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नोएडा में बनेगी ओलंपिक सिटी: 226 गांवों की जमीन पर तैयार होगा विशाल स्पोर्ट्स पार्क!

सड़क परियोजनाओं से लेकर खेल जगत तक यूपी सरकार प्रदेश को विकास के नए आयाम की तरफ ले जाने में तेजी से तत्पर है. ऐसे में इस कड़ी में यूपी को बड़ी सौगात मिली है. यूपी में जल्द ही 226 गांवों की जमीन पर ओलंपिक सिटी तैयार होगी. दिसंबर में यमुना प्राधिकरण (यीडा) के मास्टर प्लान-2041 को प्रदेश कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद ओलंपिक पार्क बनाने की तैयारी शुरू हो गई है. इसे ‘ओलंपिक स्पोर्ट्स पार्क’ का नाम दिया जाएगा.

जानकारी के मुताबिक ओलंपिक स्पोर्ट्स पार्क को ऐसे तैयार किया जाएगा, जिसमें ओलंपिक गेम्स आसानी से हो सकेंगे. ओलंपिक गेम्स के लिए जैसे स्टेडियम और सुविधाएं होती हैं, यहां पर भी वैसी सुविधा मिलेगी. इसके आस पास लग्जरी रूम भी बनाए जाएंगे, जहां पर खिलाड़ी रुक पाएं. यह स्पोर्ट्स पार्क क्षेत्र के सेक्टर-22F और सेक्टर-23B में बनेगा. यह विशाल स्पोर्ट्स पार्क 52.4 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला होगा.

226 गांवों की जमीन पर तैयार होगी ओलंपिक सिटी

नोएडा के 226 गांवों की जमीन पर ओलंपिक सिटी तैयार होगी, उनके मालिकों को मुआवजा दिया जाएगा. ओलंपिक सिटी तेजी से बनने के लिए निर्देश दिए गए हैं.यमुना अथॉरिटी के अधिकारियों ने बताया कि मास्टर प्लान-2041 में ओलंपिक सिटी स्थापित करने के प्रस्ताव को प्रमुखता से शामिल किया गया था. इस योजना में ओलंपिक विलेज बनाने में प्रस्ताव भी पारित है. इसके तहत 5,000 फ्लैट बनाए जाएंगे. इन फ्लैट्स में 1 बीएचके, 2 बीएचके और 3 बीएचके के आवास होंगे. इनका इस्तेमाल गेम्स के दौरान आने वाले खिलाड़ियों, अधिकारियों और अन्य लोगों के लिए किया जाएगा.

बढ़ा दी गई संख्या

इस ओलंपिक सिटी में गौतमबुद्ध नगर के 131 और बुलंदशहर के 95 गांव से जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा. ऐसे में दोनों जिलों दोनों जिलों के 226 गांव को मिलाकर ये मास्टर प्लान तैयार किया गया है. जानकारी के मुताबिक इस मास्टर प्लान में इससे पहले 171 गांव जोड़े गए थे, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ा दी है.

उत्तर प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ने की तैयारी: दिन और रात में अलग-अलग दरें होंगी!

उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लग सकता है. यूपी में बिजली दरें महंगी हो सकती है. साथ ही दिन और रात में अलग-अलग बिजली दरें भी निर्धारित होने का अनुमान है. जानकारी के मुताबिक यूपी के सभी जिलों में पीक आवर्स यानी शाम पांच बजे से देर रात तक बिजली की दरें दिन के मुकाबले 15 से 20% तक महंगी होंगी.

किसानों को छोड़ सभी श्रेणी के घरेलू, वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं पर टाइम ऑफ डे (टीओडी) लागू हो सकता है और बिजली महंगी हो सकती है. ऐसे में इन महंगी दरों से यूपी के 15 लाख किसान अछूत रहेंगे.

प्रस्ताव को लागू करने की तैयारी

मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन 2025 के मसौदे में इस व्यवस्था को लागू करने का प्रस्ताव है. हालांकि इस संबंध में अंतिम फैसला राज्य के नियामक आयोग द्वारा बिजली की दरें तय करने की सुनवाई के बाद होगा. फिलहाल इस प्रस्ताव को लागू करने की तैयारी जोरों शोरों से चल रही है.

