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सहकारी समिति में बड़ा घोटाला : पीड़ित किसानों ने कहा – कोई कर्ज नहीं लिया फिर भी बना दिया कर्जदार, शिकायत पर कार्रवाई नहीं,अब आत्महत्या की चेतावनी

डोंगरगढ़-  भोले-भाले किसानों के नाम पर फर्जी लोन लेकर लाखों की हेराफेरी का पर्दाफाश हुआ है. सोसायटी प्रबंधक और बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत ने किसानों को ऐसा फंसाया कि अब वे न खेती के लिए जरूरी साधन जुटा पा रहे हैं और न ही अपनी उपज बेचने में सक्षम हैं. यह मामला डोंगरगढ़ विकासखंड के छिपा सहकारी समिति का है. पीड़ित किसानों का कहना है कि हमने कभी कोई लोन नहीं लिया, फिर भी हमें कर्जदार बना दिया गया. हमने सांसद, कलेक्टर, एसडीएम, सबसे शिकायत की, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई. अब तो ऐसा लग रहा है कि हमें आत्महत्या ही करनी पड़ेगी।

पलांदूर गांव के जितेंद्र यादव की कहानी चौंकाने वाली है. महज दो एकड़ जमीन के मालिक जितेंद्र के नाम पर 2,65,000 रुपए का कर्ज़ दिखा दिया गया, जबकि प्रावधान के अनुसार इतनी जमीन पर केवल 60,000 रुपए का लोन दिया जा सकता है, लेकिन यही कहानी अकेले जितेंद्र की नहीं है. यादव राम वर्मा, राजकुमार वर्मा, शेखर वर्मा और प्रदीप वर्मा सहित कई किसानों को इसी तरह ठगा गया. इन किसानों ने न कभी लोन के लिए आवेदन किया, न ही उन्हें इसकी जानकारी थी.

धान बेचने पर कर्ज का रकम काटने का डर

इस फर्जीवाड़े की शुरुआत तब हुई, जब सोसायटी प्रबंधक ने नवीनीकरण के नाम पर किसानों से ब्लैंक चेक पर हस्ताक्षर करवा लिए. इसके बाद बैंक कर्मचारियों के साथ मिलकर उनके नाम पर लोन स्वीकृत कराया और रकम हड़प ली. जब किसानों को इस धोखाधड़ी का पता चला, तब तक उनकी धान बेचने की व्यवस्था भी बाधित हो चुकी थी. किसानों का आरोप है कि बैंक और सोसायटी ने उनकी मेहनत की कमाई को तो लूटा ही, अब उन्हें मंडी में अपनी उपज बेचने तक की अनुमति नहीं मिल रही. उनकी चिंता यह है कि अगर धान बेचते हैं तो उससे मिली रकम सीधे बैंक कर्ज में काट ली जाएगी.

शिकायत की जांच कर रहे, जल्द कार्रवाई होगी : एसडीएम

डोंगरगढ़ एसडीएम मनोज मरकाम के पास अपनी फरियाद लेकर पहुंचे किसानों ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और फर्जी लोन माफ करने की मांग की है. एसडीएम का कहना है कि शिकायत की जांच की जा रही है. जल्द ही इस पर कार्रवाई होगी.

कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी

किसान यादवराम वर्मा ने बताया, हमने कभी कोई लोन नहीं लिया, फिर भी हमें कर्जदार बना दिया गया. हमने सांसद, कलेक्टर, एसडीएम, सबसे शिकायत की, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई. अब तो ऐसा लग रहा है कि हमें आत्महत्या ही करनी पड़ेगी. किसान संतोष वर्मा ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा, हम नौ किसान इस घोटाले के शिकार हुए हैं. जब खाद लेने गए, तब पता चला कि हमारे नाम पर लाखों का कर्ज है. हमारी मांग है कि भुगतान में बिना कोई कटौती किए हमें धान बेचने दिया जा. इस घोटाले ने किसानों की जिंदगी पर बड़ा असर डाला है। अब वे न केवल अपनी आजीविका के लिए जूझ रहे हैं, बल्कि मानसिक तनाव भी झेल रहे हैं. किसानों ने चेतावनी दी है कि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन करने पर मजबूर होंगे.

