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दिल्ली-NCR में शीतलहर का प्रकोप जारी, एयरपोर्ट पर कई उड़ानों में देरी, ट्रेनें और बसें भी प्रभावित

डेस्क: दिल्ली-NCR में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। जहां शनिवार को यहां जीरो विजुएलिटी के साथ कोहरा दिखाई पड़ रहा था, वहीं आज सुबह से शीतलहर चल रही है। हालांकि कोहरा तो शनिवार की अपेक्षा कुछ कम हुआ है लेकिन गलन ज्यादा महसूस हो रही है। हालात ये हैं कि ठंड की वजह से एयरपोर्ट पर कई उड़ानों में देरी हो रही है। ठंड का असर ट्रेनों, बसों और यातायात पर भी दिखाई दे रहा है।

घने कोहरे के कारण दिल्ली से जाने और आने वाली 60 से ज्यादा ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। 51 ट्रेनें देरी से चल रही हैं। 10 ट्रेनें 6 से 7 घंटे लेट हैं। 10 ट्रेनों का समय बदला गया है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, रविवार सुबह 5.30 बजे दिल्ली का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कल इसी समय शहर का तापमान 10.2 डिग्री सेल्सियस था। कोहरे के कारण नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कई ट्रेनें देरी से चल रही हैं। इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, आज सुबह 6 बजे दिल्ली में AQI 377 दर्ज किया गया। कल इसी समय यह 385 था। शून्य और 50 के बीच एक AQI को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' माना जाता है। और 401 और 500 'गंभीर'। कड़ाके की सर्दी जारी रहने के कारण कई बेघर लोगों को रैन बसेरों में रुकते देखा गया।

रविवार सुबह दिल्ली में कोहरे की घनी परत छाई रही, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में उड़ान और ट्रेन सेवाएं बाधित हुईं। शहर में सुबह शीतलहर चली और तापमान में गिरावट देखी गई। कोहरे के कारण दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कई उड़ानें देरी से चल रही हैं।
दिल्ली तक बॉर्डर पार कर कैसे पहुंचते हैं बांग्लादेशी, कौन बनाता है आधार कार्ड? गिरोह का पुलिस ने किया भंडाफोड़


डेस्क: दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ दिल्ली पुलिस का अभियान जारी है। इसी कड़ी में आए दिन बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़कर डिपोर्ट किया जा रहा है। इतना ही नहीं भारत के अलग-अलग राज्यों में रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के पास भारतीय दस्तावेज भी हैं, जिसमें आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड जैसे डॉक्यूमेंट्स शामिल हैं। इसी कड़ी में दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो अवैध बांग्लादेशियों को भारत लाकर यहां उन्हें रहने में मदद करता था। इसे लेकर दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट सीपी एसके जैन ने कहा कि यह गिरोह बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में मेघालय के जरिए भारत में लाता और फिर दिल्ली में उन्हें लाया जाता था।

उन्होंने कहा मॉड्यूल का पहला हिस्सा था बांग्लादेशियों को डंकी रूट के जरिए भारत में भेजना। दूसरे मॉड्यूल के तहत उन्हें भारत में रिसीव किया जाता और रात में उन्हें किसी स्थान पर ठहराया जाता। इसके बाद बांग्लादेशियों को असम में ले जाकर वहां से ट्रेन और दूसरे माध्यम से दिल्ली भेजा जाता। तीसरा मॉड्यूल इन बांग्लादेशियों को अवैध रूप से दिल्ली में बसने में मदद करता और उनके दस्तावेज बनवाता। बता दें कि इस मॉड्यूल का किंगपिन अनीश शेख है जो खुद 15 साल पहले बांग्लादेश से भारत आया था। इसने बांग्लादेश की साइड भी अपने एजेंट रखे हुए हैं। अनीश और उसकी पत्नी इन बांग्लादेशियों के रहने की व्यवस्था करते और उनके डॉक्यूमेंट्स को बनाने में मदद करते थे।

