दिल्ली में अवैध बांग्लादेशियों पर कार्रवाई के लिए एलजी का बड़ा आदेश
नई दिल्ली: दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों पर कार्रवाई के लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा को पत्र लिखा. उन्होंने आदेश दिए हैं कि स्पेशल ड्राइव चलाकर दो महीने में अवैध बांग्लादेशियों पर कारवाई की जाए.
दरअसल, बीते कुछ दिनों से दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे हैं बांग्लादेशी व रोहिंग्याओं को लेकर बड़ा मुद्दा बना हुआ है. दिल्ली में कानून व्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर आम आदमी पार्टी सरकार इसके लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा रही है.
वहीं, बीजेपी का कहना है कि कानून व्यवस्था खराब करने में इन घुसपैठियों की अहम भूमिका है. दिल्ली सरकार इन्हें सभी सुविधाएं दे रही है जिस वजह से यह कहीं नहीं जा रहे. दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले रोहिंग्या प्रवासियों को लेकर विपक्ष ने आम आदमी पार्टी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है.
अब दिल्ली एलजी ने पुलिस कमिश्नर को सभी जिले में विशेष अभियान चला कर अवैध रूप से रह रहे घुसपैठियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं. इसके लिए दो महीने की मोहलत दी गई है।
AAP पर संविधान उल्लंघन का आरोप: विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री आतिशी को पिछले माह पत्र लिखकर रोहिंग्या प्रवासियों द्वारा शहर के फुटपाथों और सड़कों पर किए अवैध निर्माण पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करते हुए इन्हें तुरंत हटाने की मांग की थी.
आतिशी को लिखे पत्र में कहा था कि आम आदमी पार्टी द्वारा रोहिंग्या प्रवासियों की अवैध बसावट में उन्हें सहायता देने से न केवल दिल्ली बल्कि पूरे देश के नागरिकों के बीच गंभीर चिंताएं उत्पन्न हो गई है. आप पर आरोप लगाया गया कि रोहिंग्या प्रवासियों को अपना संरक्षण देकर इस तरह के अवैध कामों के लिए उन्हें प्रोत्साहित कर सरकार संविधान का उल्लंघन कर रही है और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता कर लोकतंत्र की अखंडता को खतरे में डाल रही है.
AAP कर रही देश के साथ विश्वासघात: पत्र में यह भी लिखा गया था कि आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा अपनी प्रशासनिक निगरानी में रोहिंग्या प्रवासियों द्वारा सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों और पार्कों पर अतिक्रमण की घटनाएं वास्तव में देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकती है. इससे भी अधिक चिंताजनक यह है कि इन अवैध प्रवासियों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वोटर कार्ड तक जारी किए जा रहे हैं.
आम आदमी पार्टी द्वारा इनकी उपस्थिति को जायज ठहराना और उन्हें भारतीय नागरिकों के लिए बने लोकतांत्रिक अधिकार प्रदान करना देश के साथ विश्वासघात है. रोहिंग्या प्रवासियों की इन अवैध हरकतों के मुद्दे पर आखिर आम आदमी पार्टी की सरकार चुप क्यों है? उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी देश की सुरक्षा के साथ समझौता कर एक विशेष वोट बैंक को खुश करने के लिए सोची-समझी साजिश के तहत राजनीतिक चाल चल रही है? अवैध प्रवासियों को वोटर आईडी प्रदान करना केवल कानून का उल्लंघन नहीं है, यह हमारी चुनाव प्रणाली की पवित्रता पर सीधा हमला भी है।
Dec 11 2024, 17:06