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एजाज ढेबर का बड़ा बयान, ‘मैं अभी भी महापौर, प्रशासक के हाथों में नहीं दूंगा शहर…’

रायपुर-  रायपुर नगर पालिका निगम के निर्वाचित परिषद का कार्यकाल कायदे से आज याने 5 जनवरी को खत्म हो गया है, कल से कलेक्टर बतौर प्रशासक कामकाज संभालेंगे, लेकिन इसके पहले ही महापौर एजाज ढेबर ने प्रशासक के हाथों में निगम का कामकाज सौंपने से इनकार कर नया विवाद पैदा कर दिया है. 

महापौर एजाज ढेबर ने अपने औपचारिक कार्यकाल के अंतिम दिन कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा में कहा कि हम अपने कार्यकाल को खत्म नहीं मानेंगे. चुनाव में देरी हमारी वजह से नहीं हुआ है. 70 पार्षदों को जनता ने चुना है. हम रायपुर शहर को एक प्रशासक के हाथ में नहीं दे सकते. हम रायपुर की जनता के लिए सभी वार्डों के कार्य को देखते रहेंगे. जैसे ही नई परिषद आएगी, हम उसको अपना काम सौंप देंगे।

मर्द की तरह किया काम

इसके साथ ही एजाज ढेबर ने कार्यकाल ख़त्म होने पर कहा कि मैं डंके की चोट पर कह सकता हूं कि मर्दों की तरह काम करके आया हूं. बीजेपी ने भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाए हैं. लेकिन पांच साल में एक भी साबित नहीं कर पाए. जब मैं महापौर बना तो सब कहने लगे मुस्लिम महापौर बन गया,या मुस्लिम होना पाप है?. मैंने बिना जात-पात के, भेदभाव के सभी के लिए काम किया.

कांग्रेस से रुचिर गर्ग ने दिया इस्तीफा, पत्रकारिता में हो रही वापसी…

रायपुर- पत्रकारिता छोड़ राजनीति में आने वाले रुचिर गर्ग ने कांग्रेस छोड़ दी है. उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष दीपक बैज को भेज दिया है. आगे अब पुनः वे पत्रकारिता में लौटने वाले हैं. 

रुचिर गर्ग ने बैज को भेजे इस्तीफे में लिखा है कि विन्रमतापूर्वक आपको सूचित कर रहा हूँ कि मैं कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूँ. दरअसल, मैं किसी भी तरह की सक्रिय अथवा निष्क्रिय राजनीति से अलग होकर एक बार फिर पत्रकारिता में ही संभावनाएं तलाशना चाहता हूँ.

जब मैंने पत्रकारिता से अवकाश लेकर राजनीति की राह पकड़ी थी तब भी मेरे लिए लक्ष्य धर्मनिरपेक्षता और संवैधानिक मूल्यों के हक में खड़े रहना था, और आज भी मेरी प्रतिबद्धता इन मूल्यों के प्रति उतनी ही गहरी है. मैं कामना करता हूँ कांग्रेस पार्टी इस देश की महान स्वतंत्रता संग्राम से उपजे मूल्यों के साथ ही लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के प्रति हमेशा ही प्रतिबद्ध रहे.

गौरतलब है कि रुचिर गर्ग देश के जाने-माने पत्रकारों में से एक हैं. उन्होंने प्रिंट और टीवी मीडिया में सालों तक अपनी सेवाएं दी हैं. 2018 विधानसभा चुनाव के पहले उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की थी. 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस रिकॉर्ड सीटों के साथ सरकार बनाने में कामयाब रही. सरकार बनने के बाद भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बने और उन्होंने रुचिर गर्ग को अपना मीडिया सलाहकार बनाया.

5 साल मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार के तौर पर उन्होंने काम किया. इस दौरान पत्रकारों की हित कई महत्वपूर्ण लिए सरकार ने लिए थे. वहीं पत्रकार सुरक्षा कानून का ड्राफ्ट भी उन्होंने तैयार कराया. हालांकि कैबिनेट से मंजूरी और विधानसभा से विधेयक पास होने के बाद भी यह कानून अब तक राजभवन में ही अटका हुआ है.

