देवघर-उपायुक्त विशाल सागर के निर्देशानुसार सिविल सर्जन, देवघर डॉ० जुगल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में एमडीए के लिए द्वितीय समन्वय समिति की बैठक।
देवघर:
जिले में बुधवार को एमडीए की समीक्षा के लिए जिला समन्वय समिति की महत्वपूर्ण बैठक उपायुक्त महोदय विशाल सागर के निर्देशानुसार सिविल सर्जन डॉ. जुगल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में 10 फ़रवरी से शुरू हुए एमडीए राउंड के कवरेज की समीक्षा की गई और अगले चरण की रणनीति तय की गई।
दवा सेवन को बढ़ाना जरुरी। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ. जुगल किशोर चौधरी ने कहा कि झारखंड में फाइलेरिया के सबसे अधिक मामले देवघर जिले में हैं, इसलिए यहाँ एमडीए राउंड की सफलता अत्यंत आवश्यक है। देवघर फाइलेरिया उन्मूलन के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहा है।
इस साल 4 मार्च, 2025 तक जिले का कुल एमडीए कवरेज 85.25% है, लेकिन हमें इसे और बढ़ाने की जरूरत है। खासतौर पर उन प्रखंडों में विशेष प्रयास किए जाएंगे, जहां दवा सेवन प्रतिशत अपेक्षाकृत कम रहा। सहिया के पास 3 महीने तक उपलब्ध होंगी फाईलेरिया रोधी दवाएं जिला वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर डॉ. अभय कुमार यादव ने बैठक में इस बार के एमडीए कवरेज पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि जिले में 4 मार्च 2025 तक सारठ प्रखंड एवं देवघर अर्बन में कवरेज 89.52% रही,
जबकि पालाजोरी, मधुपुर प्रखंडों में में भी कवरेज तक़रीबन 85% के आस-पास रही है। इस साल 4 मार्च, 2025 तक एमडीए अभियान में जिले का औसत कवरेज 85.25% दर्ज किया गया, लेकिन हमारा लक्ष्य इसे 90% से अधिक तक ले जाना है। कई प्रखंडों में सहिया कार्यकर्ताओं की मेहनत से बेहतर कवरेज मिला, लेकिन कुछ क्षेत्रों में जागरूकता की कमी के कारण लोग दवा लेने से हिचकिचा रहे थे। इसे दूर करने के लिए अब नई रणनीति अपनाई जाएगी। डॉ. यादव ने कहा कि नई पहल के तहत एमडीए राउंड समाप्त होने के बाद भी अगले तीन महीने तक फाइलेरिया रोधी दवा सहिया के पास उपलब्ध रहेगी।
इस पहल का उद्देश्य उन लोगों तक दवा पहुँचाना है, जो किसी कारणवश एमडीए राउंड के दौरान इसे नहीं खा पाएं। सहिया अपने क्षेत्र में घर-घर जाकर ऐसे लोगों की पहचान करेंगी और उन्हें दवा देने का प्रयास करेंगी, ताकि कोई भी फाइलेरिया से सुरक्षा पाने से वंचित न रह जाए। सामुदायिक जागरूकता और निगरानी बढ़ाने पर जोर जिला भीबीडी सलाहकार डॉ. गणेश कुमार ने कहा कि जिले में माइग्रेंट पापुलेशन को चिन्हित कर उन्हें दवा सेवन सुनिश्चित कराने की भी जरूरत है. उन्होंने कहा कि होली एवं रमजान में बड़ी संख्या में माइग्रेंट जिले में लौटेंगे। ऐसी स्थिति में उन्हें दवा सेवन सुनिश्चित कराना प्रभावी कदम होगा। उन्होंने कहा कि एमडीए अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग और अन्य विभागों व सहयोगी संस्थानों की भूमिका अहम है। उन्होंने सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने और निगरानी को मजबूत करने पर जोर दिया । उन्होंने कहा कि एमडीए कवरेज को बढ़ाने के लिए जन-जागरूकता के साथ अन्तर्विभागीय समन्वय पर भी जोर दिया जा रहा है. बैठक में सिविल सर्जन डॉक्टर जेके चौधरी, एसीएमओ डॉ० पीके शर्मा, जिला भीबीडी पदाधिकारी डॉक्टर अभय कुमार यादव, जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉक्टर मनोज गुप्ता, डीटीओ डॉक्टर संचयन, जिला भीबीडी सलाहकार डॉ गणेश कुमार, जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ मनीष शेखर आदि के साथ सभी प्रखंडों एवं एनयूएचएम के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, जिला एवं प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधन इकाई के डीपीएम समरेश सिंह, डीपीसी प्रवीण सिंह, एमटीएस, एसआई, एसडब्लू, पिरामल स्वास्थ्य संस्था के जिला प्रतिनिधि पंकज कुमार, डब्ल्यूएचओ के जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ. हसीबूर जमन हक, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के एमओआईसी, शिक्षा विभाग से मधु कुमारी, मधुपुर नगर पालिका के सीटी मैनेजर अनुज राकेश किस्पोट्टा एवं एम्स से डॉ बिजित विश्वास, सिफार के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी रणविजय, एफ एल ए रवि सिन्हा, डीईओ कांग्रेस मंडल एवं अन्य जिला स्तरीय स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।
Mar 06 2025, 07:44