बता दें कि इस मामले में अबतक कुल 4 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें से 2 बांग्लादेशी नागरिक हैं और 2 भारतीय नागरिक हैं। इनके पास से कुल 6 आधार कार्ड और 5 पैन कार्ड बरामद किए गए हैं। साथ ही इनके बैंक अकाउंट के ट्रांजैक्शन को भी पुलिस खंगाल रही है। बता दें कि दिल्ली पुलिस की साउथ डिस्ट्रिक्ट पुलिस 12 बांग्लादेशियों को और 31 अफ्रीकन नागरिकों को साल 2024 में डिपोर्ट कर चुकी है। ये केवल साउथ डिस्ट्रिक्ट का आंकड़ा है। इसके अलावा साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट अभी तक 26 बांग्लादेशियों को डिपोर्ट कर चुकी है। वहीं दोनों डिस्ट्रिक्ट मिलाकर अबतक कुल 38 बांग्लादेशियों को और 31 अफ्रीकन को डिपोर्ट किया जा चुका है।
ओवैसी का विवादित बयान, कहा- काशी की मस्जिद के हक को हम खो चुके, वहां नमाज नहीं, कुछ और हो रहा



डेस्क: असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर विवादित बयान देकर लोगों को भड़काने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, 'मैं इतने बरसों से कह रहा हूं कि अपनी मस्जिदों को आबाद रखो, लेकिन कई बोलते हैं कि असदुद्दीन ओवैसी जज्बाती बयान देते हैं। लेकिन हकीकत ये है कि काशी की मस्जिद के हक को हम खो चुके हैं। वहां नमाज नहीं, कुछ और हो रहा है।'

ओवैसी ने कहा, 'मथुरा की मस्जिद पर ललचाई नजरें लगाए बैठे हैं। संभल का किस्सा आपके सामने है कि एक ही दिन में 1/2घंटे में ऑर्डर, 1 घंटे में सर्वे और 5 लोगों को शहीद कर दिया जाता है। इससे भी दिल नहीं भरा तो वक्फ की जमीन पर पुलिस थाना बनाया जाता है। ये गैर प्रोटेक्शन ऑफ मॉन्युमेंट कानूनी के खिलाफ भी है।'

ओवैसी ने कहा, 'मैंने संसद में उठाया कि 1962 में चोरी हुई, दंगे हुए और बंगाल के हमारे देश के 8 लाख लोगों को जबरन बांग्लादेश भेज दिया गया। कई लोगों ने मुझसे पूछा कि ऐसा आप कैसे कह सकते है। मैंने सबूत दिखा दिए। 1960 में नेहरू के वक्त असम से 40,000 लोगों को जबरन ईस्ट बंगाल में डाल दिया कि वो पाकिस्तानी हैं। बीजेपी की कामयाबी नफरत की कामयाबी है, मोहब्बत की कामयाबी नहीं है। अपने आप भविष्य में बदलाव नहीं आएगा। अपनी दुआओं में फिलिस्तीनियों को याद करें। अब गाजा में 9 -10 साल के बच्चे नहीं बचे, सब मर चुके हैं।'

गौरतलब है कि हालही में यूपी के संभल में जामा मस्जिद के पास बन रही पुलिस चौकी को लेकर सियासत गरमा गई थी और एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया था कि पुलिस चौकी वक्फ की जमीन पर बन रही है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए ये दावा किया था। सांसद ने मंगलवार को सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट में लिखा- संभल की जामा मस्जिद के पास जो पुलिस चौकी बनाई जा रही है, वह वक्फ की जमीन पर है, जैसा कि रिकॉर्ड में दर्ज है।
पाक फिर हुआ शर्मसार! भारत में खत्म हुई जो बीमारी पाकिस्तान में बनी महामारी


डेस्क: पाकिस्तान में एक बार फिर पोलियो का एक नया मामला सामने आया है। नया केस सामने आने के बाद इस वर्ष कुल मामलों की संख्या 68 हो गई है। पोलियो के मामले पाकिस्तान के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं हैं। देश के प्रमुख अस्पताल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, नया संक्रमण खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के डेरा इस्माइल खान जिले में सामने आया है। इस वर्ष अब तक बलूचिस्तान में 27, खैबर पख्तूनख्वा में 20, सिंध में 19, पंजाब और इस्लामाबाद से एक-एक मामले सामने आए हैं।

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कुछ महीने पहले स्वास्थ्य कर्मियों से मुलाकात की थी और उनसे कहा था कि वह घर-घर जाकर पोलियो के लिए टीका लगाएं जिससे कोई भी बच्चा वंचित ना रह सके। पोलियो एक लकवाग्रस्त करने वाली बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं है तथा पोलियोरोधी टीका ही इसके संक्रमण को रोकने का एकमात्र उपाय है।

