राणसिंह से अनुरोध किया कि 15 दिन तक भारतीय टीम का प्रशिक्षण कैंप राजगीर में ही आयोजित की जाए जिससे भारतीय टीम को यहां के माहौल में ढलने में आसानी होगी तथा बिहार के खिलाडियों को भी उनके साथ प्रैक्टिस करने और सीखने का मौका मिलेगा. बिहार के लिए अच्छे प्रशिक्षक और रेफरी के लिए भी आग्रह किया ताकि बिहार के खिलाड़ी राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर कर सकें.

बिहार को कबड्डी में हर सहयोग

एमेच्योर कबड्डी फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव जितेन्द्र प्राणसिंह तथा इंटरनेशनल कबड्डी फेडरेशन के डायरेक्टर तेजस्वी सिंह गहलोत ने खेल के क्षेत्र में बिहार की निरंतर बढ़ती उपलब्धियों पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए भविष्य में बिहार की कबड्डी को हर संभव सहयोग देने के लिए आश्वस्त किया. बिहार की कबड्डी टीम जूनियर लेवल पर काफी अच्छा कर रहा है और बेहतर प्रशिक्षण के साथ सीनियर लेवल पर भी काफी अच्छा करेगी.

पहले पत्नी को छत से फेंका, फिर खेत में दफनाया शव; जानें क्यों हैवान बन गया पति

उत्तर प्रदेश के मथुरा से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां एक पति ने अपनी पति को छत से धक्का देकर हत्या कर दी. दरअसल आरोपी ने जिस वक्त पत्नी की हत्या की थी उस वक्त उसने शराब पी रखी थी. शराब पीने को लेकर बीवी स लड़ाई हुई थी. पति ने पत्नी की हत्या करने के बाद उसके शव को खेत में दफना दिया. वहीं पुलिस को जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंची. पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर शव को बरामद कर लिया.

घटना जमुनापार थानाक्षेत्र के सुखदेवपुर गांव की बताई जा रही है. घटना के बारे में पुलिस ने शनिवार को जानकारी दी है. पुलिस ने कहा कि आरोपी के भाई की सूचना के बाद घटना की जानकारी हुई. त्वारित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर शव को बरामद कर लिया गया है. आरोपी से घटना के बारे में जानकारी करने के लिए पूछताछ की जा रही है.

पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने पूछताछ के दौरान हत्या करने की बात कबूल की है. आरोपी पति का नाम विजय है जो राज मिस्त्री का काम करता है. उसने शराब के नशे में घटना का अंजाम दिया. आरोपी ने बताया कि उसने पत्नी रेखा को जान से मारने के इरादे से छत से धक्का दे दिया था.

पत्नी को छत से दिया छक्का

छत से गिरने के बाद रेखा की मौके पर ही मौत हो गई थी. आरोपी पति ने रेखा की मौत हो जाने के बाद उसके शव को घसीटकर खेत में ले गया और वहीं गड्ढा खोदकर दफना दिया था. वहीं किसी को पता चले, इसके लिए अगले दिन हर रोज की तरह व्यवहार कर रहा था. वहीं आरोपी के पिता ने जब उससे उसकी पत्नी के बारे में पूछा तो पहले तो वो थोड़ा घबराया और बाद में बोला की उसकी हत्या कर दी. जिसके बाद उसके छोटे भाई ने पुलिस को मामले की जानकारी दी.

दूसरी महिला से था संबंध

पुलिस के मुताबिक, परिजनों और आरोपी से पूछताछ में पता चाल है कि आरोपी विजय का एक दिव्यांग महिला से प्रेम प्रसंग चल रहा था. दोनों एक दूसरे से अक्सर बात भी किया करते थे जिसका विजय की पत्नी रेखा विरोध किया करती थी. सही जानकारी होने पर रेखा ने इसका कड़ा विरोध किया. इसी को लेकर दोनों में अक्सर झगड़ा होता था. जिस दिन रेखा की हत्या हुई उस दिन भी दोनों के बीच झगड़ा हुआ था.

बंगाल में वक्फ को लेकर हिंसा पर पुलिस का एक्शन, 110 अरेस्ट, बताई वजह क्यों चलाई गोली

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में हिंसा भड़कने के बाद शनिवार को 110 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया. पश्चिम बंगाल में जंगीपुर, मुर्शिदाबाद, दक्षिण 24 परगना और हुगली जिलों से हिंसक घटनाएं घटी है. पुलिस वैन सहित कई वाहनों को आग लगा दी गई, सुरक्षा कर्मियों पर पत्थर फेंके गए और फिर सड़कों को अवरुद्ध कर दिया गया. पुलिस ने प्रदर्शन पर नियंत्रण के लिए शमशेरगंज में गोली चलाई. इसमें अब तक कुल चार लोग घायल हो गये हैं.

