गौ संरक्षण केंद्र की दुर्दशा में नहीं दिख रहा सुधार होता
विश्वनाथ प्रताप सिंह
प्रयागराज ।शंकरगढ़ चकशिवचेर मंदुरी योगी सरकार के कार्यकाल में गांव-गांव शुरू कराए गए गौसंरक्षण केंद्र में शुरू से अवस्थाओं का बोलबाला है गौसंरक्षण केंद्र में पशुओं की उपस्थिति का जितना आंकड़ा दर्ज करके प्रत्येक महीने राशन खर्च के नाम पर सरकारी खजाने से बजट निकाला जा रहा है।
हकीकत में उतनी संख्या में गौ संरक्षण केंद्र में मौजूद नहीं है एक गौ संरक्षण केंद्र की बात नहीं कर रहे हैं जिले के लगभग 80 प्रतिशत गौ संरक्षण केंद्र में वास्तविक आंकड़े से आधी संख्या ही पशुओं की मौजूद है लेकिन सच्चाई के आंकड़े दर्ज कर सच्चाई पर व्यवस्था लाने का प्रयास मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने अभी तक नहीं किया है जबकि चकशिवचेर मंदुरी सहित विभिन्न गौ संरक्षण केंद्र के बाहर आए दिन लावारिस हालत में पशुओं की हड्डियां मृत शव और मांस के टुकड़े मिलते दिखाई देते हैं जिसकी जांच के नाम पर केवल लीपा पोती होती है इतना ही नहीं मंदुरी गौसंरक्षण केंद्र की स्थिति इतनी खराब है कि जिन पशुओं को यहां भेज दिया जाता है ।
दिनों दिन उनका स्वास्थ्य खराब होता जाता है गौ संरक्षण केंद्र में पशुओं के समुचित इलाज का भी अभाव है उनके खान-पान का भी अभाव है पशुओं की चरही में सूखे भूसे भी नहीं दिए जाते हैं चरही की प्रतिदिन सुबह शाम नियमित तरीके से सफाई नहीं होती है जिससे उसमें दुर्गंध उठने लगती है और सूखा भूसा होने के चलते पशु चारा भोजन नहीं कर पाते हैं
अंधेर गर्दी की हद तो तब हो गई जब योजना के संचालक के शुरू हुए कई वर्ष बीत जाने के बाद गौ संरक्षण केंद्र में अभी तक पशुओं के आने-जाने उनके मरने के आंकड़ों का अलग-अलग रजिस्टर नहीं बनाया गया है जानकारी करने पर सिर्फ एक जवाब दे दिया जाता है कि इतने पशु इस गौसंरक्षण केंद्र में मौजूद है पशुओं की टैगिंग ना करने के पीछे विभागीय अफसरो की सोची समझी साजिश है किस तारीख को कितने पशु किस गौसंरक्षण केंद्र में भेजे गए हैं उनका टैग नम्बर क्या दर्ज है उनमें कितने पशु बीमार हैं उनका टैग नंबर क्या है और किस टैग नम्बर के कितने पशु की मौत किस तारीख को हो चुकी है इस सब बात का डिटेल से आंकड़े गौ संरक्षण केंद्र में मौजूद नहीं है आखिर इस उदासीनता लापरवाही का जवाब देह कौन है शासन ने किसकी जिम्मेदारी तय की है अभी तक गौसंरक्षण केंद्र के पशुओं को टैग करके उनके नंबर की संख्या नहीं दर्ज की गई है जिससे मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी की इस योजना में बड़ी लापरवाही उदासीनता या फिर भ्रष्टाचार बढ़ाने की मनसा का अंदाजा लगाया जा सकता है
Dec 25 2024, 19:58