भारत सरकार की तरफ से 14 जून 2023 में जारी गजट में एक अप्रैल 2025 से बिजली (ग्राहकों के अधिकार) नियम, 2020 में आवश्यक संशोधन कर टाइम ऑफ डे (टीओडी) टैरिफ की व्यवस्था लागू करने की बात कही गई है. इस नियम में दिन और रात के वक्त बिजली के अलग अलग दाम रखने को लिखा है. हालांकि इसमें किसानों को अलग रखा गया.

मामले पर 56 पेज का ड्राफ्ट किया जारी

ऐसे में नियामक आयोग की ओर से जारी मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन 2025 के मसौदे में टीओडी टैरिफ लागू करने की बात कही गई है. उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने इस मामले पर 56 पेज का ड्राफ्ट जारी किया. इस ड्राफ्ट के तहत नए रेगुलेशन पर 15 फरवरी तक आपत्ति और सुझाव मंगाए गए हैं, इसके बाद इस पर 19 फरवरी को सुनवाई होगी और फिर इन्हें अंतिम रूप दिया जाएगा. आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने कहा कि अगर ये प्रस्ताव लागू हो जाता है तो इससे सीधा बोझ घरेलू उपभोक्ताओं पर आएगा, लेकिन ये बिजली वितरण क्षेत्र की निजी कंपनियों को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है.

क्या होता है टीओडी?

दिन और रात के समय बिजली की दर अलग-अलग रखे जाने को टाइम ऑफ डे (टीओडी) टैरिफ कहते हैं. ऐसे में इसके तहत रात के वक्त बिजली के दाम ज्यादा होते है और दिन के वक्त के दाम कम होते हैं

हैरान करने वाली खबर: पिछले 4 साल से बैठकों में अनुपस्थित रहने पर PWD अधिकारी पर लगा मात्र 5 रुपये का जुर्माना!

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां बीते 4 सालों से बैठक में न आने पर एक अधिकारी पर जो जुर्माना लगाया गया है वो आपको हैरत में डाल देगा. जिले के लोक निर्माण विभाग के एक अधिकारी पर इस घोर लापरवाही के लिए केवल 5 रुपये का जुर्माना लगाए जाने का निर्णय लिया गया है. वह पिछले 4 सालों से विकास कार्यों के लिए होने वाली बैठकों में नदारद रहे हैं.

हमीरपुर में मंडल टौणीदेवी पीडब्ल्यूडी के अधिकारी पर आरोप है कि वह पिछले चार सालों से विकास कार्यों की होने वाली बैठकों में शामिल नहीं हो रहे थे, जिसके कारण उनपर ब्लॉक समिति की बैठक में 5 रुपये का जुर्माना लगाए जाने का निर्णय लिया गया है. अब अधिकारी को ये जुर्माना चुका होगा, जो जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है.

5 रुपये का लगाया गया जुर्माना

किसी अधिकारी पर विकास कार्यों की जिम्मेदारी हो और वह इनसे संबंधित बैठकों में नदारद रहे तो दिक्कत आती हैं. लेकिन हद तब हो जाए जब वह अधिकारी एक बैठक नहीं बल्कि चार साल तक पंचायत समिति हमीरपुर की बैठक में शामिल न हो. इसके लिए लापरवाह अधिकारी पर जुर्माना लगाया गया. सोमवार को हमीरपुर पंचायत समिति की त्रैमासिक बैठक आयोजित हुई. बैठक की अध्यक्षता बीडीसी अध्यक्ष हरीश शर्मा ने की. बैठक में जिले के विकासकार्यों पर चर्चा चल रही थी. लेकिन बैठक में पीडब्ल्यूडी मंडल टौणीदेवी के अधिकारी शामिल नहीं थे. मालूम हुआ कि वह बीते चार साल से बैठक में शामिल नहीं हुए हैं.