अबूझमाड़ में चार नक्सलियों की मौत पर सीएम साय का बयान, कहा- नक्सलियों का अंतिम समय नजदीक…

रायपुर-  अबूझमाड़ में चल रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सुरक्षा बलों के साहस को नमन करते हुए कहा कि पिछले एक साल से नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा बल के जवान मजबूती के साथ लड़ रहे हैं. लड़ाई अब भी जारी है, हमारे एक जवान भी शहीद हुए है. निश्चित रूप से हम लोगों को सफलता मिलेगी. अब नक्सलियों का अंतिम समय आ रहा है.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गरियाबंद रवाना होने से पहले पत्रकारों से चर्चा में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या मामले में कहा कि कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा. एसआईटी टीम का गठन किया गया है, तीन अपराधी पकड़े भी गए हैं. ठेकेदार के ऊपर कार्रवाई हुई है, उसके सारे अकाउंट सील कर दिए हैं. इसके साथ ही अवैध कब्जे को हटाया गया है. मामले को लेकर सरकार मुस्तैद है. कोई भी आरोपी इस पर बक्शा नहीं जाएगा.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने वहीं आज गरियाबंद जिले के दौरे को लेकर कहा कि लगातार कई जिलों का दौरा जारी है. सैकड़ों कार्यों का लोकार्पण किया जा रहा है. इसी कड़ी में आज गरियाबंद में करोड़ों के विकास कार्यों का भूमिपूजन और शिलान्यास होगा. साथ ही बीजेपी के जिला कार्यालय का भी लोकार्पण करेंगे.

दक्षिण अबूझमाड़ में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में डीआरजी का एक जवान शहीद, 4 नक्सली हुए ढेर, सीएम साय ने जवान की शहादत पर जताया शोक…
नारायणपुर/दंतेवाड़ा-  दक्षिण अबूझमाड़ में नक्सलियों के साथ चल रहे मुठभेड़ में दंतेवाड़ा DRG के जवान प्रधान आरक्षक सन्नू कारम शहीद हो गए हैं. वहीं सर्च ऑपरेशन के दौरान अब तक 4 वर्दीधारी नक्सलियों का शव बरामद हुआ है. इसके अलावा AK 47, SLR जैसे आटोमैटिक हथियार बरामद हुआ है.
जानकारी के अनुसार, नक्सल विरोधी सर्च अभियान में 3 जनवरी को नारायणपुर, दंतेवाड़ा, जगदलपुर, कोंडागांव जिले  की डीआरजी के साथ एसटीएफ की संयुक्त पार्टी अबूझमाड़ क्षेत्र में रवाना हुई थी. नक्सलियों की मौजूदगी को देखते हुए 4 जनवरी की शाम से सुरक्षा बलों और नक्सलियों के मध्य रुक-रुक कर मुठभेड़ जारी है.
जवान के शहीद होने पर मुख्यमंत्री ने जताया शोक
मुठभेड़ में डीआरजी के जवान के शहीद होने पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शोक जताते हुए सोशल मीडिया में किए अपने पोस्ट में कहा कि मुठभेड़ में डीआरजी के जवान प्रधान आरक्षक सन्नू कारम के शहीद होने की भी दुःखद खबर प्राप्त हुई है. उनका यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा, नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षाबल के जवान बहुत ही मजबूती से लड़ाई लड़ रहे हैं, और उसके खात्मे तक यह लड़ाई जारी रहेगी.
एक दशक पहले प्रधानमंत्री ने दंतेवाड़ा में दृष्टिबाधित बालक अंजन को दिया था हौसला, आज अंजन खुद गीत लिखता है कंपोज करता है और गाता भी है