इस बीच आपको यह भी बता दें कि पाकिस्तान में पोलियो के नाम पर क्या-क्या होता है। कुछ महीने पहले खैबर पख्तूनवा के बाजौर जिले में पोलियो की दवा पिलाने गई एक टीम पर फायरिंग की गई थी। इसमें एक अधिकार की मौत हो गई थी। पाकिस्तान में कई ऐसे गुट हैं जो पोलियो अभियान के दुश्मन बने हुए हैं। यही कारण है कि पाकिस्तान में अब तक पोलियो को खत्म नहीं किया जा सका है। पाकिस्तान में कई ऐसे लोग हैं जो पोलियो की दवा को इस्लाम से जोड़कर देखते हैं और बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का विरोध करते हैं। 

गौरतलब है कि, पाकिस्तान के कट्टरपंथियों का मानना है कि पोलियो की बूंद इंसान को नपुंसक बना देती है। उनका कहना है कि यह मुसलमानों की आबादी कम करने की बड़ी साजिश है। पिछले 12 सालों में पोलियो अभियान में 109 लोगों ने जान गंवाई है। कई लोगों का अपहरण हुआ है। पोलियो अभियान से जुड़े 284 लोगों की पाकिस्तान में हत्या हो चुकी है, इसमें 166 पुलिसकर्मी और 87 हेल्थ वर्कर हैं।
इस राज्य में समुद्र के ऊपर बना देश का पहला 'ग्लास ब्रिज', 37 करोड़ रुपये की लागत


डेस्क: तमिलनाडु के कन्याकुमारी में समुद्र के ऊपर देश के पहले ग्लास ब्रिज यानी कि कांच के पुल का उद्घाटन कर दिया गया है। ये कांच का पुल 77 मीटर लंबा और 10 मीटर चौड़ा है जो कि कन्याकुमारी के तट पर विवेकानंद रॉक मेमोरियल और 133 फीट ऊंची तिरुवल्लुवर प्रतिमा को जोड़ता है। सोमवार की शाम तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने पुल का उद्घाटन किया है। आइए जानते हैं इस पुल की खूबियां।

कन्याकुमारी के समुद्र तट पर बने इस कांच के पुल को देश का पहला ऐसा पुल बताया जा रहा है। ये पुल पर्यटकों को विवेकानंद रॉक मेमोरियल और तिरुवल्लुवर की प्रतिमा और आसपास के समुद्र का बेहतरीन दृश्य दिखाता है। एक पर्यटक अधिकारी ने कहा है कि इस पुल के ऊपर चलने से एक रोमांचक अनुभव प्राप्त होता है।

तमिलनाडु सरकार की ओर से इस कांच के पुल का निर्माण 37 करोड़ रुपये की लागत से कराया गया है। सीएम एमके स्टालिन ने पुल का उद्घाटन दिवंगत मुख्यमंत्री एम करुणानिधि द्वारा तिरुवल्लुवर प्रतिमा के अनावरण की रजत जयंती के अवसर पर किया है। उद्घाटन के बाद, मुख्यमंत्री स्टालिन, उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन, राज्य के मंत्री, सांसद कनिमोझी और वरिष्ठ अधिकारी आदि ने एक साथ पुल पर चल कर इसका अनुभव लिया।

इस ग्लास ब्रिज को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की एक दूरदर्शी सोच के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। इसका मकसद पर्यटकों को आधुनिक सुविधाएं प्रदान करते हुए पर्यटन को बढ़ावा देना है। यह कदम कन्याकुमारी को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के प्रयासों का एक हिस्सा है। बता दें कि इस ग्लास ब्रिज को अत्याधुनिक तकनीक से बनाया गया है और इसे खारी हवा, जंग और तेज समुद्री हवाओं सहित कठोर समुद्री परिस्थितियों का सामना करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
नए साल के जश्न के दौरान मुंबई के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा कड़ी, अधिकारी से लेकर पुलिसकर्मी तक सड़कों पर होंगे तैनात

डेस्क : मुंबई में नए साल के जश्न के दौरान लॉ एंड आर्डर बनाए रखने के लिए पुलिस ने तगड़ा बंदोबस्त किया है। 31 दिसंबर को होने वाली न्यू ईयर पार्टी के मद्देनजर शहर में पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है। शहर के विभिन्न इलाकों में सुरक्षा बनाए रखने के लिए पुलिस बल के भारी बंदोबस्त के साथ-साथ कई अन्य टीमों को भी तैनात किया जाएगा।