कई बार जारी की गईं थीं चेतावनी

इसी दौरान बैठक में अहम निर्णय लेते हुए टौणीदेवी मंडल के लोक निर्माण विभाग के अधिकारी पर फैसला लिया गया. बैठक में उनपर बीत चार सैलून से अनुपस्थित रहने पर 5 रुपये का जुर्माना लगाया गया. इस मामले में बीडीसी अध्यक्ष हरीश शर्मा ने बताया कि टौणीदेवी मंडल के पीडब्ल्यूडी अधिकारी को पहले भी चेतावनी जारी की गई थी. उन्होंने बताया कि उनके बैठकों में न आने से जिले के विकासकार्यों में दिक्कतें आ रहीं थीं. उन्होंने बताया कि उन्हेंजिम्मेदारी का अहसास कराने और दूसरों को नजीर पेश करने के लिए यह जुर्माना लगाया गया है.

G Kar Case: मैं शर्मिंदा हूं…संजय को उम्रकैद मिलने के बाद मां ने खुद को घर में किया कैद

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में पिछले साल 9 अगस्त तो महिला डॉक्टर के साथ रेप के बाद बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. सोमवार को सियालदह कोर्ट ने मामले के दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई. वहीं इस फैसले के बाद संजय की मां ने खुद घर में कैद कर लिया और फैसले पर टिप्पणी करने से मिलने से इनकार कर दिया

इससे पहले दिन में जब मीडिया के लोग शहर में उनकी झुग्गी के सामने पहुंचे थे तो संजय की मां मालती ने कहा था कि वो इस घटना को लेकर काफी शर्मिंदा है. उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा कि उन्हें अकेला छोड़ दें. 75 साल की मालती ने कहा था कि उनकी भी तीन बेटियां हैं और बेटियों की मां होने के नाते वह मृतक डॉक्टर के माता-पिता का दर्द समझ सकती हैं. उन्होंने कहा था कि उनके बेटे को जो भी सजा मिलेगी, वह उसका समर्थन करेंगी.

फैसले से पहले संजय की मां ने कही थी ये बात

मलती ने ये भी कहा था कि अगर कोर्ट उनके बेटे को फांसी के फंदे पर लटकाने का फैसला करती है, तो मुझे कोई आपत्ति नहीं होगी, क्योंकि कानून की नजर में बेटे का अपराध साबित हो चुका है. उन्होंने कहा था कि वो अकेले में रोएंगी लेकिन इसे नियति का खेल मानकर स्वीकार कर लेंगी.

मैं हर बात के लिए शर्मिंदा हूं’

वहीं सोमवार को जब जज ने संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, उसके कुछ ही मिनटों बाद मालती ने खुद को घर में बंद कर लिया और बाहर मौजूद पत्रकारों द्वारा फैसले के बारे में पूछे गए सवालों का कोई जवाब नहीं दिया. हालांकि कुछ देर बाद उन्होंने पत्रकारों से चिल्लाते हुए कहा कि वो कुछ नहीं कहना चाहती. उन्होंने कहा कि वो हर बात के लिए शर्मिंदा हैं. उन्होंने मीडिया से कहा कि वो लोग वहां से चले जाएं . इसके बाद मालती ने घर का दरवाजा बंद कर लिया.

कोर्ट में मौजूद नहीं था परिवार का कोई सदस्य

जिस समय आरोपी संजय राय को कोर्ट फैसला सुना रही थी उस दौरान न तो उसकी मां मालती औऱ न ही कोई रिश्तेदार कोर्ट में मौजूद था. संजय की तीन बहनों में एक बहन की कई साल पहले मौत हो चुकी है. मालती की झुग्गी के पास रहने वाली संजय की बड़ी बहन ने शनिवार को कहा था कि मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि संजय घटनास्थल पर अकेला नहीं था. उन्होंने कहा कि क्या अन्य लोग भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इसमें शामिल थे, इसकी भी जांच होनी चाहिए और उन्हें सजा मिलनी चाहिए.

‘संजय अकेले अपराध नहीं कर सकता…’

वहीं संजय के पड़ोसियों ने कहा कि उनका मानना है कि संजय अकेले अपराध नहीं कर सकता और उसके साथ अन्य लोग भी रहे होंगे, जिनकी अब तक पहचान नहीं हो पाई है. एक पड़ोस उर्मिला महतो ने कहा कि उन्होंने संजय को बड़ा होते हुए देखा है. उन्होंने बताया कि बॉक्सिंग क्लब में शामिल होने के बाद संजय शराब पीने लगा और बुरी संगत में पड़ गया. उन्होंने कहा कि यह अकल्पनीय था कि उसे एक महिला के साथ बलात्कार और हत्या के लिए दोषी ठहराया जाएगा.