रक्तदान कर जिन्दगी बचाने का लिया संकल्प, साई कॉलेज में रक्तदान शिविर आयोजित

अम्बिकापुर-     रक्त दान महादान इस उद्घोष के साथ श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में यूथ रेडक्रॉस सोसायटी और रेड रिबन क्लब के तत्वावधान में शनिवार को रक्तदान शिविर का आयोजन हुआ जिसमें बड़ी मात्रा में रक्त दान हुआ। प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने सभी को रक्तदान के लिए प्रेरित किया। यूथ रेडक्रॉस सोसायटी के प्रभारी एल.पी गुप्ता ने बताया कि स्वयं सेवकों ने उत्साह के साथ रक्तदान किया। रक्तदान से पूर्व रक्तदाता का वजन, रक्तचाप, हिमोग्लोबीन और ब्लड ग्रप की जांच की गयी।
रक्तदान के दौरान मेडिकल टीम में डा. निकिता घृतलहरे, सुमन यादव, खुशी गुप्ता, नगीना सिन्हा, अंजुला मिश्रा, रीता थामस, पृथ्वी पाल अजय ने चिकित्सकीय सहयोग किया। एचडीएफसी बैंक की टीम के राजेश कुमार यादव, सुनील वर्मा ने रक्तदान के दौरान प्रेरक दायित्वों का निर्वहन किया।

शिविर के दौरान सहायक प्राध्यापक अभिषेक कुमार, रौनक निशा, लाइबा आफरीन तथा स्वयं सेवकों में आदित्य सिंह नेताम, जॉनसन बेक, अमित मरावी, रोहित लकड़ा, अनुषा सिंह, पूजा, जया, विधि, तनीशा, खुशी आदि ने सहयोग किया।

विकसित छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं का होगा अहम योगदानः मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर के एम्स आडिटोरियम में रिमोट का बटन दबाकर 100 दिनों तक चलने वाले राज्य स्तरीय निक्षय निरामय छत्तीसगढ़ अभियान की शुरूआत की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रिमोट का बटन दबाकर निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को प्रतिमाह दी जाने वाली 1 हजार रूपए की राशि के आनलाइन ट्रांसफर करने की भी शुरूआत की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों को निक्षय निरामय की शपथ भी दिलाई। निक्षय निरामय छत्तीसगढ़ कार्यक्रम के अंतर्गत अगले 100 दिनों तक राज्य में टीबी, कुष्ठ और मलेरिया के मरीजों की पहचान की जाएगी और उनका उपचार सुनिश्चित किया जाएगा। योजना में राज्य के वृद्धजनों का भी स्वास्थ्य जांच और उपचार शामिल है।

इस मौके पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि विकसित भारत के साथ ही साल 2047 तक छत्तीसगढ़ को भी विकसित राज्य बनाने के लक्ष्य रखा गया है और इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं का अहम योगदान होगा। उन्होंने कहा कि 13 दिसंबर को हमारी सरकार के कार्यकाल का पहला वर्ष पूरा हो रहा है। बीते 12 महीनों में हमने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं के विस्तार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। स्वास्थ्य और शिक्षा, ये दो ऐसे विषय हैं जो सीधे-सीधे राज्य और राष्ट्र के विकास से जुड़े हुए हैं। जब हर नागरिक का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा, उन्हें अच्छी शिक्षा मिलेगी, तो वे राष्ट्र के विकास में अपना अधिकतम योगदान दे पाएंगे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले के साथ ही सभी चिकित्सकों ने भी प्रदेश में चलाए जा रहे स्वास्थ्य अभियानों में हमेशा तत्परता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन किया है। अनेक दुर्गम क्षेत्रों में आवागमन के साधनों की कमी होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग के अमले ने अंदरुनी गांवों तक अपनी सेवाएं पहुंचाईं हैं। हमारे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों ने अनेक दुर्गम गांवों तक पहुंचने के लिए लंबी-लंबी पदयात्राएं कीं, नदी-नालों को भी पार किया है। उन्होंने कहा कि वास्तव में आप लोगों का यह जज्बा सेना के किसी जवान के जज्बे से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि टीबी, कुष्ठ और मलेरिया जैसी बीमारियों से मुक्ति दिलाने के लक्ष्य को हासिल करने में निक्षय निरामय छत्तीसगढ़ अभियान महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य निरामय छत्तीसगढ़ की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं में लगातार विस्तार किया जा रहा है। इसके लिए सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों की शुरूआत की जा रही है, मेकाहारा जैसे बड़े अस्पतालों पर मरीजों का दबाव कम करने के लिए नए अस्पताल भवन तैयार किए जा रहे हैं और चिकित्सकों की लगातार भर्ती की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर नया कीर्तिमान स्थापित हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं के सुधार के लिए मैदानी अमलों, विशेषकर मितानिन बहनों की प्रशंसा करते हुए उन्हें साधुवाद दिया। स्वास्थ्य मंत्री ने इस अवसर पर निक्षय पोषण योजना के हितग्राहियों को आनलाइन डीबीटी के जरिए राशि प्रदान करने की शुरूआत करने के लिए धन्यवाद दिया।