सत्यनारायण चौधरी, जॉइंट सीपी, मुंबई पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि शहर में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 31 दिसंबर को 8 एडिशनल कमिश्नर, 29 डीसीपी, 53 असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस, 2184 पुलिस इंस्पेक्टर और 12048 पुलिस कांस्टेबल को सड़क पर तैनात किया जाएगा। इसके साथ ही एसआरपीएफ की प्लाटून, QRT टीम, BDDS टीम, आरसीपी प्लाटून और होमगार्ड भी अलग-अलग इलाकों में तैनात रहेंगे। इसके अलावा भीड़-भाड़ वाले इलाकों में पेट्रोलिंग की जाएगी। खास तौर पर सिविल ड्रेस में पुलिसकर्मी भीड़ के बीच मौजूद रहेंगे, ताकि स्थिति पर निगरानी रखी जा सके।

नए साल के मौके पर कई लोग शराब पीकर सड़कों पर निकलते हैं और गाड़ी चलाते हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए मुंबई पुलिस ने 'ड्रंक एंड ड्राइव' अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत शहर में अलग-अलग जगहों पर नाकाबंदी की जाएगी और शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इसके साथ ही पुलिस ने अवैध हथियारों को लेकर भी सतर्कता बढ़ा दी है। मुंबई पुलिस ने कहा, "अवैध हथियारों के शहर में प्रवेश को रोकने के लिए भी कार्रवाई तेज की जा रही है। साथ ही जिन लोगों पर पहले से आपराधिक मामले दर्ज हैं, उनकी चेकिंग भी की जा रही है। जरूरत पड़ने पर पुलिस प्रीवेंटिव एक्शन भी ले सकती है।" पुलिस ने कहा है कि शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले, भीड़ भाड़ वाले इलाकों में हंगामा करने वाले, महिलाओं से छेड़छाड़ करने वाले और अवैध रूप से शराब बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
केंद्रीय मंत्री ने ऑफिस के बाहर लगाया पोस्टर-पैर छूना सख्त मना, ऐसा किया तो नहीं होगी सुनवाई

डेस्क: मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक ने ऑफिस के बाहर ऐसा पोस्टर लगवाया है, जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है। दरअसल उन्होंने पोस्टर में पैर छूने की परंपरा को बदलने की कोशिश की है और लिखा है कि पैर छूना सख्त मना है। पैर छूने वालों के काम की सुनवाई नहीं की जाएगी।

टीकमगढ़ में केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक ने ऑफिस के बाहर पोस्टर लगवाकर पैर छूने की परंपरा को बदलने की कोशिश की है। उनके ऑफिस के बाहर पोस्टर पर साफ तौर पर लिखा है कि जिसने पैर छुए, उसके काम की सुनवाई नहीं की जाएगी। पैर छूना सख्त मना है।

दरअसल मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक अपनी सादगी और सरलता की वजह से चर्चा में रहते हैं। उन्होंने लगातार आठवीं बार चुनाव में जीत हासिल की थी। केंद्र में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय मैं कैबिनेट मंत्री के तौर पर वह अपनी भूमिका निभा रहे हैं। उन्हें पीएम मोदी का काफी करीबी भी माना जाता है।

टीकमगढ़ सीट से वह लगातार चौथी बार सांसद चुने गए थे। अपने क्षेत्र में जब वह रहते हैं तो लोगों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनते हैं। अपने संसदीय क्षेत्र टीकमगढ़ में इन्होंने अपने ऑफिस के बाहर एक पोस्टर चश्पा किया है, जिसमें साफ तौर पर उन्होंने पैर छूने वालों से नाराजगी जाहिर की है।

उन्होंने पोस्टर में लिखा है कि पैर छूना सख्त मना है और जो भी हमारे पैर छुएगा, उसके काम की सुनवाई नहीं की जाएगी। इसलिए अब लोग मंत्री के पैर छूने से भी कतराने लगे हैं। कई बार तो स्थिति ऐसी बनती है कि जो कोई पैर छूने की कोशिश करने लगता है तो मंत्री उनके ही पैर छूने लगते हैं। उनका कहना है कि हम जनता की बदौलत ही बने हैं और हम यह भेदभाव मिटाना चाहते हैं।

केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक ने कहा कि जनता का सम्मान जनप्रतिनिधियों को रखना चाहिए। मैंने तय किया कि जो लोग भी मेरे घर आएं, वह मेरे पैर नहीं पड़ें। ये मानवीय नहीं है और अच्छा नहीं लगता। सिर्फ माता-पिता और पुजारी के पैर पड़ना चाहिए। इसीलिए मैंने अपने दफ्तर में लिखवा दिया है कि पैर छूना सख्त मना है और जो भी हमारे पैर छुएगा, उसके काम की सुनवाई नहीं की जाएगी।
'नया साल ईसाईयों का कार्यक्रम, जश्न मनाना है हराम', फतवा जारी कर और क्या बोले मौलाना शहाबुद्दीन रजवी?


डेस्क: दिसंबर खत्म होने को है और नए साल का जश्न शुरू होने वाला है। नए साल के जश्न को लेकर फतवा भी जारी कर दिया गया है। बरेलवी मसलक के चश्म-ए-दारुल इफ्ता ने नए साल का जश्न मनाने और मुबारकबाद देने को गैर इस्लामी करार दिया है। उन्होंने फतवा जारी करके मुसलमानों को इससे दूर रहने की हिदायत दी है।

दारुल इफ्ता के मुख्य मुफ्ती और ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने रविवार को जारी फतवे में कहा कि नए साल का जश्न मनाना, मुबारकबाद देना और इस अवसर पर पार्टियां आयोजित करना इस्लामी नजरिए से नाजायज है।

फतवे में कहा गया कि जनवरी से शुरू होने वाला नया साल ईसाईयों का नया साल है। यह विशुद्ध रूप से ईसाईयों का धार्मिक कार्यक्रम है। इसलिए मुसलमानों का नए साल का जश्न मनाना जायज नहीं है। इसमें कहा गया है कि इस्लाम इस तरह के कार्यक्रमों को सख्ती के साथ रोकता है।

फतवे में मुसलमानों से कहा गया कि दूसरे मजहबों को मानने वालों के धार्मिक त्यौहारों में शामिल होने या उन्हें खुद आयोजित करने से बचें। ऐसा करने से दूसरे मुस्लिम साथियों को भी रोंके।

मालूम हो कि इस्लामिक फतवा एक धार्मिक राय या निर्णय है, जो इस्लामी कानून के अनुसार दिया जाता है। यह एक इस्लामी विद्वान या मुफ्ती द्वारा दिया जाता है, जो इस्लामी कानून के जानकार होते हैं। फतवा किसी धार्मिक मसले पर पूछे गये सवाल पर मुफ्ती द्वारा जारी जवाब का दस्तावेज होता है। हालांकि, फतवे को मानना वांछनीय होता है लेकिन बाध्यकारी नहीं है।
अल्लू अर्जुन के समर्थन में उतरे अन्नामलाई, बोले- 'CM रेवंत रेड्डी खुद को...'

डेस्क: तेलुगु फिल्मों के सुपरस्टार अल्लू अर्जुन को लेकर अब राजनीति गरमाने लगी है। थिएटर में भगदड़ और एक महिला की मौत की घटना को लेकर अल्लू अर्जुन और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी आमने-सामने हैं। इस मामले में पुलिस ने मंगलवार को अल्लू अर्जुन से तीन घंटे तक पूछताछ की है। बता दें कि इससे पहले अल्लू अर्जुन के आवास पर हमला पर भी किया गया है। वहीं, अब तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने पूरे मामले में अभिनेता अल्लू अर्जुन का समर्थन किया है और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी पर जमकर निशाना साधा है।

रेवंत रेड्डी खुद को सुपरस्टार दिखा रहे- अन्नामलाई
भाजपा नेता के अन्नामलाई ने मंगलवार को सीएम रेवंत रेड्डी पर निशाना साधते हुए कहा- "मुझे लगता है कि रेवंत रेड्डी इस बात को लेकर कंपीटीशन करने की कोशिश कर रहे हैं कि तेलंगाना में सुपरस्टार कौन है। वह यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि वह अल्लू अर्जुन से ज्यादा बड़े सुपरस्टार हैं। अभी भी वह कांग्रेस में अभिनय कर रहे हैं, वह तेलंगाना में मुख्य अभिनेता हैं।"