पटना में राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को आया हार्ट अटैक, दिल्ली लाया जा रहा

राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को हार्ट अटैक आ गया है. देवनानी एक बैठक में शामिल होने के लिए बिहार की राजधानी पटना पहुंचे हुए थे. जहां, उन्हें हार्ट अटैक आ गया. जानकारी के मुताबिक, देवनानी को पटना से दिल्ली लाया जा रहा है. शुरू में उन्हें पटना के पीएमसीएच स्थित इंदिरा गांधी कार्डियोलॉजी संस्थान में भर्ती कराया गया था, लेकिन अब उन्हें दिल्ली लाया जा रहा है.

वासुदेव देवनानी पटना में आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय पीठासीन सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे थे. इस बीच उन्हें हार्ट अटैक आ गया. फिलहाल उन्हें एयर एंबुलेंस से दिल्ली लाया जा रहा है. कहा जा रहा है कि देवनानी को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया जा सकता है.

क्या बोले बिहार विधानसभा के अध्यक्ष?

बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने कहा कि सुबह उन्हें सीने में दर्द महसूस हुआ. इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां, डॉक्टरों ने बताया कि गैस की दिक्कत है. अब वो सामान्य हैं. उनको वापस राजस्थान भेजने की तैयारी चल रही है

सीने में दर्द की थी शिकायत

बताया जा रहा है कि सोमवार सुबह उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की थी. कुछ देर बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई. इसके बाद आनन-फानन में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां, पता चला कि उन्हें हार्ट अटैक आया है. अटैक की वजह से देवनानी पीठासीन बैठक में भी शामिल नहीं हो पाए.

बीजेपी के कद्दावर नेताओं में होती है गिनती

वासुदेव देवनानी की गिनती राजस्थान में बीजेपी के बड़े और कद्दावर नेताओं में होती है. वो राजस्थान की अजमेर नॉर्थ से बीजेपी विधायक हैं. 2023 के आखिरी में हुए विधानसभा चुनाव में देवनानी की लड़ाई कांग्रेस के महेंद्र सिंह से थी. मुकाबला काफी करीबी का भी रहा. चुनाव में देवनानी को 57,895 वोट मिले जबकि महेंद्र सिंह को 53,251 वोट ही पा सके.

देवनानी लगातार चार बार से चुनाव जीत रहे हैं. इससे पहले उन्होंने 2013, 2018 में भी विधानसभा चुनाव जीता था. इससे पहले 2008 के विधानसभा चुनाव में भी देवनानी ने कांग्रेस के उम्मीदवार को पटखनी दी थी.

सैफ अली खान पर हमले में मदद करने वाले ऑटो ड्राइवर को मिला इनाम, संस्था ने दिया 11 हजार रुपये का चेक और शॉल!

बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान पर हमले का मामला पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में बना हुआ है. हमले के मुख्य आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इस बीच जिस ऑटो ड्राइवर ने जख्मी हालत में एक्टर को लीलावती हॉस्पिटल पहुंचाया था उसे इनाम दिया है. ड्राइवर को हजार का नकद इनाम दिया गया है. ये इनाम एक संस्था की तरफ से ऑटो ड्राइवर के जज्बे को देखते हुए दिया है.

सैफ को अस्पताल पहुंचाने वाले वाले ऑटो ड्राइवर का नाम भजन सिंह राणा है. एक संस्था ने उसके काम को सराहा और उसे बतौर इनाम 11 हजार रुपए का चेक दिया गया साथ ही उसे शॉल दिया. भजन सिंह राणा उत्तराखंड के रहने वाले हैं और वो सालों से मुंबई में ऑटो चला रहे हैं. एक्टर को अस्पताल पहुंचाने के बाद वो सुर्खियों में आ गए थे. सोशल मीडिया पर उनकी काफी तारीफ हो रही है. मुंबई पुलिस ने ड्राइवर को पूछताछ के लिए भी बुलाया था और इस मामले की पूरी जानकारी ली थी.