रायपुर-     एक दशक पहले अपने दंतेवाड़ा प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिव्यांग बच्चों के संस्थान 'सक्षम' के एक छोटे से दृष्टिबाधित बच्चे की प्रतिभा से मुग्ध हो गए थे। उस बच्चे का नाम था अंजन। जब अंजन ने अपना गाना सुनाया तब प्रधानमंत्री जी इतने खुश हुए थे कि उन्होंने बड़े ही स्नेहिल भाव से उसके सर पर हाथ फेरकर उसे प्रोत्साहित किया था।

देश के प्रधानमंत्री का प्रोत्साहन एक बच्चे के जीवन में कितना बड़ा बदलाव ला सकता है, अंजन इसका उदाहरण है। पहले अंजन दूसरों के लिखे गीत गाता था, आज अंजन स्वयं गीत लिखता है, इसे कंपोज भी करता है और गाता भी है। अभी हाल ही में अंजन ने अयोध्या धाम में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के अवसर पर एक गीत लिखा और उसे कंपोज भी किया है। अंजन की संगीत में रुचि को देखते हुए संस्थान में उसे आर्गन, कांगो और ढोलक का प्रशिक्षण दिया गया।

दंतेवाड़ा में हर साल बारसूर महोत्सव का आयोजन होता है। इस बार के आयोजन में अंजन अपने रामलला पर लिखे गीत की प्रस्तुति देगा। अंजन अभी 11वीं कक्षा में पढ़ रहा है, अब इस संस्थान में दसवीं तक की पढ़ाई संस्थान के भीतर ही होती है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर संस्थान में सभी बुनियादी व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है। उल्लेखनीय है कि सक्षम संस्था में शैक्षणिक व्यवस्था डीएमएफ के माध्यम से होती है। उनका यह मानना था कि खनन प्रभावित इलाकों में विकास के कार्यों के लिए डीएमएफ के माध्यम से निधि स्थापित की जाए। आज अंजन जैसे बच्चों का सपना डीएमएफ के माध्यम से पूरा हो रहा है।

जब पैदा हुआ तो दादाजी ने कहा, यह क्या करेगा इसको कहीं छोड़ दो

अंजन बीजापुर के अंदरूनी नक्सल प्रभावित इलाके का रहने वाला है। नक्सल समस्या की वजह से माता-पिता को गांव छोड़ना पड़ा। अंजन बचपन से ही दृष्टिबाधित है। जब वह पैदा हुआ तो उसके दादाजी को बड़ी निराशा हुई और उन्होंने कहा कि इसका क्या होगा, यह क्या करेगा, इसको छोड़ दो। मां बहुत प्यार करती थी। मां ने कहा कि नहीं इसे पालेंगे। बाद में सक्षम संस्था के बारे में पता चला और सक्षम में एडमिशन दिलाया। सक्षम के टीचरों को इसके गायन की प्रतिभा और संगीत में रुचि के बारे में पता चला और अब अंजन की दुनिया ही बदल गई है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के साथ ही पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी अंजन की प्रतिभा से प्रभावित हो चुके हैं।

गहरी प्रतिभा और अथाह उत्साह से सबको मिलती है प्रेरणा

अंजन ने आज सब बच्चों के साथ लुई ब्रेल को पुष्पांजलि दी। लुई ब्रेल ऐसे व्यक्ति है जिनकी वजह से दृष्टिबाधित बच्चे भी फर्राटे से पढ़ सकते हैं। सक्षम कैंपस में हेलेन केलर की तस्वीर भी है, जो यह बताती है कि दुनिया की सबसे अच्छी चीजों को ना देख सकते हैं न छू सकते हैं, उन्हें केवल महसूस कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री की पहल पर निरंतर धान खरीदी का सिलसिला जारी, अब तक 97.60 लाख मीट्रिक टन धान की हो चुकी है खरीदी

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में प्रदेश के किसानों से सुगमता पूर्वक धान की खरीदी की जा रही है। वहीं धान खरीदी व्यवस्था पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है। राज्य में 14 नवम्बर से शुरू हुए धान खरीदी का सिलसिला अनवरत रूप से जारी है। अब तक लगभग 97.60 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। धान खरीदी के एवज में 19.34 लाख किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 21 हजार 040 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगी।