अन्नामलाई ने कहा- " जो लोग आए और हंगामा किया, पथराव किया (अल्लू अर्जुन के आवास पर), उनमें से 2-3 लोग उनके (रेवंत रेड्डी) निर्वाचन क्षेत्र से आए थे। यह राजनीति से प्रेरित है। किसी को पीड़ित करना और धमकाना गलत है। क्या अल्लू अर्जुन का इरादा या मकसद था कि कोई मर जाएगा। ऐसा नहीं होना चाहिए था लेकिन पीड़ित करना और धमकाना सही नहीं है।"

वहीं, इस मामले में बीजेपी सांसद के. लक्ष्मण ने कहा- "हमें नहीं पता कि रेवंत रेड्डी सरकार को तेलंगाना सिनेमा इंडस्ट्री से क्या शिकायत है। अल्लू अर्जुन एक राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता हैं। लेकिन जहां अल्लू अर्जुन सीधे तौर पर शामिल नहीं हैं, उनके खिलाफ 'हत्या के प्रयास' का मामला दर्ज करना या उन्हें बार-बार पुलिस स्टेशन बुलाना सही नहीं है। तेलंगाना सरकार आज लोगों को गुमराह करना चाहती है। मंत्रियों और कांग्रेस नेताओं द्वारा बनाई गई बातें फिल्म कलाकारों में हताशा पैदा कर रही हैं। इस तरह की राजनीति करना ठीक नहीं है।''
जम्मू कश्मीर के पुंछ के मेंढर में बड़ा हादसा, भारतीय सेना का वाहन 300 फीट गहरी खाई में गिरा, 5 जवानों की मौत, 12 घायल
डेस्क: जम्मू कश्मीर के पुंछ में बड़ा हादसा हुआ है। पुंछ जिले की मेंढर सब डिविजन के बलनोई क्षेत्र में भारतीय सेना का वाहन गहरी खाई में गिर गया है। इस घटना में 5 जवानों की मौत हो गई है और 12 जवान गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इस हादसे में एक जवान सुरक्षित है। मिली जानकारी के मुताबिक, वाहन में कुल 18 जवान सवार थे।

पुंछ जिले के मेंढर सब-डिविजन के मानकोट सेक्टर स्थित बलनोई इलाके में एक भारतीय सेना का वाहन 300 फीट गहरी खाई में गिरने से बड़ा हादसा हो गया। सूत्रों के अनुसार, सेना के जवान वाहन में सवार होकर अपनी पोस्ट की ओर जा रहे थे, जब रास्ते में चालक ने वाहन से नियंत्रण खो दिया और यह हादसा हो गया। पुलिस सूत्रों ने बताया की है कि वाहन में कुल 18 जवान सवार थे।

घायलों में से कुछ की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, और राहत व बचाव दल मौके पर पहुंचकर घायलों को सुरक्षित निकालने का प्रयास कर रहे हैं। यह घटना LoC के पास के हुई है जो कि पुलिस पोस्ट मानकोट और थाना मेंढर के अंतर्गत आता है।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में इन दिनों भीषण ठंड पड़ रही है। शीत लहर के बीच यहां बार-बार अघोषित बिजली कटौती भी हो रही है। ठंड से बचाने वाले बिजली से चलने वाले आधुनिक उपकरण नाकाम साबित हो रहे हैं। कश्मीर अब फिर से ठंड से बचाव के अपने पारंपरिक तरीकों की ओर लौट रहा है।


कश्मीर में 40 दिनों की सबसे भीषण सर्दी चिल्ला-ए-कलां जारी है। श्रीनगर में हालही में 33 साल में सबसे अधिक ठंडी रात रही थी और यहां न्यूनतम तापमान शून्य से 8.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया था। घाटी के अन्य स्थानों पर भी तापमान शून्य से नीचे रहा था, जिसके कारण कई इलाकों में जलापूर्ति करने वाली पाइप लाइन में भी पानी जम गया था।

ठंड बढ़ने और अघोषित बिजली कटौती की वजह से भी रोड एक्सीडेंट हो रहे हैं क्योंकि कई बार ड्राइवर्स को ठंड की वजह से विजन क्लीयर नहीं हो पाता और वह हादसे का शिकार हो जाते हैं।