मुर्शिदाबाद में हिंसा के बाद एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “हिंसा के सिलसिले में सुती से लगभग 70 और समसेरगंज से 41 लोगों को गिरफ्तार किया गया.”

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, शनिवार सुबह भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ, हालांकि कोई अप्रिय घटना की खबर नहीं है.

मुर्शिदाबाद में इंटरनेट सेवाएं स्थगित

पश्चिम बंगाल के सभी जिलों में सबसे ज्यादा प्रभावित मुर्शिदाबाद में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और हिंसा बढ़ने वाले स्थानों पर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं.

कथित तौर पर सूती में पुलिस की गोलीबारी में घायल हुए एक किशोर को कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. एक अधिकारी ने कहा, “सूती और समसेरगंज इलाकों में गश्त जारी है. किसी को भी कहीं भी इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है. हम कानून और व्यवस्था की स्थिति को बाधित करने के किसी भी प्रयास की अनुमति नहीं देंगे,” उन्होंने लोगों से “सोशल मीडिया पर अफवाहों” पर ध्यान न देने की अपील की.

एडीजी ने बताई वजह, पुलिस ने क्यों चलाई गोली?

इस बीच, बंगाल के एडीजी कानून एवं व्यवस्था जावेद शमीम को शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में स्वीकार किया कि पुलिस को चार राउंड गोलियां चलाने के लिए मजबूर होना पड़ा. वह उन परिस्थितियों के बारे में भी बता रहे हैं जिनके तहत पुलिस ने गोलियां चलाईं.

जावेद शमीम ने बताया कि सुती के सुजा चौराहे और शमशेरगंज के डाकबंगला चौराहे पर अशांति भयावह रूप लेती जा रही है. उन्मादी भीड़ को नियंत्रण में लाने के लिए काफी प्रयास किया जा रहा था, लेकिन प्रदर्शनकारी हिंसक होते जा रहे थे और तभी पुलिस को मजबूर होकर गोली चलानी पड़ी.

उन्होंने कहा, “सुती में सुजा चौराहे और शमशेरगंज में डाक बंगला चौराहे पर अशांति थी. सड़कें जाम कर दी गईं, पुलिस ने हस्तक्षेप किया. फिर उन्होंने पुलिस पर हमला कर दिया. पुलिस काफी देर तक संयमित रही. न्यूनतम पुलिस बल का इस्तेमाल किया गया. लाठियां, गैस हर तरह से इस्तेमाल की गईं, लेकिन, भीड़ और अधिक हिंसक हो गई.”

हिंसक हो गये प्रदर्शनकारी, जमकर की आगजनी

उन्होंने आगे कहा, “सार्वजनिक बसों से लेकर सरकारी संपत्ति तक सब कुछ आग के हवाले कर दिया गया. इसके तीन घंटे बाद पुलिस को जान बचाने के लिए सुजा चौराहे पर चार राउंड फायरिंग करनी पड़ी. हमें जानकारी मिली है कि उनमें से दो घायल हो गए हैं. वे अस्पताल में हैं. अब वे ठीक हैं.”

दूसरी ओर, राज्य पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार ने कहा कि घटना की पुनरावृत्ति की अफवाहों पर ध्यान न दें. उन्होंने कहा कि अफवाहें बहुत तेजी से फैल रही हैं. गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं. ये शरारती तत्व और असामाजिक तत्व हैं जो ऐसा कर रहे हैं.” दूसरी ओर, ममता ने शांति का संदेश देते हुए साफ कहा कि कुछ राजनीतिक दल राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का दुरुपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं. उनके बहकावे में मत आइए.

उज्जैन में हनुमान जयंती पर बनेगा वर्ल्ड रिकॉर्ड, 50 हजार श्रद्धालुओं को एक साथ परोसी जाएगी प्रसादी

कालों के काल बाबा महाकाल की नगरी धार्मिक नगरी उज्जैन मैं ऐसे आयोजन दिन प्रतिदिन होते रहते हैं जो कि नगर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन जाते हैं. हनुमान जयंती पर भी कल रविवार की शाम को उज्जैन में एक ऐसा ही भव्य भंडारा आयोजित होने वाला है, जिसे मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा भंडारा कहा जा सकता है. इस भंडारे को आयोजन समिति ने नगर भोज का नाम दिया है. क्योंकि इस भोज में बाबा जयवीर हनुमान की प्रसादी ग्रहण करने के लिए लगभग 50,000 श्रद्धालु मंदिर पहुंचेंगे.