ड्राइवर ने बताई थी पूरी कहानी

एक इंटरव्यू के दौरान भजन सिंह राणा ने बताया था कि वो रात में ऑटो चलाते हैं. जब सैफ पर हमला हुआ तो एक महिला ने आवाज देकर बीच सड़क पर आकर ऑटो रुकवाया था. उन्होंने रिक्शा-रिक्शा करके आवाज लगाई. इस दौरान सैफ अली खान ने सफेद कुर्ता और पायजामा पहन रखा था, जो पूरी तरह से खून से लथपथ था. ऑटो वाले ने बताया कि उस वक्त उन्होंने ये नहीं देखा कि वो सैफ अली खान हैं. ड्राइवर ने बताया कि सैफ अली खान के साथ ऑटो में उनके दोनों बेटे तैमूर और जेह भी थे

ड्राइवर ने एक्टर से नहीं लिया किराया

भजन सिंह ने बताया था कि हॉस्पिटल के इमरजेंसी डोर पर जब उन्हें लेकर पहुंचे तो वहां एंबुलेंस खड़ी थी. उन्होंने वहीं अपना ऑटो साइड लगाया. अस्पताल पहुंचने पर सैफ ने कहा कि फटाफट स्टाफ को बुलाओ, मैं सैफ अली खान हूं. भजन सिंह ने बताया कि तभी उन्हें पता चला कि ये एक्टर सैफ अली खान हैं. इसके बाद सैफ ऑटो से उतरे और हॉस्पिटल के अंदर चले गए. ड्राइवर ने बताया कि उसने उनसे किराया भी नहीं लिया. उन्होंने कहा कि पैसा जान से बढ़कर नहीं होता.

हमले का आरोपी गिरफ्तार

बात करें हमलावर की तो आरोपी का नाम मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद है, जो बांग्लादेश का रहने वाला है. मुंबई पुलिस ने कल उसे ठाणे से गिरफ्तार किया था. सूत्रों से मुताबिक हमलावर सैफ के बेटे जहांगीर को बंधक बनाकर पैसे मांगने की योजना बना रहा था. आरोपी का मकसद 1 करोड़ लेकर हमेशा के लिए बांग्लादेश वापस लौट जाने का था. कल उसे बांद्रा कोर्ट में पेश किया गया था. कोर्ट ने उसे पांच दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया था. वहीं सोमवार को उसे सांताक्रुज लॉकअप से बांद्रा पुलिस स्टेशन लाया गया. पुलिस और क्राइम ब्रांच उससे पूछताछ करेगी.

बिहार के बेतिया में संदिग्ध मौतों का मामला: एक ही गांव में 5 लोगों की मौत, शराब पीने से हुई मौत की आशंका!

बिहार के बेतिया के एक ही गांव के पांच लोगों की संदिग्ध मौत हो गई. इस मामले में देर रात गांव में एसपी और डीएम ने भी दौरा किया. ये मामला लौरिया के मठिया गांव से सामने आया है, जहां 5 लोगों की हुई संदिग्ध मौत के बाद गांव पहुंचे एसपी और डीएम ने ग्रामीणों से मौत के कारणों की जानकारी ली. प्रशासन की ओर से स्पेशल जांच टीम का गठन किया गया है, जो आसपास के गांवों में भी घटना से जुड़े मामलों की जांच करेगी.

देर रात लौरिया के मठिया गांव में पहुंचे एसपी डॉ शौर्य सुमन ने बताया कि 5 लोगों की मौत हुई है. फिलहाल मेडिकल के दस सदस्य की टीम का गठन किया गया है. वह गांव में जांच कर रही हैं. टीम ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिरकार ये मौत कैसे हुईं. टीम में उत्पाद अधीक्षक को भी शामिल किया गया, जो शराब बिक्री और निर्माण से जुड़े ठिकानों की जांच करेंगे.

कहां से आए शराब के पाउच?