प्रदेश के समस्त पंजीकृत कृषकों को खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में धान विक्रय हेतु टोकन की सुविधा ऑनलाईन एप्प (टोकन तुंहर हांथ) एवं उपार्जन केन्द्रों में 25 जनवरी 2025 तक के लिए उपलब्ध कराया गया है। किसान सुविधा अनुसार तिथी का चयन कर नियमानुसार धान विक्रय कर सकते है।

धान खरीदी के साथ-साथ मिलर्स द्वारा धान का उठाव भी तेजी से हो रहा है। धान उठाव के लिए लगभग 65.80 लाख मीट्रिक टन धान के लिए डीओ और टीओ जारी किया गया है, जिसके विरूद्ध अब तक 39 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव कर लिया गया है।

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस खरीफ वर्ष के लिए 27.78 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.59 लाख नए किसान शामिल है। इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है।

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 03 जनवरी 2025 को 66392 किसानों से 3.25 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की गई है। इसके लिए 83 हजार 299 टोकन जारी किए गए थे।

पत्रकार मुकेश हत्याकांड: छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन ने की एसपी-कलेक्टर को निलंबित करने की मांग, कहा-

आज छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन और उससे जुड़े घटक संगठनों ने जारी एक बयान में मुकेश चंद्राकर की हत्या को उस जन पत्रकारिता पर हमला बताया है, जिसने हमेशा बस्तर में माओवादियों को कुचलने के नाम पर फर्जी मामलों में आदिवासियों की गिरफ्तारियों से लेकर फर्जी मुठभेड़ तक के मामलों को, आदिवासियों के मानवाधिकारों के मुद्दों को और प्रदेश की प्राकृतिक संपदा को कॉरपोरेटों  को सौंपे जाने के लिए की जा रही साजिशों को प्रमुखता से उठाया है.

सीबीए ने अपने बयान में कहा है कि हालांकि इस घटना के तात्कालिक कारण के रूप में मुकेश की वह रिपोर्टिंग सामने आई है, जिसमें अरबों की लागत से बन रहे गंगालूर से लेकर मिरतुल तक के सड़क निर्माण की घटिया गुणवत्ता को उजागर किया गया था, लेकिन सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद भी आज तक इसके खिलाफ कोई कार्यवाही शुरू नहीं हुई है. यह भ्रष्टाचारियों और इसे दबाने-छुपाने के खेल में लगे राजनेताओं और प्रशासन की मिलीभगत को उजागर करता है. इस बर्बर हत्याकांड में जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उनका कांग्रेस-भाजपा के नेताओं के साथ घनिष्ठ संबंध भी किसी से छुपा हुआ नहीं है और हत्यारों का राजनैतिक गमछे बदलकर अवैध तरीकों से पैसा बनाना भी सबकी नजरों में है. इसलिए सीबीआई जांच के जरिए  इस पूरे माफिया गिरोह और उनके आकाओं को बेनकाब करना जरूरी है. 

अपने बयान में छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन ने पत्रकार सुरक्षा कानून का मुद्दा भी उठाया है. आंदोलन ने कहा है कि छत्तीसगढ़ निर्माण के 24 साल बाद भी पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कांग्रेस-भाजपा एक प्रभावशाली कानून बनाने में विफल रही है, तो इसलिए कि न तो कांग्रेस की, और न ही भाजपा की पत्रकारों को सुरक्षा देने में कोई दिलचस्पी रही है. एक विपक्षी पार्टी के रूप में उन्होंने केवल पत्रकारों को भरमाने का और गोदी-भोंपू मीडिया पनपाने ही काम किया है. यही कारण है कि छत्तीसगढ़ में पत्रकारों पर हमले लगातार बढ़ रहे हैं. कुछ महीने पूर्व ही बस्तर के ही बाप्पी राय सहित कुछ पत्रकार साथियों पर गांजा तस्करी का फर्जी अपराध दर्ज किया गया था, जिसमें एक थाना इंचार्ज सीधे तौर पर षड्यंत्रकारी था. बस्तर में प्रशासन द्वारा जनता के लिए पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों को डराना-धमकाना आम बात है और अब नौबत माफियाओं द्वारा पत्रकारों की हत्या तक पहुंच गई है.

छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन ने मुकेश चंद्राकर को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए उनके शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना का इजहार किया है. सीबीए ने कहा है कि इस बर्बर हत्याकांड के खिलाफ और छत्तीसगढ़ में लोकतंत्र की रक्षा के लिए होने वाले हर आंदोलन में वह सहभागी बनेगी और आम जनता के सभी तबकों को एकजुट करेगी.

छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन की ओर से आलोक शुक्ला, (संयोजक मंडल सदस्य)  संजय पराते (अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा), मनीष कुंजाम (अखिल भारतीय आदिवासी महासभा ) सुदेश टेकाम ( जिला किसान संघ) रमाकांत बंजारे, कलादास डहरिया (छत्तीसगढ़  मुक्ति मोर्चा, मजदुर कार्यकर्त्ता समिति )  विजय भाई ( भारत जन आन्दोलन) उमेश्वर सिंह अर्मो (हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति ) शालिनी गेरा (माटी ), किसान संघर्ष समिति कुरूद, राजिम केतवास (दलित आदिवासी मंच) (सोनाखान), जंगसाय  पोया (गाँव गणराज्य अभियान (बलरामपुर), केशव सोरी (आदिवासी जन वन अधिकार मंच, कांकेर), सफाई कामगार यूनियन, मेहनतकश आवास अधिकार संघ (रायपुर), जैकब कुजूर (जशपुर विकास समिति) एस आर नेताम (राष्ट्रीय आदिवासी विकास परिषद् छत्तीसगढ़ ईकाई-रायपुर), रिछारिया कैम्पेन, दीपक साहू,( रोजगार एकता संघ) डी एस माल्या ( भूमि बचाओ संघर्ष समिति धरमजयगढ़).

पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल, कई थाना प्रभारी और उप निरीक्षकों का हुआ तबादला…

राजनांदगांव-  छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल किया गया है. राजनांदगांव जिले के थाना प्रभारियों (टीआई) और उप निरीक्षकों का तबादला किया गया है. कई थानों के इंचार्ज बदले गए हैं. राजनांदगांव एसपी मोहित गर्ग ने आदेश जारी किया है.

पत्रकार मुकेश की हत्या पर साय सरकार का सख्त एक्शन : मुख्यमंत्री के निर्देश पर SIT का गठन

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की नृशंस हत्या की घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस हत्याकांड में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आईपीएस मयंक गुर्जर के नेतृत्व में 11 सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। फारेंसिक टीम साइंटिफिक और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर घटना की जांच कर रही है। अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और उनके द्वारा किए गए अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के निर्देश दिए गए हैं। हमारी सरकार अपराधियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाएगी और पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था को बनाए रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बताते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पत्रकारों की स्वतंत्रता और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार का दायित्व है।

पत्रकार मुकेश चंद्रकार की हत्या के मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित

पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज सुंदरराज पी द्वारा पत्रकार मुकेश चंद्रकार की हत्या के मामले की विवेचना के लिए आईपीएस मयंक गुर्जर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बीजापुर के नेतृत्व में 11 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है। गौरतलब है कि पत्रकार मुकेश चंद्रकार की हत्या के मामले में बीजापुर थाना में अपराध पंजीबद्ध किया गया है।