आंबापुरा स्थित प्राचीन जयवीर हनुमान मंदिर पर 13 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा, जिसके तहत पहले भगवान का विशेष पूजन अर्चन और महाआरती होगी. इसके बाद नगर भोज का आयोजन होगा. इस आयोजन के आयोजक समाजसेवी सुनील चावंड ने बताया- भगवान जयवीर हनुमान के प्रति हमारी अगाध श्रद्धा है. यही कारण है कि हम पिछले 20 वर्षों से इस आयोजन को धूमधाम से मनाते आ रहे हैं.

उन्होंने बताया- शुरुआती दौर में यह आयोजन शोभायात्रा के रूप में आयोजित होता था. लेकिन 10 वर्षों में इस आयोजन की भव्यता काफी अधिक बड़ी है. इस नगर भोज में अब हजारों श्रद्धालु बाबा जयवीर हनुमान की प्रसादी ग्रहण करने पहुंचते हैं.

आयोजन की तैयारी को लेकर आपने बताया कि पिछले 15 दिनों से मित्र मंडली के सभी लोग इस आयोजन की सफलता के लिए जुटे हुए हैं. यह नगर भोज शहर में होने वाले अन्य भंडारों की तरह नहीं है, क्योंकि इस भोज में शामिल होने वाले प्रत्येक श्रद्धालु को टेबल कुर्सी पर बैठाकर दाल बाफले और लड्डू की प्रसादी परोसी जाती है. यही कारण है कि इस नगर भोज में प्रतिवर्ष श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है.

गोल्डन वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होगा नाम

आंबापुरा देसाई नगर में आयोजित होने वाले इस नगर भोज में लगातार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है, जिसको देखते हुए इस वर्ष आयोजन समिति ने गोल्डन वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम को बुलाया है. इस वर्ष भंडारे में लगभग 50000 से अधिक श्रद्धालु बाबा जयवीर हनुमान की प्रसादी ग्रहण करेंगे जिसका वर्ल्ड रिकॉर्ड यह टीम रविवार को दर्ज करेगी.

60 हलवाई बना रहे नगर भोज का प्रसाद

रविवार की रात महाआरती के बाद भगवान हनुमान को भोग लगाने के बाद इस भंडारे की शुरुआत होगी. भंडारे में दाल, बाफले, लड्डू बनाए जाएंगे. इसके लिए करीब 75 क्विटंल आटा और 400 किलो शुद्ध घी का उपयोग किया जाएगा.

आयोजक सुनील चावंड ने बताया कि भंडारे के लिए भोजन बनाने का काम 60 हलवाई करेंगे जबकि भोजन परोसदारी व्यवस्था 600 कार्यकर्ता संभालेंगे. हर बार की तरह इस बार भी भक्तों को भोजन टेबल पर बैठाकर कराया जाएगा. महिला और पुरुषों के लिए बैठक व्यवस्था अलग-अलग की जाएगी. भंडारे के लिए आज रात से ही भोजन प्रसादी बनना शुरू हो गई हैं.

10 साल से तैयार कर रहे हैं भंडारे की रसोई

इस विशाल भण्डारे को तैयार करने वाले खास व्यक्ति हैं, उज्जैन के हलवाई प्रकाश चावंड. उनके साथ 60 हलवाई और 30 कारीगरों की टीम हैं जो हर साल इस विशाल भण्डारे की जिम्मेदारी संभालते हैं.

एनआईए के पास है मुंबई हमले का “रहस्यमयी” गवाह, अब केस में आएगा नया मोड़, तहव्‍वुर उगलेगा हर राज

#tahawwurranainvestigationamysterious_person

मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को भारत लाने के बाद एनआईए उससे पूछताछ कर रही है। इस बीच मामले में एक 'रहस्यमयी गवाह' की बात सामने आ रही है। एनआईए राणा का सामना उस 'रहस्यमयी गवाह' से कराएगी, जो उसका पुराना जानकार बताया जा रहा है। यही गवाह 2006 में मुंबई आए डेविड हेडली की अगवानी कर चुका है और उसने हेडली के लिए होटल, लॉजिंग और बाकी इंतजाम भी किए थे।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक राणा को गुरुवार शाम अमेरिका से प्रत्यार्पण के बाद शुक्रवार तड़के दिल्ली की एक विशेष अदालत ने उसे 18 दिन की एनआईए हिरासत में भेज दिया। इसके बाद राणा को लोधी रोड पर एनआईए मुख्यालय ले जाया गया, जहां उससे पूछताछ शुरू हुई। रिपोर्ट के मुताबिक इस पूछताछ का केंद्र वह संरक्षित गवाह है, जो राणा का करीबी था और हेडली के लिए मुंबई में ठहरने और अन्य व्यवस्थाएं करने में शामिल था।