मठिया में गांव सैकड़ों की संख्या में शराब के पाउच नजर आए. पुलिस इनके बारे में जानकारी जुटाने में लगी हुई है कि ये शराब के पाउच कहा से आए हैं. पांच लोगों में प्रदीप कुमार नाम के शख्स की भी संदिग्ध मौत हुई. उनके बड़े भाई ने बताया कि शराब पीने से ही उनके भाई की मौत हुई है. मरने वाले लोगों की पहचान मठिया पंचायत के रहने वाले एक ही परिवार के 30 वर्षीय मनीष चौधरी और 50 वर्षीय सुरेश चौधरी, 35 वर्षीय नेयाज देवान, इसी गांव के वार्ड नं चार के रहने वाले 30 वर्षीय प्रदीप कुमार गुप्ता और वार्ड नं 7 के रहने वाले 58 वर्षीय शिव राम के रूप में हुई है. सभी का अंतिम संस्कार उनके परिजनों ने किया.

क्या है 5 संदिग्ध मौत की वजह

इससे पहले भी इस गांव में दो लोगों की संदिग्ध मौत हो गई थी. अब इस तरह से मरने वाले लोगों की संख्या सात हो गई है. प्रदीप के परिजनों ने उसकी मौत की वजह ज्यादा शराब पीना बताई. वहीं और मृतकों के परिजनों ने कुछ खास जानकारी नहीं दी. गांव में पहुंची मेडिकल टीम ने जब परिजनों से मौत का कारण पूछा तो किसी ने दमा के रोगी होने की बात कही, तो वहीं किसी ने लकवा मार देने को मौत का कारण बताया.

गर्लफ्रेंड की डिमांड पूरी करने के लिए युवक ने किया बैंक लूटने का प्रयास, साइकिल से अकेले पहुंचा था बैंक!

उत्तर प्रदेश के कानपुर से रविवार को एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया, जहां एक बदमाश साइकिल से अकेले SBI बैंक लूटने निकल पड़ा, हालांकि बैंक पहुंचने पर बैंक कर्मचारियों ने उसे पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया. अब जब पुलिस ने उससे पूछताछ की गई, तो उसने बैंक लूटने की वजह बताई. उसने बताया कि उसकी गर्लफ्रेंड उससे गिफ्ट मांग रही थी. इसलिए उसने ये कदम उठाया.

कानपुर में एसबीआई बैंक को लूटने के इरादे से घुसे छात्र से पुलिस पूछताछ में नई जानकारियां निकल कर आ रही हैं. छात्र ने पुलिस को बताया है कि उसने बैंक लूटने का प्लान इसलिए बनाया, क्योंकि उसकी गर्लफ्रेंड गिफ्ट की डिमांड करती थी और वो गर्लफ्रेंड की डिमांड पूरी करना चाहता था. उसने बैंक लूटने की प्लानिंग इंटरनेट पर वीडियो देख कर की. आरोपी लवी बीएससी का छात्र है और जहां वो रहता है. वहां उसकी इमेज काफी बेहतर है. इसलिए जब उसकी हरकत की जानकारी परिजनों और मोहल्ले वालों को हुई, तो वह भी हैरान रह गए.

साइकिल से बैंक लूटने पहुंचा

बदमाश लवी घाटमपुर के पतारा SBI बैंक में हथियार लेकर घुस गया था. गार्ड से उलझा देखकर बैंक मैनेजर और कैशियर पहुंचे, तो लवी ने उन पर चाकू से हमला कर दिया. हालांकि बैंक मैनेजर और कैशियर ने युवक को पकड़कर रस्सी से बांध दिया. इसके बाद बैंक मैनेजर ने घटना की सूचना पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल लुटेरे को पहले अस्पताल पहुंचाया और उसके ठीक होने के बाद पूछताछ शुरू की. लवी बीएससी का छात्र है और वो बैंक लूटने साइकिल पर अकेला गया था, लेकिन अपने साथ एक कट्टा, सूजा और चाकू लेकर बैंक लूटने गया था. इस घटना में बैंक का गार्ड भी घायल हो गया था.