एसआईटी (विशेष अनुसंधान टीम) में आईपीएस मयंक गुर्जर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बीजापुर, रूचि वर्मा उप पुलिस अधीक्षक दंतेवाड़ा, शरद जायसवाल उप पुलिस अधीक्षक बीजापुर, गीतिका साहू उप पुलिस अधीक्षक बस्तर, दुर्गेश शर्मा निरीक्षक थाना प्रभारी बीजापुर, वीरेंद्र श्रीवास्तव निरीक्षक प्रभारी जिला विशेष शाखा बीजापुर, चन्द्रशेखर श्रीवास निरीक्षक प्रभारी फरसापाल जिला दंतेवाड़ा, रिजवान अहमद निरीक्षक रक्षित केंद्र बीजापुर, गौरव तिवारी निरीक्षक रेंज साइबर थाना जगदलपुर, मुकेश पटेल उप निरीक्षक थाना बीजापुर तथा विवेकानंद पटेल प्रभारी साइबर सेल बीजापुर को शामिल किया गया है। एसआईटी को उक्त प्रकरण की गहन जांच करने तथा प्रकरण की जांच कार्यवाही के सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक बीजापुर को प्रतिदिन प्रगति प्रतिवेदन अनिवार्यतः पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज कार्यालय को प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं।

छत्तीसगढ़ के प्रभतेज सिंह भाटिया होंगे BCCI के नए कोषाध्यक्ष, 12 जनवरी को मुंबई में होगा औपचारिक ऐलान

रायपुर-  छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ (CSCS) का प्रतिनिधित्व कर चुके प्रभतेज सिंह भाटिया को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) में बड़ी जिम्मेदारी मिलने जा रही है। प्रभतेज सिंह भाटिया बीसीसीआई के नए कोषाध्यक्ष बनने जा रहे हैं। शनिवार (4 जनवरी) इस पद के लिए आवेदन की आखिरी तारीख थी, जिसमें एक मात्र आवेदन प्रभतेज सिंह भाटिया की ओर से आया है। ऐसे में 12 जनवरी को मुंबई में होने वाली बैठक में प्रभतेज को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के नए कोषाध्यक्ष के लिए निर्विरोध चुना जाना तय है। इसी दिन औपचारिक रूप से बीसीसीआई के नए कोषाध्यक्ष की घोषणा भी की जाएगी। यह पहली बार है जब CSCS का कोई प्रतिनिधि BCCI में इतनी बड़ी जिम्मेदारी निभाएगा।

बता दें कि BCCI का नया कोषाध्यक्ष बनने के बाद प्रभतेज सिंह भाटिया सितंबर 2025 तक अपना पद संभालेंगे, इसके बाद वे फिर से चुनाव लड़ने के पात्र होंगे। बीसीसीआई के नियमों के अनुसार, प्रत्येक अधिकारी का कार्यकाल तीन वर्षों का होता है और वे लगातार तीन बार इस पद पर रह सकते हैं। प्रत्येक कार्यकाल के बीच तीन वर्षों का अनिवार्य कूलिंग-ऑफ पीरियड भी होता है।

कौन हैं प्रभतेज सिंह भाटिया

साल 1991 में रायपुर में जन्मे प्रभतेज सिंह भाटिया राज्य के दिग्गज उद्योगपति और समाजसेवी बलदेव सिंह भाटिया के बेटे हैं। दोनों में ही क्रिकेट के प्रति काफी जूनून है, यही वजह है कि उन्होंने राज्य क्रिकेट को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया है। प्रभतेज सिंह के पिता बलदेव सिंह भी छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ (CSCS) के अध्यक्ष रह चुके हैं। प्रभतेज ने अपनी स्कूली शिक्षा शिमला से प्राप्त की। इसके बाद यूनाइटेड किंगडम स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर से इकोनॉमिक्स ऑनर्स में फाइनेंस का कोर्स किया है।

मंत्री पद संभालने आशिष शेलार ने छोड़ा कोषाध्यक्ष का पद

गौरतलब है कि BCCI के पूर्व कोषाध्यक्ष आशिष शेलार ने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद संभालने के लिए पद छोड़ दिया था। इसके बाद नए कोषाध्यक्ष के लिए आवेदन मांगे गए थे।