एनआईए ने इस गवाह की पहचान अब तक गुप्त रखी है ताकि उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और लश्कर से खतरा न हो। एक अधिकारी ने बताया कि 2006 में जब हमले की साजिश बन रही थी, हेडली को पाकिस्तान में लश्कर के सरगनाओं ने मुंबई के ताजमहल होटल सहित कई जगहों की वीडियो बनाने का आदेश दिया था। हेडली सितंबर 2006 में भारत आया और उसने राणा के एक करीबी की मदद से यह काम किया। इस करीबी ने हेडली के लिए होटल और अन्य सुविधाएं जुटाई थीं।

एनआईए तहव्वुर राणा से इस बारे में पूछताछ करेगी कि 26/11 हमले के इस साजिशकर्ता से उसकी दुबई में मुलाकात क्यों हुई और किसके निर्देश पर हुई। क्या तहव्वुर राणा ने इस अंजान साजिशकर्ता से मुलाकात हेडली के कहने पर की थी। दरअसल अमेरिका में पकड़े जाने के बाद राणा ने अमेरिका की जांच एजेंसियों के सामने इस शख्स के बारे में खुलासा किया था। जिसको लेकर बकायदा अमेरिकी जांच एजेंसियों ने एक रिपोर्ट तैयार की थी।

गुमनाम शख्स की भूमिका क्यों संदिग्ध?

अमेरिकी एजेंसियों ने जांच इंटरसेप्ट किए गए चैट और बातचीत एनआईए के साथ साझा की हैं। इनमें से एक बातचीत में हेडली ने राणा को 2008 में भारत न आने की चेतावनी दी थी और भारत में संभावित आतंकी हमलों के बारे में बताया था। हेडली ने राणा की दुबई में इस शख्स से मुलाकात भी करवाई थी। एक और इंटरसेप्टेड बातचीत में हेडली ने राणा को बताया था कि साजिशकर्ता ने हमले की पुष्टि कर दी है। यही बात इस गुमनाम शख्स की भूमिका को और संदिग्ध बनाता है।

हमले के वक्त मुंबई ऑफिस की लीज खत्म हो चुका था

जांच में एक और अहम पहलू सामने आया है। मुंबई में राणा की इमिग्रेशन कंपनी की लीज से भी साजिश के सुराग मिल रहे हैं। अगस्त 2005 में हेडली ने राणा को लश्कर की साजिश के बारे में बताया था, जिसमें भारत के सार्वजनिक स्थानों और सरकारी इमारतों की रेकी शामिल थी। हेडली ने सुझाव दिया कि राणा की कंपनी को कवर के रूप में इस्तेमाल किया जाए, और वह मुंबई में एक कंसल्टेंट के रूप में काम करेगा। लेकिन हैरानी की बात यह है कि नवंबर 2008 में जब हमला हुआ, तब तक मुंबई ऑफिस की लीज समाप्त हो चुकी थी। न तो राणा ने और न ही हेडली ने इसे रिन्यू कराया। एनआईए इस सवाल का जवाब तलाश रही है कि क्या यह जानबूझकर किया गया, ताकि हमले के बाद सबूत मिटाए जा सकें।

प्रशांत किशोर की ‘बदलाव रैली’ में उम्मीद से कम भीड़, सरकार पर लगाया आरोप

जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को दावा किया कि बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का राजनीतिक श्राद्ध साबित होगा. प्रशांत किशोर ने गांधी मैदान में आयोजित बिहार बदलाव रैली में यह बयान दिया. उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को नीतीश कुमार, लालू यादव और प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने निराश किया है.

हालांकि, प्रशांत किशोर लोगों की कम उपस्थिति को लेकर नाखुश दिखे और उन्होंने बमुश्किल 10 मिनट रैली को संबोधित करने का फैसला किया. उन्होंने प्रशासन पर राज्य के अन्य हिस्सों से आने वाले कम से कम दो लाख लोगों के पटना में प्रवेश करने से रोकने का आरोप लगाया.

पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया

पूर्व चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इशारे पर काम किया. उन्होंने अपनी रैली में पूरे दिन इंतजार के बावजूद गांधी मैदान में भीड़ नहीं पहुंचने के लिए पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया. किशोर ने दावा किया कि लाखों की संख्या में लोगों को प्रशासन ने पटना में घुसने नहीं दिया. उन्होंने कहा कि हजारों गाड़ियां पटना के बाहरी इलाकों में फंसी रही, वो पूरे दिन प्रशासन से हाथ पैर जोड़ते रहे.

