हत्या व साक्ष्य मिटाने के आरोपी सिपाही रवि कुमार की जमानत याचिका खारिज
सुलतानपुर/अमेठी: हत्या और साक्ष्य मिटाने के आरोपी सिपाही रवि कुमार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश लक्ष्मीकांत शुक्ल की अदालत से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने आरोपी सिपाही की जमानत अर्जी खारिज कर दी, जिससे वह आगे भी जेल में निरुद्ध रहेगा। करीब सवा दो महीने से जेल में बंद आरोपी सिपाही पर अवैध संबंधों के चलते महिला की हत्या करने और सबूत मिटाने का आरोप है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर कोर्ट की सख्त टिप्पणी
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर की ओपिनियन पर भी सवाल उठाए। न्यायालय ने प्रथम दृष्टया रिपोर्ट को संदिग्ध माना और डॉक्टर की भूमिका को लेकर भी संदेह व्यक्त किया। आशंका जताई जा रही है कि हत्या के मामले को आत्महत्या दिखाने के लिए रिपोर्ट में हेरफेर करने का प्रयास किया गया। इस मामले में चिकित्सा विभाग भी जांच कर सकता है।
28 दिसंबर को हुआ था अपराध
अमेठी कोतवाली क्षेत्र के महमूदपुर, निकट आवास विकास के रहने वाले आलोक अग्रहरि ने 28 दिसंबर को अपनी पत्नी दिव्या अग्रहरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की सूचना पुलिस को दी थी। आलोक ने बताया कि घटना के तीन दिन पहले दिव्या का सिपाही रवि शुक्ला से विवाद हुआ था। घटना के दिन जब आलोक मजदूरी करके घर लौटा, तो उसकी पत्नी मृत अवस्था में पड़ी थी।
सूत्रों के मुताबिक, सिपाही रवि कुमार और दिव्या के बीच अवैध संबंध थे, लेकिन किसी विवाद के चलते दोनों के बीच मनमुटाव हो गया था। रवि ने अपने खिलाफ के सबूत (फोटो, वीडियो, कॉल रिकॉर्डिंग, मैसेज) हटाने के लिए दिव्या का मोबाइल गायब कर दिया। इसके बाद हत्या को आत्महत्या का रूप देने के लिए कई स्तरों पर साक्ष्यों से छेड़छाड़ की गई।
CCTV फुटेज से खुला सच, पुलिसकर्मी निकला हत्यारा
जानकारी के अनुसार, आरोपी सिपाही रवि ने अपने साथी सिपाही अमन विश्वकर्मा से मोटरसाइकिल ली थी, जिसका सीसीटीवी फुटेज सामने आया। इसके अलावा, मृतका के घर में मौजूद रहने के तमाम सबूत मिटाने के बावजूद सीसीटीवी और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों से सच्चाई सामने आ गई, जिससे आरोपी को जेल भेज दिया गया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 10 चोटों का खुलासा
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, मृतका दिव्या अग्रहरि के शरीर पर 10 चोटों के निशान थे, जो मृत्यु से पहले के थे। डॉक्टर ने रिपोर्ट में "Asphyxia due to antimortem hanging" का जिक्र किया, लेकिन कोर्ट ने गर्दन पर चारों ओर लिगेचर मार्क होने के कारण इसे संदेहास्पद माना। न्यायालय ने कहा कि इस तरह की चोटें गला दबाने (strangulation) से हो सकती हैं, न कि आत्महत्या से।
अभियोजन पक्ष के मजबूत तर्क, कोर्ट ने बचाव पक्ष की दलीलें खारिज कीं
जिला शासकीय अधिवक्ता राम अचल मिश्र और निजी अधिवक्ता अखिलेश शुक्ल ने कोर्ट में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर सिपाही रवि कुमार को दिव्या की हत्या का दोषी बताया। उन्होंने तर्क दिया कि आरोपी ने सबूतों से छेड़छाड़ कर मामले को आत्महत्या दिखाने की कोशिश की थी।
वहीं, बचाव पक्ष के वकील ने स्वीकार किया कि दिव्या और रवि के बीच संबंध थे, लेकिन उन्होंने तर्क दिया कि दिव्या की मौत फांसी लगाने से हुई। बचाव पक्ष ने दिव्या के पति आलोक को ही हत्या का दोषी बताने की कोशिश की। लेकिन कोर्ट अभियोजन पक्ष के तर्कों से संतुष्ट हुआ और सिपाही रवि की जमानत याचिका खारिज कर दी।
जेल में कट रही हत्यारोपी सिपाही की जिंदगी
औरैया जिले के ग्राम कनौली, थाना फफूंद का निवासी सिपाही रवि कुमार अमेठी में तैनात था। लेकिन अवैध संबंधों में पड़कर उसने हत्या जैसा गंभीर अपराध कर दिया। सबूतों के आधार पर अदालत ने उसे जमानत देने से इनकार कर दिया
11 hours ago