निक्षय निरामय छत्तीसगढ़ अभियान कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने हाथों से हितग्राहियों को पोषण आहार, हियरिंग एड, वाकर और वाकिंग स्टिक प्रदान किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले चिकित्सकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और मितानिन बहनों को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर आरंग विधायक खुशवंत साहेब, रायपुर दक्षिण विधायक सुनील सोनी, स्वास्थ्य विभाग की विशेष सचिव प्रियंका शुक्ला एवं एमडी एनएचएम विजय दयाराम के. भी उपस्थित थे।

बस्तर के तोकापाल की बबीता नाग ने मुख्यमंत्री को बांधा निरामय सूत्र
रायपुर-    एम्स रायपुर के आडिटोरियम में आज निक्षय निरामय छत्तीसगढ़ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम अंतर्गत 100 दिनों तक टीबी, मलेरिया एवं कुष्ठ रोगियों की पहचान की जाएगी तथा उनका उपचार किया जाएगा। कार्यक्रम के अंतर्गत ऐसे लोगों का भी सम्मान किया गया जिन्होंने टीबी और कुष्ठ जैसी बीमारियों से लड़ाई लड़ी और आज स्वस्थ जीवन का आनंद उठा रहे हैं। इन्हीं मे से एक हैं बस्तर के तोकापाल की रहने वाली बबीता नाग जो कुछ समय पहले तक टीबी के रोग से पीड़ित थीं। इन्होंने सरकारी अस्पताल में अपनी जांच करायी और शासन की योजनाओं का लाभ लेते हुए समय पर दवाइयों और पोषण आहार का सेवन किया। इसकी वजह से बबीता आज पूरी तरह स्वस्थ हैं। बबीता ने अपने स्वस्थ होने का श्रेय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को दिया है जिनकी पहल की वजह से वो टीबी जैसी बीमारी के प्रति जागरूक हो सकीं और समय पर अपना इलाज कराया। मुख्यमंत्री श्री साय को धन्यवाद देने के लिए बबीता आज निक्षय निरामय छत्तीसगढ़ कार्यक्रम में उपस्थित थीं। उन्होने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को अपने हाथों से निक्षय निरामय सूत्र बांधा और प्रदेश में स्वास्थ्य संवर्धन के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों के लिए आभार प्रकट किया।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मोबाइल मेडिकल यूनिट व प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज राजधानी रायपुर के ऐम्स परिसर में "निक्षय निरामय छत्तीसगढ़"  100 दिवसीय जांच व उपचार अभियान के दौरान लोगों में जागरूकता व टीबी जांच हेतु संचालित मोबाइल मेडिकल यूनिट व प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इनमें रायपुर, दुर्ग एवं बिलासपुर संभाग के लिए एक-एक वाहन शामिल हैं। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल उपस्थित थे।

मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा अभियान के दौरान चिन्हाकित किये गए जोखिम समूहों की टीबी हेतु स्पॉट स्क्रीनिंग की जाएगी जिससे संदेहास्पद टीबी मरीजों का स्पॉट पर ही टीबी रोग का पता लगाया जा सकेगा । मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा ए.आई. तकनीक से हैंड हेल्ड एक्स रे , CY-टीबी जांच व  16 चैनल वाले ट्रूनाट मशीन से टीबी के संभावित मरीजों की तुरंत एक्स रे द्वारा जांच एवं उपचार किया जाएगा ।

सोमवार से होगा समितियों से धान का उठाव, सरकार और राइस मिलर्स के बीच लंबित मुद्दों पर बनी सहमति

रायपुर-  आखिरकार राइस मिलर्स और सरकार के बीच लंबित मुद्दों पर सहमति बन गई है. इसके साथ ही 15 नवंबर से समितियों में जमा हो रहे धान के उठाव का रास्ता खुल गया है. सरकार और राइस मिलर्स ने एक स्वर में सोमवार से धान उठाव की बात कही है.

राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल समेत प्रदेश भर से राइस मिलरों ने आज मंत्री श्याम बिहारी जयसवाल से मुलाक़ात कर बैठक में बातचीत की. बैठक के बाद मंत्री जायसवाल ने बताया कि राइस मिलर्स हड़ताल पर नहीं थे. कई मुद्दों को लेकर सरकार नए नियम और प्रक्रिया लाती है, राइस मिलरों की कुछ आपत्ति थी. जिसे मुख्यमंत्री ने बैठक कर पूरा करने आश्वासन दे दिया था. आने वाले कैबिनेट में राइस मिलर्स की मांगें पूरी की जाएगी, इसके साथ ही तकनीकी समस्याओं का भी हल निकाल लिया गया है.

मंत्री जायसवाल ने कहा कि सबसे बड़ा उद्योग और व्यवसाय राइस मिलिंग का है. सिर्फ छत्तीसगढ़ नहीं राज्य के बाहर भी धान भेजा जाता है. प्रदेश में तीन हज़ार से अधिक राइस मिलर्स है. आज बैठक में तय किया गया है. पूरी ताक़त के साथ राइस मिलर्स धान उठाव करेंगे. एक-एक दाना धान ख़रीदी की ओर कार्य होगा. जिसका पंजीयन और एग्रीमेंट नहीं हुआ वो करेंगे. सोमवार से धान उठाव होगा.

राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने बताया कि हम हड़ताल में नहीं गए थे. हमारी समस्या कुछ बिंदुओं को लेकर थी, जिनका सरकार के साथ बैठक में निराकरण हो गया है. प्रोत्साहन राशि 60 से 80 रुपए कर दी गई है. सरकार पहले भाड़ा राशि देने से इनकार कर रही थी, लेकिन अब वो भी मिलेगा.

अग्रवाल ने कहा कि चार हजार करोड़ लंबित राशि सरकार से लेना था, जिसे किश्तों के जरिये देने पर सहमति बनी है. हम सरकार के साथ खड़े है. साय सरकार का आभार की हमारी सुविधाओं और मांगों पर विचार कर पूरा करने का आश्वासन दिया, जिससे राइस मिलर्स और किसानों के बीच समन्वय बने. सोमवार से धान का उठाव होगा.

छत्तीसगढ़ में बदला मौसम का मिजाज, कई जिलों में बारिश की संभावना…

रायपुर-    छत्तीसगढ़ में आज से फिर बदली-बारिश का दौर शुरू हो गया है. सुबह से ही राजधानी समेत कई जिलों में बादल छाए हुए हैं. मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी से नमी आ रही है, जिसकी वजह से बस्तर, रायपुर, बिलासपुर और सरगुजा संभाग के कई जिलों में हल्की बारिश की संभावना है. मौसम वैज्ञानिक अगापित एक्का ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में चक्रवात का असर प्रदेश में दिखेगा. 9 दिसंबर तक प्रदेश में बारिश बदली-बारिश का दौर जारी रहेगा, जिसके बाद मौसम साफ होगा और रात के तापमान में गिरावट के साथ कड़ाके की ठंड पड़ेगी.

बता दें, बीते कुछ दिनों से प्रदेश में ठंड कम रहा. लेकिन बारिश होने से दिन के तापमान में कमी आएगी और प्रदेश का मौसम ठंडा रहेगा. हालांकि रात के तापमान में कोई खास बदलाव आने की संभावना नहीं है.

बीते दिन प्रदेश का तापमान

शुक्रवार को प्रदेश में सबसे कम न्यूनतम तापमान 10.1 डिग्री अंबिकापुर में दर्ज किया गया. वहीं दिन में सबसे अधिक तापमान बालोद में 33 डिग्री दर्ज किया गया. इसके अलावा राजधानी में दिन का तापमान 32.8 डिग्री और रात का तापमान 19.2 डिग्री दर्ज किया गया. सूरजपुर में रात का पारा 11.1 डिग्री, कोरिया में 11.8 डिग्री बलरामपुर में 17.7 और जशपुर में 18.5 डिग्री रिकॉर्ज किया गया. जबकि बस्तर संभाग में बदली-बारिश के चलते रात का पारा 17 से 21 डिग्री के बीच रहा. दंतेवाड़ा में रात का तापमान सबसे अधिक 21.5 डिग्री दर्ज किया गया.

इन जिलों में हुई बारिश

छत्तीसगढ़ के सुकमा, नानगुर, छिंदगढ़, गदिरस, बस्तानार, कोंटा और जगदलपुर में बारिश हुई. सबसे अधिक बारिश बस्तर के नानगुर में 38.4 मि.मी. दर्ज की गई.