गर्लफ्रेंड ने की थी डिमांड

पुलिस से पूछताछ के दौरान आरोपी लवी ने बताया कि उसकी एक गर्लफ्रेंड है. उसको खुश करने और डिमांड पूरी करने के लिए बैंक लूटने का प्लान बनाया था. लवी ने बताया कि पहले उसने इंटरनेट पर बहुत सारी वीडियो देखी, जिसमें यह देखा कि लूट कैसे की जाती है. उसके बाद एक पुराना कट्टा, सूजा और चाकू का इंतजाम किया. इसके बाद अकेला ही साइकिल लेकर बैंक चल गया और डराने के लिए बैंक के गार्ड पर हमला कर दिया. फिलहाल पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया है और आगे की कानूनी कार्रवाई में जुट गई है.

नागा साधु महीनों-सालों तक क्यों नहीं नहाते, रहते हैं पानी से कोसों दूर,जानें क्या है वजह

महाकुंभ में नागा साधुओं का महत्व बहुत ज्यादा होता है. उनके बिना महाकुंभ शुरू नहीं हो पाता. परंपरा के मुताबिक, सबसे पहले नागा साधु ही अमृत स्नान करते हैं. उसी के बाद बाकी के श्रद्धालु स्नान करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं, कई नागा साधु महीनों या सालों तक नहीं नहाते. इसके पीछे एक खास वजह है. नागा साधुओं का मानना है कि राख (भस्म) का लेप और ध्यान-योग से ही शुद्धि होती है. इसलिए वो सिर्फ भस्म या धुनि ही बदन पर लगाए रखते हैं. नागा साधू अपनी साधना में शरीर की बाहरी शुद्धता से अधिक आंतरिक शुद्धता पर ध्यान केंद्रित करते हैं.

वहीं, कुछ साधू नियमित अंतराल पर स्नान करते हैं, विशेषकर अगर उनकी साधना की परंपरा इसकी अनुमति देती हो. नागा साधूओं के स्नान का कोई सटीक नियम या समय निर्धारण नहीं होता है, क्योंकि यह उनकी साधना, परंपराओं और व्यक्तिगत तपस्या पर निर्भर करता है.

नागा साधुओं के बारे मे ये भी कहा जाता है की वे पूरी तरह निर्वस्त्र रह कर गुफाओं और कन्दराओं में कठोर तप करते हैं. नागा साधुओं के अनेक विशिष्ट संस्कारों में ये भी शामिल है कि इनकी कामेन्द्रियन भंग कर दी जाती हैं. इस प्रक्रिया के लिए उन्हें 24 घंटे नागा रूप में अखाड़े के ध्वज के नीचे बिना कुछ खाए-पीए खड़ा होना पड़ता है. इस दौरान उनके कंधे पर एक दंड और हाथों में मिट्टी का बर्तन होता है.

इस दौरान अखाड़े के पहरेदार उन पर नजर रखे होते हैं. इसके बाद अखाड़े के साधु द्वारा उनके लिंग को वैदिक मंत्रों के साथ झटके देकर निष्क्रिय किया जाता है. यह कार्य भी अखाड़े के ध्वज के नीचे किया जाता है. इस प्रक्रिया के बाद वह नागा साधु बन जाता है.

अगर व्यक्ति ब्रह्मचर्य का पालन करने की परीक्षा से सफलतापूर्वक गुजर जाता है, तो उसे ब्रह्मचारी से महापुरुष बनाया जाता है. उसके पांच गुरु बनाए जाते हैं. ये पांच गुरु पंच देव या पंच परमेश्वर (शिव, विष्णु, शक्ति, सूर्य और गणेश) होते हैं. इन्हें भस्म, भगवा, रूद्राक्ष आदि चीजें दी जाती हैं. यह नागाओं के प्रतीक और आभूषण होते हैं.

ऐसे बनते हैं नागा अवधूत

महापुरुष के बाद नागाओं को अवधूत बनाया जाता है. इसमें सबसे पहले उसे अपने बाल कटवाने होते हैं. इसके लिए अखाड़ा परिषद की रसीद भी कटती है. अवधूत रूप में दीक्षा लेने वाले को खुद का तर्पण और पिंडदान करना होता है. ये पिंडदान अखाड़े के पुरोहित करवाते हैं. ये संसार और परिवार के लिए मृत हो जाते हैं. इनका एक ही उद्देश्य होता है सनातन और वैदिक धर्म की रक्षा.