रैली के लिए लगी कुर्सियां खाली

बता दें कि गांधी मैदान में पूरे दिन बिहार बदलाव रैली के लिए लगी कुर्सियां खाली पड़ी रहीं. अंधेरा होने पर कुछ भीड़ जुट पाई तब प्रशांत किशोर ने रैली को संबोधित किया. पीके ने 10 दिन के अंदर बिहार यात्रा शुरू करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि वह नीतीश कुमार का राजनीतिक श्राद्ध करेंगे. किशोर ने कहाकि आइए हम इस सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लें. जंगलराज लेकर आए लालू प्रसाद ने बिहार के लोगों को निराश किया. लोग अब नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक नए प्रकार के नौकरशाही जंगल राज से जूझ रहे हैं और नीतीश का समर्थन करने वाले पीएम मोदी ने भी लोगों को निराश किया है.

प्रदर्शन से जन सुराज पार्टी का कद बढ़ा

प्रशांत किशोर ने इस साल की शुरुआत में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) परीक्षा के उम्मीदवारों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन में अपनी भागीदारी को भी याद किया. इस प्रदर्शन से जन सुराज पार्टी का कद बढ़ा था, हालांकि कुछ महीने पहले राज्य में पांच विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनावों में पार्टी कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाई थी.

समर्थकों से बातचीत करने से रोकने की साजिश

पिछले साल गांधी जयंती पर राज्यव्यापी पदयात्रा के बाद पार्टी की स्थापना करने वाले प्रशांत किशोर ने कहा कि मुझे इसी सार्वजनिक मैदान पर पुलिस ने हिरासत में लिया था. मैंने तब घोषणा की थी कि मैं गांधी मैदान लौटूंगा. आज प्रशासन ने मुझे अपने समर्थकों से बातचीत करने से रोकने की साजिश रची. लेकिन, अब से 10 दिनों के भीतर मैं यात्रा शुरू करूंगा और अपने लोगों से उनके दरवाजे पर मिलूंगा.

प्रशांत किशोर की रैली फ्लॉप

इस बीच, जेडीयू के एमएलसी और प्रवक्ता नीरज कुमार ने दावा किया कि प्रशांत किशोर की रैली एक फ्लॉप शो थी. जो लोग आए, उनकी संख्या शाम को टहलने वालों की आम भीड़ से ज़्यादा नहीं थी. अपना संक्षिप्त भाषण खत्म करने से पहले किशोर ने पार्टी कार्यकर्ताओं से वादा कियाकि मैं मीडिया से कुछ बातें करूंगा और फिर देर रात तक गांधी मैदान में रहूंगा. मैं आप सभी से मिलूंगा.

J-K: अखनूर में घुसपैठ की कोशिश नाकाम, सेना का एक जवान शहीद

जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर एक जेसीओ शहीद हो गए. भारतीय सेना ने आतंकियों के घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी. आतंकियों के घुसपैठ की कोशिश का भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया. जूनियर कमीशंड ऑफिसर ने आतंकियों का अंतिम दम तक सामना किया. घुसपैठ की सूचना पर भारतीय सेना बॉर्डर एरिया के कई जगह पर अभियान चला रही है.

तीन आतंकियों को किया था ढेर

इस घटना के पहले राज्य के किश्तवाड़ में भारतीय सेना ने शुक्रवार को जैश कमांडर समेत तीन आतंकवादियों को ढेर कर दिया. ढेर हुए आतंकी की पहचान जैश कमांडर सैफुल्लाह के रूप में हुई है. सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच काफी समय तक मुठभेड़ चलती रही. भारतीय सेना ने आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया.

पाकिस्तान और भारत के बीच हुई फ्लैग मीटिंग

भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच10 अप्रैल को ब्रिगेड कमांडर लेवल की मीटिंग हुई. ये मीटिंग जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर हुई. इस फ्लैग मीटिंग में बॉर्डर पर शांति बनाए रखने के मुद्दों पर चर्चा हई. इस महीने दोनों पक्षों के बीच यह दूसरी ऐसी बैठक है. अधिकारियों ने बताया कि ये बैठक चकन-दा-बाग क्रॉस-पॉइंट पर हुई.

2 अप्रैल को चकन-दा-बाग क्रॉसिंग पॉइंट क्षेत्र में 75 मिनट तक चलने वाली ब्रिगेड कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग हुई थी, जिसमें दोनों पक्षों ने सीमाओं पर शांति बनाए रखने पर चर्चा की.

13 फरवरी को पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया. भारतीय चौकियों पर बिना वजह गोलीबारी की. भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया था.