प्रदेश के प्रमुख शहरों के तापमान

यहां तापमान के बारे में जानकारी को एक तालिका में प्रस्तुत किया गया है:

दुष्कर्म पीड़िता की रिपोर्ट लिखने चौकी प्रभारी ने पति से मांगी रकम, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उठाया सवाल…

जशपुर- दुष्कर्म का शिकार महिला की जांच और बयान के नाम पर उसके पति से चौकी प्रभारी द्वारा रकम ऐंठने का मामला सामने आया है. इसमें पीड़िता के पति ने पुलिस अधीक्षक से लिखित शिकायत करते हुए चौकी प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ रकम के लिए बंधक रखी गई जमीन को छुड़ाने की बात कही है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मामले का सोशल मीडिया में जिक्र करते हुए सरकार पर निशाना साधा है. 

मामला जशपुर जिले के पंडरापाठ चौकी क्षेत्र का है. दुष्कर्म पीड़िता के पति ने पुलिस अधीक्षक से की लिखित शिकायत में बताया कि 2 दिसंबर को उसकी पत्नी के साथ दुष्कर्म हुआ था, जिसकी शिकायत करने वह अपनी पत्नी के साथ पंडरापाठ चौकी पहुंचा था।

जहां चौकी प्रभारी मानेश्वर राम साहनी ने रिपोर्ट लिखने के नाम पर 5000 रुपए नगद देने के साथ एक मुर्गा देने की मांग की. लेकिन उसके पास मात्र 500 रुपए थे, जिसे चौकी प्रभारी ने ले लिया और उसकी पत्नी को मेडिकल कराने के लिए बगीचा अस्पताल ले गया.

पीड़िता के पति ने बताया कि दूसरे दिन घटना के समय पहने कपड़ों की जांच के लिए फिर से बगीचा जाने को कहा गया. इस दिन फिर चौकी प्रभारी ने 500 रुपए लिया, इसके बाद चौकी प्रभारी के कहने पर गांव से 600 रुपए का मुर्गा खरीदकर दिया. इसके बाद 5 दिसंबर को चौकी प्रभारी ने बयान देने के लिए पत्नी को जशपुर बुलाया, इसके लिए वह किराए पर गाड़ी लेकर जशपुर पहुंचा, लेकिन बयान नहीं हुआ, इसके बाद अगले दिन फिर से गाड़ी किराए पर लेकर बयान देने पहुंचा.

पीड़िता के पति ने बताया कि चौकी प्रभारी की मांगों को पूरा करने के लिए उसने अपनी जमीन को बंधक कर 10,000 रुपए लिया था, जिसमें से 9000 रुपए खर्च हो गए हैं. शिकायत में पीड़िता के पति ने चौकी प्रभारी के खिलाफ उचित कार्रवाई करते हुए बंधक जमीन को छुडाने का आग्रह किया है.

भूपेश बघेल ने सरकार पर साधा निशाना

इस पूरे घटनाक्रम को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया एक्स पर अपने पोस्ट के जरिए निशाना साधा है. पूर्व मुख्यमंत्री ने शिकायत की कॉपी के साथ पीड़िता के पति का मीडिया द्वारा लिए गए बयान को संलग्न करते हुए कहा कि देखिए क्या हो रहा है आदिवासी मुख्यमंत्री के राज में एक आदिवासी के साथ… एक कोरवा आदिवासी की पत्नी के साथ हुए बलात्कार की रिपोर्ट लिखवाने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस मुर्गा और पांच हजार रुपए मांग रही है.

ओडिशा सीमा पर चेक पोस्टों की हालात दयनीय, होमगार्ड मोबाइल की रोशनी में कर रहे ड्यूटी…

गरियाबंद-  धान के अवैध परिवहन को रोकने के लिए ओडिशा सीमा पर बनाए गए चेक पोस्टों की स्थिति बेहद दयनीय है. इन चेक पोस्टों में ज्यादातर जगहों पर बिजली, बैठने की व्यवस्था और अन्य बुनियादी सुविधाएं नदारद हैं. इन समस्याओं के चलते होमगार्ड जवान मोबाइल की रोशनी में ड्यूटी करते हुए नजर आ रहे हैं. कई चेक पोस्टों पर रात के समय कर्मी नदारद रहते हैं, और कुछ जगहों पर रात को चेक पोस्ट खुले छोड़ दिए जाते हैं.