बाल नहीं कटवाते नागा साधु

नागा साधु आमतौर पर अपने बाल नहीं कटाते. यह उनके संन्यास और साधना के एक महत्वपूर्ण प्रतीक के रूप में देखा जाता है. बाल नहीं कटाना इस बात का प्रतीक है कि उन्होंने सांसारिक बंधनों, इच्छाओं और भौतिक सुख-सुविधाओं को त्याग दिया है. यह उनकी साधना और तपस्या का हिस्सा है.

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, बालों को बढ़ने देना और जटाएं बनाना आध्यात्मिक ऊर्जा को संरक्षित करने में सहायक होता है. इसे ध्यान और योग में लाभकारी माना जाता है. बाल और दाढ़ी को बढ़ने देना उनके प्रकृति से जुड़ाव और जीवन की सरलता का प्रतीक है. नागा साधु अपने बालों को जटाओं (मैले और उलझे हुए बालों) में रखते हैं. यह शिव के प्रति उनकी भक्ति और साधना का संकेत है, क्योंकि भगवान शिव को “जटाधारी” (जटाएं धारण करने वाला) कहा जाता है.

सैफ अली खान पर हमले का आरोपी शरीफुल का चौंकाने वाला खुलासा: बेटे जहांगीर को बंधक बनाकर मांगने वाला था 1 करोड़!

सैफ अली खान के आरोपी मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद को लेकर रोज कई खुलासे हो रहे हैं. अब जो जानकारी सामने आई है, वो बेहद चौंकाने वाली है. सूत्रों के मुताबिक, हमलावर शरीफुल सैफ के बेटे जहांगीर को बंधक बनाकर पैसे मांगने की योजना बना रहा था. आरोपी का मकसद 1 करोड़ लेकर हमेशा के लिए बांग्लादेश वापस लौट जाने का था

सूत्रों के मुताबिक, आरोपी को बांग्लादेश वापस जाने के लिए एक फर्जी पासपोर्ट की जरूरत थी और इसके लिए वह पैसों का इंतजाम करने की कोशिश कर रहा था. पूछताछ के दौरान आरोपी से जुड़ी और भी कई जानकारियां सामने आई हैं.

सैफ की नौकरानी लीमा से मागें 1 करोड़

हमलावर ने सैफ की नौकरानी लीमा फिलिप्स से 1 करोड़ रुपये मांगे थे लेकिन जब लिमा ने मना कर दिया तो आरोपी और लिमा में हाथापाई शुरू हो गई और ऐसा करते समय घर के सभी लोग जाग गए, जिससे आरोपी घबरा गया और बचने की कोशिश में उसने अंधाधुंध हमला करना शुरू कर दिया. आरोपी ने पहले लिमा पर हमला किया और जब सैफ अली खान बीच बचाव करने आए तो आरोपी ने पहले उनकी गर्दन पर और उसके बाद उनके पीठ की तरफ जोरदार अटैक किया.

कुश्ती खिलाड़ी है सैफ का हमलावर शरीफुल

सैफ के आरोपी से जुड़ी एक और जानकारी सामने आई है. सैफ का हमलावर शरीफुल बांग्लादेश का एक कुश्ती खिलाड़ी है. वह बचपन से ही अपने मोहल्ले में कुश्ती खेला करता था. उसने कुश्ती की कुछ प्रतिगीताओ में स्थानीय लेवल पर हिस्सा भी लिया था. यही कारण है कि उसकी बॉडी बिल्कुल फिट थी. शरीफुल बांग्लादेश का रहने वाला है. मुंबई पुलिस ने कल उसे ठाणे से गिरफ्तार किया था.

इंटरनेशनल साजिश एंगल से भी जांच

मुंबई पुलिस इस मामले में आज क्राइम सीन रिक्रिएट करेगी. पुलिस इंटरनेशनल साजिश एंगल से भी मामले की जांच करेगी. कल उसे बांद्रा कोर्ट में पेश किया गया था. कोर्ट ने उसे पांच दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया था. आज शरीफुल को सांताक्रुज लॉकअप से बांद्रा पुलिस स्टेशन लाया गया. पुलिस और क्राइम ब्रांच उससे पूछताछ करेगी. 72 घंटे लंबी तहकीकात के बाद पुलिस ने इसे गिरफ्तार किया.