सोनभद्र:ओबरा तापीय परियोजना और नगर पंचायत के बीच भूमि विवाद गहराया
विकास कुमार अग्रहरी
सोनभद्र। ओबरा तापीय परियोजना निगम और नगर पंचायत ओबरा के बीच भूमि विवाद लगातार गहराता जा रहा है। तापीय परियोजना निगम ने नगर पंचायत को स्पष्ट निर्देश दिया है कि निगम की स्वामित्व वाली भूमि पर कोई भी निर्माण कार्य करने के लिए पूर्व में निगम से अनुमति लेना अनिवार्य है।
हाल ही में, नगर पंचायत ने तापीय परियोजना की सुरक्षा दीवार के पास बिना अनुमति के एक शेड का निर्माण शुरू कर दिया था। परियोजना अधिकारियों ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए इस निर्माण को रोक दिया।
परियोजना निगम के अनुरोध के बाद भी नगर पंचायत ओबरा निगम के स्वामित्व के भूमि पर बिना एनओसी के कार्य करने पर आमादा है मामला 20 नवंबर को हनुमान मंदिर से कॉन्वेंट तिराहा तक ओबरा सी तापीय परियोजना की सुरक्षा हेतु नगर पंचायत द्वारा बनाए जा रहे बाउंड्री वॉल से सटकर बिना अनुमति के शेड का निर्माण कराया जा रहा था। जिसके कारण परियोजना की सुरक्षा को संभावित खतरे को देखते हुए परियोजना बाउंड्री वॉल से शेड का निर्माण परियोजना के अधिकारियों द्वारा रोक दिया था मौके पर मौजूद रहे नगर पंचायत ओबरा अध्यक्ष के प्रतिनिधि व कर्मचारी मौजूद थे, निगम का कहना था कि इस शेड को अन्यत्र स्थानांतरित कर कहीं और बनाया जाए जिससे कि परियोजना की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके । लेकिन तापीय परियोजना निगम के अनुरोध को नगर पंचायत ओबरा दर किनार करते हुए परियोजना सी के बाउंड्री के किनारे ही शेड को तैयार करना शुरू कर दिया ।
जिससे कि परियोजना सी की सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा । अनपरा तापीय परियोजना में भी नगर पंचायत है लेकिन अनपरा तापीय परियोजना निगम के स्वामित्व की भूमि पर नगर पंचायत कार्य नहीं करता जो सार्वजनिक नहीं होती लेकिन यह एक अपवाद ओबरा में देखने को मिलता है की निगम की स्वामित्व की भूमि को नगर पंचायत सार्वजनिक कहकर सड़क ,नाली , और खड़ंजा जैसे सभी कार्यों को करने में लगा है जिस पर परियोजना के अधिकारियों द्वारा आपत्ति भी की गई लेकिन परियोजना की अनुमति के बिना ही नगर पंचायत ओबरा द्वारा कार्य को कराकर परियोजना और नगर पंचायत के बीच आपसी विवाद को और बढ़ाया जा रहा है । जिससे कि भविष्य में परियोजना के सामने अपनी स्वामित्व की भूमि को परियोजना डी के निर्माण के समय खाली करने में समस्या उत्पन्न होगी तथा सरकारी धन से जो भी परियोजना के स्वामित्व की भूमि पर नगर पंचायत कार्य कर रहा है उसे कार्य का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा जिसमें जनता की मेहनत की कमाई से जो विकास कार्य कराया जा रहा है धन क्षति होगी ।इस और जिम्मेदार अधिकारी को न्याय संगत निर्णय पर पहुंच कर परियोजना की स्वामित्व वाली भूमि पर नगर पंचायत एनओसी लेकर ही कार्य करें जिस की जनता के टैक्स का पैसा विकास के कार्यों में सही जगह खर्च हो सके जिसका लाभ जो क्षेत्र विकास नहीं कर पाए हैं वह विकसित हो सके क्योंकि परियोजना के क्षेत्र में विकास जैसे सड़क ,नाली,पेयजल, बिजली लाइट की व्यवस्था की जिम्मेदारी परियोजना निगम की है वहां पर तो नगर पंचायत को कार्य करना ही नहीं चाहिए क्योंकि वह परियोजना के द्वारा उसे क्षेत्र का विकास किया जाता रहा है।
Dec 10 2024, 16:25