जिला प्रशासन ने ओडिशा को जाने वाले देवभोग क्षेत्र के 16 रास्तों पर चेक पोस्ट लगवाए थे. इन चेक पोस्टों पर स्थानीय कर्मियों को तैनात किया गया था, लेकिन जब कलेक्टर को जानकारी मिली कि रात के समय चेक पोस्ट पर कर्मी नदारद रहते हैं, तो उन्होंने एक होमगार्ड जवान को प्रत्येक चेक पोस्ट पर तैनात कर दिया. चेक पोस्ट तैयार करने और जरूरी संसाधन की व्यवस्था का जिम्मा एसडीएम को सौंपा गया था, लेकिन कई चेक पोस्टों को ठहरने योग्य बनाने में वे नाकाम रहे, या फिर उनके अधीनस्थ कर्मियों ने निर्देशों का सही पालन नहीं किया.

रात को मोबाइल की रोशनी में ड्यूटी करते दिखे होमगार्ड जवान

हमारी टीम ने रात के समय खोखसरा, ठिरलीगुड़ा और झिरिपानी चेक पोस्ट का दौरा किया, जहां केवल एक-एक होमगार्ड जवान ड्यूटी करते हुए दिखाई दिए. इन चेक पोस्टों पर एक-एक कच्ची झोपड़ी बनाई गई है, लेकिन बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है. जवानों ने बताया कि संबंधित पंचायतों के प्रतिनिधि और सचिव से संपर्क किया गया, लेकिन वे केवल बातों को टालते रहे. बिजली की कमी के कारण यहां सीसी कैमरे भी नहीं लगाए गए हैं.

सुविधाओं की कमी के कारण कर्मी रात को नदारद रहते हैं

ड्यूटी रोस्टर के मुताबिक, चेक पोस्टों पर होमगार्ड के अलावा स्थानीय कोटवार, सचिव, रोजगार सहायक और अन्य कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है. ये कर्मी बारी-बारी से 8-8 घंटे ड्यूटी पर रहते हैं. लेकिन खम्हारगुड़ा, केन्दूबन, उसरीपानी, धूपकोट, पीठापारा, नागलदेही जैसे कई चेक पोस्टों पर रात के समय कोई कर्मी नहीं मिलते. झलियापड़ा चेक पोस्ट भी एक ऐसा स्थान है, जहां कर्मी हमेशा नदारद रहते हैं. इस अव्यवस्था का फायदा बिचौलिये उठा रहे हैं, और रात के समय अवैध धान परिवहन बढ़ गया है.

अकेले ड्यूटी कर रहे जवानों का कहना

खोखसरा चेक पोस्ट पर ड्यूटी कर रहे संतोष यादव ने कहा कि यह जगह उनके लिए नई है. कोटवार रात में रहते हैं, लेकिन अंधेरे में जीव-जंतु का खतरा बना रहता है. झिरिपानी चेक पोस्ट पर अकेले ड्यूटी कर रहे राजेंद्र मेश्राम ने बताया कि कच्ची झोपड़ी में दिन में होटल चलता है और रात में वहां सोने की जगह मिल जाती है. वे मोबाइल को दिन में गांव वालों से चार्ज कराते हैं और रात में उसी मोबाइल की रोशनी में ड्यूटी करते हैं.

एसडीएम का बयान: “दो-तीन जगह बिजली नहीं है, बाकी जगह व्यवस्था है”

एसडीएम तुलसी दास मरकाम ने कहा कि जहां बिजली के खंभे दूर हैं, वहां थोड़ी मुश्किलें हैं, लेकिन अधिकांश चेक पोस्टों पर पर्याप्त व्यवस्था की गई है. उन्होंने खुद इन जगहों का निरीक्षण किया है और दावा किया कि सभी जगह व्यवस्था दुरुस्त है.

छत्तीसगढ़ में होने वाली राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता स्थगित
रायपुर-   अपर संचालक, छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय आदिम जाति कल्याण आवासीय एवं आश्रम शैक्षणिक संस्थान समिति, जितेन्द्र गुप्ता ने बताया कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों की चतुर्थ राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता के आयोजन को अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दिया गया है। यह राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता राजधानी रायपुर में 15 दिसम्बर से 19 दिसम्बर 2024 तक आयोजित होने वाली थी। उन्होंने बताया कि उक्त राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता का आयोजन आगामी जनवरी माह में संभावित है, जिसकी तिथि बाद में घोषित की जाएगी।